MP Board Class 7th Special Hindi Model Question Paper

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प्रश्न 1.
(क) सही विकल्प चुनकर अपनी पुस्तिका में लिखो
(अ) कर्मवती …………………. की रानी थी।
(1) झाँसी,
(2) कालपी,
(3) मेवाड़,
(4) इन्दौर।

(ब) अहिल्याबाई …………………. राज्य की महारानी थी।
(1) मराठा,
(2) होल्कर,
(3) चन्देल (परमार)।

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(स) दीपू पिकनिक के लिए …………………. जा रहा था।
(1) साँची,
(2) भोपाल,
(3) विदिशा,
(4) पचमढ़ी।

(द) बुन्देली के पितृ पुरुष माने जाते हैं।
(1) डॉ. हरिसिंह गौर,
(2) ईसुरी,
(3) भूषण,
(4) पद्माकर।

(इ) ‘अगर नाक न होती’ पाठ …………………. विधा में लिखा गया है।
(1) कहानी,
(2) निबन्ध,
(3) जीवनी,
(4) व्यंग्य।
उत्तर-
(अ) (3) मेवाड़,
(ब) (2) होल्कर,
(स) (1) साँची,
(द) (3) भूषण,
(इ) (4) व्यंग्य।

(ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) कवि के अनुसार ………………………………. का पेड़ कुल्हाड़ी को सुगन्धित करता है।
(ब) डॉ. अब्दुल कलाम को ………………………………. नाम से भी जाना जाता है।
(स) कृष्ण को ………………………………. खाना बहुत अच्छा लगता
(द) राष्ट्रीय खेल दिवस ………………………………. को मनाया जाता है।
(इ) किसी कविता को पढ़ते या सुनते समय हमें जो आनन्द की अनुभूति होती है, उसे ………………………………. कहते हैं।
(ङ) देवभूमि भारत को ………………………………. की क्रीड़ास्थली कहा जाता है।
उत्तर-
(अ) चन्दन,
(ब) मिसाइल मैन,
(स) मक्खन,
(द) उन्तीस अगस्त,
(इ) रस,
(ङ) देवताओं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(अ) नेहरूजी ने किन जंजीरों को तोड़ देने के लिए कहा
(ब) हमें जीवों के प्रति किस तरह की भावना व्यक्त करनी चाहिए?
(स) नाक को किस तरह का प्रतीक माना जाता है?
(द) नरबदी झरना क्यों बन गई?
(ड) निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए द्रढ़ता, स्त्रोत, दृष्टी।
उत्तर-
(अ) नेहरूजी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ देने के लिए कहा है।
(ब) हमें जीवों के प्रति सहानुभूति और दयालुता की भावना व्यक्त करनी चाहिए।
(स) नाक को इज्जत और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
(द) नरबदी अपने पिता दुग्गन की प्यास बुझाने के लिए झरना बन गई। उसमें सभी प्राणियों की प्यास बुझाकर सबके कल्याण की भावना थी, अतः वह झरना बन गई।
(इ) दृढ़ता, स्रोत, दृष्टि।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(अ) मध्य प्रदेश को लघु भारत क्यों कहा गया है?
(ब) खेलों से हम कौन-कौन से गुण सीखते हैं?
(स) अनुप्रास अलंकार की विशेषताएँ बताते हुए एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
(अ) मध्य प्रदेश सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से सम्पन्न है। इसलिए इसे लघु भारत कहा गया है।
(ब) खेलों से हमारे अन्दर सहिष्णुता, सहयोग, अनुशासन, मिलजुलकर काम करने का गुण पैदा होता है तथा दलीय भावना पैदा होती है।
(स) जहाँ एक अथवा एक से अधिक वर्षों की एक ही क्रम से अधिक आवृत्ति हो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण-जागु जागु जीव जड़ जो है जग-जामिनी।
इस पंक्ति में ‘ज’ वर्ण की एक ही क्रम से अधिक आवृत्ति हो रही है, अतः यहाँ अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 4.
(अ) निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम में जमाकर लिखिए आशय, भण्डार, कठिनाई, अनुराग।
(ब) ‘सु’ उपसर्ग जोड़कर चार नए शब्द बनाकर लिखिए।
(स) निम्नलिखित युगल शब्दों को एक ही वाक्य में प्रयोग कीजिए
(1) दया-दयालु
(2) विद्या-विद्यार्थी।
(द) निम्नलिखित शब्दों की सन्धि-विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिए जगदीश, पुस्तकालय।
(क) ‘आग’ और ‘रात’ शब्दों के तत्सम रूप लिखिए।
(ख) निम्नलिखित सामासिक पदों को विभक्त कर संमास का नाम लिखिए देश-निकाला, रसोईघर।
(ग) निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन बनाकर लिखिए। राखी, बहन, सड़क, कुत्ता।
(घ) ‘नानी याद आना’ मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए
उत्तर-
(अ) अनुराग, आशय, कठिनाई, भण्डार।
(ब) सुराग, सुहाग, सुवास, सुकाम।
(स) हे दया-दयालु भगवन, हम हैं शरण तुम्हारी। हम हैं विद्या-विद्यार्थी करो हम पर मेहरबानी।
(द) जगत् + ईश = व्यंजन संधि, पुस्तक + आलय = स्वर सन्धि।
(क) अग्नि और रात्रि।
(ख) देश से निकाला = तत्पुरुष रसोई का घर = तत्पुरुष।
(ग) राखियाँ, बहनें, सड़कें, कुत्ते।
(घ) अंकगणित के प्रश्न हल करने में मुझे नानी याद आई।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किसी एक कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए छोटा जादूगर, हींगवाला, नरबदी।
उत्तर-
‘महत्वपूर्ण पाठों के सारांश’ अध्याय में देखिए।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित गद्यांश के पाठ व लेखक का नाम लिखते हुए सरल अर्थ कीजिए।
नाक शरीर का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। अगर चित्त लेटकर देखें तो यह बात अपने आप सिद्ध हो जायेगी कि हाथ, पाँव, मुँह, कान, आँख आदि में सबसे ऊँचा स्थान नाक को ही प्राप्त है। अगर आँख आ जाए या चली जाए तो ऐसी- स्थिति में काला चश्मा लगाया जा सकता है। कान कट-फट जाए तो उसे कनटोपा पहनकर छिपाया जा सकता । है, लेकिन अगर कहीं नाक कट जाए तो चेहरा रेगिस्तान । की तरह एकदम सपाट अथवा चक्की का-सा पाट नजर आएगा।
उत्तर-
सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश ‘अगर नाक न होती’, पाठ से अवतरित है। इसके लेखक गोपालबाबू शर्मा हैं।

प्रसंग-‘अगर नाक न होती’ पाठ में लेखक ने लोगों के नाक रखने अथवा नाक काटने पर व्यंग्यपूर्ण लेख लिखा है।

सरल अर्थ-शरीर के दूसरे अंगों के साथ ही नाक भी – अपना महत्व रखती है। हम चित्त होकर लेट जाते हैं तो नाक – दूसरे अंगों-हाथ, पाँव, मुँह, कान, आँख आदि से सबसे ऊँची होती है। आँख के दुखने पर या आँख के फूट जाने पर काले रंग का ऐनक लगाया जा सकता है और उसे ढक लिया जाता है। कनटोपा से कटे-फटे कान को छिपाया जा सकता है, परन्तु दुर्भाग्य से चोट लगने पर नाक कट जाती है तो आदमी का चेहरा बिलकुल सपाट दिखाई पड़ेगा जिस तहर बिना वृक्षों का रेगिस्तान होता है। सम्पूर्ण चेहरा एकदम चौरस दिखाई पड़ता है, जैसा कि चक्की का पाट होता है।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश के पाठ व कवि का नाम बताते हुए सरल अर्थ लिखिए-

