MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 4 पदार्थ: धातु और अधातु
MP Board Class 8th Science Chapter 4 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 44
प्रश्न 1.
पदार्थों की दिखावट और कठोरता के आधार पर सारणी पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
क्या आप उन पदार्थों के नाम बता सकते हैं जो धातु हैं?
उत्तर:
हाँ, आयरन (लोहा), ऐलुमिनियम, कॉपर (ताँबा) आदि धातुएँ हैं।
प्रश्न 3.
क्या आपने लोहार को लोहे के टुकड़े अथवा लोहे से निर्मित वस्तु, जैसे-फावड़ा, बेलचा, कुल्हाड़ी आदि को पीटते हुए देखा है? क्या इन वस्तुओं के पीटने पर आप इनके आकार में कोई परिवर्तन पाते हैं? क्या कोयले के टुकड़े को पीटने पर भी वैसे ही परिवर्तन की अपेक्षा करते हैं?
उत्तर:
हाँ, हमने लोहार को लोहे के टुकड़े/लोहे से निर्मित वस्तु को पीटते हुए देखा है। हाँ, हम इन वस्तुओं के पीटने पर उनके आकार में परिवर्तन पाते हैं। कोयले के टुकड़े को पीटने पर हम वैसे ही परिवर्तन की अपेक्षा नहीं करते। यदि कोयले के टुकड़े को पीटा जाता है, तो उसके आकार में परिवर्तन नहीं होगा बल्कि उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाएँगे।
क्रियाकलाप 4.1
प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षणों को निम्नांकित सारणी में रिकॉर्ड करिए।
उत्तर:
सारणी: पदार्थों की आघातवर्धनीयता:
वस्तु/पदार्थ | आकार में परिवर्तन (चपटा हो गया/टुकड़े हो गए) |
लोहे की कील | चपटी हो गई |
कोयले का टुकड़ा | टुकड़े हो गए |
ऐलुमिनियम की तार | चपटा हो गया |
पेन्सिल लेड | टुकड़े हो गए |
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 45-46
प्रश्न 1.
क्या आप कोयला और पेन्सिल लेड जैसे पदार्थों को धातु कह सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम इन्हें धातु नहीं कह सकते हैं।
प्रश्न 2.
क्या आप बिना प्लास्टिक या लकड़ी के हत्थे वाले गर्म धातु के पात्र को, स्वयं को बिना आघात पहुँचाए पकड़ सकते हैं? शायद नहीं! क्यों?
उत्तर:
नहीं, हम बिना प्लास्टिक या लकड़ी के हत्थे वाले गर्म धातु के पात्र को बिना आघात (बिना जले) पहुँचाए नहीं
पकड़ सकते हैं। प्लास्टिक और लकड़ी ऊष्मा के कुचालक हैं। इनके लगे होने से गर्मी धातु के पात्र से हमारे हाथों तक नहीं आएगी इससे हमारे हाथ नहीं जलेंगे।
प्रश्न 3.
कुछ अनुभवों की सूची बनाने का प्रयास कीजिए जिसमें एक लकड़ी या प्लास्टिक का हत्था आपको घायल होने से बचाता है। इन अनुभवों के आधार पर आप लकड़ी, प्लास्टिक द्वारा ऊष्मा के चालन के विषय में क्या कह सकते हैं?
उत्तर:
केतली, तवा, फ्राई पेन इत्यादि। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि धातुओं द्वारा ऊष्मा का चालन होता है तथा ऊष्मा की कुचालक वस्तुओं द्वारा ऊष्मा का चालन नहीं होता है।
प्रश्न 4.
आपने एक विद्युत् कमी को पेचकस से काम करते देखा होगा। उसका हत्था किस प्रकार का होता है? क्यों?
उत्तर:
पेचकस का हत्था प्लास्टिक का होता है क्योंकि यह विद्युत् का कुचालक है। इसमें होकर विद्युत् का प्रवाह उसके शरीर में नहीं होगा।
प्रश्न 5.
आप ऐलुमिनियम और ताँबे के तारों का उपयोग कहाँ देखते हैं? क्या आपने कोयले की तारें देखी हैं?
उत्तर:
हम ऐलुमिनियम और ताँबे के तारों का उपयोग घरेलू विद्युत् फिटिंग में देखते हैं, नहीं, हमने कोयले की तारें नहीं देखी हैं।
प्रश्न 6.
