MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र : पठन एवं अंकन
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 पाठान्त अभ्यास
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
मानचित्र में कौन-सा तत्व आनुपातिक दूरी दर्शाने से सम्बन्धित है?
(i) मापक
(ii) अक्षांश व देशान्तर रेखाओं का जाल
(iii) रंगों का उपयोग
(iv) रूढ़ चिह्नों का उपयोग।
उत्तर:
(i) मापक
प्रश्न 2.
मानचित्र का प्रकार नहीं है.
(i) केरल का भौतिक मानचित्र
(ii) राजनैतिक मानचित्र
(iii) भारत का रेखाचित्र
(iv) वितरण मानचित्र।
उत्तर:
(iii) भारत का रेखाचित्र
प्रश्न 3.
कौन-सा मापक प्रदर्शक भिन्न (R.F.) है?
(i) एक इंच बराबर दस मील,
(ii) 1 सेमी = 1 किमी
(iii) दस किलोमीटर के लिए एक सेमी
(iv) 1 : 1,00,000
उत्तर:
(iv) 1 : 1,00,000
प्रश्न 4.
रूढ़ चिह्नों को मान्यता प्रदान करता है
(i) केन्द्रीय सूचना विभाग,
(ii) भारतीय संविधान
(iii) सर्वेक्षण विभाग
(iv) भारतीय संसद।
उत्तर:
(iii) सर्वेक्षण विभाग
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर:
- → (ङ)
- → (ग)
- → (घ)
- → (ख)
- → (क)।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मानचित्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
मानचित्र, पृथ्वी या उसके किसी भाग के चुने हुए तथ्यों व लक्षणों का एक निश्चित मापक तथा प्रक्षेप पर उपयुक्त रूढ़ चिह्नों द्वारा किसी समतल पटल पर प्रदर्शन है।
प्रश्न 2.
मानचित्र के आवश्यक तत्व/अंग कौन-कौनसे हैं? लिखिए।
उत्तर:
एक भौगोलिक मानचित्र में जिन बातों का होना आवश्यक है, उन्हें ही मानचित्र के तत्व कहते हैं। एक पूर्ण मानचित्र में निम्नलिखित तत्व सम्मिलित होते हैं-
- दिशा संकेत
- शीर्षक व उपशीर्षक
- रूढ़ चिह्न।
प्रश्न 3.
मापक कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
- कथनात्मक मापक
- रेखात्मक मापक
- प्रदर्शक भिन्न।
प्रश्न 4.
भौतिक मानचित्र में क्या दर्शाया जाता है?
उत्तर:
इन मानचित्रों में धरातलीय तथ्य व लक्षण; यथा-पर्वत, पठार, मैदान, घाटियाँ आदि समोच्च रेखाओं के अनुरूप विभिन्न रंगों (यथा- भूरा, पीला, हरा) द्वारा दर्शाए जाते हैं।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रेखाचित्र व मानचित्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए। (2016)
उत्तर:
मानचित्र हमारे समक्ष पृथ्वी के विभिन्न भागों का चित्र प्रस्तुत करते हैं। मानचित्रों के द्वारा ही संसार के महाद्वीपों को प्रदर्शित किया जा सकता है। जबकि रेखाचित्र किसी विशेष लक्ष्य, भू-आकार आदि को बताने के लिए बनाये जाते हैं।
प्रश्न 2.
मानचित्र में मापक का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
- मापक द्वारा किसी विस्तृत भूखण्ड का छोटे कागज पर छोटे आकार में प्रदर्शन कर पाना सम्भव होता है।
- मापक को घटा-बढ़ाकर आवश्यकतानुसार मानचित्रों को छोटा या बड़ा बनाया जा सकता है।
- मापक से ही मानचित्र का कोई मूल्य होता है इसके अभाव में वह केवल चित्र रह जाता है। चित्र की दूरियों से धरातल की वास्तविक दूरी का पता नहीं लग सकता है और पृथ्वी के धरातल से मानचित्र का सही अन्तर्सम्बन्ध नहीं आंका जा सकता है।
प्रश्न 3.
प्रदर्शक भिन्न क्या है?
