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MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 3 वनस्पति जगत
वनस्पति जगत NCERT प्रश्नोत्तर
Shaival Ke Vargikaran Ka Kya Aadhar Hai प्रश्न 1.
शैवालों के वर्गीकरण का क्या आधार है?
उत्तर:
शैवालों का वर्गीकरण निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर किया गया है –
- प्रकाश – संश्लेषी वर्णक का प्रकार
- अन्य वर्णक के प्रकार
- संचित भोज्य पदार्थ का प्रकार
- सूकाय का प्रकार।

प्रश्न 2.
लिवरवर्ट, मॉस, फर्न, जिम्नोस्पर्म तथा एंजियोस्पर्म के जीवन – चक्र में कहाँ और कब निम्नीकरण विभाजन होता है ?
उत्तर:
लिवरवर्ट, मॉस, ‘फर्न एवं जिम्नोस्पर्म में निम्नीकरण विभाजन (Reduction division) बीजाणु (Spore) निर्माण की प्रक्रिया के समय बीजाणु मातृ कोशिका (Spore mother cell) में होता है। एंजियोस्पर्म में निम्नीकरण विभाजन पुंकेसर के परागकोष में परागण (Pollen grain) निर्माण के समय तथा भ्रूणकोष (Embryo sac) के निर्माण में अंडप (Ovule) के द्वारा किया जाता है।
Vanaspati Jagat In Hindi प्रश्न 3.
पौधों के तीन वर्गों के नाम लिखिए, जिनमें स्त्रीधानी होती है। इनमें से किसी एक के जीवन-चक्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पौधों के निम्नलिखित तीन वर्गों में स्त्रीधानी (Archegonia) पायी जाती है –
- ब्रायोफाइटा
- टेरिडोफाइटा एवं
- जिम्नोस्पर्म।
टेरिडोफाइटा (Pteridophyta) का जीवन – चक्र:
टेरिडोफाइटा के जीवन-चक्र में द्विगुणित तथा अगुणित अवस्थाएँ स्पष्ट रूप से आती हैं, इस क्रिया को पीढ़ी का एकान्तरण (Alternation of generation) कहते हैं। पीढ़ी एकान्तरण करने वाले जीवों में युग्मकोद्भिद (Gametophytic phase) तथा बीजाणुद्भिद (Sporophytic phase) क्रम से बनते रहते हैं। उदाहरण – साइकस। साइकस का मुख्य पौधा स्पोरोफाइट होता है। यह एकलिंगी पौधा है, जिसमें दो प्रकार की जड़ें, शल्कपत्र व बीजाणुधानियाँ पायी जाती हैं।
नर पौधे में नर शंकु तथा मादा पौधे में मादा शंकु के स्थान पर मेगास्पोरोफिल पाया जाता है। मेगास्पोरोफिल में 4-6 बीजाण्ड होते हैं, इनमें महाबीजाणु मातृकोशिका में अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप मादा युग्मकोद्भिद बनता है। नर बीजाणुधानी में अर्द्धसूत्री विभाजन में परागकण बनते हैं, जो बीजाणुधानी के फटने से हवा में मुक्त हो जाते हैं। साइकस में युग्मकोद्भिद पूर्णतः स्पोरोफाइट पर आश्रित होता है यह अल्पकालिक व परजीवी होता है। स्पोरोफाइट ही जीवन-चक्र में विकसित रूप में होता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित की सूत्रगुणता (Ploidy) बताइए-मॉस के प्रथम तन्तुक कोशिका, द्विबीजपत्री के प्राथमिक भ्रूणपोष का केन्द्रक, मॉस की पत्तियों की कोशिका, फर्न के प्रोथैलस की कोशिकाएँ, मार्केन्शिया की जेमा कोशिका, एकबीजपत्री की मेरिस्टेम कोशिका, लिवरवर्ट के अण्डाशय तथा फर्न के युग्मनज।
उत्तर:
- मॉस की प्रथम तंतुक कोशिका (Protonemal cell) – अगुणित (Haploid)
- द्विबीजपत्री के प्राथमिक भ्रूणपोष (Endosperm) का केन्द्रक – त्रिगुणित (Triploid)
- मॉस की पत्तियों की कोशिका – द्विगुणित (Diploid)
- फर्न के प्रोथैलस की कोशिकाएँ – अगुणित (Haploid)
- मार्केन्शिया की जेमा (Gemma) कोशिकाएँ – अगुणित (Haploid)
- एकबीजपत्री की मेरिस्टेम कोशिका – द्विगुणित (Diploid)
- लिवरवर्ट के अण्डाशय (Ovum) – अगुणित (Haploid)
- फर्न के युग्मनज (Zygote) – द्विगुणित (Diploid)।
Bryophyte Mein Bijanu Matra Koshika Hoti Hai प्रश्न 5.