क्या आपने कभी लोहे की शीट/प्लेट, धातु का सिक्का और एक कोयले का टुकड़ा फर्श पर गिराकर उनसे उत्पन्न ध्वनि के अन्तर पर ध्यान दिया है? क्या आप उत्पन्न ध्वनियों में अन्तर पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, उनसे उत्पन्न ध्वनि के अन्तर पर ध्यान दिया है। लोहे की शीट/प्लेट और धातु के सिक्के को जब फर्श पर गिराया जाता है तो वे निनाद ध्वनि (ringing sound) उत्पन्न करते हैं। लेकिन जब कोयले को फर्श पर गिराते हैं तो वह ध्वनि उत्पन्न नहीं करता। हाँ, हम उत्पन्न ध्वनियों में अन्तर पाते हैं।
प्रश्न 7.
क्या आपने मन्दिरों में लकड़ी की घन्टियाँ देखी हैं? क्या आप इसका कारण बता सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, हमने मन्दिरों में लकड़ी की घन्टियाँ नहीं देखी हैं क्योंकि ये निनाद ध्वनि (ringing sound) उत्पन्न नहीं करती हैं।
प्रश्न 8.
माना कि आपके पास दो समान दिखने वाले डिब्बे हैं, एक लकड़ी से निर्मित और दूसरा धातु से। क्या आप दोनों डिब्बों पर चोट करके बता सकते हैं कि कौन-सा डिब्बा धातु का बना हुआ है?
उत्तर:
हाँ, जब हम डिब्बों पर चोट करते हैं तो धातु के डिब्बे पर चोट मारने पर हमें गायन ध्वनि सुनाई पड़ती है जबकि लकड़ी के डिब्बे पर चोट मारने से हमें गायन ध्वनि सुनाई नहीं पड़ती है।
क्रियाकलाप 4.2
प्रश्न 1.
प्रेक्षण लीजिए और इन पदार्थों को सुचालकों और कुचालकों में वर्गीकृत करिए।
उत्तर:
पदार्थ | सुचालक/कुचालक |
लोहे की छड़/कील | सुचालक |
गन्धक | कुचालक |
कोयला | कुचालक |
ताँबे के तार | सुचालक |
धातुओं और अधातुओं के रासायनिक गुण
प्रश्न 1.
जंग लगने की अभिक्रिया का स्मरण करिए।
उत्तर:
आयरन में जंग तब लगता है जबकि वह वातावरण की वायु की नमी के सम्पर्क में आता है। अभिक्रिया –
Fe3O4 आयरन पर जंग के रूप में रहता है।
प्रश्न 2.
आयरन और मैग्नीशियम की ऑक्सीजन के साथ अभिक्रियाओं को पूरा करिए।
आयरन (Fe) + ऑक्सीजन (O2) + जल (H2O)?
मैग्नीशियम (Mg) + ऑक्सीजन (O2) →?
उत्तर:
3Fe + O2 + 2H2O → Fe3O4 + 2H2
2Mg + O2 → 2MgO
क्रियाकलाप 4.3
प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं? विलयन अम्लीय है या क्षारीय?
उत्तर:
हम देखते हैं कि लाल लिटमस पत्र विलयन में डालने पर नीला हो जाता है। इससे निष्कर्ष निकलता है कि विलयन क्षारीय प्रकृति का है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 47
प्रश्न 1.
क्या कॉपर में भी जंगलगता है? मैंने कॉपर के बर्तनों की सतह पर हरा पदार्थ जमा हुआ देखा है।
उत्तर:
नहीं, कॉपर में जंग नहीं लगती है। कॉपर को नम वायु में खुला रखने पर उस पर एक हल्की हरी परत जम जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर हाइड्रॉक्साइड और कॉपर कार्बोनेट का मिश्रण होता है।
प्रश्न 2.
विलयन अम्लीय है या क्षारीय? आप इसको किस प्रकार सुनिश्चित करेंगे?
उत्तर:
यदि विलयन में लाल लिटमस पेपर नीला हो जाता है, तो विलयन की प्रकृति क्षारीय है और यदि नीला लिटमस पेपर लाल हो जाए तो विलयन की प्रकृति अम्लीय होगी।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 48
क्रियाकलाप 4.4
प्रश्न 1.
विलयन का परीक्षण क्रमशः लाल और नीले लिटमस पत्रों से कीजिए।
उत्तर:
अम्लों और क्षारों में धातु और अधातु:
क्रियाकलाप 4.5
प्रश्न – आप क्या अनुभव करते हैं? क्या बीकर गर्म हो गया? विलयन का लाल और नीले लिटमस पत्रों से परीक्षण कीजिए। विलयन अम्लीय है या क्षारीय?
उत्तर:
हाँ, बीकर बहुत गर्म हो जाता है। विलयन क्षारीय है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 49
क्रियाकलाप 4.6
प्रश्न – निम्न सारणी को पूरा कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 1.
