MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 कलाकार का मान
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 प्रश्न-अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. संगीत – (क) कलाकार
2. साधु , – (ख) राजा
3. राज्य – (ग) संगीतज्ञ
4. कला – (घ) महात्मा
उत्तर-
1. – (ग)
2. – (घ)
3. – (ख)
4. – (क)
प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. राजा ने अपने को साधु ……………………….. को बुलाने भेजा। (अनुचरों/मंत्रियों)
2. वह संगीत तो ……………………….. संयोग से बन पड़ता है। (सदैव/कभी-कभी)
3. राजा का ……………………….. शांत हो चुका था। (क्रोध/न्याय)
4. साधु की ……………………….. पर पहुँचते-पहुँचते राजा को रात हो गई। (कुटिया/झोपड़ी)
उत्तर-
1. अनुचरों,
2. कभी-कभी,
3. क्रोध,
4. झोपड़ी।
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए
(क) संगीतज्ञ कौन था?
उत्तर-
संगीतज्ञ राजा के दरबार का राज संगीतज्ञ था।।
(ख) याचक और दाता किसे कहा गया है?
उत्तर-
याचक राजा को तथा दाता साधु को कहा गया है।
(ग) स्वर्ग का गंधर्व किसे बताया गया है?
उत्तर-
साधु को स्वर्ग का गंधर्व बताया गया है।
(घ) संगीतज्ञ ने राजा को कहाँ बैठाया था?
उत्तर-
संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर चबूतरे पर बिठा दिया।
(ङ) संगीतज्ञ ने साधु से क्या निवेदन किया?
उत्तर-
संगीतज्ञ ने साधु से निवेदन किया कि महाराज, इस राग को आप ही गावें तो आपकी बड़ी कृपा हो।’
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में लिखिए
(क) राजा ने साधु के पास कौन-सा संदेश भिजवाया?
उत्तर-
राजा ने साधु के पास संदेश भिजवाया “आपका सौभाग्य है महात्माजी, जो आपकी संगीत सुनने की राजा ने इच्छा प्रकट की है। यदि आपका संगीत पसंद आ गया तो आपको मुँह-माँगी रकम मिल जाएगी। महाराज – निहाल कर देंगे आपको!”
(ख) संयोग और प्रयत्न से पैदा किए गए संगीत में क्या अंतर है?
उत्तर-
जिस संगीत को राजा सुनना चाहता है वह संगीत तो कभी-कभी संयोग से बन पड़ता है। प्रयत्न से पैदा किया हुआ संगीत राजा को प्रसन्न न कर सकेगा।
(ग) कलाकार की शर्त क्या थी?
उत्तर-
कलाकार की शर्त थी-“न केवल पैदल ही, बल्कि इन राजसी वस्त्रों को उतार कर भी! यदि आपने राजा बनकर संगीत सुना तो वह संगीत विशेष संगीत बन पाएगा। वह संगीत तो फिर वही संगीत रह जाएगा जो हम नित्य आपको सुनाते हैं।”
(घ) संगीतकार की किस युक्ति से साधु ने गाना शुरू किया?
उत्तर-
संगीत की युक्ति थी-संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर बने चबूतरे पर बिठा दिया और स्वयं भी उसके समीप ही बैठकर अपनी वीणा के तार मिलाने लगा और जानकर भी गलत ढंग से राग अलापना शुरू कर दिया।
(ङ) राजा ने साधु का संगीत सुनने के पश्चात् क्या प्रतिक्रिया की?
उत्तर-
‘महाराज! आपके पास बिताए इन आनंददायक क्षणों की तुलना में मेरा सारा राज्य भी तुच्छ है। मेरा अहंकार गल गया है। यों कहते ही राजा की आँखें भर आईं और अनमोल मोती साधु के पैरों पर लुढ़क पड़े।
भाषा की बात
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए सौभाग्य, विशेषता, नम्र, संपत्ति, गंधर्व, श्रापित, पृथ्वी, वीणा, अंगुलियां, प्रशंसक, श्रोता, वस्त्र, ज्योत्सना, युक्ति, सकपकाया, लुढ़क
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में से सही वर्तनी पर गोला लगाइए-
अनचर – अनुचर – अनुचर
इच्छा – इक्षा – ईच्छा
प्रयतन – परयत्न – प्रयत्न
विद्वान – बिद्वान – विद्धान
वाणि – बाणी – वाणी
संगीतग्य – संगीतज्ञ – संगीतग
श्राप – शराप – शाप
विवश – वीवश – विवश
उत्तर-
अनचर – अनूचर – अनुचर
इच्छा – इक्षा – ईच्छा
प्रयतन – परयत्न – प्रयत्न
बिद्वान – विद्धान – विद्वान
वाणि – बाणी – वाणी
संगीतग्य – संगीतज्ञ – संगीतग
श्राप – शराप – श्राप
विवश – वीवश – विवश
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित शब्दों में कारक पहचान कर लिखिए।
(क) राजा संगीत सुनने के लिए बेचैन था।
(ख) राजा ने साधु को बुलाया।
(ग) मंत्री ने राजा का संदेश सुनाया।
(घ) राजा की आँखे भर आईं।
उत्तर-
(क) संबंध कारक
(ख) संप्रदान कारक
(ग) कर्ता कारक
(घ) संबंध कारक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में संधि पहचान कर लिखिए
(क) निः + धन = निर्धन ……………………………..
