MP Board Class 6th General Hindi व्याकरण

MP Board Class 6th General Hindi व्याकरण

संधि एवं संधि-विच्छेद

संधि एवं संधि-विच्छेद
(1) स्वर संधि

  • विद्यार्थी = विद्या + अर्थी
  • हिमालय = हिम + आलय
  • महात्मा = महा + आत्मा
  • परमात्मा = परम + आत्मा
  • विद्यालय = विद्या + आलय
  • यद्यपि = यदि + अपि
  • सूर्योदय = सूर्य + उदय
  • देवेन्द्र = देव + इन्द्र
  • रमेश = रमा + ईश
  • सुरेश = सुर + ईश
  • गिरिश = गिरि + ईश
  • विद्याध्ययन = विद्या + अध्ययन
  • स्वागत = सु + आगत
  • परोपकार = पर + उपकार
  • नयन = ने + अन
  • गायक = गै + अक

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(2) व्यंजन संधि

  • सज्जन = सत् + जन
  • सन्तोष = सम् + तोष
  • उन्नति = उत् + नति
  • उद्वेग = उत् + वेग
  • संसार = सम् + सार
  • उद्घाटन = उत् + घाटन
  • जगन्नाथ = जगत् + नाथ
  • जगदीश = जगत् + ईश
  • संहार = सम् + हार
  • संकल्प = सम् + कल्प
  • संयोग = सम् + योग
  • सद्भावना = सत् + भावना

(3) विसर्ग संधि

  • दुर्जन = दुः + जन
  • दुर्लभ = दुः + लभ
  • दुराचार = दुः + आचार
  • मनस्ताप = मनः + ताप
  • मनोबल = मनः + बल
  • मनोनुकूल = मनः + अनुकूल
  • वयोवृद्ध = वयः + वृद्ध
  • निष्फल = निः + फल
  • निष्कपट = निः + कपट
  • दुराशा = दु: + आशा

समास एवं समास विग्रह
(1) अव्ययीभाव समास

  • यथाशक्ति – शक्ति के अनुसार
  • प्रतिदिन – दिनों दिन
  • आजीवन – जीवन पर्यन्त
  • आजन्म – जन्म पर्यन्त
  • प्रत्येक – प्रति एक
  • प्रतिक्षण – क्षण-क्षण

(2) तत्पुरुष समास

  • पथभ्रष्ट – पथ से भ्रष्ट
  • सत्याग्रह – सत्य के लिए आग्रह
  • नीतियुक्त – नीति से युक्त
  • बुद्धिहीन – बुद्धि से हीन
  • कर्महीन – कर्म से रहित
  • शरणागत – शरण के लिए आया
  • पदमुक्त – पद से मुक्त
  • राष्ट्रचिन्ह – राष्ट्र का चिन्ह
  • ध्यानमग्न – ध्यान में मग्न
  • पुरुषोत्तम – पुरुषों में उत्तम
  • नरश्रेष्ठ – नर में श्रेष्ठ
  • राजपुत्र – राजा का पुत्र
  • राजद्रोह – राज से द्रोह
  • धर्मशाला – धर्म की शाला
  • राजप्रासाद – राज का प्रासाद
  • जन्मभूमि – जन्म की भूमि
  • सूर्यप्रकाश – सूर्य का प्रकाश

(3) कर्मधारय समास

  • नीलकमल – नील जैसा कमल
  • नीलकण्ठ – नील जैसा कण्ठ
  • घनश्याम – घन जैसा श्याम
  • चरण कमल – कमल जैसा चरण
  • चन्द्रमुख – चन्द्र जैसा मुख
  • सर्वजन – सभी लोग
  • अल्पसंचय – अल्प संचय जैसा
  • योगिजन – योगबी जैसे जन

(4) द्विगु समास

  • पंचवटी – पाँच वटों का समूह
  • नवग्रह – नौ ग्रहों का समूह
  • त्रिमूर्ति – तीन मूर्तियों का समूह
  • पंचनद – पाँच नदों का समूह
  • पंचरत्न – पाँच रत्नों का समूह
  • पंचगव्य – पाँच गव्यों का समूह
  • नवरत्न – नौ रत्नों का समूह
  • नवग्रह – नौ ग्रहों का समूह

(5) बन्द समास

  • न्याय – धर्म – न्याय और धर्म
  • माता – पिता – माता और पिता
  • भाई – बहिन – भाई और बहिन
  • पाप – पुण्य – पाप और पुण्य
  • धर्म – अधर्म – धर्म और अधर्म
  • अमीर – गरीब – अमीर और गरीब
  • दाल – रोटी – दाल और रोटी
  • लोटा – डोरी – लोटा और डोरी
  • राम – लक्ष्मण – राम और लक्ष्मण
  • चाचा – चाची – चाचा और चाची

(6) बहुब्रीहि समास

  • सत्यवादी – जो सत्य बोला है (वह व्यक्ति)
  • पीताम्बर – पीले अम्बर वाले (विष्णु)
  • गजानन – गज के समान आनन (गणेश)
  • दशानन – दश हैं आनन जिनके (रावण)
  • वीणापाणि – वीणा है जिनके हाथ में (सरस्वती)
  • चन्द्रशेखर – चन्द्र है शेखर पर जिसके (शिव)
  • मुरलीधर – मुरली धारण करने वाले (श्रीकृष्ण)

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संज्ञा

प्रश्न-
संज्ञा की परिभाषा लिखकर उसके भेद बताइये
उत्तर-
परिभाषा-किसी व्यक्ति, वस्तु, जाति, स्थान आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

जैसे-
अमीना, वाराणसी, गाय, चांदी, भीड़ आदि। प्रकार-संज्ञा के प्रमुख पाँच प्रकार हैं

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा-जिस संज्ञा से किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का ज्ञान हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-जबलपुर, कृष्ण, इलाहाबाद, गीता।
  2. जातिवाचक संज्ञा-जिस संज्ञा से एक ही जाति का ज्ञान हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-बंदर, सुअर, घर आदि।
  3. भाववाचक संज्ञा-जिन शब्दों से किसी भाव या काम का ज्ञान हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-शत्रुता, सौंदर्य, प्रेम, मूर्खता आदि।
  4. समुदायवाचक संज्ञा-जिन शब्दों से समूह का ज्ञान हो, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-मेला, भीड़, जुलूस, रथ-यात्रा आदि।
  5. पदार्थवाचक संज्ञा-जिन शब्दों से किसी पदार्थ का ज्ञान हो, उसे पदार्थवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे-सोना, चांदी, सीसा आदि।

सर्वनाम

प्रश्न-
सर्वनाम की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण सहित बताइये।
उत्तर-
परिभाषा-वाक्य में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। या जो संज्ञा शब्दों के बदले में आते हैं उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे-राम सुरेंद्र के साथ उसके विद्यालय तक आया।

उपर्युक्त वाक्य में उसके’ सर्वनाम सुरेंद्र के लिए प्रयुक्त है। सर्वनाम के प्रकार-सर्वनाम के प्रमुख पाँच प्रकार हैं-

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम-जो सर्वनाम वक्ता, श्रोता या अन्य व्यक्ति के बदले प्रयुक्त होता है उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसके तीन उपभेद हैं।
    • अन्य पुरुष-वह, वे
    • मध्यम पुरुष-तुम, आप, तू
    • उत्तम पुरुष-मैं, हम।
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम-जिस सर्वनाम से वक्ता के समीप एवं दूर की वस्तु का निश्चय हो, वह निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाता है। जैसे-यह, वह, ये, वे आदि।
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम-जिस सर्वनाम से पुरुष या वस्तु का निश्चित ज्ञान न प्राप्त हो, वह अनिश्चयवाचक सर्वनाम होता है। जैसे-कुछ, कौन, कोई आदि।
  4. संबंधवाचक सर्वनाम-जिन शब्दों से संज्ञाओं के बीच परस्पर संबंध का ज्ञान हो उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-जैसा-तैसा, जिस-तिस।
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम-जिस सर्वनाक से प्रश्न के विषय में जानकारी मिले वह प्रश्नवाचक सर्वनाम है। जैसे-क्या, कौन, क्यों आदि।

विशेष एवं विशेष्य

प्रश्न-
विशेषण की परिभाषा एवं प्रकार बताइए।
उत्तर-
परिभाषा-जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता प्रदर्शित करते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। जैसे राम अच्छा विद्यार्थी है। उपर्युक्त वाक्य में ‘अच्छा’ शब्द राम की विशेषता प्रकट कर रहा है। अतः यह विशेषण है।

विशेषण के प्रकार-विशेषण के मुख्य चार प्रकार हैं-

  1. गुणवाचक विशेषक-संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के गुण, दोष अवस्था, रंग आदि की विशेषता बताने वाले शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। जैसे-काली गाय, लाल बस।
  2. संख्यावाचक विशेषण-जिससे संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का पता चले वह संख्यावाचक विशेषण कहलाता है। जैसे-बीस शालाएँ, पाँच अंगुलियाँ।
  3. परिमाणवाचक विशेषण-जिससे संज्ञा या सर्वनाम के परिमाण (नाप-तौला) का ज्ञान हो उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते है। जैसे-दस किलोमीटर, पाँच सेर।।
  4. सार्वनामिक विशेषण-यदि सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के साथ उसके संकेत के रूप में किया जाए, तो वह सार्वनामिक विशेषण कहलाता है। जैसे-यह तुम्हारी कलम है।

क्रिया

परिभाषा एवं प्रकार

परिभाषा-जिस शब्द से किसी काम का करना, रहना या होने का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-श्याम जाता है। सीला बैठी है। आदि। क्रियाओं के अन्य प्रकार

  1. प्रेरणार्थक क्रिया-जिस क्रिया के माध्यम से कर्ता स्वयं काम न करके दूसरे को कार्य करने की प्रेरणा दे, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे-जगना से जगाना, रोना से रुलाना।
  2. पूर्वकालिक क्रिया-पूर्वकालिक क्रिया मूल क्रिया की समाप्ति के पहले प्रयुक्त की जाती है। जैसे-सोकर, जागकर, खाकर आदि।
  3. संयुक्त क्रिया-जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ एक साथ आती है, तो उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं। जैसे-जाना चाहता है, गा सकना आदि।

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क्रिया-विशेषण
परिभाषा-जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। क्रिया-विशेषण के प्रकार-क्रिया-विशेषण के चार प्रकार हैं-

  1. स्थानवाचक-ये शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं। जैसे-यहाँ, वहाँ, उस आदि।
  2. कालवाचक-ये विशेषण क्रिया के समय की विशेषता बताते हैं, अतः इन्हें कालवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे-आज, कल।
  3. परिमाणवाचक-ये विशेषण क्रिया का परिमाण बतलाते हैं अतः इन्हें परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे-न्यून, अधिक, कम आदि।
  4. रीतिवाचक-ये विशेष क्रिया होने का ढंग बताते हैं। अतः इन्हें रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे-धीरे, तेज़, मंद, आदि।

संबंधबोधक अव्यय

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ प्रयुक्त होकर वाक्य के दूसरे शब्दों से उसका संबंध बताते हैं, संबंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे-भीतर, सहित और आदि।

समुच्चयबोधक अव्वय- जो शब्द दो शब्दों या वाक्यों को मिलाते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे-भी, तथा, मानो, इसलिए आदि।
विस्मयादिबोधक अव्यय- जो शब्द वक्ता के शोक, हर्ष, विषाद या लज्जा के भावों को प्रकट करें, वे विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे-अरे, अहो, हाय, धन्य आदि।

कारक

प्रश्न-
कारक की परिभाषा एवं भेद बताइये।
परिभाषा-संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका वाक्य के दूसरे शब्दों से संबंध जाना जाए, उसे कारक कहते हैं। जैसे-राम ने गीता की पुस्तक को पढ़ा।

विभक्ति- कारक प्रकट करने के लिए संज्ञा या सर्वनाम के साथ जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें विभक्ति कहते हैं।

हिंदी में आठ कारक हैं तथा उनके विभक्ति चिन्ह निम्नलिखित हैं-
MP Board Class 6th General Hindi व्याकरण 1

काल

परिभाषा-क्रिया के जिस रूप से उसके करने या होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं।

प्रकार-काल के तीन प्रकार हैं-
(1) भूल काल,
(2) वर्तमान काल
(3) भविष्यत् काल।।

  1. भूत काल-क्रिया के जिस रूप से उसके बीते समय का ज्ञान हो, उसे भूत काल कहते हैं। राम ने यज्ञ किया।
  2. वर्तमान काल-क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमान में होने का बोध हो उसे वर्तमान काल कहते हैं। जैसे-राम जा रहा है।
  3. भविष्यत् काल-क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने का आने वाले समय में ज्ञान हो, वह भविष्यत् काल कहलाता है। जैसे-हम रात्रि जागरण करेंगे।

उपसर्ग

परिभाषा-वे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व लगकर उसके अर्थ को परिवर्तित कर देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।
जैसे-प्र + हार = प्रहार, (हार = पराजय) प्रहार = आक्रमण-