बाधाएँ, असफलताएँ तो आती हैं,
दृढ़ निश्चय लख, वे स्वयं चली जाती हैं।
जितने भी रोड़े मिलें उन्हें ठुकराओ
पथ के काँटों को पैरों से दलना है।

अथवा

माँ तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन,
किन्तु इतना कर रहा, फिर भी निवेदन,
थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब भी,
कर दया स्वीकार लेना वह समर्पण।

उत्तर-
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-कवि सन्देश देता है कि हमें असफलताओं, बाधाओं से नहीं घबराना चाहिए।

व्याख्या–मनुष्य के जीवन में आने वाली बाधाएँ (रुकावटें) और विफलताएँ मनुष्य के पक्के इरादों को देखकर अपने आप ही चली जाती हैं। वे उसके मार्ग में रुकावट बनने से हट जाती हैं। इसलिए मार्ग के रोड़ों को अपने पैर की ठोकर से एक तरफ हटा दो। अपने मार्ग के काँटों को अपने पैरों से कुचल डालो और अपने मार्ग पर चलते रहो, तुम्हें रुकना नहीं है।

अथवा

शब्दार्थ-अकिञ्चन = दीन; भाल = मस्तक; समर्पण = अर्पित की हुई वस्तु; अर्पित = न्योछावर किया हुआ।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-कवि के अनुसार देशभक्त सर्वस्व अर्पित करने के बाद जो भी दूसरी वस्तु यदि उसके पास है तो वह उसे भी देश की सेवा में अर्पित कर देने को तैयार है।

व्याख्या-हे मातृभूमि, मुझ पर तेरे ऋण (कर्ज) का बोझ बहुत है। मैं दीन हूँ (उस कर्ज के बोझ को मैं किस तरह उठा सकूँगा)। फिर भी मैं यह निवेदन कर रहा हूँ कि जब भी अपने इस मस्तक को थाल में सजाकर लेकर आऊँ, तो मेरे इस समर्पण को (सेवा में दी गई इस वस्तु को) स्वीकार करने की कृपा करना। भक्ति भरा मेरा गीत भी तुम्हें अर्पित है, मेरे प्राण भी अर्पित हैं। साथ ही मेरे रक्त की (खून की) एक-एक बूंद भी तुम्हारे लिए अर्पित है। इस प्रकार हे मेरे देश की धरती ! मैं इसके अलावा भी कुछ और अर्पित करना चाहता हूँ।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
पौराणिक ग्रंथों में नर्मदा परिक्रमा की बड़ी महिमा कही गई है। भक्तजन प्रतिवर्ष भडौंच में मेरे मुहाने से मेरे तट के एक ओर किनारे-किनारे चलते-चलते मेरे मूल स्त्रोत अमरकंटक तक जाते हैं। वहाँ पूजा करके दूसरे तट के साथ-साथ चलते हुए वापस मेरे मुहाने तक भड़ौंच आते हैं। मैं बड़ी भाग्यवान हूँ कि मेरे तट पर अनेक ऋषि-मुनियों ने तप किया और अनेक आश्रम तथा मन्दिर बनवाए। महेश्वर तीर्थ को अहिल्याबाई होल्कर ने राजधानी बनाकर महत्त्व बढ़ाया है।
(अ) उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ब) पौराणिक ग्रंथों में किसकी बड़ी महिमा गाई है?
(स) महेश्वर तीर्थ का महत्त्व किसने बढ़ाया है?
उत्तर-
(अ) उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक ‘नर्मदा परिक्रमा’ है।
(ब) पौराणिक ग्रंथों में नर्मदा परिक्रमा की बड़ी महिमा गाई है।
(स) महेश्वर तीर्थ का महत्त्व अहिल्याबाई होल्कर ने उसे अपनी राजधानी बनाकर बढ़ा दिया।

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प्रश्न 9.
अपने मित्र सुरेन्द्र को समाचार-पत्र पढ़ने का महत्व बताते हुए एक पत्र लिखिए।
अथवा
मलेरिया बुखार आ जाने के कारण तीन दिन के अवकाश हेतु प्रधानाध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र दीजिए।
उत्तर-
पत्र और प्रार्थना-पत्र’ अध्याय में इन पत्रों को देखिए।

प्रश्न 10.
किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिएकम्प्यूटर, वृक्षारोपण, प्रदूषण।
उत्तर-
‘निबन्ध’ अध्याय में देखिए।

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MP Board Class 8th Special Hindi Model Question Paper

MP Board Class 8th Special Hindi Model Question Paper

समय : 3 घण्टा
पूर्णांक : 100

1. सही विकल्प चयन कर लिखिए-
(अ) महेश्वर नगरी नदी के तट पर है
(क) नर्मदा,
(ख) चम्बल,
(ग) सोन,
(घ) बेतवा।
उत्तर-
(क) नर्मदा,

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(आ) सिकन्दर की छाती दहलती थी
(क) हिन्दुस्तान की तलवार से,
(ख) बिजली के गरजने से,
(ग) अपनी प्रजा से,
(घ) गीत-संगीत से।
उत्तर-
(क) हिन्दुस्तान की तलवार से,

(इ) ‘खेड़ा सत्याग्रह’ नाम पड़ा
(क) अंग्रेजों के विरुद्ध बखेड़ा करने से,
(ख) खेड़ा के किसानों के लगान के कारण,
(ग) अंग्रेजों को खड़ा करने के कारण,
(घ) अन्याय के विरोध में।
उत्तर-
(ख) खेड़ा के किसानों के लगान के कारण,

(ई) मन, वचन और काया से इन्द्रियों को अपने वेश में रखना कहलाता है
(क) अहिंसा,
(ख) अस्तेय,
(ग) ब्रह्मचर्य,
(घ) अपरिग्रह।
उत्तर-
(ग) ब्रह्मचर्य,

(उ) ‘सत्याग्रह’ शब्द का सन्धि विच्छेद है
(क) सत्य + ग्रह,
(ख) सत्य + आग्रह,
(ग) सत्या + ग्रह,
(घ) सत्याग + रह।
उत्तर-
(ख) सत्य + आग्रह।

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) अधिक फूल खिलने के कारण पटना का नाम ……………………………………… भी था।
(आ)मुण्डा जनजाति में ‘सिंग’ का अर्थ है ………………………………………।
(इ) एक समय में सौ प्रकार की बातें सुनकर दोहराने वाले व्यक्ति ………………………………………” कहलाते हैं।
(ई) शान्ति निकेतन की स्थापना ……………………………………… ने की थी।
(उ) गुप्तवंश भारतीय इतिहास में ……………………………………… के नाम से। विख्यात है।
(ऊ) धनुरासन में शरीर की आकृति ……………………………………… के समान हो। जाती है।
(ए) ईश्वर में विश्वास करने वाला ………………………………………” कहलाता है।
उत्तर-
(अ) कुसुमपुर,
(आ) सूर्य,
(इ) शतावधानी,
(ई) रवीन्द्रनाथ टैगोर,
(उ) स्वर्णयुग,
(ऊ) धनुष,
(ए) आस्तिक।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए(अ) ‘गाँव’ में रहने वाले व्यक्ति के लिए एक शब्द लिखिए।
उत्तर-
ग्रामीण।

(आ) ‘विचार’ और ‘हस्तक्षेप’ शब्द के लिए आगत (विदेशी शब्द) लिखिए।
उत्तर-
विचार-ख्याल, हस्तक्षेप-दखल।

(इ) नारी तथा पुरुष शब्द में ‘त्व’ प्रत्यय जोड़कर नए शब्द लिखिए।
उत्तर-
नारी + त्व = नारीत्व; पुरुष + त्व = पुरुषत्व।

