MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti महत्त्वपूर्ण पाठों के सारांश

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions महत्त्वपूर्ण पाठों के सारांश

मेरी भावना

‘मेरी भावना’ नामक कविता में जुगल किशोर ‘युगवीर’ ने हम सभी को सदुपदेश दिया है कि हमारे अन्दर अभिमान, ईर्ष्या, द्वेष और क्रोध की भावना न रहे। सबके प्रति हमारा व्यवहार सरल और सत्य से परिपूर्ण हो तथा प्रत्येक क्षण दूसरों का उपकार करने की भावना बनी रहे। सभी जीवों के प्रति मैत्री भाव और करुणा का स्रोत हमारे हदयों में बहता रहे। समता का भाव बना रहे। दुर्जनों की संगति से बचे रहें। गुणवान जनों का सम्मान करते रहें। हम सदैव किए गये उपकार को भूले नहीं। द्रोह न करें. दोषों को न देखें। न्याय मार्ग पर चलें,लालच में न फंसे। मृत्यु का भी भय न हो।

अन्त में कवि कामना करता है कि संसार के सभी लोग परस्पर प्रेमपूर्वक रहें। उनमें मोह भाव उत्पन्न हो। किसी से कोई भी कटु वचन बोलने वाला न हो।

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छोटा जादूगर

कार्निवाल के मैदान में मेला लगा था। चारों ओर बिजली की जगमगाहट थी। फब्बारे के पास लेखक खड़ा था। वहीं एक लड़का चुपचाप उन लोगों को देख रहा था जो शरबत पी रहे थे। इस लड़के की उम्र तेरह-चौदह वर्ष की रही होगी। उसका कुर्ता फटा था। उसके गले में एक मोटी-सी सूत की रस्सी पड़ी थी। उसकी जेब में ताश के पत्ते थे। उसके चेहरे से दु:ख टपक रहा था, लेकिन वह धैर्यवान था।

लेखक के पूछने पर उसने बताया कि वह वहाँ के जादूगर से भी अच्छा ताश का खेल दिखा सकता है। लेखक और छोटा जादूगर दोनों शरबत पीते हैं। लेखक ने परिचय पूछा, तो उसने बताया कि उसके परिवार में तीन आदमी है-उसकी माँ और बाप तथा वह स्वयं। उसके पिता देश की आजादी के लिए जेल गये हैं। माँ बीमार है। माँ के बीमार होते हुए भी वह खेल दिखाने के लिए चला आया है। खेल-तमाशा दिखाने से मिले पैसों से माँ की बीमारी का इलाज करता है और अपना पेट भी भरता है, परन्तु इस कमाई से खर्च पूरा नहीं होता है।

लेखक की पत्नी ने कमलिनी की छोटी झील पर उसे एक रुपया खेल दिखाने के लिए दिया। वह उसे लेकर चलने लगा। छोटा जादूगर ने बताया कि सबसे पहले वह पकौड़े खायेगा और फिर सूती चादर खरीदेगा अपनी माँ के लिए। लेखक ने अपनी स्वार्थ भरी आदत पर अचम्भा किया। छोटा जादूगर नमस्कार करके चला गया। लेखक अपने परिवार सहित कुंज देखने चला जाता है। छोटा जादूगर उन्हें वहाँ स्मरण हो आता है।छोटा जादूगर की माँ को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया है। लेखक भी अपनी कार से उतर छोटे जादूगर की झोपड़ी में उसकी बीमार काँपती हुई माँ को देखता है। उसकी दशा दयनीय थी।

छोटा जादूगर अन्य किसी दिन उद्यान में अपना रंगमंच जमाये हुए है। विभिन्न खेल दिखा रहा है। लेखक ने आगे बढ़कर पूछा कि आज तुम्हारा खेल क्यों नहीं जमा है। छोटा जादूगर ने बताया कि “माँ ने कहा था कि आज तुरन्त चले आना। मेरी घड़ी समीप है।” लेखक ने कहा “फिर भी तुम खेल दिखाने चले आये।” लेखक के कहने पर उसने कहा ‘क्यों नहीं आता?’ लेखक ने तुरन्त ही उसका झोला गाड़ी में फेंका, उसे पीछ बैठाया और बताये मार्ग से गाड़ी चला दी।

