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MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 16 दैनिक जीवन में रसायन
दैनिक जीवन में रसायन NCERT पाठ्यनिहित प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अनिद्राग्रस्त रोगियों को चिकित्सक नींद लाने वाली गोलियाँ लेने का परामर्श देते हैं, परन्तु बिना चिकित्सक से परामर्श लिये इनकी खुराक लेना उचित क्यों नहीं है?
उत्तर
नींद वाली गोलियाँ प्रशांतक या प्रतिअवसादक होती हैं। ये तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालती है। ये चिंता, तनाव, चिड़चिड़ापन या उत्तेजना से मुक्ति दिलाती है। परन्तु इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में व अनुशासित मात्रा में लेना चाहिये। यदि नहीं, तो इनकी अनियंत्रित व अधिक मात्रा शरीर व दिमाग को नुकसान पहुँचाती है, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा लेने पर यह विष का कार्य करती है।
प्रश्न 2.
किस वर्गीकरण के आधार पर वक्तव्य “रैनिटिडीन प्रति-अम्ल है”, दिया गया है ?
उत्तर
औषधि का भेषजगुणविज्ञान संबंधी (Pharmacological) प्रभाव के अनुसार वर्गीकरण की ओर यह वक्तव्य संकेत करता है। क्योंकि कोई भी औषधि जो आमाशय में उपस्थित अतिरिक्त अम्ल को उदासीन करने के लिये उपयोग की जाती है, प्रतिअम्ल (एण्टासिड) कहलाती है तथा रैनीटिडीन आमाशय की दीवार पर उपस्थित ग्राही का हिस्टामिन के साथ अन्तक्रिया को रोकती है। हिस्टामिन आमाशय में पेप्सिन व HCI के स्रावण को उत्तेजित करती है।
प्रश्न 3.
हमें कृत्रिम मधुरकों की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर
ग्रहण की गई कैलोरी को कम करने तथा दाँतों को सड़ने से रोकने के लिये हमें कृत्रिम मधुरकों की आवश्यकता पड़ती है।
प्रश्न 4.
ग्लिसरिल ओलिएट तथा ग्लिसरिल पॉमिटेट से सोडियम साबुन बनाने के लिये रासायनिक समीकरण लिखिये। इनके संरचनात्मक सूत्र नीचे दिये गये हैं
- (C15H31C00)3)C3)H5 (ग्लिसरिल पॉमिटेट)
- (C17H32C00)3)C3)H5 (ग्लिसरिल ओलिएट)
उत्तर
प्रश्न 5.
निम्न प्रकार के अनायनिक अपमार्जक द्रव अपमार्जकों, इमल्सीकारकों और क्लेदन कारकों (Wetting agents) में उपस्थित होते हैं। अणु में जलरागी तथा जलविरागी हिस्सों को दर्शाइये। अणु में उपस्थित प्रकार्यात्मक समूह की पहचान कीजिए।
उत्तर
अध्रुवीय भाग (जलविरागी) ध्रुवीय भाग (जलरागी)
अपमार्जक अणुओं में उपस्थित क्रियात्मक समूह है –
- ईथर तथा
- 1° ऐल्कोहॉलीय समूह।
दैनिक जीवन में रसायन NCERT पाठ्य-पुस्तक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
हमें औषधियों को विभिन्न प्रकार से वर्गीकृत करने की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर
औषधि को विभिन्न प्रकारों से वर्गीकृत किया जा सकता है, जो निर्भर करता है
- उनके भेषजगुणविज्ञान संबंधी प्रभाव पर
- किसी विशेष जैवरासायनिक प्रक्रिया पर उनके प्रभाव पर
- उनकी रासायनिक संरचना के आधार पर
- उनके आण्विक लक्ष्य के आधार पर।
उदाहरण- औषधि का भेषजगुणविज्ञान संबंधी प्रभाव पर आधारित वर्गीकरण डॉक्टरों के लिये बहुत उपयोगी होता है। औषधि का आण्विक लक्ष्य पर आधारित वर्गीकरण औषधीय रसायनविज्ञानियों (रसानज्ञों) के लिये उपयोगी होता है। अतः औषधि विभिन्न उद्देश्यों के लिये विभिन्न तरीकों में वर्गीकृत की जाती है।
प्रश्न 2.
औषध रसायन के पारिभाषिक शब्द, लक्ष्य-अणु अथवा औषधि-लक्ष्य को समझाइए।
उत्तर
रोगी द्वारा ली गई औषधि वृहद् अणुओं जैसे-प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड तथा न्यूक्लिक अम्लों के साथ अत- क्रिया करते हैं तथा ये औषधि लक्ष्य (Drug targets) कहलाते हैं। ये वृहद् अणु या औषधि-लक्ष्य शरीर में नाना प्रकार की भूमिका अदा करते हैं।
औषधि की बनावट (आकार) विशिष्ट लक्ष्यों के साथ अन्तक्रिया करने के लिये इस प्रकार की जाती है कि इनके पास दूसरे लक्ष्यों पर प्रभाव डालने की सबसे कम संभावना हो। ये पार्श्व प्रभाव को कम करती है तथा औषधि के प्रभाव को सीमित रखती है।
प्रश्न 3.
उन वृहद् अणुओं के नाम लिखिए जिन्हें औषध-लक्ष्य चुना जाता है।
उत्तर
वृहद् अणु जिन्हें औषध-लक्ष्य के लिये चुना गया है- ये हैं- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड तथा न्यूक्लिक अम्ल।
प्रश्न 4.
बिना डॉक्टर से परामर्श लिए दवाइयाँ क्यों नहीं लेनी चाहिए?
