MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण

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MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण

जीव जगत का वर्गीकरण NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वर्गीकरण की पद्धतियों में समय के साथ आए परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
1. लिनीयस:
कैरोलस लिनीयस (1707 – 1778) एक प्रमुख स्वीडिश जीव विज्ञानी थे, जिन्हें जीव विज्ञान विषय में उनके योगदान के कारण वर्गीकरण का जनक कहा जाता है। ये वर्गीकरण की द्वि – जगत वर्गीकरण पद्धति के जनकों में से एक हैं। आज भी हम इन्हीं के वर्गीकरण को आधार मानकर जीवों का आधुनिक वर्गीकरण करते हैं । इन्होंने सम्पूर्ण जीवों को दो जगत जन्तु एवं पादप में बाँटा है। जीवों के नामकरण की द्वि-नाम नामकरण पद्धति के भी जनक लिनीयस ही थे, जिसके कारण जीवों को पूरे विश्व में एक नाम मिला एवं जीव विज्ञान का अध्ययन आसान बना। इन्होंने अपनी पुस्तक ‘सिस्टेमा नेचुरी’ में 4378 जन्तुओं को वैज्ञानिक नाम दिया।

2. कृत्रिम वर्गीकरण:
कृत्रिम वर्गीकरण, वर्गीकरण की प्राचीनतम एवं अप्राकृतिक पद्धति है, जिसमें जीवों को, उनके एक या कुछ लक्षणों जैसे-आवास, बाह्य आकार, व्यवहार तथा आकृति की समानता आदि को आधार मानकर वर्गीकृत किया जाता है। वर्गीकरण की यह पद्धति 300 B.C. से सन् 1830 तक प्रचलित रही। अरस्तू, थियोफ्रास्टस तथा जॉन रे इस वर्गीकरण पद्धति के प्रमुख वैज्ञानिक थे। प्लाइनी इस पद्धति के प्रमुख समर्थक थे, जिन्होंने जन्तुओं को पहली शताब्दी में आवास के आधार पर वर्गीकृत किया।लिनीयस द्वारा पौधों के वर्गीकरण के लिए भी इस पद्धति का प्रयोग किया गया।

3. प्राकृतिक वर्गीकरण:
वह वर्गीकरण पद्धति है जिसमें जीवों के रचनात्मक आकृति, स्वभाव, व्यवहार आदि के गुणों के एक विस्तृत समूह तथा उनके बीच के प्राकृतिक सम्बन्धों को आधार मानकर जीवों का वर्गीकरण किया जाता है। इसकी शुरुआत कैरोलस लिनीयस ने की थी, लेकिन इसका प्रचलन बाद में शुरू हुआ।आधुनिक वर्गीकरण इसी पद्धति पर आधारित है । बेन्थम एवं हूकर (1862 एवं 1883) का पादप वर्गीकरण तथा हेनरी एवं यूसिन्जर का जन्तु वर्गीकरण इसी पद्धति पर आधारित है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित के बारे में आर्थिक दृष्टि से दो महत्वपूर्ण उपयोगों को लिखिए –
(1) परपोषी बैक्टीरिया
(2) आद्य बैक्टीरिया।
उत्तर:
(1) परपोषी बैक्टीरिया:

  1. नाइट्रोजन स्थिरीकरण – कुछ जीवाणु जैसे-ऐजोटोबॅक्टर तथा क्लॉस्ट्रिडियम नाइट्रोजन स्थिरीकरण द्वारा भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं।
  2. लैक्टिक अम्ल निर्माण – लैक्टोबैसिलस लैक्टाई जीवाणु दूध के लैक्टोज को लैक्टिक अम्ल (दही) में परिवर्तित कर देते हैं।
  3. ऐसीटिक अम्ल निर्माण – ऐसीटोबैक्टर ऐसीटाई जीवाणु सिरका का निर्माण करता है।
  4. रेशे की रेटिंग – कुछ जीवाणु, जैसे – क्लॉस्ट्रिडियम ब्यूटीरियम पादप रेशों के उत्पादन में सहायता करते हैं।
  5. तम्बाकू एवं चाय उद्योग-कुछ जीवाणु, जैसे – माइकोकॉकस कॉण्डीसेन्सतम्बाकू एवं चाय की सीजनिंग करते हैं।
  6. औषधि निर्माण – कुछ जीवाणुओं जैसे – स्ट्रेप्टोमाइसिस से प्रतिजैविक औषधियाँ प्राप्त होती हैं।

(2) आद्य बैक्टीरिया:

  1. मेथैनोजेन्स (Mathanogens) – इसके अन्दर वे अवायवीय जीवाणु आते हैं, जो CO2 या फॉर्मिक अम्ल से मेथेन बनाते हैं।
  2. हैलोफाइल्स (Halophyles) – ये बहुत नमक सान्द्रता में पाये जाते हैं। मेथैनोजेन्स तथा हैलोफाइल्स अनिवार्य रूप से अवायवीय होते हैं और आर्कीबैक्टीरिया का अवायवीय समूह बनाते हैं।
  3. थर्मोएसिडोफिल्स (Thermoacidophyles) – ये ऐसे वायवीय या अवायवीय आर्कीबैक्टीरिया हैं, जो गर्म तथा गन्धक युक्त झरनों में पाये जाते हैं। वायवीय परिस्थिति में ये गन्धक को H2SO4 में लेकिन अवायवीय परिस्थिति में H2S में बदल देते हैं।

