MP Board Class 9th Special Hindi कविता का स्वरूप एवं पद्य साहित्य का विकास

MP Board Class 9th Special Hindi कविता का स्वरूप एवं पद्य साहित्य का विकास

प्रश्न 1.
कविता के बाह्य स्वरूप के तत्वों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कविता के बाह्य स्वरूप में निम्नलिखित तत्व सम्मिलित हैं

  1. लय-भाषा के प्रवाह में उतार-चढ़ाव (आरोह-अवरोह) तथा विराम के योग से लय की उत्पत्ति होती है।
  2. तुक-कविता की पंक्ति का अन्तिम वर्ण एवं ध्वनि में समानता का पाया जाना ही तुक कहा जाता है। इससे कविता में गेयता और संगीतात्मकता की सरसता और सहजता भर जाती है।
  3. छन्द-छन्द ही कविता में लय, तुक तथा गति देता है। प्रत्येक छन्द में मात्राओं और वर्णों का क्रम निश्चित होता है।
  4. शब्द-योजना-काव्य सौन्दर्य के लिए शब्द-योजना की जाती है जिससे काव्य में विशेष अर्थ की अभिव्यंजना सम्भव होती है।
  5. भाषा की चित्रात्मकता-भाषा की चित्रात्मकता से भाव की अभिव्यक्ति होती है।
  6. अलंकार-कवि के कथन में सौन्दर्य और अर्थ-गौरव के लिए अलंकार प्रयुक्त होते हैं। अलंकारों का अनावश्यक प्रयोग कविता के सौन्दर्य को बाधित करता है।

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प्रश्न 2.
कविता के आन्तरिक स्वरूप के तत्वों पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
कविता के आन्तरिक स्वरूप के तत्व अग्रलिखित

  • रसात्मकता,
  • अनुभूति की तीव्रता,
  • मर्मस्पर्शिता।

रसपूर्ण वाक्य ही काव्य कहा जाता है। शब्द और अर्थ काव्य का शरीर होता है तथा ‘रस’ ही उस शरीर का प्राण होता है। गद्य का सम्बन्ध बुद्धि से और कविता का सम्बन्ध हृदय से होता है। ‘वियोगी जन के हृदय’ से उत्पन्न कविता श्रोताओं या पाठकों के हृदय को स्पर्श करती है।

प्रश्न 3.
हिन्दी पद्य साहित्य को कितने कालों में विभाजित किया गया है ? इस काल-विभाजन की समय-सीमा भी निर्धारित कीजिए।
उत्तर-
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के विकास क्रम को संवत् 1050 वि. से शुरू हुआ माना है। आचार्य शुक्ल का यह मत ही प्रामाणिक माना गया है। इस साहित्यिक विकास-क्रम को निम्नलिखित चार कालों में विभाजित हुआ माना गया है-
काल-विभाजन – समय सीमा

  1. आदिकाल या वीरगाथाकाल – सन् 993 ई. से सन् 1318 ई. तक।
  2. भक्तिकाल (पूर्व मध्यकाल) – सन् 1318 ई. से सन् 1643 ई. तक।
  3. रीतिकाल (उत्तर मध्यकाल) – सन् 1643 ई. से सन् 1843 ई. तक।
  4. आधुनिक काल सन् 1843 – ई. से निरन्तर।

प्रश्न 4.
भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं

  • भक्ति भावना की प्रधानता।
  • किसी भी राजा के दरबार में आश्रय प्राप्त न करना।
  • काव्य सृजन का उद्देश्य केवल स्वान्तः सुखाया ही था।
  • धर्म, जाति साहित्यिक विधाओं एवं काव्य स्वरूप में समन्वय की भावना।
  • काव्य सौन्दर्य के कला एवं भाव पक्ष दोनों का सफलतापूर्वक निर्वाह।
  • जीवन को आदर्श प्रधान यथार्थता से जोड़ा गया।
  • कवि द्वारा अपने इष्ट के प्रति पूर्ण समर्पण के भाव की अभिव्यक्ति।

प्रश्न 5.
सगुण भक्तिधारा के दो प्रमुख कवियों के नाम उनकी एक-एक रचना सहित लिखिए।
उत्तर-