शैवाल तथा जिम्नोस्पर्म के आर्थिक महत्व पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
1. शैवाल का आर्थिक महत्व:
(a) लाल शैवाल का आर्थिक महत्व –
- औद्योगिक रूप से अगर – अगर का उत्पादन लाल शैवालों द्वारा ही किया जाता है।
- इनका उपयोग लक्जेटिव एवं इमल्सीफाइंग कारक के रूप में सीरप (दवाइयाँ) बनाने में किया जाता है।
- इससे प्राप्त अगर-अगर का उपयोग चॉकलेट उद्योग में किया जाता है।
- कुछ लाल शैवालों का उपयोग खाद्य के अलावा आइसक्रीम, चीज़ व सलाद के रूप में किया जाता है।
(b) भूरे शैवाल का आर्थिक महत्व –
- यह जापानी लोगों का एक प्रमुख भोजम है।
- भूरे शैवाल के शुष्क भार में लगभग 30% पोटैशियम क्लोराइड होता है। अत: इनसे पोटैशियम लवण प्राप्त किया जाता है।
- इनसे विटामिन, आयोडीन, ऐसीटिक अम्ल प्राप्त किया जाता है।
- इनका उपयोग सौन्दर्य प्रसाधनों, आइसक्रीम तथा कपड़ा उद्योग में भी किया जाता है।
2. जिम्नोस्पर्म का आर्थिक महत्व –
- जिम्नोस्पर्म मृदा के कणों को पकड़ कर रखती है, अतः मृदा अपरदन (Soil erosion) से बचाव होता है।
- बाग-बगीचों में जिम्नोस्पर्म का उपयोग सजावटी पौधों के रूप में किया जाता है। उदा.- साइकस, थूजा, ऑरोकेरिया आदि।
- जिम्नोस्पर्म के तनों से एक प्रकार का स्टार्च प्राप्त किया जाता है, जिसकी सहायता से साबूदाना बनाया जाता है। इसी प्रकार पाइनस के बीज का उपयोग सूखे मेवे (चिलगोजे) के रूप में किया जाता है।
- इसी प्रकार जिम्नोस्पर्म के विभिन्न भागों जैसे-इनकी लकड़ियों से पेंसिल, कलम, सिगार दान बनाये जाते हैं। सूखी पत्तियों एवं उसके डंठल से टोकरी, झाड़ आदि बनता है।
- जिम्नोस्पर्म की विभिन्न प्रजातियों से खाद्य तेल प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न 6.
जिम्नोस्पर्म तथा एंजियोस्पर्म दोनों में बीज होते हैं, फिर भी उनका वर्गीकरण अलग-अलग क्यों है?
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म तथा एंजियोस्पर्म दोनों में बीज होते हैं फिर भी उनका वर्गीकरण अलग-अलग किया जाता है। इसका कारण है कि जिम्नोस्पर्म के बीज नग्न (Nacked) होते हैं अर्थात् इनका बीज फल के अन्दर पाया जाता है, जबकि एंजियोस्पर्म के बीज फलों के अन्दर ढंके हुए होते हैं।
Bryophyta Pteridophyta Mein Antar प्रश्न 7.
विषम बीजाणुकता क्या है ? इसकी सार्थकता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। इसके दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
विषम बीजाणुकता (Heterospory) दो प्रकार के बीजाणु (Spores) बनने की प्रक्रिया है, जैसे कि छोटा लघुबीजाणु (Microspore) तथा बड़ा दीर्घबीजाणु (Megaspore) विषम बीजाणुकता को सर्वप्रथम टेरिडोफाइट्स सिलैजिनेला (Selaginella) में देखा गया। साल्विनिया में भी विषम बीजाणुकता पायी जाती है। बड़े दीर्घबीजाणु (मादा) तथा छोटे लघु बीजाणु (नर) से क्रमशः मादा और नर युग्मकोद्भिद बन जाते हैं। ऐसे पौधों में मादा युग्मकोद्भिद अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए पैतृक स्पोरोफाइट से जुड़ा रहता है।.
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प्रश्न 8.