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प्रश्न 3.
डायटम की कोशिका भित्ति के क्या लक्षण हैं?
उत्तर:
डायटम में कोशिका भित्ति साबुनदानी की तरह दो अतिव्यापित कवच (Overlapping cells) बनाती है। इनकी कोशिका भित्ति सिलिका (Silica) की बनी होती है, जिस कारण ये नष्ट नहीं होते हैं। मृत डायटम अपने परिवेश में कोशिका भित्ति के अवशेष बड़ी संख्या में छोड़ जाते हैं । करोड़ों वर्षों में जमा हुए इस अवशेष को डायटमी मृदा (Diatomaceous soil) कहते हैं। डायटमी मृदा श्वेत छिद्रित रसायनग्राही तथा अग्निसह (Fire proof) होती है।

प्रश्न 4.
शैवाल पुष्पन (Algal bloom) तथा लाल तरंगें (Red tides) क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर:
शैवाल पुष्पन (Algal bloom):
कभी-कभी कुछ हरे शैवाल जैसे – क्लोरेला, सेनडेस्मस एवं स्पाइरोगायरा आदि की जल स्रोतों में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है तथा ये आपस में गुच्छित होकर जल को हरा रंग प्रदान कर देते हैं। इस अवस्था को शैवाल पुष्पन (Algal bloom) कहा जाता है।

लाल तरंगें (Red tides):
लाल रंग की डायनोफ्लैजिलेट शैवाल, उदाहरण-डेस्मिड, स्वच्छ एवं लवणीय जल में पाये जाते हैं। कभी – कभी समुद्र में इनकी वृद्धि बहुत अधिक मात्रा में हो जाती है। जिसके कारण पानी का रंग लाल हो जाता है तथा समुद्र की लहरें भी लाल रंग की दिखाई पड़ने लगती हैं।

प्रश्न 5.
वायरस से वाइरॉइड किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर:
वायरस, वाइरॉइड से निम्नानुसार भिन्न होते हैं –

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प्रश्न 6.
प्रोटोजोआ के चार प्रमुख समूहों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रचलन अंगों के आधार पर प्रोटोजोआ को चार प्रमुख समूहों में बाँटा गया है –

  1. कशाभी (Zooflagellates)
  2. सार्कोडिना या अमीबीय प्रोटोजोआ (Sarcodines)
  3. स्पोरोजोआ (Sporozoa) तथा
  4. पक्ष्माभी प्रोटोजोआ (Ciliates)

1. कशाभी प्रोटोजोआ (Zooflagellata):
इस प्रकार के प्रोटोजोआ में प्रचलन हेतु एक अथवा कई कशाभिकाएँ (Flagella) पाये जाते हैं। ये प्राय: एककेन्द्रकीय (Uninucleate) लेकिन कभी-कभी बहुकेन्द्रकीय (Multinucleate) होते हैं। उदाहरण – जिआर्डिया (Giardia), ट्रिपेनोसोमा (Trypanosoma)

2. अमीबीय प्रोटोजोअन (Sarcodines):
इस प्रकार के प्रोटोजोआ में प्रचलन अंग कूटपाद (Pseudopodia) पाये जाते हैं। ये अपने कूटपादों की सहायता से सूक्ष्मजीवों का शिकार कर लेते हैं। अमीबीय प्रोटोजोआ प्रायः एककेन्द्रकीय होते हैं। उदाहरण – अमीबा एवं इसकी अन्य प्रजातियाँ।

3. स्पोरोजोआ (Sporozoa):
इस समूह के समस्त जीव अन्तः परजीवी (Endoparasite) होते हैं, तथा इनमें प्रचलन अंगों का अभाव होता है। इनमें परजीवी पोषण पाया जाता है। शरीर के चारों तरफ पेलिकल (Pellicle) का आवरण पाया जाता है। इनका जीवन-चक्र, अलैंगिक तथा लैंगिक दो चक्रों में पूर्ण होता है। उदाहरण – प्लाज्मोडियम, मोनोसिस्टिस।

4. पक्ष्माभी प्रोटोजोआ (Ciliates):
ये जलीय तथा अत्यन्त सक्रिय गति करने वाले जीवधारी हैं, क्योंकि इनके शरीर पर हजारों की संख्या में पक्ष्माभ (Cilia) पाए जाते हैं । इसके शरीर में एक ग्रसिका (Gullet) होती है जो कोशिका की सतह के बाहर की तरफ खुलती है। पक्ष्माभों की लयबद्ध गति के कारण जल से पूरित भोजन ग्रसिका (Gullet) की तरफ भेज दिया जाता है। उदाहरण – पैरामीशियम।

