MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 17 राज्ञी दुर्गावती

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 17 राज्ञी दुर्गावती

MP Board Class 7th Sanskrit Chapter 17 अभ्यासः

प्रश्न 1.
अधोलिखित प्रश्नों के उत्तरों को एक शब्द में लिखो
(क) महाराज्ञी दुर्गावती कुत्र जाता? [महारानी दुर्गावती का जन्म कहाँ हुआ?]
उत्तर:
मण्डलाक्षेत्रे

(ख) दुर्गावत्याः विवाहः केन सह जातः? [दुर्गावती का विवाह किसके साथ हुआ?]
उत्तर:
दलपतशाहेन सह

(ग) दुर्गावती कृपाणेन किम् अकरोत्? [दुर्गावती ने तलवार से क्या किया?]
उत्तर:
प्राणघातम्

(घ) दुर्गावत्या पुत्र कः आसीत्? [दुर्गावती का पुत्र कौन था?]
उत्तर:
वीरनारायणः

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(ङ) दुर्गावतीविश्वविद्यालयः कुत्र स्थितः? [दुर्गावती विश्वविद्यालय कहाँ स्थित है?]
उत्तर:
जबलपुरनगरे।

प्रश्न 2.
अधोलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखो
(क) दुर्गावत्याः समाधिः कुत्र अस्ति? [दुर्गावती की समाधि कहाँ है?]
उत्तर:
जबलपुरमण्डलामार्गे तस्याः समाधिः अस्ति। [जबलपुर और मण्डला के मार्ग पर उसकी समाधि है।]

(ख) प्रजासु दुर्गावत्याः कीदृशः स्नेहः आसीत्? [प्रजा पर दुर्गावती का कैसा स्नेह था?]
उत्तर:
प्रजासु तस्याः पुत्रवत् स्नेहः आसीत्। [प्रजा पर उसका पुत्र के समान स्नेह था।]

(ग) कः दुर्गावत्याः उपरि आक्रमणम् अकरोत्? [किसने दुर्गावती पर आक्रमण किया?]
उत्तर:
अकबरस्य सेनापतिः आसफखानः तस्याः उपरि आक्रमणम् अकरोत्। [अकबर के सेनापति आसफखान ने उसके ऊपर आक्रमण किया।]

प्रश्न 3.
अधोलिखित शब्दों के मूल शब्द, विभक्ति और वचन लिखो
(क) मण्डलाक्षेत्रे
(ख) दलपतशाहेन
(ग) राजकार्येषु
(घ) राजधान्याम्
(ङ) रक्षायै
(च) तस्याः।
उत्तर:
(क) ‘मण्डलाक्षेत्र’ शब्द, सप्तमी विभक्तिः, एकवचनं।
(ख) ‘दलपतशाह’ शब्द, तृतीया विभक्तिः, एकवचनं।
(ग) ‘राजकार्य’ शब्द, सप्तमी विभक्तिः, बहुवचनं।
(घ) ‘राजधानी’ शब्द, सप्तमी विभक्तिः, एकवचनं।
(ङ) ‘रक्षा’ शब्द, चतुर्थी विभक्तिः, एकवचनं
(च) ‘सा’ शब्द, चतुर्थी विभक्तिः, एकवचनं।

प्रश्न 4.
अधोलिखित शब्दों का मूलधातु-लकार-पुरुषवचन लिखो
(क) न्यवसत्
(ख) अकरोत्
(ग) आसीत्
(घ) अपश्यत्
(ङ) प्राप्नोत्
(च) अत्यजत्।।
उत्तर:
(क) ‘वस्’ धातु, लङ् लकार, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।
(ख) ‘कृ’ धातु, लङ् लकार, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।
(ग) ‘अस्’ धातुः, लङ् लकारः, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।
(घ) ‘दृश्’ धातुः, लङ् लकारः, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।
(ङ) ‘आप्’ धातुः, लङ् लकारः, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।
(च) ‘त्यज्’ धातुः, लङ् लकारः, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।

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प्रश्न 5.
कोष्ठक में उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों को पूरा करो
(क) सा चन्देलराज्यपुत्री …………। (आसीत्/आस्ताम्)
(ख) प्रजाः अपि तां मातेव …………. (पश्यत्/अपश्यन्)
(ग) सा रणचण्डी भूत्वा युद्धम् …………। (अकरोत्/अकुर्वन्)
(घ) तस्याः बलिदानम् अधुनापि जनाः ………। (स्मरतः/स्मरन्ति)
(ङ) सा अद्यापि यशः शरीरेण ……….। (जीवति/जीवन्ति)
उत्तर:
(क) आसीत्
(ख) अपश्यन्
(ग) अकरोत्
(घ) स्मरन्ति
(ङ) जीवति।

प्रश्न 6.
अधोलिखित तालिका से वाक्य बनाओ
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 17 राज्ञी दुर्गावती img 1
उत्तर:
(क) वीरनारायणः बालकः एव आसीत्।
(ख) दुर्गावती चातुर्येण शौर्यण च राज्यमकरोत्।
(ग) राज्ञी दुर्गावती धीरा वीरा च आसीत्।
(घ) प्रजासु तस्याः पुत्रवत् स्नेहः आसीत्।
(ङ) प्रजाः अपि तां माता इव अपश्यन्।

प्रश्न 7.
लङ्लकार में निम्नलिखित धातुओं के रूप लिखो
(वस्, लिख्, भू(भव), क्रीड्, धाव, खाद्, गम् (गच्छ))
उत्तर:
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 17 राज्ञी दुर्गावती img 2

प्रश्न 8.
अधोलिखित वाक्यों के शुद्ध रूप लिखो
(क) सा “महाराज्ञी” उपाधिना विभूषितः।
(ख) महिला अगच्छन्।
(ग) वीरनारायणः जाता।
(घ) आसफखानः आक्रमणम् अकुर्मः।
(ङ) बालकाः अक्रीडत।
उत्तर:
(क) विभूषिता
(ख) अगच्छत्
(ग) जातः
(घ) अकरोत्
(ङ) अक्रीडन्।

राज्ञी दुर्गावती हिन्दी अनुवाद

दीक्षा :
भ्रात! त्वं कुत्र पठसि?

रमण :
अहं जबलपुरनगरे पठामि। दीक्षा-तत्र कस्यां संस्थायाम् अध्ययनं करोषि?

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रमणः :
अहं “राज्ञीदुर्गावतीविश्वविद्यालये” अध्ययनं करोमि।

दीक्षा :
महाराज्ञी दुर्गावती का आसीत् यस्याः नाम्ना विश्वविद्यालयः प्रचलित।

रमणः :
महाराज्ञी दुर्गावती मध्यप्रदेशस्य मण्डलाक्षेत्रस्य वीराङ्गना आसीत्। सा चन्देलराज्यपुत्री आसीत्। तस्याः विवाहः गोंडराजदलपतशाहेन सह अभवत्। दलपतशाहः गोंडवानाराजस्य राजधान्यां मण्डलानगरे न्यवसत्। विवाहात् चतुर्वर्षाणाम् अनन्तरं दलपतशाहः दिवङ्गतः।

अनुवाद :
दीक्षा:
भाई! तुम कहाँ पढ़ते ह?

रमण :
मैं जबलपुर नगर में पढ़ता हूँ।

दीक्षा :
वहाँ किस संस्था में अध्ययन करते हो?

रमण :
मैं “रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में” अध्ययन करता हूँ।

दीक्षा :
महारानी दुर्गावती कौन थी, जिसके नाम से विश्वविद्यालय चलता है।

रमण :
महारानी दुर्गावती मध्य प्रदेश के मण्डला क्षेत्र की वीरांगना (वीर स्त्री) थी। वह चन्देल राज्य की पुत्री थी। उसका विवाह गौंडराज दलपतशाह के साथ हुआ था। दलपतशाह गौंडवाना राज की राजधानी में मण्डला नगर में रहते थे। विवाह के चार वर्षों के बाद ही दलपतशाह का स्वर्गवास हो गया।

दीक्षा :
तदा दलपतशाहस्य पुत्रः नृपः अभवत् किम्?

रमण: :
आम्! राज्ञः मरणोपरान्तं तस्य अल्पवयस्कपुत्रः। वीरनारायणः राजा अभवत्।

दीक्षा :
केन कारणेन सा इयती प्रसिद्धा?

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रमणः :
वीरनारायणः बालक एव आसीत्। अतः सा दुगा. ‘वती चातुर्येण शौर्यण च राज्यमकरोत्। अतएव सा “महाराज्ञी” इति उपाधिना विभूषिता।

दीक्षा :
तस्याः राज्यस्य वैशिष्ट्यं किम् आसीत्?

रमणः :
राज्ञी दुर्गावती धीरा वीरा च आसीत्। राजकार्येषु युद्धविद्यायां च प्रवीणा आसीत्। प्रजासु तस्याः पुत्रवत् स्नेहः आसीत्। प्रजा अपि तां माता इव अपश्यन्। लोककल्याणमेव तस्याः आदर्शः। तस्याः राज्यकाले सर्वत्र सम्पन्नता आसीत्।।

अनुवाद :
दीक्षा :
क्या तब दलपतशाह का पुत्र राजा हो गया था?

रमण :
हाँ! राजा की मृत्यु के बाद उनका अल्पवयस्क पुत्र वीरनारायण राजा हो गया था।

दीक्षा :
वह किस कारण से इतनी प्रसिद्ध हो गयी?

रमण :
वीरनारायण बालक ही था। इसलिए उस दुर्गावती ने चतुराई से और शूरवीरता से राज्य किया। इसलिए वह महारानी’ इस उपाधि से विभूषित हुई।

दीक्षा :
उसके राज्य की क्या विशेषता थी?

रमण :
रानी दुर्गावती धैर्यवान और वीर थी। राजकार्यों में और युद्धविद्या में चतुर थी। प्रजा पर उसका पुत्र के समान प्रेम था। प्रजा भी उसे माता की तरह देखती थी। लोककल्याण ही उसका आदर्श था। उसके राज्य काल में सर्वत्र सम्पन्नता थी।

दीक्षा :
केनापि सह तस्याः युद्धः अभवत् किम्?

रमण :
आम्! अवश्यमेव, तस्याः राजस्य सुखसमृद्धिम् असहमानः अकबरस्य सेनापतिः आसफखान: तस्याः उपरि आक्रमणम् अकरोत्। सा रणचण्डी भूत्वा युद्धं कृतवती, प्रथमदिवसे विजयं प्राप्नोत्।

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दीक्षा :
तदन्तरं दुर्गावत्याः पूर्णविजयः अभवत् किम्?

रमण: :
न, पराजित: आसफखानः द्वितीयदिवसे शतघ्नीनां प्रयोगं कुर्वन् प्रचण्डाक्रमणम् अकरोत्। तस्य प्रतिरोधे असमर्थाः बहवः गौंडसैनिकाः हताः। अस्मिन् युद्धे एकः बाणः तस्याः नेत्रे, द्वितीयश्च कण्ठे लग्नः, तथापि सा युद्धं कृतवती अन्ते मृत्यु समीपम् अवलोक्य स्वसम्मानरक्षायै सा स्वयमेव कृपाणघातेन प्राणान् अत्यजत्।

अनुवाद :
दीक्षा :
क्या उसका किसी के साथ युद्ध हुआ?

रमण :
हाँ! अवश्य ही, उसके राज्य की सुखसमृद्धि को न सह सकने वाले अकबर के सेनापति आसफखान ने उसके ऊपर आक्रमण कर दिया। उसने रणचण्डी होकर युद्ध किया, पहले दिन विजय प्राप्त की।

दीक्षा :
क्या उसके बाद दुर्गावती की पूर्ण विजय हो गयी?

रमण :
नहीं, पराजित आसफखान ने दूसरे दिनशतघ्नीयों का (तोपों का) प्रयोग करते हुए भयंकर आक्रमण किया। उसका प्रतिरोध करने में असमर्थ बहुत से गौंड सैनिक मारे गये। इस युद्ध में एक बाण उसके नेत्र में और दूसरा कण्ठ में लग गया था फिर भी वह युद्ध करती रही। अन्त में मृत्यु को समीप ही देखकर अपने सम्मान की रक्षा के लिए उसने स्वयं ही तलवार के प्रहार से प्राणों को त्याग दिया।

दीक्षा :
इदं तु बहुकष्टकारकम्।

रमणः :
आम्, तस्याः, बलिदानम् अधुनापि जनाः स्मरन्ति। जबलपुरमण्डलामार्गे तस्या समाधिः अस्ति। काव्येषु लोकगीतेषु इतिहासे च सा अद्यापि यशः शरीरेण जीवति।

दीक्षा :

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सत्यम्! दुर्गावती दुर्गा इव आसीत्।

अनुवाद :
दीक्षा :
यह तो बहुत ही कष्ट देने वाली बात है।

रमण :
हाँ, उसके बलिदान को तो आज भी लोग याद करते हैं। जबलपुर और मण्डला के मार्ग पर उसकी समाधि है। काव्यों में और लोकगीतों में तथा इतिहास में वह आज भी यशरूपी शरीर से जीवित है।

दीक्षा :
सत्य है। दुर्गावती दुर्गा की भाँति थी।

राज्ञी दुर्गावती शब्दाथा:

सह = साथ में। न्यवसत् = निवास करते थे। दिवङ्गतः = स्वर्गवास होना। प्रतिरोधः विरोध करना।

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MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 21 सूक्तयः

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 21 सूक्तयः

MP Board Class 7th Sanskrit Chapter 21 अभ्यासः

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखो
(क) कः परमो धर्म:? [परम धर्म कौन-सा है?]
उत्तर:
आचारः

(ख) विपरीत बुद्धिः कदा भवति? [बुद्धि किस समय विपरीत हो जाती है?]
उत्तर:
विनाशकाले

(ग) कूपखननं कदा न युक्तम्? [कुएँ का खोदना कब उचित नहीं है?]
उत्तर:
प्रदीप्तेवह्निकागृहे

(घ) केन कार्याणि सिद्धयन्ति? [कार्य किससे सिद्ध हो जाते हैं?]
उत्तर:
उद्यमेन

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(ङ) किं सर्वत्र वर्जयेत्? [सभी स्थानों पर क्या वर्जनीय है?]
उत्तर:
अति।

प्रश्न 2.
एक वाक्य में उत्तर लिखो-
(क) कानि परेषां न समाचरेत्? [कौन-से कार्य दूसरों के लिए नहीं करने चाहिए?]
उत्तर:
आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत्। [जो काम अपने लिए विपरीत हों, उन्हें दूसरों के लिए नहीं करना चाहिए।]

(ख) संसर्गजाः के भवन्ति? [संगति से क्या हो जाते हैं?]
उत्तर:
संसर्गजा दोषगुणाः भवन्ति। [संगति से दोष भी गुण हो जाते हैं।]

(ग) सर्वोत्तम भूषणं किम् अस्ति? [सबसे अच्छा आभूषण क्या है?]
उत्तर:
वाग्भूषणं सर्वोत्तमं भूषणं अस्ति। [वाणी का आभूषण ही सबसे अच्छा आभूषण है।]

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
(क) ……… वसुधैव कुटुम्बकम्।
(ख) हितं मनोहारि च ………. वचः।
(ग) आत्मनः ……….. परेषां न समाचरेत्।
(घ) न ……… युक्तं प्रदीप्ते वह्निकागृहे।
(ङ) विनाशकाले ……….
उत्तर:
(क) उदारचरितानां तु
(ख) दुर्लभम्
(ग) प्रतिकूलानि
(घ) कूपखननं
(ङ) विपरीतबुद्धिः।

प्रश्न 4.
उचित शब्दों का मेल करो
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 21 सूक्तयः img 1
उत्तर:
(क) → (3)
(ख) → (4)
(ग) → (1)
(घ) → (5)
(ङ) → (2)

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प्रश्न 5.
समानार्थक शब्द लिखो
(1) वह्निना
(2) युक्तम्
(3) उद्यमेन
(4) वसुधा।
उत्तर:
(1) अग्निना
(2) सहितम्
(3) परिश्रमेन
(4) पृथिवी।

प्रश्न 6.
अधोलिखित शब्दों के विलोम शब्द पाठ से चुनकर लिखो
(क) अनुदारचरितानाम्
(ख) अनुकूलानि
(ग) सुलभम्
(घ) आलस्येन
(ङ) समृद्धिकाले।
उत्तर:
(क) उदारचरितानाम्
(ख) प्रतिकूलानि
(ग) दुर्लभम्
(घ) उद्यमेन
(ङ) विनाशकाले।

प्रश्न 7.
शुद्ध वाक्यों के समक्ष ‘आम्’ तथा अशुद्ध वाक्यों के समक्ष ‘न’ लिखो
(क) संसर्गजा दोषगुणाः न भवन्ति।
(ख) आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां समाचरेत्।
(ग) वाग्भूषणं भूषणं न अस्ति।
(घ) अति सर्वत्र न वर्जयेत्।
(ङ) कार्याणि मनोरथैः सिध्यन्ति।
उत्तर:
(क) न
(ख) न
(ग) न
(घ) न
(ङ) न

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प्रश्न 8.
संस्कृत वाक्यों में प्रयोग करो
(क) खलु
(ख) सततं
(ग) गृहे
(घ) बृद्धिः
उत्तर:
(क) सः खलुः अत्र आगच्छेत्.
(ख) सततम् श्रम करणेन साफल्यं भवति।
(ग) गृहे सति कः मित्रम् भवति।
(घ) विपत्तिकाले बद्धिः विपरीतम् भवति।

प्रश्न 9.
रेखांकित शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाओ
(क) अति सर्वत्र वर्जयेत्।
(ख) आचारः परमो धर्मः।
(ग) उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि।
(घ) उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्।
उत्तर:
(क) का सर्वत्र वर्जयेत्?
(ख) कः परमो धर्मः?
(ग) केन हि सिध्यन्ति कार्याणि?
(घ) केषाम् तु वसुधैव कुटुम्बकम्?