कुछ क्षण में झोंपड़ी के सामने गाड़ी पहुँची। छोटा जादूगर दौड़कर “माँ, माँ” पुकारता हुआ झोपड़ी में घुसा। उस बीमार स्त्री के मुख से अस्पष्ट शब्द “बे……..” निकलकर रहा गया। छोटा जादूगर उससे लिपटा रो रहा था। लेखक चकित था। चारों ओर धूप फैली हुई थी। संसार सपना सा-एक जादू-सा चारों ओर नाचता-सा लग रहा था।

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हींगवाला 

लगभग पैंतीस वर्ष का एक खान “अम्माँ हींगवाला” कहता हुआ सावित्री के आँगन में मौलश्री के पेड़ के चबूतरे पर आकर बैठ गया। सावित्री के नौ-दस बरस के बच्चे ने कहा कि अभी कुछ नहीं लेना है। खान ने फिर कहा कि वह अपने देश को लौट कर जा रहा है। बहुत दिनों में आयेगा। हींग ले लो। खान की बात सुन सावित्री रसोईघर से बाहर निकलकर आती है। खान कहता है कि वह उसके हाथ से बोहनी करना चाहता है। उसकी हींग, हेरा हींग है। वह धोखे का व्यापार नहीं करता है। सावित्री के न

चाहते हुए भी वह हींग तोलकर देता है जिसकी कीमत सवा छः आने होती है। सावित्री मूल्य देती है। खान चला जाता है। बच्चे अपनी खर्ची मांगने की रट लगाते हैं। सावित्री बच्चों को खाना खाने के लिए कहती है।समय बीता। होली निकली। शहर में दंगा हो गया। खान तो नहीं मर गया। वह हींग वालों की बात करते हुए खान को याद कर बैठती है।

एकदिन ‘खान’ अचानक ही “हींग है हींग” कहता हुआ सावित्री के घर में घुस जाता है। दंगे की बात करने पर खान ने कहा कि लड़ने वाले नासमझ हैं। दशहरे और होली के त्यौहारों पर दंगा हुआ। दशहरे का त्यौहार है। पक्के प्रबन्ध हैं। त्यौहार का जोश है। सावित्री का पति घर पर नहीं है। उसके बच्चे काली के जुलूस को देखने की जिद कर बैठते हैं। उसने घर के नौकर के साथ उन्हें जुलूस में भेज दिया।

थोड़ी देर बाद, सावित्री ने गली में लोगों की भगदड़ सुनी। उसने बाहर निकलकर पूछा कि वे क्यों भागे जा रहे हैं। लोगों ने कहा दंगा हो गया है। सावित्री सालभर के बच्चे सहित घर में अकेली है। जुलूस में गये बच्चों को देखने कैसे जाये। उसे न अन्दर चैन न बाहर। बच्चों को भेजने की अपनी मूर्खता के लिए स्वयं को कोस रही थी। देर रात का समय था। दरवाजे पर ‘खान’ बच्चों को लेकर आता है। घर का नौकर बच्चों को जुलूस में छोड़कर कहीं भाग गया। खान ने कहा “माँ, वक्त अच्छा नहीं। बच्चों को भीड़भाड़ में मत भेजा करो।” बच्चे सावित्री से लिपट जाते है। कहते हैं, ‘खान बहुत अच्छा आदमी है। खान हमारा दोस्त है।’ खान ने कहा, “दोस्त नहीं-भाई है।”

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नरबदी

मैकल पर्वत के घने जंगलों में आठ-दस झोपड़ियों का एक गाँव था। वहाँ एक झोपड़ी में दुग्गन रहता था। उसकी एक पुत्री थी नरबदी। उसकी माँ उसे जन्म देकर मर गयी थी। नरबदी अब बारह बरस की हो गयी थी। वह अपनी बेटी को सदा अपने साथ ही रखता था।

एक दिन झोपड़ी की मरम्मत के लिए वह एक बाँस लेने के लिए मैकल पर्वत पर गया। धूप तेज थी। वे दोनों चढ़ते गये। नरबदी को प्यास लगी। वह पानी की खोज में मैकल के घने वनों में इधर-उधर भटका। नरबदी पेड़ों की घनी छाया में बैठी रही। उसने अनुभव किया कि वह तो यहाँ छौंव में बैठी है। उसका पिता तो धूप और थकावट से बहुत प्यासा होगा। नरबदी देवता को मनाने लगी. “हे बड़े देवता ! तू मेरे बाबा की रक्षा करना।” लौटकर दुग्गन झुरमुट के पास पहुँचा।

