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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 1 भारत में ब्रिटिश सत्ता की स्थापना और विस्तार
MP Board Class 8th Social Science Chapter 1 अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए
(1) इलाहाबाद की सन्धि निम्न में से किसके साथ की गई ?
(क) मीर कासिम
(ख) नवाब नजमुद्दौला
(ग) शुजाउद्दौला
(घ) बहादुरशाह जफर।
उत्तर:
(ग) शुजाउद्दौला
(2) निम्नलिखित में से कौन-सी व्यापारिक कम्पनी भारत नहीं आई थी ?
(क) पुर्तगाली
(ख) डच
(ग) फ्रांसीसी
(घ) अमेरिकन।
उत्तर:
(घ) अमेरिकन
(3) डचों द्वारा भारत में बनाई गई प्रमुख फैक्ट्री कहाँ थी?
(क) गोवा
(ख) दमन
(ग) पुलीकट
(घ) दीव।
उत्तर:
(ग) पुलीकट
(4) 1615 ई. में सर टॉमस रो को राजदूत बनाकर कहाँ भेजा गया था ?
(क) इंग्लैण्ड
(ख) अमेरिका
(ग) भारत
(घ) फ्रांस।
उत्तर:
(ग) भारत
(5) प्रथम दो कर्नाटक युद्धों के समय भारत में फ्रांसीसी गवर्नर कौन था ?
(क) डूप्ले
(ख) क्लाइव
(ग) कार्नवालिस
(घ) कोल्बार्ट।
उत्तर:
(क) डूप्ले
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) भारत में सर्वप्रथम ………. यूरोपीय जाति का आगमन हुआ।
(2) 1498 ई. में भारत आने वाला यूरोपीय था।
(3) ………..”का गोवा, दमन और दीव पर अधिकार था।
(4) ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना ……….. के लिए की गई।
(5) प्लासी के युद्ध के समय बंगाल का नवाब ………..था।
(6) वेलेजली की सहायक सन्धि द्वारा …………. और हैदराबाद को कम्पनी के अधीन लाया गया।
(7) लॉर्ड डलहौजी ने …………… नीति का अनुसरण किया।
उत्तर:
- पुर्तगाली
- वास्कोडिगामा
- पुर्तगालियों
- व्यापार
- सिराजुद्दौला
- मैसूर
- फूट डालो और राज्य करो।
MP Board Class 8th Social Science Chapter 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
(1) भारत में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों का आगमन क्यों हुआ?
उत्तर:
भारत में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों का आगमन भारत के साथ व्यापार करने के लिए हुआ।
(2) पुर्तगाल की व्यापारिक कम्पनी ने भारत में कहाँ-कहाँ अपने व्यापारिक केन्द्र स्थापित किए ?
उत्तर:
पुर्तगाल की व्यापारिक कम्पनी ने भारत में कालीकट, गोवा, दमन, दीव एवं हुगली के किनारे अपने व्यापारिक केन्द्र स्थापित किये।
(3) भारत में डचों ने किस नाम की स्वर्ण मुदा चलाई थी?
उत्तर:
भारत में डचों ने ‘पगोडा’ नाम की स्वर्ण मुद्रा चलाई। थी।
(4) सहायक सन्धि की नीति किस गवर्नर जनरल द्वारा। अपनाई गई?
उत्तर:
सहायक सन्धिकी नीति लॉर्ड वेलेजली गवर्नर। जनरल द्वारा अपनाई गई।
(5) भारत में अंग्रेजों की विजय के दो कारण लिखिए।
उत्तर:
- उस समय भारत में राजनीतिक अराजकता, राजनीतिक बिखराव व केन्द्र का कमजोर होना।
- अंग्रेजों पर हल्के और छोटे हथियार तथा प्रशिक्षित सेना का होना।
MP Board Class 8th Social Science Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 4.
(1) डच कम्पनी के द्वारा भारत में किए गए व्यापारिक कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
डचों ने गुजरात में कोरोमण्डल समुद्र तट, बंगाल, ! बिहार तथा उड़ीसा (ओडिशा) में व्यापारिक कोठियाँ स्थापित की। इन्होंने अपना पहला कारखाना मछलीपट्टम में खोला। डचों ने भारत के साथ मुख्यतः मसालों, नील, कच्चे रेशम, शीशा, चावल एवं अफीम का व्यापार किया। डचों की प्रमुख फैक्ट्री पुलीकट में थी, जहाँ वे स्वर्ण मुद्रा ‘पगोडा’ को ढालते थे।
(2) यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों के मध्य प्रतिस्पर्धा के क्या कारण थे ?