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प्रश्न 7.
पादप स्वपोषी है। क्या आप ऐसे कुछ पादपों को बता सकते हैं, जो आंशिक रूप से परपोषित हैं ?
उत्तर:
पादप जगत (Plantae) वे सभी जीव है, जो यूकैरियोटिक हैं तथा जिसमें क्लोरोफिल होते हैं, पादप (Plant) कहलाते हैं। ये अपना भोजन स्वतः निर्मित कर लेते हैं, अत: स्वपोषी हैं। लेकिन कुछ पादप जैसे कीटभक्षी पौधे तथा परजीवी आंशिक रूप में विषमपोषी होते हैं। ब्लैडरवर्ट तथा कलश पादप कीटभक्षी तथा अमरबेल परजीवी पौधों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 8.
शैवालांश तथा कवकांश शब्दों से क्या पता चलता है ?
उत्तर:
शैवाल घटक को शैवालांश (Phycobiant) तथा कवक के घटकों को कवकांश (Mycobiant) कहते हैं जो क्रमशः स्वपोषी तथा परपोषी होते हैं। शैवाल, कवक (Fungi) के लिए भोजन संश्लेषित करता है और कवक, शैवाल को आश्रय देता है तथा खनिज एवं जल का अवशोषण करता है। इस प्रकार शैवाल एवं कवक का सहजीवन लाइकेन (Lichens) में पाया जाता है।

प्रश्न 9.
कवक (फंजाई )जगत के वर्गों का तुलनात्मक विवरण निम्नलिखित बिन्दुओं पर कीजिए –

  1. पोषण की विधि
  2. जनन की विधि।

उत्तर:
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प्रश्न 10.
यूग्लीनॉइड के विशिष्ट चारित्रिक लक्षण कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
यूग्लीनॉइड के लक्षण:

  • इनमें से अधिकांश स्वच्छ जल (Fresh water) में पाये जाते हैं।
  • इनमें कोशिका भित्ति के स्थान पर एक प्रोटीन से बनी लचीली झिल्ली पेलिकल (Pellicle) पायी जाती है।
  • इनमें दो कशाभ (Flagella) पाये जाते हैं, जिनमें से एक छोटा तथा दूसरा बड़ा होता है।
  • इसमें क्लोरोफिल पाया जाता है, अत: प्रकाश की उपस्थिति में ये अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। प्रकाश की अनुपस्थिति में ये सूक्ष्मजीवधारियों का शिकार कर परपोषण करते हैं। उदाहरण – यूग्लीना (Euglena)।

प्रश्न 11.
संरचना तथा आनुवंशिक पदार्थ के संदर्भ में वायरस का संक्षिप्त विवरण दीजिए। वायरस से होने वाले चार रोगों का नाम लिखिए।
उत्तर:
विषाणु की संरचना:
विषाणु 0-00001 मिमी से 0-00035 मिमी के अति सूक्ष्मजीव हैं जिसमें जीव तथा निर्जीव दोनों के लक्षण पाये जाते हैं इसलिए इनको जीव तथा निर्जीव के बीच की कड़ी मानते हैं। यह रचनात्मक दृष्टि से तीन भागों का बना होता है –

  • प्रोटीन कैप्सिड
  • न्यूक्लिक अम्ल
  • आवरण।

इसके चारों तरफ एक खोल पायी जाती है जिसे कैप्सिड कहते हैं। यह कैप्सोमीयर नामक छोटी इकाइयों का बना होता है। एक कैप्सिड में कम से कम 12 कैप्सोमीयर पाये जाते हैं । कैप्सोमीयर मोनोमियर नामक उपइकाइयों के बने होते हैं जो एक से पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं का बना होता है। कुछ विषाणुओं में कैप्सिड के अन्दर DNA अथवा RNA न्यूक्लिक अम्लों की श्रृंखला आनुवंशिक पदार्थ के रूप में पायी जाती हैं।

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रोग:

  • यह पौधों में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं, जैसे – तम्बाकू का मोजेक रोग, केले का हरित रोग, पपीते की पत्तियों का मुड़ना।
  • ये जन्तुओं में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं। जैसे – मनुष्य में पोलियो, खसरा, जुकाम आदि।

प्रश्न 12.
अपनी कक्षा में इस शीर्षक, ‘क्या वायरस सजीव है अथवा निर्जीव’, पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विषाणुओं को सजीव एवं निर्जीव के मध्य एक संयोजक कड़ी (Connective link) माना गया है। विषाणुओं के जैविक एवं अजैविक लक्षण इस प्रकार हैं –

(A) विषाणुओं के जैविक लक्षण:

  • विषाणुओं में गुणन पाया जाता है।
  • इसका गुणन (Multiplication) केवल जैविक कोशिकाओं में होता है।
  • ये अनिवार्य परजीवी (Obligate parasite) होते हैं।
  • ये प्रोटीन एवं नाभिकीय अम्लों के बने होते हैं।
  • इसमें DNA एवं RNA आनुवंशिक पदार्थ के रूप में पाया जाता है।
  • इनमें उच्च अनुकूलन क्षमता होती है।
  • ये उत्परिवर्तन प्रदर्शित करते हैं।

(B) विषाणुओं के अजैविक लक्षण:

  • इसका रवाकरण (Crystallization) किया जा सकता है।
  • श्वसन एवं श्वसनांगों का अभाव होता है।
  • एन्जाइम तथा प्रोटोप्लाज्म का अभाव होता है।
  • ये पोषक विशिष्टता (Host – Specificity) प्रदर्शित करते हैं।

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जीव जगत का वर्गीकरण अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

जीव जगत का वर्गीकरण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –

1. ‘जाति’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया था –
(a) जॉन रे
(b) लिनीयस
(c) अरस्तू
(d) चरक।
उत्तर:
(a) जॉन रे