उदाहरण सहित निम्नलिखित शब्दावली का संक्षिप्त वर्णन कीजिए –
- प्रथम तंतु
- पुंधानी
- स्त्रीधानी
- द्विगुणितक
- बीजाणुपर्ण
- समयुग्मकी।
उत्तर:
1. प्रथम तंतु (Protonema):
यह मॉस के जीवन-चक्र की प्रारंभिक अवस्था है। प्रथम तंतु का निर्माण बीज (Spore) के अंकुरण से होता है। प्रथम तंतु या प्रोटोनिमा विकसित होकर हरे रंग की, विसी, शाखित तथा तन्तुमय हो जाती है।
2. पुंधानी (Antheridium):
ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा के नर जनन अंग को पुंधानी कहा जाता है। पुंधानी के द्वारा द्विकशाभिक पुमंग (Antherozoids) उत्पन्न किया जाता है।
3. स्त्रीधानी (Archegonium):
ब्रायोफाइटा के मादा जनन अंग को स्त्रीधानी कहा जाता है। यह बहुकोशिकीय तथा फ्लास्क के आकार की होती है। इनके द्वारा अण्ड का निर्माण होता है।
4. द्विगुणितक (Diplontic):
यह जीवन-चक्र की एक अवस्था है, जिसमें द्विगुणित (Diploid) बीजाणुद्भिद (Sporophyte) प्रभावी होता है। इस अवस्था में पौधे स्वतंत्र होते हैं, तथा प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करते हैं । युग्मकोद्भिद इसके विपरीत प्रायः एककोशिकीय तथा अगुणित (Haploid) होता है। जीवन-चक्र की इस अवस्था को द्विगुणितक (Diplointic) कहा जाता है।
5. बीजाणुपर्ण (Sporophyll):
जिम्नोस्पर्म की जिन संरचना में बीजाणुधानी (Sporangium) पाया जाता है, उन्हें बीजाणुपर्ण कहा जाता है।
6. समयुग्मकी (Isogamy):
समान युग्मकों (Gametes) के आपस में संलयित होने की क्रिया को समयुग्मकी (Isogamy) कहा जाता है। उदाहरण-क्लैमाइडोमोनास।
Sporophyte Class 11 प्रश्न 9.
निम्नलिखित में अंतर कीजिए
- भूरेशैवाल तथा लाल शैवाल।
- लिवरवर्ट तथा मॉस।
- विषम बीजाणुक तथा समबीजाणुक टेरिडोफाइटा।
- युग्मक संलयन तथा त्रिसंलयन।
उत्तर:
(i) भूरा शैवाल तथा लाल शैवाल में अंतर –
1.भूरा शैवाल-ये भूरे रंग के समुद्रीय विकसित शैवाल हैं, जिनमें निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं –
- फ्यूकोजैन्थिन की उपस्थिति के कारण ये भूरे रंग के दिखाई देते हैं। इसके अलावा इनमें क्लोरोफिल a, c, और -कैरोटीन भी पाया जाता है।
- इनके प्रजनन में द्विकशाभिकीय चलजन्यु बनते हैं। इनकी एक कशाभिका बड़ी तथा एक छोटी होती है।
- इनके भोज्य पदार्थों का संग्रहण मैनिटॉल एवं लैमीनेरिन के रूप में किया जाता है।
- इनका शरीर अचल, बहुकोशिकीय, सूकायवत् होता है तथा इनकी कोशिका भित्ति में एल्जिनिक एवं फ्यूसिनिक अम्ल का जमाव होता है। उदाहरण-लैमिनेरिया, सारगासम।
2. लाल शैवाल-लाल रंग के इन शैवालों में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं –
- इनका लाल रंग इनकी कोशिकाओं में पाये जाने वाले वर्णक फाइकोइरीथिन के कारण होता है। इसके अलावा इनमें क्लोरोफिल – a, d तथा फाइकोसायनिन वर्णक भी पाये जाते हैं।
- जनन अवस्था में अचल कोशिकाएँ ही पायी जाती हैं। जल कोशिकाओं का पूर्णतः अभाव होता है।
- उनमें संचित भोजन फ्लोरिडियन स्टार्च के रूप में होता है।।
- इनका लैंगिक जनन ऊगैमस प्रकार का होता है। उदाहरण-पोरफायरा, पॉलिसाइफोनिया।