उत्तर:
प्रदर्शक भिन्न-इसको प्रतिनिधि भिन्न भी कहते हैं। इसमें मानचित्र पर मापी गई दूरी तथा भूमि पर मापी गई दूरी का अनुपात ऐसी भिन्न द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिसका अंश सदैव 1 (एक) रहता है। अंश मानचित्र पर मापी गई दूरी बताता है और हर भूमि पर मापी गई दूरी का ज्ञान कराता है। इसमें हर और अंश मापक की एक ही इकाई में होते हैं। अतः इस विधि में मापक का प्रदर्शन किसी मापक की इकाई में नहीं किया जाता बल्कि इसको किसी भी इकाई में पढ़ सकते हैं। इसी गुण के कारण यह मापक संसार में सर्वमान्य है। इसलिए सभी मानचित्रों में मापक प्रदर्शक भिन्न द्वारा दर्शाया जाता है और साथ में देश विशेष में उपयुक्त माप की इकाई में रेखात्मक मापक भी बनाया जाता है।
प्रश्न 4.
कथनात्मक मापक क्या है? समझाइए।
उत्तर:
कथनात्मक मापक-इस विधि में मापक शब्दों में व्यक्त किया जाता है। कथन द्वारा लिखा गया मापक; जैसे-एक सेमी बराबर दस किमी अथवा 10 किमी के लिए 1 सेमी कथनात्मक मापक कहलाता है। यह मापक बताता है कि मानचित्र पर 1 सेमी की दूरी धरातल पर 10 किमी की वास्तविक दूरी है।
प्रश्न 5.
मानचित्र पठन से क्या लाभ है?
उत्तर:
मानचित्र पठन एक कला है। इसके निरन्तर अभ्यास से हम मानचित्रों का पठन सफलतापूर्वक कर सम्बन्धित भू-भाग के विषय में उचित ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। मानचित्र पठन अत्यन्त रोचक विषय है। दो या तीन व्यक्ति भी एक साथ मानचित्र पठन का कार्य कर सकते हैं। मानचित्र द्वारा किसी स्थान की स्थिति, उच्चावच, जलवायु, वनस्पति तथा मानव जीवन का सही ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
प्रश्न 6.
समोच्च रेखाएँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी स्थान की ऊँचाई-नीचाई को समुद्र तल से नापा जाता है। समुद्र तल से समान ऊँचाई के स्थानों को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को समोच्च रेखा या कन्टूर लाइन कहते हैं। समोच्च रेखाओं की ऊँचाई मीटर में समुद्र तल से नापी जाती है। इस तल को आधार तल कहते हैं। यहाँ ऊँचाई सदैव शून्य मानकर इस आधार रेखा के सन्दर्भ में स्थल की ऊँचाई-नीचाई को मापा जाता है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
उपयोगिता के आधार पर मानचित्र कितने प्रकार के होते हैं? (2014)
उत्तर:
उपयोगिता के आधार पर मानचित्र-उपयोगिता के आधार पर बनाये जाने वाले मानचित्रों को निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है –
- भौतिक मानचित्र :
इस प्रकार के मानचित्रों में धरातलीय तथ्य व लक्षण; जैसे-पर्वत, पठार, धाटियाँ, मैदान आदि समोच्च रेखाओं के अनुरूप विभिन्न रंगों; जैसे- भूरा, हरा, पीला द्वारा प्रदर्शित किए जाते हैं। - वितरण मानचित्र :
इन मानचित्रों में पृथ्वी, महाद्वीप, देश या उसके किसी भाग में पाये जाने वाले तथ्यों का वितरण दर्शाया जाता है। इन मानचित्रों में वर्षा, ताप, वायुदाब, जलवायु, कृषि उत्पादन, वनस्पति, खनिज, उद्योग, व्यापार, परिवहन के साधन, जनसंख्या, पर्यटन स्थल आदि का वितरण दर्शाया जाता है। - विशेष मानचित्र :
इस प्रकार के मानचित्र किसी विशेष उद्देश्य से बनाए जाते हैं इनका उपयोग विशिष्ट जानकारी के लिए होता है। इनके अन्तर्गत अनेक प्रकार के मानचित्र आते हैं; जैसे-भू-आकृतिक मानचित्र, भूगर्भीय मानचित्र, नगर योजना मानचित्र, मौसम मानचित्र, सैन्य मानचित्र, समुद्री मार्ग व वायुमार्ग आदि। - राजनीतिक मानचित्र :
इनमें विभिन्न राष्ट्रों तथा राज्यों की सीमाएँ और उनके उपविभाग प्रदर्शित किये जाते हैं। राज्यों, उनकी राजधानियों एवं नगरों को तथा सड़कें, रेलें तथा अन्य आवश्यक जानकारियों को भी इनमें दर्शाया जाता है। भौतिक व सांस्कृतिक स्वरूप भी पृष्ठभूमि में कभी-कभी परिलक्षित किये जाते हैं।
प्रश्न 2.