2. ‘सिस्टेमा नैचुरी’ नामक पुस्तक के लेखक थे –
(a) बेन्थम
(b) हूकर
(c) लिनीयस
(d) एंग्लर।
उत्तर:
(c) लिनीयस

3. ‘स्पीशीज प्लाण्टेरम’ के लेखक हैं –
(a) लैमार्क
(b) लिनीयस
(c) थियोफ्रास्ट्स
(d) येन।
उत्तर:
(b) लिनीयस

4. पाँच – जगत वर्गीकरण किस वैज्ञानिक ने दिया –
(a) लिनीयस
(b) बेन्थम
(c) हूकर
(d) व्हिटकर।
उत्तर:
(d) व्हिटकर।

5. विषाणुओं को रवों के रूप में किस वैज्ञानिक ने प्राप्त किया
(a) स्टैन्ले
(b) गाइरर
(c) व्हिटकर
(d) वाइजरन्कि
उत्तर:
(a) स्टैन्ले

6. विषाणुओं का आनुवंशिक पदार्थ है
(a) DNA और RNA
(b) DNA या RNA
(c) गुणसूत्र
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) DNA या RNA

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7. जीव वर्गीकरण की मूल इकाई है –
(a) वर्ग
(b) जाति
(c) वंश
(d) जगत्।
उत्तर:
(b) जाति

8. जीव वर्गीकरण का सर्वोच्च संवर्ग है –
(a) वर्ग
(b) संघ
(c) वंश
(d) जाति
उत्तर:
(b) संघ

9. होमो सैपिएन्स किस जन्तु का वैज्ञानिक नाम है –
(a) मनुष्य
(b) बैल
(c) जोंक
(d) मेढक
उत्तर:
(a) मनुष्य

10. मादा घोड़े तथा नर गधे से उत्पन्न संकर जीव है –
(a) बन्दर (Monkey)
(b) चूहा (Rat)
(c) खच्चर (Mule)
(d) घोड़ा (Horse)
उत्तर:
(c) खच्चर (Mule)

11. वर्गीकरण की मुख्य इकाई है –
(a) जाति
(b) वंश
(c) (a) एवं (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) जाति

12. द्वि – नाम नामकरण पद्धति को किसने प्रस्तावित किया था –
(a) डार्विन
(b) कैरोलस लिनीयस
(c) ह्यूगो डी वीज
(d) मेण्डल।
उत्तर:
(b) कैरोलस लिनीयस

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13. ‘जेनेरा प्लाण्टेरम’ के लेखक हैं –
(a) बेन्थम एवं हूकर
(b) लिनीयस
(c) एंग्लर
(d) प्रांटल।
उत्तर:
(a) बेन्थम एवं हूकर

14. नग्नबीज किसमें पाए जाते हैं –
(a) शैवाल
(b) टेरिडोफाइटा
(c) जिम्नोस्पर्म
(d) एंजियोस्पर्म
उत्तर:
(c) जिम्नोस्पर्म

15. सबसे प्राचीनतम जीवित संवहनी पादप है –
(a) लाल शैवाल
(b) फर्न
(c) भूरी शैवाल
(d) लाइकेन्स।
उत्तर:
(b) फर्न

16. प्लाज्मिड जीवाणु में होते हैं –
(a) अतिरिक्त गुणसूत्र
(b) अतिरिक्त नाभिक
(c) अतिरिक्त मेटाबोलाइट
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(a) अतिरिक्त गुणसूत्र

17. लिनीयस द्वारा प्रतिपादित वर्गीकरण कृत्रिम था क्योंकि –
(a) यह विकासीय रीतियों पर आधारित था
(b) उसमें पुष्पीय तथा अल्प आकारिकीय लक्षणों में समानताएँ और विभिन्नताओं को विचार में लिया गया था
(c) यह शरीर क्रियात्मक लक्षणों पर आधारित था
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) उसमें पुष्पीय तथा अल्प आकारिकीय लक्षणों में समानताएँ और विभिन्नताओं को विचार में लिया गया था

18. जातिवृत्तीय वर्गीकरण है –
(a) विकास की दशाओं के अनुसार
(b) पुष्पीय समानता के आधार पर
(c) सभी आकारिकीय लक्षणों के आधार पर वर्गीकरण
(d) बढ़ती जटिलता के अनुसार वर्गीकरण।
उत्तर:
(a) विकास की दशाओं के अनुसार

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19. वर्गीकरण विज्ञान के सर्वप्रथम महान् वनस्पतिज्ञ कौन थे –
(a) जे.डी. हूकर
(b) एंग्लर
(c) लिनीयस
(d) अरस्तू।
उत्तर:
(c) लिनीयस

20. वंश ऐसा समूह है, जिसमें परस्पर सम्बन्धित होती है –
(a) कुल
(b) जाति
(c) गण
(d) जेनेरा।
उत्तर:
(b) जाति

21. कृत्रिम प्रणाली द्वारा वर्गीकरण का आधार है –
(a) एक या दो या कुछ लक्षण
(b) जितने सम्भव हो उतने अधिक लक्षण
(c) जातिवृत्तिक लक्षण
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) एक या दो या कुछ लक्षण

