MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 7 भारत : जनसंख्या
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 पाठान्त अभ्यास
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
निम्न में से किस अवधि में जनसंख्या वृद्धि लगभग स्थिर गति से बढ़ी है?
(i) 1901-21
(ii) 1921-51
(iii) 1951-81
(iv) 1981-2001.
उत्तर:
(i) 1901-21
प्रश्न 2.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला प्रदेश है
(i) उत्तर प्रदेश
(ii) बिहार
(iii) केरल
(iv) पश्चिम बंगाल।
उत्तर:
(ii) बिहार
प्रश्न 3.
किस राज्य में साक्षरता का प्रतिशत सबसे अधिक है? (2008, 09)
(i) उत्तर प्रदेश
(ii) केरल
(iii) गोवा
(iv) दिल्ली
उत्तर:
(ii) केरल
प्रश्न 4.
सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला केन्द्र शासित प्रदेश है (2008)
(i) चण्डीगढ़
(ii) पुदुचेरी
(iii) दिल्ली
(iv) लक्षद्वीप।
उत्तर:
(iii) दिल्ली
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- भारत में जनसंख्या का घनत्व …………. है।
- भारत में सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य ……….. है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग का अध्यक्ष ……….. होता है।
- विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष ……….. को मनाया जाता है।
- जनसंख्या के मान से भारत का विश्व में ………….. स्थान है।
- भारत में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ………… है।
उत्तर:
- बड़ा असमान
- केरल
- प्रधानमन्त्री
- 11 जुलाई
- दूसरा
- कम।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जन्मदर किसे कहते हैं?
उत्तर:
जन्मदर किसी क्षेत्र में प्रति वर्ष, प्रति हजार जनसंख्या पर जीवित नवजात बच्चों की संख्या को कहते हैं।
प्रश्न 2.
मृत्युदर किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी क्षेत्र में प्रति वर्ष, प्रति हजार व्यक्तियों पर मरने वालों की संख्या मृत्युदर कहलाती है।
प्रश्न 3.
वर्ष 2011 में भारत में जनसंख्या का घनत्व कितना था?
उत्तर:
वर्ष 2011 में भारत में जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।
प्रश्न 4.
वर्ष 2011 में भारत का लिंग अनुपात क्या था?
उत्तर:
वर्ष 2011 में भारत का लिंग अनुपात 1000 पुरुषों पर 943 स्त्रियाँ थीं।
प्रश्न 5.
जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर:
भारत का जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में दूसरा तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवाँ स्थान है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जनसंख्या वृद्धि की कोई चार समस्याएँ लिखिए। (2008, 09, 10, 14, 15, 17)
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न प्रमुख समस्याएँ निम्न हैं –
- बेरोजगारी की समस्या :
जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी की समस्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। सरकार जितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है, उससे अधिक नये लोग बेरोजगारी की लाइन में आ जाते हैं। - प्रति व्यक्ति आय :
जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होने पर प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि धीमी हो जाती है। ऐसे में निवेश का बड़ा भाग जनसंख्या के भरण-पोषण में लग जाता है तथा आर्थिक विकास के लिये निवेश का एक छोटा-सा भाग ही बचता है। - भूमि पर दबाव :
हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप भूमि पर दबाव निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इससे भू-जोतों का आर्थिक विभाजन हुआ है तथा कृषि उत्पादकता में कमी आयी है। - गरीबी :
भारत में जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा दुष्परिणाम गरीबी के रूप में सामने आता है। विशाल जनसंख्या और उस पर सीमित संसाधनों के चलते बड़ी संख्या में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे लोगों का जीवन-स्तर सुधारना अत्यन्त दुष्कर कार्य साबित हुआ है।
प्रश्न 2.
भारत में लिंगानुपात की दर निरन्तर क्यों कम होती जा रही है ? कोई चार कारण लिखिए। (2013, 14, 16, 18)
अथवा
भारत में लिंगानुपात की दर में गिरावट होने के कारण लिखिए। (2008, 09)
उत्तर:
भारत में लिंगानुपात की दर कम होने के निम्न कारण हैं –
- महिलाओं में साक्षरता का कम होना।
- मातृ मृत्यु-दर का ऊँचा होना।
- पुरुष प्रधान समाज में पुत्र होने की प्रबल इच्छा होना।
- कन्या भ्रूण हत्या में लगातार वृद्धि होना।
- समाज में बालिकाओं के प्रति उपेक्षा का भाव व कन्या का बोझ समझना।
- समाज में प्रचलित दहेज प्रथा के कारण कन्या भ्रूण हत्या व किशोरियों व युवतियों का आत्महत्या करने के लिये प्रेरित होना।
प्रश्न 3.
राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग से आप क्या समझते हैं ? लिखिए। (2008, 09, 12, 13, 15)
उत्तर:
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 के अनुसरण में राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग की स्थापना की गई है। प्रधानमन्त्री इस आयोग के अध्यक्ष हैं। सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, प्रशासक तथा सम्बन्धित केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के प्रभारी केन्द्रीय मंत्री, प्रतिष्ठित जनसांख्यिकीविद्, जनस्वास्थ्य, व्यवसायिक एवं गैर-सरकारी संगठन इस आयोग के सदस्य होते हैं।
प्रश्न 4.
लिंग अनुपात से क्या आशय है? देश में इसके वितरण को समझाइए। (2016)
उत्तर:
लिंग अनुपात से तात्पर्य किसी क्षेत्र में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या से है। भारतवर्ष में 2001 की जनगणना के अनुसार प्रति हजार पुरुषों पर 933 स्त्रियाँ थीं अर्थात् भारत में पुरुषों की संख्या से स्त्रियों की संख्या कम है। भारत में लिंगानुपात लगातार घटता जा रहा है। सन् 1901 में यह 972 था, जो घटते-घटते 2011 में 940 रह गया है। भारत में लिंग अनुपात में क्षेत्रीय भिन्नता पायी जाती है। केरल में लिंगानुपात (1084) अनुकूल है जबकि दमन दीव में यह (618) प्रतिकूल है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारणों व उसके नियन्त्रण के उपायों को लिखिए।
अथवा
जनसंख्या वृद्धि को नियन्त्रित करने के चार उपाय बताइए। (2008, 11, 12, 17, 18)
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि के कारण
- जन्मदर व मृत्युदर :
1911-1921 की अवधि में जन्म-दर 48.1 और मृत्यु-दर 47.2 थी, अर्थात् दोनों ही अधिक थीं। 1921 से 1951 तक यद्यपि जन्म-दर धीमी गति से घटी, किन्तु मृत्यु-दर अपेक्षाकृत तेजी से घटी थी, जिससे जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई। वर्ष 2016 के अनुसार भारत में जन्मदर 20.4 प्रति हजार और मृत्यु-दर 64 प्रति हजारं थी। मृत्यु-दर में निरन्तर कमी का कारण चिकित्सा सुविधाओं में वृद्धि तथा भरण-पोषण की पर्याप्त सुविधा होना है। - गर्म जलवायु :
उष्ण जलवायु में मानव की उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है। कम आयु में ही किशोर व किशोरियाँ सन्तान उत्पत्ति के योग्य हो जाते हैं। परिणामस्वरूप जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ती है। - भाग्यवादिता :
भारत में अधिकांश रूढ़िवादी लोग बच्चों का पैदा होना ‘ईश्वर की इच्छा’ मानकर अधिक सन्तान उत्पत्ति को रोकना अनुचित समझते हैं। अतः धार्मिक अन्धविश्वास भी जनसंख्या वृद्धि के लिये उत्तरदायी है। - कम उम्र में शादी :
भारत में विवाह की आयु कम है। कम उम्र में शादी हो जाने से जनसंख्या में वृद्धि होना स्वाभाविक हो जाता है। - साक्षरता का निम्न स्तर :
भारत में साक्षरता का निम्न स्तर भी जनसंख्या वृद्धि के लिये उत्तरदायी है। निम्नवर्ग परिवार कल्याण कार्यक्रम अपनाने में संकोच करते हैं। सन् 2011 के आँकड़ों के अनुसार भारत में 82.14% पुरुष साक्षर थे व 65.46% स्त्रियाँ साक्षर थीं। आर्थिक समीक्षा 2017-18;A 163.
जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय
- परिवार कल्याण :
परिवार कल्याण द्वारा छोटे परिवारों के लाभों का प्रचार करना चाहिए, जिससे प्रभावित होकर प्रत्येक व्यक्ति विभिन्न प्रकार के कृत्रिम साधनों को प्रयोग में लाने लगे। - शिक्षा तथा सामाजिक सुधार :
जब तक देश में शिक्षा की उचित व्यवस्था नहीं होगी, परिवार नियोजन कभी भी सफलतापूर्वक कार्य नहीं कर सकता। एक अविकसित देश का अज्ञानी व्यक्ति जो सामाजिक व धार्मिक अन्धविश्वासों में जकड़ा हुआ है, परिवार नियोजन के लाभों को समझ नहीं सकेगा। अतः शिक्षा का प्रसार होना चाहिए। शिक्षा द्वारा बाल-विवाह, जातिवाद आदि सामाजिक कुरीतियाँ स्वयं समाप्त हो जाएँगी, जो जनसंख्या वृद्धि में सहायक होती हैं। - आर्थिक विकास :
जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिये समाज का समुचित आर्थिक विकास होना चाहिए। साथ ही कृषि, उद्योग, व्यापार, यातायात एवं संवाद-वाहन आदि सभी क्षेत्रों का सामूहिक विकास भी आवश्यक है इससे रोजगार के स्तर में वृद्धि होगी, आय और जीवन-स्तर में वृद्धि होगी, फलस्वरूप जनसंख्या वृद्धि पर रोक लग जाएगी। - सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में वृद्धि :
देश में सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में वृद्धि की जानी चाहिये, जिससे संकटकाल या वृद्धावस्था में सहारा पाने की दृष्टि से सन्तानोत्पत्ति की प्रवृत्ति को नियन्त्रित किया जा सके। - विवाह की आयु सम्बन्धी नियमों का पालन :
सरकार को विवाह की आयु सम्बन्धी नियमों का कठोरता से पालन कराना चाहिए। जनसंख्या नीति के अनुसार देश में लड़के व लड़कियों के लिये विवाह योग्य आयु क्रमश: 21 व 18 वर्ष है। इस सम्बन्ध में आवश्यक दण्ड व पुरस्कार की व्यवस्था भी होनी चाहिए। - प्रेरणाएँ :
सीमित परिवार के संदेश को व्यापक स्तर पर फैलाने के लिये कुछ प्रेरणाओं को अपनाना आवश्यक होता है; जैसे-सीमित परिवार वालों को वेतन वृद्धि, मकान आवण्टन, कॉलेज में प्रवेश, रोजगार आदि की अतिरिक्त सुविधा प्रदान की जाएँ। - मनोरंजन के साधनों में वृद्धि :
सन्तति निग्रह के लिये मनोरंजन के साधनों में वृद्धि की जानी चाहिए। मनोरंजन के साधनों के अभाव में सन्तान वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है।
प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों को उदाहरण सहित लिखिए। (2008)
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व को प्रोत्साहित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं –
(1) भौतिक कारक
(2) सामाजिक-आर्थिक कारक।
(1) भौतिक कारक :
भौतिक कारकों में धरातल, जलवायु, मिट्टी और खनिज आदि प्रमुख हैं। धरातल की बनावट जनसंख्या वितरण को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। गंगा-यमुना तथा समुद्रतटीय मैदानों में जनसंख्या घनत्व अधिक है, वहीं पर्वतीय प्रदेश अरुणाचल में सबसे कम जनसंख्या घनत्व है। जलवायु दशायें भी जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करती हैं। अनुकूल जलवायु मनुष्य के स्वास्थ्य व कार्यक्षमता पर अच्छा प्रभाव डालती है। पश्चिमी राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में विषम जलवायु के कारण कम जनसंख्या पायी जाती है। उपजाऊ मिट्टी कृषि के लिये उपयुक्त होती है इसलिये जनसंख्या का अधिक घनत्व नदियों के उपजाऊ मैदानों में होता है क्योंकि कृषि उपजें ही उनके जीवन-यापन व भरण-पोषण का मुख्य आधार होती हैं। खनिजों की उपलब्धता और इन पर आधारित औद्योगिक विकास ने छोटा नागपुर पठार खनिज क्षेत्र में जनसंख्या को आकर्षित किया। इस प्रकार छोटा नागपुर के पठार पर जनसंख्या बहुत सधन है।
(2) सामाजिक :
आर्थिक एवं सांस्कृतिक कारक-सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक कारक भी जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरणार्थ-सांस्कृतिक, सामाजिक, ऐतिहासिक तथा राजनैतिक कारकों के कारण ही मुम्बई-पुणे के औद्योगिक क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि और घनत्व में तीव्रता से वृद्धि हुई है। प्राचीनकाल में मुम्बई महत्त्वहीन था परन्तु यूरोपियन लोगों के आवागमन के पश्चात् इसका महत्त्व दिनोंदिन बढ़ता गया। आज मुम्बई व्यापारिक एवं औद्योगिक केन्द्र बन गया है। परिणामस्वरूप यहाँ जनसंख्या बढ़ती जा रही है।
प्रश्न 3.