उत्तर
औषधि या ड्रग का पार्श्व प्रभाव भी पड़ता है। यह प्रभाव इसलिये होता है, क्योंकि औषधि एक से ज्यादा प्रकार से ग्राही से बंध जाती है। इनकी अधिक मात्रा या गलत चुनाव अत्यंत नुकसानदायक होता है तथा कभी-कभी मृत्यु का कारण भी बन जाते हैं।
अतः बिना डॉक्टर के परामर्श के दवाइयाँ नहीं लेनी चाहिये।
प्रश्न 5.
रसायन चिकित्सा (Chemotherapy) शब्द की परिभाषा दीजिए।
उत्तर
रसायन की वह शाखा जो बीमारियों या रोगों के उपचार से संबंधित होती है, रसायन चिकित्सा (Chemotherapy) कहलाती है।
प्रश्न 6.
एन्जाइम की सतह पर औषध को थामने के लिए कौन-से बल कार्य करते हैं ?
उत्तर
एन्जाइम की सतह पर औषध को थामने के लिये कार्य करने वाले बल हैं- हाइड्रोजन बंध, आयनिक बंध, द्विध्रुव- द्विध्रुव अन्तक्रिया या वाण्डर-वाल्स बल।
प्रश्न 7.
प्रति- अम्ल एवं प्रति-एलर्जी औषध हिस्टैमिन के कार्य में बाधा डालती हैं परन्तु यह एकदूसरे के कार्य में बाधक क्यों नहीं होती?
उत्तर
ये एक- दूसरे के कार्य में बाधा इसलिये नहीं डालते क्योंकि ये विभिन्न ग्राही पर कार्य करते हैं। हिस्टैमिन के स्रावण के कारण शरीर में एलर्जी व अम्लीयता उत्पन्न होती है जबकि प्रति-अम्ल केवल अम्लीयता को दूर करता है।
प्रश्न 8.
नॉरएड्रिनेलिन का कम स्तर अवसाद का कारण होता है। इस समस्या के निदान के किस प्रकार की औषध की आवश्यकता होती है ? दो औषधों के नाम लिखिए।
उत्तर
नॉरएड्रिनेलिन सुख का आभास कराती है व मनोदशा के परिवर्तन में सहायक होती है। यदि नॉरएड्रिनेलिन का स्तर कम हो जाता है, तो हॉर्मोन की सक्रियता के लिये भेजे जाने वाले संकेत कम हो जाते हैं तथा व्यक्ति अवसाद में चला जाता है। इस अवस्था में रोगी को प्रति अवसादक दवाइयों की आवश्यकता पड़ती है जो नॉरएड्रिनेलिन के निम्नीकरण को उत्तेजित करने वाले एन्जाइम को रोकता है। प्रति- अवसाद के लिये उपयोग की जाने वाली सामान्य दवाइयाँ- इप्रोनाइजिड व फीनल्जिन हैं।
प्रश्न 9.
‘वृहद्-स्पेक्ट्रम जीवाणुनाशी’ शब्द से आप क्या समझते हैं ? समझाइए।
उत्तर
बैक्टीरिया की परास या दूसरे सूक्ष्मजीवी जो निश्चित प्रतिजैविक द्वारा प्रभावित होते हैं, उनकी क्रियाएँ स्पेक्ट्रम की तरह प्रदर्शित की जाती हैं।
“वृहद् स्पेक्ट्रम जीवाणुनाशी” का अर्थ है, प्रतिजैविक जो ग्राम-ऋणात्मक व ग्राम- धनात्मक बैक्टीरिया के लम्बी परास को रोकता या मारता है।
प्रश्न 10.
पूतिरोधी तथा संक्रमणहारी किस प्रकार से भिन्न हैं ? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर
पूतिरोधी- ये जीवित ऊतकों पर उपयोग किये जाते हैं, जैसे-घाव, चोट इत्यादि पर सूक्ष्मजैविकों की वृद्धि रोकने या मारने के लिये।
उदाहरण- 0.2% फीनॉल, आयोडीन का टिंक्चर, डेटॉल इत्यादि।
संक्रमणहारी- ये अजीवित वस्तुओं पर उपयोग किये जाते हैं। जैसे–फर्श, उपकरणों, निकासी तंत्रों इत्यादि पर।
उदाहरण- 1% फीनॉल का विलयन, क्लोरीन (0-2 से 0-4ppm), कम सान्द्रता में SO2.
प्रश्न 11.
सिमेटिडीन तथा रैनिटिडीन सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट अथवा मैग्नीशियम या ऐल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड की तुलना में श्रेष्ठ प्रति-अम्ल क्यों है ? ;
उत्तर
प्रति- अम्ल NaHCO3, Mg(OH)2 या AI(OH)3, आमाशय में बनने वाले अतिरिक्त (अधिक मात्रा में) अम्ल को उदासीन करते हैं परन्तु लम्बे समय तक इनके उपयोग से आमाशय में अधिक मात्रा में अम्ल का उत्पादन होता है, जो हानिकारक होता है तथा परिणामस्वरूप अल्सर हो सकता है। इसका अर्थ है कि औषधि केवल लक्षणों को नियंत्रित करते हैं।
सिमेटिडीन व रैनिटिडीन इस प्रकार पार्श्व प्रभाव के बिना कार्य करते हैं (क्योंकि ये कारण को नियंत्रित करते हैं) जैसे-ये आमाशय की दीवार के ग्राही के साथ हिस्टैमिन की अन्तक्रिया को रोकते व हिस्टैमिन अम्ल के स्रावण को उत्तेजित करते हैं। अत: ये NaHCO3, Mg(OH)2 या AI(OH)3, से श्रेष्ठ प्रति-अम्ल है।
प्रश्न 12.