उत्तर:
यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों के मध्य प्रतिस्पर्धा के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे –
- अधिक मुनाफा अर्जित करना और राजनीतिक प्रभुत्व में वृद्धि करने की नीति।
- एक-दूसरे को मात देने के लिए कम से कम मूल्य पर भारतीय माल क्रय करने का प्रयास करना।
- बाजार पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने की इच्छा।
- व्यापार पर नियन्त्रण स्थापित करने के लिए राजनीतिक सत्ता स्थापित करने का सपना देखना। .
(3) सहायक सन्धि की शर्ते लिखिए।
उत्तर:
सहायक सन्धि की शर्ते इस प्रकार थीं –
- सहायक सन्धि अपनाने वाले भारतीय राज्य को अपनी सुरक्षा के लिए ब्रिटिश सेना की एक टुकड़ी को अपने राज्य की सीमाओं में रखना होता था।
- ब्रिटिश सेना के खर्चे के लिए सन्धि स्वीकार करने वाले राज्य को एक निश्चित धनराशि अथवा अपने राज्य का एक भू-भाग कम्पनी को देना होता था।
- भारतीय शासक को अपने दरबार में एक अंग्रेज अफसर को भी रखना होता था, जो भारतीय शासक के कार्यों में हस्तक्षेप किया करता था।
MP Board Class 8th Social Science Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 5.
(1) कर्नाटक युद्धों के कारण लिखिए।
उत्तर:
कर्नाटक युद्धों के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
- ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी और फ्रांसीसी कम्पनी में व्यापारिक प्रतिस्पर्धा थी।
- दोनों ही अधिक बाजार तथा सुविधाएँ पाने के लिए व्यापार पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहती थीं।
- फ्रांसीसी कम्पनी का प्रधान कार्यालय दक्षिण-पूर्वी समुद्र तट पर पाण्डिचेरी में था, जबकि ब्रिटिश कम्पनी का प्रमुख केन्द्र, फोर्ट सेण्ट जॉर्ज (मद्रास) में था, जो कि पाण्डिचेरी से अधिक दूर नहीं था।
- दोनों ही कम्पनियाँ अति महत्वाकांक्षी थीं।
- दोनों का ही कार्यक्षेत्र (पश्चिमी और पूर्वी भारत) लगभग एक ही था।
(2) प्लासी युद्ध के कारण लिखिए।
उत्तर:
प्लासी युद्ध के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे –
- अंग्रेज समस्त बंगाल पर अपना अधिकार करना चाहते थे यद्यपि अंग्रेजों को पहले से ही काफी सुविधाएँ प्राप्त थीं।
- क्लाइव ने फ्रांसीसी बस्ती चन्द्रनगर पर अपना अधिकार कर लिया तथा वहाँ का नवाब सिराजुद्दौला इसके खिलाफ कुछ न कर सका।
- क्लाइव ने नवाब के दुश्मनों को अपना संरक्षण दे रखा था।
- क्लाइव ने सेनापति मीर जाफर और राय दुर्लभ आदि के साथ एक गुप्त समझौता कर नवाब को गद्दी से हटाने के लिए एक षड्यन्त्र रचा था।
- क्लाइव सिराजुद्दौला को गद्दी से हटाकर अपने समर्थक मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाना चाहता था।
- युद्ध करने के लिए क्लाइव ने नवाब सिराजुद्दौला पर अलीनगर की सन्धि भंग करने का आरोप लगाया।
(3) इलाहाबाद की सन्धि की शर्ते लिखिए।
उत्तर:
मुगल सम्राट शाह आलम, नवाब मीर कासिम व शुजाउद्दौला अंग्रेजों से युद्ध में पराजित हो गये। अतः 1765 ई. में शुजाउद्दौला तथा शाह आलम को रॉबर्ट क्लाइव से सन्धि करनी पड़ी। यही सन्धि इलाहाबाद की सन्धि कहलाती है।