22. वर्गीकरण का उद्देश्य है –
(a) जीवों को संग्रहीत करना
(b) जीवों को पहचानना
(c) जीवों को खोजना
(d) जीवों को खोजना, पहचानना, नामकरण करना तथा समूहों में बाँटना
उत्तर:
(d) जीवों को खोजना, पहचानना, नामकरण करना तथा समूहों में बाँटना

23. द्वि-नाम पद्धति का अभिप्राय प्राणियों के नाम को दो शब्दों में लिखना है, वे हैं –
(a) प्रकार व जाति
(b) गण व कुल
(c) प्रकार व विभिन्नताएँ
(d) कुल एवं प्रकार।
उत्तर:
(a) प्रकार व जाति

24. गोल जीवाणु है –
(a) बैसीलस
(b) कोकाई
(c) स्पाइरिलम
(d) कोमा।
उत्तर:
(b) कोकाई

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25. लेग्यूमिनस पौधे की जड़ की गाँठ में पाया जाने वाला N, स्थिरीकारक जीवाणु है –
(a) एजोटोबैक्टर
(b) नाइट्रोबैक्टर
(c) लैक्टोबैसिलस
(d) राइजोबियम।
उत्तर:
(d) राइजोबियम।

26. जीवाणु कोशिका की भित्ति का एक प्रमुख बहुलक है –
(a) पेप्टाइडोग्लाइकेन
(b) सेल्युलोज
(c) काइटिन
(d) जाइलॉन।
उत्तर:
(b) सेल्युलोज

27. लौह जीवाणुओं का एक उदाहरण है –
(a) वैगिएटोआ
(b) जियोबैसिलस
(c) थायोबैसिलस
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) जियोबैसिलस

28. अकार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण से ऊर्जा प्राप्त करने वाले जीवाणु कहलाते हैं –
(a) कीमोलिथोट्रॉफ
(b) फोटोलिथोट्रॉफ
(c) फोटोऑर्गेनोट्रॉफ.
(d) कीमोऑर्गेनोट्रॉफ।
उत्तर:
(a) कीमोलिथोट्रॉफ

29. माइकोप्लाज्मा के लिए कौन-सा कथन सत्य है –
(a) कोशिका भित्ति की उपस्थिति
(b) केन्द्रक की उपस्थिति
(c) कोशिका भित्ति की अनुपस्थिति
(d) निश्चित आकार।
उत्तर:
(c) कोशिका भित्ति की अनुपस्थिति

30. नॉस्टॉक है, एक –
(a) नील-हरित जीवाणु
(b) माला समान जीवाणु
(c) जीवाणुभोजी
(d) परजीवी।
उत्तर:
(a) नील-हरित जीवाणु

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. वर्गीकरण विज्ञान के जनक …………. हैं।
  2. द्विनाम पद्धति ……………. ने लागू की।
  3. वंश ऐसा समूह है जिसमें …………… परस्पर संबंधित होते हैं।
  4. किसी जाति के विकासात्मक इतिहास को …………. कहते हैं।
  5. शैवाल व कवक दोनों पौधे सहजीवी के रूप में ………… में साथ होते हैं।
  6. ………. जीव में जीवित व अजीवित के गुण पाये जाते हैं।
  7. पाँच जगत वर्गीकरण के प्रणेता ………… थे।
  8. जीव जगत में सही स्थिति जानने के अध्ययन को ………… कहते हैं।
  9. सदियों से पूर्ण जीवधारियों की रचना का ज्ञान …………… से मिलता है।
  10. पक्षी व सरीसृप के बीच की कड़ी का नाम ………….. है। …………
  11. ………. को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है।
  12.  ………. ने सबसे पहले प्राकृतिक वर्गीकरण पद्धति को प्रस्तुत किया था तथा स्पीशीज शब्द का प्रतिपादन किया था।
  13. जीवों के वर्गीकरण का सबसे पहले व्यवस्थित प्रयास …….. एवं …… ने किया।
  14. ………… सबसे बड़ी जन्तु कोशिका है।
  15. मनुष्य का वैज्ञानिक नाम ……….. है।
  16. जीवाणुभोजी की केन्द्रक में ……….होता है।
  17. लेग्यूमिनोसी कुल के पौधे कृषि के लिए लाभदायक होते हैं, क्योंकि उनमें ………. होता है।
  18. दुग्ध उत्पादन के किण्वन के लिए …………… उत्तरदायी होता है।
  19. जीवाणु की कोशिका भित्ति…………… से बनी होती है।
  20.  …………….द्वारा जीवाणु लैंगिक प्रजनन करते हैं।
  21. मिथेनोजन जीवाणु …………. जीवाणु है।
  22. निमोनिया रोग …………. द्वारा उत्पन्न होता है।

उत्तर:

  1. कैरोलस लिनीयस
  2. कैरोलस लिनीयस
  3. जाति
  4. जातिवृत्ति
  5. लाइकेन
  6. वाइरस
  7. व्हिटकर
  8. वर्गिकी
  9. जीवाश्म
  10. आर्कियोप्टेरिक्स
  11. चरक
  12. जॉन रे
  13. हिपोक्रेट्स एवं अरस्तू
  14. ऑस्ट्रिच का अंडा
  15. होमो सेपियन्स-लिनास
  16. D.N.A.
  17. राइजोबियम (सहजीवी) जीवाणु
  18. लैक्टोबैसिलस एवं एस. लेक्टीस
  19. म्यूको-कॉम्प्लेक्स
  20. आनुवंशिक इकाइयों के स्थानांतरण
  21. अवायवीय
  22. जीवाणु।