(ई) ‘नारी’ और ‘जल’ शब्दों में उचित विशेषण जोड़कर लिखिए।
उत्तर-
सुन्दर नारी; स्वच्छ जल।

(उ) उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
“सोहत ओढ़े पीतपट स्याम सलोने गात।
मनहु नीलमणि सैल पर, आतप परयौ प्रभात।।”

(ऊ) निम्नलिखित शब्दों के लिंग परिवर्तन कर लिखिएपण्डित, आत्मज, तरुणी, पत्नी।
उत्तर-
पण्डित-पण्डितानी; आत्मज-आत्मजा;
तरुणी-तरुण; पत्नी-पति।।

(ए) जुगुप्सा किस रस का स्थायी भाव है?
उत्तर-
जुगुप्सा वीभत्स रस का स्थायी भाव है।

(ऐ) मोहन जायेगा? इस सम्बन्ध में से यदि वाक्य प्रश्नवाचक बन जाए तो इस आरोह-अवरोह को क्या कहेंगे?
(i) बलाघात,
(ii) अनुतान,
(iii) मात्रा सन्तुलन।
उत्तर-
(i) अनुतान।

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4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 3 से 5 वाक्यों में दीजिए-

(अ) जब बहू ने दर्पण देखा तो वह व्याकुल हो गई?
उसके अनुभव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
जब बीरबल की पत्नी (बहू) कामकाज से निवृत्त हो गई तो उसने सोचा कि वह अब देखेगी कि उसका पति अपने लिए शहर से क्या वस्तु लाया है। उस बहू ने सन्दूक खोला, तो दर्पण देखा। उसमें झाँकते ही, उसे अपनी आकृति दिखाई दी। आकृति देखकर उसे लगा कि उसका पति अपने लिए एक दूसरी सुन्दर-सी पत्नी लेकर आया है, जो उसी की तरह सजी-धजी है और एक जादू से छिपाकर रख ली है। वे मुझे बहुत प्यार करने का नाटक करते हैं परन्तु वे शहर से मेरी सौत लेकर आए हैं। उसने अपनी सास को जोर से आवाज देते हुए पुकारा और कहा कि हे अम्मा! देखो-ये (बीरबल उसका पति) उसकी
सौतन शहर से ले आये हैं।

(आ) बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी में सालिम को कैसे अनुभव हुए?
उत्तर-
‘बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ में सालिम अली ने पक्षियों के शरीरों में भूसा भरकर रखे गये तरह-तरह के पक्षियों को देखा। वह अचम्भे में रह गया। श्री मिलार्ड ने किसी भी भारतीय वयस्क को इतने उत्साह से भरा नहीं देखा जो पक्षियों के बारे में जानना चाहता हो। उसने सीखना शुरू कर दिया कि पक्षियों को किस तरह पहचाना जाता है। साथ ही उसने यह भी सीख लिया कि मरे हुए पक्षी के शरीर में भूसा भरकर किस तरह सुरक्षित रखा जा सकता है।

(इ) संगीत का सामाजिक महत्त्व कब और क्यों बढ़ जाता है?
उत्तर –
संगीत का वास्तविक महत्त्व तब होता है, जब संगीत की शास्त्रीयता साधना को महत्त्व देती है। संगीत की मिठास आत्मिक शान्ति देती है एवं जीवन को जीने की उमंग पैदा करती है। संगीत से सने गीतों को सुनकर आदमी अपने आप में थिरक उठता है। उसके हृदय में करुणा का भाव जाग उठता है और करुणा का भाव आँसुओं के रूप में बह निकलता है। इससे साधारण लोग प्रभावित हो उठते हैं। यही कारण है कि संगीत को सम्पूर्ण समाज महत्त्व देता है।

(ई) कारकों के चिह्न (परसर्ग) कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
अध्याय 4 व्याकरण में शीर्षक 14 ‘कारक’ का अवलोकन करें।

(उ) “मोहन पढ़ने में चतुर है और मोहन गाना गाता है” को जोड़कर संयुक्त वाक्य बनाइए।
उत्तर-
मोहन गाना गाता है लेकिन (वह) पढ़ने में भी चतुर है।

(ऊ) ‘वसीयतनामे का रहस्य’ अथवा ‘याचक और दाता’ नामक कहानी में से किसी एक का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
“वसीयतनामे का रहस्य”
इस कहानी में गाँव के एक वयोवृद्ध किसान की न्यायप्रियता, दूरदर्शिता, ईमानदारी, निष्पक्षता और बुद्धिचातुर्य से परिचित कराया गया है। लोग शिक्षित होकर भी बुद्धिमान नहीं होते। उस ग्रामीण ने अपनी जायदाद को तीन पुत्रों में बाँट दिए जाने के लिए वसीयत लिखी। वस्तुतः वह चाहता था कि परिश्रमी और ईमानदार पुत्र ही उसकी वसीयतनामे के हकदार हों। राजा ने भी बड़ी चतुराई से उस समस्या का समाधान खोज निकाला। चार पुत्र होने पर जायदाद का विभाजन तीन में ही हो; इस पहेली को राजा ने प्रत्येक पुत्र से किए प्रश्नों के उत्तर के माध्यम से सुलझा दिया। तात्पर्य यह है कि बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान बुद्धि के कौशल से सम्भव है।’

अथवा

वृद्धा ने सेठजी के घर जाकर मोहन के माथे पर हाथ फेरा। मोहन ने हाथ को पहचान लिया; उसने अपनी आँखें तुरन्त खोल दी। कहने लगा, ‘माँ’, तुम आ गईं। वृद्धा कहने लगी, “हाँ बेटा, तुम्हें छोड़कर कहाँ जा सकती हूँ। उसने मोहन का सिर गोद में रखा, थपथपाया। मोहन की नींद आ गई। कुछ दिन बाद मोहन स्वस्थ हो गया। जो काम दवाइयाँ, डॉक्टर और हकीम नहीं कर सके, वह काम वृद्धा माँ की ममता ने कर दिखाया।”

1. अब वह वृद्धा माँ वापस लौटने लगी तो सेठजी ने उससे कहा कि वे मोहन के ही पास रुक जाएँ, लेकिन वे नहीं मानी। सेठजी हाँडी के रुपये न देने के लिए क्षमा माँगने लगे और वह हाँडी लौटाने लगे तो वृद्धा ने कहा कि यह तो मैंने मोहन के लिए जमा किये थे। उसी को दे देना।

वृद्धा ने सेठजी की धरोहर (मोहन) ईमानदारी से लौटा दी। अब वह उसे यहाँ छोड़कर अपनी लाठी का सहारा लेकर चलती हुई अपनी झोपड़ी में लौट गई। उसके नेत्रों से आँसू बह रहे थे, परन्तु यह आँसू फूलों के पराग से, ममता की महक से महक रहे थे। वृद्धा माँ का ममत्व सेठ बनारसीदास के धन से अधिक गरिमावान सिद्ध हुआ। इस तरह सेठजी याचक थे और वृद्धा माँ दाता के रूप में महान और उदारता की साक्षात् मूर्ति सिद्ध हुई।

(ए) पाषाण युग का मानव किस प्रकार का जीवन जीता था?
उत्तर-
पाषाण युग का मानव जंगलों, पर्वतों और नदी घाटियों में विचरण करता था। कन्दमूल, फल और पशुओं का शिकार कर अपना पेट भरता था तथा पहाड़ों की गुफाओं में रहता था।

(ए) प्राणायाम के लाभ बताइए।
उत्तर-
प्राणायाम के लाभ-

  • प्राणायाम से शरीर के सभी विकार दूर होते हैं।
  • इसमें प्राणशक्ति में वृद्धि होती है।
  • गले से सम्बन्धित रोग दूर होते हैं। स्वर मधुर बनता
  • थायरॉइड सम्बन्धी बीमारियाँ ठीक होती हैं।
  • आन्तरिक एवं मानसिक शान्ति मिलती है।
  • स्मृति बढ़ाने में सहायक है।
  • शरीर सुन्दर, सुडौल, शक्तिशाली एवं तेजस्वी बनता है।
  • शरीर में स्फूर्ति रहती है।
  • पाचन शक्ति में वृद्धि होती है।