एक ऐसे पदार्थ का उदाहरण दीजिए जिसे पूतिरोधी तथा संक्रमणहारी, दोनों प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है।
उत्तर
फीनॉल एक ऐसा पदार्थ है जो एण्टीसेप्टिक की तरह (0.2% विलयन) उपयोग किया जाता है : तथा संक्रमणहारी की भी तरह (1% विलयन) कार्य करता है।
प्रश्न 13.
डेटॉल के प्रमुख संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर
डेटॉल क्लोरोजाइलेनॉल तथा टर्मिनोल का एक मिश्रण है।
प्रश्न 14. आयोडीन का टिंक्चर क्या होता है ? इसके क्या उपयोग हैं ?
उत्तर
रसायन में टिंक्चर एक विलयन होता है जिनमें एल्कोहॉल विलायक होता है। टिंक्चर आयोडीन एल्कोहॉल-जल मिश्रण में आयोडीन का 2-3% विलयन है। यह घाव में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने या मारने के लिये उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 15.
खाद्य पदार्थ परिरक्षक क्या होते हैं ?
उत्तर
रासायनिक पदार्थ जो भोज्य पदार्थों को बैक्टीरिया, यीस्ट व फफूंद से रक्षा करने के लिए उपयोग किये जाते हैं, ये खाद्य पदार्थ परिरक्षक कहलाते हैं। उदाहरण-सोडियम मेटाबाइसल्फेट, सोडियम बेन्जोएट।
प्रश्न 16.
एस्पार्टेम का प्रयोग केवल ठंडे खाद्य एवं पेय पदार्थों तक सीमित क्यों हैं ?
उत्तर
एस्पार्टेम का प्रयोग केवल ठंडे खाद्य व पेय पदार्थों तक सीमित होता है, क्योंकि यह खाना बनाने के ताप (Cooking temperature) पर अस्थायी होता है।
प्रश्न 17.
कृत्रिम मधुरक क्या हैं ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर
कृत्रिम मधुरक वे पदार्थ हैं, जिनका संश्लेषण पूर्णतः या आंशिक रूप से रासायनिक संश्लेषण द्वारा होता है तथा ये खाद्य में मिठास लाने के लिये डाले जाते हैं।
उदाहरण-
- सुक्रोस,
- सैकेरीन।
प्रश्न 18.
मधुमेह के रोगियों के लिए मिठाई बनाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले मधुरकों के क्या नाम हैं?
उत्तर
कृत्रिम मिठास वाले एजेन्ट जैसे-सैकेरीन, एस्पार्टेम या एलिटेम मिलाये जाते हैं।
प्रश्न 19.
ऐलिटेम को कृत्रिम मधुरक की तरह उपयोग में लाने पर क्या समस्याएँ होती हैं ?
उत्तर
ऐलिटेम उच्च प्रबलता वाला कृत्रिम मधुरक है जिसकी मिठास शक्कर की तुलना में 2000 गुना होती है। अत: इनका उपयोग कर भोजन की मिठास नियंत्रित करना कठिन होता है।
प्रश्न 20.
साबुनों की अपेक्षा संश्लेषित अपमार्जक किस प्रकार से श्रेष्ठ हैं ?
उत्तर
- साबुन कठोर पानी में उपयोग नहीं किये जाते, जबकि अपमार्जक किये जा सकते हैं।
- साबुन अम्लीय जल में प्रयोग नहीं किये जाते, जबकि अपमार्जक किये जा सकते हैं।
प्रश्न 21.
निम्नलिखित शब्दों को उपयुक्त उदाहरणों द्वारा समझाइए
- धनात्मक अपमार्जक,
- ऋणात्मक अपमार्जक,
- अनआयनिक अपमार्जक।
उत्तर
1. धनात्मक अपमार्जक- ये वे अपमार्जक हैं जिनमें धनात्मक (केटायनिक) जलरोधी समूह होता है। ये सामान्यतः एसीटेट, क्लोराइड या ब्रोमाइड के चतुष्क अमोनियम लवण होते हैं । उदाहरण-इथाइल ट्राइ-मिथाइल अमोनियम क्लोराइड है
[CH3(CH2)15N(CH3)3]+Cl–
2. ऋणात्मक अपमार्जक-ये वे अपमार्जक हैं जिनमें ऐनायनिक जलरोधी समूह होता है। ये दो प्रकार के होते हैं
- सोडियम एल्काइल सल्फेट, उदाहरण-सोडियम लॉराइल सल्फेट formula
- सोडियम एल्काइल बेंजीन सल्फोनेट, उदाहरण-सोडियम 4-(1-डेकाडाइल बेंजीन सल्फोनेट (SDS))
3. अनआयनिक या उदासीन अपमार्जक-ये वसा अम्लों के साथ उच्चतर आण्विक भार वाले एल्कोहॉलों के एस्टर होते हैं। उदाहरण-पॉलीएथिलीन ग्लाइकॉल स्टीयरेट
CH3(CH2)16COO(CH2CH2O)nCH2CH2OH
पॉलीएथीलीन ग्लाइकॉल स्टीयरेट
प्रश्न 22.
जैव-निम्नीकृत होने वाले और जैव-निम्नीकृत न होने वाले अपमार्जक क्या हैं ? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर
जैव-निम्नीकृत अपमार्जक- ये बैक्टीरिया द्वारा निम्नीकृत हो जाते हैं। इसमें हाइड्रोकार्बन श्रृंखला अशाखित होती है। ये जल प्रदूषण नहीं करते हैं तथा अच्छे होते हैं। उदाहरण-सोडियम लॉराइल सल्फेट।।
अजैव-निम्नीकृत अपमार्जक- इनमें उच्चतम शाखित हाइड्रोकार्बन श्रृंखला होती है, जिससे वे बैक्टीरिया द्वारा सरलता से निम्नीकृत नहीं होते हैं और ये जल प्रदूषण करते हैं।
उदाहरण- सोडियम 4-(1, 3, 5, 7 ट्रेटामिथाइलएसी-टाइल) बेंजीन सल्फोनेट।
प्रश्न 23.