घनत्व की दृष्टि से भारत को कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है ?
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व के आधार पर भारत को चार भागों में बाँटा जा सकता है-
(1) उच्च घनत्व वाले क्षेत्र
(2) मध्यम घनत्व वाले क्षेत्र
(3) साधारण घनत्व वाले क्षेत्र
(4) न्यूनतम घनत्व वाले क्षेत्र।
- उच्च घनत्व वाले क्षेत्र :
उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं केरल आते हैं यहाँ 501 से अधिक व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर निवास करते हैं। क्योंकि यहाँ की उपजाऊ मिट्टी और जल की उपलब्धता मानव के भरण-पोषण को पर्याप्त सुविधा प्रदान करती है। इन क्षेत्रों में रोजगार के पर्याप्त अवसर भी विद्यमान होते हैं। - मध्यम घनत्व वाले क्षेत्र :
इसके अन्तर्गत वे क्षेत्र आते हैं, जहाँ जनसंख्या घनत्व 251 से 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी पाया जाता है। इसके अन्तर्गत आन्ध्र प्रदेश, असम, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखण्ड, पंजाब, हरियाणा, त्रिपुरा, दादरा व नगर-हवेली शामिल हैं। विकसित कृषि, खनिजों की उपलब्धता एवं औद्योगिक विकास आदि इन क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या घनत्व के मुख्य कारण हैं। - साधारण घनत्व वाले क्षेत्र :
मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, मेघालय, मणिपुर, नागालैण्ड, इस क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं। यहाँ जनसंख्या का घनत्व 101 से 250 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। ये पर्वतीय तथा ऊबढ़-खाबड़ वनाच्छादित प्रदेश हैं। यहाँ जीवनयापन की सुविधाएँ सीमित हैं। - निम्न घनत्व वाले क्षेत्र :
इस क्षेत्र में जम्मू व कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम तथा अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं। पर्वतीय क्षेत्र, आवागमन में असुविधा, कृषि व उद्योगों का न्यून विकास आदि कारण कम जनसंख्या घनत्व के लिये उत्तरदायी हैं। इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व 13 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
प्रश्न 4.
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 क्या है? इसके तहत सरकार द्वारा क्या प्रावधान किए गए हैं? लिखिए।
अथवा
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 क्या है? (2009)
उत्तर:
15 फरवरी, 2000 को नई ‘राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000’ की घोषणा की गई। इस नवीनतम संशोधित जनसंख्या नीति के अनुसार सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये जीवन में गुणात्मक सुधार किया जाना आवश्यक है, ताकि मानव शक्ति समाज के लिये उत्पादक पूँजी में परिवर्तित हो सके। इस नीति के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –
- तात्कालिक उद्देश्य :
गर्भ निरोधक उपायों के विस्तार हेतु स्वास्थ्य एवं बुनियादी ढाँचे का विकास। - मध्यकालीन उद्देश्य :
सन् 2010 तक कुल प्रजनन दर को घटाना। - दीर्घकालीन उद्देश्य :
सन् 2045 तक स्थायी आर्थिक विकास हेतु स्थिर जनसंख्या के उद्देश्य को प्राप्त करना।
नई नीति में इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये निम्नलिखित सामाजिक जनांकिकी लक्ष्य भी घोषित किये गये हैं –
- बुनियादी प्रजनन तथा शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, आपूर्तियों तथा आधारभूत ढाँचे से सम्बन्धित अपूर्ण आवश्यकताओं पर ध्यान देना।
- 14 वर्ष तक की उम्र तक विद्यालय शिक्षा को निःशुल्क करना। प्रारम्भिक तथा माध्यमिक स्तर पर छात्र और छात्राओं के विद्यालय छोड़ने की दर में 20% तक की कमी लाना।
- शिशु मृत्यु दर को 100 से नीचे लाना (प्रत्येक 1 लाख जीवित जन्मों पर)।
- सार्वभौमिक टीकाकरण द्वारा गम्भीर बीमारियों की रोकथाम करना।
- कन्याओं का विवाह 20 वर्ष की उम्र के बाद करने के लिये प्रोत्साहन देना।