मानचित्र क्या है? मानचित्र के महत्त्व को लिखिए।
अथवा
मानचित्र के पाँच महत्त्व लिखिए। (2017, 18)
उत्तर:
मानचित्र का आशय-मानचित्र पृथ्वी या उसके किसी भाग का समतल कागज या धरातल पर एक विशेष अनुपात में लघु चित्रण होता है। धरातल का रूप जो ऊपर से दिखायी देता है, मानचित्र में उसी की आकृति बनायी जाती है। धरातल पर पायी जाने वाली ऊँचाई मानचित्र में नहीं दिखायी जाती। इस प्रकार पर्वत, पठार तथा मैदान आदि मानचित्र पर नहीं दिखाये जाते परन्तु इनको दिखाने के लिए कुछ विधियाँ अपनायी जाती हैं।
मानचित्रों का महत्त्व
- मानचित्र अल्प समय में चिह्नों द्वारा अधिक से अधिक जानकारी सुलभ कराने की कला है।
- मानचित्र के द्वारा किसी स्थान का अध्ययन घर बैठे ही किया जा सकता है। मानचित्र के द्वारा उन स्थानों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जहाँ जाना कठिन होता है।
- मानचित्र भूगोलवेत्ता का एक प्रमुख यन्त्र है। भूगोल का सही ज्ञान कराने में मानचित्र बहुत सहायक होते हैं। मानचित्रों द्वारा किसी स्थान की स्थिति, उच्चावच, जलवायु, वनस्पति तथा मानव जीवन का सही ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
- मानचित्र किसी तथ्य को रोचक तरीके व सारांश में उसके सही स्थान पर प्रस्तुत करने की तकनीक है।
- दो सीमावर्ती राष्ट्रों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मानचित्र एक प्रामाणिक दस्तावेज होता है।
- प्रादेशिक योजनाओं को तैयार करने के लिए स्थलाकृति (भू-पत्रक) मानचित्रों का उपयोग किया जाता है।
- किसी क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों को मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाकर क्षेत्र का औद्योगिक विकास किया जा सकता है।
- राज्य पुनर्गठन आयोग के लिए मानचित्र की उपयोगिता उस समय बढ़ जाती है जब किसी नए राज्य, नए जिले या नई तहसीलों का सीमांकन किया जाता है।
- पर्यटन उद्योग के लिए पर्यटन स्थलों और पहुँचने के मार्गों को दर्शाने में मानचित्र बहुत उपयोगी होते हैं।
इस प्रकार मानचित्र आधुनिक सभ्यता के विशेष साधन हैं। इनका प्रयोग केवल भूगोलवेत्ता एवं भूगोल के विद्यार्थी ही नहीं करते बल्कि नाविक, यात्री, वैज्ञानिक, शासक, योजनाकार, राजनीतिज्ञ, इतिहासकार, व्यापारी, अर्थशास्त्री, इंजीनियर तथा प्रत्येक नागरिक करता है। सैनिकों की तो यह आँख है। मानचित्र के बिना वह आगे बढ़ ही नहीं सकते। युद्ध की सभी योजनाएँ मानचित्रों पर आधारित होती हैं।
प्रश्न 3.