नरबदी झुरमुट में नहीं दिखी। वह व्याकुल हो गया। तभी झुरमुट के बीच कल-कल की आवाज करते झरने को सुना। दुग्गन रोता हुआ अपनी पुत्री को पुकार रहा था। नरबदी झरने के रूप में कल-कल कर बहती जा रही थी। नरबदी ने दुग्गन से कहा, “तुम अपनी प्यास बुझा लो, मैं झरने में बदल गयी हूँ। अब इस जंगल में कोई प्यासा नहीं रहेगा।” नरबदी बाँसों के झुरमुटों से बह रही थी, कल-कल करती। वह तब से अमरकण्टक से बह रही है-समुद्र तक। वही नरबदी-नर्मदा के रूप में अमरकण्टक से जीवनरेखा बनकर बहती रहती है।

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MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन

MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन

MP Board Class 7th Science Chapter 12 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. जनक पादप के कायिक भागों से नये पादप के उत्पादन का प्रक्रम ….. कहलाता है।
  2. ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है ……….. पुष्प कहते हैं।
  3. परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण का प्रक्रम ……….. कहलाता है।
  4. नर और मादा युग्मकों का युग्मन ………. कहलाता है।
  5. बीज प्रकीर्णन ……….., …………. और …………. के द्वारा होता है।

उत्तर:

  1. कायिक प्रवर्धन।
  2. एकलिंगी।
  3. परागण।
  4. युग्मनज।
  5. पवन, जल, जन्तुओं।

प्रश्न 2.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन की विधियाँ:
(1) कायिक प्रवर्धन विधि:
इस विधि में पादप के मूल, तने, पत्ती अथवा कली/मुकुल जैसे किसी कायिक अंग द्वारा नया पादप प्राप्त किया जाता है।

उदाहरण:
गुलाब के पौधे की एक शाखा का पर्वसन्धि से काटकर शाखा का एक टुकड़ा निकाल लिया जाता है। इस टुकड़े को कलम कहते हैं। कलम को सीधा खड़ा करके इसका कुछ भाग मिट्टी में दबा देते हैं। कलम को प्रतिदिन पानी देते हैं। कुछ दिन बाद इससे जड़ और पत्तियाँ निकलने लगती हैं।

(2) मुकुलन विधि:
मुकुलन विधि में कोशिका से एक उभार के समान बाहर की ओर एक रचना निकलती है। इसे मुकुल या कली कहते हैं। यह मुकुल वृद्धि करता है और परिपक्व होकर मातृ कोशा से अलग हो जाता है तथा स्वतन्त्र होकर कार्य करता है। कभी-कभी मुकुल मातृ कोषा में लगे रहकर भी नए जीव उत्पन्न करता है।

उदाहरण:
थोड़ा यीस्ट पाउडर लेकर इसे एक ऐसे बर्तन में डाल देते हैं जिसमें कुछ जल हो। इस जल में एक चम्मच शक्कर डालकर घोल लेते हैं। कुछ समय बाद कोशा से एक उभार के समान मुकुल निकलने लगते हैं।

(3) खण्डन विधि:
खण्डन विधि से अलैंगिक प्रजनन सामान्य रूप से एक कोशीय जीवों में होता है। इस विधि में जीव का शरीर दो भागों में टूट जाता है। इसमें अनुकूल परिस्थिति में परिपक्व कोशिका का केन्द्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है। ‘इसके पश्चात कोशिका द्रव्य भी दो भागों में विभाजित होकर दो कोशिकाओं को जन्म देता है जो स्वतन्त्र रूप से वृद्धि करते हैं।

उदाहरण:
जलाशयों में शैवाल जल और पोषक तत्व पाकर दो या दो से अधिक खण्डों में विखण्डित हो जाते हैं। ये खण्ड नये जीवों में वृद्धि कर जाते हैं। प्रक्रम निरंतर चलता ही रहता है।