सूक्तयः हिन्दी अनुवाद

  1. आचारः परमोधर्मः।
  2. संसर्गजाः दोषगुणाः भवन्ति।
  3. उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्।
  4. हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः।।
  5. उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
  6. अति सर्वत्र वर्जयेत्।
  7. विनाशकाले विपरीतबुद्धिः।
  8. न कूपखननं युक्तं प्रदीप्ते वह्निना गृहे।
  9. आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत्।
  10. क्षीयन्ते खलु भूषणानि सततं वाग्भूषणं भूषणम्।

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अनुवाद :

  1. आचरण सबसे बड़ा धर्म है।
  2. संगति से दोष भी गुण हो जाया करते हैं।
  3. उदार चरित्र वाले लोगों के लिए तो सारी पृथ्वी ही कुटुम्ब के समान होती है।
  4. हितकारी और मनोहारी वचन दुर्लभ होते हैं।
  5. परिश्रम करने से ही कार्य हुआ करते हैं, इच्छाओं से नहीं।
  6. किसी काम की अति सभी जगह रोक लेनी चाहिए।
  7. जब विनाशकाल आता है, तो बुद्धि भी उल्टी हो जाती है अर्थात् मनुष्य का आचरण भी विपरीत होने लगता है।
  8. घर में आग लगने पर कुएँ का खोदना उचित नहीं होता है।
  9. जो काम अपने लिए विपरीत हो, वह दूसरों के लिए नहीं करना चाहिए।
  10. आभूषण तो नष्ट हो जाते हैं परन्तु वाणी का आभूषण सदा आभूषण रूप में बना रहता है।

सूक्तयः शब्दार्थाः

उद्यमेन = मेहनत से। संसर्गजाः = साथ रहने से। प्रदीप्ते = जलने पर। कूपखननं = कुआँ खोदना। आत्मनः = अपने। क्षीयन्ते = नष्ट हो जाते हैं। भूषणानि = गहने।

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MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 20 योगः स्वास्थ्यस्य साधनम्

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 20 योगः स्वास्थ्यस्य साधनम्

MP Board Class 7th Sanskrit Chapter 20 अभ्यासः

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखिए
(क) कः योगस्य प्रवर्तकः? [योग के प्रवर्तक कौन थे?]
उत्तर:
पतञ्जलिः

(ख) केन शरीरं स्वस्थं भवति? [किससे शरीर स्वस्थ होता है?]
उत्तर:
योगेन

(ग) श्वासनियंत्रणम् केन भवति? [श्वास नियंत्रण किससे होता है?]
उत्तर:
श्वासोच्छ्वसनं

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(घ) कः कालः योगाय उचितः? [योग के लिए कौन-सा समय उचित होता है?]
उत्तर:
प्रातः

(ङ) योगनिद्रा किमर्थं क्रियते? [योगनिद्रा किसलिए की जाती है?]
उत्तर:
मनः शान्त्यर्थं।

प्रश्न 2.
एक वाक्य में उत्तर लिखो
(क) आद्यं धर्मसाधनं किम् अस्ति? [प्रारम्भिक धर्म का साधन क्या है?]
उत्तर:
शरीरमाद्यम् खलु धर्मसाधनम् अस्ति। [शरीर ही धर्म का प्रारम्भिक साधन है।]

(ख) योगेन किं स्वस्थं भवति? [योग से क्या स्वस्थ होता है?]
उत्तर:
योगेन शरीरं स्वस्थं भवति। [योग से शरीर स्वस्थ होता है।]

(ग) स्वस्थ शरीरे किं सुकरम्? [स्वस्थ शरीर से क्या आसान है?]
उत्तर:
स्वस्थ शरीरे अध्ययनं सुकरम् भवति। [स्वस्थ शरीर से अध्ययन आसान है।]

(घ) योगशास्त्रम् किमर्थं प्रवर्तितम्? [योगशास्त्र का प्रवर्तन किसलिए हुआ?]
उत्तर:
योगशास्त्रम् शरीरस्वास्थ्यार्थम् प्रवर्तितम्। [योगशास्त्र का प्रवर्तन शरीर के स्वास्थ्य के लिए हुआ।]

(ङ) सुलभा कस्य मूर्तिम् अपश्यत्? [सुलभा ने किसकी मूर्ति को देखा?]
उत्तर:
सुलभा मुनेः पतञ्जलेः मूर्तिम् अपश्यत्। [सुलभा ने मुनि पतञ्जलि की मूर्ति को देखा।]

प्रश्न 3.
उचित विकल्प से रिक्त स्थानों को भरो (व्याकरणम्, आयुर्वेदम्, नास्ति, अस्ति, करिष्यति, कारयिष्यति)
(क) सम्यग् अन्नपचनं …………।
(ख) सदैव क्षुधाभावः ………..।
(ग) सुलभा योगं ………….।
(घ) शारदा योगं ……………।
(ङ) पतञ्जलिः शरीरस्वास्थ्यार्थम् ………….अरचयत्।
(च) पतञ्जलिः वाणीशुद्धयर्थं …………. अरचयत्।।
उत्तर:
(क) नास्ति
(ख) अस्ति
(ग) करिष्यति
(घ) कारयिष्यति
(ङ) आयुर्वेदम्
(च) व्याकरणम्।

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प्रश्न 4.
अधोलिखित पदों को लकार के अनुसार लिखो (आसीः, भवति, करिष्यति, अपश्यत्, अकरोत्, सम्भवन्ति, इच्छामि, उन्मूलयन्ति, ज्ञास्यामि, आगमिष्यामि)
उत्तर:
(क) लङ् (भूतकालिकः) = आसीः, अपश्यत्, अकरोत्।
(ख) लट् (वर्तमाने) = भवति, सम्भवन्ति, इच्छामि, उन्मूलयन्ति।
(ग) लुट (भविष्यत्) = करिष्यति, ज्ञास्यामि, आगमिष्यामि।

प्रश्न 5.
अधोलिखित भूतकालिक कृदन्त शब्दों को देखो और रिक्त स्थानों को भरो [लिखितम्, आगतः, पीडिता, प्रयुक्तम्]
(क) बालकः पत्रम् लिखति। तेन पत्रं ………..।
(ख) रोगः सुलभां पीडयति। सुलभा रोगेन ………..।
(ग) बालकः गृहम् आगच्छत्। बालकः गृह ………..।
(घ) शारदा आसनं प्रायुक्त। शारदया आसनं ………..।
उत्तर:
(क) लिखितम्
(ख) पीडिता
(ग) आगतः
(घ) प्रयुक्तम्।

प्रश्न 6.
रेखांकित पदों के लिए प्रश्न निर्माण करो
(क) योगाभ्यासेन कार्ये कौशलं जायते।
(ख) आसनानि सन्धि रोगान् उन्मूलयन्ति।
(ग) सुलभा शारदाम् अमिलत्।
(घ) सर्वं गुरोः निर्देशने करणीयम्।
उत्तर:
(क) योगाभ्यासेन कस्मिन् कौशलं जायते?
(ख) आसनानि कान् रोगान् उन्मूलयन्ति?
(ग) का शारदाम् अमिलत्?
(घ) सर्वम् कस्य निर्देशने करणीयम्?

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प्रश्न 7.
उचित शब्दों को मिलाओ-
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 20 योगः स्वास्थ्यस्य साधनम् img 1
उत्तर:
(क) → (3)
(ख) → (4)
(ग) → (5)
(घ) → (6)
(ङ) → (1)
(च) → (2)

प्रश्न 8.
अधोलिखित रूपों का लकार, वचन और पुरुष लिखो
(क) आसीः
(ख) आसम्
(ग) अस्ति
(घ) सन्ति
उत्तर:
(क) आसी: = लङ् लकार, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।
(ख) आसम् = लङ् लकार, उत्तम पुरुषः, एकवचनम्।
(ग) अस्ति = लट् लकार, अन्य पुरुषः, एकवचनम्।
(घ) सन्ति = लट् लकार, अन्य पुरुषः, बहुवचनम्।

योगः स्वास्थ्यस्य साधनम् हिन्दी अनुवाद

(संस्कृतशिक्षिका विद्यावती स्वछात्रां सुलभाम् अपृच्छत्)

विद्यावती :
सुलभे! ह्यः त्वं कक्षायाम् उपस्थिता न आसीः। किं कारणम्?

सुलभा:
महोदये! रात्रौ मम उदरपीडा आसीत्। गतसप्ताहे अपि अनेनैव कारणेन पीडिता आसम्। कदाचित् ज्वरः वर्तते। अन्नपचनं सम्यग् नास्ति। क्षुधाभावः सदैव अस्ति।

विद्यावती :
एतत् चिन्तनीयम्। वैद्यस्य किम् अभिमतम्?

सुलभा:
वैद्यः औषधयोजनां करोति। किन्तुस्थगिते औषधे पुनः पीडा प्रादुर्भवति। न जाने किं कर्त्तव्यमिति। धिगस्तु रुग्णजीवनम्।

विद्यावती:
यदा औषधसेवनं रोगान् न उन्मूलयति, तदा योगोपचारः कर्त्तव्यः। योगकक्षां गत्वा योगशिक्षिकायाः मार्गदर्शनं स्वीकुरु। सा चिकित्सां करिष्यति।

अनुवाद :
(संस्कृत की अध्यापिका विद्यावती ने अपनी छात्रा सुलभा से पूछा)

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विद्यावती :
हे सुलभा! कल तुम कक्षा में उपस्थित नहीं थीं। क्या कारण था?

सुलभा :
हे महोदया! रात को मेरे पेट में दर्द था। बीते सप्ताह भी इसी कारण से (मैं) पीड़ित थी। शायद ज्वर है। अन्न का पाचन ठीक तरह से नहीं होता है। भूख की कमी सदा ही बनी रहती है।

विद्यावती :
यह चिन्ता का विषय है। वैद्य की क्या राय है?

सुलभा :
वैद्य औषधि की योजना करता है। किन्तु औषधि के बन्द कर देने पर पीड़ा फिर से उत्पन्न हो जाती है। क्या करना चाहिए? नहीं जानते हैं। रोगयुक्त जीवन के लिए धिक्कार है।

विद्यावती :
जब औषधि सेवन करने पर भी रोग नष्ट नहीं होता है, तब योग से उपचार (इलाज) करना चाहिए। योग की कक्षा में जाकर योग की शिक्षिका का मार्गदर्शन स्वीकार करो। वह चिकित्सा (इलाज) करती है।

सुलभा :
महोदये! योगमार्गः तु संन्यासिनां मार्गः। संसारत्यागं न इच्छामि। अहं छात्रा अस्मि।

विद्यावती :
न एतत्। योगेन शरीरं चित्तम् अपि स्वस्थं भवति। “शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्” इति प्रसिद्धं वचनम्। स्वस्थे शरीरे अध्ययनं सुकरं भवति। तेन चित्तस्य एकाग्रता भवति। कार्ये कौशलं जायते। योगस्य अभ्यासेन अनेके लाभाः सम्भवन्ति।

(अन्यस्मिन् दिने सुलभा योगकक्षां गत्वा योगशिक्षिकां शारदां मिलितवती।)

अनुवाद :
सुलभा-हे महोदया! योगमार्ग (योग का उपाय) तो संन्यासियों का मार्ग है। संसार को त्यागना नहीं चाहती। मैं एक छात्रा हूँ।

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विद्यावती :
ऐसा नहीं है। योग से शरीर (और) चित्त भी स्वस्थ होता है। ‘शरीर ही धर्म का साधन होता है’, यह कहावत प्रसिद्ध है। शरीर के स्वस्थ रहने पर अध्ययन आसान होता है। उससे चित्त की एकाग्रता होती है। कार्य में कुशलता पैदा हो जाती है। योग के अभ्यास से अनेक लाभ सम्भव हैं।

(दूसरे दिन सुलभा योग की कक्षा में जाकर योग की शिक्षिका शारदा से मिलती है।)

सुलभा :
नमस्ते भगवति। अहं सुलभा। मम शिक्षिका विद्यावती भवती मेलितुं मां समादिशत्। अहम् उदररोगेण पीडिता अस्मि। अत: योगोपचारम् इच्छामि।

शारदा :
स्वागतं। प्रविश कक्षाम्। (सुलभा कक्षां प्रविश्य एका मूर्तिम् अपश्यत्) सुलभा-भगवति! एषः ऋषिः कः?

शारदा :
एषः भगवान् पतञ्जलिः। एषः योगविद्यायाः प्रवर्तकः। अनेन मुनिना शरीरार्थम् आयुर्वेदे, वाणीशुद्धयर्थं व्याकरणे, मनोनिग्रहार्थं च योगशास्त्रे ग्रन्थाः लिखिताः।।

अनुवाद :
सुलभा :
हे भगवति! नमस्ते। मैं सुलभा हूँ। मेरी शिक्षिका विद्यावती ने आपसे मिलने के लिए मुझे आदेश दिया था। मैं पेट के रोग से पीड़ित हूँ। अत: योग का उपचार चाहती हूँ।

शारदा :
स्वागत है। कक्षा में प्रविष्ट हो जाइए। (सुलभा ने कक्षा में प्रवेश करके एक मूर्ति को देखा।)

सुलभा :
हे भगवति! ये कौन से ऋषि हैं?

शारदा :
ये भगवान पतञ्जलि हैं। ये ही योगविद्या के प्रवर्तक थे। इन मुनि महोदय के द्वारा शरीर के लिए आयुर्वेद में, वाणी की शुद्धता के लिए व्याकरण में और मन का निग्रह करने के लिए योगशास्त्र पर ग्रंथों को लिखा।

सुलभा :
वन्दे पतञ्जलिम्। योगकक्षायाम् अहं किं करिष्यामि?

शारदा :
आदौ स्वस्तिकासनं सिद्धासनं पद्मासनं च कारयिष्यामि एतेषाम् अभ्यासेन एकस्थितौ उपवेशनं स्थिरं भवति। तदा अध्ययने, कार्ये, प्राणायामे लेखने च काठिन्यं न स्यात।

सुलभा:
रोगनिवारणार्थं कः उपायः?

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शारदा :
कानिचित् आसनानि उदररोगोपचारे प्रयुक्तानि। कानिचित् हस्तपादयोः सञ्चालने सहायकानि। कानिचित् सन्धिरोगम् उन्मूलयन्ति।

अनुवाद :
सुलभा-पतञ्जलि को नमस्कार। योग की कक्षा में मैं क्या करूँगी?

शारदा :
पहले स्वास्तिक आसन, सिद्ध आसन और पद्म आसन कराऊँगी। इनके अभ्यास से एक स्थिति में उपवेशन स्थिर होता है। तब अध्ययन करने में, काम करने में, प्राणायाम करने में और लेखन कार्य करने में कठिनाई नहीं होती है।

सुलभा :
रोग दूर करने के लिए क्या उपाय है?

शारदा :
पेट के रोग के उपचार में कुछ आसनों का प्रयोग किया जाता है। कुछ हाथ और पैरों के संचालन में सहायक होते हैं। कुछ जोड़ों के दर्द को जड़ से नष्ट कर देते हैं।

सुलभा :
कः एषः प्राणायामः? किम् एतद् अपि आसनम्?

शारदा :
न। प्राणायामेन श्वासोच्छ्वसनं नियन्त्रितं भवति। अनेन हृदयरोगे, नासिकारोगे श्वासरोगे च लाभः भवति। शवासनं योगनिद्रा च मनः शान्त्यर्थं क्रियते। ततः उत्साहलाभः भवति। भवती शनैः शनैः सर्वं ज्ञास्यसि। सर्वम् एतत् गुरोः निर्देशने करणीयम्।

अनुवाद :
सुलभा :
यह कौन-सा प्राणायाम है? क्या यह भी आसन है?

शारदा :
नहीं। प्राणायाम से श्वास का छोड़ना नियन्त्रित होता है। इसमें हृदय रोग में, नासिका रोग में और श्वास रोग में लाभ होता है। शव-आसन और योगनिद्रा आसन मन की शान्ति दे लिए किया जाता है। उसके बाद उत्साह लाभ होता है। आप धीरे-धीरे सब कुछ जान जायेंगी। यह सब गुरु के निर्देशन में किया जाना चाहिए।

सुलभा :
योगकक्षा किमर्थं प्रातः एव आयुज्यते?

शारदा :
प्रातः सूर्यः शान्तः, वायुः शीतलः, शरीरं च निर्मलं भवति। प्रात:काल सुखकरः भवति। योगः प्राकृतिक उपचारः। अतः प्रात:कालः योगाय उचितः।

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सुलभा :
तहिं अहं योगाभ्यासाय श्वः आगमिष्यामि। शारदा-पुनरागमनाय गच्छतु भवती।

अनुवाद :
सुलभा :
योग की कक्षा प्रातः ही क्यों आयोजित होती है?

शारदा :
प्रातः सूर्य शान्त रहता है, वायु शीतल होती है और शरीर भी स्वच्छ होता है। प्रातः का समय सुखकर (सुख देने वाला) होता है। योग प्राकृतिक उपचार (इलाज) है। अतः प्रातः का समय योग के लिए उचित होता है।

सुलभा :
तो मैं योग के अभ्यास के लिए कल आऊँगी।

शारदा :
फिर से आने के लिए आप जाएँ।

योगः स्वास्थ्यस्य साधनम् शब्दार्थाः

ह्यः = भूतकालिक कल (बीता हुआ)। श्वः = भविष्यकालिक कल (आने वाला)। करिष्यामि = (मैं) करूँगी/करूँगा। कारयिष्यामि = मैं कराऊँगी/कराऊँगा। प्रादुर्भवति = उत्पन्न होती है। उन्मूलयति = मिटाती है। प्रवर्तकः = आरम्भकर्ता। ज्वरः = बुखार। वैद्यः = डॉक्टर, चिकित्सक। क्षुधाभावः = (क्षुधा + अभाव) भूख न लगना। अभिमतम् = मत, सलाह। समादिशत् = सलाह दी। सम्यक् = ठीक।

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MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 16 प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 16 प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः

MP Board Class 7th Sanskrit Chapter 16 अभ्यासः

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखो
(क) वृक्षायुर्वेदग्रन्थस्य रचयिता कः? [वृक्षायुर्वेद ग्रन्थ के रचयिता कौन हैं?]
उत्तर:
महर्षिः पराशरः

(ख)”शुल्बसूत्रं” कः रचितवान्? [‘शुल्बसूत्र’ की रचना किसने की?]
उत्तर:
बोधायनः

(ग) प्रकाशस्य गतिं कः ज्ञातवान्? [प्रकाश की गति का किसने पता किया?]
उत्तर:
आर्यभट्टः

(घ) शल्यक्रियायाः जनकः कः? [शल्यक्रिया (सर्जरी) का जनक कौन है?]
उत्तर:
आचार्यः सुश्रुतः

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(ङ) गुरुत्वाकर्षणसिद्धान्तं कः प्रतिपादितवान्? [गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त को किसने प्रतिपादित किया?]
उत्तर:
भास्कराचार्यः।

प्रश्न 2.
अधोलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखो
(क) महर्षिः पराशरः वनस्पतीनां किं कृतवान्? [महर्षि पराशर ने वनस्पतियों का क्या किया?]
उत्तर:
महर्षिः पराशरः वनस्पतीनां वर्गीकरणं कृतवान् [महर्षि पराशर ने वनस्पतियों का वर्गीकरण किया।]

(ख) विद्युत्कोशस्य आविष्कारकः कः आसीत्? [विद्युत्कोश का आविष्कारक कौन था?]
उत्तर:
विद्युत्कोशस्य आविष्कारकः महर्षिः अगस्त्यः आसीत्। [विद्युतकोश के आविष्कारक महर्षि अगस्त्य थे।]

(ग) “पृथ्वी सूर्यस्य परिक्रमा करोति” इति सिद्धान्तं कः प्रतिपादितवान्? [“पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है”, इस सिद्धान्त को किसने प्रतिपादित किया?]
उत्तर:
“पृथ्वी सूर्यस्य परिक्रमा करोति”, इति सिद्धान्तं आर्यभट्टः प्रतिपादितवान्। [“पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है”, इस सिद्धान्त को आर्यभट्ट ने प्रतिपादित किया।]

(घ) भास्कराचार्यः किं प्रतिपादितवान्? [भास्कराचार्य ने क्या प्रतिपादित किया?]
उत्तर:
भास्कराचार्यः गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्तं, π (पै) इति गणित चिह्नस्य मानं त्रैराशिक-नियमादीन् प्रतिपादितवान्। [भास्कराचार्य ने गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त, π (पाई) नामक गणित चिह्न का मान, त्रैराशिक नियमों आदि का प्रतिपादन किया।]

(ङ) “त्वचारोपणम्” आदौ कः कृतवान्? [त्वचारोपण प्रारम्भ में किसने किया?]
उत्तर:
त्वचारोपणम् आदौ आचार्यः सुश्रुतः कृतवान्। [त्वचारोपण प्रारम्भ में आचार्य सुश्रुत ने किया।]

प्रश्न 3.
रेखांकित शब्द के आधार पर प्रश्न का निर्माण करो
(क) परमाणुवादस्य जनकः महर्षिः कणादः अस्ति।
(ख) विमानविद्यायाः वर्णनं भरद्वाजः अकरोत्।
(ग) भारतीकृष्णतीर्थः वैदिकगणितं रचितवान्।
(घ) रेखागणितस्य प्रमेयं शुल्बसूत्रे अस्ति।
(ङ) महर्षिः पाणिनि: अष्टाध्यायीं रचितवान्।
उत्तर:
(क) कस्य जनकः महर्षिः कणादः अस्ति?
(ख) विमानविद्यायाः वर्णनं कः अकरोत्?
(ग) भारतीय कृष्णतीर्थः किम् रचितवान्?
(घ) रेखागणितस्य प्रमेयं कस्मिन् अस्ति?
(ङ) महर्षिः पाणिनिः किम् ग्रन्थम् रचितवान्?

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प्रश्न 4.
उचित शब्द से रिक्त स्थान को पूरा करो
(क) सः आपणम् ………. (गतवान्/गतवन्तः)
(ख) बालकाः पाठं ……….। (पठितवान्/पठितवन्तः)
(ग) ……….. पत्रं लिखितवान्। (अध्यापकः/अध्यापकाः)
(घ) ……….. मातृभूमिम् रक्षितवन्तः। (सैनिकः/सैनिकाः)
(ङ) गायकः गीतम् ……….। (गीतवान्/गीतवन्तः)
उत्तर:
(क) गतवान्
(ख) पठितवन्तः
(ग) अध्यापकः
(घ) सैनिकाः
(ङ) गीतवान्।

प्रश्न 5.
कोष्ठक से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थान को पूरा करो-
(विद्युत-कोशः, सूर्यस्य, प्रकाश निस्सारण, शल्यक्रियाम्)
(क) आर्यभट्टस्य मतेन पृथ्वी …………. परिक्रमा करोति।
(ख) सुश्रुतः शरीरस्य ………… करोति स्म।
(ग) वृक्षाः ………… क्रिया द्वारा भोजनं कुर्वन्ति।
(घ) ताम्र-जतु-पारदादीनां संयोगेन …………. उत्पन्नाः भवति।
उत्तर:
(क) सूर्यस्य
(ख) शल्यक्रियाम्
(ग) प्रकाश निस्सारण
(घ) विद्युत-कोशः।

प्रश्न 6.
समुचित अक्षर से रिक्त स्थान की पूर्ति करो-
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 16 प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः img 1
उत्तर:
(क) क्षा, द।
(ख) ह, हि।
(ग) आ, भ।
(घ) धा, न।
(ङ) ब्र, प्त।

प्रश्न 7.
समुचित मिलान करो
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 16 प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः img 2
उत्तर:
(क) → (4)
(ख) → (3)
(ग) → (5)
(घ) → (1)
(ङ) → (2)

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प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः हिन्दी अनुवाद

(एकस्मिन् विद्यालये आचार्य-छात्राणां मध्ये वैज्ञानिकानां विषये वार्तालापः प्रचलति)

आचार्यः :
छात्राः! किं यूयं जानीथ, यत् रेखागणितस्य नवविंशतितमं (२९) प्रमेयं किम्?

छात्रा: :
आम्! जानीमः, “पाइथागोरसप्रमेयम्” इति।

आचार्यः :
एतस्य नामकरणस्य कारणं किम्?

प्रशान्तः :
अस्य प्रमेयस्य आविष्कर्ता “पाइथागोरस” नामक वैज्ञानिकः आसीत्। अतः तस्य नाम्ना एतस्य नामकरणम् अभवत्।

आचार्यः :
सम्प्रति एषः एव प्रचारः परन्तु पाइथागोरसतः १५०० वर्षपूर्व आचार्य: बोधायन:शुल्बसूत्रे एतस्य प्रमेयस्य प्रयोगं कृतवान्। भारतीयाः अङ्का अपि ततः पूर्वम् आसन्।

नीलेश: :
महोदय! प्राचीनकाले भारतदेशे वैज्ञानिकाः आसन् किम्?

आचार्य: :
भारतदेशः वैदिककालात् एव वैज्ञानिकानां देशः अस्ति। चिकित्सा-अभियान्त्रिकी-गणित-विज्ञानादिषु क्षेत्रेषु भारतीय-वैज्ञानिकाः बहुकार्यं कृतवन्तः।।

अनुवाद :
(एक विद्यालय में आचार्य-छात्रों के बीच में वैज्ञानिकों के विषय में वार्तालाप चलता है।)

आचार्य :
हे छात्रो! क्या तुम सब जानते हो कि रेखागणित के उन्तीस प्रमेय क्या हैं?

छात्र :
हाँ! जानते हैं। ‘पाइथागोरस की प्रमेय’।

आचार्य :
इसके नामकरण का कारण क्या है?

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प्रशान्त :
इस प्रमेय का आविष्कार करने वाले “पाइथागोरस” नामक एक वैज्ञानिक थे। इसलिए उसके नाम से इसका नामकरण हो गया।

आचार्य :
अब तो यही प्रचारित है। परन्तु पाइथागोरस से १५०० वर्ष पूर्व (पन्द्रह सौ वर्ष पूर्व) आचार्य बोधायन ने शुल्ब सूत्र में इस प्रमेय का प्रयोग किया था। भारतीय अंक भी उससे पहले थे।

नीलेश :
महोदय! प्राचीन काल में भारत देश में क्या वैज्ञानिक थे?

आचार्य :
भारतदेश वैदिक काल से ही वैज्ञानिकों का देश है। चिकित्सा, अभियान्त्रिकी, गणित, विज्ञान आदि के क्षेत्रों में भारतीय वैज्ञानिकों ने बहुत-सा कार्य किया हुआ है।

सौम्या :
महोदय! वनस्पतिविज्ञान-विषये किं कार्यं भारते अभवत्?

आचार्यः :
महर्षिः पराशरः “वृक्षायुर्वेद” ग्रन्थे वनस्पतीनां वर्गीकरणं कृतवान्। वृक्षेषु प्रकाश-निस्सारण-क्रियायाः (प्रकाशसंश्लेषणम्) पर्णस्य अवान्तर-भागानाम् (प्लाज्माइत्यादीनाम्) अपि वर्णनं पराशरः कृतवान्।

अर्जुन: :
प्राचीनकाले विद्युत्कोशः (बैट्री) अपि आसीत् किम्?

आचार्य: :
अवश्यमेव आसीत्। ताम्रपत्र-जतुपत्रकृष्णाङ्गारचूर्ण-पारद-इत्यादीनां संयोगेन विद्युत् उत्पन्ना भवति इति महर्षिः अगस्त्यः लिखितवान्।

अनुवाद :
सौम्या-महोदय! वनस्पति विज्ञान के विषय में भारत में क्या कार्य हुआ था?

आचार्य :
महर्षि पराशर ने ‘वृक्षायुर्वेद’ नामक ग्रन्थ में वनस्पतियों का वर्गीकरण किया था। वृक्षों में प्रकाश के निकलने की क्रिया का (प्रकाश-संश्लेषण) पत्ते के अवान्तर भागों का (प्लाज्मा आदि का) भी वर्णन पराशर ने किया था।

अर्जुन :
प्राचीनकाल में विद्युत्कोश (बैट्री) भी थी क्या?

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आचार्य :
अवश्य ही थी। ताम्रपत्र, जतुपत्र, कृष्णाङ्गारचूर्ण, पारद आदि के संयोग से विद्युत उत्पन्न होती है। महर्षि अगस्त्य ने लिखा था।

केशवः :
महोदय! वदतु कृपया, अस्माकं भारते गणितविषये अन्यत् किं प्रमुखं कार्यम् अभवत्?

आचार्यः :
प्राचीनः भारतीयः महान गणितज्ञः आर्यभट्टः प्रकाशस्य गतिं सम्यक् जानाति स्म। पृथ्वी गोलाकारा अस्ति। पृथ्वी स्व अक्षे भ्रमति, तेन एवं दिवारात्री भवतः। पृथ्वी सूर्यस्य परिक्रमा करोति, तेन एव षड् ऋतवः भवन्ति सप्ताहे दिनानां क्रमः, प्रकाशस्य गतिः, कालगणना, खगोलविज्ञानं त्रिकोणमितिः इत्यादिषु क्षेत्रेषु आचार्यः आर्यभट्टः बहुकार्य कृतवान्।

अनुवाद :
केशव-महोदय! कृपा करके बताइए, हमारे भारतवर्ष में गणित विषय में अन्य कौन-सा प्रमुख कार्य हुआ।

आचार्य :
प्राचीन भारतीय महान गणितज्ञ आर्यभट्ट प्रकाश की गति को ठीक तरह से जानते थे। पृथ्वी गोल आकार की है। पृथ्वी अपने अक्ष पर (कीली पर) घूमती है। उसी के कारण से दिन और रात होते हैं। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, उसी के कारण से छः ऋतुएँ होती हैं। सप्ताह में दिनों का क्रम, प्रकाश की गति, कालगणना, खगोलविज्ञान, त्रिकोणमिति इत्यादि के क्षेत्र में आचार्य आर्यभट्ट ने बहुत-सा कार्य किया था।

आदित्यः :
आचार्य! भास्करः अपि गणित-विषये कार्य कृतवान् किम्?

आचार्य: :
आम्! गुरुत्वाकर्षणसिद्धान्तं π (पै) इति गणितचिह्नस्य मानं त्रैराशिक-नियमादीन् भास्कराचार्यः प्रतिपादितवान्।

शालिनी :
महोदय! चिकित्साक्षेत्रे अस्माकं पूर्वजानां ज्ञानं कीदृशम् आसीत्?

आचार्यः :
शल्यचिकित्सायाः जनकः आचार्यः सुश्रुतः प्रायशः सर्वाः शल्यक्रियाः करोति स्म। यथा-त्वचारोपणम् (प्लास्टिक सर्जरी), नासिकारोपणम्, कर्णरोपणम्, तन्त्रिकाचिकित्सा नेत्रचिकित्सा इत्यादयः। शल्यक्रियायां यानि उपकरणानि सुश्रुतेन प्रयुक्तानि तानि एव उपकरणानि तथैव आधुनिक-चिकित्सा-क्षेत्रे प्रयुज्यन्ते।

अनुवाद :
आदित्य :
आचार्य! क्या भास्कर ने भी गणित के विषय में कार्य किया हुआ था?

आचार्य :
हाँ! गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त को π (पाई) नामक गणित के चिह्न का मान, त्रैराशिक नियम आदि को भास्कराचार्य ने प्रतिपादित किया।

शालिनी :
महोदय! चिकित्सा के क्षेत्र में हमारे पूर्वजों का ज्ञान कैसा था?