(ओ) सत्याग्रह-आश्रमवासियों को किन नियमों का पालन करना पड़ता था?
उत्तर-
आश्रमवासियों को सादे वस्त्र और सादे भोजन से सन्तोष करना पड़ता था। भोजन के पदार्थों में मिर्च-मसाले नहीं डाले जाते थे, दूध बहुत कम दिया जाता, परन्तु फल और मेवे अधिक दिये जाते थे। आश्रमवासियों को छुट्टियाँ नहीं दी जाती थीं। उन्हें अपने हाथ से ही सारा काम करना पड़ता था। उनसे किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं ली जाती थी। जो अतिथि आते थे, उन्हें भी आश्रम के नियमों का पालन करना होता था।

(औ) निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए”मेरे स्वराज्य का ध्येय अपनी सभ्यता की विशेषता को अक्षुण्य बनाए रखना है। मैं बहुत-सी नई बातों को लेना चाहता हूँ, पर उन सबको भारतीयता का जामा पहनाना होगा। भारत ने पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है। ऐसा तभी कहा जा सकेगा, जब जनता यह अनुभव करने लगेगी कि उसे अपनी उन्नति करने तथा रास्ते पर चलने की आजादी है।”

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प्रश्न-
(i) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ii) स्वराज्य का ध्येय क्या है?
(ii) पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है’, ऐसा कब कहा जा सकेगा?
उत्तर-
(i) स्वराज्य का ध्येय’ उपयुक्त शीर्षक है।
(ii) स्वराज्य का ध्येय है कि हम अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति को निरन्तर बनाए रखें। हम अपनी सभ्यता और संस्कृति में बाहर की बहुत-सी बातों को ग्रहण कर लेना तो चाहते हैं परन्तु उन्हें भारतीयता में बदलकर।
(iii) भारतवर्ष एक स्वतन्त्र देश है। इसने पूर्ण आजादी प्राप्त कर ली है।’ ऐसा तो तभी कहा जा सकेगा जब हम अपनी उन्नति करने में भी आजाद हों। साथ ही, हमें उन उपायों की भी जानकारी होनी चाहिए, जिन पर चलकर हम उन्नति कर सकें और अपनी आजादी की रक्षा कर सकें।

5. (अ) अपने प्रधानाध्यापक को साँची घूमने जाने के
लिए तीन दिवस के अवकाश हेतु आवेदन-पत्र लिखिए।
अथवा
अपनी माताजी को एक पत्र लिखकर शाला की
बालदिवस की गतिविधियों के बारे में बताइए।
उत्तर-
‘पत्र लेखन’ नामक अध्याय का अवलोकन करें।

(आ) निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए-
(1) गणतन्त्र दिवस,
(2) तुलसीदास,
(4) कम्प्यूटर,
(4) मेरा प्रिय शिक्षक।
उत्तर-
‘निबन्ध लेखन’ नामक अध्याय का अवलोकन करें।

(इ) गाँधी जी ने फिनिक्स आश्रम की स्थापना क्यों की?
उत्तर-
गाँधी जी रस्किन की पुस्तक (अपटू दिस लास्ट) में विशेष रुचि रखते थे। वे इसे एक उत्साहवर्धक एवं प्रभावशाली पुस्तक ठहराते थे। इस पुस्तक के सर्वोदयी विचार से प्रभावित होकर पुस्तक में वर्णित भावों एवं विचारों को मूर्त रूप देने के लिए डर्बन में सौ एकड़ भूमि लेकर फिनिक्स आश्रम की नींव डाली। इस प्रकार गाँधी जी पुस्तक में वर्णित विचारों को साकार रूप देने में सफल रहे।

6.
(अ) निम्नलिखित पद्यांशों में किसी एक की सप्रसंग व्याख्या कीजिएन इसका अर्थ हम पुरुषत्व का बलिदान कर देंगे। न इसका अर्थ हम नारीत्व का अपमान सह लेंगे। रहे इंसान चुप कैसे कि चरणाघात सहकर जब,
उमड़ उठती धरा पर धूल, जो लाचार सोई है।
उत्तर-
कवि यह बताते चलते हैं कि हम हिन्दुस्तानियों ने ही सदैव संसार को शान्ति का सन्देश दिया है तथा अहिंसा का उपदेश देकर मन, कर्म और वचन से सत्य का आचरण करने के लिए पूरे संसार को सलाह दी है। इसका यह अर्थ नहीं लगा लेना चाहिए कि हम अहिंसा का आचरण अपनाकर वीरता का त्याग कर देंगे और कायर बन जायेंगे और इसका यह अर्थ भी नहीं लगा लेना चाहिए कि हम नारीपन (स्त्रीत्व) के लिए किए गये अपमान को सह लेंगे। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि धरती पर पैरों के नीचे दबी कुचली धूल भी पैरों की ठोकर खाने पर आकाश में उमड़कर चारों ओर छा जाती है। वह (स्त्री रूपी धूल) किसी वजह से अपनी लाचारी की दशा में अपनी शक्ति को पहचानती नहीं रही है। यह उसकी सुप्त अवस्था थी, अज्ञानता थी, उसकी अशिक्षा थी।

अथवा
पकड़ वारि की धार झूलता है मेरा मन, आओ रे सब मुझे घेरकर गाओ सावन। इन्द्रधनुष के झूले में झूलें मिल सब जन, फिर-फिर आए जीवन में सावन मन भावन॥
उत्तर-
प्रसंग-कवि कामना करता है कि सावन जीवन में बार-बार आये।

व्याख्या-कवि कहता है कि मेरा मन जल की धार को पकड़कर अनेक कल्पनाओं के झूले में झूलने लगता है। आप सब के सब सामूहिक रूप से मिलकर आओ। मुझे चारों ओर से – घेरकर खड़े हो जाओ तथा सावन के गीत गाओ। सभी लोग वर्षा ऋतु में आकाश में दिखने वाले इन्द्रधनुष के झूले में झूलें। इन्द्रधनुष। के अनेक रंगों की तरह अनेक कल्पनाओं में डूब जाओ। इस तरह मन को अच्छा लगने वाला (मन में अच्छे-अच्छे भाव पैदा करने वाला) सावन प्रत्येक प्राणी के मन में अनेक बार आता रहे, ऐसी मैं आशा करता हैं।

(आ) निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक की सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए। “ऋषि मुनियों और साधकों की हजारों वर्षों की तपस्या एवं परिश्रम का प्रतिफल है संगीत। कहा जाता है कि जिस। समाज में कला का स्थान नहीं होता, वह समाज भी प्राणहीन हो जाता है।”
उत्तर-
संगीत के विकास और उन्नति के लिए हमारे ऋषियों, मुनियों तथा संगीत कला की साधना करने वाले संगीतकारों ने तपस्या की। वे सभी एकचित्त होकर संगीत की साधना में लगे रहे। आज संगीत कला जिस मुकाम को प्राप्त हो गयी है, वह मुकाम उन सभी साधकों की तपस्या और उनकी। मेहनत का नतीजा है, परिणाम है। यह कहावत सत्य है कि वह समाज मरा हुआ (मृत) होता है जिसमें संगीत आदि अनेक कलाओं को महत्त्व नहीं दिया जाता। अतः समाज की जीवन्तता – के लिए आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है कि समाज के लोगों को कला के महत्त्व को समझना चाहिए और इसके विकास
और उन्नति के लिए निरन्तर सहयोग देकर साधकों को उत्साहित। करना चाहिए।