- सभी प्रसव संस्थाओं में प्रशिक्षित प्रसव नौं का शत-प्रतिशत होना।
- गर्भ निरोधक के व्यापक विकल्पों की जानकारी देना।
- जन्म, मृत्यु, विवाह तथा गर्भावस्था का शत-प्रतिशत पंजीकरण।
- एड्स की खतरनाक बीमारी को फैलने से रोकने के प्रयास करना तथा प्रजनन अंग संक्रमण (आर. टी. आई.) और यौन संचारी रोगों की रोकथाम करना।
- प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था को घर-घर तक पहुँचाने के लिये भारतीय औषधि पद्धति को एकीकृत करना।
- संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और उनके नियन्त्रण के लिये भरपूर प्रयास करना।
- जन्म दर में कमी लाने के लिये छोटे परिवार के मानदण्डों को ठोस रूप में बढ़ावा देना।
- परिवार कल्याण कार्यक्रम को जन-केन्द्रित कार्यक्रम के रूप में विकसित करना।
प्रश्न 5.
भारत में साक्षरता-विकास की स्थिति तथा महिला साक्षरता को बढ़ाने के लिये अपने सुझावात्मक विचार लिखिए।
उत्तर:
साक्षरता से तात्पर्य :
जो व्यक्ति किसी भाषा को समझने के साथ लिख और पढ़ सकता है, साक्षर कहलाता है। जो पढ़ सकता है, परन्तु लिख नहीं सकता, वह साक्षर नहीं कहलाता है। साक्षरता के लिये कोई औपचारिक शिक्षा लेना आवश्यक नहीं होता है।
भारत में साक्षरता विकास की स्थिति :
हमारा देश संसार में जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवाँ बड़ा देश है। किन्तु साक्षरता की दृष्टि से अभी भी पीछे है। स्वतन्त्रता के पश्चात् हमने साक्षरता में वृद्धि की है। लेकिन अभी भी निरन्तर प्रयास की आवश्यकता है। भारत में साक्षरता की स्थिति को निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है –
भारत में साक्षरता की स्थिति (प्रतिशत में)
तालिका से स्पष्ट है कि 1911 में देश में साक्षरता मात्र 6% थी। स्वतन्त्रता के पश्चात् 1950-51 में यह बढ़कर 18:33% हो गई। तब से लगातार साक्षरता प्रतिशत में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2010-11 में यह बढ़कर 74.04% हो गई है। यह उपलब्धि भारत सरकार द्वारा निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने का ही परिणाम है। भारत में साक्षरता में भिन्नताएँ दृष्टिगोचर होती हैं। बिहार में साक्षरता की दर 63.82% है। जबकि केरल में यह 93.91% है। लक्षद्वीप में 92.98 है।
महिला साक्षरता में वृद्धि के उपाय :
भारत में महिलाओं की साक्षरता दर पुरुषों की तुलना में बहुत कम है। वर्तमान आँकड़ों को देखने पर स्पष्ट होता है कि आज भी महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम साक्षर हैं। वर्ष 2010-11 में साक्षर पुरुष 82.14% व साक्षर महिला 65.46% थी। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब है।
महिला साक्षरता में वृद्धि करके जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता है। शिक्षित लड़कियाँ उचित उम्र में विवाह करती हैं। विवाह करने के कुछ समय पश्चात् तक वह गर्भ धारण करना नहीं चाहती हैं। शिक्षित महिलाएँ रोजगार करने में पीछे नहीं रहती हैं। साथ ही वह कम बच्चों में विश्वास रखती हैं। शिक्षित स्त्रियों का दृष्टिकोण बहुत व्यापक होता है। वह परिवार कल्याण कार्यक्रम का महत्त्व समझती हैं। वह अपने बच्चों की संख्या सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म के मध्य पर्याप्त समय रखती हैं। साथ ही शिक्षित महिलाएँ लड़का-लड़की में भेद न करके केवल एक-दो बच्चों को ही जन्म देती हैं। अतः लड़कियों को स्वयं शिक्षा प्राप्त करने में पहल करनी चाहिए क्योंकि शिक्षित लड़कियाँ जनसंख्या वृद्धि को एक सीमा तक रोक सकती हैं। सरकार को ग्रामीण इलाकों में लड़कियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करानी चाहिए; साथ ही उनको वजीफा भी देना चाहिए जिससे उनके माता-पिता उनको शिक्षित कराने के लिये आगे आएँ।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में संसार की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग निवास करता है?