(4) बीजाणु निर्माण विधि:
यह अलैंगिक जनन की विधि है। इस विधि द्वारा जीवाणु जनन करते हैं। जीवाणु उच्च ताप और निम्न आर्द्रता जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण कठोर सुरक्षात्मक आवरण से ढके रहते हैं। इसलिए ये लम्बे समय तक जीवित रह सकते हैं। अनुकूल परिस्थितियों में बीजाणु अंकुरित होकर नये पौधे बनाते हैं।

उदाहरण: फर्न अनुकूल परिस्थिति पाकर नये पौधों का निर्माण करते हैं।

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प्रश्न 3.
पादपों में लैंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर:
पुष्प पादप का जनन अंग होते हैं। पुष्प में पुंकेसर नर जनन अंग तथा स्त्रीकेसर मादा जनन अंग हैं। पुंकेसर में परागकोश होता है जिसमें परागकण होते हैं जो नर युग्मकों को बनाते हैं। स्त्रीकेसर में अंडाशय होते हैं। अण्डाशय में एक या अधिक बीजांड होते हैं। मादा युग्मक (अण्ड) का निर्माण बीजांड में होता है। लैगिंक जनन में नर और मादा युग्मकों के युग्मन से युग्मनज बनता है। युग्मनज भ्रूण के रूप में विकसित होता है।

प्रश्न 4.
अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अन्तर बताइए।
उत्तर:
लैंगिक और अलैंगिक जनन में अन्तर:

लैगिक ननन अलैंगिक जनन
लैंगिक जनन में नर और मादा दोनों की आवश्यकता होती है। अलैंगिक जनन में नर एवं मादा की आवश्यकता नहीं होती।
नये जीव की उत्पत्ति दोनों से होती है। नये जीव की उत्पत्ति एक ही जनक से होती है।
इसमें निषेचन की क्रिया होती है। इसमें निषेचन की क्रिया नहीं होती।

प्रश्न 5.
किसी पुष्प का चित्र खींचकर उसमें जनन अंगों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
पुष्प के जनन अंग:
MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन 1

प्रश्न 6.
स्व-परागण और पर-परागण के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:
स्व-परागण और पर-परागण में अन्तर:

स्व-परागण पर-परागण
जब किसी पुष्प के परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर गिरते हैं तो इसे स्व-परागण कहते हैं। जब किसी एक पुष्प केपरागकण किसी अन्य पुष्प के वर्तिकान पर गिरते हैं, तो कहते हैं। इसे पर-परागण कहते हैं।

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प्रश्न 7.
पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार सम्पन होता है?
उत्तर:
पुष्पों में निषेचन-पुंगकेसरों के परागकोशों से । परागकरण स्त्रीकेसर की वर्तिकान पर पहुँचते हैं। यहाँ इनका अंकुरण होता है जिसके फलस्वरूप पराग नलिका बनती है। पराग नलिका वर्तिका में प्रवेश करके अण्डाशय में पहुँचती है। अण्डाशय में बीजाण्ड होते हैं जिसमें अण्डाणु होते हैं। पराग नलिका बीजाण्ड में नरयुग्मक छोड़ती है। नर एवं मादा युग्मक मिलकर युग्मनज बनाते हैं। इस प्रकार पुष्पों में निषेचन की प्रक्रिया होती है। निषेचन के पश्चात् बीजाण्ड एवं अण्डाशय परिवर्धित होकर, क्रमशः बीज एवं फल बनाते हैं।

प्रश्न 8.
बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रकृति में पादप के फलों और बीजों का प्रकीर्णन पवन, जल और जन्तुओं द्वारा होता है –
(1) पवन द्वारा प्रकीर्णन:
कुछ पादपों के पंखयुक्त बीज जैसे सेहिजन (ड्रमिस्टक), द्विफल (मैपिल), घासों के हल्के बीज, मदार के रोमयुक्त बीज, सूरजमुखी के रोमयुक्त फल पवन के साथ उड़कर सुदूर स्थानों तक चले जाते हैं और वहाँ जाकर प्रकीर्णित हो जाते हैं।

(2) जल द्वारा प्रकीर्णन:
कुछ बीज अथवा फल जल के द्वारा प्रकीर्णित होते हैं, ऐसे बीजों के आवरण स्पन्ज़ी अथवा तन्तुमय होते हैं जिससे वे जल में आसानी से तैरते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान को चले जाते हैं। जैसे- नारियल।