(ii) लिवरवर्ट और मॉस में अंतर –
1. लिवरवर्ट (Liver wort) –
- ये ब्रायोफाइटा वर्ग के हिपैटीकोप्सिडा (Hepaticopsida) के सदस्य हैं।
- इनका थैलस अधर और पृष्ठ से चपटे होते हैं तथा इनकी आकृति यकृत की पालियों (Lobe) के सदृश्य दिखाई पड़ती हैं।
- लिवरवर्ट में अलैंगिक जनन थैलस के विखण्डन अथवा विशिष्ट संरचना जेमा द्वारा होता है।
- इसका मूलाभ (Rhizoids) एककोशिकीय होता है। उदाहरण – रिक्सिया।
2. मॉस (Moss):
- ये ब्रायोफाइटा वर्ग ब्रायोप्सिडा (Bryopsida) का सदस्य है।
- इनका थैलस पत्तीनुमा तथा त्रिज्या सममिति (Radially-symmetrical) होता है।
- मॉस में कायिक जनन विखंडन तथा मुकुलन द्वारा होता है।
- इनके मूलाभ (Rhizoids) बहुकोशिकीय होते हैं। उदाहरण- फ्यूनेरिया।
(iii) विषम बीजाणुक तथा समबीजाणुक टेरिडोफाइटा –
1. विषम बीजाणुक टेरिडोफाइटा (Heterosporous pteridophyte):
ये दो प्रकार के बीजाणु (Spores) उत्पन्न करते हैं, वृहत या दीर्घबीजाणु (Megaspore) तथा लघुबीजाणु (Microspore)। उदाहरण – सिलैजिनेला।
2. समबीजाणुक टेरिडोफाइटा (Homosporous pteridophyte):
ऐसे टेरिडोफाइट्स, जो केवल एक ही प्रकार के बीजाणु (Spores) उत्पन्न करते हों, उन्हें समबीजाणुक कहा जाता है। उदाहरण – लाइकोपोडियम।
(iv) युग्मक संलयन तथा त्रिसंलयन –
1. युग्मक संलयन (Syngamy):
यह प्रथम नर युग्मक का मादा के अंडकोशिका से संलयित होकर युग्मनज (Zygote) बनाने की क्रिया है।
2. त्रिसंलयन (Triple Fusion):
यह द्वितीय नर युग्मक का द्वितीयक केन्द्रक से युग्मित होकर त्रिगुणित भ्रूणपोष (Endosperm) बनाने की घटना को त्रिसंलयन (Triploid fusion) कहा जाता है।
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Aavritabiji Aur Anavrtabiji Mein Antar प्रश्न 10.
एकबीजपत्री को द्विबीजपत्री से किस प्रकार विभेदित करेंगे?
उत्तर:
एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री पादपों में अन्तर –

प्रश्न 11.

उत्तर:
- (c) शैवाल
- (d) जिम्नोस्पर्म
- (b) टेरिडोफाइट
- (a) मॉस
Class 11th Biology Chapter 3 Question Answer In Hindi प्रश्न 12.
जिम्नोस्पर्म के महत्वपूर्ण अभिलक्षणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म के महत्वपूर्ण अभिलक्षण –
- बीजाण्ड आवरणहीन होते हैं।
- भ्रूणपोष निषेचन से पहले बन जाते हैं।
- जनन अंग शंकु रूप में होता है।
- ये पौधे प्राय: एकलिंगी होते हैं।
- जाइलम में वाहिकाएँ व फ्लोएम में कैस्पोरियन सेल व सीव ट्यूब नहीं पाई जातीं।
नोट-उपर्यक्त प्रश्न क्रमांक 2 भी देखें।
वनस्पति जगत अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वनस्पति जगत वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –
1. रोडोफाइटा में थैलस का रंग लाल दिखाई देता है, इसकी उपस्थिति से –
(a) R – फाइकोइरीथ्रिन
(b) R – फाइकोबिलीन
(c) दोनों साथ हों तब
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) R – फाइकोइरीथ्रिन
2. ताजे जल में पाये जाने वाले शैवाल हैं –
(a) लाल शैवाल
(b) भूरी शैवाल
(c) हरी शैवाल
(d) पीली शैवाल।
उत्तर:
(d) पीली शैवाल।
3. ब्रायोफाइट्स की प्रभावी अवस्था है –