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अथवा

“चाँद आता है तो चाँदी जैसी चमक उठती हैं, सूरज। आता है तो उस जैसी ही तप उठती हैं।”
उत्तर-
नदी का जल बड़े आकार वाली चट्टानों को डुबाता हुआ बहता है। जल के नीचे डूबी हुई चट्टानों के ऊपर छोटी-छोटी घास उग रही है। जाड़ा, गर्मी और बरसात के मौसम को निरन्तर सहती रहती हैं। इन चट्टानों को यदि काटने का प्रयास किया जाय, तो वे कट तो अवश्य जायेंगी परन्तु झुकती नहीं हैं। ये चट्टानें लगातार ही आगे तक बढ़ती जाती हैं अर्थात् बहुत दूरी तक ये चट्टानें नदी के अथाह तल के नीचे और किनारों पर लगातार अपने मस्तक को उठाये हुए आगे तक बहते जल के साथ बढ़ती हुई जाती हैं। उनकी पवित्रता धीमी नहीं होती, मन्द नहीं पड़ती। चन्द्रमा की चाँदनी में चाँदी की तरह ही चमचमाती रहती हैं। सूर्य के उदय होते ही, उसके तेज से एकदम तपने लगती हैं, परन्तु जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है, तब यहाँ घना अन्धकार छा जाता है, फिर भी इनकी धवलता लिए हुए चमक, निर्मलता, उनकी पवित्रता समाप्त नहीं होती। यह वास्तव में तपस्या ही है। अन्य कुछ भी नहीं।

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.7

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.7

Question 1.
Say True or False:
(a) Each angle of a rectangle is a right angle.
(b) The opposite sides of a rectangle are equal in length.
(c) The diagonals of a square are perpendicular to one another.
(d) All the sides of a rhombus are of equal length.
(e) All the sides of a parallelogram are of equal length.
(f) The opposite sides of a trapezium are parallel.
Solution:
(a) True
(b) True
(c) True
(d) True
(e) False
Since, opposite sides of a parallelogram are of equal length.
(f) False
Since, only one pair of opposite sides of a trapezium is parallel.

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Question 2.
Give reasons for the following :
(a) A square can be thought of as a special rectangle.
(b) A rectangle can be thought of as a special parallelogram.
(c) A square can be thought of as a special rhombus.
(d) Squares, rectangles, parallelograms are all quadrilaterals.
(e) Square is also a parallelogram.
Solution:
(a) Because its all angles are right angle and opposite sides are equal.
(b) Because its opposite sides are equal and parallel.
(c) Because its all sides are equal and diagonals are perpendicular to each other.
(d) Because all of them have four sides.
(e) Because its opposite sides are equal and parallel.

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Question 3.
A figure is said to be regular if its sides are equal in length and angles are equal in measure. Can you identify the regular quadrilateral?
Solution:
A square is a regular quadrilateral.

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6

Question 1.
Name the types of following triangles:
(a) Triangle with lengths of sides 7 cm, 8 cm and 9 cm.
(b) ∆ABC with AB = 8.7 cm, AC = 7 cm and BC = 6 cm.
(c) ∆PQR such that PQ = QR – PR = 5 cm.
(d) ∆DEF with m∠D = 90°
(e) ∆XYZ with m∠Y = 90° and XY = YZ.
(f) ∆LMN with m∠L= 30°, m∠M = 70° and m∠N= 80°.
Solution:
(a) Scalene triangle
(b) Scalene triangle
(c) Equilateral triangle
(d) Right-angled triangle
(e) Isosceles right-angled triangle
(f) Acute-angled triangle

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Question 2.
Match the following:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6 1
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6 2
Solution:
(i) ➝ (e);
(ii) ➝ (g);
(iii) ➝ (a);
(iv) ➝ (f);
(v) ➝ (d);
(vi) ➝ (c);
(vii) ➝ (b)

Question 3.
Name each of the following triangles in two different ways: (you may judge the nature of the angle by observation)
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6 3
Solution:
(a) Acute angled triangle and Isosceles triangle
(b) Right-angled triangle and Scalene triangle
(c) Obtuse-angled triangle and Isosceles triangle
(d) Right-angled triangle and Isosceles triangle
(e) Acute angled triangle and Equilateral triangle
(f) Obtuse-angled triangle and Scalene triangle

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6

Question 4.
Try to construct triangles using match sticks. Some are shown here.
Can you make a triangle with
(a) 3 matchsticks?
(b) 4 matchsticks?
(c) 5 matchsticks?
(d) 6 matchsticks?
(Remember you have to use all the available matchsticks in each case)
Name the type of triangle in each case.
If you cannot make a triangle, think of reasons for it.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6 4
Solution:
(a) Yes, it is possible to make a triangle with 3 matchsticks because sum of lengths of two sides is greater than the length of third side.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6 5

(b) No, it is not possible to make a triangle with 4 matchsticks because sum of lengths of two sides is equal to the length of third side.

(c) Yes, it is possible to make a triangle with 5 matchsticks because sum of lengths of two sides is greater than the length of third side.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6 6

(d) Yes, it is possible to make a triangle with the help of 6 matchsticks because sum of lengths of two sides is greater than the length of third side.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.6 7

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.5

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.5

Question 1.
Which of the following are models for perpendicular lines:
(a) The adjacent edges of a table top.
(b) The lines of a railway track.
(c) The line segments forming the letter’L’.
(d) The letter V.
Solution:
(a) Perpendicular
(b) Not perpendicular
(c) Perpendicular
(d) Not perpendicular

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Question 2.
Let \(\overline{P Q}\) be the perpendicular to the line segment \(\overline{X Y}\). Let \(\overline{P Q}\) and \(\overline{X Y}\) intersect in the point A. What is the measure of ∠PAY?
Solution:
∠PAY = 90°
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.5 1

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.5

Question 3.
There are two set-squares in your box. What are the measures of the angles that are formed at their corners? Do they have any angle measure that is common?
Solution:
One set-square has angles 45°, 90°, 45° and other set-square has angles 60°, 90°, 30°.
Yes, they have angle measure 90° as common.

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Question 4.
Study the diagram. The line l is perpendicular to line m
(a) Is CE = EG?
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.5 2
(b) Does PE bisect CG?
(c) Identify any two line segments for which PE is the perpendicular bisector.
(d) Are these true?
(i) AC>FG
(ii) CD = GH
(iii) BC < EH.
Solution:
(a) Yes, both measure 2 units.
(b) Yes, because CE = EG
(c) \(\overline{B H}\) and \(\overline{D F}\) are two line segments for which PE is the perpendicular bisector.
(d) (i) True
Since, AC = 2 units and FG = 1 unit.
∴ AC > FG
(ii) True
Since, CD = GH = 1 unit
(iii) True
Since, BC = 1 unit, EH = 3 units.
∴ BC < EH.

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4

Question 1.
What is the measure of
(i) a right angle?
(ii) a straight angle?
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 1

Question 2.
Say True or False:
(a) The measure of an acute angle < 90°.
(b) The measure of an obtuse angle < 90°.
(c) The measure of a reflex angle > 180°.
(d) The measure of one complete revolution = 360°.
(e) If m∠A = 53° and m∠B = 35°, then m∠A > m∠B.
Solution:
(a) True
(b) False
Since, measure of an obtuse angle is greater than 90° and less than 180°.
(c) True
(d) True
(e) True

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4

Question 3.
Write down the measures of
(a) some acute angles.
(b) some obtuse angles.
(give at least two examples of each).
Solution:
(a) Measures of 2 acute angles are 35°, 20°
(b) Measures of 2 obtuse angles are 110°, 135°

Question 4.
Measure the angles given below using the Protractor and write down the measure.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 2
Solution:
(a) Near about 40°
(b) Near about 130°
(c) Near about 90°
(d) Near about 60°, 120°, 90°
Note: Students can measure the angles exactly with the help of protractor.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4

Question 5.
Which angle has a large measure? First estimate and then measure.
Measure of Angle A =
Measure of Angle B =
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 3
Solution:
By estimating, we observe that ∠B has a large measure.
∠A = near about 40° and ∠B = near about
65°.
Note: Students can measure the angles exactly with the help of protractor.