आचार्य :
शल्य चिकित्सा के जनक (जन्म देने वाले) आचार्य सुश्रुत प्रायः सभी प्रकार की शल्य क्रिया किया करते थे। जैसे-त्वचारोपण (प्लास्टिक सर्जरी), नासिकारोपण, कर्णरोपण, तन्त्रिका चिकित्सा, नेत्र चिकित्सा इत्यादि। शल्य क्रिया में जिन उपकरणों (औजारों) का प्रयोग सुश्रुत ने किया, उन्हीं उपकरणों को उसी तरह आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयोग किया जाता है।

मोहित :
आचार्य! चरकः अपि भैषजरसायनं, ज्वालापरीक्षणं, वनस्पति-आधारितां च चिकित्सापद्धतिं निर्दिष्टवान्।

गरिमा :
महोदय! प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकानां नामानि तेषाम् आविष्कारः च विस्तरेण कुत्र लभ्यन्ते?

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आचार्यः :
भारतस्य वैज्ञानिकपरम्परा सुदीर्घा अस्ति। तस्याः परिचयः संस्कृतस्य प्राचीनग्रन्थेषु प्राप्यते।

अनुवाद :
मोहित-आचार्य! चरक ने भी भैषज रसायन को, ज्वाला परीक्षण को और वनस्पति पर आधारित चिकित्सा पद्धति को निर्दिष्ट किया।

गरिमा :
महोदय! प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों के नाम तथा उनके आविष्कार विस्तार से कहाँ प्राप्त किये जा सकते हैं?

आचार्य :
भारतवर्ष की वैज्ञानिक परम्परा बहुत ही दीर्घ है। उसका परिचय संस्कृत के प्राचीन ग्रंथों में प्राप्त होता है।

प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः शब्दार्थाः

सम्प्रति = आजकल। विसङ्गति = असमानता। इत्यस्य = (इति + अस्य) इसका। जतु/कुप्यातु = जस्ता। वर्गीकरणम् = गुणों के आधार पर स्थान निर्धारण। अवान्तर = आन्तरिक, भीतरी। पारदः = पारा। विद्युत्कोशः = सञ्चित विद्युत का भण्डार। कृष्णाङ्गारम् = कोयला। ताम्रम् = ताँबा। π (पै) = गणित में प्रयुक्त एक चिह्न। इसका मान \( \frac{22}{7}\) होता है। त्वचारोपणम् = त्वचाप्रत्यारोपण (प्लास्टिक सर्जरी)। नासिकारोपणम् = नासिकाप्रत्यारोपण (नाक को इच्छानुसार आकार देना)। कर्णरोपणम् = कान प्रत्यारोपण (कान को इच्छानुसार आकार देना)। तन्त्रिकाचिकित्सा = तन्त्रिका तन्त्र की चिकित्सा विधि। शल्यक्रिया = चीरफाड़ द्वारा चिकित्सा करना। उपकरणानि = उपकरण। भैषजरसायनम् = पेड़-पौधों के रस द्वारा औषधि निर्माण प्रक्रिया। सुदीर्घा = लम्बी। वैदिककालादेव = (वैदिककालात् + एव) वैदिक काल से ही। प्रयुज्यमानानि = प्रयोग में आने वाले। प्रयुज्यन्ते = प्रयुक्त होते हैं। प्रकाशनिस्सारणक्रिया = प्रकाश संश्लेषण, सूर्य के प्रकाश में पौधों द्वारा भोजन संग्रहण करने की क्रिया।

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MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 31 Europe: Economic Features

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 31 Europe: Economic Features

MP Board Class 7th Social Science Chapter 31 Text Book Questions

Match column ‘A’ with column ‘B’:
MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 31 Europe Economic Features-1
Answer:
1. (d) Wheat
2. (a) Grapes
3. (b) Watches
4. (e) Load and unloading
5. (c) Sparse population

Fill in the blanks:

  1. More than ………….. per – cent of the population of Europe depend on agriculture for their livelihood.
  2. ………….. is known as the “Bread Bowl” of the world.
  3. …………… is made from sugar beat.
  4. …………… is the capital of France.
  5. ……………. of the population of Europe is literate.

Answer:

  1. 15%
  2. Ukraine
  3. Sugar
  4. Paris
  5. 90%

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 31 Short Answer Type Questions

Question 1.
What is meant by mixed farming?
Answer:
Combination of cultivation of crops and rearing of animals in the same system is called mixed farming.

Question 2.
Which types of crops are cultivated in the Mediatarranean region?
Answer:
The cultivation of juicy fruits is done in the Meditarranean region.

Question 3.
Write the name of any four coal producing countries of the world.
Answer:
Germany, Poland, Russia and Ukraine.

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Question 4.
Which countries of Europe produce wind energy?
Answer:
Holland, Belgium and Denmark are the countries of Europe which produce wind energy.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 31 Long Answer Type Questions

Question 1.
Describe the industrial development of European countries.
Answer:
Europe is the center of modern industries. The most important industry of Europe is iron and steel industry. This industry developed coal and iron are found there in plenty. The countries which lead in this industry are Russia, Germany, Italy, France, Poland, Britain, Romania, Spain, Belgium and Czech Republic.

Besides heavy industries like railway engines and coaches, Motor – cars, Ships, Aircraft, Engineering goods, etc, other goods like electric goods, chemicals, Oil Refineries, Cement etc. are also manufactured. Switzerland, Denmark, Belgium, Austria etc.

are famous for watches, electric goods, medicines, and cosmetic products. Not only mineral based industries are flourishing but agriculture based industries can also be found in abundance in the European countries.

For example we can mention flour industry, biscuits and bread industry, sugar industry, woolen and silk industry, butter, cheese, milk powder from milk etc. The woods of Taiga region are used to manufacture paper and paper pulp and artificial fibers. In this way Europe has made great progress in die field of industries.

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Question 2.
How have the mineral resources helped in the development of industries?
Answer:
Europe is famous for its mineral wealth. Due to the availability of minerals in huge quantity the countries of Europe have made great progress in the field of industries. The important minerals found in Europe are coal, iron, oil and natural gas. Needless to say that these are very essential for economic development. Germany, Poland, Russia, Ukraine, Czech Republic are famous for coal production.

Iron is found in Russia, Sweden, France, Britain, Spain and Czech Republic. Petroleum is found in Russia, Poland, UK and Romania. Besides these manganese, sulpher, mica, tin, gold, copper, potash and limestone are also extracted. Wind energy is produced in Holland, Belgium and Denmark.

Map works – mark the following in the map of Europe:

  1. Fruit cultivating area
  2. Three countries famous for milk production
  3. Paris, London, Rome, Berlin and Madrid cities.

Answer:
MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 31 Europe Economic Features-3

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MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 15 मत्स्यत्रयकथा

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 15 मत्स्यत्रयकथा

MP Board Class 7th Sanskrit Chapter 15 अभ्यासः

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखो
(क) मत्स्याः कुत्र अवसन्? [मछलियाँ कहाँ रहती थीं?]
उत्तर:
जलाशये

(ख) धीवराः कदा जलाशयम् अगच्छन्? [धीवर कब जलाशय पर चले गये?]
उत्तर:
कदाचित्

(ग) प्रत्युत्पन्नमतिः कः इव अतिष्ठत्? [प्रत्युत्पन्नमति किसकी तरह हो गयी?]
उत्तर:
मृतः इव

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(घ) तृतीयः मत्स्यः कुत्र पतितः? [तीसरी मछली कहाँ गिर पड़ी?]
उत्तर:
जाले

(ङ) अनागतविधाता कुत्र अगच्छत्? [अनागत विधाता कहाँ चली गई?]
उत्तर:
अन्यज्जलाशयम्।

प्रश्न 2.
एक वाक्य में उत्तर लिखो
(क) मत्स्यानां नामानि कानि? [मछलियों के नाम कौन-कौन से हैं?]
उत्तर:
मत्स्यानां नामानि-अनागतविधाता, प्रत्युत्पन्नमतिस्तथा, यद्भविष्यत्। [मछलियों के नाम-अनागतविधाता, प्रत्युत्पन्नमति और यद्भविष्यत् था।]

(ख) प्रत्युत्पन्नमतिः किमुक्त्वा निश्चिन्तः अभवत्? [प्रत्युत्पन्नमति क्या कहकर निश्चित हो गयी?]
उत्तर:
प्रत्युत्पन्नमतिः नाम मत्स्यः “समयानुगुणं कार्यं करोमि” इति उक्त्वा निश्चिन्तः अभवत्। [प्रत्युत्पन्नमति नामक मछली “समय के अनुसार कार्य करती हूँ” ऐसा कहकर निश्चिन्त हो गई।]

(ग) प्रभाते धीवराः किम् अकुर्वन्? [प्रात:काल में धीवरों ने क्या किया?]
उत्तर:
प्रभाते धीवराः जलाशयं गत्वा जालं प्रसार्य मत्स्यान् अगृह्णन्। [प्रातःकाल धीवरों ने जलाशय पर जाकर जाल फैलाकर मछलियों को पकड़ लिया।]

(घ) अनागतविधाता किम् अवदत्? [अनागतविधाता ने क्या कहा?]
उत्तर:
अनागतविधाता अवदत् ‘श्वः प्रभाते ते धीवराः नूनमेव अत्र आगमिष्यन्ति, सर्वान् च मत्स्यान् जाले बद्धवा नेष्यन्ति’, एतच्चिन्तयित्वा अनागतविधाता अन्यज्जलाशयं अगच्छत्।
[अनागत विधाता ने कहा, “प्रातः काल धीवर अवश्य ही यहाँ आयेंगे और सभी मछलियों को जाल में बाँधकर ले जायेंगे।” ऐसा चिन्तन करके अनागत विधाता दूसरे जलाशय में चली गई।]

(ङ) प्रत्युत्पन्नमतिः स्वनामानुगुणं किम् अकरोत्? [प्रत्युत्पन्नमति ने अपने नाम के अनुसार क्या किया?]
उत्तर:
प्रत्युत्पन्नमतिः स्वनामानुगुणं मृतः इव अतिष्ठत्। [प्रत्युत्पन्नमति अपने नाम के अनुसार मरी हुई-सी हो गई।]

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प्रश्न 3.
रेखांकित शब्द के आधार पर प्रश्न निर्माण करो
(क) मत्स्याः जलाशये अवसन्।
(ख) धीवराः जलाशयम् अवलोकितवन्तः।
(ग) मृतं प्रत्युत्पन्नमति धीवरः जालात् बहिः अकरोत्।
(घ) कस्मिंश्चित् जलाशये त्रयः मत्स्याः अवसन्।
(ङ) धीवराः मत्स्यान् जाले बध्वा नेष्यन्ति।
उत्तर:
(क) मत्स्याः कुत्र अवसन्
(ख) धीवराः किम अवलोकितवन्तः?
(ग) मृतं प्रत्युत्पन्नमतिम् धीवरः कुतः बहिः अकरोत्?
(घ) कस्मिंश्चित् जलाशये कतिः मत्स्याः अवसन्?
(ङ) धीवराः मत्स्यान् कस्मिन् बध्वा नेष्यन्ति?

प्रश्न 4.
पदच्छेद करो (शब्दों को अलग करो)
सन्धियुक्त पद :
(क) अन्यज्जलाशयं
(ख) एतज्ज्ञात्वा
(ग) निश्चिन्तः
(घ) भगवच्छक्त्या
(ङ) तच्चोक्तम्
(च) निश्चयः
(छ) सच्चरित्रः
(ज) सज्जनः
(झ) दुष्चरित्रः
(ज) तपश्चर्या।
उत्तर:
(क) अन्यत् + जलाशयं
(ख) एतत् + ज्ञात्वा
(ग) निः + चिन्तः
(घ) भगवत् + शक्त्या
(ङ) तत् + च + उक्तम
(च) निः + चयः
(छ) सत् + चरित्रः
(ज) सत् + जनः
(झ) दुः + चरित्रः
(ब) तपः + चर्या

प्रश्न 5.
लकार परिवर्तन करो-
MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 15 मत्स्यत्रयकथा img 1
उत्तर:
(क) वदति
(ख) गच्छति
(ग) अकथयत्
(घ) अगच्छत्
(ङ) भवति
(च) गृह्णाति
(छ) तिष्ठति
(ज) प्राविशत्
(झ) अपठत्
(ब) अपिबन्।

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काल 6.
क्रम से वाक्यों को लिखकर कथा लिखो
(क) द्वितीयमत्स्यः प्रत्युत्पन्नमतिः “समयानुगुणं कार्य करोमि” इति निश्चिन्तः अभवत्।
(ख) तृतीयः मत्स्यः जाले पतितः धीवरैः कर्तितः मृतश्च।
(ग) प्रभाते धीवराः जलाशयं गत्वा जालं प्रसार्य मत्स्यान् अगृह्णन्।
(घ) प्रत्युत्पन्नमतिः मृतः इव अतिष्ठत्।
(ङ) वेलाग्रामस्य जलाशये त्रयः मत्स्याः अवसन्।
(च) एकदा धीवराणां वार्तालापं श्रुत्वा जीवनरक्षणाय अनागतविधाता अन्यज्जलाशयम् अगच्छत्।
(छ) तृतीयमत्स्यः यद्भविष्यः अचिन्तयत् “जलशयान्तरेण किं प्रयोजनम्।”
(ज) प्रत्युत्पन्नमति: जले अकूर्दत् जलाशयान्तरे प्राविशच्च।
उत्तर:
(ङ) वेलाग्रामस्य जलाशये त्रयः मत्स्याः अवसन्।
(च) एकदा धीवराणां वार्तालापं श्रुत्वा जीवनरक्षणाय अनागतविधाता अन्यज्जलाशयम् अगच्छत्।
(क) द्वितीयमत्स्यः प्रत्युत्पन्नमतिः “समयानुगुणं कार्यं करोमि” इति निश्चिन्तः अभवत्।
(छ) तृतीयमत्स्यः यद्भविष्यः अचिन्तयत् “जलशयान्तरेण किं प्रयोजनम्।”
(ग) प्रभाते धीवराः जलाशयं गत्वा जालं प्रसार्य मत्स्यान् अगृह्णन्।
(घ) प्रत्युत्पन्नमतिः मृतः इव अतिष्ठत्।
(ज) प्रत्युत्पन्नमतिः जले अकूर्दत् जलाशयान्तरे प्राविशच्च।
(ख) तृतीयः मत्स्यः जाले पतितः धीवरैः कर्तितः मृतश्च।

प्रश्न 7.
दिये गये अव्ययों से वाक्य का निर्माण करोश्वः, एव, इति, अत्र, बहिः, यदि-तर्हिः, नूनं, प्रातः, अपि।
उत्तर:

  1. श्वः अहम् विद्यालयम् गमिष्यामि।
  2. सः अस्मिन् एव ग्रामे वसति।
  3. मोहनः इति नामकः छात्रः क्रीडाम् खेलति।
  4. अत्र आगत्य कार्यम् कुरु।
  5. ग्रामात् बहिः नदी बहति।
  6. यदि सः आगमिष्यति तर्हि अहम् तस्य सहायताम् करिष्यामि।
  7. सः नूनं नगरम् गमिष्यति।
  8. प्रातः भ्रमणार्थम् अहम् गच्छामि।
  9. अहम् तस्य अपि सहायताम् करिष्यामि।

मत्स्यत्रयकथा हिन्दी अनुवाद

वेलाग्रामस्य कस्मिञ्चित् जलाशये अनागतविधाता प्रत्युत्पन्नमतिः यद्यविष्यश्चेति नामकाः त्रयः मत्स्याः अवसन्। कदाचित् तं जलाशयम् अवलोक्य धीवराः परस्परमवदन्, “अस्मिन् जलाशये बहवः मत्स्याः सन्ति, प्रभाते अस्माभिः अत्र अवश्यमेव आगन्तव्यम् इति।” एतादृशं निश्चयं कृत्वा ते अगच्छन्। एतत् श्रुत्वा तेषु मत्स्येषु अनागतविधाता नाम मत्स्यः अकथयत्, “श्वः प्रभाते ते धीवरा: नूनमेव अत्र आगमिष्यन्ति, सर्वान् च मत्स्यान् जाले बध्दता नेष्यन्ति।” एतच्चिन्तयित्वा अनागतविधाता अन्यज्जलाशयं अगच्छत्। एतज्ज्ञात्वा प्रत्युत्पन्नमतिः नाम मत्स्यः “समयानुगणं कार्य करोमि” इति उक्त्वा निश्चिन्तः अभवत्। तृतीयः मत्स्यः यद्मविष्यः अवदत्, “भगवच्छक्त्या अहं जीवामि। यदि मरणमेव निश्चितं तर्हि जलाशयान्तरेण किं प्रयोजनम्? भाग्यानुसारं यद् भविष्यति तद् भवतु” इति।

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अनुवाद :
‘वेला’ ग्राम के किसी जलाशय में अनागतविधाता, प्रत्युत्पन्नमति और यद्भविष्यत् नामक तीन मछलियाँ रहती थीं। किसी समय उस तालाब को देखकर धीवर’ आपस में बोले-‘इस जलाशय में बहुत सी मछलियाँ हैं, प्रात:काल हमें यहाँ अवश्य ही आना चाहिए।’ इस तरह का निश्चय करके वे चले गये। इसे सुनकर, उन मछलियों में से ‘अनागतविधाता’ नाम की मछली ने कहा, “कल प्रात:काल ही वे धीवर (मछुआरे) अवश्य ही यहाँ आयेंगे और सभी मछलियों को जाल में बाँधकर ले जायेंगे।” ऐसा सोचकर ‘अनागतविधाता’ तो दूसरे तालाब को चली गई। इसे जानकर ‘प्रत्युत्पन्नमति’ नामक मछली “समय के अनुसार कार्य करती हूँ” ऐसा कहकर चिन्तामुक्त हो गई। तीसरी मछली ‘यद्भविष्यत’ बोली-“भगवान की शक्ति से मैं जीवित हूँ।” यदि मरना ही निश्चय है तो दूसरे जलाशय से क्या लाभ ? भाग्य के अनुसार जो हो, वह हो जाए।”

प्रभाते धीवराः जलाशयं गत्वा जालं प्रसार्य मत्स्यान् अगृणन्। प्रत्युत्पन्नमतिः मृतः इव अतिष्ठत्। मृतमिव प्रत्युत्पन्नमतिं दृष्ट्वा धीवरः तं जालात् बहिः अकरोत्। प्रत्युत्पन्नमतिः स्वानामानुगुणं मतिप्रयोगेण ततः जले अकूर्दत् जलाशयान्तरे प्राविशच्च। तृतीयः मत्स्यः जाले पतितः धीवरैः कर्तितः मृतश्च अभवत्। तच्चोक्तम्-

“अनागतविधाता च प्रत्युत्पन्नमतिस्तथा।
द्वावेतौ सुखमेधेते यद्भविष्यो विनश्यति॥”

अनुवाद :
प्रात:काल धीवरों (मछुआरों) ने तालाब पर जाकर जाल फैलाकर मछलियों को पकड़ा। ‘प्रत्युत्पन्नमति’ मरे हुए जैसी हो गई। मरी हुई सी प्रत्युत्पन्न मति को देखकर धीवर (मछुआरे) ने उसे जाल से बाहर कर दिया। ‘प्रत्युत्पन्नमति’ अपने नाम के अनुसार मति (बुद्धि) का प्रयोग करके इसके बाद जल में कूद गयी और दूसरे जलाशय में प्रवेश कर गयी। तीसरी मछली जाल में गिर जाने से (फंस जाने से) धीवरों के द्वारा काट डाली गई और मर गई। उसने कहा-

“अनागतविधाता और प्रत्युत्पन्नमति ये दोनों सुख से वृद्धि। को प्राप्त हुईं परन्तु ‘यद्भविष्यत्’ नष्ट हो गई है।”

मत्स्यत्रयकथा शब्दार्थाः

मत्स्याः = मछलियाँ। जलाशयः = तालाब। धीवरः = मछुआरा। अवलोक्य = देखकर। नूनम् = अवश्य। बध्वा = बाँधकर। जलाशयान्तरम् = दूसरे जलाशय में। अगृहणन् = पकड़ लिए। सुखमेधेते = (दोनों) सुख से बढ़ रहे हैं। विनश्यति = नष्ट होता है।

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MP Board Class 7th Special Hindi Model Question Paper

MP Board Class 7th Special Hindi Model Question Paper

प्रश्न 1.
(क) सही विकल्प चुनकर अपनी पुस्तिका में लिखो
(अ) कर्मवती …………………. की रानी थी।
(1) झाँसी,
(2) कालपी,
(3) मेवाड़,
(4) इन्दौर।

(ब) अहिल्याबाई …………………. राज्य की महारानी थी।
(1) मराठा,
(2) होल्कर,
(3) चन्देल (परमार)।

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(स) दीपू पिकनिक के लिए …………………. जा रहा था।
(1) साँची,
(2) भोपाल,
(3) विदिशा,
(4) पचमढ़ी।

(द) बुन्देली के पितृ पुरुष माने जाते हैं।
(1) डॉ. हरिसिंह गौर,
(2) ईसुरी,
(3) भूषण,
(4) पद्माकर।

(इ) ‘अगर नाक न होती’ पाठ …………………. विधा में लिखा गया है।
(1) कहानी,
(2) निबन्ध,
(3) जीवनी,
(4) व्यंग्य।
उत्तर-
(अ) (3) मेवाड़,
(ब) (2) होल्कर,
(स) (1) साँची,
(द) (3) भूषण,
(इ) (4) व्यंग्य।

(ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) कवि के अनुसार ………………………………. का पेड़ कुल्हाड़ी को सुगन्धित करता है।
(ब) डॉ. अब्दुल कलाम को ………………………………. नाम से भी जाना जाता है।
(स) कृष्ण को ………………………………. खाना बहुत अच्छा लगता
(द) राष्ट्रीय खेल दिवस ………………………………. को मनाया जाता है।
(इ) किसी कविता को पढ़ते या सुनते समय हमें जो आनन्द की अनुभूति होती है, उसे ………………………………. कहते हैं।
(ङ) देवभूमि भारत को ………………………………. की क्रीड़ास्थली कहा जाता है।
उत्तर-
(अ) चन्दन,
(ब) मिसाइल मैन,
(स) मक्खन,
(द) उन्तीस अगस्त,
(इ) रस,
(ङ) देवताओं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(अ) नेहरूजी ने किन जंजीरों को तोड़ देने के लिए कहा
(ब) हमें जीवों के प्रति किस तरह की भावना व्यक्त करनी चाहिए?
(स) नाक को किस तरह का प्रतीक माना जाता है?
(द) नरबदी झरना क्यों बन गई?
(ड) निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए द्रढ़ता, स्त्रोत, दृष्टी।
उत्तर-
(अ) नेहरूजी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ देने के लिए कहा है।
(ब) हमें जीवों के प्रति सहानुभूति और दयालुता की भावना व्यक्त करनी चाहिए।
(स) नाक को इज्जत और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
(द) नरबदी अपने पिता दुग्गन की प्यास बुझाने के लिए झरना बन गई। उसमें सभी प्राणियों की प्यास बुझाकर सबके कल्याण की भावना थी, अतः वह झरना बन गई।
(इ) दृढ़ता, स्रोत, दृष्टि।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(अ) मध्य प्रदेश को लघु भारत क्यों कहा गया है?
(ब) खेलों से हम कौन-कौन से गुण सीखते हैं?
(स) अनुप्रास अलंकार की विशेषताएँ बताते हुए एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
(अ) मध्य प्रदेश सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से सम्पन्न है। इसलिए इसे लघु भारत कहा गया है।
(ब) खेलों से हमारे अन्दर सहिष्णुता, सहयोग, अनुशासन, मिलजुलकर काम करने का गुण पैदा होता है तथा दलीय भावना पैदा होती है।
(स) जहाँ एक अथवा एक से अधिक वर्षों की एक ही क्रम से अधिक आवृत्ति हो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण-जागु जागु जीव जड़ जो है जग-जामिनी।
इस पंक्ति में ‘ज’ वर्ण की एक ही क्रम से अधिक आवृत्ति हो रही है, अतः यहाँ अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 4.
(अ) निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम में जमाकर लिखिए आशय, भण्डार, कठिनाई, अनुराग।
(ब) ‘सु’ उपसर्ग जोड़कर चार नए शब्द बनाकर लिखिए।
(स) निम्नलिखित युगल शब्दों को एक ही वाक्य में प्रयोग कीजिए
(1) दया-दयालु
(2) विद्या-विद्यार्थी।
(द) निम्नलिखित शब्दों की सन्धि-विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिए जगदीश, पुस्तकालय।
(क) ‘आग’ और ‘रात’ शब्दों के तत्सम रूप लिखिए।
(ख) निम्नलिखित सामासिक पदों को विभक्त कर संमास का नाम लिखिए देश-निकाला, रसोईघर।
(ग) निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन बनाकर लिखिए। राखी, बहन, सड़क, कुत्ता।
(घ) ‘नानी याद आना’ मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए
उत्तर-
(अ) अनुराग, आशय, कठिनाई, भण्डार।
(ब) सुराग, सुहाग, सुवास, सुकाम।
(स) हे दया-दयालु भगवन, हम हैं शरण तुम्हारी। हम हैं विद्या-विद्यार्थी करो हम पर मेहरबानी।
(द) जगत् + ईश = व्यंजन संधि, पुस्तक + आलय = स्वर सन्धि।
(क) अग्नि और रात्रि।
(ख) देश से निकाला = तत्पुरुष रसोई का घर = तत्पुरुष।
(ग) राखियाँ, बहनें, सड़कें, कुत्ते।
(घ) अंकगणित के प्रश्न हल करने में मुझे नानी याद आई।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किसी एक कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए छोटा जादूगर, हींगवाला, नरबदी।
उत्तर-
‘महत्वपूर्ण पाठों के सारांश’ अध्याय में देखिए।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित गद्यांश के पाठ व लेखक का नाम लिखते हुए सरल अर्थ कीजिए।
नाक शरीर का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। अगर चित्त लेटकर देखें तो यह बात अपने आप सिद्ध हो जायेगी कि हाथ, पाँव, मुँह, कान, आँख आदि में सबसे ऊँचा स्थान नाक को ही प्राप्त है। अगर आँख आ जाए या चली जाए तो ऐसी- स्थिति में काला चश्मा लगाया जा सकता है। कान कट-फट जाए तो उसे कनटोपा पहनकर छिपाया जा सकता । है, लेकिन अगर कहीं नाक कट जाए तो चेहरा रेगिस्तान । की तरह एकदम सपाट अथवा चक्की का-सा पाट नजर आएगा।
उत्तर-
सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश ‘अगर नाक न होती’, पाठ से अवतरित है। इसके लेखक गोपालबाबू शर्मा हैं।

प्रसंग-‘अगर नाक न होती’ पाठ में लेखक ने लोगों के नाक रखने अथवा नाक काटने पर व्यंग्यपूर्ण लेख लिखा है।

सरल अर्थ-शरीर के दूसरे अंगों के साथ ही नाक भी – अपना महत्व रखती है। हम चित्त होकर लेट जाते हैं तो नाक – दूसरे अंगों-हाथ, पाँव, मुँह, कान, आँख आदि से सबसे ऊँची होती है। आँख के दुखने पर या आँख के फूट जाने पर काले रंग का ऐनक लगाया जा सकता है और उसे ढक लिया जाता है। कनटोपा से कटे-फटे कान को छिपाया जा सकता है, परन्तु दुर्भाग्य से चोट लगने पर नाक कट जाती है तो आदमी का चेहरा बिलकुल सपाट दिखाई पड़ेगा जिस तहर बिना वृक्षों का रेगिस्तान होता है। सम्पूर्ण चेहरा एकदम चौरस दिखाई पड़ता है, जैसा कि चक्की का पाट होता है।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश के पाठ व कवि का नाम बताते हुए सरल अर्थ लिखिए-

बाधाएँ, असफलताएँ तो आती हैं,
दृढ़ निश्चय लख, वे स्वयं चली जाती हैं।
जितने भी रोड़े मिलें उन्हें ठुकराओ
पथ के काँटों को पैरों से दलना है।

अथवा

माँ तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन,
किन्तु इतना कर रहा, फिर भी निवेदन,
थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब भी,
कर दया स्वीकार लेना वह समर्पण।

उत्तर-
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-कवि सन्देश देता है कि हमें असफलताओं, बाधाओं से नहीं घबराना चाहिए।

व्याख्या–मनुष्य के जीवन में आने वाली बाधाएँ (रुकावटें) और विफलताएँ मनुष्य के पक्के इरादों को देखकर अपने आप ही चली जाती हैं। वे उसके मार्ग में रुकावट बनने से हट जाती हैं। इसलिए मार्ग के रोड़ों को अपने पैर की ठोकर से एक तरफ हटा दो। अपने मार्ग के काँटों को अपने पैरों से कुचल डालो और अपने मार्ग पर चलते रहो, तुम्हें रुकना नहीं है।

अथवा

शब्दार्थ-अकिञ्चन = दीन; भाल = मस्तक; समर्पण = अर्पित की हुई वस्तु; अर्पित = न्योछावर किया हुआ।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-कवि के अनुसार देशभक्त सर्वस्व अर्पित करने के बाद जो भी दूसरी वस्तु यदि उसके पास है तो वह उसे भी देश की सेवा में अर्पित कर देने को तैयार है।

व्याख्या-हे मातृभूमि, मुझ पर तेरे ऋण (कर्ज) का बोझ बहुत है। मैं दीन हूँ (उस कर्ज के बोझ को मैं किस तरह उठा सकूँगा)। फिर भी मैं यह निवेदन कर रहा हूँ कि जब भी अपने इस मस्तक को थाल में सजाकर लेकर आऊँ, तो मेरे इस समर्पण को (सेवा में दी गई इस वस्तु को) स्वीकार करने की कृपा करना। भक्ति भरा मेरा गीत भी तुम्हें अर्पित है, मेरे प्राण भी अर्पित हैं। साथ ही मेरे रक्त की (खून की) एक-एक बूंद भी तुम्हारे लिए अर्पित है। इस प्रकार हे मेरे देश की धरती ! मैं इसके अलावा भी कुछ और अर्पित करना चाहता हूँ।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
पौराणिक ग्रंथों में नर्मदा परिक्रमा की बड़ी महिमा कही गई है। भक्तजन प्रतिवर्ष भडौंच में मेरे मुहाने से मेरे तट के एक ओर किनारे-किनारे चलते-चलते मेरे मूल स्त्रोत अमरकंटक तक जाते हैं। वहाँ पूजा करके दूसरे तट के साथ-साथ चलते हुए वापस मेरे मुहाने तक भड़ौंच आते हैं। मैं बड़ी भाग्यवान हूँ कि मेरे तट पर अनेक ऋषि-मुनियों ने तप किया और अनेक आश्रम तथा मन्दिर बनवाए। महेश्वर तीर्थ को अहिल्याबाई होल्कर ने राजधानी बनाकर महत्त्व बढ़ाया है।
(अ) उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ब) पौराणिक ग्रंथों में किसकी बड़ी महिमा गाई है?
(स) महेश्वर तीर्थ का महत्त्व किसने बढ़ाया है?
उत्तर-
(अ) उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक ‘नर्मदा परिक्रमा’ है।
(ब) पौराणिक ग्रंथों में नर्मदा परिक्रमा की बड़ी महिमा गाई है।
(स) महेश्वर तीर्थ का महत्त्व अहिल्याबाई होल्कर ने उसे अपनी राजधानी बनाकर बढ़ा दिया।

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प्रश्न 9.
अपने मित्र सुरेन्द्र को समाचार-पत्र पढ़ने का महत्व बताते हुए एक पत्र लिखिए।
अथवा
मलेरिया बुखार आ जाने के कारण तीन दिन के अवकाश हेतु प्रधानाध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र दीजिए।
उत्तर-
पत्र और प्रार्थना-पत्र’ अध्याय में इन पत्रों को देखिए।

प्रश्न 10.
किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिएकम्प्यूटर, वृक्षारोपण, प्रदूषण।
उत्तर-
‘निबन्ध’ अध्याय में देखिए।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण

MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण

संज्ञा

परिभाषा–किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, गुण, दशा आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा के तीन भेद होते हैं

  1. जातिवाचक संज्ञा–एक ही जाति का बोध कराने वाले शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे–पुस्तक, विद्यालय, घोड़ा, मनुष्य, लड़का आदि।
  2. व्यक्तिवाचक संज्ञा–जिस शब्द से किसी एक ही विशेष व्यक्ति का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे–राम, सीता, भोपाल, नर्मदा, गंगा आदि।
  3. भाववाचक संज्ञा–जिस संज्ञा से किसी पदार्थ के गुण–दोष, स्वभाव, अवस्था आदि का ज्ञान हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे–सुन्दरता, बचपन, बुढ़ापा आदि।

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लिङ्ग

परिभाषा–संज्ञा शब्द के जिस रूप से स्त्री अथवा पुरुष जाति का बोध होता है, उसे लिङ्ग कहते हैं। लिङ्ग दो प्रकार के होते हैं
(क) पुल्लिङ्ग,
(ख) स्त्रीलिङ्ग।

(क) पुल्लिङ्ग से किसी पुरुष जाति का बोध होता है; जैसे–राम, घोड़ा, बालक आदमी आदि।
(ख) स्त्रीलिङ्ग से किसी स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे–लड़की, नारी, सीता आदि।।

वचन वचन दो प्रकार के होते हैं–
(क) एकवचन,
(ख) बहुवचन।

(क) जिन शब्दों से एक संख्या का बोध हो, एकवचन कहलाते हैं; जैसे–घर, दिन, पुस्तक आदि।
(ख) जिन शब्दों से एक से अधिक संख्या का बोध होता है, उन्हें बहुवचन कहते हैं; जैसे–पुस्तकें, लड़कियाँ आदि।

सर्वनाम

परिभाषा–जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं; जैसे–वह, हम, तुम, वे, मैं, यहाँ, वहाँ आदि।

सर्वनाम के भेद–सर्वनाम निम्नलिखित छः प्रकार के होते हैं–

  • पुरुषवाचक सर्वनाम,
  • निश्चयवाचक सर्वनाम,
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम,
  • सम्बन्धवाचक सर्वनाम,
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम,
  • निजवाचक सर्वनाम।

विशेषण

परिभाषा–संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं; जैसे–सुन्दर बालक, मीठा फल, काला घोड़ा आदि। इनमें सुन्दर, मीठा, काला शब्द विशेषण हैं। वे क्रमशः बालक, फल, घोड़ा शब्दों (संज्ञा) की विशेषता बताते हैं।

विशेषण के प्रकार–विशेषण छः प्रकार के होते हैं-

  • गुणवाचक विशेषण,
  • संख्यावाचक विशेषण,
  • परिमाणवाचक विशेषण,
  • संकेतवाचक विशेषण,
  • व्यक्तिवाचक विशेषण,
  • प्रश्नवाचक विशेषण।

क्रिया

परिभाषा–जिन शब्दों से किसी वाक्य में कार्य का करना या होना पाया जाता है, उन्हें क्रिया कहते हैं; जैसे–जाना, खाना, पीना, उठना, बैठना. पढना आदि।

क्रिया के भेद–क्रिया दो प्रकार की होती है–

  1. अभिकर्मक (अकर्मक) क्रिया–जिस क्रिया में कर्म न होकर केवल कर्ता ही होता है, वह अकर्मक (अभिकर्मक)। क्रिया कहलाती है; जैसे–मोहन गया। वे हँसते हैं।
  2. सकर्मक क्रिया–जिस क्रिया में कर्म होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे–मोहन किताब लिखता है। इस वाक्य में लिखता है’ क्रिया का कर्म, ‘किताब’ है।

काल

परिभाषा–किसी भी क्रिया के होने या करने के समय को काल कहते हैं। काल तीन प्रकार के होते हैं

  • भूतकाल–जैसे–मोहन शहर गया।
  • वर्तमानकाल–जैसे–सीता गाना गा रही है।
  • भविष्यत्काल–जैसे–मैं पत्र लिखूगा।

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क्रिया–विशेषण

परिभाषा–किसी भी क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रिया–विशेषण कहते हैं; जैसे–घोड़ा तेज दौड़ता। है। इस वाक्य में ‘तेज’ शब्द क्रिया विशेषण है। इसमें ‘दौड़ता। है’ क्रिया की विशेषता बतायी जा रही है। अतः ‘तेज’ शब्द क्रिया–विशेषण हुआ।

सम्बन्ध बोधक परिभाषा–दो शब्दों में सम्बन्ध स्थापित करने वाले अव्ययों को सम्बन्धबोधक अव्यय कहते हैं; जैसे–छत के ऊपर चोर है। इस वाक्य में छत और चोर का सम्बन्ध ‘ऊपर’ के द्वारा बताया गया है अतः ऊपर’ शब्द सम्बन्धबोधक अव्यय है।

समुच्चय बोधक

परिभाषा–दो शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को मिलाने वाले शब्द समुच्चयबोधक अव्यय कहलाते हैं; जैसे– राम और श्याम भाई–भाई हैं। राम श्याम को मिलाने वाला ‘और’ शब्द समुच्चयबोधक अव्यय है।

विस्मयादिबोधक

परिभाषा–विस्मय, हर्ष, विषाद, तिरस्कार, लज्जा, उत्साह, चिन्ता, घृणा आदि मनोभावों को प्रकट करने वाले अव्यय विस्मयबोधक कहलाते हैं;
जैसे–
हे ! हो ! हरे ! आदि।
मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ

और उनके वाक्य प्रयोग
1. अक्ल का दुश्मन–मुर्ख।
प्रयोग–वह तो अक्ल का दुश्मन है, किसी की भी राय नहीं मानेगा।

2. अपना उल्लू सीधा करना–स्वार्थ सिद्ध करना।
प्रयोग–तुम्हें भले–बुरे से क्या मतलब ? तुम तो अपना उल्लू सीधा करो।

3. अंगूठा दिखाना–निराश कर देना।
प्रयोग–उसने रुपये लौटाने का वायदा किया था, फिर भी अँगूठा दिखा दिया।

4. आँखों का तारा–बहुत प्यारा।
प्रयोग–मोहन अपने माता–पिता की आँखों का तारा है।

5. आँख का अन्धा–मूर्ख।
प्रयोग–प्रत्येक व्यापारी चाहता है कि कोई आँख का अन्धा व्यक्ति ही उसके हाथ लगे।

6. अपमान के चूंट पीना–अपमान सहन करना।
प्रयोग–चुनाव में हार होने पर मुखिया अपमान का घूट पिये बैठा है। .

7. अन्धे की लकड़ी–एकमात्र सहारा।
प्रयोग–श्रवण कुमार अपने माता–पिता के लिए अन्धे की लकड़ी था।

8. आँखों में धूल झोंकना–धोखा देना।
प्रयोग–बाजार में ठग दुकानदार की आँखों में धूल झोंककर माल ले गये।

9. आँख दिखाना–डराना, धमकाना।
प्रयोग–छोटे बच्चों को कभी भी आँखें नहीं दिखानी चाहिए।

10. आँखें चुराना–छिपना।
प्रयोग–पहले तो सोचा नहीं, अब आँखें चुराते फिरते हो।

11. आँखों में खून उतरना–बहुत क्रोधित होना।
प्रयोग–अपराधी को देखते ही, मेरी आँखों में खून उतर आया।

12. आँखें बिछाना–स्वागत करना।
प्रयोग–राष्ट्रपति के आने पर जनता ने उनके सामने अपनी आँखे बिछा दीं।

13. ईंट से ईंट बजाना–सर्वनाश करना।
प्रयोग–भारत के वीरों ने अंग्रेजी राज्य की ईंट से ईंट बजा दी।

14.ईद का चाँद होना–बहुत कम दर्शन होना।
प्रयोग–दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी लोगों के लिए ईद का चाँद हो जाता है।

15. काम तमाम करना–मार डालना।
प्रयोग–शिकारी ने अपनी एक ही गोली से शेर का काम तमाम कर दिया।

16. काफूर होना–नष्ट होना।
प्रयोग–हामिद की बात सुनकर उसकी दादी का क्रोध काफूर हो गया।

17. गले न उतरना–समझ में न आना।
प्रयोग–आपकी कोई भी बात मेरे गले नहीं उतर रही है।

18. गंध भी न मिलना–कोई पता न चलना।
प्रयोग–मेरा मित्र जब से गया है, तब से अभी तक उसकी गंध भी नहीं मिल रही है।

19. टेढ़ी खीर–कठिन कार्य।
प्रयोग–भारत का प्रधानमंत्री बनना टेढ़ी खीर है।

20. छक्के छुड़ाना–घबरा देना।
प्रयोग–सन् 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये।

21. ठण्डा होना–मर जाना।
प्रयोग–शिकारी की गोली लगते ही शेर ठण्डा पड़ गया।

22. नौ दो ग्यारह होना–भाग जाना।
प्रयोग–पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारहे हो गये।

23. दंग रह जाना–आश्चर्यचकित होना।
प्रयोग–ताजमहल की कारीगरी देखकर विदेशी दंग रह जाते हैं।

24. पीठ दिखाना–भाग जाना।
प्रयोग–वीर पुरुष कभी भी युद्ध के मैदान से पीठ दिखाकर नहीं भागते।

25. धोबी का कुत्ता घर का न घाट का–कहीं का न रहना।
प्रयोग–मोहन ने चपरासी की नौकरी छोड़ दी, यह सोचकर कि अब अच्छी नौकरी करेगा। नौकरी तो उसे मिलती नहीं अतः उसकी दशा धोबी के कुत्ते जैसी है, जो न तो घर का है और न घाट का।

26. काला अक्षर भैंस बराबर–अनपढ़।
प्रयोग–मोहन के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।

27. एक पंथ दो काज–एक ही रास्ते से दो काम।
प्रयोग–वह 26 जनवरी का उत्सव देखने दिल्ली गया। लौटते हुए वह अपने भाई से भी मिल लिया। इस तरह उसने एक पंथ दो काज कर लिए।

28. आम के आम गुठलियों के दाम–एक वस्तु से दो लाभ लेना।
प्रयोग–अखबार पढ़ लेते हैं तथा उसे बेचकर पैसे भी प्राप्त कर लेते हैं, इस प्रकार आम के आम गुठलियों के दाम हो जाते हैं।

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तत्सम तथा तद्भव शब्द

MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 1
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 2

विलोम शब्द

MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 3
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 4
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 5

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पर्यायवाची शब्द।

  • अग्नि–पावक, अनल, आग, ज्वाला, दहन, कृशानु, वैशांदुर।
  • अमृत–सोम, अमीय, सुधा, पीयूष, सुरभोग।
  • आँख–लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, द्रग।
  • असुर–दानव, दैत्य, राक्षस, निशाचर, दनुज, तमोचर।
  • आकाश–व्योम, गगन, अम्बर, शून्य, अनन्त, अन्तरिक्ष।
  • घोड़ा–अश्व, तुरंग, वाजि, हय, घोटक, रवि–सुत।
  • इन्द्र–पुरन्दर, मघवा, सुरेन्द्र, सुरेश, सुरपति, देवराज।
  • पानी–जल, वारि, अम्बु, तोय, नीर, पय, सलिल।
  • कमल–जलज, वारिज, अम्बुज, तोयज, नीरज, पंकज, सरोज।
  • बादल–जलद, वारिद, अम्बुद, नीरद, तोयद, जलधर, मेघ।
  • समुद्र–जलधि, वारिधि, अम्बुधि, नीरधि, तोयधि, पयोधि, नदीश।
  • सूर्य–दिवाकर, दिनेश, भानु, भाष्कर, रवि, दिवाकर, प्रभातकर, पतंग।
  • चन्द्रमा–मयंक, शशि, राकेश, राकापति, सोम, हिमकर, रजनीश, निशाकर।
  • पृथ्वी–भू, भूमि, धरती, धरा, वसुधा, अवनि, मही, वसुन्धरा।
  • कोयल–कोकिला, पिक, वनप्रिय, परमृत, वसन्तदूत।
  • कामदेव–मदन, अनंग, मन्मथ, मनोज, मार।
  • गंगा–सुरनदि, देवसरि, देवपगा, त्रिपथगा, भागीरथी, देवनदी, जाह्नवी।
  • घर–धाम, गृह, सदन, भवन, मन्दिर, निकेतन।
  • तालाब–सर, तड़ाग, सरोवर, ताल, जलाशय, पुष्कर।
  • दिन–दिवस, वासर, दिवा, अह्न, द्यौस, दिवा।
  • नदी–सरिता, आपगा, तरंगिणी, नद, तटनी, सरि।
  • फूल–पुष्प, सुमन, कुसुम, प्रसून, पुहुप।
  • पक्षी–खग, पतंग, पखेरू, परिंदा, द्विज।
  • हवा–वायु, पवन, समीर, अनिल, मारूति, ब्यार।
  • पेड़–तरु, विटप, वृक्ष, पादप, द्रुम।
  • धनुष–चाप, कोदण्ड, धनु, सरासन, कमान।
  • नाव–नौका, नैया, तरिणी, तरी।
  • पत्थर–पाहन, पाषाण, प्रस्तर, उपल, अश्म।
  • पर्वत–अचल, नग, गिरि, भूधर, शैल।
  • पुत्र–तनय, सुत, आत्मज, नन्दन, तात।
  • बिजली–विद्युत, दामिनी, चपला, तड़ित, चंचला।
  • भौंरा–अलि, मधुकर, भ्रमर, मधुप, भुंग।
  • मोर–केकी, शिखी, मयूर, नीलकंठ, शिखण्डी।
  • यमुना–कालिन्दी, अर्कजा, रवितनया, कृष्णा, तरणि तनूजा।
  • राजा–नृप, भूप, महीप, नृपति, नरेश।
  • रात्रि–रजनी, निशा, यामिनी, विभावरी, रैन।
  • लक्ष्मी–रमा, श्री, चंचला, पद्मा, हरिप्रिया, कमला।
  • विष्णु–नारायण, हरि, श्रीपति, चतुर्भुज, उपेन्द्र।
  • सिंह–मृगराज, केहरि, केसरी, पंचानन।
  • सोना–स्वर्ण, कनक, हेम, कंचन, कुन्दन।
  • स्वर्ग–देवलोक, विष्णुलोक, सुरपुर, ब्रह्मलोक, बैकुण्ठ।
  • साँप–सर्प, नाग, भुजंग, विषधर, व्याल।
  • स्त्री–नारी, तिय, अबला, कामिनी, रमणी।
  • सरस्वती–शारदा, भारती, वीणावादिनि, हंस वाहिनी वागेश्वरी।
  • हाथी–गज, हस्ती, कुंजर, नयन्द, दन्ती।
  • मृग–सारंग, कुरंग, मृणीक, हिरण।

समास

परिभाषा–किन्हीं दो पदों (शब्दों) के योग को समास कहते हैं। समास का अर्थ संक्षिप्त होता है।
जैसे–

  • दिन–रात, माता–पिता आदि।

समास के भेद–समास छः प्रकार के होते हैं-
1. द्वन्द्व समास–इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। बीच में ‘और’ शब्द का लोप होता है।
जैसे–

  • माता–पिता = माता और पिता।
  • भाई–बहन = भाई और बहन।
  • दिन–रात = दिन और रात।

2. द्विगु समास–जिस समास में पहला पद संख्यावाची विशेषण हो, वह द्विगु समास होता है।
जैसे–

  • त्रिभुवन = तीन भुवनों का समूह,
  • नवरत्न = नौ रत्नों का समूह।

3. कर्मधारय समास–जिसमें पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य हो, तो वहाँ कर्मधारय समास होता है।
जैसे–

  • नीलकमल = नीला है जो कमल।
  • महादेव = महान है जो देव।
  • घनश्याम = घन के समान श्याम।

4. तत्पुरुष समास–जिस समास में उत्तर पद प्रधान होता है तथा बीच में विभक्तियों का लोप होता है, वह तत्पुष समास कहलाता है,
जैसे–

  • राम–भजन = राम का भजन।
  • राजपुत्र = राजा का पुत्र।
  • विद्याहीन = विद्या से हीन।

5. अव्ययीभाव समास–जिस समास में पहला पद अव्यय तथा दूसरा पद प्रधान होता है, वहाँ अव्ययीभाव समास होता है।
जैसे–
यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार, (यथा + शक्ति)।

  • यथोचित = यथा + उचित।
  • प्रतिदिन = प्रति + दिन।
  • अनुदिन = अनु + दिन।

6. बहुब्रीहि समास–जिस समास में किसी भी पद की प्रधानता न होते हुए अन्य तीसरे पद की प्रधानता होती है वहाँ बहुब्रीहि समास होता है।
जैसे–

  • दशानन = दस हैं आनन जिसके अर्थात् रावण।
  • नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका अर्थात् महादेव।
  • लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेशजी।

उदाहरण–
निम्नलिखित शब्दों के पद–विग्रह सहित समास लिखो-
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 6

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अलंकार

परिभाषा–जिस प्रकार किसी सुन्दरी की शोभा बढ़ाने के लिए कुछ आभूषणों का प्रयोग किया जाता है। उसी प्रकार भाषा रूपी सुन्दरी को सजाने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग करते हैं। उन्हें अलंकार कहते हैं।