साबुन कठोर जल में कार्य क्यों नहीं करता?
उत्तर
कठोर जल में कैल्सियम व मैग्नीशियम लवण होते हैं । अतः कठोर जल में पदार्थ अघुलनशील कैल्सियम व मैग्नीशियम साबुन में अवक्षेपित हो जाता है। ये अघुलनशील कपड़े में चिपचिपे या गोंद जैसे समूह की तरह चिपक जाते हैं तथा साबुन की कपड़े से तेल व ग्रीस निकालने की क्षमता को खत्म कर देते हैं।
प्रश्न 24.
क्या आप साबुन तथा संश्लेषित अपमार्जकों का प्रयोग जल की कठोरता जानने के लिए कर सकते हैं ?
उत्तर
हाँ, साबुन का प्रयोग जल की कठोरता को जानने के लिये किया जा सकता है, क्योंकि ये कठोर जल के साथ अघुलनशील कैल्सियम व मैग्नीशियम साबुन का अवक्षेप देते हैं, परन्तु संश्लेषित अपमार्जक नहीं देते हैं । अतः संश्लेषित अपमार्जकों से जल की कठोरता नहीं जानी जा सकती है।
प्रश्न 25.
साबुन की शोधन क्रिया समझाइए।
उत्तर
रसायन की वह शाखा जो बीमारियों या रोगों के उपचार से संबंधित होती है, रसायन चिकित्सा (Chemotherapy) कहलाती है।
कृत्रिम मिठास वाले एजेन्ट जैसे-सैकेरीन, एस्पार्टेम या एलिटेम मिलाये जाते हैं।
प्रश्न 26.
यदि जल में कैल्सियम हाइड्रोजनकार्बोनेट घुला हो तो आप कपड़े धोने के लिए साबुन एवं संश्लेषित अपमार्जकों में से किसका प्रयोग करेंगे?
उत्तर
कैल्सियम बाइकार्बोनेट जल को कठोर बनाता है। साबुन इस कठोर जल के साथ अवक्षेप देता है। अतः कपड़े धोने के लिये प्रयोग नहीं किये जाते हैं। दूसरी तरफ संश्लेषित अपमार्जक कठोर जल के साथ अवक्षेप नहीं देते हैं क्योंकि उनके कैल्सियम लवण भी जल में घुलनशील होते हैं । अतः संश्लेषित अपमार्जकों का प्रयोग कठोर जल में कपड़े धोने के लिये किया जाता है।
प्रश्न 27.
निम्नलिखित यौगिकों में जलरागी एवं जलविरागी भाग दर्शाइए।
उत्तर
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दैनिक जीवन में रसायन वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. सही विकल्प चुनकर लिखिए –
प्रश्न 1.
साइक्लोहेक्सेन के हेक्साक्लोराइड का कौन-सा समावयवी एक प्रबल कीटनाशक है
(a) α
(b) β γ
(c) γ
(d) δ
उत्तर
(c) γ
प्रश्न 2.
विकृतीकृत स्पिरिट विशेष रूप से प्रयुक्त होती है –
(a) औषधि में
(b) ईंधन में
(c) वार्निश में
(d) द्रावक तैयार करने में।
उत्तर
(a) औषधि में
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा उदाहरण पीड़ाहारी औषधि का नहीं है –
(a) फिनेसिटीन .
(b) पैरासिटामॉल
(c) क्लोरैम्फेनिकॉल
(d) मार्फीन।
उत्तर
(c) क्लोरैम्फेनिकॉल
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किस औषधि की खोज ऐलेक्जैण्डर फ्लेमिंग ने की थी –
(a) पेनिसिलिन
(b) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(c) क्लोरोमाइसेटिन
(d) ऐस्पिरिन।
उत्तर
(a) पेनिसिलिन
प्रश्न 5.
किस औषधि का उपयोग क्षय रोग के इलाज में किया जाता है –
(a) पेनिसिलीन
(b) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(c) क्लोरोमाइसिटिन
(d) सल्फाडायजिन।
उत्तर
(b) स्ट्रेप्टोमाइसिन
प्रश्न 6.
ट्यूबरकुलोसिस के उपचार में किसका प्रयोग किया जाता हैं –
(a) पेनिसिलीन
(b) ऐस्प्रिन
(c) क्लोरैमफिनिकॉल
(d) स्ट्रेप्टोमाइसिन।
उत्तर
(d) स्ट्रेप्टोमाइसिन।
प्रश्न 7.
सैक्रीन ………… गुना ज्यादा गन्ने से मीठा होता है –
(a) 10
(b) 600
(c) 4000
(d) 40.
उत्तर
(b) 600
प्रश्न 8.
वह रासायनिक पदार्थ जो रॉल्फिया सरपेन्टिना पौधे से निकाला जाता है –
(a) एस्प्रिन
(b) क्वीनोन
(c) विथियॉन
(d) रेसरपाइन
उत्तर
(d) रेसरपाइन
प्रश्न 9.
वह यौगिक जिसका एण्टीबायोटिक्स, एण्टीपायरेटिक्स दोनों रूपों में उपयोग होता है –
(a) फिनेसेटिन
(b) सल्फा औषधि
(c) पैरासिटामॉल
(d) ऐस्प्रिन।
उत्तर
(d) ऐस्प्रिन।
प्रश्न 10.