(3) जन्तुओं द्वारा प्रकीर्णन:
कुछ बीजों का प्रकीर्णन जन्तुओं द्वारा होता है। इस प्रकार के बीजों में ऐसी संरचनाएँ होती हैं जिससे ये जन्तुओं के शरीर से चिपक जाते हैं और दूर स्थान पर पहुँच जाते हैं। ऐसे बीज काँटेदार अथवा हुक जैसी संरचनाओं के होते हैं। जैसे- यूरेना, जैन्थियम आदि।

प्रश्न 9.
कॉलम A में दिए गए शब्दों का कॉलम B में दिए गए जीवों से मिलान कीजिए –
MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 12 पादप में जनन 2
उत्तर:
(क) → (iii)
(ख) → (v)
(ग) → (ii)
(घ) → (i)
(च) → (iv)

प्रश्न 10.
सही विकल्प पर (✓) निशान लगाइए –
(क) पादप का जनन भाग होता है, उसका –

  1. पत्ती/पर्ण।
  2. तना।
  3. मूल।
  4. पुष्प।

(ख) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है –

  1. निषेचन।
  2. परागण।
  3. जनन।
  4. बीज निर्माण।

(ग) परिपक्व होने पर अंडाशय विकसित हो जाता है –

  1. बीज में।
  2. पुंकेसर में।
  3. स्त्रीकेसर में।
  4. फल में।

(घ) बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है –

  1. गुलाब।
  2. डबलरोटी का फफूंद।
  3. आलू।
  4. अदरक।

(च) ब्रायोफिल्लम अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है –

  1. तना।
  2. पत्ती।
  3. मूल।
  4. पुष्प।

उत्तर:
(क) पुष्प।
(ख) निषेचन।
(ग) फल में।
(घ) डबलरोटी का फफूंद।
(च) पत्ती।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti विविध प्रश्नावली 1

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions विविध प्रश्नावली 1

Class 7 Hindi Vividh Prashnavali 1 प्रश्न 1.
सही जोड़ी बनाइए
1. अमृत = (क) क्षमता
2. मनुष्य = (ख) महल
3. कार्य = (ग) घट
4. राज = (घ) समाज
उत्तर-
1. (ग),
2. (घ),
3. (क),
4. (ख)

Class 7th Hindi Vividh Prashnavali 1 प्रश्न 2.
उपयुक्त शब्द से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जिन-जज भूखों की ………………………… दीनू ने बुझाई है, उनकी दुआएँ भी वह राजकुमार के लिए लाया है। (भूख/प्यास)
(ख) दुश्मन का मुख ………………………… करता, जन-जन की पीड़ा को हरता। (काला/पीला)
(ग) यदि एक तिहाई उम्र बिना कोई ………………………… गुजर भी जाए तो क्या फर्क पड़ेगा। (देखे/सोचे).
(घ) चक्रवात ………………………… दबाव में आकस्मिक पविर्तन के कारण होता है। (वायुमण्डलीय/ जैव.मण्डलीय)
उत्तर-
1. भूख
2. काला
3. देखे
4. वायुमण्डलीय।

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MP Board Class 7th Hindi Vividh Prashnavali 1 प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए-
(अ) सिक्के की विश्वसनीयता और पहचान के लिए प्राचनी काल से राजा लोग क्या करते आए हैं।
उत्तर-
सिक्के की विश्वसनीयता और पहचान के लिए प्राचीन समय से ही राजाओं ने इसके एक ओर अपने राज्य की मुद्रा तथा दूसरी तरफ इसका मूल्य अंकित कर ढाला।

(ब) ‘महूरत न सोचो, मचलते चलो’ में ‘मचलते चलो’ का अर्थ क्या है?
उत्तर-
मचलते चलो = जिद करके अपनी धुन में बढ़े चलो।

(स) बाढ़ों के लिए कौन जिम्मेदार है?
उत्तर-
प्रकृति और मनुष्य बाढ़ो के लिए जिम्मेदार है।

(द) दीनू ने क्या सोचकर भिखारी को रोटियाँ दी?
उत्तर-
दीने के पास जो रोटियाँ थी उनमें से चार इसको दे दूंगा तो क्या फर्क पड़ जाएगा, उसने यह सोच कर चार रोटियाँ भिखारी को दी।