अलंकार के भेद–अलंकार दो प्रकार के होते हैं
(1) शब्दालंकार,
(2) अर्थालंकार।
शब्दालंकार से शब्द में चमत्कार पैदा होता है। अर्थालंकार से अर्थ में चमत्कार पैदा होता है।

(क) शब्दालंकारों में अनुप्रास, यमक और श्लेष मुख्य
1. अनुप्रास अलंकार–जब एक ही अक्षर दो या दो से अधिक बार प्रयोग हो रहा हो, तो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।
जैसे-
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये।
इस वाक्य में ‘त’ वर्ण कई बार आया है।
अत: यहाँ अनुप्रास अलंकार है।

2. यमक अलंकार–जिस वाक्य में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आये तथा उनके अर्थ अलग–अलग हों, तो वहाँ यमक अलंकार होता है।
जैसे–
‘कनक–कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय’ में कनक शब्द दो बार प्रयुक्त हुआ है। पहले ‘कनक’ का अर्थ स्वर्ण (सोना) है तथा दूसरे ‘कनक’ का अर्थ है ‘धतूरा’। इसलिए यहाँ यमक अंलकार है।

3. श्लेष अलंकार–श्लेष शब्द का अर्थ है चिपका हुआ। जहाँ किसी एक शब्द का एक ही बार प्रयोग हो तथा उसके अर्थ अनेक हों, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
जैसे–
रहिमन पानी राखिये बिनु पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरे, मोती मानुस चून॥
इस पद्यांश में प्रयुक्त ‘पानी’ शब्द का अर्थ–चमक, प्रतिष्ठा, तथा जल है अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।

(ख) अर्थालंकारों में उपमा, रूपक तथा उत्प्रेक्षा विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं-
1. उपमा–जहाँ एक वस्तु की समानता किसी दूसरी वस्तु से दिखायी जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है। उपमां के चार भेद होते हैं– उपमेय, उपमान, धर्म, वाचक।
उदाहरण–
‘हरि पद कोमल कमल से।’ इस वाक्य में हरिपद उपमेय है, ‘कमल’ उपमान है ‘से’ वाचक है तथा ‘कोमल’ साधारण धर्म है।

2. रूपक–जहाँ उपमेय और उपमान को एक ही रूप दे दिया जाता है, तो वहाँ रूपक अलंकार होता है।
जैसे–
“चरण कमल बन्दी हरि राई।” – यहाँ पर ‘चरण’ उपमेय है, और ‘कमल’ उपमान है। दोनों को ही एक रूप दे दिया गया है, अतः यहाँ रूपक अलंकार है।

3. उत्प्रेक्षा–जहाँ उपमेय में उपमान की कल्पना की जाये, तो वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसमें जनु, मनु, जानहु, मानहु, आदि शब्द ‘वाचक’ होते हैं।
उदाहरण–
सोहत ओढ़े पीत पट श्याम सलोने गात।
मनहु नीलमणि शैल पर आतप पर्यो प्रभात ॥
यहाँ श्रीकृष्ण के श्याम सलोने शरीर की समानता नीलमणि के पर्वत से की है, शरीर पर पीलावस्त्र नीलमणि के पर्वतरूपी श्यामवर्ण शरीर पर पड़ी हुई प्रातःकालीन धूप है।

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शब्दसमूह के लिए एक शब्द
शब्दसमूह   –         एक शब्द
1. कभी निष्फल न होने वाला – अमोघ
2. सम्पूर्ण संसार का स्वामी – अखिलेश
3. जो ईश्वर को नहीं मानता हो – नास्तिक
4. जो कभी न मरे – अमर
5. दूसरों का एहसान न मानता हो कृतघ्न या – अकृतज्ञ
6. जिसके माता–पिता हैं – सनाथ
7. जिसके माता–पिता न हों – अनाथ
8. बहुत अधिक बोलने वाला – वाचाल
9. बुराई करने वाला – निन्दक
10. दूसरों की भलाई करने वाला – परोपकारी
11. भ्रमण करने वाला – पर्यटक
12. दूसरे देश का रहने वाला – विदेशी
13. घोड़े बाँधने का स्थान – अस्तबल
14. गोद लिया पुत्र – दत्तक पुत्र
15. भाषण देने वाला – वक्ता
16. जो लिखना पढ़ना जानता हो – साक्षर
17. क्षणभर में नष्ट होने वाला – क्षणभंगुर
18. वह स्त्री जिसका पति मर चुका हो – विधवा
19. वह आदमी जिसकी स्त्री मर विधुर – चुकी हो
20. जो बिना बुद्धि का हो – निर्बुद्धि
21. जो बिना चरित्र का हो – चरित्रहीन
22. मांस खाने वाला – मांसाहारी
23. दूर तक की सोचने वाला। – दूरदर्शी
24. नीति का ज्ञाता – नीतिज्ञ
25. जिसे जीता न जा सके – अजेय
26. घृणा के योग्य – घृणित
27. जिसे सभी कामों में सफलता। सफल – मिली हो
28. ईश्वर में विश्वास करने वाला – आस्तिक
29. जो बूढ़ा न हो – अजर
30. सौ वर्ष का समय – शताब्दी
31. शरण में आया हुआ – शरणागत
32. आज्ञा मानने वाला – आज्ञाकारी
33. बहुत कम जानने वाला – अल्पज्ञ
34. दोपहर का समय – मध्याह्न
35. आकाश को छूने वाला – गगनचुम्बी
36. कम बोलने वाला – मितभाषी
37. दोपहर के बाद का समय – अपराह्न
38. पूजा के योग्य – पूज्य
39. सम्पूर्ण दिन का कार्यक्रम – दिनचर्या
40. जिसका जन्म पहले हुआ हो। – अग्रज
41. मांस न खाने वाला – शाकाहारी
42. जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
43. पति तथा पत्नी – दम्पत्ति
44. निष्फल न होने वाली – अचूक
45. जिसका आकार न हो – निराकार

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MP Board Class 7th Social Science Model Question Paper

MP Board Class 7th Social Science Model Question Paper

Choose the correct alternative from the options given below:

Question 1.
Ibn Battutah visited India during the reign of:
(a) Muhammad bin Tuglaq
(b) Razia Sultan
(c) Alauddin Khilji
(d) Ibrahim Lodi
Answer:
(a) Muhammad bin Tuglaq

Question 2.
The main occupation of the people during the Mughal period was:
(a) agriculture
(b) timber industry
(c) foreign trade
(d) None of die above.
Answer:
(a) agriculture

Question 3.
The Museum of Man of Madhya Pradesh is situated at:
(a) Indore
(b) Jabalpur
(c) Bhopal
(d) Ujjain
Answer:
(c) Bhopal

Question 4.
The unit of air pressure is:
(a) Millimeter
(b) mill bar
(c) milligram
(d) centimeters
Answer:
(b) mill bar

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II. Match the columns:
MP Board Class 7th Social Science Solutions Model Question Paper -1
Answer:
1. (c) Taiga
2. (a) Statue of Gomteshwara
3. (d) Desart
4. (b) President

III. Fill in the blanks:

  1. Fishes are found in abundance in the ……………
  2. The total number of members of the MP Vidhan Sabha is …………..
  3. ………….. is die autobiography of Babur.

Answer:

  1. ocean
  2. 230
  3. Tuzak-i-Babri.

Question 4.
Mention the literary sources of the medieval period.
Answer:
A great variety of literary sources of the medieval period are available like writings on palm leaves and birch bark.

Question 5.
Write the names of any three members of the Constituent Assembly.
Answer:

  1. Dr. Rajendra Prasad
  2. Pt JawaharLal Nehru
  3. Acharya Kripalani

Question 6.
Name the movements of the earth.
Answer:

  • Rotation
  • Revolution

Question 7.
Give examples of the Chola architecture.
Answer:
The imposing gateways to the temple known as ‘gopurams’ were the special features of the chola architecture. The walls of temples were covered with sculpture and with scenes depicting both gods and men.

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Question 8.
Write in brief the religious policy of Akbar.
Answer:
Akbar followed a policy of broad religious toleration. He gave full religious freedom to the people. In 1564 he abolished the Jiazyah which was sometimes used by the ulema to humiliate the,non – Muslims. He abolished the pilgrim’s tax. He gathered at his court a band of talented people and in his Ibadat Khana people of the religions Christian, Zoroastrians, Hindus, Jains even athiests gathered. He set up a new religion which was compounded of many existing religions. This new religion was known as Din-i- Illahi.

Question 9.
Write the important rights of a child.
Answer:
Important Rights of a child are:

  • Right to live
  • Right to education
  • Right of protection against exploitation
  • Freedom of expression.

Question 10.
Differentiate between weather and climate.
Answer:
Weather:

  • Weather is a short duration atmospheric condition.
  • Weather represents the atmospheric condition of small area.
  • The weather can change many times in a day.
  • In the weather of one sea – son any one element is prominent.

Climate:

  • Climate is a long duration atmospheric condition.
  • Climate represents the wide area of atmo – spheric condition.
  • The climate does not change for long periods.
  • In one type of climate one or many seasons we there.

 

Question 11.
What is mixed farming?
Answer:
In mixed forming, cattle are also reared along with crops.

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Question 12.
What are the qualifications required to become the member of Vidhan Sabha?
Answer:
The qualifications required to become die member of Vidhan Sabha:

  • He must be a citizen of India.
  • He must have completed the age of 25 years.
  • He must not hold any post of profit under the State or Central Government.
  • He must not be mentally unstable or bankrupt

Question 13.
Shivaji had the abilities of an able administrator. Justify.
Answer:
Shivaji was not only a great general but also a good administrator of top order. Shivaji’s administration was of high order which inspired by ideals of public welfare. Though Shivaji was all in all, in all matters, he kept a committee of 8 persons to advise him on the affairs of the state. This committee came to be known as Ashta Pradhan. This was file main feature of Shivaji’s administration.

The main source of income was the tax on the land which amounted to two – fifths of file land produce. Chauth and Sardeshmukhi were also levied on those living outside Maratha kingdom. Chauth was one fourth of the tax which farmers paid such kingdoms by their peasants. Sardeshmukhi was over and above this tax.

It was one tenth of the total revenue, from which these taxes were collected, remained free from the Maratha looting’s and attacks. For the smooth and efficient administration, Shivaji divided his kingdom into a number of provinces known as prants, and each prant into districts and parganas. In this way Shivaji proved himself as an able administrator.

Or

Describe the progress made in the field of language, literature and science during the Sultanate period.
Answer:
Language, literature and scientific progress during the Sultanate period are:

  • The temples and mosques were the primary educational centers. In some places, primary schools were also established.
  • There were provisions for higher education.
  • The main language was Persian. Many Persian words began to be used in Indian languages.
  • A new language Urdu developed during this period, which was a mixture of Hindi and Persian language.
  • During Sultanate period the regional languages flourished and excellent literary work was created.
  • In some Hindu Kingdoms like Vijayanagar Sanskrit was the court language. Various Sanskrit books were translated in various Indian as w ell as Arabic and Persian languages also.
  • With the introduction of paper, the oldest available texts were reproduced during fins period throughout the country.

Medicines:
During the Sultanate period Maulana Badmddin, Maulana Sadruddin and Azimuddin were famous physicians. Machandra and Jog were famous surgeons.

Question 14.
Describe the powers of the president of India.
Answer:
The powers of file President –

  • The President appoints the Prime Minister. On file advice of the Prime Minister, he also appoints others Ministers.
  • He is the chief executive of the country. He appoints the Governors of the States, Chief Justice and Judges of the Supreme Court and die High Court.
  • He also appoints the Chairman and die members of the National Human Rights Commission.
  • He can issue ordinance when the parliament is not in session. This ordinance is as good as a law.
  • The President has the power to grant pardon, reprieve, or remission of punishment or commute death sentence.

Or

Write the freedoms given to the citizens of India.
Answer:

  • Freedom to express thoughts.
  • Freedom to move freely.
  • Freedom to live and settle in any part of India.
  • Freedom to take up any job anywhere in India.

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Question 15.
Describe the physical features of the continent of Africa.
Answer:
Africa is avast continent from north:
south extending between 37° 14’ N to 34°50’ S latitude. The major part lies within the tropical zone. In fact it is the most tropical of all the continents. There are marked variations in the distribution of rainfall. For example, near the equator, rain falls all the year round, but in die Sahara desert it does not fall at all. Near the Equator there is only one season,’ the hot wet summer but in the northern and the southern parts of Africa climate varies.

There are regions in the South Africa where rain occurs in the winter. There are regions where rain occurs only in summers. Vegetation of Africa – The rainfall is uneven in Africa. The belt lying along the equator on both has hot and wet climate. It rains almost daily and there is only one season – the hot wet summer season. Due to abundance of heat and moisture most of die region is covered with thick forest which is known as the tropical rain forest.

Or

Describe the climate and wild life of Europe.
Answer:
In the Western Europe the climate is marine type. In this climate die winters are cool not cold, and the summers are warm and not hot. Winters are foggy. The rainfall is well distributed all over the year and the temperature is equable. Such climate is found in Central and Eastern Europe. This part of the continent is far from die moderating influence of the westerlies and the ocean. It has Continental climate where it is extreme hot in summer, cold in winter.

The range of temperature is very great Rainfall is moderate. In southern European countries surrounding the Mediterranean the winters are warm and summers are dry. In the summer the region comes under the influence of sub-tropical high pressure belt It, combined with off-shore winds rales any possibility of rain.

In the winter the region comes under the influence of the rain bearing westerlies. In the region situated in the North of Arctic Circle the summers are brief, days are long and warm. The sun is visible at night also. For die major part of the year the region is covered with snow. Precipitation is much less and it is in the form of snow only. This type of climate is known as Tundra climate.

Question 16.
Mark the following in the map of Asia

  • Himalayan mountains
  • The Siberian plains
  • Rubber producing area
  • Trans-Siberian Railway
  • Suez Canal.

Answer:
MP Board Class 7th Social Science Solutions Model Question Paper -2

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MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti विविध प्रश्नावली 3

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions विविध प्रश्नावली 3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) छोटा जादूगर के पिता कहाँ थे और क्यों?
उत्तर-
छोटा जादूगर के पिता जेल में थे। वे देश की आजादी के लिए जेल में गये हुए थे।

(ख) ‘नरबदी’ कहानी आपको कैसी लगी?
उत्तर-
‘नरबदी’ कहानी सबसे अधिक प्रभावित करने वाली, लोक मान्यताओं पर आधारित लोक कथा है। इसका विषय सामान्य जन-जीवन से जुड़ा होने से अधिक प्रभाव छोड़ता है। भाषा सरल, सरस और भाव को समझने में सहायक है। पात्र केवल दो ही हैं। प्रकृति का चित्रण अपने आप ही होता गया है। भारतीय संस्कृति के महान अंग आदिवासियों के जीवन की दिव्य झाँकी प्रस्तुत करती हुई यह कहानी वास्तविकता को दर्शाने वाली है। शैली-स्वरूप में वाक्य विन्यास छोटा है। घटना प्रधान होने से पाठकों को प्रभावित करती है।

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(ग) राज्य पर आक्रमण होने पर अहिल्याबाई ने राघोवा का षड्यन्त्र कैसे विफल किया?
उत्तर-
राज्य पर आक्रमण होने पर अहिल्याबाई ने राघोवा का षड्यन्त्र विफल कर दिया। अहिल्याबाई ने राघोवा को पत्र लिखकर बताया कि वह नारी सेना लेकर उनसे युद्ध करेंगी। युद्ध में यदि उनकी (राघोवा की) हार होती है, तो उन्हें एक नारी से पराजित होने का अपयश मिलेगा। यदि उन्हें जीत मिल भी गई तो एक पुत्र के वियोग में व्यथित विधवा के राज्य को अकारण हड़प लेने की कालिख उनके मुख पर लगेगी। यह सब अहिल्याबाई ने अपनी सूझ-बूझ और राजनैतिक चतुराई से किया।

(घ) कवि देश को तन, मन, धन क्यों समर्पित करना चाहता है?
उत्तर-
कवि देश को तन, मन, धन समर्पित करना चाहता है, क्योंकि उसके ऊपर मातृभूमि का बड़ा भारी ऋण है जो तन, मन, धन तथा जीवन समर्पित कर देने पर भी पूरा नहीं हो सकता।

(ङ) ज्ञानदा कहाँ और क्यों जा रही थी?
उत्तर-
ज्ञानदा टीकमगढ़ जा रही थी। वहाँ वह राज्य स्तरीय शालेय हॉकी प्रतियोगिता में खेलने जा रही थी।