निम्न में से कौन-सा समूह डिटर्जेन्ट की सर्वाधिक संख्या को व्यक्त करता है –
(a) केटायनिक
(b) एनायनिक
(c) नॉन-आयनिक
(d) हाइड्रोफोबिक।
उत्तर
(b) एनायनिक
प्रश्न 11.
निम्न में से कौन प्रशान्तक है –
(a) सैकोनॉल
(b) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(c) मार्फीन
(d) फिनेसिटिन।
उत्तर
(a) सैकोनॉल
प्रश्न 12.
निम्न में से कौन एण्टीबायोटिक नहीं है –
(a) टेरामाइसिन
(b) क्लोरोमाइसिटिन
(c) मार्फीन
(d) D- पेनीसीलेमाइन।
उत्तर
(c) मार्फीन
प्रश्न 13.
सैलाल का उपयोग होता है –
(a) एण्टीसेप्टिक
(b) एण्टीपायरेटिक
(c) (a) और (b) दोनों
(d) उपयुक्त में से कोई नहीं।
उत्तर
(c) (a) और (b) दोनों
प्रश्न 14.
क्लोरोक्वीन एक उदाहरण है –
(a) एण्टीपायरेटिक
(b) एण्टीमलेरिया
(c) एण्टीबैक्टीरिया
(d) एण्टी ट्यूबरकुलर।
उत्तर
(b) एण्टीमलेरिया
प्रश्न 15.
निम्न में कौन वृहद स्पेक्ट्रम एण्टीबायोटिक है –
(a) ट्रिप्टोमाइसिन
(b) पेनिसिलीन
(c) ऐम्पिसिलीन
(d) क्लोरैम्फेनिकॉल।
उत्तर
(d) क्लोरैम्फेनिकॉल।
प्रश्न 16.
निम्न में से कौन-सा एण्टीबायोटिक नहीं है –
(a) टेट्रामाइसिन
(b) क्लोरोमाइसिटिन
(c) मार्फिन
(d) पेनिसिलीन।
उत्तर
(c) मार्फिन
प्रश्न 17.
वेरोनल का उपयोग होता है –
(a) एनेस्थेटिक
(b) सेडेटिव
(c) एण्टीसेप्टिक
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर
(b) सेडेटिव
प्रश्न 18.
निम्न में से कौन निद्राकारी है –
(a) ल्युमिनॉल
(b) सेलॉल
(c) कैटेकॉल
(d) फीनॉल।
उत्तर
(a) ल्युमिनॉल
प्रश्न 19.
फेरोमोन्स किनसे स्त्रावित होते हैं –
(a) अन्त: स्रावी ग्रन्थियों से
(b) आमाशय से
(c) बहि: स्रावी ग्रन्थियों से
(d) सेक्स ग्रन्थियों से।
उत्तर
(c) बहि: स्रावी ग्रन्थियों से
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- सिनोलिक अम्ल युक्त वसा या तेल …………………. औषधि पौधे का सक्रिय अवयव है।
- सोडियम बेंजोएट तथा पोटैशियम मेटा बाइसल्फेट अच्छे …………………. हैं।
- सोडियम डोलोसिल बेंजीन सल्फोनेट तथा सोडियम लॉरिल सारकोसिनेट एक महत्वपूर्ण ..है।
- आयोडीन एक प्रबल …………………………. है।
- प्रशान्तर औषधि का एक उदाहरण …………………….. है।
- सिन्कोना बार्क से ……………………… प्राप्त होता है।
- क्लोरोक्वीन ………………………………. औषधि है।
- ……………………….. को शल्यक्रिया का जनक कहते हैं।
- एलेक्जेन्डर फ्लेमिंग ने ………………………………. एन्टीबायोटिक औषधि का आविष्कार किया था।
- ऐसा पदार्थ जो आमाशय की अम्लीयता को कम करता है ………………………… कहलाता है।
उत्तर
- उलटकमल
- परिरक्षक
- डिटर्जेन्ट
- एन्टीसेप्टिक
- सेकोनाल
- कुनाइन
- एण्टी मलेरियल
- सुश्रुत
- पेनिसिलीन
- एण्टा एसिड।
3. उचित संबंध जोडिए
उत्तर
- (e)
- (c)
- (b)
- (a)
- (d).
4. एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए
- दर्द निवारक औषधि को क्या कहते हैं ?
- दो पीड़ाहारी औषधियों के नाम लिखिए।
- अत्यधिक तनाव तथा मानसिक अवसाद के लिए प्रयुक्त रसायन का नाम है।
- स्ट्रेप्टोमाइसिन दवा किस रोग के निवारण में प्रयुक्त किया जाता है ?
- एण्टीफर्टीलिटी ड्रग्स का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर
- एनाल्जेसिक
- ऐस्प्रिन और मार्फीन
- इक्वेनिल
- मलेरिया
- जनन क्षमता को कम करने या बर्थ कन्ट्रोल में।
दैनिक जीवन में रसायन लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रोगाणुनाशी क्या है ?
उत्तर
रोगाणुनाशी (Germicides)- रोगाणुनाशी वे पदार्थ हैं, जिनमें रोगाणुओं (Germs) को नष्ट करने की शक्ति होती है। रोगाणुनाशी के रूप में सल्फर यौगिक, मर्करी यौगिक (मरक्यूरिक आयोडाइड) तथा फोनॉलिक यौगिक प्रयुक्त किया जाता है।
साबुन में उपस्थित सल्फर यौगिक मुँहासे (Pimples), रूसी (Dandruff) तथा त्वचा संक्रमण (Skin infection) से त्वचा की रक्षा करते हैं।
रोगाणुनाशी के रूप में फीनॉलिक यौगिकों का प्रयोग अधिक होता है।
क्रेसाइकलिक अम्ल (Cresyclic acid) जो m-क्रिसॉल तथा p-क्रिसॉल का मिश्रण है, रोगाणुनाशी के रूप में साबुन में डाला जाता है।
प्रश्न 2.