(a) अगुणित
(b) गुणित
(c) दोनों समानः
(d) दोनों नहीं।
उत्तर:
(a) अगुणित
4. जूस्पोर्स निम्न में से किसके परिणामस्वरूप होते हैं –
(a) अलैंगिक जनन
(b) लैंगिक जनन
(c) असूत्री विभाजन
(d) समसूत्री विभाजन।
उत्तर:
(a) अलैंगिक जनन
5. फीते के समान हरितलवक किस पौधे में पाया जाता है –
(a) यूलोथ्रिक्स
(b) स्पाइरोगायरा
(c) ऊडोगोनियम
(d) मार्केन्शिया।
उत्तर:
(b) स्पाइरोगायरा
6. स्पाइरोगाइरा के जीवन-चक्र में मिओसिस की क्रिया कब होती है –
(a) युग्मकों के निर्माण के समय
(b) चल बीजाणुओं के निर्माण के समय
(c) युग्मनज के अंकुरण के समय
(d) युग्मनज के निर्माण के समय।
उत्तर:
(c) युग्मनज के अंकुरण के समय
7. मॉसों का आवास है –
(a) शुष्क स्थान
(b) स्वच्छ जल
(c) अलवणीय जल
(d) नम तथा छायादार स्थान।
उत्तर:
(d) नम तथा छायादार स्थान।
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8. मॉस का शुक्राणु होता है –
(a) एककशाभिकीय
(b) द्विकशाभिकीय
(c) बहुकशाभिकीय
(d) अचल।
उत्तर:
(b) द्विकशाभिकीय
9. मॉसों का नम वातावरण में पैदा होने का कारण है –
(a) संवहनी ऊतकों की अनुपस्थिति
(b) निषेचन के लिए जल की आवश्यकता
(c) सम्पूर्ण सतह पर जल अवशोषण
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
10. फ्यूनेरिया का मादा जनन अंग कहलाता है –
(a) बीजाणुधानी
(b) शुक्राणुधानी
(c) आर्कीगोनिया
(d) बीजाणुपर्ण।
उत्तर:
(c) आर्कीगोनिया
11. शुक्राणु का आर्कीगोनियम तक पहुँचना किस माध्यम में होता है –
(a) वायु
(b) जल
(c) जन्तु
(d) कीट।
उत्तर:
(b) जल
12. मॉस बड़े आकार के नहीं हो सकते क्योंकि इनमें –
(a) सम्वहनी तन्त्र अनुपस्थित होता है
(b) संवहनी तन्त्र उपस्थित होता है
(c) पुष्प नहीं पाया जाता
(d) बीज नहीं पाया जाता।
उत्तर:
(a) सम्वहनी तन्त्र अनुपस्थित होता है
13. फर्न प्रोथैलस होता है –
(a) अगुणित
(b) द्विगुणित
(c) त्रिगुणित
(d) स्पोरोफाइट।
उत्तर:
(a) अगुणित
14. प्रोथैलस का आकार होता है –
(a) गोलाकार
(b) लम्बा
(c) हृदय के समान
(d) बहुभुजीय।
उत्तर:
(c) हृदय के समान
15. फर्न, मॉस की अपेक्षा ज्यादा विकसित है, क्योंकि –
(a) इसमें संवहन ऊतक होता है
(b) बीजाणुद्भिद प्रभावी होता है
(c) जड़, तना और पत्तियाँ विकसित होती हैं
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
16. प्रोथैलस होता है –
(a) एक स्वतन्त्र रचना
(b) एक आश्रित रचना
(c) गैमीटोफाइट पर आश्रित
(d) स्पोरोफाइट पर आश्रित।
उत्तर:
(a) एक स्वतन्त्र रचना
17. स्पाइरोगाइरा में होता है –
(a) निकटवर्ती कोशिकाओं के मध्य लिंगी-जनन
(b) भिन्न द्विपक्ष्मी पुमंग एवं ऊगोनियम
(c) लिंगी प्रजनन एक कोशिका के विभिन्न तत्वों के मध्य
(d) केवल अलिंगी प्रजनन।
उत्तर:
(a) निकटवर्ती कोशिकाओं के मध्य लिंगी-जनन
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18. फ्यूनेरिया में होता है –
(a) एककोशिकीय सरल मूलाभास
(b) गुलिकीय मूलाभास
(c) भिन्न शाखित मूलाभास
(d) बहुकोशिकीय तिर्यक।
उत्तर:
(a) एककोशिकीय सरल मूलाभास
19. फ्यूनेरिया के पेरिस्टोम में कितने दाँत होते हैं –
(a) एक मण्डल में 4.
