MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 18 भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 18 भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन

MP Board Class 8th Social Science Chapter 18 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) विदेशों में क्रान्तिकारी कार्य करने वाले भारतीयों में कौन नहीं था ?
(क) श्यामजी वर्मा
(ख) सरदार अजीत सिंह
(ग) मदनलाल ढींगरा
(घ) विनायक दामोदर सावरकर।
उत्तर:
(ख) सरदार अजीत सिंह

(2) जर्मनी में 1907 ई. में भारतीय ध्वज किसने फहराया ?
(क) श्रीमती भीकाजी कामा
(ख) लाला हरदयाल
(ग) श्रीमती ऐनी बेसेण्ट
(घ) लाला लाजपत राय।
उत्तर:
(क) श्रीमती भीकाजी कामा

(3) चन्द्रशेखर आजाद का जन्म मध्य प्रदेश के किस जिले में हुआ था ?
(क) अलीराजपुर
(ख) मंडला
(ग) रायसेन
(घ) पन्ना।
उत्तर:
(क) अलीराजपुर

(4) ‘आजाद हिन्द फौज’ की स्थापना की
(क) सुभाषचन्द्र बोस
(ख) कैप्टन मोहन सिंह
(ग) कैप्टन प्रेमकुमार सहगल
(घ) शहनवाज खाँ।
उत्तर:
(क) सुभाषचन्द्र बोस।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) श्यामजी वर्मा ने 1905 ई. में  ……………… लन्दन में की स्थापना की।
(2) 1908 ई. में खुदीराम बोस ने ……………….  पर बम फेंका था।
(3) देवनारायण तिवारी को ……………. फाँसी दी गई थी।
उत्तर:

  1. ‘इण्डिया हाउस’
  2. एक बग्घी
  3. जबलपुर

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 18 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) मध्य प्रदेश के प्रमुख क्रान्तिकारियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चन्द्रशेखर आजाद, ठाकुर यशवन्त सिंह, देव नारायण तिवारी एवं दलपत राव मध्य प्रदेश के प्रमुख क्रान्तिकारी थे।

(2) वासुदेव बलवन्त फड़के ने कौन-कौन से ग्रामों पर कब्जा कर लिया था ?
उत्तर:
क्रान्तिकारी वासुदेव फड़के ने घामरी, बल्टे, पलस्पे आदि ग्रामों पर कब्जा कर लिया था।

(3) चाफेकर बन्धुओं द्वारा किसकी हत्या कर दी गई थी?
उत्तर:
बालकृष्ण चाफेकर बन्धुओं ने प्लेग समिति के प्रधान रैण्ड एवं लैफ्टिनेन्ट एयर्स्ट की हत्या कर दी थी।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 18 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) विदेशों में क्रान्तिकारी गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सबसे पहले श्यामजी वर्मा ने 1905 ई. में लन्दन में ‘इण्डिया हाउस’ की स्थापना की। यह विदेशों में क्रान्तिकारी गतिविधियों का केन्द्र बना। संयुक्त राज्य अमेरिका में 1913 ई. में गदर पार्टी की स्थापना की गई। लाला हरदयाल इस पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता थे। गदर नामक पत्रिका का भी प्रकाशन हुआ जिसमें अंग्रेजों के अत्याचार और शोषण का खुला विरोध किया जाता था।1907 ई. में जर्मनी के स्टुटगार्ड में अन्तर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में सर्वप्रथम मैडम कामा ने भारत की स्वतन्त्रता की कल्पना के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

(2) काकोरी काण्ड क्या था ? बताइए।
उत्तर:
9 अगस्त, 1925 ई. में सहारनपुर – लखनऊ रेलवे लाइन पर काकोरी रेलवे स्टेशन पर क्रान्तिकारी सरकारी खजाने को लूटने में सफल हुए। इस घटना में भारी संख्या में युवकों को गिरफ्तार किया गया और उन पर मुकदमा चला। अशफाक उल्ला खाँ, रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह, राजेन्द्र लाहिड़ी को फाँसी दे दी गई। 17 लोगों को लम्बी सजाएँ सुनाई गईं।

(3) द्वितीय चरण के प्रमुख क्रान्तिकारी संगठनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
क्रान्तिकारी गतिविधियों के द्वितीय चरण में युवाओं ने कई क्रान्तिकारी संगठन बनाये। जैसे-भगतसिंह, यशपाल तथा छबीलदास ने ‘नौजवान सभा’ की स्थापना की। 1928 ई. में चन्द्रशेखर आजाद, शचीन्द्रनाथ सान्याल, रामप्रसाद बिस्मिल आदि ने मिलकर ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन’ का नाम बदलकर ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन’ रखा तथा सुभाषचन्द्र बोस ने ‘आजाद हिन्द फौज’ की स्थापना की।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 18 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) क्रान्तिकारी आन्दोलन के उदय के क्या कारण थे ?
उत्तर:
क्रान्तिकारी आन्दोलन किसी एक कारण के परिणाम नहीं थे वरन् अनेक कारणों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं –
1. आर्थिक असन्तोष – उन्नीसवीं सदी के अन्त में तथा बीसवीं सदी के प्रारम्भिक वर्षों में भारत में अनेक बार अकाल और महामारी का प्रकोप हुआ। ऐसे अवसरों पर ब्रिटिश सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति से भारतीयों में असन्तोष बढ़ा।

2. लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीति – लॉर्ड कर्जन की इस नीति ने भारतीयों में असन्तोष को बढ़ा दिया। भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1904 ई. में सीनेट की व्यवस्था से शिक्षित भारतीयों में असन्तोष उत्पन्न हो गया। सरकारी गोपनीयता अधिनियम और कलकत्ता के कारपोरेशन अधिनियम ने जनसाधारण में असन्तोष बढ़ा दिया।

3. बंगाल विभाजन – कर्जन का सबसे घृणित कार्य बंगाल को दो भागों में विभाजित करना था। इस घटना से सारा राष्ट्र उत्तेजित हो गया था। इससे भारतीय युवाओं में त्याग व बलिदान की भावना जागृत हुई।

4. अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं का प्रभाव – उन्नीसवीं सदी में विश्व के अनेक देशों में क्रान्तियाँ हुईं और उनमें राष्ट्रीयता और स्वतन्त्रता प्राप्ति की होड़ लग गई। अमेरिका, फ्रांस, इटली, जर्मनी, आयरलैण्ड के स्वाधीनता संग्राम और उनके परिणाम भारतीय क्रान्तिकारियों के लिए प्रेरणादायक बने।

(2) क्रान्तिकारियों द्वारा ब्रिटिश शासन के विरुद्ध कौन-से तरीके अपनाये गये ?
उत्तर:
क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध पहले उदारवादी तथा बाद में अनुदारवादी नीति अपनाई।

  • शिक्षित भारतीयों में दासता के विरुद्ध घृणा की भावना उत्पन्न करने के लिए समाचार-पत्रों एवं पेम्पलेटों का वितरण किया।
  • लोगों में स्वराज्य के प्रति प्रेम व अंग्रेजों का विरोध जगाने के लिए गणपति उत्सव तथा शिवाजी उत्सव जैसे कार्यक्रम पुनः प्रारम्भ किये गये।
  • युवाओं को बहिष्कार एवं स्वदेशी प्रचार में लगाये रखा तथा आम भारतीयों में राष्ट्र प्रेम की भावना जगाने के लिए जुलूसों आदि का आयोजन किया गया।
  • छोटी-छोटी टुकड़ियों में युवाओं को संगठित कर शस्त्र प्रयोग का प्रशिक्षण दिया गया।
  • देश में बमों और शस्त्र का निर्माण तथा विदेशों से हथियार खरीदे एवं एकत्रित किये।
  • क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विदेशों में भी जागरूकता फैलाई।
  • क्रान्तिकारियों ने नवयुवकों को स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने के लिए तथा आत्मबलिदान के लिए प्रेरित किया।
  • क्रान्तिकारियों ने उद्देश्य प्राप्ति हेतु बैंकों की लूट तथा सरकारी खजानों पर कब्जा किया।
  • अन्त में ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई कठोर कार्यवाही (ईंट) का जवाब पत्थर से दिया।

(3) टिप्पणी लिखिए –

  1. आजाद हिन्द फौज
  2. चन्द्रशेखर आजाद।

उत्तर:
1. आजाद हिन्द फौज-रास बिहारी बोस की पहल पर कैप्टन मोहन सिंह ने ब्रिटिश सेना के उन भारतीय सैनिकों को जिन्हें जापानियों ने पकड़ लिया था, मिलाकर भारत की स्वतन्त्रता के लिए ‘आजाद हिन्द फौज’ की स्थापना की। सुभाषचन्द्र बोस ने फौज में नई जान फूंकी। नेताओं ने नारा दिया – ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’

23 अक्टूबर को आजाद हिन्द फौज के सेनापति की हैसियत से भारत की अस्थाई सरकार सिंगापुर में बनाई तथा देश को स्वतन्त्र करने के लिए रक्त की आखिरी बूंद बहा देने की शपथ ली। 1944 ई. में आजाद हिन्द फौज भारत की पूर्वी सीमा तक पहुँचने में सफल रही। 1944 ई. में कोहिमा में भारतीय झण्डा फहराया, परन्तु 1944 ई. में विश्व की राजनीति में जापान की स्थिति कमजोर हो गई, अतः आजाद हिन्द फौज भी बिखरने लगी।

2. चन्द्रशेखर आजाद – चन्द्रशेखर आजाद मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाबरा गाँव के निवासी थे। वे 14 वर्ष की अवस्था में असहयोग आन्दोलन से जुड़े। गिरफ्तार होने पर अपना नाम आजाद बताया। काकोरी काण्ड, साण्डर्स को मारने तथा असेम्बली बम केस में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अन्त में इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में पुलिस द्वारा घेरे जाने के कारण अपनी अन्तिम गोली से स्वयं शहीद हो गए।

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