इसकी शर्ते इस प्रकार थीं –
- अवध के नवाब से ₹ 50 लाख युद्ध के हर्जाने के रूप में लेकर अंग्रेज उसे अवध का राज्य लौटा देंगे।
- कड़ा और इलाहाबाद तथा उसके आस-पास का क्षेत्र अवध से अलग कर मुगल बादशाह शाह आलम को दिया जायेगा।
- चुनार का दुर्ग अंग्रेजों को मिलेगा।
- अंग्रेजों को अवध की सीमाओं के भीतर बिना कर दिये व्यापार की सुविधा मिलेगी।
(4) लॉर्ड डलहौजी की विलय नीति को समझाइए।
उत्तर:
भारतीय राज्यों को प्रत्यक्ष रूप से कम्पनी के अधीन करने के लिए गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी ने विलय नीति (हड़प नीति) का अनुसरण किया। सबसे पहले उसने भारतीय राजाओं द्वारा दत्तक पुत्र लेने की प्रथा पर रोक लगा दी जो शासक बिना पुत्र के मर गये, उनके राज्यों को ब्रिटिश साम्राज्य का अंग बना लिया गया। ऐसे राज्यों में झाँसी, नागपुर और संतारा प्रमुख थे। मैसूर और पंजाब के विस्तृत राज्यों को युद्ध द्वारा ब्रिटिश शासन का अंग बना लिया गया। 1856 ई. में अवध के नवाब पर कुशासन का आरोप लगाकर अवध को ब्रिटिश शासन का अंग बना लिया गया।
(5) व्यापारिक एवं राजनैतिक प्रतिस्पर्धा में अंग्रेजों की सफलता के कारण लिखिए।
उत्तर:
अंग्रेजों की सहायता के प्रमुख कारण इस प्रकार थे –
- भारत में अनेक छोटे-छोटे राज्य थे, जिनकी सैनिक शक्ति भी अधिक न थी।
- उस समय के शासक विलासिता और अहंकार का जीवन जी रहे थे तथा उनकी सेनाएँ कमजोर, पथ भ्रष्ट और अनुशासनहीन थीं।
- नाममात्र के मुगल सम्राट शक्तिहीन, वैभवहीन, कमजोर और साधनहीन थे।
- उस समय के अराजकता के माहौल में मराठे भी (जो एक शक्तिशाली संगठन था) आपसी संघर्ष में उलझे थे।
- अंग्रेजों के पास हल्के और छोटे हथियार तथा प्रशिक्षित एवं अनुशासित सेनाएँ थीं।
- सर्वोपरि उनकी फूट डालो और राज्य करो की नीति सफल रही।
(6) अंग्रेजों और मराठों के बीच हुए विभिन्न युद्धों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अंग्रेजों और मराठों के बीच मुख्यतः तीन युद्ध हुए। जिनका वर्णन निम्न प्रकार है –
1. अंग्रेजों – मराठों के बीच पहला युद्ध सन् 1775 ई. में शुरू हुआ। इस युद्ध में मराठा सरदार एक साथ होने के कारण युद्ध अनिर्णित रहा और आने वाले लगभग 20 वर्ष तक दोनों में ही शान्ति बनी रही।
2. दूसरा अंग्रेज – मराठा युद्ध लॉर्ड वेलेजली के समय में लड़ा गया। शक्तिशाली मराठा सरदारों, भोंसले तथा सिंधिया ने मराठा राज्य की स्वतन्त्रता बनाये रखने के लिये अंग्रेजों के विरुद्ध सन् 1803 में युद्ध छेड़ दिया। एक होकर महत्वपूर्ण युद्ध लड़े गये किन्तु अंग्रेजी सेना के सामने वे टिक न सके।
3. तीसरा और अन्तिम अंग्रेज – मराठा युद्ध सन् 17171718 ई. में लॉर्ड हेस्टिंग्ज के शासन काल में हुआ। पेशवा बाजीराव द्वितीय ने अंग्रेजों के निरन्तर हस्तक्षेप से क्रोधित होकर युद्ध शुरू कर दिया। भोंसले तथा होल्कर ने भी युद्ध की घोषणा कर दी। भिन्न-भिन्न लड़ाइयों में अंग्रेजों की सेना ने भोंसले, होल्कर और पेशवा को पराजित किया। इस प्रकार, मराठा शक्ति को नष्ट करके अंग्रेज भारत के प्रमुख सत्ताधारी बन गए।