क्लोरोएम्फिनिकॉल की संरचना लिखिए तथा बताइए यह किस काम में आता है ?
उत्तर
क्लोरोएम्फिनिकॉल एक प्रभावकारी एण्टीबायोटिक औषधि है। इसका मुख्य उपयोग टाइफाइड, ज्वर, पेचिश, खाँसी, मैनिन्जाइटिस तथा मूत्र रोगों में होता है।
प्रश्न 3.
ज्वरनाशी से क्या तात्पर्य है ? क्लोरोएम्फिनिकॉल
उत्तर–
शरीर का ताप अधिक हो जाने (ज्वर) पर लिये जाने वाले रसायन ज्वरनाशी कहलाते हैं । ये शरीर के केन्द्रीय संवहन तंत्र पर प्रभाव ‘ डालते हैं, जैसे—पैरासिटामॉल, ऐस्प्रिन, ऐनाल्जिन।
प्रश्न 4.
एण्टीबायोटिक क्या हैं ? किन्हीं दो एण्टीबायोटिक के नाम लिखिए।
उत्तर
एण्टीबायोटिक या प्रतिजैविक (Antibiotic)–ये वे रासायनिक पदार्थ हैं, जो सूक्ष्म जीवों जीवाणु, कवक, ऐक्टिनोमाइसेज द्वारा उत्पन्न होते हैं व अन्य सूक्ष्म जीवों, जीवाणु, कुछ वायरस, कवक तथा रिकेटीसिया को नष्ट कर देते हैं या उनके विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं।’
उदाहरण-पेनिसिलीन, स्ट्रेप्टोमाइसिन आदि।
प्रश्न 5.
प्रतिरक्षी तंत्र क्या है ? यह किस प्रकार विकसित होता है ?
उत्तर
शरीर में विभिन्न प्रकार के विषाणुओं या ऐण्टीजन को नष्ट करने के लिए लिम्फोसाइट निर्मित हो जाते हैं जो प्रतिरक्षी कहलाते हैं। ये प्रतिरक्षी विशेष प्रकार की श्वेत रक्त कणिकाएँ होती हैं। ये आक्रमणकारी जीव या विष को नष्ट करने हेतु एक विशेष प्रकार की ग्लोब्युलिन प्रोटीन बनाकर मुक्त करती हैं, ये प्रोटीन रक्त तथा ऊतक द्रव में संचरित होकर आक्रमणकारी विषाणु, जीवाणुओं तथा विष पदार्थों को नष्ट कर देती हैं। लिम्फोसाइट ऐण्टीजन को बाँध लेते हैं और स्वयं तेजी से विभाजित होते हैं। जिससे रक्त में प्रतिरक्षी की संख्या बढ़ जाती है जिससे ऐण्टीजन का प्रभाव नष्ट हो जाता है।
प्रश्न 6.
पूतिरोधी (Antiseptic) किसे कहते हैं ?
उत्तर
वे औषधियाँ जो सूक्ष्म जीवों की वृद्धि तथा गुणन को रोकती हैं, म पूतिरोधी कहलाती हैं। ये मानव के स्वस्थ ऊतकों को हानि नहीं पहुँचाती हैं। ये । घावों, अल्सरों तथा रोगग्रस्त त्वचा पर उपयोग की जाती हैं। ऐल्कोहॉल, बोरिक अम्ल, आयोडीन, क्लोरीन आदि पूतिरोध OCOOH3 प्रयोग बैक्टीरिया के क्षय से उत्पन्न दुर्गन्ध के लिए किया जाता है।
उदाहरण-डेटॉल (Dettol)—ये क्लोरो जाइलेनोल व टरपीनियोल का मिश्रण होता है । त्वचा पर उपयोग के लिए प्रयुक्त होता है
प्रश्न 7.
प्रतिजैविक (Antibiotics) से क्या समझते हैं ? प्रथम प्रतिजैविक का नाम बताइए।
उत्तर
प्रतिजैविक-सूक्ष्म जीवों (बैक्टीरिया, फफूंदी) से बने वे पदार्थ जो अन्य सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर दें; प्रतिजैविक कहलाते हैं। शरीर में पहुँचने के बाद ये उन सूक्ष्म जीवों को जो रोग के कारण हैं, की वृद्धि रोक देते हैं तथा शनैः शनैः उन्हें नष्ट कर देते हैं या उनके विकास में बाधा डालते हैं । ऐलेक्जेण्डर फ्लेमिंग ने प्रथम प्रतिजैविक पेनिसिलिन की खोज की। इसका सामान्य सूत्र C9H12N2O4SR है, इसकी सामान्य संरचना निम्न है-
प्रश्न 8.
कुछ प्रमुख ज्वरनाशक औषधियों के नाम व सूत्र लिखिए।
उत्तर
ज्वरनाशक ( Antipyretic) शरीर का ताप अधिक हो जाने (ज्वर) पर लिये जाने वाले रसायन ज्वरनाशक कहलाते हैं। ये शरीर के केन्द्रीय संवहन तन्त्र पर प्रभाव डालते हैं, जैसे-पैरासिटामॉल। कुछ रसायन ज्वरनाशक और दर्दनाशक दोनों कार्य करते हैं, जैसे-ऐस्प्रिन, पैरासिटामॉल, ऐनाल्जिन आदि। इनके सेवन से अक्सर पसीना निकलता है।
प्रमुख ज्वरनाशक औषधियों के संरचना सूत्र निम्नांकित हैं
प्रश्न 9.