(इ) कर्मों के संकीर्तन में सबसे ऊँचा स्वर किसका है?
उत्तर-
कर्मों के संकीर्तन में सबसे ऊँचा स्वर उसका होता है जो समाज की सच्ची सेवा करता है।

MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए-
(अ) मनुष्य समाज के उन्नतिशील होने के कारण लिखिए।
उत्तर-
मनुष्य समाज के उन्नतिशील होने में सिक्के का महत्त्वपूर्ण योगदान है। पहले मनुष्य कुछ भी उत्पादित करता था, वह अपने उपयोग पर खर्च कर डालता था, परंतु सिक्कों के आने से वह अल्पबचत कर सकता है तथा भविष्य में उत्पन्न सभी समस्याओं से लड़ सकता

(ब) अविचल खड़ा हिमालय कौन-कौन से दायित्व निभा रहा है।
उत्तर-
प्रारंभिककाल से ही हिमालय भारत की रक्षा कर रहा है। हिमालय के उस पार कई बार दुश्मनों ने घुसपैठ करने की कोशिश की किंतु हिमालय ने अडिग रहकर हमारी मदद की। इसके अलावा हिमालय उत्तर दिशा में आने वाली बर्फ की आंधियों से हमारी रक्षा करता है। आज संपूर्ण विश्व में हिमालय ही हमारी पहचान है।

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(स) ‘बहुमत के आधार पर दाँत सर्वोपरि है’ सिद्ध करो।
उत्तर-
बहुमत के आधार पर भी दाँत सर्वोपरि है। शरीर के अधिकतर अंग इकलौते हैं या फिर उनकी संख्या दो तक हो सकती है, पर दाँत संख्या में सर्वाधिक है।

(द) जल के बहाव को काम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं?
उत्तर-
जल के बहाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए जल के बहाव में कमी करने के लिए वन लगवाना। -जल प्रवाह मार्ग में नहरी तंत्र का विकास करना। -बाढ़ की भविष्यवाणी करना।

(इ) आर्थिक उन्नति में सिक्के की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
किसी भी समाज की आर्थिक उन्नति में सिक्कों का सबसे अधिक योगदान होता है। सिक्कों से व्यापार में उन्नति होती है। समाज की सभी छोटी-बड़ी आर्थिक इकाइयों में सिक्कों का लेनदेन होता है। सिक्कों का सबसे अधिक लाभ ‘अल्पबचत’ करना होता है। बचत से समाज का भविष्य सुरक्षित बना रहता है।

Class 7th Vividh Prashnavali 1 Hindi प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
स्वतंत्रता, बहुमत, हानि, दुश्मन, गरीब, उन्नति, ऊंचा, यश, उपेक्षा, आवश्यक, समर्थ
उत्तर-
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti विविध प्रश्नावली 1 1

MP Board Class 7 Hindi Vividh Prashnavali 1 प्रश्न 6.
निम्नलिखित तत्सम, तद्भव और आगत शब्दों को छाँटकर लिखिए-
प्यासा, जन, धड़ा, रास्ता, काम, जरूरत, कोशिश,। प्रयत्न, जड़ा, मुकाबला, मुस्कान, आँख, खिसकाना, किटकिट, गड़गड़ाहट, टकसाल, सिक्का, मुद्रा, बैंक, पेंसिल, अयस्क, दुआएँ, शताब्दी, जहान॥
उत्तर-
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti विविध प्रश्नावली 1 2

Sugam Bharti Class 7 प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यावाची लिखिएपथ, पग, शरीर, चेष्टा, हलचल, परहित, पीड़ा।
उत्तर-
शब्द – पर्यायवाची
पथ – मार्ग, रास्ता।
पग – पैर, कदम।
शरीर – तन, काया।
चेष्टा – प्रयत्न, कोशिश।
हलचल – कंपन
परहित – हितेषी।
पीड़ा – दुख, शोक।