(i) 16.7
(ii) 12.4
(iii) 15.0
(iv) 25.4.
उत्तर:
(i) 16.7
प्रश्न 2.
जनसंख्या की गणना कितने वर्ष के अन्तराल पर होती है?
(i) 5 वर्ष
(ii) 10 वर्ष
(iii) 3 वर्ष
(iv) 1 वर्ष।
उत्तर:
(ii) 10 वर्ष
प्रश्न 3.
5 अरबवें शिशु का जन्म किस देश में हुआ था?
(i) भारत
(ii) यूगोस्लाविया
(iii) अमेरिका
(iv) पाकिस्तान।
उत्तर:
(ii) यूगोस्लाविया
प्रश्न 4.
भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला प्रदेश है
(i) बिहार
(ii) महाराष्ट्र
(iii) मिजोरम
(iv) अरुणाचल प्रदेश।
उत्तर:
(iv) अरुणाचल प्रदेश।
रिक्त स्थान पूर्ति
- भारत में महिला साक्षरता …………. प्रतिशत है।
- 5 अरबवें शिशु का जन्म ………… में हुआ था।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में ………… स्थान है।
उत्तर:
- 65-46
- यूगोस्लाविया
- सातवाँ।
सत्य/असत्य
प्रश्न 1.
भारत में सर्वाधिक गरीब जनसंख्या वाला राज्य बिहार है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
विश्व का हर छठवाँ व्यक्ति भारत में निवास करता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
भारत में सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
भारत में जनसंख्या का वितरण समान है।
उत्तर:
असत्य।
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर:
- → (ङ)
- → (घ)
- → (क)
- → (ख)
- → (ग)
- → (च)।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.
जनसंख्या नियन्त्रण हेतु महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम।
उत्तर:
परिवार कल्याण
प्रश्न 2.
प्रत्येक व्यक्ति की औसत आयु। (2009)
उत्तर:
प्रत्याशित आयु
प्रश्न 3.
एक निश्चित समयान्तराल में जनसंख्या की अधिकारिक गणना। (2010)
उत्तर:
जनगणना
प्रश्न 4.
नवीन जनसंख्या नीति की घोषणा कब की गई?
उत्तर:
15 फरवरी, 2000
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर से क्या आशय है?
उत्तर:
प्राकृतिक वृद्धि दर से आशय जन्मदर व मृत्युदर के अन्तर से है।
प्रश्न 2.
नवीन जनसंख्या नीति की घोषणा कब की गई?
उत्तर:
नवीन जनसंख्या नीति की घोषणा 15 फरवरी, 2000 को की गई थी।
प्रश्न 3.
जनगणना का तात्पर्य क्या है? (2011)
उत्तर:
एक निश्चित समयान्तराल में जनसंख्या की आधिकारिक गणना जनगणना कहलाती है। भारत में प्रत्येक दस वर्ष पर जनगणना होती है।
प्रश्न 4.