किसी एण्टीहिस्टामिन औषधि का नाम एवं उपयोग, परिभाषा सहित लिखिए।
उत्तर
एण्टीहिस्टामिन-मनुष्य में हिस्टामिन पेशियों में संकुचन, धमनियों व कोशिकाओं में शिथिलन, लार ग्रंथियों को उत्तेजित आदि प्रभाव उत्पन्न करता है।
अतः एण्टीहिस्टामिन वे औषधियाँ हैं, जो इन प्रभावों को समाप्त या नियंत्रित करते हैं।
उदाहरण-
1. एण्टरगन-यह प्रबल एलर्जिक परिस्थितियों में प्रयुक्त होती है।
2. बेनाड्रिल
प्रश्न 10.
साबुन और अपमार्जक में प्रमुख अंतर क्या है ?
उत्तर
साबुन और अपमार्जक में अन्तर-
प्रश्न 11.
प्रत्येक को उदाहरण सहित समझाइये(अ) प्रतिजैविक, (ब) दर्दनाशी ( पीड़ाहारी )।
उत्तर
(अ) प्रतिजैविक- ऐसे रासायनिक पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों से उत्पन्न होते है तथा अन्य सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर बीमारियों की रोकथाम करते हैं, प्रतिजैविक कहलाते हैं।
ये दो प्रकार के होते हैं
- वृहद् स्पेक्ट्रम प्रतिजैविक-उदाहरण- टेट्रासाइक्लीन क्लोरेम्फेनिकॉल, पेनेसिलिन
- सूक्ष्म स्पेक्ट्रम प्रतिजैविक-उदाहरण-नियास्टेटिन, बैसिट्रेसिन, पेनेसिलिन प्रतिजैविक औषधियाँ विभिन्न रोगों, जैसे- टायफाइड, वूफिंग कफ, न्यूमोनिया तथा तपेदिक के उपचार में प्रयुक्त होती है।
(ब) दर्दनाशी (पीड़ाहारी)- वे औषधियाँ जो शरीर के दर्द या पीड़ा को कम करने में प्रयुक्त होती है, दर्दनाशी या पीड़ाहारी औषधियाँ कहलाती है।
प्रकार तथा उदाहरण-
- नार्कोटिक-मार्फीन, कोडीन।
- नॉन-नार्कोटिक-ऐस्प्रिन, पैरासिटामॉल, ऐनाल्जिन।
प्रश्न 12.
परिरक्षक किन्हें कहते हैं ? किन्हीं दो परिरक्षकों के नाम व सूत्र लिखिए।
उत्तर
परिरक्षक वे भौतिक तथा रासायनिक पदार्थ हैं जो खाद्य पदार्थ की रंग, गंध, संघटन तथा पौष्टिक मान नष्ट किये बिना अधिक समय तक भण्डारण में सहायक होते हैं।
दैनिक जीवन में रसायन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
- एण्टीफर्टिलिटी ड्रग्स
- एण्टासिड
- डिटर्जेन्ट (अपमार्जक)
- शामक औषधि
- सल्फा ड्रग।
उत्तर
1. एण्टीफर्टिलिटी ड्रग्स-वे रासायनिक पदार्थ जिनका उपयोग प्रजनन क्षमता को नियंत्रित करने में किया जाता है एण्टीफर्टिलिटी औषधियाँ कहलाती हैं। एण्टीफर्टिलिटी के प्रयोग से महिलाओं में मासिक स्राव चक्र तथा अण्ड विर्सजन को नियंत्रित करते हैं। आजकल जिन उर्वरता निरोधक का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है वे हैं–मेस्ट्रेनाल, नॉन-एथिनड्रॉन आदि।
2. एण्टासिड (Antacid)—वे रासायनिक पदार्थजो अमाशय में उत्पन्न अम्ल की अधिकता (Acidity) को कम या उदासीन कर देते हैं और द्रव के pH मान में वृद्धि कर उपयुक्त स्तर पर ले जाते हैं। अमाशय में अम्ल की मात्रा बढ़ने से उत्तेजना तथा पीड़ा देती है जो अमाशय में HCl की अधिक मात्रा उत्पन्न होने से होता है तथा पेट में अल्सर (घाव) जैसे बीमारियों को उत्पन्न करता है। सामान्य रूप से उपयोग में लाये जाने वाले एण्टासिड Mg(OH)2, MgCO3,NaHCO3 आदि हैं। जो केवल रोगों को नियंत्रित करते हैं। रोगों के कारण को नहीं।
आजकल ओमेप्रेजॉल, लैन्सो प्रेजॉल आदि एण्टासिड के रूप में उपयोग किये जाते हैं।
3. डिटर्जेन्ट (अपमार्जक)- ये सल्फोनिल अम्लों के लवण या ऐल्किल हाइड्रोजन सल्फेट होते हैं। यदि एथिलीन प्रकार के 10 से 18 कार्बन वाले असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों की सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कराई जाती है जो कुछ कार्बनिक अम्ल बनते हैं। कार्बनिक अम्लों के ये सोडियम लवण हैं। ऐसे यौगिकों को संश्लेषित डिटर्जेन्ट कहते हैं। जैसे-सोडियम n-डोडेसिल बेंजीन सल्फोनेट, सोडियम n-डोडेसिल सल्फेट।
संश्लेषित डिटर्जेन्ट में दो भाग होते हैं
- हाइड्रोकार्बन की लम्बी श्रृंखला जो हाइड्रोफोलिक (जल प्रतिकर्षी) होती है।
- छोटी आयनिक श्रृंखला जो हाइड्रोफिलिक (जल-आकर्षक) होती है। आयनिक श्रृंखला सामान्यतया सोडियम सल्फोनेट (SO3–Na+)अथवा सोडियम सल्फेट (SO4–Na+) की होती है।