प्रश्न 3.
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण - 4
उत्तर:

  1. (d) चरक
  2. (c) हीकल
  3. (e) आर.एच. व्हिटकर
  4. (b) जॉन रे
  5. (f) कैरोलस लिनीयस।
  6. (a) कोपलैण्ड

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण - 5

उत्तर:

  1. (e) छड़ाकार जीवाणु।
  2. (c) सर्पिलाकार जीवाणु
  3. (b) साधारण गोल जीवाणु
  4. (a) गोल माला के समान जीवाणु
  5. (d) प्रोकैरियॉटिक एककोशिकीय

प्रश्न 4.
एक शब्द में उत्तर दीजिए –

  1. कौन-से जीव में जीवित व अजीवित दोनों के गुण पाए जाते हैं?
  2. पाँच जगत वर्गीकरण के प्रणेता कौन थे?
  3. जीवधारियों के जीव जगत में सही स्थिति जानने के अध्ययन की शाखा का नाम लिखिए।
  4. सदियों पूर्व जीवधारियों की रचना का ज्ञान कैसे होता है ?
  5. उस प्राचीनतम जीवाश्म का नाम लिखिए जो पक्षी एवं सरीसृप के बीच की कड़ी माना जाता है।
  6. न्यूक्लियोप्रोटीन के बने अतिसूक्ष्म जीव जिन्हें केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देख सकते हैं, कहलाता है।
  7. प्राचीनतम जीवित जीवाश्म किसे कहते हैं?
  8. कभी-कभी जीवाणुओं के कोशिका द्रव्य में मुख्य DNA तंतु के अलावा कुछ स्वतंत्र छोटी आनुवंशिक इकाइयाँ मिलती हैं, क्या कहलाती है?
  9. जो जीवाणु H2S या 5 से ऊर्जा प्राप्त करते हैं उन्हें कौन-सा जीवाणु कहते हैं?
  10. जब प्लाज्मिड मुख्य आनुवंशिक इकाई से संयुक्त अवस्था में पाये जाते हैं, इन्हें क्या कहते हैं?

उत्तर:

  1. विषाणु
  2. व्हिटकर
  3. वर्गिकी
  4. जीवाश्म से
  5. आर्कियोप्टेरिक्स
  6. विषाणु
  7. आर्कीबैक्टीरिया
  8. प्लाज्मिड
  9. गंधक
  10. एपीसोम्स।

प्रश्न 5.
सत्य / असत्य बताइए –

  1. लोरेन्थस एवं विस्कस आंशिक परजीवी हैं।
  2. वर्गीकरण में प्रयुक्त संवर्गों में सबसे उच्च संवर्ग संघ है।
  3. जीवों के विभिन्न समूहों को उनके गुणों तथा विकास के आधार पर एक निश्चित श्रृंखला में व्यवस्थित करना पदानुक्रम कहलाता है।
  4. थियोफ्रास्टस ने वंश तथा कुल शब्दों का सर्वप्रथम प्रयोग किया।
  5. भारतवर्ष में जीवों के वर्गीकरण का प्रमाण वेद और उपनिषद् में भी मिलता है।
  6. पौधे को सूखाकर, दबाकर, कागज के शीटों पर वर्गीकरण की किसी मान्य पद्धति के अनुसार क्रमबद्ध कर भविष्य के लिए संरक्षित करने की संग्रह विधि हर्बेरियम कहलाती है।
  7. अचार, जेली में अधिक नमक व शक्कर इनके पदार्थों को सड़ाता है।
  8. विकसित जीव कोशिका विभाजन द्वारा शरीर में वृद्धि करते हैं जबकि एककोशिकीय जीव इसके द्वारा संख्या में वृद्धि करते हैं।
  9. विषाणु जीवित व मृत दोनों कोशिकाओं में वृद्धि कर सकते हैं।
  10. मोनेरियन कोशिका में एक सुसंगठित केन्द्रक नहीं होता है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. सत्य
  6. सत्य
  7. असत्य
  8. सत्य
  9. असत्य
  10. सत्य।

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जीव जगत का वर्गीकरण अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य में एक जीवाणुविक बीमारी का नाम बताइए।
उत्तर:
टायफाइड मनुष्य की एक जीवाणुविक बीमारी है, जो साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु के संक्रमण से होती है।

प्रश्न 2.
किन्हीं दो नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवाणुओं के नाम दीजिये।
उत्तर;
दो नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवाणुओं के नाम हैं –

  • एजोटोबैक्टर
  • क्लॉस्ट्रिडियम।

प्रश्न 3.
सायनोबैक्टीरिया क्या हैं ?
उत्तर:
सायनोबैक्टीरिया एककोशिकीय या बहुकोशिकीय, तन्तुवत् ग्राम निगेटिव रंगीन जीवाणु हैं, जिनमें हरितलवक ए, फाइकोबिलिन्स प्रोटीन तथा कैरोटीनॉइड वर्णक पाये जाते हैं। इनकी कोशिकाएँ प्रोकैरियॉटिक होती हैं तथा उनके चारों तरफ एक आवरण पाया जाता है। ये गन्धहीन वातावरण में पाये जाते हैं तथा इन्हें सायनोफेज विषाणु नष्ट कर देते हैं। उदाहरण- नॉस्टॉक, ऐनाबिना, रिवुलेरिया।