मानचित्र अंकन प्रणाली क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी का धरातल सर्वत्र समान नहीं होता है। इसमें अनेक प्रकार की विविधताएँ पाई जाती हैं। इन विविध भू-आकृतियों का चित्रण ही मानचित्र अंकन (उच्चावच प्रदर्शन) कहलाता है।
मानचित्र अंकन प्रणाली :
छोटे मापक के मानचित्रों, जैसे-दीवार मानचित्र या एटलस में उच्चावच प्रदर्शन विभिन्न रंगों द्वारा किया जाता है। सामान्यतः नीचे भागों से ऊँचे भागों की ओर क्रमशः हरा, पीला, भूरा, लाल तथा बैंगनी रंगों का प्रयोग करते हैं। हिम क्षेत्रों को सफेद रंग द्वारा दर्शाया जाता है या खाली छोड़ दिया जाता है। ऊँचाई को मीटर या फीट द्वारा व्यक्त किया जाता है। समुद्र की गहराई को नीले रंग की विभिन्न आभाओं द्वारा व्यक्त किया जाता है। सभी प्रकार के बड़े मापक के मानचित्रों, जैसे-स्थलाकृति मानचित्र में उच्चावच प्रदर्शन समोच्च रेखाओं द्वारा किया जाता है।
समुद्र तल से समान ऊँचाई वाले स्थानों को मानचित्र में समोच्च रेखाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। किसी एक क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सर्वेक्षण द्वारा ऊँचाई ज्ञात कर मानचित्र में समोच्च रेखाएँ बनाई जाती हैं। मानचित्र पर इन सर्वेक्षित स्थानों की ऊँचाई अंकित कर समोच्च रेखा अन्तर्वेशन विधि द्वारा समोच्च रेखाएँ खींची जाती हैं। इनके मध्य रेखा अन्तराल निश्चित रहता है। यह 20, 50 या 100 मीटर हो सकता है। यह सदैव शून्यांत अंकों में होना चाहिए। समोच्च रेखाओं का पास-पास होना, तीव्र ढाल को और दूर-दूर होना, मन्द ढाल को प्रदर्शित करता है।
कुछ प्रमुख स्थलाकृति लक्षणों को कन्टूर आकृतियों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिससे इनका ढाल समझने में आसानी होती है।
प्रश्न 4.
मापक के प्रकारों को उनकी उपयोगिता के आधार पर समझाइए।
उत्तर:
मापक को पैमाना या मापनी भी कहा जाता है। किसी भू-भाग का मानचित्र बिना मापक के बनाना सम्भव नहीं है। धरातल बहुत व्यापक है। इतना बड़ा कागज उपलब्ध होना असम्भव है। इसलिए सुविधाजनक मानचित्र बनाने के लिए मापक का प्रयोग किया जाता है। जिसके अनुसार धरातल के चुनिन्दा तथ्य व लक्षणों को एक छोटे समतल पर नियमानुसार बना लिया जाता है। मानचित्र की दूरियों व धरातल की वास्तविक दूरियों के बीच एक अनुपात होता है, यह अनुपात ही मापक कहलाता है। उदाहरणार्थ-यदि किन्हीं दो स्थानों की धरातलीय दूरी 100 किमी. है और मानचित्र पर उन स्थानों की दूरी 1 सेमी है तो उस मानचित्र का मापक 1 सेमी है अर्थात् मानचित्र का मापक 1 सेमी = 100 किमी होगा।
मापक के प्रकार-मापक प्रदर्शित करने की निम्नलिखित तीन विधियाँ हैं-
(1) कथनात्मक मापक :
कथनात्मक मापक-इस विधि में मापक शब्दों में व्यक्त किया जाता है। कथन द्वारा लिखा गया मापक; जैसे-एक सेमी बराबर दस किमी अथवा 10 किमी के लिए 1 सेमी कथनात्मक मापक कहलाता है। यह मापक बताता है कि मानचित्र पर 1 सेमी की दूरी धरातल पर 10 किमी की वास्तविक दूरी है।
(2) रेखात्मक मापक :
इस विधि में मापक की दूरियाँ, एक निश्चित रेखा द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं। इस रेखा को समान भागों एवं उपविभागों में बाँट दिया जाता है तथा उस पर दूरियाँ अंकित कर दी जाती हैं। मापनी रेखा के प्रथम भाग (बाईं ओर से) जिसमें गौण भागों का उपविभाजन किया जाता है, को छोड़कर 0 (शून्य) का अंकन किया जाता है। उसके आगे वाले भाग में (दाईं ओर से) क्रमशः वास्तविक दूरियों के मान विभाजन के अनुसार लिखे जाते हैं और शून्य के बाईं ओर गौण भागों के मान क्रमशः विभाजन के अनुसार लिख दिये जाते हैं।