जनसंख्या वृद्धि दर से आप क्या समझते हैं? (2010)
उत्तर:
जनसंख्या की वृद्धि दर, जनसंख्या बढ़ने की गति को बताती है। वृद्धि दर से बढ़ी हुई जनसंख्या की आधार वर्ष की जनसंख्या से तुलना की जाती है इसे वार्षिक या दशकीय गति से ज्ञात किया जाता है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत की जनसंख्या की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संसार में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 1,21,01,93, 422 है। यहाँ संसार की कुल जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत भाग निवास करता है, जबकि इसका कुल क्षेत्रफल विश्व के कुल क्षेत्रफल का केवल 2-41 प्रतिशत ही है। इस प्रकार भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवाँ बड़ा देश है। भारत की जनसंख्या उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की कुल सम्मिलित जनसंख्या से भी अधिक है। अन्य शब्दों में संसार का हर छठवाँ व्यक्ति भारत में निवास करता है।
प्रश्न 2.
“भारत में जनसंख्या का वितरण असमान है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या का वितरण असमान है। पर्वतीय भागों, वन क्षेत्रों और मरुस्थलों की अपेक्षा मैदानी भागों में अधिक जनसंख्या है। इसी प्रकार नदियों के उपजाऊ मैदानों, समुद्र तटीय क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक है। हिमालयीन छोटे राज्य सिक्किम की जनसंख्या मात्र 6.7 लाख ही है, जबकि मैदानी बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 19.95 करोड़ है। कुल मिलाकर भारत में 10 ऐसे राज्य हैं जिनमें से प्रत्येक की जनसंख्या 6 करोड़ से अधिक है। कुछ राज्य क्षेत्रफल में बड़े होते हुए भी कम जनसंख्या वाले हैं, जैसे राजस्थान और मध्य प्रदेश जबकि ये दोनों ही क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के बड़े राज्य हैं। केवल पाँच राज्यों (उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आन्ध्र प्रदेश) में देश की आधे से अधिक जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 3.
जनसंख्या घनत्व क्या है? इसे कैसे ज्ञात किया जाता है? (2008)
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व:
किसी क्षेत्र में निवास करने वाली जनसंख्या और उस क्षेत्र के प्रति इकाई क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) के अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। किसी देश या प्रदेश की जनसंख्या का घनत्व ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है –
प्रश्न 4.
भारत में साक्षरता दर में भिन्नताएँ पायी जाती हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
साक्षरता की दर में प्रादेशिक भिन्नताएँ अत्यधिक हैं। बिहार में साक्षरता की दर 63.82 प्रतिशत है, जबकि केरल में यह 93.9 प्रतिशत है। लक्षद्वीप में 92.8 और मिजोरम में 88.4 प्रतिशत साक्षरता है। बिहार में साक्षरता दर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में सबसे कम है।
पुरुषों और स्त्रियों की साक्षरता दर में भी आश्चर्यजनक अन्तर है। भारत में पुरुषों की औसत साक्षरता दर 82.14 है, जबकि स्त्रियों की साक्षरता दर केवल 65.46 प्रतिशत है। शहरी और ग्रामीण जनसंख्या की साक्षरता दर में भी बहुत अन्तर है। वर्ष 2011 में शहरी क्षेत्रों की साक्षरता दर 85.7 प्रतिशत थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह मात्र 68.9 प्रतिशत थी।
प्रश्न 5.
जनसंख्या विस्फोट से आप क्या समझते हैं? (2009)
उत्तर:
जनसंख्या विस्फोट का अर्थ
“आजकल ‘जनसंख्या विस्फोट’ शब्द का प्रयोग बहुत हो रहा है। जनसंख्या के अत्यन्त तीव्र गति से एकाएक वृद्धि के लिए इन शब्दों का प्रयोग किया जाता है। ‘विस्फोट’ शब्द उस तरह की स्थिति को बताता है जैसे उसके प्रभाव उतने ही गम्भीर या भयानक होते हैं। जैसे कि परमाणु बम के Fall out या गिरने या उसके दूषित पदार्थों से प्रभावित होने के होते हैं।”
हर देश में जब विकास होगा तो जन्म-दर की तुलना में मृत्यु-दर अधिक तीव्र गति से घटेगी और उसका परिणाम यह होगा कि जनसंख्या में वृद्धि होगी। आज पैदा होने वाले बच्चे, जिन्हें अकाल शिशु मृत्यु से बचा लिया जाएगा, 20-22 वर्ष बाद स्वयं बच्चे पैदा करेंगे। यहाँ से ही ‘जनसंख्या विस्फोट’ की स्थिति निर्मित होगी।