डिटर्जेन्ट पृष्ठ सक्रिय यौगिक (Surface active compound) हैं, जो जल के पृष्ठ तनाव को कम कर देते हैं। जब ऐसे यौगिकों को पानी में विलेय किया जाता है, तो ये धूल कणों को पानी में वितरित कर पृष्ठ को साफ कर देते हैं।
डिटर्जेन्ट के उपयोग-डिटर्जेन्ट निर्मलक (Cleaning agents) होते हैं। इनका उपयोग साबुन की तरह सूती, ऊनी, रेशमी तथा कृत्रिम रेशों से बने हुए वस्त्रों, बर्तन एवं अन्य घरेलू वस्तुओं को साफ करने में किया जाता है।
डिटर्जेन्ट के गुण-डिटर्जेन्ट निम्नलिखित गुणों के कारण साबुन से अधिक अच्छा है-
- डिटर्जेन्ट मृदु तथा कठोर दोनों प्रकार के जल में प्रयुक्त किये जा सकते हैं।
- डिटर्जेन्ट का जलीय विलयन उदासीन होता है। अत: डिटर्जेन्ट बिना किसी हानि के कोमल रेशों से बने वस्त्रों को साफ करने में प्रयुक्त किये जा सकते हैं।
4. शामक औषधि-ये उन मरीजों को दिया जाता है जो मानसिक रूप से अस्वस्थ तथा उत्तेजित होते हैं। उदाहरण- इक्वैनिल, ल्यूमिनल, बार्बिट्यूरिक अम्ल, सैकोनॉल आदि।
5. सल्फा ड्रग-ये रसोचिकित्सा औषधि है, ये ऐन्टीबायोटिक के समान क्रियाशील है किन्तु प्रयोगशाला में संश्लेषित किये जाते हैं। जैसे-सल्फाडाइजीन, सल्फापिरीडीन।
प्रश्न 2.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
- प्रशान्तक तथा सम्मोहक,
- प्रतिशमक।
उत्तर
1. प्रशान्तक (Tranquilizers) तथा सम्मोहक (Hypnotics) -ये औषधियाँ केन्द्रीय स्नायु तन्त्र के मुख्य केन्द्रों पर कार्य करती हैं तथा चिन्ता को कम करने में सहायता करती हैं। ये नींद लाने वाली गोलियों (Sleeping pills) के अवयव हैं। इनका उपयोग प्रायः बिना उचित कारणों के किया जाता है। इन
औषधियों का अधिक सेवन करने से इनकी आदत पड़ जाती है इसलिए इनको किसी चिकित्सक की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिये। इनमें से कुछ, जैसे—ल्यूमिनेल तथा सैकोनॉल, बार्बिट्यूरिक अम्ल के व्युत्पन्न हैं। एक्वैनिल विभिन्न प्रकार की औषधि हैं।
2. प्रतिशमक (Antidepressant)—ये भी केन्द्रीय स्नायु तन्त्र पर कार्य करते हैं। इन्हें लेने पर मनुष्य स्वस्थ रहता है तथा उसमें आत्मविश्वास की भावना जाग्रत होती है और ये उदास मनोदशा में मनुष्यों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। अतः इनको मनोदशा उत्थापक (Mood elevators) कहते हैं। इनको सभी प्रकार की पेप गोलियों (Pep pills) में डाला जाता है। इन्हें उचित सलाह के बिना नहीं लेना चाहिये। टॉफ्रेनिल ऐसी ही एक दवा है। मनोदशा का उत्थापन बेंजेडीन (ऐम्फेटेमीन) औषधियों के एम्फेटेमीन समूह के द्वारा भी उत्पन्न होता है। इनका प्रारूपिक उदाहरण बेंजेडीन है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित रसायनों के उदाहरण लिखिए
- दो पीडाहारी,
- दो प्रतिरोधी,
- दो प्रतिरोधी रसायन,
- दो प्रतिजैविक,
- दो निश्चेतक,
- दो सल्फा औषधि,
- दो रॉकेट प्रक्षेपक,
- क्लोरेम्फेनिकॉल प्रतिजैविक के दो उपयोग।
उत्तर
- दो पीड़ाहारी- (i) मार्फीन, (ii) ऐस्प्रिन।
- दो प्रतिरोधी- (i) डेटॉल, (ii) बाइथायोनॉल।
- दो प्रतिरोधी रसायन– (i) बोरिक एसिड, (ii) जेन्शन वायलेट।
- दो प्रतिजैविक- (i) टेरामाइसिन, (ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन ।
- दो निश्चेतक- (i) साइक्लोप्रोपेन, (ii) पेलेडाइन।
- दो सल्फा औषधि- (i) सल्फोनाइड, (ii) सल्फाइडीन।
- दो रॉकेट प्रक्षेपक- (i) पालीयूरेथेन, (ii) अमोनियम परक्लोरेट ।
- क्लोरेम्फेनिकॉल प्रतिजैविक के दो उपयोग-(i) टाइफाइड में, (ii) तीव्र बुखार व दस्त में।
प्रश्न 4.
रंजक एवं वर्णक में दो अंतर लिखिए।
उत्तर
रंजक एवं वर्णक में अंतररंजक
प्रश्न 5.
अम्लीय रंजक तथा क्षारीय रंजक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर
अम्लीय रंजक-इनमें अम्लीय समूह जैसे-फोनॉलिक, सल्फोनिक (-SO3H) आदि सोडियम लवण के रूप में रहते हैं। ये ऊन, रेशम आदि जान्तव तंतु को रंगते हैं। उदाहरण- ऑरेंज-I व II
अम्लीय रंजक – मेथिल ऑरेंज, मेथिल रेड।
क्षारीय रंजक – मैलेकाइट ग्रीन, एनीलीन यलो।