(3) प्रदर्शक भिन्न :
प्रदर्शक भिन्न-इसको प्रतिनिधि भिन्न भी कहते हैं। इसमें मानचित्र पर मापी गई दूरी तथा भूमि पर मापी गई दूरी का अनुपात ऐसी भिन्न द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिसका अंश सदैव 1 (एक) रहता है। अंश मानचित्र पर मापी गई दूरी बताता है और हर भूमि पर मापी गई दूरी का ज्ञान कराता है। इसमें हर और अंश मापक की एक ही इकाई में होते हैं। अतः इस विधि में मापक का प्रदर्शन किसी मापक की इकाई में नहीं किया जाता बल्कि इसको किसी भी इकाई में पढ़ सकते हैं। इसी गुण के कारण यह मापक संसार में सर्वमान्य है। इसलिए सभी मानचित्रों में मापक प्रदर्शक भिन्न द्वारा दर्शाया जाता है और साथ में देश विशेष में उपयुक्त माप की इकाई में रेखात्मक मापक भी बनाया जाता है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रादेशिक योजनाओं को तैयार करने के लिए प्रयोग किया जाता है
(i) वितरण मानचित्र
(ii) भू-पत्रक मानचित्र
(iii) रूढ़ चिह्न
(iv) विशेष मानचित्र।
उत्तर:
(ii) भू-पत्रक मानचित्र
प्रश्न 2.
सामान्यतः उत्तर दिशा को किस अक्षर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
(i) ‘N’
(ii) ‘S’
(iii) ‘L’
(iv) ‘P’
उत्तर:
(i) ‘N’
रिक्त स्थान पूर्ति
- भूगोल के अध्ययन में ………… का विशेष महत्त्व है।
- मानचित्र सैनिकों को …………. उपयोगी होते हैं।
- उत्तर दिशा को …………. अक्षर से प्रकट किया जाता है।
- सुविधाजनक मानचित्र बनाने के लिए ………… का प्रयोग करते हैं।
- वर्षा, कृषि उपज, वनस्पति, उद्योगों को ………… मानचित्रों में दर्शाया जाता है।
उत्तर:
- मानचित्र
- युद्ध के समय
- ‘N’
- मापक
- वितरण।
सत्य/असत्य
प्रश्न 1.
समुद्र की गहराई को नीले रंग की विभिन्न आभाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
देश का मानचित्र बनाने का कार्य भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जाता है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
मानचित्र पठन एक विज्ञान है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
पृथ्वी का धरातल चौकोर है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
मानचित्र में मापक का विशेष महत्त्व है।
उत्तर:
सत्य
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर:
- → (ग)
- → (घ)
- → (क)
- → (ख)।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.
किसी भू-भाग का चित्रात्मक स्वरूप कहलाता है।
उत्तर:
मानचित्र
प्रश्न 2.
देशान्तर व अक्षांश रेखाओं के जाल का जो चित्र बनाया जाता है।
उत्तर:
प्रक्षेप
प्रश्न 3.
धरातलीय तथ्यों व लक्षणों को दिखाये जाने वाले चिह्न को कहते हैं।
उत्तर:
रूढ़ चिह्न
प्रश्न 4.
‘N’ का संकेत चिह्न क्या दर्शाता है?
उत्तर:
उत्तर दिशा को।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रक्षेप किसे कहते हैं?
उत्तर:
गोलाकार धरातल या उसके किसी अंश को समतल कागज या कपड़े पर दर्शाने हेतु किसी मापक और नियमों के अनुसार अक्षांश व देशान्तर रेखाओं के जाल का जो चित्र बनाया जाता है, उसे प्रक्षेप कहते हैं।
प्रश्न 2.
रूढ़ चिह्न क्या है?
उत्तर:
मानचित्र में धरातलीय तथ्यों व लक्षणों को दर्शाने हेतु कुछ चिह्न व संकेत तय किए गए हैं जिन्हें रूढ़ चिह्न कहते हैं।
प्रश्न 3.
दिशा संकेत क्या है?
उत्तर:
धरातल पर विभिन्न दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण) का बोध कराने हेतु मानचित्र में किसी उपयुक्त स्थान पर दिशा संकेत का चिह्न होता है। सामान्यत: उत्तर दिशा को ‘N’ अक्षर या ‘उ’ वर्ण या ‘उत्तर’ शब्द से प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 4.