प्रमुख उपसर्ग इस प्रकार हैं

  • प्र – प्रक्रिया, प्रकाण्ड, प्रदूषण, प्रस्थान, प्रवेश, प्रगति।
  • परा – पराजय, पराभव, परागबैनी।
  • अनु – अनुशासन, अनुकरण, अनुचर, अनुग्रह, अनुरोध।
  • अव – अवगुण, अवतरण, अवसर, अवतार, अवस्था।
  • निर् – निर्मल, निर्बल, निर्जल, निर्दय, निर्विकार।
  • दुस् – दुःशासन, दुस्साहस।
  • अति – अतिवीर, अत्यधिक अतिरिक्त, अत्याचार, अतिशय।
  • अप – अपमान, अपयश, अपवाद।
  • उत् – उत्कीर्ण, उद्गार, उद्दण्ड, उद्घाटन, उत्सुक, उत्थान, उद्योग, उद्यान, उन्नति, उदाहरण।
  • उप – उपकरण, उपहारस, उपकार, उपकृत, उपद्रव।
  • नि – निवेदन, निवास, नियुक्त, निमंत्रण।
  • परि – परिस्थिति, पर्यावरण, परिवर्तन, परिचय, परिमिति, परिश्रम।
  • वि – विकट, विध्वंस, विपक्ष, विसर्जित, विकल्प, विलक्षण, विकल, विपत्ति।

प्रत्यय

परिभाषा-वे शब्दांश जो शब्द के अंत में जुड़कर शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रमुख प्रत्यय एवं उनसे बने शब्द नीचे अनुसार हैं-

  • डक – तांत्रिक, साहित्यिक, लौकिक, धार्मिक, दैनिक, वार्षिक, बौद्धिक, तार्किक, नैयायिक।
  • इन – मलिन।
  • ई – योगी, माली।
  • इत – पतित, लज्जित, लिखित, निर्मित, चलित।
  • गत – मनोगत, दृष्टिगत, व्यक्तिगत, कण्ठगत, स्वर्गगत, दलगत।
  • गम – दुर्गम, हृदयंगम, अगम, संगम, विहंगम।
  • दायक – गुणदायक, मंगलदायक, कष्टदायक, लाभदायक, सुखदायक।
  • धर – गिरिधर, गंगाधर, हलधर, जलधर, पयोधर, विषधर, मुरलीधर।
  • भेद – बुद्धिभेद, मतभेद, अर्थभेद, धर्मभेद, शब्दभेद।
  • रहित – भावरहित, धर्मरहित, ज्ञानरहित, प्रेमरहित, दयारहित, शंकारहित, कल्पनारहित।
  • शील – विचारशील, दानशील, धर्मशील, सहनशील, प्रगतिशील।
  • हीन – गुणहीन, मतिहीन, विद्याहीन, शक्तिहीन, कुलहीन, धनहीन।
  • रत – कार्यरत, अध्ययनरत।

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मुहावरे : अर्थ एवं वाक्यों में प्रयोग

  1. काफूर हो जाना (दूर हो जाना)-हामिद की बातें सुनकर अमीना का गुस्सा काफूर हो गया।
  2. कसमें खाना (प्रतिज्ञा करना)-तुम्हें झूठी कसमें कभी नहीं खानी चाहिए।
  3. छक्के छूट जाना (हिम्मत हार जाना)-हमारे सैनिकों की वीरता के आगे शत्रुओं के छक्के छूट जाते हैं।
  4. रंग जमाना (रौब जमाना)-हामिद के चिमटे की तारीफ कर सभी साथियों पर रंग जमा दिया।
  5. गद्गद होना (गला भर जाना)-हामिद के चिमटा लेने के कारण का उत्तर सुनकर दादी गद्दगद् होकर रो पड़ी।
  6. माटी में मिल जाना (नष्ट हो जाना)-नूरे के वकील साहब लुढ़क पड़े और उनका माटी का चोला माटी में मिल गया।
  7. मुँह छिपाना (लज्जित होना)-रमेश को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे उसे लोगों के सामने मुँह छिपाना पड़े।
  8. नींद खुलना (होश आना)-तुम ताला बंद करके नहीं जाते। यादे चोरी हो गयी, तो तुम्हारी नींद खुलेगी।
  9. पीठ दिखाना (मैदान छोड़कर भाग जाना)-हमारे सैनिक युद्ध के मैदान से कभी पीठ दिखाकर नहीं भागते।
  10. आँख चौंधिया जाना (आश्चर्यचकित हो जाना) -दीपावली की चकाचौंध देखकर सहज ही आँखे चौंधिया जाती हैं।
  11. लोहा लेना (टक्कर लेना)-शत्रुओं का हमारे सैनिकों से लोहा लेना बड़ा महंगा पड़ेगा।
  12. हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना (निठल्ला रहना)-हमें कभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रहना चाहिए।
  13. पाँचों अंगुलियाँ घी में होना (लाभ ही लाभ)-आजकल रहमान की पाँचों अंगुलियाँ घी में हैं।
  14. प्राण फूंकना (जान डाल देना)-उपवास आत्मा की शांति के लिए किया हुआ शरीर में प्राण फूंकने जैसा कार्य है।
  15. मिट्टी में मिलना (नष्ट करना)-मेला न देख पाने का कारण टिंकू के सारे के सारे अरमान मिट्टी में मिल गए।
  16. फूले न समाना (खुशी की सीमा न रहना)-परीक्षा फल में प्रथम श्रेणी में पास होने पर मैं फूला नहीं समाया।
  17. तीर मारना (बहादुरी दिखाना)-दो वर्ष में एक कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इतनी खुशी हो रही है जैसे कोई तीर मारकर लौटे हो।
  18. सतर्क रहना (सावधान रहना)-हमें शहर में जेब-कतरों से हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
  19. हाथ-पाँव फूलना (हताश हो जाना)-बालकों की निर्भीकता एवं साहस देखकर डाकू रामसिंह के हाथ-पाँव फूल गए।
  20. आँख का तारा (परम प्रिय)-अक्षय और निर्भय अपने दादा की आँख के तारे थे।
  21. बाल बाँका न होना (कुछ भी न बिगाड़ पाना)-डाकू रामसिंह वीर बालकों का बाल बाँका न कर सका।
  22. मुँह में पानी आना (मन ललचाना)-खेत में लगे हरे-हरे चनों को देखकर सबके मुँह में पानी आ गया।
  23. अंधे की लकड़ी (एक मात्र सहारा)-हामिद अमीना के लिए अंधे की लकड़ी के समान था।
  24. अपना उल्लू सीधा करना (मतलब निकालना)-कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने में ही लगे रहते हैं।
  25. अपने पैरों पर खड़े होना (आत्म-निर्भर बनना)-हमें उद्यम करके अपने पैरों पर खड़े हो जाना चाहिए।
  26. आँख में धूल झोंकना (धोख देना)-कभी-कभी चोर पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग जाते हैं।
  27. कमर कसना (तैयार होना)-देश से निरक्षरता दूर करने के लिए हम सभी को कमर कस लेनी चाहिए।
  28. जहर का यूंट पीना (क्रोध को दबाना)-प्रताड़ित होने पर नववधूओं को क्रोध तो आता है, परंतु परवशता में वे जहर का चूंट पीकर रह जाती हैं।
  29. नाक में दम करना (तंग करना)-तुमने तो हमारी नाक में दम कर रखा है, क्या मैं ठीक से सो भी नहीं सकता?
  30. नौ-दो ग्यारह होना (भाग जाना)-पुलिस को देखते ही चोर नौ-दो ग्यारह हो गया।
  31. मुँह की खाना (पराजित होना)-सन् 1965 के युद्ध में भारतीय वीरों के सम्मुख पाकिस्तानी सैनिकों को मुँह की खानी पड़ी थी।
  32. श्री गणेश होना (काम का शुभारंभ होना)-स्टेडियम की आधारशिला रखकर मुख्यमंत्री ने कार्य का श्री गणेश किया।
  33. लेने के देने पड़ना (हानि होना)-भारतीय सैनिकों के सम्मुख पाकिस्तानी सैनिकों को लेने के देने पड़ गए।
  34. हाथ बटाना (हिस्सा लेना)-हमें हमेशा अपने बड़ों के कामों में हाथ बटाना चाहिए।

विराम-चिन्ह

परिभाषा-शब्दों व वाक्यों का परस्पर संबंध बताने तथा किसी विषय को भिन्न-भिन्न भागों में बाँटने व पढ़ने में ठहरने के लिए जिन चिन्हों का उपयोग किया जाता है, उन्हें विराम-चिन्ह कहते हैं।

विराह-चिन्ह निम्न प्रकार के होते हैं-

  • अल्पविराम (,)
  • अर्धविराम (;)
  • पूर्णविराम (।)
  • प्रश्नबोधक (?)
  • विस्मयादिवोधक (!)
  • उद्धरण चिन्ह (“)
  • निदेशक (:-)
  • कोष्ठक ()
  • योजक चिन्ह (-)
  • लाघव चिन्ह (0)
  • त्रुटिपूरक (^)

पर्यायवाची शब्द

  • चंद्रमा – चंद्रमा, शशि, द्विजराज, विधु, सुधाकर, राकापति, निशापति, रजनीश, हिमांशु, शशांक, मयंक, राकेश।
  • तालाब – सर, सरोवर, तडाग, हृद, ताल। देवता-अमर, विबुध, देव, सुर।
  • असुर – राक्षस, दैत्य, दानव, दनुज, निशाचर, रजनीचर, तमीचर।
  • पर्वत – नग, गिरि, अचल, भूधर, महीधर, शैल, पहाड़।
  • जल – वारि, अंबु, तोय, नीर, पानी, पय, अंभ, उदक, अमृत, जीवन, अप।
  • कमल – पदम्, अंबुज, जलज, नीरज, सरोज, वारिज, पंकज, सरसिज, राजीव, अरविंद, नलिनी, उत्पल, पुण्डरीक।
  • स्त्री – अबला, नारी, महिला, ललना। राजा-नृप, नृपति, भूप, भूपति, नरपति, नरनाथ, भूपाल, नरेश।
  • अमृत – पीयूष, सुधा, सोपान, अमिय। पुत्र-आत्मज, सुत, सूनु, तनय, तनुज।
  • पृथ्वी – भूमि, भू, धरा, अचला, मही, क्षिति, धरती, वसुधा, वसुंधरा।
  • समुद्र – सागर, सिंधु, जलधि, जलनिधि, पयोधि, नीरधि, वारीश।
  • बादल – मेघ, घन, वारिद, अंबुद, तोयद, जलद, जलधर।
  • फल – पुष्प, कुसुम, सुमन, प्रसून।
  • ब्राह्मण – द्विज, भूदेव, भूसूर, विप्र, अग्र, जन्मा।
  • भोरा – अलि, भ्रमर, षट्पद, षडनि, मिलिंद।

विरुद्धार्थी शब्द

MP Board Class 6th General Hindi व्याकरण 2

अनेकर्थी शब्द

कनक-सोना, धतूरा। आवागमन यातायात, संसार, भ्रमण। हलधर के वीर-बैल, कृष्ण। वृषभानुज गाय, राधा। पानी इज्जत, जल। राम-श्रीराम, ईश्वर। अंबर-कपड़ा, आकाश। पेय-दूध, पानी। पत्र-पत्ता, चिट्ठी। कंचन-सोना, स्वच्छ। अंबु-जल, एक छंद, चार, आम। अंकन-लिखना, चित्र बनाना। अंकुर पौधे का छोटा रूप, जल, संतति। अकंटक बिना काँटे के, शत्रु रहित। अक्सीर शर्तिया, अचूक। कृष्ण काला, श्याम, (श्रीकृष्ण जी)। अरण्य जंगल, सन्ख्यासियों का एक प्रकार, एक फल का नाम। आँख नेत्र, ईख की गाँठ, संतान। उदरपेट, वस्तु का भीतरी भाग। शुष्क-सूखा, उदास।

तद्भव एवं तत्सम शब्द

MP Board Class 6th General Hindi व्याकरण 4
MP Board Class 6th General Hindi व्याकरण 3

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

  • वह व्यक्ति जो ईश्वर को नहीं मानता – नास्तिक
  • वह व्यक्ति जो ईश्वर को मानता है – आस्तिक
  • जिसकी उपमा न दी जा सके – अनुपम
  • जिसे जीता न जा सके – अजेय
  • जहाँ लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए जाते हों – स्वास्थ्य-गृह
  • जिसका कोई मूल्य न आँका जा सके – अनमोल
  • अधिक उम्र वाली – सयानी
  • जिससे जान पहचान न हो – अजनबी
  • जो पाप से रहित है – निष्पाप
  • जिसके दस सिर हैं – दशानन
  • वह स्थान जहाँ मनुष्य का जाना कठिन है – दुर्गम
  • वह रोग जो अच्छा नहीं हो सकता – असाध्य
  • एक ही माता से जन्म लेने वाली संतान – सहोदर
  • बिना पढ़ा-लिखा व्यक्ति – निरक्षर
  • वह व्यक्ति जिसका कोई शत्रु न हो – आजातशत्रु
  • जिसके आर-पार देखा जा सके – पारदर्शक
  • जिसके आर-पार न देखा जा सके – अपारदर्शक
  • जो बिना किसी वेतन के कार्य करता है – अवैतनिक
  • वह जो सब-कुछ जानता है – सर्वज्ञ
  • जिसे रोगद्वेष नहीं है – वीतराग
  • जो सबका हित करने वाला है – हितैषी
  • जो कम से कम बोलता है – मितभाषी
  • जो मीठा बोलता है – मिष्ट भाषी, मृदुभाषी
  • जो किसी के पीछे चलता है – अनुगामी
  • जिस पर कोई बंधन नहीं – स्वतंत्र
  • जो बंधन युक्त है – परतंत्र
  • तपस्या करने वाला व्यक्ति – तपस्वी
  • जिसकी गणना न की जा सके – अगणित
  • जिसका कोई महत्त्व न हो – नगण्य
  • प्राचीन काल से चली आने वाली रीति – परंपरागत
  • किसी स्थान को चारों ओर से – चहारदीवारी
  • घेरे हुए दीवार
  • जिसकी कोई सीमा न हो – असीम
  • जो समान आयु का हो – समवयस्क
  • जो किसी विशेष स्थान से संबद्ध हो – स्थानीय
  • दूसरे देश का व्यक्ति – विदेशी
  • किसी देश में रहने वाला व्यक्ति – नागरिक
  • पास में रहने वाला व्यक्ति – पड़ोसी
  • जिसे प्रेम किया गया है – प्रेमिका/प्रेमी
  • गाना गाने वाला – गवैया
  • तबला बजाने वाला – तबलची
  • गान-नृत्य का स्थान – महफिल
  • किसी देवता की स्थापना का स्थान – मंदिर
  • जिसने इंद्रियों को जीत लिया है – जितेंद्रिय
  • जो बिना विचारे किसी को मानता है – अंधभक्त