Question 6.
From these two angles which has larger measure? Estimate and then confirm by measuring them.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 4
Solution:
Second angle has larger measure.
First angle is near about 30° and second angle is near about 70°.
Note: Students can measure the angles exactly with the help of protractor.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4

Question 7.
Fill in the blanks with acute, obtuse, right or straight:
(a) An angle whose measure is less than that of a right angle is ___.
(b) An angle whose measure is greater than that of a right angle is ___.
(c) An angle whose measure is the sum of the measures of two right angles is ___.
(d) When the sum of the measures of two angles is that of a right angle, then each one of them is ___.
(e) When the sum of the measures of two angles is that of a straight angle and if one of them is acute then the other should be ___.
Solution:
(a) Acute
(b) Obtuse
(c) Straight
(d) Acute
(e) Obtuse

Question 8.
Find the measure of the angle shown in each figure. (First estimate with your eyes and then find the actual measure with a protractor).
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 5
Solution:
(i) By estimating with our eyes, we came to know that the measure of angle is
(ii) By estimating with our eyes, we came to know that the measure of angle is 120°.
(iii) By estimating with our eyes, we came to know that the measure of angle is 60°.
(iv) By estimating with our eyes, we came to know that the measure of angle is 150°.
Note: Students can measure the angles exactly with the help of protractor.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4

Question 9.
Find the angle measure between the hands of the clock in each figure:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 6
Solution:
(i) 90° (Right angle)
(ii) 30° (Acute angle)
(iii) 180° (Straight angle)

Question 10.
Investigate
In the given figure, the angle measures 30°. Look at the same figure through a magnifying glass. Does the angle becomes larger? Does the size of the angle change?
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 7
Solution:
No, the measure of angle will be same.

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Question 11.
Measure and classify each angle:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 8
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.4 9
Note: Students can measure the angles exactly with the help of protractor.

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MP Board Class 8th Special Hindi अपठित गद्यांश

MP Board Class 8th Special Hindi अपठित गद्यांश(Apathit Gadyansh)

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) “मेरे स्वराज्य का ध्येय अपनी सभ्यता को अक्षुण्य बनाए रखना है। मैं बहुत-सी नई बातों को लेना चाहता हूँ, पर उन सबको भारतीयता का जामा पहनाना होगा। भारत ने पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है। ऐसा तभी कहा जा सकेगा, जब जनता यह अनुभव करने लगेगी कि उसे अपनी उन्नति करने तथा रास्ते पर चलने की आजादी है।”

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ii) स्वराज्य का ध्येय क्या है?
(iii) ‘पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है’, ऐसा कब कहा जा सकेगा?
उत्तर-
(i) स्वराज्य का ध्येय’ उपयुक्त शीर्षक है।
(ii) स्वराज्य का ध्येय है कि हम अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति को निरन्तर बनाए रखें। हम अपनी सभ्यता और संस्कृति में बाहर की बहुत-सी बातों को ग्रहण कर लेना तो चाहते हैं परन्तु उन्हें भारतीयता में बदलकर।
(iii) भारतवर्ष एक स्वतन्त्र देश है। ‘इसने पूर्ण आजादी प्राप्त कर ली है।’ ऐसा तो तभी कहा जा सकेगा जब हम अपनी उन्नति करने में भी आजाद हों। साथ ही, हमें उन उपायों की भी जानकारी होनी चाहिए, जिन पर चलकर हम उन्नति कर सकें और अपनी आजादी की रक्षा कर सकें।

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(2) राष्ट्रीय एकता के अर्थ की विशदता उसकी। गम्भीरता को समझने के लिए सम्पूर्ण भारत की आर्थिक,। सामाजिक, राजनैतिक एवं वैचारिक समानता और एकता की भावभूमि को समझना होगा। हमारे विश्वास, पूजा-पाठ की विधियाँ, खान-पान, रहन-सहन तथा वेशभूषा में अन्तर हो सकता है लेकिन भारतवर्ष की राष्ट्रीय एवं प्रभुसत्ता। सम्बन्धी स्तर पर प्रत्येक नागरिक के एकमत होने की बात। महत्त्व रखती है। यही तो वह हस्ती है जो पराधीनता में भी स्वाधीनता की ज्वाला धधकती रही। प्रत्येक भारतीय के। हृदय में आज स्वाधीन भारत के एकत्व का आधार उसकी अनेकता की शिला है जिसकी गहरी नींव पड़ी है।

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ii) राष्ट्रीय एकता के लिए किसका समझना जरूरी
(iii) ‘स्वाधीन भारत के एकत्व का आधार’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(i) उपयुक्त शीर्षक है ‘राष्ट्रीय एकता’।
(ii) राष्ट्रीय एकता के लिए सम्पूर्ण भारत की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं वैचारिक समानता एवं एकता की भावभूमि को समझना जरूरी है।
(iii) स्वाधीन भारत के एकत्व का आधार उसकी अनेकता की शिला है जिसकी गहरी नींव पड़ी हुई है। यहाँ के नागरिक वेशभूषा में अन्तर कर सकते हैं लेकिन वे भारत की एकता और प्रभुसत्ता के स्तर पर एकमत ही रहते हैं।

(3) किसी भी समाज की प्रगति का मापदण्ड उस समाज द्वारा दी गई स्त्रियों की पद-मर्यादा है, क्योंकि स्त्रियाँ प्रत्येक सामाजिक संगठन का आधार और संस्कृति की स्त्रोत मानी जाती हैं। इसलिए कहा जाता है कि नारी शक्ति का अपार भण्डार है। नारी के वास्तविक महत्त्व को पारिवारिक सन्दर्भ में समझा जा सकता है-नारी परिवार की नींव है, परिवार समुदाय की नींव है और समुदाय राष्ट्र की। यह आज की ही सच्चाई नहीं है, यह तो आदिकालीन सच्चाई है, क्योंकि प्रसिद्ध विद्वान रायडन ने कहा था-स्त्रियों ने ही प्रथम सभ्यता की नींव डाली और उन्होंने ही जंगलों में मारे-मारे, भटकते-फिरते पुरुषों का हाथ पकड़कर उन्हें स्थिर जीवन दिया और ‘घर’ में बसाया।

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। .
(ii) नारी के महत्त्व को किस सन्दर्भ में समझा जा सकता है?
(ii) प्रसिद्ध विद्वान रायडन के कथन का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
(i) स्त्रियों की पद-मर्यादा’ उपयुक्त शीर्षक है।
(ii) नारी के महत्त्व को पारिवारिक सन्दर्भ में समझा जा सकता है, परिवार समुदाय की नींव है और समुदाय राष्ट्र की।
(iii) प्रसिद्ध विद्वान रायडन का कथन है-“स्त्रियों ने ही प्रथम सभ्यता की नींव डाली और उन्होंने ही जंगलों में मारे-मारे, भटकते-फिरते पुरुषों का हाथ पकड़कर उन्हें स्थिर जीवन दिया और ‘घर’ में बसाया।”