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Class 7th Hindi Vividh Prashnawali 1 प्रश्न 8.
निम्नलिखित अवतरण में से संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया शब्द छाँटिए-
उसके झोले में तीन रोटियाँ ही बची थी। कुछ दूर चलने पर उसे एक गाय मिली। एक बछड़ा भी साथ था जो लगातार गौ के थन खींच रहा था। उनमें दूध नहीं था। दीनू गाय को हमेशा ही श्रद्धा से गो-माता के रूप में देखता था। उसने गो-माता को नमस्कार किया। एक रोटी उसे खिला दी। एक रोटी बछड़े को भी दे दी। सोचा-एक रोटी है मेरे पास। कौन ये मेरी रोटी खा ही – लेंगे। उपहार के लिए एक ही रोटी काफी है।
उत्तर-
संज्ञा शब्द : झोले, रोटियाँ, गाय, बछड़ा, गौ, दूध, दीनू।
सर्वनाम शब्द : उसके, कुछ, उसे, जो, उनमें आदि।
विशेषण : तीन, एक आदि।
क्रिया : बची, मिली, खींच, देखता नमस्कार करना, खिला, देना, खा लेना।

Class 7th Hindi MP Board प्रश्न 9.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
आँख फेरना, बन्दर धुड़की देना, मुँह में अँगुली दबाना, दाँत किट किटाना, जेब गर्म होना, हाथों-हाथ उठाना, फिसड्डी होना, खिल उठना।
उत्तर-
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti विविध प्रश्नावली 1 3

Class 7th MP Board Hindi प्रश्न 10.
निम्नलिखित शब्दों में ग्रस्त, हीन और रहित शब्द जोड़कर नए सार्थक शब्द बनाइए-
बुद्धि, भेद-भाव, स्वार्थ, पंख, विचार, मर्यादा, अंग, रोग, शोक, मोह, लकवा, शर्म।
उत्तर-
शब्द = सार्थक शब्द
बुद्धि = बुद्धिहीन
भेदभाव = भेदभावरहित
स्वार्थ = स्वार्थरहित
पंख = पंखरहित
विचार = विचारहीन
मर्यादा = मर्यादाहीन
अंग = अंगहीन
रोग = रोगग्रस्त
शोक = शोकग्रस्त
मोह = मोहरहित
लकवा = लकवाग्रस्त
शर्म = शर्मरहित

Class 7 Sanskrit Vividh Prashnavali 1 प्रश्न 11.
निम्नलिखित अवतरण में संयुक्त क्रियाओं को रेखांकित कीजिए-
मेरे सर्वेक्षण में आँखों को इतना महत्त्व नहीं दिया जा सकता। आँखें सिर्फ देखने के काम आती हैं। मैंने दो-तिहाई उम्र इनसे काम ले लिया और इनमें जो-जो चीजें या हालात देखे, उन्हें देखकर इस निर्णय पर पहुँचा हूँ कि अब और कुछ देखने को जी नहीं चाहता॥
उत्तर-
मेरे सर्वेक्षण में आँखों को इतना महत्त्व नहीं दिया जा सकता। आँखें सिर्फ देखने के काम आती हैं। मैंने दो-तिहाई उम्र इनसे काम ले लिया और इनमें जो-जो चीजें या हालात देखे, उन्हें देखकर इस निर्णय पर पहुँचा हूँ कि अब और कुछ देखने को जी नहीं चाहता।

MP Board Class 7 Hindi प्रश्न 12.
निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कहानी लिखिए-
बालक हलवाई की दुकान पर है। ललचाई आँखों से जलेबी को देखता है। कमीज-पेण्ट की जेबों में हाथ डालता है। कुछ भी न होने का भाव प्रकट करता है। हताश लौटने लगता है। हलवाई उसे जलेबियाँ देता है। बालक मुफ्त की चीज नहीं लूँगा। हलवाई मेहनत कर खाना अच्छी बात है। बालक-कमाकर लाऊँगा, तब खाऊँगा।
उत्तर-

“मेहनत ही इज्जत है”