क्या धातु और अधातु अम्लों से भिन्न प्रकार से अभिक्रिया करते हैं? परखनलियों के मुँह के पास जलती हुई माचिस की तीली लाने पर कुछ में ‘पॉप’ ध्वनि क्यों उत्पन्न हुई थी?
उत्तर:
हाँ, धातु और अधातु अम्लों से भिन्न प्रकार से अभिक्रिया करती हैं। सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया नहीं करी परन्तु धातु अम्लों से अभिक्रिया करती हैं और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं जो परखनली के मुख पर जलती हुई माचिस की तीली लाने पर ‘पॉप’ ध्वनि के साथ जलती है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 50
प्रश्न 1.
‘पॉप’ ध्वनि क्या दर्शाती है?
उत्तर:
‘पॉप’ ध्वनि हाइड्रोजन की उपस्थिति दर्शाती है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 51
प्रश्न 1.
मैंने बीकर A और B में होने वाली अभिक्रियाओं को समझ लिया है। परन्तु मैं अभी भी भ्रमित हूँ कि बीकर C, D और E में कोई परिवर्तन क्यों नहीं हुआ?
उत्तर:
बीकर C में कॉपर, जिंक सल्फेट से जिंक को प्रतिस्थापित करने में सक्षम नहीं है क्योंकि जिंक कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है। बीकर D में कॉपर, आयरन सल्फेट से आयरन को प्रतिस्थापित करने में सक्षम नहीं है क्योंकि आयरन, कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है।
बीकर E में आयरन, जिंक सल्फेट से जिंक को प्रतिस्थापित करने में सक्षम नहीं है क्योंकि जिंक आयरन से अधिक अभिक्रियाशील है। यहाँ जिंक, आयरन और कॉपर से अधिक अभिक्रियाशीलहै तथा आयरन कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है। अतः बीकर C, D और E में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
प्रश्न 2.
क्या आप जिंक, आयरन और कॉपर के मध्य अधिक अभिक्रियाशील से कम अभिक्रियाशील धातु के क्रम का अनुमान लगा सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, अधिक अभिक्रियाशील से क्रम अभिक्रियाशील धातु का क्रम है –
Zn > Fe > Cu
धातु और अधातुओं के उपयोग
प्रश्न 3.
यहाँ कुछ रोचक उपयोग दिए जा रहे हैं। हमें विश्वास है कि आप उनका सही अनुमान लगा पायेंगे –
- अधातु जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है और जिसे सभी सजीव श्वसन के समय अन्दर लेते हैं।
- अधातु जिनका उपयोग उर्वरकों में पौधों की वृद्धि हेतु किया जाता है।
- अधातु जिसका उपयोग जल शुद्धिकरण प्रक्रम में किया जाता है।
- अधातु जिसका बैंगनी रंग का विलयन एंटीबायोटिक के रूप में घावों पर लगाया जाता है।
- पटाखों में प्रयुक्त होने वाले अधातु।
उत्तर:
- ऑक्सीजन।
- सल्फर, पोटैशियम, नाइट्रोजन।
- क्लोरीन।
- पोटैशियम परमैंगनेट।
- सल्फर, पोटैशियम।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 52
प्रश्न 1.
मैंने सना है कि पौधों में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह उनमें किस रूप में पाया जाता है?
उत्तर:
पौधों में मैग्नीशियम फलों और तरकारी के रूप में पाया जाता है।
प्रश्न 2.
डॉक्टर ने मेरे शरीर में आयरन की कमी बताई है। मेरे शरीर में आयरन कहाँ है?
उत्तर:
मेरे शरीर में आयरन लाल रक्त कणिकाओं में है।
MP Board Class 8th Science Chapter 4 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसको पीटकर पतली चादर में परिवर्तित किया जा सकता है?
(क) जिंक।
(ख) फॉस्फोरस।
(ग) सल्फर।
(घ) ऑक्सीजन।
उत्तर:
(क) जिंक को पीटकर पतली चादर में परिवर्तित किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।
(ख) सभी अधातुएँ तन्य होती हैं।
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।
(घ) कुछ अधातुएँ तन्य होती हैं।
उत्तर:
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।
प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- फॉस्फोरस बहुत ………. अधातु है।
- धातुएँ ऊष्मा और ………. की ………… होती हैं।
- आयरन, कॉपर की अपेक्षा ………. अभिक्रियाशील
- धातुएँ, अम्लों से अभिक्रिया कर ……… गैस बनाती हैं।
उत्तर:
- सक्रिय।
- विद्युत्, सुचालक।
- अधिक।
- हाइड्रोजन।
प्रश्न 4.