(b) दो मण्डल में 32
(c) एक मण्डल में 16
(d) दो मण्डलों में 16
उत्तर:
(b) दो मण्डल में 32
20. स्पाइरोगाइरा के लैंगिक जनन में किस तरह के युग्मकों का समेकन होता है –
(a) दो समान गतिशील युग्मकों का
(b) दो समान गतिहीन युग्मकों का
(c) एक गतिशील व एक गतिहीन युग्मकों का
(d) दो असमान गतिहीन युग्मकों का।
उत्तर:
(d) दो असमान गतिहीन युग्मकों का।
21. फ्यूनेरिया के किस कोशिका में न्यूनकारी विभाजन होता है –
(a) पुंधानी कोशिका
(b) प्रसूतक कोशिका
(c) युग्मकजीवीय कोशिका
(d) बीजाणु मातृ कोशिका में
उत्तर:
(d) बीजाणु मातृ कोशिका में
22. निम्नलिखित में से कौन-सी दो शैवाल अगर-अगर का उत्पादन करती हैं –
(a) स्पाइरोगायरा व नॉस्टॉक
(b) ग्रैसिलेरिया व डोलेडियम
(c) वॉलवॉक्स व वाउचेरिया
(d) रिवुलेरिया व यूलोथ्रिक्स।
उत्तर:
(b) ग्रैसिलेरिया व डोलेडियम
23. यूलोथ्रिक्स पाया जाता है –
(a) प्रवाही ताजे जल में
(b) प्रवाही लवण जल में
(c) शुद्ध ताजे जल में
(d) शुद्ध लवण जल में।
उत्तर:
(a) प्रवाही ताजे जल में
24. फ्यूनेरिया में रन्ध्र कहाँ स्थित होते हैं –
(a) पत्ती पर
(b) तने पर
(c) थीका पर
(d) एपोफाइसिस पर।
उत्तर:
(d) एपोफाइसिस पर।
25. अनावृतबीजी में जननांग कहलाते हैं –
(a) बीजाणुधर
(b) स्त्री केसर
(c) शंकु या स्ट्रॉबिलस
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) शंकु या स्ट्रॉबिलस
26. साइकस की पत्ती होती है –
(a) सरल
(b) पक्षवत् संयुक्त
(c) संयुक्त
(d) अभिमुख।
उत्तर:
(b) पक्षवत् संयुक्त
27. रसकस, स्माइलेक्स, यूक्का, उदाहरण है –
(a) पामी के
(b) ग्रैमिनी के
(c) म्यूजेसी के
(d) लिलियेसी के।
उत्तर:
(d) लिलियेसी के।
28. शाक, झाड़ी तथा वृक्ष के प्रकार का आधार है –
(a) शारीरिकी
(b) आकारिकी
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) आकारिकी
29. युग्मनज में अर्द्धसूत्री विभाजन होता है –
(a) सिलेजिनेला में
(b) स्पाइरोगाइरा में
(c) पाइनस में
(d) इक्वीसिटममें।
उत्तर:
(b) स्पाइरोगाइरा में
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30. स्पाइरोगाइरा का जीवन-चक्र होता है –
(a) अगुणित
(b) द्विगुणित
(c) अगुणितीय जीवी
(d) द्विगुणितीय जीवी।
उत्तर:
(a) अगुणित
Seval Ke Vargikaran Ka Kya Aadhar Hai प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- प्रभावी तथा आत्मनिर्भर स्पोरोफाइट ……………. पादप समूह में होता है।
- नग्न बीज वाले पौधों के समूह का नाम ……………. है।
- ……….. समूह में वे जीव आते हैं जिनका जनन अंग बहुकोशिकीय होता है।
- …………. में बहुभ्रूणता पायी जाती है जिसका कारण है स्त्रीधानियों का होना।
- फ्यूनेरिया का जीवन-चक्र एक ………… से शुरू होता है।
- ………….. शरीर में संवहनी ऊतक नहीं पाया जाता।
- समुद्री खरपतवार ………….. को कहते हैं।
- हृदय के समान अगुणित रचना …………… कहलाता है।
- ………….. में बीज फल के अन्दर विकसित होता है।
- द्वि-जगत वर्गीकरण में शैवाल व कवक को …………… में रखा जाता है।
- कोशिकाओं की कॉलोनी के रूप में पाये जाने वाले शैवाल …………… हैं।
- स्पाइरोगाइरा के वर्ग का नाम ……………. है।
- रिक्सिया, मार्केन्शिया के प्रतिपृष्ठ सतह पर मूल रोम समान रचना ………….. कहलाती है।
- हरा सूकायवत् शाखित ब्रायोफाइट ……………. कहलाते हैं।
उत्तर:
- ट्रैकियोफाइटा
- जिम्नोस्पर्म
- एम्ब्रियोफाइटा
- साइकस
- अगुणित बीजाणु
- शैवाल
- भूरा शैवाल
- प्रोथैलस
- आवृतबीजियों
- थैलोफाइटा
- वॉलवॉक्स
- क्लोरोफाइसी
- मूलाभास
- लिवरवर्ट।
Gymnosperm Ke Mahatvpurn Abhilakshan Ka Varnan Kijiye प्रश्न 3.
उचित संबंध जोडिए –

उत्तर:
- (c) प्रथम स्थलीय पौधे
- (d) काँटेदार पौधे
- (a) उभयचर पौधे
- (b) जड़, पत्तीविहीन पौधे

उत्तर:
- (d) थैलोफाइट
- (c) अपुष्पीय पौधे
- (b) स्पोरोफाइट गैमिटोफाइट की कड़ी
- (a) पुष्पीय पौधे

उत्तर:
- (c) लाल शैवाल
- (e) कवक
- (d) माइसिलियम
- (b) पीढ़ियों का एकान्तरण
- (a) ब्रायोफाइटा
लिवरवर्ट तथा मास में अंतर बताइए प्रश्न 4.
