MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 6 रामलाल का परिवार

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 6 रामलाल का परिवार

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए
1. यह नई पीढ़ी की- (क) हमारा कर्त्तव्य है।
2. परिश्रम के बिना – (ख) उसे समय पर देना है
3. बड़े-बूढ़ों का ध्यान (ग) कौन-सा काम हो रखना सकता है?
4. जो लिया है (घ) जिम्मेदारी है।
उत्तर
1.(घ), 2. (ग), 3. (क), 4. (ख)

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प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. अब तो बह…..बड़ों के चरण छूता हैं। (रोजाना/कभी-कभी)
2. वे कह रहे थे कि वह….पर आएगी। (होली/दीवाली)
3. ……को हम सबसे बहुत ही मोह है। (दादा-दादी/माता-पिता)
4. आप ठीक कहते हैं कि बुरी आदतों का फल भी…होता है। (बुरा/भला)
उत्तर
1. रोजाना
2. होली
3. दादा-दादी
4. दुरा।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) रामलाल ने हमारा क्या कर्त्तव्य बताया है?
उत्तर
रामलाल ने बताया है कि बड़े-बूढ़ों का ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है।

(ख) चन्दू बैंक क्यों गया था?
उत्तर
चन्दू चक्की के कर्ज की किश्त जमा करने बैंक गया था।

(ग) बुआजी की जमीन क्यों बिक गई थी?
उत्तर
बुआजी की जमीन इसलिए बिक गई क्योंकि उनके पति में बुरी आदतें थीं।

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(घ) बीरम काका के लड़के ने किस बात की अवज्ञा की?
उत्तर
वीरम काका के लड़के ने खेत की रखवाली करने से मना कर दिया।

(ङ) दादाजी ने चन्दू से माँ का हाथ बँटाने के लिए क्यों कहा?
उत्तर
दादाजी ने जन्दू से माँ का हाथ बटाने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह (माँ) सुबह से शाम तक अनवरत काम करती रहती है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) ‘चन्दू में अब बहुत समझ आ गई है।’ उसकी समझदारी के तीन बिन्दु लिखिए।
उत्तर
चन्दू की समझदारी के तीन बिन्दु हैं

  • दादा-दादी को समय पर भोजन कराना
  • समय पर दुकान जाना
  • माँ की बात मानना।

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(ख) बुआजी को संभालने के लिए दादाजी ने कौन-से दो कारण बताए?
उत्तर
बुआजी को संभालने के लिए दादाजी ने जो दो कारण बताए वे हैं

  • बुआजी के पति का देहांत हो चुका है।
  • उनकी एक बेटी थी, उसकी भी शादी हो गई है। बुआजी को देखने के लिए कोई नहीं है।

(ग) दादाजी ने परिश्रम का क्या महत्त्व बताया?
उत्तर
दादाजी ने परिश्रम का महत्त्व बताते हुए कहा है कि बिना परिश्रम का कोई काम नहीं हो सकता। जो परिश्रमी होते हैं, केवल वे ही आगे बढ़ते हैं। अतः अपना काम हमें समय पर करना चाहिए।

(घ) ‘बुरी आदतों का फल भी बुरा होता है’ इस पंक्ति का क्या आशय है?
उत्तर
बुरी आदतें तबाही ले आती हैं। सुख-शांति खत्म हो जाती है। जमीन-जायदाद बिक जाते हैं। उस आदमी की असमय मृत्यु हो जाती है। अतः बुरी आदतों से हमें दूर रहना चाहिए।

(ङ) इस पाठ में नई पीढ़ी के किस दायित्व की ओर संकेत किया गया है? |
उत्तरसमाज में फैली विभिन्न तरह की बुराइयों को दूर करना नई पीढ़ी का दायित्व है। अगर नई पीढ़ी चाहे और प्रयास करें तो हमारा समाज बिल्कुल स्वच्द समाज होगा।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए
संकोच, विश्राम, शिक्षाप्रद, घृणा, सांडा
उत्तर
छात्र स्वयं करें

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध करके लिखिएँ
किस्त, प्रवन्ध, बंक, परीश्रम, दुबल, कार्यकरम
उत्तर
किश्त, प्रबन्ध, बैंक, परिश्रम, दुर्बल, कार्यक्रम

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शन्द युग्मों का वाक्यों में प्रयोग करें
अपना-अपना, अभी-अभी, दादा-दादी, बड़े-बूढ़े, कहा-सुनी।
उत्तर
अपना-अपना-शिक्षक ने छात्रों से कहा कि वे अपना-अपना काम करें।
अभी-अभी-अभी-अभी मेहमान आ रहे हैं दादा-दादी-हमें दादा-दादी का ध्यान रखना चाहिए।
बड़े-बूढ़े-बड़े-यूटों की सेवा करना हमारा परम धर्म है।
कहा-सुनी-देखते-देखते दोनों में दोस्तों के बीच कहा-सुनी हो गई।

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प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
खेत, चरन, सांझ, पास, दिन
उत्तर
खेत = खेत
चरन = चरण
सांझ – संध्या
पास = पाश
दिन = दिवस