प्रश्न 4.
सल्फर जीवाणु किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो जीवाणु गंधक तत्व या H2S से ऊर्जा प्राप्त करते हैं, उन्हें सल्फर जीवाणु कहते हैं। थायोबैसिलस डिनाइट्रीफिकेन्स सल्फर को सल्फ्यूरिक अम्ल में ऑक्सीकृत कर देते हैं तथा इस प्रक्रिया में उत्पन्न ऊर्जा को उपयोग में लाते हैं। ये जीवाणु अत्यधिक अम्लता को भी सह लेते हैं।
2S + 8H2O + 3CO2 → 2H2SO4 + 3(CH2O) + 3H2O + ऊर्जा

प्रश्न 5.
प्लाज्मिड्स तथा एपिसोम्स क्या हैं ?
उत्तर:
कभी – कभी जीवाणुओं के कोशिकाद्रव्य में मुख्य DNA तन्तु के अलावा कुछ स्वतंत्र छोटी आनुवंशिक इकाइयाँ (DNA) भी पायी जाती हैं, इन्हें प्लास्पिड कहते हैं। जब ये प्लाज्मिड मुख्य आनुवंशिक इकाई से संयुक्त अवस्था में पाये जाते हैं तब इन्हें एपिसोम कहते हैं। ये इकाइयाँ आनुवंशिक संवहन तथा आनुवंशिक पुनर्योजन में भाग लेते हैं।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के एक-एक उदाहरण लिखिए –

  1. ग्राम पॉजिटिव जीवाणु
  2. ग्राम निगेटिव जीवाणु
  3. सल्फर जीवाणु
  4. लौह जीवाणु
  5. नाइट्रीफाइंग जीवाणु
  6. मनुष्य की आँत के जीवाणु
  7. एक तन्तु रूपी सायनोजीवाणु
  8. एक माइकोप्लाज्मा
  9. दूध का दही जमाने वाला जीवाणु
  10. एक ऐण्टिबायोटिक बनाने वाला जीवाणु।

उत्तर:

  1. उदाहरण – पाश्चुरेला
  2. उदाहरण – ईश्चिरीचिया
  3. उदाहरण – थायोबैसिलस
  4. उदाहरण – फेरोबैसिलस्
  5. उदाहरण – नाइट्रोसोमोनास
  6. उदाहरण – ईश्चिरीचिया कोलाई
  7. उदाहरण – नॉस्टॉक
  8. उदाहरण – ऐकोलीप्लाज्मा
  9. उदाहरण – लैक्टोबैसिलस
  10. उदाहरण – स्ट्रेप्टोमाइसेज।

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प्रश्न 7.
कवक किस गुण में मानव से समानता रखता है ?
उत्तर:
कवक मानव के समान विषमपोषी होती है तथा भोज्य पदार्थों का संग्रहण ग्लाइकोजन के रूप में करते हैं।

प्रश्न 8.
सहजीवी पौधों से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
सहजीवी पौधे – जब दो पौधे परस्पर लाभ के लिए एक – दूसरे पर आश्रित होते हुए साथ – साथ रहते हैं, तो ऐसे पौधों को सहजीवी पौधे कहते हैं। उदाहरण – लाइकेन, जिसमें शैवाल तथा कवक सहजीवी के रूप में रहते हैं। शैवाल हरे होने के कारण प्रकाश – संश्लेषण द्वारा भोजन निर्माण करते हैं तथा उसका कुछ अंश कवक को देते हैं, जबकि कवक खनिज लवण व जल को अवशोषित कर शैवाल को देते हैं।

प्रश्न 9.
L.S.D. का पूरा नाम बताइए। इसे किस कवक से प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर:
L.S.D. का पूरा नाम लाइसर्जिक ऐसिड डाइएथिल ऐमाइड है। यह एक विभ्रम पैदा करने वाला पदार्थ है, जिसे क्लेविसेप्स परपूरिया नामक कवक से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 10.
कवक के किस वंश से पेनिसिलिन नामक प्रतिजैविक प्राप्त होता है.?
उत्तर:
पेनिसिलियम नामक वंश के कवक पेनिसिलियम नोटेटम तथा पेनिसिलियम क्रायसोजिनम आदि जातियों से पेनिसिलिन नामक प्रतिजैविक पदार्थ प्राप्त होता है।

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प्रश्न 11.
लाइकेन के घटक किस समूह के होते हैं ?
उत्तर:
लाइकेन एक सहजीवी पादप हैं, जिसमें एक कवक तथा एक शैवाल जीव पाया जाता है। कवक ऐस्कोमाइसीटीज़ या बेसिडियोमाइसीटीज़ वर्ग का तथा शैवाल सदस्य क्लोरोफाइटा (हरा शैवाल) या साइनोफाइटा (नीला-हरा शैवाल) वर्ग का हो सकता है।

प्रश्न 12.
कवक जगत की कोशिका भित्ति की विशेषता बताइए।
उत्तर:
कवक जगत की कोशिका भित्ति का प्रमुख घटक सेल्युलोज के स्थान पर एक नाइट्रोजन युक्त पॉलिसैकेराइड काइटिन होता है।