  1. तुलसीदास-रामचरितमानस,
  2. सूरदास-सूरसागर।

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प्रश्न 6.
कृष्णभक्ति काव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-

  • कृष्ण को ईश्वर का अवतार माना गया।
  • उनकी विशेष पूजा पर बल दिया।
  • कृष्ण के लोकरंजक स्वरूप का चिन्तन व वर्णन किया जाना।
  • सखाभाव की भक्ति की अवतारणा।
  • ज्ञान से बढ़कर प्रेम को अधिक महत्त्व दिया जाना।
  • मुक्तक शैली के गेय पदों की रचना।
  • प्रायः कृष्णभक्ति काव्य की रचना ब्रजभाषा में की गई है जिनमें कृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन किया गया है।

महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. भाषा के प्रवाह में उतार-चढ़ाव तथा विराम के योग से ………………………….. उत्पत्ति होती है। (लय/ताल)
2. अलंकारों का अनावश्यक प्रयोग कविता के सौन्दर्य को ………………………….. करता है। (वृद्धि/बाधित)
3. भाषा की चित्रात्मकता से ………………………….. अभिव्यक्ति होती है। (भाव की/आलंकारिकता की)
4. काव्य में विशेष अर्थ की अभिव्यंजना ………………………….. सम्भव है। (शब्द-योजना से/अलंकार प्रयोग से)
5. शब्द और अर्थ ………………………….. होता है। (काव्य का शरीर/काव्य की आत्मा)
उत्तर-
1. लय,
2. बाधित,
3. भाव की,
4. शब्द योजना से,
5. काव्य का शरीर।

सही विकल्प चुनिए-

1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के विकास-क्रम ‘ को शुरू हुआ माना है
(क) संवत् 1050 वि. से
(ख) संवत् 1150 वि. से
(ग) संवत् 940 वि. से
(घ) संवत् 1260 वि. से।
उत्तर-
(क) संवत् 1050 वि. से

2. वीरगाथा काल की समय-सीमा निर्धारित की है
(क) सन् 993 ई. से सन् 1318 ई. तक
(ख) सन् 1050 ई. से सन् 1210 ई. तक
(ग) सन् 715 ई. से सन् 1310 ई. तक
(घ) सन् 810 ई. से सन् 1250 ई. तक।
उत्तर-
(क) सन् 993 ई. से सन् 1318 ई. तक

3. रीतिकाल की समय-सीमा निर्धारित की गई है
(क) सन् 1643 ई. से सन् 1843 ई. तक
(ख) सन् 1540 ई. से सन् 1750 ई. तक
(ग) सन् 1610 ई. से सन् 1840 ई. तक
(घ) सन् 1460 ई. से सन् 1560 ई. तक।
उत्तर-
(क) सन् 1643 ई. से सन् 1843 ई. तक

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4. कविता का सम्बन्ध होता है-
(क) हृदय से
(ख) बुद्धि से
(ग) मौन से
(घ) पाठक से।
उत्तर-
(क) हृदय से

सही जोड़ी मिलाइए-
MP Board Class 9th Special Hindi कविता का स्वरूप एवं पद्य साहित्य का विकास 1
उत्तर-
(i) → (ङ),
(ii) → (ग),
(iii) → (घ),
(iv) → (ख),
(v) → (क)।

सत्य/असत्य-

1. लय की उत्पत्ति होती है भाषा के प्रभाव में उतार-चढ़ाव से।
2. शब्द योजना से काव्य सौन्दर्य असम्भव है।
3. अलंकारों का अनावश्यक प्रयोग कविता के सौन्दर्य को बाधित करता है।
4. रसपूर्ण वाक्य काव्य नहीं हो सकता।
5. प्रत्येक छन्द में मात्राओं और वर्णों का क्रम निश्चित होता है।
उत्तर-
1. सत्य,
2. असत्य,
3. सत्य,
4. असत्य,
5. सत्य।

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर-

1. मात्राओं और वर्णों का क्रम किसमें निश्चित होता है ?
उत्तर-
छन्द में।

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