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(4) भारतीय जनता का अधिकांश भाग गाँवों में बसता है। उनका मुख्य उद्योग कृषि है और कृषि कार्य भारतीय जीवन में और भारतीय संस्कृति में सर्वोपरि, महत्त्वपूर्ण और श्रेष्ठ कहा गया है। कृषि कार्य को आध्यात्म और समन्वित श्रेष्ठ स्वरूप में उपस्थित किया गया है, परन्तु आज के वैज्ञानिक युग में कृषि कर्म के महत्त्व को गिरा दिया है और नौकरी को प्राथमिकता दी जा रही है लेकिन अत्यन्त दुःख की बात तो यह है कि कृषक स्वयं ही अपने कर्म को निकृष्ट और निम्नकोटि का मानने लगा है।

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ii) कृषि कार्य के सन्दर्भ में क्या कहा गया है?
(iii) कृषि कर्म के प्रति कृषक की क्या सोच है?
उत्तर-
(i) इन पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक है-‘मुख्य उद्योग कृषि’।
(ii) कृषि कार्य के सन्दर्भ में कहा गया है कि भारतीय जीवन में तथा भारतीय संस्कृति में कृषि कार्य सर्वोपरि है और महत्त्वपूर्ण है। कृषि कार्य अध्यात्म और श्रम से संयुक्त होने से श्रेष्ठ है।
(iii) आज विज्ञान का युग है। किसान ने ही कृषि कर्म के महत्व को बहुत गिरा दिया है। उसने नौकरी को प्राथमिकता दी है। यह निन्दनीय भी है कि किसान ने ही अपने कर्म को निकृष्ट और पतित बना दिया है।

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3

Question 1.
Match the following:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3 1
Solution:
(i) ➝ (c)
(ii) ➝ (d)
(iii) ➝ (a)
(iv) ➝ (e)
(v) ➝ (b)

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Question 2.
Classify each one of the following angles as right, straight, acute, obtuse or reflex:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3 2
Solution:
(a) Acute angle
(b) Obtuse angle
(c) Right angle
(d) Reflex angle
(e) Straight angle
(f) Acute angle

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti लेखकों और कवियों का जीवन परिचय

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions लेखकों और कवियों का जीवन परिचय

कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

जीवन परिचय-कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबन्द नगर में सन् 1906 ई. में हुआ था। आपके पिता रामदत्त मिश्र पूजा-पाठ व पुरोहिताई से अपनी जीविका प्राप्त करते थे। आपने स्वाध्याय से ही संस्कृत, अंग्रेजी आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय भाग लेने के कारण आपको अनेक बार कारावास का दण्ड भोगना पड़ा। ‘प्रभाकर’ जी एक ख्याति प्राप्त पत्रकार थे। पत्रकारिता के क्षेत्र में आपने महान् मानवीय आदर्शों की स्थापना की। मानव कल्याण के प्रति समर्पित साहित्यकार के रूप में आपने युगीन परिस्थितियों और समस्याओं का सजीव चित्रण अपनी कृतियों में चित्रित किया है।

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भाषा-शैली-‘प्रभाकर’ जी की भाषा तत्सम प्रधान शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है। सुबोधता, माधुर्यमय, स्पष्टता, मुहावरों और कहावतों के प्रयोग से भाषा सशक्त हो गई है।

‘प्रभाकर’ जी की शैली में भावात्मकता, वर्णनात्मकता, नाटकीयता का गुण मिलता है।

प्रमुख कृतियाँ-पत्रकारिता और साहित्यिक क्षेत्र में आपने रेखाचित्र, संस्मरण, निबन्ध और रिपोर्ताज आदि विधाओं पर अपनी कलम का प्रभाव दिखाया। ‘ज्ञानोदय’, ‘नया जीवन’, ‘विकास’, पत्रिकाओं का सम्पादन करके पत्रकारिता को काफी ऊँचाई प्रदान की। ‘जिन्दगी मुस्कराई’, ‘माटी हो गई फूल’ ‘आकाश के तारे’, ‘धरती के फूल’, ‘दीप जले शंख बजे’ आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

पं. माखन लाल चतुर्वेदी

जीवन परिचय-पं. माखन लाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल, सन् 1889 ई. को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के 5 बाबई ग्राम में हुआ था। इनके पिता पं. नन्दलाल चतुर्वेदी गाँव के प्राइमरी स्कूल में अध्यापक थे। इन्होंने घर पर ही संस्कृत, बंगला, गुजराती और अंग्रेजी भाषा का अध्ययन किया। पन्द्रह वर्ष की। उम्र में ही इनका विवाह हो गया था। इन्होंने आठ रुपये मासिक पर अध्यापन कार्य किया। इन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लिया और इन्हें जेल यात्राएँ भी करनी पड़ी। पं. माखन लाल चतुर्वेदी को सन् 1943 ई. में हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अध्यक्ष बनाया गया। इनका उद्देश्य साहित्य सृजन और देश सेवा ही रहा। इसके लिए भारत सरकार ने इन्हें पद्मभूषण और सागर विश्वविद्यालय ने डी. लिट् की मानद उपाधियाँ प्रदान की। मध्य प्रदेश शासन ने। 7500 रुपये की भेंट तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। 80 वर्ष की। उम्र में 30 जनवरी, सन् 1968 ई. को उनका देहावसान हो गया।

भाषा-शैली-इनकी भाषा शुद्ध मजी हुई खड़ी बोली है।

जहाँ-तहाँ उर्दू के शब्दों का प्रयोग किया है। उनकी शैली मुक्तक। प्रधान है। उसमें छायावाद का पुट है।

प्रमुख कृतियाँ-

  1. हिम किरीटनी, हिम तरंगिनी, माता, युगचारण, समर्पण, वेणु लो गूंजे धरा (काव्यसंग्रह)।
  2. साहित्य देवता (गद्यकाव्य),
  3. चिन्तक की लाचारी, आत्मदीक्षा (भाषा संग्रह),
  4. अमीर इरादे, गरीब इरादे (निबन्ध संग्रह),
  5. नागार्जुन युद्ध (नाटक),
  6. वनवासी, कला का अनुवाद (कहानी संग्रह),
  7. प्रभा, कर्मवीर (सम्पादन)।

गुणाकर मुले

  • जन्म स्थान-महाराष्ट्र के अमरावती जिले का सिन्दी बुजरुक गाँव।
  • जन्म काल-सन् 1955 ई.।
  • शिक्षा-इलाहाबाद में उच्च शिक्षा।
  • कार्यक्षेत्र-स्वतन्त्र पत्रकारिता। विज्ञान में जटिल विषयों। को रोचक ढंग से प्रस्तुत करना।

डॉ. परशुराम शुक्ल

  • जन्म स्थान-कानपुर जिले का मैबूल नामक ग्राम।
  • जन्म काल-6 जून, सन् 1947 ई.।
  • लेखन विषय-शिशुगीत, बाल कविताएँ, बाल एकांकी तथा बाल उपयोगी
  • ज्ञान-विज्ञान से सम्बन्धित आलेख।
  • कृतियाँ-वृक्ष-कथा, मास्टर दीनदयाल, विश्व जलचर कोश तथा ज्ञान-विज्ञान कोश।

विष्णु प्रभाकर

  • जन्म स्थान-ग्राम मीरनपुर, जिला-मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)।
  • जन्म काल-सन् 1912 ई.।
  • विधाएँ-कहानी, उपन्यास, नाटक, एकांकी, रिपोर्ताज।
  • कृतियाँ-उपन्यास-‘ढलती रात’, ‘स्वप्नमयी’।
  • कहानी संग्रह-‘आदि और अन्त’, ‘संघर्ष के बाद’।
  • एकांकी संग्रह-‘डॉक्टर’, ‘प्रकाश’, ‘परछाइयाँ’।