प्रश्न 13.
मृदा निर्माण में लाइकेन का किस प्रकार उपयोग किया जाता है ?
उत्तर:
लाइकेन चट्टानों, लकड़ी के लट्ठे एवं मरुद्भिद अनुक्रम में भी आसानी से उगते हैं जहाँ अन्य जीवन असंभव है, वहाँ ये आसानी से उगते हैं, क्योंकि ये पतले जीव हैं इस प्रकार ये यहाँ उगकर दूसरे जीवों के उगने के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करती हैं। अत: जहाँ पहले लाइकेन्स उगते हैं, वहाँ बाद में मॉस तथा अन्य पौधे उगने लगते हैं। इस प्रकार इसका उपयोग मृदा निर्माण में होता है।

प्रश्न 14.
शैवालीय कवक किस वर्ग के कवकों को कहा जाता है?
उत्तर:
फायकोमाइसीटीज़ वर्ग के कवक सदस्यों को शैवालीय कवक (Algal fungi) कहा जाता है।

प्रश्न 15.
मोल्ड (Mould) किन कवकों को कहा जाता है ?
उत्तर:
फायकोमाइसीटीज़ तथा ऐस्कोमाइसीटीज़ के सदस्य मोल्ड (Mould) कहलाते हैं।

जीव जगत का वर्गीकरण लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पाँच ऐसे कवकों के नाम बताइए, जिनसे प्रतिजैविक औषधियाँ प्राप्त होती हैं।
उत्तर:
पाँच ऐसे कवकों के नाम, जिनसे प्रतिजैविक औषधियाँ प्राप्त होती हैं, निम्नलिखित हैं –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण - 6

प्रश्न 2.
एक प्रारूपिक जीवाणु कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण - 7

प्रश्न 3.
पदार्थों के चक्रीकरण में मोनेरा-जगत की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हमारे शरीर में अनेक प्रकार के कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थ पाये जाते हैं और जब हम मरते हैं तो मोनेरा जगत के जीव हमारे शरीर के रसायनों का अपघटन करके इन्हें फिर से प्रकृति में मुक्त कर देते हैं, जिन्हें पौधे पुन: ग्रहण करके विविध रसायनों का संश्लेषण करते हैं। पौधों से इन रसायनों को हम ग्रहण करते हैं और फिर से इन रसायनों को मोनेरा जीवों द्वारा अपघटित करके प्रकृति में मिला दिया जाता है। इस प्रकार मोनेरा जगत के जीव पदार्थों के चक्रीकरण में मुख्य भूमिका अदा करते हैं।

प्रश्न 4.
मनुष्य के कोई पाँच रोगजनक जीवाणुओं एवं उनसे होने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य के रोगजनक जीवाणु

जीवाणु – मानव रोग

  • कॉरिनेबैक्टीरियम डिफ्थेरी – डिफ्थीरिया
  • विब्रियो कॉलेरी – कॉलेरा
  • माइकोबैक्टीरियमलैप्री – कुष्ठ रोग
  • क्लॉस्ट्रिडियम टिटैनी – टिटेनस
  • साल्मोनेला टाइफी – टायफाइड।

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प्रश्न 5.
पादपों के कोई पाँच रोगजनक जीवाणुओं एवं उनसे होने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जीवाणु – पादप रोग

  • जैन्थोमोनास साइट्री – नीबू का कैंकर
  • जैन्थोमोनास ओराइजी – ब्लाइट ऑफ राइस
  • जैन्थोमोनास फैसीओलाई – बीन ब्लाइट
  • स्यूडोमोनास सोलेनेसीरम – आलू का शिथिल रोग
  • स्ट्रेप्टोमाइसिस स्कैबीज – पोटैटो स्कैब।

प्रश्न 6.
प्रतिजैविक पदार्थ क्या हैं? कोई चार प्रतिजैविकों तथा उनके स्रोतों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रतिजैविक सूक्ष्म जीवों से प्राप्त ऐसे रसायन हैं जो कुछ हानिकारक सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देते हैं। इनका उपयोग दवा के रूप में किया जाता है जिससे हमें कई रोगों से सुरक्षा प्राप्त होती है। कुछ जीवाणुओं से प्राप्त कुछ प्रमुख प्रतिजैविक नीचे दिये गये हैं –

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण - 8

प्रश्न 7.
जीवाणु की हानिकारक क्रियाओं का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
जीवाणुओं की हानिकारक क्रियाएँ निम्नानुसार हैं –

  1. जीवाणु और रोग – जीवाणु हमारे एवं हमारे लिए उपयोगी दूसरे जन्तुओं तथा पादपों में रोग पैदा करते हैं।
  2. पेनिसिलीन पर प्रभाव – ये पेनिसिलीन की उपयोगिता को नष्ट कर देते हैं।
  3. नलों के पाइप का सड़ना – सल्फर जीवाणुओं द्वारा पैदा की गयी सल्फ्यूरिक ऐसिड से जमीन के नीचे के नल के पाइप सड़ जाते हैं।
  4. भोजन विषाक्तता-कुछ जीवाणु, जैसे – क्लॉस्ट्रिडियम भोजन को विषाक्त कर देते हैं।
  5. भूमि की उर्वरता घटाना – विनाइट्रीकारी जीवाणु भूमि की उर्वरा शक्ति को घटा देते हैं।

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