In this article, we will share MP Board Class 6th Hindi Solutions Chapter 10 कोई नहीं पराया Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 10 कोई नहीं पराया
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Class 6 Hindi Chapter 10 MP Board प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. घर – (क) मनुजत्व
2. देश – (ख) पांति
3. जाति – (ग) काल
4. देवत्व – (घ) संसार
उत्तर
1. (घ), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क)
MP Board Class 6th Hindi Chapter 10 प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. कहीं रहे कैसे भी मुझको प्यार यह…….है। (इंसान/भगवान)
2. ……..डाल का पीछे पहले उपवन का श्रृंगार है। (शूल/फूल)
3. मेरी धरती सौ-सौ स्वर्गों से ज्यादा…..है। (सुकुमार/कठोर)
4. कोई नहीं पराया……सारा संसार है। (मेरा घर/मेरा परिवार)
उत्तर
1. इंसान
2.फूल
3. सुकुमार
4. मेरा घर।
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 10 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
MP Board Class 6 Hindi Chapter 10 प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए
(क) कवि ने घर किसे कहा है?
उत्तर
कवि ने पूरे संसार को घर कहा है।
(ख) कवि को किस बात का अभिमान है?
उत्तर
कवि को मानवता पर अभिमान है।
(ग) कवि ने अपना आराध्य किसे माना है?
उत्तर
कवि ने आदमी को अपना आराध्य माना है।
(घ) धरती किससे भी ज्यादा सुकुमार है?
उत्तर
धरती स्वर्ग की सुखद कहानियों से भी सुकुमार
(ङ) ‘कोई नहीं पराया’ कविता का मूल भाव क्या है?
उत्तर
‘कोई नहीं पराया’ का मूल भाव है-बसुधैव कुटुम्बकम।
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 6 Hindi Chapter 10 Question Answer प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए
(क) कवि ने अपने धर्म को स्याही और शब्दों का गुलाम क्यों नहीं माना?
उत्तर
कवि ने अपने धर्म को स्याही और शब्दों का गुलाम इसलिए नहीं माना है क्योंकि वह स्वतंत्र है। वह किसी धर्म या जाति से बंधा हुआ नहीं है। उसका सिर्फ एक ही धर्म है और वह है मानवता का धर्म।
(ख) देशकाल को जंग लगी जंजीर क्यों कहा गया है?
उत्तर
कवि बसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करता है। वह किसी जाति या धर्म से बंधा नहीं है। वह स्वतंत्र है। उसके विचार स्वतंत्र हैं। उसे मानवता से प्यार है।
(ग) घट-घट में राम कहकर कवि कौन-सा भाव व्यक्त करना चाहता है?
उत्तर
कवि के कहने का तात्पर्य है कि प्यार सबसे बड़ी चीज है। उसे लोगों में बांटना श्रेष्टकर है। अगर प्यार है, तो सभी जगह भगवान है। प्यार नहीं तो कुछ भी नहीं।
(घ) ‘जियो और जीने दो’ के लिए कवि क्या बांटने को कहता है?
उत्तर
‘जियो और जीने दो’ का सिद्धांत तभी वास्तविक रूप में परिवर्तित हो सकता है, जब हम सभी मिलकर एक-दूसरे में प्यार बांटेंगे। बिना प्यार के मानवता का कोई अस्तित्व नहीं है।
(ङ) ‘मानवता का मार्ग सर्वश्रेष्ठ है।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
मानवता हम इंसानों का परम धर्म है। अगर हम एक दूसरे से मिलकर न रहें, एक-दूसरे के सुख-दुःख में शामिल न हों तो हम आदमी के रूप में जानवर हैं। अतः हमें ऐसा रास्ता अपनाना चाहिए जिस पर चलकर हम सही मायने में मानव बनें।
भाषा की बात
Koi Nahi Paraya Question Answers Class 6 प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
आराध्य, भीड़, स्वीकार, मंदिर, शृंगार, स्वर्ग, सुकुमार।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।
Koi Nahi Paraya Question Answer प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
सियाही, अभीमान, कहानीया, इनसान, शुल।
उत्तर
स्याही, अभिमान, कहानियाँ, इंसान, शूल
Class 6 Ch 10 Hindi प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए
जाति-पांति, घट-घट, आराध्य, ऊँची-नीची
उत्तर
जाति-पांति-हमें जाति-पांति में विश्वास नहीं रखना चाहिए।
घट-घट-कहते हैं घट-घट में भगवान वास करते हैं। आराध्य-मीराबाई के आराध्य देव श्री कृष्ण थे
ऊँची-नीची-जीवन में हर ऊँची-नीची बातों का सामंजस्य सीखना चाहिए।
कक्षा 6 पाठ 10 के प्रश्न उत्तर प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थी शब्द लिखिए
ऊँची, अपना, शूल, स्वीकार, शुभ, न्याय, पूर्ण।
उत्तर
ऊँची – नीची
अपना – पराया
शूल – फूल
स्वीकार – अस्वीकार
शुभ – अशुभ
न्याय – अन्याय
पूर्ण – अपूर्ण
कक्षा 6 हिंदी पाठ 10 प्रश्न 8.