प्रश्न 8.
निम्नलिखित गद्यांश में यथा स्थान विराम चिनों का प्रयोग कीजिए..
लुई ने टोककर कहा महामंत्री नकारात्मक मत बोलो देश किससे बड़ा होता है साफ साफ बताओ कालवट ने कहा सुनिए सम्राट देश चरित्र से बड़ा होता है जिसे देश के नागरिकों का चरित्र ऊंचा होता है अपने देश के लिए जिनके मन में अपारं प्यार भरा होता है जो अपने देश पर न्यौछावर हो सकते हैं वह देश कभी पराजित नहीं हो सकता पर हमारे देश के चरित्र का दिवाला निकल रहा है विजय कैसे मिलेगी महाराज
उत्तर
लुई ने टोककर कहा, ‘महामंत्री! नकारात्मक मत बोलो देश किससे बड़ा होता है, साफ-साफ बताओ।’ कालवट ने कहा, ‘सुनिए सम्राट! देश चरित्र से बड़ा होता है। जिसे देश के नागरिकों का चरित्र ऊँचा होता है, अपने देश के लिए जिनके मन में अपार प्यार भरा होता, जो अपने देश पर न्योछावर हो सकते हैं, वह देश कभी पराजित नहीं हो सकता। पर हमारे देश के चरित्र का दिवाला निकल रहा है। विजय कैसे मिलेगी, महाराज?”

रामलाल का परिवार प्रसंग सहित व्याख्या

1. अच्छा किया। बड़े-बूढ़ों का ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है। चन्दू में अब बहुत समझ आ गई है।

शब्दार्थ-कर्त्तव्य=फर्ज। समझम्सूझ=बूझ

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कहानी ‘रामलाल का परिवार’ से उघृत है। इसमें लेखन ने रामलाल के परिवार की चर्चा की है। रामलाल का परिवार आदर्श प्रस्तुत करता है।

व्याख्या-उनके परिवार में उनके बूढ़े माँ-पिताजी, उनकी पत्नी और उनके दो बेटे-विरजू और चन्टू हैं। दोनों भाई बड़े सज्जन और आज्ञाकारी हैं। वे अपने माता-पिता का ध्यान तो रखते ही हैं। अपने बूढ़े दादा-दादी कभी विशेष ध्यान रखते हैं। दादा-दादी को भोजन कराना, उनकी सेवा करना वे अपना धर्म समझते हैं। रामलाल को अपने परिवार पर गर्व है। उन्हें बहुत अच्दा लगता है कि उनके दोनों बच्चे बड़े-बूढ़ों का इतना ध्यान रखते हैं। वे बुर्जुगों का ध्यान रखते हैं। दरअसल बुर्जुगों का ध्यान रखना इन नवयुवकों का परम कर्त्तव्य है। अगर इस बात की समझ आज के बच्चों में आ जाए, तो उस परिवार में वाकई कभी सुख-शांति की कमी नहीं होगी। वैसे परिवार में साक्षात स्वर्ग उतर आएगा।

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2. यह बात थी। विरजू यह तो असभ्यता है। पढ़ाई, परिश्रम से प्रणा तो नहीं सिखाती। परिश्रम के बिना कौन-सा काम हो सकता है, क्या बीरम काका ने उससे नहीं पूछौँ।

शब्दार्य-परिश्रम = मेहनत। घृणा=नफरत ।

प्रसंग-पूर्ववत्

रामलाल का परिवार एक आदर्श परिवार है। उनके बच्चे संस्कारी और आज्ञाकारी हैं। वे अपना कर्तव्य अच्छी तरह समझते हैं। लेकिन उन्हीं के पड़ोस में बीरम काका का घर है। उनके परिवार में वे बातें देखने को नहीं मिलती, जो रामलाल के परिवार में हैं। बीरम काका इस बात को लेकर दुखी रहते हैं। उनका लड़का छुट्टियों में शहर से घर आया है। घर के कामों में उसका मन बिल्कुल नहीं लगता है। बीरम काका चाहते हैं कि उनका लड़का खेत की रखवाली करता। लेकिन वह उनकी एक बात सुनने को तैयार नहीं। बीरम काका क्रोधित हो जाते हैं। कभी-कभी दोनों में कहा-सुनी भी हो जाती हैं।

विरजू के दादाजी को जब इस बात का पता चलता है तो उन्हें बहुत दुख होता है। बीरम काका के लड़के का व्यवहार उन्हें असभ्य-सा लगता है। अपने से बड़ों को जवाब देना, उनकी बात नहीं मानना, काम से जी चुराना ये असभ्यता नहीं है तो और क्या है? बिरजू के दादाजी कहते हैं कि आखिर पढ़ाई यह तो नहीं सिखाता कि काम नहीं करो, मेहनत नहीं करो। विना मेहनत का कोई काम नहीं हो सकता। अतः बीरम काका को अपने लड़के को यह बात समझानी चाहिए ताकि वह काम से जी न चुराए।

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