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अलंकार एवं अलंकार के प्रकार

परिभाषा-वाक्य में सुंदरता या चमत्कार लाने के लिए जिस शाब्दिक या अर्थ संबंधी चमत्कार की उत्पत्ति होती है, उसे अलंकार कहते हैं।

अलंकार के तीन प्रकार हैं-

  • शब्दालंकार
  • अर्थालंकार
  • उभयालंकार।

प्रमुख अलंकार

1. अनुप्रयास-जहाँ वर्णों की आवृत्ति (बार-बार आने से) कारण चमत्कार उत्पन्न हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

जैसे-
‘मुदित महीपति मदिर आये, सेवक सचित्र सुमंत्र बुलाये।’ इसमें ‘म’ एवं ‘स’ की बार-बार आवृति हुई है।

2. यमक-जब एक या अधिक शब्द एक से अधिक बार प्रयुक्त हों, पर हर बार उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

जैसे-

कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।
वा खाये बौराय जग या पाये बौराय॥
यहाँ एक कनक का अर्थ धतूरा व दूसरे का होना है।

3. इलेष-जहाँ एक ही शब्द के कई अर्थ निकलें।

जैसे-

रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरे मोती मानुस चून।
यहाँ पानी का अर्थ-क्रमशः चमक, इज्जत व जल है।

4. उपमा-जहाँ किसी वस्तु की उसके किसी विशेष गुण के कारण तुलना की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
जैसे- ‘बन्दौं कोमल कमल से, जग जननी के पाँय।’

5. रूपक-जहाँ उपमेय में उपमान का आरोप हो वहाँ रूपक होता है।

जैसे-

‘चरण कमल बन्दौं हरि राई।’
यहाँ चरण उपमेय पर कमल उपमान का आरोप

6. उत्प्रेक्षा-जब उपमेय में उपमान की कल्पना कर ली जाए, तो वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

जैसे-

सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात।
मनौ नील मनि शैल पर, आतप पर्योप्रभात॥
यहाँ श्याम में सूर्य के प्रकाश का उपमान है।

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MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 3 तंतु से वस्त्र तक

MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 3 तंतु से वस्त्र तक

MP Board Class 6th Science Chapter 3 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित तन्तुओं को प्राकृतिक तथा संश्लिष्ट में वर्गीकृत कीजिए – नायलॉन, ऊन, रुई, रेशम, पॉलिएस्टर, पटसन।
उत्तर:
प्राकृतिक तन्तु ऊन, रुई, रेशम, पटसन। संश्लिष्ट तन्तु नायलॉन, पॉलिएस्टर।

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प्रश्न 2.
नीचे दिए गए कथन ‘सत्य’ हैं अथवा ‘असत्य’ उल्लेख कीजिए –

  1. तन्तुओं से तागा बनता है।
  2. कताई वस्त्र निर्माण की एक प्रक्रिया है।
  3. जूट नारियल का बाहरी आवरण होता है।
  4. रुई से बिनौले (बीज) हटाने की प्रक्रिया को ओटना कहते हैं।
  5. तागों की बुनाई से वस्त्र का एक टुकड़ा बनता है।
  6. रेशम का तन्तु किसी पादप के तने से प्राप्त होता है।
  7. पॉलिएस्टर एक प्राकृतिक तन्तु है।

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।
  6. असत्य।
  7. असत्य।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. …… और … से पादप तन्तु प्राप्त किए जाते हैं।
  2. …….. और ……… जातव तन्तु हैं।

उत्तर:

  1. तने, बीज।
  2. रेशम, ऊन।

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प्रश्न 4.
रुई तथा जूट (पटसन) पदाप के किन भागों से प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
रुई पादप के बीज से तथा जूट पादप के तने से प्राप्त होता है।

प्रश्न 5.
नारियल तन्तु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
नारियल तन्तु से बनने वाली वस्तुएँ-गद्दे, पर्स आदि।

प्रश्न 6.
तन्तुओं से तागा निर्मित करने की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तन्तुओं से तागा निर्मित करने की प्रक्रिया कताई कहलाती है। इस प्रक्रिया में, रुई के एक पुन्ज से रेशों को खींचकर ऐंठते हैं, ऐसा करने से रेशे पास-पास आ जाते हैं और तागा बन जाता है। छोटे पैमाने पर कताई तकली तथा चरखा से की जाती है। वृहत् पैमाने पर कताई मशीनों की सहायता से की जाती है।

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MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 2 भोजन के घातक

MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 2 भोजन के घातक

MP Board Class 6th Science Chapter 2 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भोजन के मुख्य पोषक तत्व हैं–कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज लवण एवं जल।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित के नाम लिखिए –

  1. पोषक जो मुख्य रूप से हमारे शरीर को ऊर्जा देते हैं।
  2. पोषक जो हमारे शरीर की वृद्धि और अनुरक्षण के लिए आवश्यक हैं।
  3. वह विटामिन जो हमारी अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक है।
  4. वह खनिज जो अस्थियों के लिए आवश्यक है।

उत्तर:

  1. कार्बोहाइड्रेट तथा वसा।
  2. प्रोटीन तथा खनिज लवण।
  3. विटामिन A
  4. कैल्सियम एवं फास्फोरस।

प्रश्न 3.
दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें निम्न पोषक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं –

  1. वसा।
  2. मण्ड।
  3. आहारी रेशे।
  4. प्रोटीन।

उत्तर:
MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 2 भोजन के घातक 1

प्रश्न 4.
इनमें सही कथन को (✓) अंकित कीजिए:

  1. केवल चावल खाने से हम अपने शरीर की पोषण आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
  2. सन्तुलित आहार खाकर अभावजन्य रोगों की रोकथाम की जा सकती है।
  3. शरीर के लिए सन्तुलित आहार में नाना प्रकार के खाद्य पदार्थ होने चाहिए।
  4. शरीर को सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए केवल माँस पर्याप्त है।

उत्तर:

  1. (×) (असत्य)।
  2. (✓) (सत्य)।
  3. (✓) (सत्य)।
  4. (×) (असत्य)।

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प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

  1. ………. विटामिन D के अभाव से होता है।
  2. ……. की कमी से बेरी-बेरी नामक रोग होता है।
  3. विटामिन C के अभाव से ……… नामक रोग होता है।
  4. हमारे भोजन में ……… के अभाव से रतौंधी होती है।

उत्तर:

  1. रिकेट्स।
  2. विटामिन B1
  3. स्कर्वी।
  4. विटामिन A

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MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 16 कचरा: संग्रहण एवं निपटान

MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 16 कचरा: संग्रहण एवं निपटान

MP Board Class 6th Science Chapter 16 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए –
1. लाल केंचुए किस प्रकार के कचरे को कम्पोस्ट में परिवर्तित नहीं करते?
उत्तर:
लाल केंचुए अजैविक अपशिष्ट जैसे – प्लास्टिक, पॉलीथीन, लोहे की छड़ को कम्पोस्ट में परिवर्तित नहीं करते।

2. क्या आपने अपने कम्पोस्ट गड्ढे में लाल केंचुओं के अतिरिक्त किसी अन्य जीव को भी देखा है? यदि हाँ तो उनका नाम जानने का प्रयास कीजिए। उनके चित्र भी बनाइए।
उत्तर:
हाँ, मक्खी, मक्खी का लार्वा, चींटी।
MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 16 कचरा संग्रहण एवं निपटान 1

प्रश्न 2.
चर्चा कीजिए –
1. क्या कचरे का निपटान केवल सरकार का ही उत्तरदायित्व है?
उत्तर:
नहीं, कचरे का निपटान केवल सरकार का ही उत्तरदायित्व नहीं है। कचरा निपटान की जिम्मेदारी देश के प्रत्येक नागरिक तथा सरकार दोनों की ही है। देश का प्रत्येक नागरिक स्वच्छता बनाए रखे यह उसकी जिम्मेदारी है। व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थानों जैसे-बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, पार्कों आदि स्थानों पर कूड़ा-कूड़ेदान में ही डालना चाहिए तथा विद्यालयों, घरों तथा अस्पतालों आदि से उत्पन्न कूड़े-कचरे का निपटान करने में सहयोग करना चाहिए।

2. क्या कचरे के निपटान से सम्बन्धित समस्याओं को कम करना सम्भव है?
उत्तर:
हाँ, कचरे निपटान से सम्बन्धित समस्याओं को निम्नलिखित प्रकार से कम किया जा सकता है –

  • लोगों को ऐसे पदार्थों की जानकारी देनी चाहिए, जो कम अपशिष्ट उत्पन्न करते हों और उन्हें अपशिष्टों के निपटान के प्रति प्रेरित भी किया जाए।
  • प्रत्येक वस्तु को अपनी आवश्यकता के अनुसार ही उपयोग में लाया जाए।
  • जैवीय तथा अजैवीय अपघटित अपशिष्टों को अलग-अलग डिब्बों में एकत्रित किया जाए।
  • अपशिष्ट पदार्थों तथा कचरे का पुनः चक्रण करना चाहिए ओर उनके लिए पुनः चक्रण केन्द्र स्थापित करने चाहिए।
  • प्लास्टिक और पॉलीथीन थैलियों का कम-से-कम उपयोग करना चाहिए तथा ऐसे पदार्थों का उपयोग करना चाहिए जिनका पुनः चक्रण सम्भव हो।

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प्रश्न 3.
1. घर में बचे हुए भोजन का आप क्या करते हैं?
उत्तर:
घर में बचे हुए भोजन को जानवरों को खिला देते हैं अथवा कूड़ेदान में डाल देते हैं और कभी-कभी कम्पोस्ट बनाने में उपयोग करते हैं।

2. यदि आपको एवं आपके मित्रों को किसी पार्टी में प्लास्टिक की प्लेट अथवा केले के पत्ते में खाने का विकल्प दिया जाए, तो आप किसे चुनेंगे और क्यों?
उत्तर:
हम केले के पत्ते में खाने का विकल्प चुनेंगे। क्योंकि यह जैवीय अपघटित पदार्थ है। इससे प्रदूषण नहीं होगा यह असानी से अपघटित हो जाएगा।

प्रश्न 4.
1. विभिन्न प्रकार के कागज के टुकड़े एकत्र कीजिए। पता कीजिए कि इनमें से किसका पुनः चक्रण किया जा सकता है?
उत्तर:
ऐसे कागजों का पुनः चक्रण किया जा सकता है जिन पर प्लास्टिक न चढ़ा हो।

2. लेंस की सहायता से कागजों के उन सभी टुकड़ों का प्रेक्षण कीजिए, जिन्हें आपने उपरोक्त प्रश्न के लिए एकत्र किया था। क्या आप कागज की नई शीट एवं पुनः चक्रित कागज की सामग्री में कोई अन्तर देखते हैं?
उत्तर:
हाँ, कागज की नई शीट तथा पुनः चक्रित कागज की सामग्री में निम्नलिखित अन्तर है –

  • पुनः चक्रित कागज की सामग्री नई शीट की अपेक्षाकृत कुछ पीलेपन पर है।
  • नई शीट की अपेक्षा पुनः चक्रित कागज की सामग्री रफ एवं निम्न स्तर की है।

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प्रश्न 5.
(क) पैकिंग में उपयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ एकत्र कीजिए। इनमें से प्रत्येक का किस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है? समूहों में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की पैकेजिंग वस्तुएँ और उनके उपयोग:

  1. कागज पैकेजिंग वाली वस्तुएँ:
    इसका उपयोग अधिकांश हल्की एवं कठोर वस्तुओं के पैकिंग के लिए किया जाता है। जैसे-साबुन, बिस्किट, चाय आदि।
  2. प्लास्टिक पैकेजिंग वाली वस्तुएँ:
    इस प्रकार की वस्तुओं का उपयोग ऐसी वस्तुओं के लिए किया जाता है जो द्रव रूप में हों तथा मध्यम वजन की हों; जैसे- पानी की बोतल, शैम्पू, विभिन्न प्रकार के तेल इत्यादि।
  3. पॉली बैग पैकेजिंग वस्तुएँ: इनका प्रयोग साग-सब्जियों आदि रखने में किया जाता है।
  4. कपडा एवं जट पैकजिंग वस्तएँ:
    इनका उपयोग भारी एवं मध्यम वजन की वस्तुओं के रखने में किया जाता है, जैसे-फल, अनाज, तरकारियाँ, घरेलू सामान आदि।

