MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वाक्यांश के लिए एकार्थी या एक शब्द
संक्षेप में बात कहना एक कला है। मुहावरे के रूप में कहें तो यह गागर में सागर भरने के समान है। बहुत थोड़े शब्दों में गंभीर और महत्त्वपूर्ण बात कहने के लिए हमारा शब्द–भंडार समृद्ध होना चाहिए। हमें उन शब्दों की पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए जो वाक्यांशों के लिए प्रयोग किए जाते हैं। ऐसे शब्दों के प्रयोग से वाक्य में आकर्षण और कसावट आ जाती है। दो उदाहरण देखिए–
1.
(क) भीष्म ने जीवन–भर विवाह न करने की प्रतिज्ञा की।
(ख) भीष्म ने आजीवन विवाह न करने की प्रतिज्ञा की।
2.
(क) विजय अपने प्रति किए गए उपकार को न माननेवाला लड़का है।
(ख) विजय कृतघ्न है।
ऊपर क और ख वाक्यों में एक ही बात को दो प्रकार से लिखा गया है। लेकिन इन दोनों वाक्यों के गठन में अंतर है। 1 के क वाक्य में ‘जीवन–भर’ का प्रयोग किया गया है और ख में ‘आजीवन’। इसी प्रकार 2 के क वाक्य में ‘अपने प्रति किए गए उपकार को न माननेवाला’ के लिए ख में केवल ‘कृतघ्न’ शब्द का प्रयोग हुआ है। निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि क वाक्यों की अपेक्षा ख वाक्य अधिक आकर्षक हैं। हमें अपने लेखन आकर्षक बनाने के लिए ऐसे शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए।
यहाँ वाक्यांशों के लिए प्रयोग किये जाने वाले शब्द दिए जा रहे हैं–
वाक्यांश – एक शब्द
- अभिनय करनेवाला पुरुष – अभिनेता
- अभिनय करनेवाली स्त्री – अभिनेत्री
- आगे आने वाला समय – भविष्य
- अपने प्रति किए गए उपकार को न मानने वाला – कृतघ्न
- अपने प्रति किए गए उपकार को मानने वाला – कृतज्ञ
- अच्छे आचरण वाला – सदाचारी
- आकाश को चूमने वाली – गगनचुंबी
- कम बोलने वाला – मितभाषी
- कम खर्च करने वाला – मितव्ययी
- जिसका अंत न हो – अनन्त
- छोटा भाई – अनुज
- खेती करने वाला – कृषक
- जो आसानी से प्राप्त हो जाता है – सुलभ।
- जो सर्वत्र विद्यमान हो। – सर्वव्यापी
- जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ
- जब सर्दी और गर्मी समान हो – समशीतोष्ण
- जो सदा अस्तित्व में रहता हो – शाश्वत
- जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
- जो सहन न हो सके – असह्य
- जिस जमीन पर कुछ न उगता हो – बंजर
- इतिहास से संबंधित – ऐतिहासिक
- नाव चलानेवाला – केवट, नाविक
- दुख देने वाला – दुखदायी
- जिसका करना कठिन है – दुष्कर
- जो नया आया हुआ हो – नवागंतुक
- जो रात्रि में विचरण करता है – निशाचर
- जो नीति को जानता हो – नीतिज्ञ
- जिसके पास धन न हो – निर्धन
- जिसको भय न हो – निर्भय
- जो लज्जित न हो – निर्लज्ज
- जिसका कोई आश्रय न हो – निराश्रय
- जिसका कोई विरोध न हो – निर्विरोध
- किसी एक का पक्ष लेनेवाला – पक्षपाती
- जो किसी के अधीन हो – पराधीन
- किसी लिखे हुए की नकल – प्रतिलिपि
- जो किसी के अधीन हो – पराधीन
- जिस समय बहुत कठिनाई से भिक्षा मिलती हो – दुर्भिक्ष
- जिसकी सीमा न हो – असीम
- जिस पुरुष की स्त्री मर गई हो – विधुर
- जिस स्त्री का पति मर गया हो – विधवा
- जहाँ दो या अधिक नदियों का मिलन हो – संगम
- जो पढ़ना–लिखना न जानता हो – निरक्षर
- जो कभी न मरे – अमर
- जो मांस का आहार करता हो – मांसाहारी
- जो मांस का आहार न करता हो – शाकाहारी
- जो ईश्वर की सत्ता को न मानता हो – नास्तिक
- जो ईश्वर की सत्ता को मानता हो – आस्तिक
- जो अच्छे कुल में उत्पन्न हुआ हो – कुलीन
- जन्मभर – आजन्म
- जो दूसरों से ईर्ष्या करता हो – ईर्ष्यालु
- जो प्राणी जल में रहे – जलचर
- जो लोक में प्रिय हो – लोकप्रिय
- दोपहर का समय – मध्याह्न
- बीता हुआ समय – अतीत
- किसी परिश्रम के बदले मिलनेवाला धन – पारिश्रमिक
- बहुत बातें जानने वाला – बहुज्ञ
- मीठी बात कहनेवाला – मृदुभाषी
- बहुत बोलने वाला – वाचाल
- जो राजगद्दी का अधिकारी हो – युवराज
- जहाँ नाटक खेला जाता हो – नाट्यशाला या रंगमंच
- जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ हो – लौह पुरुष
- जो सारे विश्व में व्याप्त हो – विश्वव्यापी
- शारीरिक दृष्टि से जिसका पूर्ण विकास हो गया हो – वयस्क
- एक वर्ष में होने वाला – वार्षिक
- किसी विषय को विशेष रूप से जानने वाला – विशेषज्ञ
- जो स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अथवा उसे प्राप्त करने के लिए जान गँवाता है – शहीद
- किसी चीज का सबसे ऊंचा सिरा – शीर्ष
- वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाए जाते हैं – श्मशान
- शिव की उपासना करने वाला – शैव
- वह जो किसी प्रकार का संवाद देता हो – संवाददाता
- जहाँ लोगों का मिलन हो – सम्मेलन
- अपना मतलब पूरा करनेवाला – मतलबी, स्वार्थी
- जो तीनों लोकों का स्वामी हो – त्रिलोकीनाथ
- दूर की सोचने वाला – दूरदर्शी
- देखने योग्य – दर्शनीय
- जो लज्जाविहीन हो – निर्लज्ज
- शक्ति के अनुसार – यथाशक्ति
- जो सभी का प्रिय हो – सर्वप्रिय
- जिस पर विश्वास न किया जा सके – अविश्वसनीय
- जिसका वर्णन न किया जा सके – अवर्णनीय
- जो उत्तर न दे सके – निरुत्तर
- जो प्राणी जल में रहे – जलचर
- दुष्ट बुद्धि वाला – दुर्बुद्धि
- जिसके समान दूसरा कोई न हो – अद्वितीय
- जिसमें दया न हो – निर्दयी
- जिसमें विकार न हो – निर्विकार
- जो नष्ट न होने वाला हो – अमर
- जानने की इच्छा – जिज्ञासु
- सूर्य से संबंध रखने वाला – सौर
- जो दान करता हो – दानी