(च) खिलाड़ी-भावना से क्या आशय है?
उत्तर –
खिलाड़ी की भावना का आशय यह है कि हम खेल में अनुशासित रहें। हमारे अन्दर धैर्य, सहिष्णुता, उदारता बनी रहे और हार-जीत को समान भाव से लें। खेल तो मिल-जुलकर खेला जाता है।

(छ) ब्रिटिश सरकार ने रमण को किस उपाधि से विभूषित किया और क्यों?
उत्तर-
ब्रिटिश सरकार ने ‘रमण प्रभाव’ की खोज के लिए सन् 1929 में रमण को ‘सर’ की उपाधि से विभूषित किया।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जादूगर तो बिल्कुल ……………………………………… है।
(ख) माँ तुम्हारा ……………………………………… बहुत है।
(ग) तुम मेरे ……………………………………… ले लो मेरे बाबा को बचा दो।
(घ) खाण्डेराव युद्ध का संचालन करते हुए ……………………………………… को प्राप्त हो गए।
(ङ) व्यक्तिगत ……………………………………… से अधिक टीम का हित सर्वोपरि होता है।
(च) निर्भीक किसी ……………………………………… के सामने अपना सिर नहीं झुकाते।
(छ) रमण पहली बार सन् ……………………………………… में विदेश गए।
(ज) भक्षक से ……………………………………… बड़ा होता है।
उत्तर-
(क) निकम्मा,
(ख) ऋण,
(ग) प्राण,
(घ) वीरगति,
(ङ) उपलब्धि,
(च) आततायी,
(छ) 1921 (उन्नीस सौ इक्कीस),
(ज) रक्षक।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों के भावार्थ लिखिए
(क) मन समर्पित, तन समर्पित, और यह जीवन समर्पित।
(ख) मैं हूँ उनके साथ खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़।
(ग) कोई निरपराध को मारे, तो क्यों अन्य न उसे उबारे।
(घ) खेल मिल-जुलकर ही खेला जाता है। व्यक्तिगत उपलब्धि से अधिक टीम का हित सर्वोपरि होता
उत्तर-
(क) हे मातृभूमि, तेरी सेवा में मेरा मन, तन, तथा यह सारा जीवन समर्पित है।
(ख) मैं (सफलता) उनके साथ ही सदैव खड़ी रहती हूँ जो अपने दायित्व को निभाने के लिए तत्पर हैं।
(ग) कोई व्यक्ति किसी निर्दोष को मार रहा है, तो फिर क्या अन्य व्यक्ति उसका उद्धार नहीं करेगा अर्थात् अवश्य करेगा।
(घ) खेल में प्रत्येक खिलाड़ी का मिश्रित उत्तरदायित्व होता है। प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी टीम के हित में ही खेल खेलना है। व्यक्तिगत लाभ निकृष्ट होता है।

प्रश्न 4.
वाक्यों में प्रयोग कीजिए- .
(क) मुहावरे-
(1) नाक में दम करना,
(2) नाकों चने चबाना,
(3) आँख दिखाना,
(4) पीठ दिखाना,
(5) गाल फुलाना।

(ख) शब्द-
(1) जीविका,
(2) प्रतिध्वनि,
(3) समर्पण,
(4) दूरदर्शिता,
(5) न्यायोचित।
उत्तर-
(क)
(1) रवि के सहायक ने उसकी नाक में दम कर रखा है।
(2) अपने पुत्र के आई. टी. आई. में प्रवेश के लिए उसे नाकों चने चबाने पड़े।
(3) तुम्हें अपने कार्य पर समय से आ जाना चाहिए, मुझे आँखें मत दिखाओ।
(4) पाकिस्तानी सेना के अनेक सैनिक युद्ध क्षेत्र से पीठ दिखा गये।
(5) आज तो तुम्हें खुशमिजाज होना चाहिए, क्योंकि तुम परीक्षा में सफल हो गये हो, अचानक गाल फुलाये क्यों बैठे हो?

(ख) (1) जीविका के लिए अनेक भारतीय युवक विदेशों में जा बसे हैं।
(2) शिव मन्दिर के गुम्मद के नीचे कीर्तन की ध्वनि पूरे मन्दिर परिसर में प्रतिध्वनित हो रही है।
(3) मातृभूमि के लिए मैं अपना सर्वस्व समर्पण करने के लिए तैयार हूँ।
(4) भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों ने अपनी दूरदर्शिता से काम नहीं लिया और विण्डीज की टीम से मैच हार गये।
(5) एक सुशिक्षित अच्छा नागरिक अपने न्यायोचित अधिकारों को प्राप्त करने के लिए सही मार्ग अपनाता है।

प्रश्न 5.
सही विकल्प चुनिए
(क) चौमासा शब्द में समास है द्वन्द्व, द्विगु, अव्ययीभाव।
(ख) ‘दुकानवाला’ शब्द में प्रत्यय है दु, दुका, वाला।
(ग) अभिमान शब्द में उपसर्ग है अभि, अ, मान
(घ) ‘लाभ’ शब्द का विलोम है फायदा, नुकसान, हानि।
उत्तर-
(क) द्विगु,
(ख) वाला,
(ग) अभि,
(घ) हानि।

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प्रश्न 6.
(क) निम्नांकित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
स्तबध, प्रगलभता, अतातायियों, चूनोती, स्परधा, प्रतीबिब, विज्ञानिक।
उत्तर-
(क) स्तब्ध, प्रगल्भता, आततायियों, चुनौती, स्पर्धा, प्रतिबिम्ब, वैज्ञानिक।

(ख) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिएअंक, कर, उत्तर, कनक, पानी।
उत्तर-
MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti विविध प्रश्नावली 3 1

प्रश्न 7.
उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए
MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti विविध प्रश्नावली 3 2
उत्तर-
(क) लाजवाब, लावारिस, लापरवाह, लापता।
(ख) गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरसरकारी, गैरवाजिब।
(ग) सुकर्म, सुदूर, सुयश, सुवास।
(घ) पराजय, पराक्रम, पराभूत, पराभव।

प्रश्न 8.
निर्देशानुसार हल कीजिए
(क) निम्नलिखित शब्दों को दो अलग-अलग अर्थों में प्रयोग कीजिए पता, डूबना, बढ़ना, खराब।
उत्तर-
पता-
(1) उसके निवास का हमारे पास पता नहीं है।
(2) मुझे पता नहीं वह कब आयेगा।

डूबना-
(1) गहरे जल की नदी में नहाते समय बहुत से लोग डूब चुके हैं।
(2) इस सट्टेबाजी के चक्कर में वह अपने धन को डुबा चुका है।

बढ़ना-
(1) दुश्मन की फौज का आगे बढ़ना जारी है।
(2) परीक्षा में अंक बढ़ाने के काम में कई लोग लगे हैं।

खराब-
(1) हॉकी में खराब प्रदर्शन से उसकी इज्जत चली गई।
(2) मेरी मोटर का इंजन खराब हो गया है।

(ख) निम्नांकित के विलोम शब्द लिखिए
(1) रात,
(2) सुखद,
(3) सफलता,
(4) संयोग,
(5) साक्षर।
उत्तर-
(1) दिन,
(2) दुखद,
(3) असफलता,
(4) वियोग,
(5) निरक्षर।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए-
कमल, पर्वत, सूर्य, पृथ्वी, हवा, पानी।
उत्तर-
कमल-सरोज, पंकज, अम्बुज, नीरज। पर्वत-अचल, शैल, गिरि। सूर्य-सूरज, भानु, दिनकर, दिनमणि। पृथ्वी-धरा, अचला, धरती, वसुन्धरा। हवा-समीर, वायु, पवन। पानी-जल, नीर, तोय, वारि।

प्रश्न 10.
सही जोड़ी बनाइए
(क) हॉकी का गढ़ – (1) नोबल पुरस्कार
(ख) अहिल्याबाई – (2) भोपाल
(ग) माँ – (3) इन्दौर
(घ) डॉ. चन्द्रशेखर वेंकट रमण – (4) राहुल
उत्तर-
(क) → (2),
(ख) → (3),
(ग) → (4),
(घ) → (1)

प्रश्न 11.
किसने किससे कहा
(क) हाँ, मैं सच कहता हूँ बाबूजी ! माँ बीमार है, इसलिए मैं नहीं गया।
(ख) तू है हठी मान-धन मेरे।
(ग) माँ मेरी क्या बानी।
(घ) बहन ! मैं तो आपके पुत्र की मृत्यु पर आपसे सम्वेदना व्यक्त करने आया हूँ, युद्ध करने नहीं।
(ङ) तब भी तुम खेल दिखाने चले आए।
उत्तर-
(क) छोटा जादूगर ने लेखक (कहानीकार) से कहा।
(ख) यशोधरा ने अपने पुत्र राहुल से कहा।
(ग) राहुल ने अपनी माँ यशोधरा से कहा।
(घ) राघोवा ने महारानी अहिल्याबाई से पत्र के माध्यम से कहा।
(ङ) लेखक (कहानीकार) ने छोटा जादूगर से कहा।

प्रश्न 12.
निर्देशानुसार हल कीजिए
(क) राम अपनी पुस्तक पढ़ता है। (उद्देश्य और विधेय अलग कीजिए)
(ख) मोहन है बॉलीबाल जाता खेलने। (पदक्रम सही कीजिए)
(ग) राधा गाना गाती है। (भविष्यकाल)
(घ) वह बहुत अच्छा लड़का है। (प्रश्नवाचक)
(ङ) माता-पिता की आज्ञा माननी चाहिए। (आज्ञासूचक)
(च) राजू कल दिल्ली गया। (विस्मयादिबोधक)
(छ) तुम बहुत खुश हो। (भूतकाल)
उत्तर-
(क) (1) राम (उद्देश्य)
(2) अपनी पुस्तक पढ़ता है। (विधेय)
(ख) मोहन बॉलीबाल खेलने जाता है।
(ग) राधा गाना गायेगी।
(घ) वह कैसा लड़का है?
माता-पिता की आज्ञा मानो।
(च) राजू कल दिल्ली गया ! या (अरे ! राजू कल दिल्ली गया।)
(छ) तुम बहुत खुश थे।

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प्रश्न 13.
निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण और विशेष्य छाँटकर अलग कीजिए
(क) राजा के पास सफेद घोड़ा है।
(ख) नर्मदा का जल मीठा है।
(ग) राधा सुन्दर लड़की है।
(घ) सीमा के पास चार सन्तरे हैं।
(ङ) म. प्र. के उद्यान रमणीय हैं।
उत्तर-
MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti विविध प्रश्नावली 3 3

प्रश्न 14.
सही जोड़ी बनाइए
(क) दादी की घड़ी – 1. एकांकी
(ख) मध्यप्रदेश का वैभव – 2. जीवनी
(ग) राखी का मूल्य – 3. कहानी
(घ) गौरैया – 4. वार्तालाप
(ङ) मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान – 5. निबन्ध
(च) लोकमाता अहिल्याबाई – 6. कविता
(छ) अगर नाक न होती – 7. डायरी
(ज) ज्ञानदा की डायरी – 8. व्यंग्य
उत्तर-
(क) → (3),
(ख) → (5),
(ग) → (1),
(घ) → (6),
(ङ)→ (4),
(च) → (2),
(छ) → (8),
(ज) → (7)।

प्रश्न 15.
अपने शब्दों में लिखिए
(क) अहिल्याबाई के जीवन की मुख्य विशेषताएँ।
(ख) अपनी दिनचर्या डायरी के रूप में लिखिए।
(ग) एक छोटी लोक-कथा लिखिए।
(घ) किसी रोचक खेल का वर्णन कीजिए।
(ङ) महाराजा अग्रसेन के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर-
(क)

  1. इन्दौर की महारानी अहिल्याबाई ने यात्रियों की सुविधा हेतु धर्मशालाएँ, मन्दिर, कुएँ और बावड़ियाँ बनवाईं।
  2. उनके शासनकाल में प्रजा में सुख, शान्ति और समृद्धि
  3. अहिल्याबाई का प्रेमपूर्ण व्यवहार सबको प्रभावित करता था।
  4. वह राजनीति, युद्धकला, घुड़सवारी में कौशल प्राप्त थीं।
  5. उन्होंने अपनी सेना को प्रशिक्षित और सगठित किया।
  6. उनमें रणकौशल और बुद्धिमत्ता थी। अपने दुश्मनों का वीरता से सामना करती थीं।
  7. युद्ध संचालन में कौशल प्राप्त था।
  8. प्रजा के सुख-दुःख में सहभागी थीं।
  9. उन्होंने साहित्यकारों, ज्योतिषयों, कलाकारों, विद्वानों को पुरस्कृत किया।
  10. जरूरतमन्दों को उन्होंने कभी भी निराश नहीं किया।

(ख) दिनांक 6 मई, 20…
मैं आज 4:30 बजे उठ गया। अपना मुख धोकर लेखन कार्य में जुट गया। आजकल मुझे इधर-उधर आने-जाने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। मैं प्रायः सारा दिन घर पर ही रहता हूँ। मुझे अपने प्रकाशन के सभी कार्य देखने होते हैं, क्योंकि मेरे पास कोई भी सहायक नहीं है।

यही समय है, जबकि पूरे वर्ष के कार्य की रूपरेखा तैयार | की जा सकती है। मैं प्रातः से सायं तक इसी धुन में लगा रहता हूँ। योजनाबद्ध कार्य पूरा करने का प्रयास प्रतिदिन ही करता हूँ।

प्रातः से सायं तक किये गये कार्यों का ब्यौरा स्वयं सायंकाल को तैयार करता हूँ। जो कार्य पूरा नहीं होता है, उसकी उचित सूचना लेकर सम्बन्धित व्यक्ति से पूछताछ करता हूँ और अगले दिन की ब्यौरेवार डायरी तैयार करके ऑफिस बन्द कर | घर चला जाता हूँ। गर्म पेय लेकर, थोड़ मनोरंजन के बाद रात का भोजन करके, अपने शयनकक्ष में चला जाता हूँ। मुझे थोड़ा आलस आ रहा होता है, इस प्रकार मैं सोने लगता हूँ। ज्ञानेन्द्र।

(ग) एक घटना बहुत पुरानी है। बरसात के दिन थे। मेरे गाँव के चारों ओर पानी ही पानी था। मुझे अपने भाई के पास खेतों पर जाना था। भाई को भोजन भी पहुँचाना था। घर के पालतू पशु भी गाँव से बाहर खेतों के ऊँचे स्थानों पर बाँधे हुए थे। पानी की बहुलता से जंगल के पशु भी परेशान थे। वहीं न जाने कहाँ से पालतू पशुओं के बीच एक हिरन का बच्चा आ गया। वह भाई ने अपनी झोपड़ी में बाँध लिया था। अंधकार था। खेत की ऊँची मेढ़ की वामी में पानी चला गया, वहाँ से एक साँप निकला। वह पानी की वजह से व्याकुल हो, तेज गति से भागा और वह भी झोंपड़ी में आने लगा। अँधेरे में उसकी फुफकार से डरकर टार्च से रोशनी मारी तो वह फन उठाकर सिर उठाने लगा। हम दोनों भाइयों ने उससे कुछ भी नहीं कहा। भाई ने कहा कि यह नाग भयानक और जहरीला है। इसे यहीं रहने दो। हम अपनी चारपाई पर बैठ गये। भाई ने कोई मंत्र पढ़ना शुरू किया। नाग देवता शान्त दिखाई पड़े, थोड़ी देर बाद कहीं भी नहीं दिखा। उसके जाने के साथ ‘सर-सर’ की आवाज उठी। नाग देवता पुनः उसी बाँबी में प्रविष्ट हो गये। भाई ने बताया कि यह नाग पूरे गाँव का पूज्य है। नाग पंचमी को यहाँ सभी लोग आते हैं और वामी पर दूध रखते हैं। नाग देवता बाहर आकर सबको दर्शन देते हैं। सभी लोग प्रणामपूर्वक शीश झुकाकर चले जाते हैं। कहा जाता है कि यह नाग गाँव का कोई अनिष्ट नहीं होने देता।

(घ) ‘किसी रोचक खेल का वर्णन’ को ‘निबन्ध’ शीर्षक में पढ़ें।

(ङ) महाराजा अग्रसेन के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को शास्त्रों का ज्ञाता, शूरवीर, परोपकारी, जनहित एवं लोककल्याण के लिए सदैव तैयार रहने वाला, अपनी शक्ति का सृजनात्मक उपयोग करने वाला, समाजवाद का समर्थक, शासन चलाने में निपुण, धार्मिक कुप्रथाओं का विरोधी, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक एवं श्रेष्ठ आदर्शों की स्थापना के प्रति सदैव आतुर रहने वाला होना चाहिए।

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