यदि कथन सही है तो “T” और यदि गलत है तो कोष्ठक में “F” लिखिए।
- सामान्यतः अधातु अम्ला स आभाक्रया करते है। ( )
- सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है। ( )
- कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है। ( )
- कोयले को खींचकर तारें प्राप्त की जा सकती हैं। ( )
उत्तर:
- ‘F’
- ‘T’
- ‘F’
- ‘F’
प्रश्न 5.
नीचे दी गई सारणी में गुणों की सूची दी गई है। इन गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में अन्तर कीजिए –
उत्तर:
प्रश्न 6.
निम्नलिखित के कारण दीजिए –
- ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है।
- निमज्जन छड़ें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती हैं।
- कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता।
- सोडियम और पोटैशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
उत्तर:
- ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में इसलिए किया जाता है क्योंकि इसे आसानी से मोड़कर खाने को अच्छी तरह बन्द किया जा सकता है जिससे बाहरी वायु एवं संदूषक पदार्थों का भोजन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। इससे भोजन सुरक्षित एवं कुछ देर तक गर्म रहता है।
- निमज्जन छड़ें धातु से निर्मित होती हैं क्योंकि धातु विद्युत की सुचालक होती हैं और इनमें विद्युत् प्रवाह करने पर ये जल्दी गर्म हो जाती हैं।
- कॉपर, जिंक से कम अभिक्रियाशील हैं। अतः यह जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता। केवल अधिक अभिक्रियाशील धातु ही कम अभिक्रियाशील धातु को विस्थापित कर सकती है।
- सोडियम और पोटैशियम अत्यधिक क्रियाशील धातुएँ हैं और ये ऑक्सीजन और जल के साथ अत्यन्त तीव्र अभिक्रिया करती हैं। अभिक्रिया में बहुत अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसलिए इन्हें मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
प्रश्न 7.
क्या आप नींबू के अचार को ऐलुमिनियम के पात्रों में रख सकते हैं? स्पष्ट करिए।
उत्तर:
नहीं, नींबू के अचार को हम ऐलुमिनियम के पात्रों में नहीं रख सकते क्योंकि जब हम कोई अचार आदि इसमें डालते हैं तो वह अभिक्रिया करता है और भोजन/अचार को विषाक्त बना देता है, जिसको खाने से मृत्यु तक हो सकती है।
प्रश्न 8.
नीचे दी गई सारणी के कॉलम-I में कुछ पदार्थ दिये गये हैं।
उत्तर:
- → (d)
- → (e)
- → (c)
- → (f)
- → (b)
- → (a)
प्रश्न 9.
क्या होता है जब –
- तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है?
- लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है।
- सम्बन्धित अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर:
1. जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल को कॉपर प्लेट पर डाला जाता है तो कॉपर सल्फेट बनता है व हाइड्रोजन गैस निकलती है।
2. जब लोहे की कील कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है तो लोहा कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है।
प्रश्न 10.
सलोनी ने लकड़ी के कोयले का एक जलता हुआ टुकड़ा लिया और उससे उत्सर्जित होने वाली गैस को एक परखनली में इकट्ठा किया?
- वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी?
- इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर:
1. वह इस गैस की जाँच निम्न प्रकार करेगी –
वह इस गैस को एक नली के माध्यम से चूने के पानी में प्रवाहित करेगी। इससे चूने के पानी का रंग दूधिया हो जाएगा। चूने के पानी का रंग कैल्सियम कार्बोनेट बनने के कारण दूधिया हो जाता है जो कार्बन डाइऑक्साइड और चूने के पानी की प्रतिक्रिया से बनता है। इससे स्पष्ट होता है कि परखनली में एकत्रित की गई गैस कार्बन डाइऑक्साइड है।
2.
प्रश्न 11.
एक दिन रीता अपनी माँ के साथ आभूषण विक्रेता की दुकान पर गई। उसकी माँ ने सुनार को पॉलिश करने हेतु सोने के पुराने आभूषण दिए। अगले दिन जब वह आभूषण वापस लाई तो उन्होंने पाया कि उनका भार कुछ कम हो गया है। क्या आप भार में कमी का कारण बता सकते हैं?
उत्तर:
सुनार ने आभूषण को पॉलिश करने के लिए सल्फ्यूरिक अम्ल में डाल दिया होगा जिसके कारण आभूषण से सोने का कुछ अंश इस अम्ल से क्रिया करके विलयन में घुल गया होगा। इस कारण आभूषण के भार में कमी आ गयी।