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डॉ. बरसाने लाल चतुर्वेदी

जीवन परिचय-डॉ. बरसाने लाल चतुर्वेदी व्यंग्य और हास्य के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। श्री चतुर्वेदी राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में ख्याति प्राप्त कवि हैं। ऊर्जावान् कवि डॉ. चतुर्वेदी ने लगभग 40 ग्रन्थों की रचना की है। गद्य तथा पद्य दोनों में आपका बराबर अधिकार है। डॉ. चतुर्वेदी को हास्य व्यंग्य लेखन के लिए ठिठोली ‘चकल्लम’, ‘मानव बिन्दु’ मुख्य विषय हैं। आपको भारत सरकार ने पद्मश्री से अलंकृत किया है।

सूरदास

जीवन परिचय-कृष्ण भक्त सूरदास का जन्म मथुरा-आगरा सड़क के किनारे बसे रुनकता गाँव में सन् 1478 ई. में हुआ था। ये जन्मान्ध थे। संगीत प्रतिभा जन्म से ही थी। गऊघाट पर रहकर ईश्वर भजन करते थे। यहाँ से महाप्रभु बल्लभाचार्य की प्रेरणा पाकर रंगनाथ जी के मन्दिर में आ गए और श्रीकृष्ण की लीलाओं का गान पदों के माध्यम से करने लगे।
सन् 1582 ई. में इनका निधन हो गया। इस तरह इन्होंने 104 वर्ष का यशस्वी जीवन प्राप्त किया।
कृतियाँ-सूर-सागर, सूरसारावली तथा साहित्य लहरी इनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।

रस-सूर के काव्य में वात्सल्य एवं शृंगार रस का अपूर्व प्रयोग हुआ है।
भाषा-सूर की भाषा ब्रजभाषा है। कहावतों और लोकोक्तियों के प्रयोग से भाषा सजीव हो उठी है। भाषा की मधुरता सम्पूर्ण काव्य में व्याप्त है।

तुलसीदास

जीवन परिचय-रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि तुलसी का जन्म सन् 1532 ई. में बाँदा जिले के राजापुर गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम और माता का नाम हुलसी था। इनके गुरु नरहरिदास थे। गुरु की कृपा से इन्हें भक्ति मार्ग मिला। सन् 1623 ई. में 94 वर्ष की उम्र में इनका निधन हो गया।

कृतियाँ-रामचरितमानस, विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली, बरवै-रामायण आदि प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।। रस-सभी नव-रसों का प्रयोग तुलसी ने अपने काव्य में किया है।

भाषा-तुलसी ने अपने काव्य में ब्रज और अवधी भाषा का। प्रयोग किया है। भाषा संस्कृतनिष्ठ परिमार्जित तथा श्रुतिमाधुर्य गुण प्रधान है।

मीराबाई

जीवन परिचय-मीरा का जन्म सन् 1498 ई. में राजस्थान के चौकड़ी (मेड़ता), जोधपुर में हुआ था। मीरा पर अपने पितामह दूदाजी का प्रभाव था। वे वैष्णव भक्त थीं। मीरा का। विवाह उदयपुर के राणा साँगा के पुत्र भोजराज के साथ हुआ था, परन्तु भोजराज की असमय मृत्यु हो गई। मीरा ने अपना मन। संसार के माया-मोह से हटा लिया और वे श्रीकृष्ण के रंग में रंग गईं। सन् 1546 ई. में उनका निधन हो गया।।

कृतियाँ-‘नरसी जी का मायरा’, ‘गीत गोविन्द की टीका’, ‘राग गोविन्द’, ‘राग सोरठा के पद’ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

रस-मीरा के काव्य में शान्त और श्रृंगार रस का प्रयोग हुआ है।

भाषा-मीरा की कविता में राजस्थानी संस्कारित ब्रजभाषा का प्रयोग हुआ है।

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

जीवन परिचय-निराला जी का जन्म बंगाल के मेदिनीपुर में सन् 1897 ई. में हुआ था। आपके पिता पं. रामसहाय त्रिपाठी उन्नाव जिले के ‘गढाकोला’ गाँव के रहने वाले थे। आपका कार्यक्षेत्र प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश ही रहा है। आपकी रचनाओं में प्रेम, सौन्दर्य, उल्लास, ओज और भक्ति के स्वर हैं। हिन्दी के छायावादी कवियों में आप निराले ही हैं। हिन्दी कविता को मुक्त छन्द आपकी देन है। आपका निधन 15 अक्टूबर, सन् 1961 ई. को हो गया।

कृतियाँ-

  1. काव्य-अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, अपरा, अणिमा, बेला, नये पत्ते, कुकुरमुत्ता।
  2. उपन्यास-अप्सरा, अलका, प्रभावती, निरूपमा।
  3. कहानी-लिली, सखी, चतुरी, चमार, सुकुल की बीबी।
  4. हास्य-व्यंग्य-कुल्लीभाट, बिल्लेसुर बकरिहा।
  5. समालोचना-रवीन्द्र कविता कला आदि। रस-शृंगार, करुण, शान्त, वीर और रौद्र रसों का प्रयोग। भाषा-संस्कृत गर्भित खड़ी बोली।

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शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

जीवन परिचय-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ का जन्म सन् 1916 ई. बसन्त पंचमी को झगरपुर, जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश में। हुआ था। आपकी आधी शिक्षा मध्य भारत में हुई थी। ग्वालियर के महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में व्याख्याता के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। उज्जैन के माधव कॉलेज में वे प्राचार्य रहे। वे। विक्रम विश्वविद्यालय के बरसों तक कुलपति के रूप में कार्य करते रहे। सुमन जी हिन्दी के अग्रणी कवियों में माने जाते

कृतियाँ-‘हिल्लोल’, ‘जीवन के गान’, ‘प्रलय सृजन’, ‘विश्वास बढ़ता ही गया’, ‘आँखें भरी नहीं’, ‘विन्ध्य-हिमाचल’, “माटी की बारात’। ‘माटी की बारात’ पर आपको साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया गया है।

रस-करुण, वीर और शान्त रस की अभिव्यक्ति।
भाषा-परिमार्जित लालित्य प्रधान खड़ी बोली।

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1

Question 1.
What is the disadvantage in comparing line segments by mere observation?
Solution:
There may be chance of error due to improper viewing.

Question 2.
Why is it better to use a divider than a ruler, while measuring the length of a line segment?
Solution:
It is better to use a divider than a ruler, because the thickness of the ruler may cause difficulties in reading of the length of a line segment. However, a divider gives accurate measurement.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1

Question 3.
Draw any line segment, say \(\overline{A B}\). Take any point C lying in between A and B. Measure the lengths of AB, BC and AC. Is AB = AC + CB? [Note : If A, B, C are any three points on a line such that AC + CB = AB, then we can be sure that C lies between A and B.]
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1 1
AB = 4 cm,
AC = 2 cm,
CB = 2 cm
Hence, AC + CB = 2 cm + 2 cm = 4 cm = AB
Yes, AB = AC + CB.

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Question 4.
If A, B, C are three points on a line such that AB = 5 cm, BC = 3 cm and AC =8 cm, which one of them lies between the other two?
Solution:
Since, \(\overline { AC }\) is the longest line segment. Thus B is the point lying between A and C.

Question 5.
Verify, whether D is the mid point of AG.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1 2
Solution:
AD = 3 units,
DG = 3 units,
AD = DG
Thus, D is the mid-point of AG.

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Question 6.
If B is the mid point of \(\overline { AC }\) and C is the mid point of \(\overline { BD }\), where A, B, C, D lie on a straight line, say why AB = CD?
Solution:
B is the mid point of \(\overline { AC }\).
∴ AB = BC … (i)
And C is the mid point of BD.
∴ BC = CD … (ii)
From (i) and (ii), we get
AB = CD

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Question 7.
Draw five triangles and measure their sides. Check in each case, if the sum of the lengths of any two sides is always less than the third side.
Solution:
Sum of the lengths of any two sides of a triangle can never be less than length of the third side.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1 3

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