(ख) हिम + आलय = हिमालय ……………………………..
(ग) वाक् + ईश = वागीश ……………………………..
(घ) निः +इर्श = निष्पाप ……………………………..
(ङ) जगत् + ईश =, जगदीश ……………………………..
(च) प्रति = + एक= प्रत्येक ……………………………..
उत्तर-
(क) विसर्ग संधि
(ख) स्वर संधि
(ग) व्यंजन संधि
(घ) विसर्ग संधि
(ङ) व्यंजन संधि
(च) स्वर संधि
कलाकार का मान पाठ का परिचय
एक राज्य में एक साधु था जो महान् संगीतकार भी था। एक बार वहाँ के राजा को उस साधु के बारे में पता चला तो उसने उसका संगीत सुनने के लिए अपने अनुचर साधु के पास भेजे। जब अनुचर साधु के पास पहुँचे तो साधु ने विनयपूर्वक राजा के पास जाने से मना कर दिया। राजा यह जानकर क्रोधित हो गया। मंत्री ने राजा को समझाया कि दाता साधु है तो आप को उसके पास जाना चाहिए। राज संगीतकार ने भी इस बात की सहमति दी और साधारण वस्त्र पहनकर राजा, मंत्री आदि साधु का संगीत सुनने चल पड़े। जब साट I ने अपना संगीत सुनाना शुरू किया तो पता ही नहीं चला कि रात से सुबह कब हो गई। अंत में राजा साधु के पैरो में गिर पड़े।
कलाकार का मान संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या
1. राजा ने अपने………………बाँधकर ले आएँगे। (पृ. 102)
शब्दार्थ-अनुचर = सेवक, दास; रकम = राशि, रुपए।
संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-18 ‘कलाकार का मान’ से ली गई हैं।
प्रसंग-इसमें साधु ने राजा के पास आने से मना कर दिया।
व्याख्या-राजा ने दो-तीन सेवकों को साधु को बुलाने के लिए भेजा। सेवकों ने साधु को राजा का संदेश सुनाया और निमंत्रण के लिए धन्यवाद, किंतु मैं किसी के कहने पर नहीं जाता। जब राजा को पता लगा तो वह क्रोधित हुआ और कहा कि अब मेरे सैनिक उसकी मुश्कें बंधकर लाएगें।
विशेष-
- भाषा सरल है।
- साधु निर्भिकता को दर्शाया गया है।
2. मंत्री विद्वान था …………….. आनंद लिया जाए। (पृ. 102, 103).
शब्दार्थ-निहाल = बहुत खुश; बिफर = गुस्से से चिल्लाना याचक; याचक = भिक्षुक, भीख मांगने वाला; दाता = देने वाला; संज्ञीतज्ञ = संगीत का जानकर; श्रापित = श्राप से घिरा हुआ; जीवंत = सजीव।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-इसमें मंत्री राजा को साधु के पास जाने के लिए कहता है।
व्याख्या-विद्वान मंत्री ने राजा को शांत करते हुए कहा कि संगीत आपको सुनना है, याचक आप है तो आपको ही साधु के पास संगीत सुनने के लिए जाना चाहिए। राजा ने अपने राज संगीतज्ञ से इस बारे में चर्चा की तो उसने कहा कि मंत्री जी का परामर्श बिल्कुल उचित है, आपको स्वयं साधु के पास जाना चाहिए। आगे संगीतज्ञ ने साधु के बारे में बताया कि जैसे ही वीणा के तारों पर साधु की अंगुलियां फिरती हैं कि वीणा अमृत बरसाने लगती है।
विशेष-
- संगीतज्ञ साधु की तारीफ करता है।