सारे दिन कनिष्क शहर में इधर-उधर घूमता रहा। कभी इस गली से उस गली, कभी टूटी चप्पल से खाली प्लास्टिक की बोतल को लात मारता है। तभी बोतल पास के नत्थु हलवाई की दुकान के आगे लुढ़कती है। कनिष्क बोतल तक पहुँचता है। तभी उसकी नजर गर्म-गर्म जलेबी पर पड़ती है, उसके मुँह में पानी आ रहा है। वह नत्थु हलवाई की ओर देखते हुए अपनी जेबे टटोलता है। लेकिन उसके पास तो चवन्नी भी नहीं है। हलवाई उसकी ओर देखता है। कनिष्क हताश और अधूरे मन से वहाँ से लौटने के लिए मुड़ता है। नत्थु को बालक पर तरस आ जाता है, वह उसे रोककर दो जलेबी के टुकड़े देता है लेकिन कनिष्क अचानक जलेबी लेने से मना कर देता है, वह नत्थु से कहता है कि वह मुफ्त की चीज नहीं लेगा। हलवाई को बालक की खुद्दारी अच्छी लगती है। वह उसके सिर पर हाथ रखकर बोलता है-शाबाश बेटा, जिंदगी में कभी कोई चीज माँग कर मत लेना। खुद पैसा कमाकर चीजे खरीदना गर्व की बात है। बालक मुस्कराते हुए नत्थु से कहता है-ठीक है बाबा, अब तो ये जलेबियाँ तभी लूँगा जब मैं पैसे कमा कर लाऊँगा।

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Class 7 Hindi MP Board प्रश्न 13.
निम्नलिखित अवतरण में विराम लगाइए-
मैं जानता हूँ सभी बातें झटपट सिखाते नहीं बनती फिर भी हो सके तो उसके मन में जगाइए पसीना बहाकर कमाया हुआ एक पैसा भी फोकट में मिले खजाने से ज्यादा मूल्यवान है सिखाइए उसे कैसे झेलते हैं हार और सिखाकर जीत की खुशी में संयम बरतना अगर आपमें सामर्थ्य हो तो सिखाइए उसे ईर्ष्या द्वेष से दूर रहना
उत्तर-
मैं जानता हूँ सभी बातें झटपट सिखाते नहीं बनती फिर भी हो सके तो उसके मन में जगाइए। पसीना बहाकर कमाया हुआ एक पैसा भी फोकट में मिले खजाने से ज्यादा मूल्यवान है। सिखाइए उसे कैसे झेलते हैं हार और सिखाकर जीत की खुशी में संयम बरतना अगर आपमें सामर्थ्य हो तो सिखाइए उसे ईर्ष्या द्वेष से दूर रहना।

Class 7 Hindi Sugam Bharti प्रश्न 14.
निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर वर्षाऋतु पर निबंध लिखिए-
ऋतुएँ कितने प्रकार की होती हैं। ग्रीष्मकाल के बाद किस ऋतु का आगमन होता है। बादलों के बनने की प्रक्रिया क्या है। हिन्द महासागर तथा अरब सागर से उठने वाले बहाव कि दिशा में जाते हैं। मानसून से क्या आशय है। भारत वर्ष में मानसून की वर्षा का समय जुलाई से सितम्बर तक का है। वर्षा पर भारत वर्ष में कृषि की निर्भरता का उल्लेख कीजिए। यदि वर्णन हो तो देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Class 7th Vividh Prashnawali 1 प्रश्न 15.
पत्र लेखन अपने मित्र को पत्र लिखिए जिससे उसे पर्वतों की रानी पचमढ़ी घूमने का निमंत्रण दीजिए।
परीक्षा भवन,
9 जून 2009
प्रिय रोहित
सप्रेम नमस्कार

हम सब कुशल से हैं। आशा है कि तुम भी ठीक से होंगे। तुम्हारा पत्र आज ही मिला है। इसे पढ़कर मैं बाग-बाग हो गया। जैसे कि तुम जानते हो कि हम हर वर्ष किसी पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा करते हैं। इस वर्ष हम पर्वतों की रानी पंचमढ़ी घूमने गए। वहाँ के प्राकृतिक दृश्य देखने लायक थे। पर्वत को चोटी पर जब धूप पड़ रही थी, उस समय सोने की-सी छटा प्रतीत हो रही थी। यहाँ के लोग बड़े ही भोले और मासूम होते हैं। यहाँ परं एक झील भी है। जिसमें नाव का विशेष प्रबंध है। हमने वहाँ पर घुड़सवारी भी की। वहाँ पर खाने-पीने और ठहरने का विशेष प्रबंध है। सात दिन के टूर में हमने वहाँ बहुत लुत्क और ज्ञान अर्जित किया। मैं चाहता हूँ तुम भी अगली बार हमारे साथ पर्वतों की रानी पंचमढ़ी आओ!

अनेक शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारा मित्र
क ख ग।

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