उचित शब्द लगाकर खाली स्थान भरिए
1. हरीश ने गमलों में……लगवाए। (पौधा/पौधे)
2. सर्दी की…….लम्बी होती हैं। (रात/राते)
3. राजा दशरथ की तीन…….थीं। (रानी/रानियाँ)
4. इस…….में मेरी कहानी छपी है। (पुस्तक पुस्तकों)
उत्तर
1 .पौधे
2. रातें
3. रानियाँ
4. पुस्तकों
Class 6 Subject Hindi Chapter 10 Question Answer प्रश्न 9.
वाक्यों के सामने दिए गए सर्वनामों के उपयुक्त रूप लगाकर वाक्य पूरे कीजिए
1. कल…….तबियत ठीक नहीं थी। (मैं)
2. उन्होंने कहा, “ये सब…..मित्र हैं।” (हम)
3. उसने…….को बुला लिया होगा। (कोई)
4. अनुराग को बुलाओ…….बाजार भेजना है। (वह)
5. दरी को पड़ी रहने दो…….मत उठाओ। (यह)
उत्तर
1. मेरी
2. हमारे
3. किसी
4. उसे
5. उसे।
कोई नहीं पराया प्रसंग सहित व्याख्या
1. कहीं रहे, कैसे भी, मुझको प्यारा यह इंसान है,
मुझको अपनी मानवता पर बहुत-बहुत अभिमान है।
अरे नहीं देवत्व, मुझे तो भाता है मनुजत्व ही,
और छोड़ कर प्यारा नहीं स्वीकार सकल अमरत्व भी।
मुझे सुनाओ तुम न स्वर्ग-सुख की सुकुमार कहानियाँ,
मेरी धरती, सौ-सौ स्वगों से ज्यादा सुकुमार है
कोई नहीं पराया, मेरा घर संसार है।
शब्दार्थ-अभिमान = गर्व । सकल=सम्पूर्ण । सुकुमार = कोमल। पराया = दूसरा।
प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कविता ‘कोई नहीं पराया’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने बताया है कि उसके लिए कोई पराया नहीं है।
व्याख्या-कवि कहता है कि उसे सभी इंसानों से प्यार है। उसे अपनी मानवता पर गर्व है। उसे देवत्व नहीं बल्कि मनुजत्व अच्छा लगता है। उसे केवल प्यार चाहिए। प्यार के अलावा वह किसी चीज की इच्छा नहीं रखता है। उसे स्वर्ग की अच्छी अच्छी कहानियाँ भी नहीं भाती क्योंकि उसकी धरती के आगे सैकड़ों स्वर्ग भी कुछ मायने नहीं रखते।
विशेष
- कविता में मानवता पर विशेष बल दिया गया है।
- शब्दों का प्रयोग सुगम और बोधगम्य है।
2. मैं सिखलाता हूँ कि जियो और जीने दो संसार को,
जितना ज्यादा बांट सको तुम, बांटो अपने प्यार को।
हंसो इस तरह, हंसे तुम्हारे साथ दलित यह धूल भी,
चलो इस तरह कुचल न जाए पग से कोई शूल भी।
सुख न तुम्हारा सुख केवल, जग का भी उसमें भाग है,
फूल डाल का पीछे, पहले उपवन का श्रृंगार है।
कोई नहीं पराया, मेरा घर सारा संसार है।
शब्दार्थ- दलित= नीचे गिर हुआ। शूल=कांटा । उपवन=बगीचा। शृंगार=शोभा।
प्रसंग-पूर्ववत्
व्याख्या-कवि कहता है कि प्यार बांटने की चीज होती है। उसे जितना चाहो बांटों। हंसो तो खुलकर ऐसे हंसो कि जमीन की धूल भी तुम्हारे साथ हंस पड़े। ऐसे चलो कि राह में कोई कांटा भी न कुचले तुम्हारे पैरों से। फूल पूरे बगीचे की शोभा बढ़ाता है। कवि के लिए सारी दुनिया ही उसका घर है। उसे सभी से प्यार है।
विशेष
- कविता का मुख्य बिंदु है-जियो और जीने दो।
- कविता में जिन शब्दों का प्रयोग हुआ है। वे सभी सुगम और बोधगम्य है।