मापक से क्या आशय है?
उत्तर:
मानचित्र के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की दूरी और धरातल पर उन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात को मापक कहते हैं।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मानचित्र की आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानचित्र की आवश्यकता-किसी राष्ट्र या भू-भागका भौगोलिक अध्ययन मानचित्र के बिना अधूरा है, क्योंकि मानचित्र भू-भाग का चित्रात्मक स्वरूप प्रस्तुत करता है। भूगोल में हम केवल पृथ्वी का प्राकृतिक स्वरूप ही नहीं पढ़ते वरन् धरातल पर निवास करने वाले मनुष्य और प्रकृति दोनों की गतिविधियों व उनके परस्पर प्रभाव का भी अध्ययन करते हैं। यह परस्पर प्रभाव जानने के लिए मानचित्र और उसकी समझ बहुत आवश्यक है। धरातल के भौतिक, राजनैतिक तथा अन्य स्वरूप सम्बन्धी लेखों को समझने में मानचित्र बहुत सहायक हैं अर्थात् भूगोल के अध्ययन में मानचित्र का विशेष महत्त्व है।
प्रश्न 2.
मानचित्रों में रूढ़ चिह्नों के प्रयोग की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
स्थलाकृति मानचित्रों में विभिन्न भू-आकृतियों; जैसे- पर्वत, नदी, झील, रेलमार्ग, सड़क, मन्दिर, मस्जिद, नगर आदि को प्रदर्शित किया जाता है किन्तु ये मानचित्र इतने छोटे होते हैं कि इनमें सभी वस्तुओं का नाम लिख पाना सम्भव नहीं है। अतः धरातलीय वस्तुओं के मानचित्र में कुछ चिह्न या संकेत निर्धारित कर लिये गये हैं जिन्हें रूढ़ चिह्न कहते हैं। रूढ़ चिह्नों का प्रयोग मानचित्र को सूचनात्मक तथा अधिकतम पठनीय बनाने के लिए किया जाता है। सर्वेक्षण विभाग रूढ़ चिह्नों की सूची जारी करता है।
प्रश्न 3.
छोटे मापक पर कौन-से मानचित्र बनाये जाते हैं? इनको कैसे प्रदर्शित किया जाता
उत्तर:
छोटे मापक पर पर्वत, पठार और मैदान के मानचित्र बनाये जाते हैं। छोटे मापक के मानचित्रों, जैसे-दीवार मानचित्र या एटलस में उच्चावच प्रदर्शन विभिन्न रंगों द्वारा किया जाता है। सामान्यतः नीचे भागों से ऊँचे भागों की ओर क्रमशः हरा, पीला, भूरा, लाल तथा बैंगनी रंगों का प्रयोग करते हैं। अधिक ऊँचे भागों (हिम क्षेत्रों) को रिक्त छोड़ दिया जाता है या सफेद रंग से दर्शाया जाता है। ऊँचाई को मीटर या फीट में प्रदर्शित किया जाता है। समुद्र की गहराई को नीले रंग की विभिन्न आभाओं द्वारा व्यक्त किया जाता है। अधिक गहरी आभा समुद्र के गहरे भाग को प्रदर्शित करती है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मानचित्र पठन हेतु हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
मानचित्र पठन एक रोचक विषय है। किसी जिले के स्थलाकृतिक पत्रक को निम्न प्रकार पढ़ा जा सकता है –
- शीर्षक :
मानचित्र के शीर्षक से यह ज्ञात हो जाता है कि मानचित्र किसलिए खींचा गया है। - मापक :
मापक द्वारा स्थानों के बीच की दूरी का ज्ञान होता है। - निर्देश :
निर्देश द्वारा मानचित्र में दिखाये गये चिह्नों का बोध होता है। - प्रक्षेप :
पृथ्वी की गोल आकृति को समतल कागज पर बनाने के लिए अक्षांश एवं देशान्तर रेखाओं के भिन्न-भिन्न प्रकार के ग्रिड बनाये जाते हैं जिनको प्रक्षेप कहते हैं। अतः मानचित्रों को आवश्यकतानुसार किसी एक प्रक्षेप पर बनाना पड़ता है। - धरातलीय स्वरूप-:
स्थलाकृतिक मानचित्र में समोच्च रेखाओं की ऊँचाई के आधार पर धरातलीय स्वरूप पहचाना जा सकता है। - परम्परागत चिह्न :