सत्य / असत्य बताइए –
- ब्रायोफाइट्स केवल स्थल में पाये जाते हैं, जल में नहीं।
- सिलैजिनेला में विषमबीजाणुकता नहीं पाई जाती है।
- म्यूकर एक विषमजालिक कवक है इसे ब्रेड मोल्ड भी कहते हैं।
- स्पाइरोगायरा को तालाब का रेशम कहते हैं।
- पाइनस जिरार्डियाना के बीज से चिरौंजी प्राप्त होता है।
उत्तर:
- असत्य
- असत्य
- सत्य
- सत्य
- असत्य।
फ्यूनेरिया का जीवन चक्र प्रश्न 5.
एक शब्द में उत्तर दीजिए –
- लाल शैवाल में कौन-सा वर्णक होता है ?
- कवक जंतुओं के करीब किस गुण के कारण हैं ?
- हाइफा के समूह को क्या कहते हैं ?
- युग्मकोद्भिद का स्पोरोफाइट के साथ नियमित क्रम क्या कहलाता है ?
- ब्रायोफाइटा में पोषण के आधार पर युग्मकोद्भिद कैसा होता है ?
उत्तर:
- फाइकोइरीथ्रिन
- ग्लाइकोजन (संचित भोज्य पदार्थ)
- माइसिलियम
- पीढ़ियों का एकांतरण
- स्वपोषी।
वनस्पति जगत अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
उस शैवाल का नाम बताइए जिससे अगर-अगर नामक पदार्थ प्राप्त किया जाता है।
उत्तर:
ग्रेसिलेरिया एवं गेलिडियम नामक शैवाल से अगर-अगर प्राप्त किया जाता है।
वनस्पति जगत प्रश्न 2.
स्पाइरोगायरा को जल रेशम क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
स्पाइरोगांयरा चिकने तथा लसलसेदार होते हैं, इसलिए इन्हें जल रेशम या तालाबी रेशम (Pond silk) कहते हैं।
प्रश्न 3.
दो खाद्य शैवालों के नाम बताइए।
उत्तर:
- लेमिनेरिया
- पोरफायरा।
प्रश्न 4.
चाय में रस्ट रोग किस शैवाल से होता है ?
उत्तर:
सिफैल्यूरस नामक शैवाल से।
प्रश्न 5.
भारत में शैवाल के जनक के रूप में कौन जाने जाते हैं ?
उत्तर:
एम.ओ.पी. आयंगर नामक वैज्ञानिक भारत में शैवाल के जनक कहे जाते हैं।
वनस्पति जगत के नोट्स प्रश्न 6.
सूकाय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वह पादप शरीर जो जड़, तना तथा पत्ती में विभेदित न किया जा सके सूकाय कहलाता है। शैवालों का शरीर सूकायवत् होता है, जैसे-स्पाइरोगायरा तथा यूलोथ्रिक्स।
प्रश्न 7.
मॉस के एक स्त्रीधानी का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:

अध्याय 3 वनस्पति जगत प्रश्न 8.
किस वर्ग के स्थलीय पौधे सबसे आदिम हैं ?
उत्तर:
टेरिडोफाइटा वर्ग के स्थलीय पौधे सबसे आदिम हैं। उदाहरण – राइनिया, सायलोटम।
प्रश्न 9.
फर्न में बीजाणुधानी पुंज कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर:
फर्न में बीजाणुधारी पुंज विशिष्ट पत्ती सदृश रचनाओं, बीजाणुपर्ण पर पाये जाते हैं।
प्रश्न 10.
साइकस नामक जिम्नोस्पर्म में पाये जाने वाले किन्हीं दो फर्न के लक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
- तरुण कली पत्तियों में सर्सिनेट वर्नेशन (अन्दर की ओर मुड़ा होना)।
- कशाभिकीय लघुबीजाणु का होना।
प्रश्न 11.
किस पौधे का पुष्य सबसे बड़ा होता है ?
उत्तर:
रैफ्लेशिया नामक पादप का पुष्प सबसे बड़ा होता है।
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वनस्पति जगत के प्रश्न उत्तर प्रश्न 12.
भारत में पाये जाने वाले किन्हीं तीन जिम्नोस्पर्स के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- पाइनस (चिनार)
- सिड्रस (देवदार)
- साइकस।
प्रश्न 13.
ऐन्जियोस्पर्म के किन्हीं दो अतिमहत्वपूर्ण लक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
- बीज का फल के अन्दर स्थित होना।
- अण्डाशय की उपस्थिति।
प्रश्न 14.
शैवाल के कोई दो औषधीय महत्व लिखिये।
उत्तर:
शैवाल के औषधीय महत्व –
- लेमीनेरिया जेपोनिका, कोंडस क्रिस्पस आदि में Vitamin. B पाया जाता है।
- भूरे शैवालों से आयोडीन प्राप्त की जाती है।
वनस्पति जगत लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मॉस कैप्स्यूल के अनुलम्ब काट का नामांकित चित्र बनाइए।
अथवा
मॉस के कैप्स्यूल का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
क्लोरोफाइटा के चार लक्षण तथा चार उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
क्लोरोफाइटा के लक्षण – ये हरे रंग के शैवाल हैं, जिनमें निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं –
- इनका हरा रंग क्लोरोफिल-a एवं b की अधिकता के कारण होता है, इसके अलावा इनमें कैरोटीन एवं जैन्थोफिल भी पाया जाता है।
- इनकी कोशिकाभित्ति सेल्युलोज की बनी होती है।
- इनमें बराबर कशाभिकाओं वाले चल बीजाणु बनते हैं।
- ये भोजन का संग्रह मण्ड के रूप में करते हैं।
- इनमें लैंगिक जनन समयुग्मक प्रकार का होता है। उदाहरण – स्पाइरोगायरा, यूलोथ्रिक्स, जिग्निमा, क्लैडोफोरा।
प्रश्न 3.
आवृतबीजी (ऐन्जियोस्पर्म) के प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर:
आवृतबीजी के प्रमुख लक्षण –
- इनके बीज के चारों तरफ आवरण पाया जाता है तथा इनका मुख्य पौधा स्पोरोफाइट (2x) होता है।
- पौधा जड़, तना व पत्तियों में विभाजित रहता है। प्रजनन के लिए इनमें पूर्ण विकसित पुष्प बनता है।
- इनका संवहन पूल पूर्ण विकसित तथा जाइलम एवं फ्लोएम में विभेदित होता है। जाइलम के अन्दर वाहिकाएँ तथा फ्लोएम के अन्दर सह-कोशिकाएँ पायी जाती हैं।
- इनमें वातावरण के प्रति बहुत अधिक अनुकूलन पाया जाता है।
- इनमें प्रजनन अंग पुष्प के रूप में पाया जाता है।
- ये परजीवी, मृतोपजीवी, सहजीवी, उपरिरोही या जन्तु समभोजी होते हैं।
प्रश्न 4.
ब्रायोफाइटा के प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर:
ब्रायोफाइट्स उभयचर जीव हैं, जिनमें निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं –
- ये असंवहनी, हरितलवक युक्त, नम भूमि या छालों इत्यादि पर पाये जाने वाले ऐसे पौधे हैं, जिनमें निषेचन के बाद भ्रूण बनता है।
- मुख्य पौधा युग्मकोद्भिद होता है, बीजाणुद्भिद युग्मकोद्भिद के ऊपर आश्रित रहता है।
- इनके जनन अंग बहुकोशिकीय होते हैं तथा बंध्य आवरण से घिरे रहते हैं। नर अंग को ऐन्थीरीडिया तथा मादा अंग को आर्कीगोनियम कहते हैं।
- निषेचन के लिए जल आवश्यक होता है।
- इनके जीवन – चक्र में दो बहुकोशिकीय रचनाएँ पायी जाती हैं-एक अगुणित, दूसरी द्विगुणित होती है। इन अगुणित और द्विगुणित रचनाओं में स्पष्ट विषमरूपी पीढ़ी रूपान्तरण, पीढ़ी एकान्तरण पाया जाता है।
- इनका थैलसनुमा (सूकायवत्) शरीर प्रायः द्विपार्श्व सममित होता है।
प्रश्न 5.
जिम्नोस्पर्म तथा ऐन्जियोस्पर्म में समानताएँ बताइए।
उत्तर:
- दोनों पौधे बहुवर्षीय वृक्ष होते हैं तथा जनन अंग एक विशेष रचना में लगते हैं।
- दोनों के परागकण अंकुरित होकर पराग नलिका बनाते हैं।
- दोनों ही में जीवन की मुख्य रचना स्पोरोफाइटिक होती है तथा गैमीटोफाइट, स्पोरोफाइट पर आश्रित रहता है।
- दोनों में बीज तथा बीजाण्ड निर्माण की क्रिया समान होती है।
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वनस्पति जगत दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जिम्नोस्पर्म ( अनावृतबीजी) एवं ऐन्जियोस्पर्म (आवृतबीजी) पौधों में पाँच अन्तर बताइए।
उत्तर:

प्रश्न 2.
ब्रायोफाइट्स तथा टेरिडोफाइट्स में अन्तर बताइए।
उत्तर:
ब्रायोफाइट्स तथा टेरिडोफाइट्स में अन्तर –