(ख) एक ऐसा उदाहरण दीजिए जिसमें पैकेजिंग की मात्रा कम की जा सकती है।
उत्तर:
यदि मनुष्य अपने घरेलू सामान, तरकारी फल आदि खरीदने जाएँ तो उन्हें अपना सामान रखने के लिए अपने साथ थैले (बैग्स) लेकर जाना चाहिए। ऐसा करने से प्लास्टिक बनने वाली वस्तुओं की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और पैकेजिंग की मात्रा भी कम हो जाएगी।

(ग) पैकेजिंग से कचरे की मात्रा किस प्रकार बढ़ जाती है, इस विषय पर एक कहानी लिखिए।
उत्तर:
पैकेजिंग से कचरे की मात्रा बढ़ जाती है, क्योंकि पैकेजिंग को एक बार उपयोग करने के बाद यह बेकार हो जाता है। ये बेकार पैकेजिंग वस्तुएँ कचरे की मात्रा में बढ़ोत्तरी कर देती हैं, कभी भी हम एक बार प्रयुक्त की गई पैकेजिंग वस्तु को दुबारा उपयोग में नहीं लाते हैं। उनमें से कुछ वस्तुएँ तो प्लास्टिक अथवा पॉलीथीन की बनी होती हैं जो वातावरण को प्रदूषित करती हैं।

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प्रश्न 6.
क्या आपके विचार में रासायनिक उर्वरक के स्थान पर अपेक्षाकृत कम्पोस्ट का उपयोग उत्तम होता है?
उत्तर:
हाँ, रासायनिक उर्वरक के स्थान पर अपेक्षाकृत कम्पोस्ट का उपयोग उत्तम है –

  • यह रासायनिक उर्वरक से सस्ता है।
  • कम्पोस्ट के उपयोग से मुदा की उपजाऊपन का स नहीं होता।
  • कम्पोस्टयुक्त मृदा में उगने वाले पौधों से प्राप्त भोज्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं तथा इनमें कोई रसायन नहीं होता है।
  • यह प्रदूषण भी उत्पन्न नहीं करते हैं।
  • यह मृदा को प्राकृतिक रूप में उपजाऊपन प्रदान करते हैं।

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MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु

MP Board Class 6th Science Chapter 15 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वायु के संघटक क्या हैं?
उत्तर:
वायु के संघटक नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प तथा धूल के कण हैं।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल की कौन-सी गैस श्वसन के लिए आवश्यक है?
उत्तर:
वायुमण्डल की ऑक्सीजन गैस श्वसन के लिए आवश्यक है।

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प्रश्न 3.
आप यह कैसे सिद्ध करेंगे कि वायु ज्वलन में सहायक है?
उत्तर:
काँच का एक उथला बर्तन (ट्रफ) लेकर इसके बीचों-बीच एक मोमबत्ती लगा देते हैं। ट्रफ में थोड़ा पानी भरकर मोमबत्ती को जला देते हैं। मोमबत्ती को काँच के गिलास या गैस जार से ढक देते हैं। हम देखते हैं कि थोड़ी देर जलने के बाद मोमबत्ती बुझ जाती है और पानी गैस जार में ऊपर चढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि गिलास में वायु का ऑक्सीजन अवयव जो सीमित मात्रा में है वह मोमबत्ती द्वारा प्रयोग कर ली जाती है। जैसे ही मोमबत्ती बुझ जाती है, गैसजार के खाली स्थान को भरने के लिए जल ऊपर चढ़ जाता है।
MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 15 हमारे चारों ओर वायु 1
अतः सिद्ध होता है कि ऑक्सीजन जलने में सहायक है।

प्रश्न 4.
आप यह कैसे दिखाएँगे कि वायु जल में घुली होती है?
उत्तर:
एक बीकर में थोड़ा पानी लेकर इसको त्रिपाद स्टैण्ड के ऊपर रखकर धीरे-धीरे गर्म करते हैं। पानी के उबलने से पूर्व हम देखते हैं कि बीकर की अन्दर की सतह पर छोटे-छाटे बुलबुले चिपक जाते हैं। ये बुलबुले पानी में घुली हुई वायु के कारण बनते हैं। जब हम पानी गर्म करते है। तो घुली हुई वायु बुलबुले के रूप में बाहर आती है। इससे सिद्ध होता है कि वायु जल में घुली होती है।

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प्रश्न 5.
रुई का ढेर जल में क्यों सिकुड़ जाता है?
उत्तर:
रुई में रिक्त स्थान होते हैं इनमें वायु उपस्थित रहती है। जब रुई को जल में डाला जाता है, तो इन रिक्त स्थानों (Air gaps) में जल भर जाता है। इन रिक्त स्थानों में जल भरने से रुई का आयतन कम हो जाता है। अतः रुई सिकुड़ जाती है।

प्रश्न 6.
पृथ्वी के चारों ओर की वायु की परत …….. कहलाती है।
उत्तर:
वायुमण्डल।

प्रश्न 7.
हरे पौधों को भोजन बनाने के लिए वायु के अवयव ………. की आवश्यकता होती है।
उत्तर:
कार्बन डाईऑक्साइड।

प्रश्न 8.
पाँच क्रियाकलापों की सूची बनाइए, जो वायु की उपस्थिति के कारण सम्भव है।
उत्तर:
वायु की उपस्थिति में कार्य करने वाले क्रियाकलाप:

  1. ग्लाइडर, पैराशूट तथा हवाई जहाज के चलाने में।
  2. पवन चक्की को घुमाने में।
  3. श्वसन क्रिया में।
  4. प्रकाश संश्लेषण में।
  5. ज्वलन की क्रिया में।

उपर्युक्त क्रियाकलाप वायु की उपस्थिति में ही सम्भव हैं।

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प्रश्न 9.
वायुमण्डल में गैसों के आदान-प्रदान में पौधे तथा जन्तु एक दूसरे की किस प्रकार सहायता करते हैं?
उत्तर:
जन्तु पौधे के बिना जीवित नहीं रह सकते। पौधों एवं जन्तुओं के द्वारा श्वसन तथा पौधों के द्वारा प्रकाश संश्लेषण से एक-दूसरे की सहायता करते हैं। हरे पौधे भोजन बनाने में कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं जिसका उपयोग जन्तु करते हैं। यदि पौधे कार्बन डाइऑक्साइड न लें और ऑक्सीजन बाहर न निकालें तो प्रकृति में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का सन्तुलन बिगड़ जाएगा जिससे जीव जन्तुओं का जीवित रहना असम्भव हो जाएगा। इस प्रकार पौधे और जन्तु गैसों के आदान-प्रदान में एक-दूसरे की सहायता करते हैं।

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MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 14 जल

MP Board Class 6th Science Solutions Chapter 14 जल

MP Board Class 6th Science Chapter 14 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आगे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. जल को वाष्प में परिवर्तित करने के प्रक्रम को …………… कहते हैं।
  2. जलवाष्प को जल में परिवर्तित करने के प्रक्रम को ………….. कहते हैं।
  3. एक वर्ष या इससे अधिक समय तक वर्षा न होना उस क्षेत्र में ………….. लाता है।
  4. अत्यधिक वर्षा से ………….. आती है।

उत्तर:

  1. वाष्पऩ।
  2. संघनऩ।
  3. सूखा़।
  4. बाढ़।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में से प्रत्येक में बताइए कि क्या यह वाष्पन अथवा संघनन के कारण से है –

  1. ठण्डे जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर जल की बूंदों का दिखना।
  2. गीले कपड़ों पर इस्त्री करने पर भाप का ऊपर उठना।
  3. सर्दियों में प्रात:काल कोहरे का दिखना।
  4. गीले कपड़े से पोंछने के बाद श्यामपट्ट कुछ समय बाद सूख जाता है।
  5. गर्म छड़ के ऊपर जल छिड़कने से भाप का ऊपर उठना।

उत्तर:

  1. संघनऩ।
  2. वाष्पऩ।
  3. संघनऩ।
  4. वाष्पऩ।
  5. वाष्पन।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?

  1. वायु में जलवाष्प केवल मानसून के समय में उपस्थित रहती हैं। ( )
  2. जल महासागरों, नदियों तथा झीलों से वाष्पित होकर वायु मे मिलता है, परन्तु भूमि से वाष्पित नहीं होता। ( )
  3. जल के जलवाष्प में परिवर्तन की प्रक्रिया वाष्पन कहलाती है। ( )
  4. जल का वाष्पन केवल सूर्य के प्रकाश में ही होता है। ( )
  5. वायु की ऊपरी परतों में जहाँ यह और अधिक ठण्डी होती है, जलवाष्प संघनित होकर छोटी-छोटी जल कणिकाएँ बनाती हैं। ( )

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. असत्य।
  3. सत्य।
  4. असत्य।
  5. सत्य।

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प्रश्न 4.
मान लीजिए कि आप अपनी स्कूल यूनीफार्म को वर्षा वाले दिन शीघ्र सुखाना चाहते हैं। क्या इसे किसी अँगीठी या हीटर के पास फैलाने पर इस कार्य में सहायता मिलेगी? यदि हाँ, तो कैसे?
उत्तर:
हाँ, यूनीफार्म को अँगीठी या हीटर के पास फैलाकर सुखाने में सहायता मिलेगी। अँगीठी या हीटर से निकलने वाली ऊष्मा से उसके आस-पास की वायु गर्म हो जाती है। गर्म वायु यूनीफार्म के जल को वाष्पित करने के लिए ऊष्मा प्रदान करती है। इससे वाष्पन की क्रिया होती है। इसके फलस्वरूप जल वाष्प में परिवर्तित होकर यूनीफार्म को सुखाने मे सहायता करता है।

प्रश्न 5.
एक जल की ठण्डी बोतल रेफ्रिजरेटर से निका. लिए और इसे मेज पर रखिए। कुछ समय पश्चात् आप इसके चारों ओर जल की छोटी-छोटी बूंदें देखेंगे। कारण बताओ।
उत्तर:
ठण्डी बोतल को मेज पर रखने से बोतल की बाहरी सतह, बोतल के आस-पास की बाहरी हवा को ठण्डा कर देती है। इसके फलस्वरूप जलवाष्प बोतल की सतह पर चारों ओर संघनित होकर जल बूंदों के रूप परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 6.
चश्मों के लेंस साफ करने के लिए लोग उस पर फँक मारते हैं तो लेंस भींग जाते हैं। लेंस क्यों भीग जाते हैं? समझाइए।
उत्तर:
जब हम लेंस पर फूंक मारते हैं तो हमारे मुँह से कार्बन डाइऑक्साइड के साथ जल वाष्प भी निकलती है। वायु की उपस्थिति में ये जल वाष्प संघनित होकर लेंस को गीला कर देती है।

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प्रश्न 7.
बादल कैसे बनते हैं?
उत्तर:
सूर्य की गर्मी के कारण समुद्र तालाबों, नदियों, झीलों एवं झरनों का पानी गर्म होता रहता है जिससे इन स्रोतों के पानी का लगातार वाष्पीकरण होता रहता है। इसके अतिरिक्त सभी पौधों से भी वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा पानी वाष्पित होता रहता है। पृथ्वी की सतह की वायु भी सूर्य की गर्मी से गर्म होती रहती है। जलवाष्प युक्त गर्म वायु हल्की होने के कारण ऊपर उठती रहती है। वायुमण्डल में ऊँचाई के साथ-साथ तापमान भी कम हो जाता है। ऊँचाई पर जलवाष्प ठण्डी होकर छोटी-छोटी बूंदों में द्रवित हो जाती है। ये बूंदें बादल बनाती हैं।

प्रश्न 8.
सूखा कब पड़ता है?
उत्तर:
काफी समय तक वर्षा न हो, तो सूखा पड़ता है। वाष्पन और वाष्पोत्सर्जन द्वारा मृदा से जल की क्षति होती रहती है। वर्षा न होने पर मृदा सूख जाती है। उस क्षेत्र के तालाबों और कुओं में जल का स्तर गिर जाता है और वे सूख भी जाते हैं। भौमजल की कमी हो जाती है। इससे सूखा पड़ जाता है।

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MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 28 भारत की जनसंख्या एवं वितरण

MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 28 भारत की जनसंख्या एवं वितरण

MP Board Class 6th Social Science Chapter 28 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(अ) भारत में जनसंख्या की कौन-कौन-सी विशेषताएँ हैं ? नाम बताते हुए किसी एक को विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित –

  • व्यावसायिक भिन्नता
  • स्त्री-पुरुष अनुपात में अन्तर
  • आयु संरचना
  • साक्षरता स्तर,
  • ग्रामीण व नगरीय विभिन्नता,
  • सांस्कृतिक भिन्नता।

ग्रामीण व नगरीय विभिन्नता-भारत गाँवों का देश है यहाँ लगभग 5 लाख गाँव हैं और कुल आबादी का तीन चौथाई भाग अर्थात् 68.8 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। 31-2 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में बसती है जहाँ के अधिकतर व्यक्ति कृषि के अतिरिक्त सेवा कार्य, उद्योग, व्यापार, परिवहन आदि से जीविका चलाते हैं।

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(ब) भारत में अधिक जनसंख्या वाले राज्य बताइए।
उत्तर:
भारत में अधिक जनसंख्या वाले राज्य हैं – उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखण्ड, बिहार, कर्नाटक।

(स) भारत की प्रमुख जनजातियों का वितरण बताइए।
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक जनजाति वाले राज्य हैंनागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार आदिवासी जनसंख्या के मध्यवर्ती क्षेत्र हैं।

(द) मध्य प्रदेश में कौन-कौन-सी जनजातियाँ रहती हैं ? किन्हीं तीन के नाम लिखिए।
उत्तर:
भील, कोल और कोरकू।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए
(अ) भारत की ………… प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है।
(ब) मध्य प्रदेश की साक्षरता दर ………….. है।
(स) स्त्री व पुरुष जनसंख्या के संख्यात्मक अनुपात को ………… कहते हैं।
(द) भारत की लगभग दो तिहाई जनसंख्या …………. पर निर्भर है।
उत्तर:
(अ) 68.8
(ब) 64.3%
(स) स्त्री-पुरुष अनुपात
(द) कृषि।

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प्रश्न 3.
सही जोड़ी बनाइए –
MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 28 भारत की जनसंख्या एवं वितरण img 1
उत्तर:
(अ) (iii) बिहार
(ब) (i) केरल वाला राज्य
(स) (iv) असम
(द) (ii) मध्य प्रदेश

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MP Board Class 6th Social Science Model Question Paper

MP Board Class 6th Social Science Model Question Paper आदर्श प्रश्न-पत्र

नोट-सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है।
प्रश्न 1.
निम्न में से सही विकल्प चुनिए –
(अ) शिलालेख कहा जाता है –
(i) पत्थरों पर लिखे लेख
(ii) किताबों में लिखे लेख
(iii) भोजपत्र पर लिखे लेख
(iv) ताँबे के पत्रों पर लिखे लेख।
उत्तर:
(i) पत्थरों पर लिखे लेख

(ब) हमारे देश में कुल कितने राज्य हैं ?
(i) 27
(ii) 28
(iii) 29
(iv) 25
उत्तर:
(iii) 29

(स) भारत में कोयला उत्पादक क्षेत्र है –
(i) उत्तर प्रदेश
(ii) पश्चिम बंगाल
(iii) दिल्ली
(iv) जम्मू कश्मीर।
उत्तर:
(ii) पश्चिम बंगाल

(द) नगरीय व ग्रामीण स्वशासी संस्थाओं का कार्यकाल होता है –
(i) 3 वर्ष
(ii) 5 वर्ष
(iii) 2 वर्ष
(iv) 1 वर्ष।
उत्तर:
(ii) 5 वर्ष

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प्रश्न 2.
सही जोड़ी बनाइए –
MP Board Class 6th Social Science Model Question Paper img 1
उत्तर:
(i) (ब) राष्ट्रगान
(ii) (अ) शुंग शासक
(iii) (द) राष्ट्रीय गीत
(iv) (स) ज्योतिषी और खगोलशास्त्री

प्रश्न 3.
उचित शब्द को चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए –
1.  हड़प्पा सभ्यता में व पर्यावरण शुद्धि पर अधिक ध्यान दिया गया था। (गन्दगी / साफ सफाई)
2. लोकसभा, विधानसभाओं एवं स्थानीय निकायों में जनजातियों के लिए दिया गया है। (आरक्षण / मकान)
3. एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने के लिए उपयोगी साधनों को के साधन कहते हैं। (वायुमार्ग / परिवहन)
उत्तर:

  1. साफ – सफाई
  2. आरक्षण
  3. परिवहन

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निर्देश – निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्ति में लिखिए
प्रश्न 4.
रेशम मार्ग क्या था ?
उत्तर:
चीन और पश्चिमी एशिया के बीच का सड़क मार्ग मध्य एशिया से होकर जाता था। इसे प्राचीन रेशम मार्ग (सिल्क रूट) कहते हैं। इस काल में रेशम व्यापार की एक प्रमुख वस्तु थी। इस रास्ते से भारत के व्यापारी अरब, ईरान देशों से रेशम आदि का व्यापार करते थे।

प्रश्न 5.
अपने किन्हीं तीन पड़ोसी जिलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 6.
भारत में बोई जाने वाली खरीफ तथा रबी की फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
खरीफ-चावल, ज्वार। रबी-गेहूँ, चना। जायद-सब्जियाँ, ककड़ी, खरबूजा, तरबूज।

निर्देश-निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में लिखिए
प्रश्न 7.
पृथ्वी को जीवित ग्रह क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी सौरमण्डल का एक महत्त्वपूर्ण सदस्य है। सौर मण्डल ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्माण्ड में केवल पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है। इसलिए इसे अनोखा और जीवित ग्रह कहते हैं।

निम्नलिखित कारणों से भी यह अनोखा व जीवित ग्रह है –

  • पृथ्वी पर जल ठोस, तरल और गैसीय अवस्था में मिलता है। यहाँ जल की उपलब्धता से जीवन का विकास हुआ है।
  • पृथ्वी पर जीवनदायिनी गैस ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है जो किसी भी प्रकार के जीवन के लिए आवश्यक है।
  • पृथ्वी पर वायुमण्डल, जलमण्डल और स्थलमण्डल का विस्तार है, तीनों का आपस में उचित सन्तुलन बना हुआ है। इसके अलावा
  • पृथ्वी पर 12-12 घण्टे वाले दिन रात की आदर्श अवधि भी यहाँ जीवन के विकास में सहायक है।

प्रश्न 8.
सौरमण्डल का चित्र बनाकर, उसे नामांकित कीजिए।
उत्तर:
(अ) सौरमण्डल किसे कहते हैं ? सौरमण्डल के ग्रहों को चित्र सहित नामांकित कीजिए।
उत्तर:
सूर्य, सभी ग्रहों और उपग्रहों से मिलकर सौरमण्डल बना होता है। इसी ‘सौरमण्डल’ को सौर परिवार भी कहते हैं।

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सौरमण्डल के ग्रहों का चित्र सहित वर्णन –
(1) सूर्य-सूर्य का अपना ही प्रकाश और गर्मी होती है। यह एक तारा है। सभी ग्रह सूर्य की ही आकर्षण शक्ति से एक-दूसरे से बँधे रहते हैं और सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सभी ग्रहों तथा उपग्रहों को ऊष्मा व प्रकाश सूर्य से ही मिलता है।

(2) ग्रह – ग्रह संख्या में आठ होते हैं, जो निम्नलिखित हैं –

  • बुध – बुध सूर्य के सबसे अधिक पास का ग्रह है। इसका कोई उपग्रह नहीं है। सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 88 दिन का समय लगता है।
  • शुक्र – इसका कोई उपग्रह नहीं होता तथा आकार में पृथ्वी के बराबर होता है। यह 225 दिन में सूर्य की परिक्रमा करता है।
  • पृथ्वी – इसका उपग्रह चन्द्रमा होता है। सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में इसे 365 7 दिन का समय लगता है। इस ग्रह पर जीवन पाए जाने के कारण इसे जीवित ग्रह भी कहते हैं।
  • मंगल – इसके दो उपग्रह हैं। यह 687 दिन में सूर्य की परिक्रमा पूरी कर लेता है।
  • बृहस्पति – यह सभी ग्रहों में बड़ा है। इसके 12 उपग्रह हैं। सूर्य की परिक्रमा यह 11 वर्ष 9 महीने में पूरी करता है।
  • शनि – इसके 20 उपग्रह हैं। सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में इसे 29 वर्ष 5 माह का समय लगता है। यह सौरमण्डल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • अरुण (यूरेनस) – यह सूर्य की परिक्रमा 84 वर्ष में पूरी करता है।
  • वरुण (नेपच्यून) – इसके 8 उपग्रह हैं। यह 165 वर्ष में सूर्य की परिक्रमा करता है।MP Board Class 6th Social Science Model Question Paper img 1

प्रश्न 9.
ग्लोब / मानचित्र पर अक्षांश व देशान्तर रेखाएँ क्यों खींची जाती हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी पर किसी स्थान की ठीक-ठीक स्थिति दिखाने के लिए ग्लोब तथा मानचित्र पर अक्षांश व देशान्तर रेखाएँ खींची जाती हैं।

प्रश्न 10.
आर्यों के काल को वैदिक काल क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
आर्यों ने चार वेदों की रचना की थी –

  • ऋग्वेद
  • यजुर्वेद
  • सामवेद
  • अथर्ववेद

अतः आर्यों के काल में वेद लिखे जाने के कारण ही इस काल को वैदिक काल कहते हैं।

प्रश्न 11.
गणसंघ तथा जनपद क्या थे ?
उत्तर:
गणसंघ-ऐसे राज्य जहाँ वंशागत राजा नहीं होते थे ‘गणसंघ’ कहलाते थे। गणसंघ के राजा को जनता चुनती थी। मिथिला के वज्जि, कपिलवस्तु के शाक्य प्रमुख गणसंघ थे।

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प्रश्न 12.
समुदाय के विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी का क्या महत्त्व है ? लिखिए।
उत्तर:
समुदाय के विकास के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह ग्रामीण और शहरी समुदाय दोनों के लिए उपयुक्त है। ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि वे अपनी परिस्थितियों से परिचित हैं और स्थानीय जरूरतों को भली-भाँति समझते हैं। यह उनके स्वयं के हित में है कि वे एक साथ मिलकर अपनी समस्याओं का हल निकालें।

जैसे क्षेत्र में पेयजल या शिक्षा या अस्पताल जैसी मूल एवं मानवीय व्यवस्थाएँ नहीं हैं तो वे उसके लिए उचित तथा वैकल्पिक उपाय करें। वे अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझा सकें तथा किसी पर आश्रित न रहें। इस प्रकार लोगों में आत्मनिर्भरता की भावना का विकास होगा।

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निर्देश – निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए –
प्रश्न 13.
सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन कैसे हुआ? समझाते हुए लिखिए कि अशोक ने प्रजा की भलाई के लिए कौन-कौन से कार्य किए ?
उत्तर:
सम्राट अशोक ने कलिंग राज्य पर आक्रमण कर उसे अपने राज्य में मिला लिया, परन्तु कलिंग के युद्ध में अनेक सैनिक घायल हुए और मारे गए। यह देखकर अशोक को बहुत दुःख हुआ। युद्ध में सिपाहियों के मरने के कारण जो स्त्रियाँ तथा बालक अनाथ हो गए थे, उन्हें देखकर अशोक के मन में दया का भाव उमड़ने लगा। उसने निश्चय किया कि वह अब कभी युद्ध नहीं करेगा। इस प्रकार सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन हुआ।

अशोक ने लोगों की भलाई के लिए निम्नलिखित कार्य किए –

  • आने-जाने की सुविधा के लिए अनेक सड़कें बनवाईं।
  • सड़कों के किनारे छायादार वृक्ष लगवाए तथा अनेक कुएँ खुदवाए।
  •  यात्रियों की सुविधा के लिए अनेक धर्मशालाएँ बनवाई।
  • उसने मनुष्यों तथा पशुओं के इलाज के लिए अनेक अस्पताल खुलवाए।

अथवा

सिन्धु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता नाम से क्यों पुकारा जाता है ? इस सभ्यता की प्रमुख विशेषता क्या थी ? लिखिए।
उत्तर:
सिन्धु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से पुकारा जाता है क्योंकि सबसे पहले श्री दयाराम साहनी ने हड़प्पा में खुदाई आरम्भ कर वहाँ एक नगर के भग्नावशेष प्राप्त किये।
सिन्धु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  • सिन्धु घाटी की सभ्यता एक शहरी सभ्यता थी।
  • इस सभ्यता की प्रमुख विशेषता उसकी नगर योजना प्रणाली थी।
  • सिन्धु घाटी की जल निकास प्रणाली अद्वितीय थी।
  • मोहनजोदड़ो में सार्वजनिक विशाल स्नानागार था जो उस सभ्यता का महत्त्वपूर्ण निर्माण माना जाता है।
  • इस सभ्यता के लोग गेहूँ, जौ, सरसों, कपास व तिल आदि की फसलें उगाते थे।
  • इस सभ्यता में धातुओं के गलाने, ढालने और सम्मिश्रण की कला उन्नत थी।

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प्रश्न 14.
ग्राम एवं नगर स्तर पर जनसंख्या की दृष्टि से समितियाँ कौन-कौन सी हैं ? विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
वर्तमान में जिन क्षेत्रों में जनसहयोग की विशेष आवश्यकता है उन क्षेत्रों में कार्य करने वाली समितियों का परिचय इस प्रकार है
(1) ग्राम / वार्ड शिक्षा समिति – इस समिति का कार्य ग्राम / वार्ड में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था में अपना सहयोग देना है। यह समिति विद्यालय के प्रबंधन में भी सहयोग देती है।

(2) ग्राम / वार्ड रक्षा समिति-यह समिति ग्राम या वार्ड में लोगों की सुरक्षा सम्बन्धी कार्यों में सहयोग करती है। साथ ही यह समिति अपराधों की रोकथाम में पुलिस प्रशासन का सहयोग करती है।

(3) पालक – शिक्षक संघ – वर्तमान में मध्यप्रदेश में जन शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में पालक शिक्षक संघ का गठन किया गया है। यह संघ विद्यालयों में बच्चों के शत-प्रतिशत प्रवेश,उनकी विद्यालयों में नियमित उपस्थिति, बच्चों के लिये विद्यालयों में मध्याह्न भोजन व्यवस्था, बच्चों की शैक्षिक प्रगति, विद्यालयों में शिक्षकों की समुचित व्यवस्था एवं सहायता करने हेतु कार्य करता है।

अथवा

परस्पर निर्भरता की आवश्यकता क्यों पड़ती है ? दो देशों के मध्य पारस्परिक निर्भरता को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
अपनी आवश्यकताओं एवं रुचियों की पूर्ति के लिए व्यक्ति को पारस्परिक निर्भरता की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार किसी एक देश में सभी आवश्यकता की चीजें उपलब्ध नहीं होती या कम मात्रा में होती हैं, इसलिए उन्हें दूसरे देशों से मँगाना पड़ता है। हम भारत का ही उदाहरण लें तो यहाँ पेट्रोलियम पदार्थ (पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल), सेना के उपयोग के लिए आधुनिक उपकरण, हथियार आदि दूसरे देशों से मँगाये जाते हैं। भारत से मसाले, चाय, सीमेण्ट, तैयार कपड़े आदि दूसरे देशों को भेजे जाते हैं।

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प्रश्न 15.
भारत में मानसून की उत्पत्ति किस प्रकार होती है ? समझाकर लिखिए।
उत्तर:
भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। सूर्य जब उत्तरी गोलार्द्ध में होता है तब यहाँ ग्रीष्म ऋतु होती है तथा तापमान बढ़ने लगता है। अधिक ताप के कारण उत्तरी भारत में निम्न वायुदाब उत्पन्न होता है। इसी समय दक्षिण में स्थित हिन्द महासागर में तापमान कम होने से अधिक दाब रहता है। अधिक वायुदाब से निम्न दाब की ओर पवनें चलने लगती हैं, चूँकि ये पवनें समुद्र (हिन्द महासागर) से स्थल मार्ग (भारतीय उपमहाद्वीप) की ओर है।

अथवा

भारत की जनसंख्या की कौन-कौन सी विशेषताएँ हैं ? लिखिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित –

  • व्यावसायिक भिन्नता
  • स्त्री-पुरुष अनुपात में अन्तर
  • आयु संरचना
  • साक्षरता स्तर,
  • ग्रामीण व नगरीय विभिन्नता,
  • सांस्कृतिक भिन्नता।

ग्रामीण व नगरीय विभिन्नता-भारत गाँवों का देश है यहाँ लगभग 5 लाख गाँव हैं और कुल आबादी का तीन चौथाई भाग अर्थात् 68.8 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। 31-2 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में बसती है जहाँ के अधिकतर व्यक्ति कृषि के अतिरिक्त सेवा कार्य, उद्योग, व्यापार, परिवहन आदि से जीविका चलाते हैं।

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प्रश्न 16.
ग्लोब किसे कहते हैं व इसकी उपयोगिता लिखिए।
उत्तर:
पृथ्वी का प्रतिरूप या नमूना दिखाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले गोले को ग्लोब कहा जाता है।

  • पृथ्वी का आकार तथा महाद्वीपों व महासागरों के आकार व विस्तार का ज्ञान प्राप्त होता है।
  • दिन व रात होने की जानकारी प्राप्त होती है।
  • पृथ्वी की गतियों का ज्ञान होता है।
  • अक्षांश एवं देशांश रेखाओं की स्थिति का ज्ञान होता है।
  • जल और थल के वितरण की जानकारी भी मिलती है।

अथवा

भारत के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए –
(i) दिल्ली-चेन्नई वायुमार्ग।
(ii) मुम्बई शहर।
(iii) चावल उत्पादक क्षेत्र।
(iv) हिमालय पर्वत।
(v) गंगा नदी।
उत्तर:
निम्न चित्र देखें –
MP Board Class 6th Social Science Model Question Paper img 3

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MP Board Class 6th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 2

MP Board Class 6th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 2

प्रश्न I.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –
(1) ताम्राश्मकाल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऐसा समय जब ताँबे एवं पत्थर के औजार साथ-साथ प्रयोग किये जाते थे। ताम्राश्मकाल या पाषाण काल कहते हैं।

(2) सिन्धु घाटी सभ्यता किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु घाटी की सभ्यता भी कहते हैं।

(3) हड़प्पा सभ्यता की नगरीय विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता की सबसे प्रमुख विशेषता उसकी – नगर योजना प्रणाली थी। नगर अधिकतर दो अथवा तीन भागों में बँटे थे। सबसे सुरक्षित स्थान किला या दुर्ग कहलाता था। यहाँ उच्च वर्ग का परिवार रहता होगा। मध्यम व निचले भाग में मध्यम वर्ग व निम्न वर्ग का निवास था। इन नगरों में सड़कें पूरी सीधी थीं जो एक-दूसरे को लम्बवत् काटती थीं। हड़प्पा सभ्यता के नगरों में कोठार (अनाज भरने के गोदाम) का महत्वपूर्ण स्थान था।

मोहनजोदड़ो का सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल विशाल स्नानागार है। यह 11 88 मीटर लम्बा, 7.01 मी चौड़ा और 2.43 मीटर गहरा है। इसके दोनों सिरों पर तल तक सीढ़ियाँ बनी हैं। पास में कपड़े बदलने के कक्ष हैं। स्नानागार का फर्श पक्की ईंटों का बना है। पास के एक कमरे में बड़ा-सा कुआँ बना है। सम्भवतः यह स्नानागार किसी धार्मिक अनुष्ठान सम्बन्धी स्नान के लिए बना होगा। इसके अलावा भी हर छोटे-बड़े मकान में आँगन (प्रांगण) और स्नानागार होता था।

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(4) हड़प्पा सभ्यता की जीवनदायिनी नदी का नाम लिखिए।
उत्तर:
सिन्धु नदी।

(5) हड़प्पा सभ्यता की शिल्प व तकनीकी ज्ञान की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता कांस्य युग की सभ्यता थी। हड़प्पा सभ्यता के लोग कांसा बनाना जानते थे। खुदाई से प्राप्त वस्तुओं के आधार पर पता चलता है कि इस सभ्यता के लोगों ने धातुओं के गलाने, ढालने और सम्मिश्रण की कला में विशेष उन्नति की थी। बर्तन बनाने, खिलौने बनाने और मोहरों के निर्माण में ये लोग पारंगत थे। खुदाई में मिली कांसे की नर्तकी उनकी मूर्तिकला का सुन्दर नमूना है। स्पष्ट है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग शिल्प व तकनीकी ज्ञान में बहुत आगे थे।

(6) जनपद और महाजनपद में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य के बसने का एक क्षेत्र जनपद कहलाता है जबकि बड़े जनपद महाजनपद कहलाते हैं।

(7) 600 ई. पू. में मध्य प्रदेश में कौन-कौन से जनपदथे?
उत्तर:
अवन्ति एवं चेदि।

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(8) वैदिककालीन लोगों के खानपान के बारे में लिखिए।
उत्तर:
वैदिक काल में लोग चावल, गेहूँ के आटे व दालों से बने पकवान खाते थे। दूध, मक्खन, घी, फल, सब्जियाँ, माँस तथा सुरा का प्रयोग भी किया जाता था।

(9) वैदिककाल के प्रारम्भ में औजार किस धातु के बनाये जाते थे ? उत्तर वैदिकल काल में इनमें क्या अन्तर आया था ?
उत्तर:
प्रारम्भ में केवल ताँबे के औजार बनाये जाते थे। उत्तर वैदिक काल में ये लौह धातु से बनने लगे।

(10) श्रेणी किसे कहा जाता था ?
उत्तर:
एक ही पेशे से जुड़े संगठन के लोगों को श्रेणी कहा जाता था।

(11) चन्द्रगुप्त मौर्य से पराजित होने के बाद सेल्युकस ने क्या किया ?
उत्तर:
सेल्युकस ने अपनी पुत्री का विवाह चन्द्रगुप्त मौर्य से कर दिया।

(12) मध्य प्रदेश में किस स्थान पर चार सिंहों वाला अशोक का स्तम्भ मिला है ?
उत्तर:
सांची से।

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(13) सम्राट अशोक उज्जैन में कितने वर्ष रहा ?
उत्तर:
सम्राट अशोक 12 वर्ष उज्जैन में अवन्ति का गवर्नर रहा।

(14) ग्राम शिक्षा समिति के कार्य लिखिए।
उत्तर:
इस समिति का कार्य गाँव में बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा व स्कूल की व्यवस्था करना है।

(15) अनुसूचित जनजाति से आशय लिखिए।
उत्तर:
जनजातियों की अनुसूची प्रत्येक राज्य के संविधान में होने से इन्हें अनुसूचित जनजाति कहते हैं।

(16) राष्ट्रध्वज की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात बताइए?
उत्तर:
3 : 2 अनुपात है।

(17) भारत के राष्ट्रीय पशु का नाम लिखिए।
उत्तर:
बाघ।

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(18) भारत में अधिकांश वर्षा कौन-से महीनों में होती है?
उत्तर:
भारत में अधिकांश वर्षा केवल चार महीनों जून, जुलाई, अगस्त व सितम्बर में होती है।

(19) शीतकाल में भारत के कौन-से राज्य में वर्षा होती है ?
उत्तर:
शीतकाल में भारत के तमिलनाडु राज्य में वर्षा होती है।

(20) भारत के पूर्व एवं पश्चिम दिशा में कौन-कौन से देश हैं ?
उत्तर:
भारत के पूर्व दिशा में बांग्लादेश और म्यांमार तथा पश्चिम दिशा में पाकिस्तान और अफगानिस्तान देश हैं।

(21) भारत की उत्तर दिशा में कौन-सा पर्वत है ?
उत्तर:
भारत की उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत है।

प्रश्न II.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(1) मगध साम्राज्य का विस्तार किन-किन कारणों से हुआ ? लिखिए।
उत्तर:
मगध साम्राज्य के विस्तार के कारण निम्नलिखित हैं –

  • मगध क्षेत्र की भूमि उपजाऊ थी।
  • मगध क्षेत्र में लोह के पर्याप्त भण्डार थे, इससे सेना को हथियार बनाने में मदद मिली।
  • गंगा नदी में नौकाओं से व्यापार होता था। अत: व्यापारी भी दूर-दूर तक आते-जाते थे।

(2) हड़प्पा सभ्यता से आशय बताते हुए इस सभ्यता के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
हड़प्पा सभ्यता-सिन्धु घाटी की सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता कहते हैं। यह एक शहरी सभ्यता थी। पतन के कारण-

हड़प्पा के पतन के कारण निम्नलिखित हैं –

  • भूकम्प आने के कारण सम्भवतः सिंधु नदी का मार्ग बदल गया होगा और हड़प्पा सभ्यता के नगर भूस्खलन से जमीन में दब गये होंगे।
  • सम्भवतया आर्यों के आक्रमण ने इस सभ्यता को नष्ट कर दिया होगा।
  • बढ़ते हुए रेगिस्तान के कारण इस सभ्यता का पतन हो गया होगा।
  • सिंधु नदी की बाढ़ से इस सभ्यता का अन्त हो गया होगा।

(3) वैदिक काल के सामाजिक व आर्थिक जीवन का वर्णन करो।
उत्तर:
वैदिक काल में समाज चार वर्गों में बँटा हुआ था –

  • ब्राह्मण
  • क्षत्रिय
  • वैश्य, और
  • शूद्र

वर्ण का आधार कर्म था। ब्राह्मणों का कार्य यज्ञ करना और बालकों को वेद मन्त्रों की शिक्षा देना था। क्षत्रिय शक्तिशाली होने के कारण समाज के वर्गों की रक्षा करते थे। खेती, व्यापार एवं शिल्पकारी वैश्य वर्ग के कार्य थे। शूद्र नीच समझे जाते थे। उनका कार्य अन्य वर्ण के लोगों की सेवा करना था।

वैदिक काल के लोगों का आर्थिक जीवन कृषि, कला, हस्तशिल्प और व्यापार पर केन्द्रित था। खेती के लिए बैलों और साँड़ों का उपयोग किया जाता था। पशुओं में गाय का महत्त्वपूर्ण स्थान था। बर्तन, कपड़ा, धातु के निर्माण का काम मुख्य व्यवसाय थे। दूर-दूर तक व्यापार होता था। उस समय उपयोग किए जाने वाले सिक्कों को निष्क कहते थे।

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(4) मगध साम्राज्य के आर्थिक, राजनैतिक व धार्मिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
आर्थिक जीवन-इस काल में आर्थिक व्यवस्था काफी उन्नत किस्म की थी। गंगा नदी में नौकाओं से व्यापार होता था, अत: बंदरगाहों से व्यापारी काफी दूर-दूर तक व्यापार करने के लिए जाते थे। व्यापारियों से माल की बिक्री पर चुंगी वसूली जाती थी। इस काल के सिक्के पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। ये प्रायः ताँबे तथा चाँदी के होते थे। इन्हें आहत या ठप्पे लगे (पंचमार्क) सिक्के कहा जाता था। राजनैतिक जीवन-इस काल में राजा का पद बहुत शक्तिशाली हो गया था।

वह अपने राज्य का प्रशासन आमात्य (मंत्री), पुरोहित (धर्मगुरु), संग्रहत्री (कोषाध्यक्ष), बलिसाधक (कर वसूलने वाला), शौल्किक (चुंगी वसूलने वाला), सेनापति आदि के द्वारा चलाता था। उसे परामर्श देने के लिए परिषद होती थी जिसके सदस्य ब्राह्मण रहते थे। धार्मिक जीवन-इस काल में धार्मिक कर्मकाण्ड और खर्चीले यज्ञों से लोग विमुख हो रहे थे, लेकिन दो नये धर्मों का उदय हुआ था, इनमें से एक बौद्ध धर्म है और दूसरा जैन धर्म है।

(5) सामुदायिक विकास और जनसहयोग के आपसी सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
समुदाय के विकास के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह ग्रामीण और शहरी समुदाय दोनों के लिए उपयुक्त है। ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि वे अपनी परिस्थितियों से परिचित हैं और स्थानीय जरूरतों को भली-भाँति समझते हैं। यह उनके स्वयं के हित में है कि वे एक साथ मिलकर अपनी समस्याओं का हल निकालें।

जैसे क्षेत्र में पेयजल या शिक्षा या अस्पताल जैसी मूल एवं मानवीय व्यवस्थाएँ नहीं हैं तो वे उसके लिए उचित तथा वैकल्पिक उपाय करें। वे अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझा सकें तथा किसी पर आश्रित न रहें। इस प्रकार लोगों में आत्मनिर्भरता की भावना का विकास होगा।

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(6) भारत को प्राकृतिक विभागों में बाँटिए तथा किसी एक प्राकृतिक विभाग का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उत्तर के विशाल मैदान की विशेषताएँ –

  • उत्तर का विशाल मैदान बहुत उपजाऊ है।
  • इस मैदान में सिन्धु, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र नदियाँ बहती हैं।
  • यहाँ जनसंख्या अधिक पाई जाती है।
  • इस मैदान के पश्चिम में थार का मरुस्थल है।

भारत को निम्नलिखित पाँच प्राकृतिक भागों में बाँटा जा सकता है –

  • उत्तर का पर्वतीय भाग
  • उत्तर का विशाल मैदान
  • दक्षिण का पठार
  • पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट
  • तटीय मैदान एवं द्वीप समूह।

(7) भारत की जलवायु की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
भारतीय जलवायु की प्रमुख विशेषताएँ –

  • भारत की जलवायु पूर्णतः मानसूनी है।
  • अधिकांश वर्षा मात्र चार माह जून से सितम्बर में होती है।
  • उत्तरी भारत में तापान्तर अधिक तथा दक्षिणी भागों में कम पाया जाता है।
  • भारत में बाढ़ और सूखा एक साथ होता है।
  • वर्षा का वितरण बहुत ही असमान है कहीं बहुत ज्यादा तो कहीं बहुत कम होती है।
  • जलवायु सम्पूर्ण भारतीय जन-जीवन को प्रभावित करती है।
  • देश के भीतरी भागों में महाद्वीप और तटीय भागों में सम जलवायु दशाएँ पाई जाती हैं।

मानसून के पूर्व तथा उसके बाद चक्रवात आते हैं। जाड़े की ऋतु में भी चक्रवात आते हैं। ये चक्रवात वर्षा लाते हैं।

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प्रश्न III.
बहुविकल्पीय प्रश्न –
1. हड़प्पा सभ्यता के लोगों को किस धातु का ज्ञान नहीं था ?
(अ) सोना
(ब) चाँदी
(स) ताँबा
(द) लोहा।
उत्तर:
(द) लोहा।

2. मध्य प्रदेश के किस स्थल की खुदाई से हड़प्पा सभ्यता की मुहर (सील) मिली है ?
(अ) महेश्वर
(ब) नागदा
(स) कुतवार
(द) कायथा।
उत्तर:
(द) कायथा।

3. अवन्ति महाजनपद का शासक था –
(अ) बिम्बिसार
(ब) अजातशत्रु
(स) उदयन
(द) प्रद्योत।
उत्तर:
(द) प्रद्योत।

4. पंचमार्क (ठप्पे लगे सिक्के) का प्रचलन था –
(अ) हड़प्पा काल में
(ब) जनपद व महाजनपद काल में
(स) वैदिक काल में
(द) पाषाण काल में।
उत्तर:
(ब) जनपद व महाजनपद काल में

5. जन, गण, मन …………. है।
(अ) राष्ट्रीय गीत
(ब) राष्ट्रीय गान
(स) प्रादेशिक गीत
(द) राष्ट्रीय प्रतीक।
उत्तर:
(ब) राष्ट्रीय गान

6. भील किस वर्ग में आते हैं ?
(अ) अनुसूचित जाति
(ब) अनुसूचित जनजाति
(स) अन्य पिछड़ा वर्ग
(द) सामान्य।
उत्तर:
(ब) अनुसूचित जनजाति

7. भारत एशिया के किस भाग में स्थित है ?
(अ) पूर्व
(ब) पश्चिम
(स) उत्तर
(द) दक्षिण।
उत्तर:
(द) दक्षिण।

8. भारत के दक्षिण में स्थित है –
(अ) नेपाल
(ब) पाकिस्तान
(स) बांग्लादेश
(द) श्रीलंका।
उत्तर:
(द) श्रीलंका।

9. सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान किस राज्य में स्थित है?
(अ) असम
(ब) मेघालय
(स) अरुणाचल प्रदेश
(द) त्रिपुरा।
उत्तर:
(ब) मेघालय

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प्रश्न IV.
खाली स्थान की पूर्ति कीजिए –
1. सिन्धु घाटी की सभ्यता को ………….. सभ्यता भी कहते
2. हड़प्पा सभ्यता के ताम्राश्म काल को …………. युग भी कहते हैं।
3. अजातशत्रु के बाद मगध की गद्दी पर ………… बैठा।
4. उज्जैन का प्राचीन नाम ………… था।
5. नन्द वंश का संस्थापक ………… था।
6. शिशुनाग ………… प्रदेश का शासक था।
7. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर ………..थे।
8. गौतम बुद्ध के बचपन का नाम ……….. था।
9. ……….. युद्ध के बाद अशोक का हृदय परिवर्तन हुआ।
10. ‘इंडिका’ पुस्तक के लेखक ………….. हैं।
11. शुंग वंश की स्थापना ………… ने की।
12. क्षेत्रफल की दृष्टि से संसार में भारत का स्थान …………
13. अण्डमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी ………….. है।
14. भारत की जलवायु …………. है।
उत्तर:

  1. हड़प्पा
  2. ताम्र-पाषाण
  3. उदयन
  4. अवन्ति
  5. नन्दिबर्धन
  6. काशी
  7. वर्धमान महावीर
  8. सिद्धार्थ
  9. कलिंग
  10. मैगस्थनीज
  11. पुष्यमित्र शुंग
  12. सातवाँ
  13. पोर्ट ब्लेयर
  14. मानसूनी।

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प्रश्न V.
असमान को अलग करिए –
1. दजला फरात, सिन्धु, नील, कालीबंगा।
2. लोथल, कालीबंगा, धौलाबीरा, भोपाल।
3. ऋषि, श्रेष्ठी, मुखिया, पुलिस।
4. ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय, सुनार।
5. भारत, अवन्ति, मगध, कौशल।
6. काशी, वत्स, अंग, अजातशत्रु।
7. भील, भगोरिया, सहरिया, पिठौरा।
8. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, अगरतला, पंजाब।
9. हिमाद्रि, हिमाचल, अरावली, शिवालिक।
उत्तर:

  1. कालीबंगा
  2. भोपाल
  3. पुलिस
  4. सुनार
  5. भारत
  6. अजातशत्रु
  7. पिठौरा
  8. अगरतला
  9. हिमाचल।

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MP Board Class 6th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 3

MP Board Class 6th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 3

MP Board Class 6th Social Science विविध प्रश्नावली 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न I.
(1) मौर्य वंश का अन्तिम शासक कौन था ?
उत्तर:
मौर्य वंश का अन्तिम शासक बृहद्रथ था।

(2) संगम साहित्य से आशय बताइए।
उत्तर:
दक्षिण में तीसरी कवि परिषद् की रचनाएँ संगम साहित्य कहलाती हैं।

(3) महाबलीपुरम के रथ मंदिरों का निर्माण किस वंश के राजाओं ने कराया ?
उत्तर:
पल्लव वंश के राजाओं ने कराया था।

(4) अलवार किसके उपासक थे ?
उत्तर:
अलवार विष्णु के उपासक थे।

(5) पल्लव वंश के दो शासकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
नर सिंह वर्मन प्रथम और महेन्द्र वर्मन प्रथम।

(6) पुलकेशिन द्वितीय कहाँ का राजा था ?
उत्तर:
पुलकेशिन द्वितीय वातापी का राजा था।

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(7) फाह्यान कौन था ? वह किसके शासन काल में भारत आया था ?
उत्तर:
फाह्यान एक विदेशी यात्री था। वह चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासन काल में भारत आया था।

(8) थाईलैण्ड का प्राचीन नाम बताइए।
उत्तर:
श्याम।

(9) नगर पंचायत का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कौन होता है ?
उत्तर:
मुख्य नगरपालिका अधिकारी।

(10) नगर पालिका के सदस्यों को क्या कहा जाता है ?
उत्तर:
नगर पालिका के सदस्यों को पार्षद कहा जाता है।

(11) जिला पंचायत के कोई दो कार्य लिखिए।
उत्तर:

  • ग्राम पंचायत के कार्यों की देख-रेख।
  • जिले के सरकारी विभागों में समन्वय।

(12) दीवानी और फौजदारी मुकदमे में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
जमीन-जायदाद, रुपये-पैसे आदि लेन-देन सम्बन्धी विवाद दीवानी मामले कहलाते हैं। इनकी सुनवाई दीवानी न्यायालयों में होती है। चोरी, मारपीट, हत्या आदि मामले फौजदारी मामले कहलाते हैं। इनकी सुनवाई फौजदारी न्यायालयों में होती है।

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(13) मध्य प्रदेश का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है ?
उत्तर:
जबलपुर।

(14) मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय की खंडपीठ किन दो शहरों में स्थित है ?
उत्तर:
ग्वालियर और इन्दौर।

(15) रबी फसल और खरीफ फसल में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
रबी की फसल अक्टूबर में बोकर अप्रैल में काटी जाती है जबकि खरीफ की फसल जुलाई में बोकर अक्टूबर में काटी जाती है।

(16) रेशेदार फसल से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
रेशेदार फसलें वे हैं जिनमें रेशे होते हैं, जैसे-कपास और जूट।

(17) शक्ति के साधन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिन संसाधनों से ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, उन्हें शक्ति के साधन कहते हैं।

(18) भारत के पड़ोसी देशों को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग बताइए।
उत्तर:
दिल्ली, लाहौर, कोलकाता, बांग्लादेश।

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(19) बन्दरगाह से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
बंदरगाह समुद्र तट पर बने ऐसे स्थान होते हैं जहाँ से बड़ी-बड़ी नौकाओं तथा जलयानों द्वारा माल और यात्रियों को लाने ले जाने का कार्य किया जाता है।

(20) ह्वेनसांग ने भारत के विषय में क्या लिखा है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपने यात्रा विवरण में तत्कालीन राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक तथा आर्थिक स्थिति का वर्णन किया है।

(21) पुलकेशिन द्वितीय ने किसको हराया था ?
उत्तर:
हर्षवर्धन को।

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MP Board Class 6th Social Science विविध प्रश्नावली 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न II.
(1) हर्षवर्धन की विजयों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हर्ष ने पंजाब,. पूर्वी राजस्थान, असम और गंगाघाटी के प्रदेशों को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया। 620 ई. में पुलकेशिन द्वितीय ने हर्ष के विजय अभियान को नर्मदा नदी के किनारे पर रोक दिया। हर्ष के साम्राज्य में मगध, उड़ीसा, पूर्वी बंगाल, गजरात, सौराष्ट्र, मालवा तथा सिन्ध प्रदेश सम्मिलित थे। हर्ष ने जिन राजाओं को हराया था वे सभी हर्ष को कर देते थे और युद्ध के समय उसकी मदद के लिए अपने सैनिक भेजते थे। इस काम के बदले में वे अपने क्षेत्र के राजा बने रहे।

(2) टिप्पणी लिखिए –
(अ) भारत का पश्चिमी देशों से सम्बन्ध
(ब) भारत का अरब देशों से सम्बन्ध
(स) भारत का मध्य एशिया से सम्बन्ध
(द) भारत का चीन से सम्बन्ध।
उत्तर:
(अ) भारत का पश्चिम देशों से सम्बन्ध – ईसा से लगभग 2000 वर्ष पूर्व से ही भारत के पश्चिम से सम्बन्ध थे। भारत का मिस्र व मेसोपोटामिया के साथ सम्बन्ध था। ईसा से 600 वर्ष पूर्व से ही भारत के फारस, यूनान व रोम से सम्बन्ध थे। रोम में भारत से बढ़ते आयात से तत्कालीन इतिहासकार प्लीनी १पी चिन्तित था।

(ब) भारत का अरब देशों से सम्बन्ध – अरब देशों और भारत के सम्बन्ध अति प्राचीन रहे हैं। अरब ने भारत से अंक पद्धति तथा दशमलव प्रणाली का ज्ञान पाया। कालान्तर में अरबों ने भारत व यूरोप के बीच के स्थल मार्ग पर कब्जा कर लिया। इस प्रकार वे भारत व यूरोप के बीच एक कड़ी बन गये।

(स) भारत का मध्य एशिया से सम्बन्ध – प्राचीन गांधार प्रदेश, जिसे आज अफगानिस्तान कहते हैं, मध्य एशिया में ही है। यह प्रदेश बौद्ध धर्म व कला का बड़ा केन्द्र था। बुद्ध की प्राचीनतम प्रतिमाएँ यहीं बनी हैं। सम्राट अशोक ने अपने धर्म प्रचारकों को मध्य एशिया में ही भेजा था।

(द) भारत का चीन से सम्बन्ध – चीन में बौद्ध धर्म भारत से ही गया था। भारत की यात्रा अनेक चीनी विद्वानों ने की। इनमें चीनी यात्री फाह्यान छः वर्षों तक भारत में रहा। चीन रेशम का मुख्य उत्पादक रहा, रेशम मार्ग से भारतीय व्यापारी भी व्यापार करते थे।

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(3) त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था से आप क्या समझते हैं ? ग्राम पंचायत तथा जिला पंचायत के गठन बताइए।
उत्तर:
ग्राम स्तर पर (1) ग्राम पंचायत, विकास खण्ड स्तर पर (2) जनपद पंचायत तथा जिला स्तर पर (3) जिला पंचायतें गठित की गई हैं। इन्हीं तीन स्तरों में स्थापित व्यवस्था को त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के नाम से जाना जाता है। कम-से-कम एक हजार की आबादी वाले प्रत्येक गाँव में एक ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है। यदि किसी गाँव की आबादी एक हजार से कम है तो एक से अधिक गाँवों को मिलाकर एक ग्राम पंचायत बना दी जाती है।

ग्राम पंचायत में 10 से 20 तक सदस्य (पंच) होते हैं जिनका चुनाव गाँव की जनता करती है। चुनाव करने के लिए पंचायत क्षेत्र को जनसंख्या के आधार पर कुछ वार्डों में बाँट दिया जाता है तथा प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य (पंच) का चुनाव होता है। इन वार्डों को पंचायत वार्ड कहते हैं। वार्ड के लोग वोट देकर पंच तथा सरपंच चुन लेते हैं। सबसे अधिक वोट पाने वाला व्यक्ति ही पंच तथा सरपंच (प्रधान) बनता है।

(4) नगर पालिका का गठन कहाँ व कैसे होता है ? समझाइए।
उत्तर:
नगर पंचायत का गठन-पाँच हजार से 20 हजार तक की आबादी वाले नगरों की व्यवस्था एवं देखभाल के लिए नगर पंचायतों का निर्माण किया जाता है।
नगर पंचायत निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनती है –

  • निर्वाचित सदस्य निर्वाचित सदस्यों को पार्षद कहते हैं। पार्षद का चुनाव नगर के मतदाताओं द्वारा बहुमत के आधार पर किया जाता है। नगरों को छोटे – छोटे कई वार्डों में बाँट दिया जाता है तथा प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य चुना जाता है।
  • अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष – अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता करती है तथा उपाध्यक्ष का चुनाव निर्वाचित पार्षदों द्वारा पार्षदों के बीच में से किया जाता है।
  • विशिष्ट सदस्य – विशिष्ट सदस्यों को एल्डरमैन भी कहते हैं। इनका चुनाव निर्वाचित सदस्यों द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से किया जाता है जो योग्य एवं अनुभवी हों।
  • मुख्य नगरपालिका अधिकारी – यह सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है।

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(5) नगर निगम का गठन समझाइए।
उत्तर:
नगर निगम का गठन-जिन नगरों की जनसंख्या एक लाख से अधिक होती है, वहाँ नगर निगम का गठन किया जाता है। बड़े शहरों के क्षेत्र को छोटे-छोटे भागों में बाँटकर पार्षदों का चुनाव किया जाता है।

नगर निगम निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनता है –

  • निर्वाचित सदस्य – नगर निगम में चुने हुए सदस्यों की संख्या 50 से 150 तक होती है। नगरों को छोटे-छोटे कई वार्डों में बाँट दिया जाता है तथा प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य चुना जाता है।
  • अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष – नगर निगम के अध्यक्ष को ‘महापौर’ अथवा ‘मेयर’ कहते हैं जिसका चुनाव सीधे जनता करती है। नगर निगम में एक उपाध्यक्ष की भी व्यवस्था है जिसे ‘उपमहापौर’ कहते हैं, जिसका चुनाव निर्वाचित पार्षदों द्वारा किया जाता है।
  • विशिष्ट सदस्य – नगर निगम के निर्वाचित सदस्य कुछ अनुभवी, विशिष्ट लोगों को एल्डरमैन के रूप में चुनते हैं। ___(iv) मुख्य प्रशासनिक अधिकारी-यह सरकार द्वारा नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा या राज्य प्रशासनिक सेवा का वरिष्ठ अधिकारी होता है। इसे निगम आयुक्त कहते हैं।

(6) भारत को प्रमुख प्राकृतिक वनस्पति विभागों में बाँटिए तथा किसी एक विभाग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में पाँच प्रकार की वनस्पति पाई जाती हैं –

  • उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन
  • उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन
  • कंटीले वन तथा झाड़ियाँ
  • ज्वारीय वन
  • पर्वतीय वन

(i) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन – यह वन पश्चिम बंगाल के मैदानों, उड़ीसा, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पाये जाते हैं। इन वनों के वृक्षों की ऊँचाई अधिक होती है। ये वन घने होते हैं और सदैव हरे-भरे रहते हैं। आबनूस, महोगनी, रोजवुड, बाँस, ताड़, रबर यहाँ के मुख्य वृक्ष हैं।

(ii) ज्वारीय वन – समुद्र तट के सहारे नदियों के डेल्टाओं में ज्वारीय वन पाये जाते हैं। सुन्दर वन इसका सबसे बड़ा क्षेत्र है। ये वन पश्चिम बंगाल में गंगा के मुहाने पर पाये जाते हैं। मैंग्रोव और सुन्दरी यहाँ के मुख्य वृक्ष हैं।

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(7) टिप्पणी लिखिए –
(अ) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन।
(ब) ज्वारीय वन।
उत्तर:
(अ) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन – हमारे देश में ये वन पश्चिमी घाट के पूर्वी ढालों पर प्रायद्वीप के उत्तर-पूर्वी भागों में शिवालिक पहाड़ियों पर मिलते हैं। इन वनों के वृक्ष मध्यम ऊँचाई के होते हैं। इन वनों में सागौन, साल, शीशम, चन्दन आदि के वृक्ष मिलते हैं।

(ब) ज्वारीय वन – समुद्र तट के सहारे नदियों के डेल्टाओं में ज्वारीय वन पाये जाते हैं। सुन्दर वन इसका सबसे बड़ा क्षेत्र है। ये वन पश्चिम बंगाल में गंगा के मुहाने पर पाये जाते हैं। मैंग्रोव और सुन्दरी यहाँ के मुख्य वृक्ष हैं।

(8) भारत में पाये जाने वाले खनिजों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत के प्रमुख खनिज पदार्थ लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, ताँबा, अभ्रक, सोना, चाँदी हैं।

(9) भारतीय जनसंख्या की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित –

  • व्यावसायिक भिन्नता
  • स्त्री-पुरुष अनुपात में अन्तर
  • आयु संरचना
  • साक्षरता स्तर,
  • ग्रामीण व नगरीय विभिन्नता,
  • सांस्कृतिक भिन्नता।

ग्रामीण व नगरीय विभिन्नता-भारत गाँवों का देश है यहाँ लगभग 5 लाख गाँव हैं और कुल आबादी का तीन चौथाई भाग अर्थात् 68.8 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। 31-2 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में बसती है जहाँ के अधिकतर व्यक्ति कृषि के अतिरिक्त सेवा कार्य, उद्योग, व्यापार, परिवहन आदि से जीविका चलाते हैं।

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MP Board Class 6th Social Science बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न III.
1.  शक शासकों ने अपनी राजधानी बनाई थी –
(अ) दिल्ली
(ब) उज्जैन
(स) अजमेर
(द) भोपाल।
उत्तर:
(ब) उज्जैन

2. हर्षचरित के लेखक थे –
(अ) हर्षवर्द्धन
(ब) ह्वेनसांग
(स) बाणभट्ट
(द) कालिदास।
उत्तर:
(अ) हर्षवर्द्धन

3.  भुक्ति कहा जाता था –
(अ) प्रान्त
(ब) जिला
(स) नगर
(द) ग्राम।
उत्तर:
(अ) प्रान्त

4.  बाघ की गुफा में बने चित्र किस काल की चित्रकला का उदाहरण हैं ?
(अ) कुषाण काल
(ब) गुप्त काल
(स) हड़प्पा काल
(द) वैदिक काल।
उत्तर:
(ब) गुप्त काल

5.  जिले का सर्वोच्च अधिकारी होता है –
(अ) जिला पुलिस अधीक्षक
(ब) जिला शिक्षा अधिकारी
(स) कलैक्टर
(द) जिला परियोजना अधिकारी।
उत्तर:
(स) कलैक्टर

6.  भारत में पहला आधुनिक लौह इस्पात कारखाना स्थापित हुआ था –
(अ) भिलाई
(ब) राउरकेला
(स) विशाखापट्टनम
(द) कुल्टी।
उत्तर:
(द) कुल्टी।

7.  भारत में पहला सीमेण्ट कारखाना स्थापित हुआ था –
(अ) मध्य प्रदेश
(ब) बिहार
(स) उत्तर प्रदेश
(द) तमिलनाडु।
उत्तर:
(द) तमिलनाडु।

8.  कोयला उत्पादन में संसार में भारत का स्थान है –
(अ) पहला
(ब) तीसरा
(स) पाँचवाँ
(द) दूसरा।
उत्तर:
(स) पाँचवाँ

9.  बन्दरगाह है –
(अ) चेन्नई
(ब) दिल्ली
(स) भोपाल
(द) महाबलेश्वर।
उत्तर:
(अ) चेन्नई

10.  भारत में रेलमार्गों के जोन की संख्या है –
(अ) 7
(ब)8
(स) 9
(द) 10.
उत्तर:
(स) 9

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प्रश्न IV.
असमान छाँटिए –
1. कुषाण, नाग, चेर, कण्व।
2. मेघदूत, रघुवंश, अभिज्ञान शाकुन्तलम्, नीतिसार।
3. जावा, यवद्वीप, इण्डोनेशिया, बर्मा।
4. चन्द्रगुप्त प्रथम, चन्द्रगुप्त द्वितीय, राघवेन्द्र गुप्त, समुद्रगुप्त।
5. ग्राम पंचायत, राज्य पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत।
6. सागौन, शीशम, नारियल, साल।
7. कीकर, बबूल, जलकुम्भी, नागफनी।
8. आलू, तिल, सरसों, मूंगफली।
9. चेन्नई, भोपाल, कोलकाता, मुम्बई।
उत्तर:

  1. चेर
  2. नीतिसार
  3. इण्डोनेशिया
  4. राघवेन्द्र गुप्त
  5. राज्य पंचायत
  6. नारियल
  7. जलकुम्भी
  8. आलू
  9. भोपाल।

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प्रश्न V.
खाली स्थान की पूर्ति कीजिए1. शुंग वंश का अन्तिम शासक …….. था।
2. साँची के स्तूप के तोरणद्वार का निर्माण ………….. के काल में हुआ था।
3. ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि ………….. को मिली थी।
4. ‘स्वर्ण युग ………… काल को कहा जाता था।
5. रघुवंश के रचयिता ………… थे।
6. चीनी यात्री ह्वेनसांग ………… के काल में भारत आया था।
7. नालन्दा वर्तमान में ………… राज्य में स्थित है।
8. चीनी भाषा में बौद्ध ग्रन्थों का अनुवाद सर्वप्रथम ………….. ने किया।
9. ईसाई धर्म के संस्थापक …………. थे।
10. प्राचीन काल में ईरान ………….. कहलाता था।
11. ‘अविस्ता-ए-जेंद’ नामक धार्मिक उपदेशों का संग्रह ……….. धर्म से सम्बन्धित है।
12. सरपंच …………… पंचायत का मुखिया होता है।
13. पार्षद बनने की न्यूनतम आयु ………….. वर्ष होती है।
14. ककड़ी, खरबूजा, तरबूज …………… की फसलें हैं।
15. मध्यप्रदेश का जनसंख्या घनत्व …………. व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
उत्तर:

  1. देवभूति
  2. हर्ष
  3. चन्द्रगुप्त
  4. गुप्त काल
  5. कालिदास
  6. हर्षवर्धन
  7. बिहार
  8. कश्यप मातंग
  9. ईसा
  10. फारस
  11. फारसी
  12. ग्राम
  13. 18
  14. जायद
  15. 2361

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