पृथ्वी के विभिन्न स्वरूपों, नदियों, झीलों, सड़कों, आवास आदि को प्रदर्शित करने के लिए परम्परागत चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। ये चिह्न अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त होते हैं। - दिशा :
प्रत्येक मानचित्र पर तीर का निशान हमें भौगोलिक उत्तर या चुम्बकीय उत्तर की दिशा बतलाता है। - वन क्षेत्र :
पत्रक में वन क्षेत्र को हरे रंग से दर्शाया जाता है। इस प्रकार स्थलाकृतिक मानचित्र के पठन से हम किसी क्षेत्र विशेष की भौगोलिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित के रूढ़ चिह्न बनाइए
मन्दिर (2009, 10, 12, 13, 14, 16, 18), मस्जिद (2009, 11, 13, 15), चर्च (2009), राज्य की सीमा (2011, 14), पक्की सड़क (2011, 12, 14, 16, 18), कच्ची सड़क (2015, 17), अन्तर्राष्ट्रीय सीमा (2011, 15), बड़ी रेल लाइन (2011, 13, 15, 18), झरना (2009), कुँआ (2009, 12, 14, 17), नदी (2009, 13, 15, 17), प्रकाश स्तम्भ रेलवे लाइन छोटी (2009, 12, 16), ईदगाह (2009), पगडण्डी (2010), तालाब (2010, 12, 14, 18), जिले की सीमा (2010, 17), उद्यान (2010, 16), पेड़ (2013), बसाहट (2016, 18)
उत्तर:
प्रश्न 3.
भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित क्षेत्रों को दर्शाइए।
- उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन एवं ज्वारीय वन।
- भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य एवं साइलेण्ट वैली।
- कान्हा किसली (2015) एवं कार्बेट नेशनल पार्क। (2008, 09)
- नन्दा देवी (2008), नीलगिरि (2008,09, 12, 15), सुन्दर वन, जैव आरक्षित क्षेत्र, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (2008)
उत्तर:
प्रश्न 4.
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए
- कराकोरम पर्वतमाला, सतपुड़ा (2008, 09, 10), अरावली (2008, 13)
- शिवालिक श्रेणियाँ, विन्ध्याचल पर्वत श्रेणियाँ (2012)
- भारत में हिमालय का सर्वोच्च शिखर (माउण्ट एवरेस्ट) (2009)
- छोटा नागपुर का पठार, महादेव श्रेणी (2010)
- गंगा (2008, 09, 15), ताप्ती, कृष्णा नदी (2008, 09), ब्रह्मपुत्र, कावेरी (2013), नर्मदा, (2008, 09)
- थार का मरुस्थल (2008,09)
- गोदावरी नदी, महानदी (2008)
- चिल्का झील (2009)
- अरब सागर (2008,09)
- नाथुला दर्रा, हिमालय (2012)
- मालवा का पठार (2013)।
उत्तर:
प्रश्न 5.
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए
- दिल्ली (2008, 09), विशाखापट्टनम्, भिलाई, भोपाल (2008, 09, 12, 15), चेन्नई (2009), मुम्बई (2008, 09, 13) अहमदाबाद, कोच्चि, इन्दौर, लखनऊ व कोलकाता
- चावल उत्पादक क्षेत्र
- सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान (चेरापूँजी)
- बंगाल की खाड़ी (2008, 09)।
उत्तर:
प्रश्न 6.
भारत के मानचित्र में निम्नांकित को दर्शाइए
- कर्क रेखा (2008, 09, 15)
- कच्छ का रन
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (2009)
- भाखड़ा-नंगल बाँध, हीराकुंड बाँध (2008), गाँधी सागर बाँध (2008, 09), सरदार सरोवर बाँध (2008, 09)।
उत्तर:
प्रश्न 7.
भारत के राजनैतिक मानचित्र में निम्नलिखित राज्यों को दर्शाइए
- जम्मू और कश्मीर
- असम
- कर्नाटक
- गुजरात
- मध्य प्रदेश
- लक्षद्वीप (2013)।
उत्तर: