MP Board Class 10th Special Hindi भाषा बोध
1. सन्धि
दो वर्णों के मेल को सन्धि कहते हैं;
जैसे-
विद्या + आलय = विद्यालय, रमा + ईश = रमेश आदि।
सन्धि के भेद-सन्धि तीन प्रकार की होती हैं-
- स्वर सन्धि,
- व्यंजन सन्धि,
- विसर्ग सन्धि।
(1) स्वर सन्धि
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल में जो परिवर्तन होता है, वह स्वर सन्धि कहलाता है;
जैसे-
पुस्तक + आलय = पुस्तकालय, विद्या + अर्थी = विद्यार्थी। स्वर सन्धि के पाँच प्रकार होते हैं
(अ) दीर्घ सन्धि-हस्व या दीर्घ अ,इ, उ, ऋ के बाद ह्रस्व या दीर्घ समान स्वर आये तो दोनों के मेल से दीर्घ स्वर हो जाता है।
जैसे-
हत + आश = हताश, कपि + ईश = कपीश, भानु + उदय = भानूदय आदि।
(आ) गुण सन्धि-अ या आ के बाद इ या ई आये तो दोनों के स्थान पर ए हो जाता है। अ या आ के बाद उ या ऊ आये तो ओ हो जाता है और अ या आ के बाद ऋ आये तो अर् हो जाता है।
जैसे-
देव + ईश = देवेश, वीर + उचित = वीरोचित,महा + ऋषि = महर्षि।
(इ) वृद्धि सन्धि–यदि अ या आ के बाद ए या ऐ हो तो दोनों के स्थान पर ऐ हो जाते हैं और अ या आ के बाद ओ या औ हो तो दोनों मिलकर औ हो जाते हैं;
जैसे-
सदा + एव = सदैव,महा + औषध = महौषध।
(ई) यण सन्धि–यदि हस्व या दीर्घ इ.उ.ऋके बाद कोई असमान स्वर आये तो इ का य,उ का व् एवं ऋ का र् हो जाता है;
जैसे-
- प्रति + एक = प्रत्येक,
- सु + आगत = स्वागत,
- पित्र + आदेश = पित्रादेश।
(3) अयादि सन्धि–यदि ए.ऐ ओ औ के बाद कोई स्वर आये तो ए का अय.ऐ का आय, ओ का अव् और औ का आव् हो जाता है;
जैसे-
- ने + अन = नयन,
- नै + अक = नायक,
- पो + अन = पवन,
- पौ + अक = पावक।
(2) व्यंजन सन्धि
व्यंजन वर्ण के बाद व्यंजन या स्वर वर्ण के आने पर जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं;
जैसे-
- जगत + ईश = जगदीश,
- जगत + नाथ = जगन्नाथ।
(i) श्चुत्व सन्धि–यदि ‘स’ तथा त वर्ग के योग में (आगे या पीछे) ‘श’ या च वर्ग आये, तो ‘स’ के स्थान पर ‘श’ और त वर्ग के स्थान पर च वर्ग हो जाता है;
जैसे-
- हरिस् + शेते = हरिश्शेते
- सत् + चयन = सच्चयन
- सत् + चरित = सच्चरित
- श्यामस + शेते = श्यामश्शेते
(ii) ष्टनाष्ट सन्धि-यदि ‘स’ तथा त वर्ग के योग में (आगे या पीछे) ‘स’ और त वर्ग कोई भी हो तो स् का और त वर्ग का ट वर्ग (ट,ठ, ड, ढ, ण) हो जाता है;
जैसे-
- रामस् + टीकते = रामष्टीकते
- पेष् + ता = पेष्टा
- तत् + टीका = तट्टीका
- उद् + डयन = उड्डयन
(iii) अपदान्त सन्धि-झल् अर्थात् अन्तःस्थ य र ल व् और अनुनासिक व्यंजन को छोड़कर और किसी व्यंजन के पश्चात् झश् आवे तो पहले वाले व्यंजन जश् (ज, व, ग, ड,द) में बदल जाते हैं;
जैसे-
- योध् + धा = योद्धा
- एतत् + दुष्टम् = एतदुष्टम्
- बुध् + धिः = बुद्धिः
- दुध् + धम् = दुग्धम्
(iv) चरत्व सन्धि–यदि जल् (अनुनासिक व्यंजन) ड,ज,ण, न,म् तथा अन्तःस्थ-य् र् ल् व् को छोड़कर किसी भी व्यंजन के बाद ख्र (वर्ग का प्रथम, द्वितीय व्यंजन) क् च् त् प् तथा श् ष् स् में से कोई आये, तो झल् के स्थान चर् (उसी वर्ग का प्रथम अक्षर) हो जाता है;
जैसे-
- वृक्षात् + पतति = वृक्षात्पतति
- विपद् + कालः = विपत्काल
- सद् + कारः = सत्कार
- तज् + शिवः = तत्छिव
(v) अनुस्वार सन्धि-यदि पद के अन्त में ‘म्’ आये और उसके बाद कोई व्यंजन आवे तो ‘म्’ के स्थान पर अनुस्वार (-) हो जाता है। यथा
- हरिम् + वन्दे = हरिं वन्दे
- गृहम् + चलति = गृहं
- चलति गृहम् + गच्छति = गृहं गच्छति
- सत्यम् + वद = सत्यं वद
- कार्यन् + कुरु = कार्यं कुरु
(vi) लत्व सन्धि–यदि त वर्ग (त् थ् द् ध् न्) के बाद ल आये तो त वर्ग के स्थान पर ल हो जाता है;
जैसे-
- तत् + लीन = तल्लीन
- उद् + लेख = उल्लेख
(vii) परसवर्ण सन्धि–यदि अनुस्वार (-) के बाद श, ष,स, ह को छोड़कर कोई अन्य व्यंजन आए तो अनुस्वार के स्थान पर अगले वर्ग का पंचम वर्ण हो जाता है;
जैसे-
- शां + त = शान्त
- अं + क = अंक
(3) विसर्ग सन्धि
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मिलने से जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं;
जैसे-
- निः + आशा = निराशा,
- मनः + ताप = मनस्ताप।
विग्रह-शब्द के वर्गों को अलग-अलग करना विग्रह या विच्छेद कहलाता है;
जैसे-
- रमेश = रमा + ईश,
- वस्त्रालय = वस्त्र + आलय।
(i) विसर्ग सन्धि–विसर्ग के बाद यदि ‘खर्’ प्रत्याहार का कोई वर्ण (वर्ग का प्रथम, द्वितीय तथा श् ष स) रहे, तो विसर्ग के स्थान पर ‘स्’ हो जाता है;
जैसे-
- विष्णुः + माता = विष्णुस्माता
- रामः + मायते = रामस्मायते
- निः + छलः = निश्छल = निश्छल
(ii) रुत्व सन्धि-पदान्त ‘स्’ तथा सजुष् शब्द के ष् के स्थान में (र) हो जाता है। इस पदान्तर के बाद र द् प्रत्याहार (वर्गों के प्रथम, द्वितीय और स्) का कोई अक्षर हो अथवा कोई भी वर्ण न हो,तो र के स्थान में विसर्ग हो जाता है;
जैसे-
- हरिस् + अवदत् = हरिरवदत्
- वधूस + एषा = बधूरेषा
- पुनस् + आगत = पुनरागत
- पुनस् + अन्तरे = पुनरन्तरे
(iii) उत्व सन्धि-स् के स्थान में जो र् आदेश होता है, उसके पूर्व यदि ह्रस्व अ आवे और बाद में ह्रस्व अ अथवा हश् प्रत्याहार का कोई अक्षर आवे,तो र के स्थान में उ हो जाता है;
जैसे-
शिवस् + अर्घ्यः = शिवर् + अर्घ्यः = शिव + उ + अर्घ्यः = शिवो + अर्ध्यः = शिवोऽर्यः . रामस् + अस्तिरामर् + अस्ति = राम + उ + अस्ति = रामोऽस्ति सः + अपि = सस् + अपि = सर् + अपि = स + उ + अपि = सोऽपि। बालस् + वदति = बालर् + वदति = बाल + उ + वदति = बालो वदति
(iv) र लोप सन्धि-यदि ‘र’ के बाद ” आए तो पहले ‘र’ का लोप हो जाता है और यदि लुप्त होने वाले ‘र’ से पूर्व अ, इ, उ में से कोई हो, तो वह स्वर दीर्घ हो जाता है; जैसे-
- हरिर् + रम्यः = हरीरम्यः
- शम्भुर् + राजते = शम्भूराजते।
सन्धि-विग्रह-सन्धि के जोड़े गये वर्गों को अलग-अलग करना विच्छेद कहा जाता है। जैसे-‘पुस्तकालय’ का सन्धि-विच्छेद ‘पुस्तक + आलय’, ‘महेश’ का सन्धि-विच्छेद ‘महा + ईश’ होगा।
अन्य उदाहरण-
2. समास
दो या दो से अधिक पदों के योग से बने शब्द को समास कहते हैं। समास छ: प्रकार के होते हैं
(1) अव्ययीभाव समास-जिस समास में प्रथम पद अव्यय हो तथा वह पद ही प्रधान हो, वहाँ अव्ययीभाव समास होता है।
जैसे-
प्रतिदिन–प्रत्येक दिन, यथाशक्ति-शक्ति के अनुसार, आजीवन-जीवनपर्यन्त या जीवनभर।
(2) तत्पुरुष समास-जिस समास में उत्तर पद प्रधान होता है तथा पूर्व पद के कारक (विभक्ति) का लोप करके दोनों पदों को मिला दिया जाता है, वहाँ तत्पुरुष समास होता है।
जैसे-
मन्त्रीपुत्र-मन्त्री का पुत्र,समुद्रयात्रा-समुद्र की यात्रा, विद्यालय [2009] विद्या का आलय, व्यायामशाला व्यायाम की शाला,पर्वतमाला-पर्वतों की माला,दुर्गपति-दुर्ग का पति।
विभक्तियों के भेद के आधार पर इसके कर्म तत्पुरुष, करण तत्पुरुष, सम्प्रदान तत्पुरुष, अपादान तत्पुरुष, सम्बन्ध तत्पुरुष तथा अधिकरण तत्पुरुष छ: प्रकार के होते हैं।
(3) कर्मधारय समास-विशेषण और विशेष्य अथवा उपमान और उपमेय के मिलने पर कर्मधारय समास होता है।
जैसे-
श्वेताम्बर-श्वेत है जो अम्बर, मधुरस-मधुर रस, घनश्याम-घन के समान श्याम।
(4) द्वन्द्व समास-इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं, परन्तु उसके संयोजक शब्द ‘और’ का लोप रहता है। [2010]
जैसे-
आदान-प्रदान-आदान और प्रदान, भाई-बहिन-भाई और बहिन, राम-कृष्ण-राम और कृष्ण,शत्रु-मित्र-शत्रु और मित्र, पिता-पुत्र-पिता और पुत्र।
(5) द्विगु समास-जिस समास में पूर्व पद- संख्यावाचक हो वह द्विगु समास कहलाता है। [2009]
जैसे-
सप्तद्वीप-सात द्वीपों का समूह, त्रिभुवन-तीन भुवनों का समूह, अष्टकोण-आठ कोण, षडानन—षट् मुख।
(6) बहुब्रीहि समास-जिस समास में पूर्व एवं उत्तर पद के अतिरिक्त कोई अन्य पद प्रधान होता है, उसे बहुब्रीहि समास कहते हैं। [2009]
जैसे-
पंचानन—पाँच मुख वाला = शिव,लम्बोदर-लम्बा है उदर जिसका = गणेश।
विग्रह सहित समास के कुछ उदाहरण-
3. वाक्य के प्रकार
शब्दों का वह समूह जिसका कुछ अर्थ निकलता हो, उसे वाक्य कहते हैं। अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार होते हैं—
- विधानार्थ वाक्य-साधारणतः जिस वाक्य में किसी बात का उल्लेख किया जाए, वह विधानार्थक वाक्य कहलाता है।
जैसे- श्याम नित्यप्रति घूमने जाता है। - निषेधात्मक वाक्य-जिन वाक्यों में ना या निषेध का भाव हो, वे निषेधात्मक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे- राम आज पढ़ने नहीं आयेगा। - प्रश्नवाचक वाक्य-जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाये,वे प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे- क्या आप मेला देखने जायेंगे। - आज्ञार्थक वाक्य-जिन वाक्यों में आज्ञा देने का भाव पाया जाता है, वे आज्ञार्थक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे-तुम विद्यालय जाओ। - उपदेशात्मक वाक्य-उपदेश या परामर्श देने वाले वाक्य उपदेशात्मक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे- गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए। - इच्छासूचक वाक्य-इच्छा, आशीष या निवेदन प्रकट करने वाले वाक्य इच्छा सूचक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे- ईश्वर करे, तुम्हारी नौकरी लग जाये। - विस्मयादिबोधक वाक्य-हर्ष, शोक, दर्द, भय, क्रोध, घृणा आदि प्रकट करने वाले वाक्य विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे- आह ! कितना भयानक दृश्य है। - सन्देहसूचक वाक्य-सन्देह या सम्भावना प्रकट करने वाले वाक्य सन्देहसूचक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे- सम्भवतः वह लौट नहीं पायेगा।
4. वाक्य परिवर्तन
एक प्रकार के वाक्य को दूसरे प्रकार के वाक्य में बदलना वाक्य परिवर्तन कहलाता है। वाक्य परिवर्तन में अर्थ या भाव का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
विधानार्थ वाक्य से निषेधवाचक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थ वाक्य – निषेधवाचक वाक्य
1. राम घर में सबसे बड़ा है। – घर में राम से बड़ा कोई नहीं है।
2. ताज सबसे सुन्दर इमारत है। – ताज से सुन्दर इमारत कोई नहीं है।
3. रहीम निर्धन है। – रहीम धनवान नहीं है।
विधानार्थक वाक्य से प्रश्नवाचक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थक वाक्य – प्रश्नवाचक वाक्य
1. श्याम मेरा भाई है। – क्या श्याम मेरा भाई है?
2. विवेक धनवान है। – क्या विवेक धनवान है?
3. चिन्मय सो रहा है। – क्या चिन्मय सो रहा है?
विधानार्थक वाक्य से आज्ञावाचक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थक वाक्य – आज्ञावाचक वाक्य
1. पिता का आदर करते हैं। – पिता का आदर करो।
2. विभोर दूध पीता है। – विभोर,दूध पिओ।
3. सुभाष समाज की सेवा करता है। – सुभाष,समाज की सेवा करो। .
विधानार्थक वाक्य से उपदेशात्मक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थक वाक्य – उपदेशात्मक वाक्य
1. राजीव खाना खाता है। – ‘राजीव को खाना खाना चाहिए।
2. मोहन पानी पीता है। – मोहन को पानी पीना चाहिए।
3. सिद्धार्थ सोता है। – सिद्धार्थ को सोना चाहिए।
विधानार्थक वाक्य से विस्मयादिबोधक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थक वाक्य – विस्मयादिबोधक वाक्य
1. वह दृश्य बड़ा सुन्दर है। – वाह ! वह दृश्य कितना सुन्दर है।
2. यह झील बहुत गहरी है। – ओ ! यह झील कितनी गहरी है।
3. रमन बहुत कमजोर हो गया है। – अरे ! रमन कितना कमजोर हो गया है।
5. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
संक्षेप में बात कहना एक विशेषता मानी गई है। अनेक शब्दों के लिए एक शब्द बोलने से ही संक्षिप्तता आती है। सूत्र रूप में बात कहने की परम्परा श्रेष्ठ मानी गई है। अनेक शब्दों के लिए एक शब्द की तालिका में कुछ शब्द यहाँ प्रस्तुत हैं-
अनेक शब्द – एक शब्द
- हाथी को हाँकने का हुक – अंकुश
- जो जीता न जा सके – अजेय
- वह बच्चा जिसके माता-पिता न हों – अनाथ [2017]
- बिना वेतन के काम करने वाला – अवैतनिक
- जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
- जिसके समान दूसरा न हो – अद्वितीय [2010, 17]
- जो कभी मरता न हो – अमर [2009]
- जिसकी कोई सीमा न हो – असीम
- दोपहर के बाद का समय – अपराह्न
- जो ईश्वर में विश्वास करता है। – आस्तिक [2009, 17]
- आदि से अन्त तक – आद्योपरान्त
- इन्द्रियों को जीतने वाला – इन्द्रियजित
- जिसका हृदय उदार हो – उदार हृदय
- जिसका उल्लेख करना आवश्यक हो – उल्लेखनीय
- जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो – ऊसर
- विद्या पढ़ने वाला – विद्यार्थी
- सदैव रहने वाला – शाश्वत
- श्रद्धा करने योग्य – श्रद्धेय
- जो सब कुछ आनता हो – सर्वज्ञ
- जो सबसे श्रेष्ठ हो – सर्वश्रेष्ठ
- जो सबका प्यारा हो – सर्वप्रिय
- अपने ही बल पर निर्भर रहने वाला। – स्वावलम्बी
- अपना ही हित चाहने वाला – स्वार्थी
- हाथ से लिखा हुआ – हस्तलिखित
- भलाई चाहने वाला – हितैषी
- क्षण भर में नष्ट होने वाला – क्षणभंगुर
- जिसकी एक आँख फूटी हो – काणा, काना
- उपकार मानने वाला – कृतज्ञ
- किये गये उपकार को न मानने वाला। – कृतघ्न
- जो छिपाने योग्य हो – गोपनीय
- जो घृणा के योग्य हो – घृणित
- जिसके चार भुजाएँ हों – चतुर्भुज
- इन्द्रियों को जीत लेने वाला – जितेन्द्रिय
- जानने की इच्छा रखने वाला – जिज्ञासु
- तीनों लोकों में होने वाला – त्रिलोकी
- पति-पत्नी का जोड़ा – दम्पत्ति
- जिसकी आयु लम्बी हो – दीर्घायु
- दूर की बात जान लेने वाला – दूरदर्शी [2009]
- कठिनाई से प्राप्त होने वाला – दुर्लभ
- धर्म में रुचि रखने वाला – धर्मात्मा
- जो नष्ट होने वाला हो – नश्वर
- जिसका आकार न हो – निराकार
- जिसे ईश्वर पर विश्वास न हो – नास्तिक
- जो एक अक्षर भी न जानता हो – निरक्षर
- वह स्त्री जिसे पति ने छोड़ दिया हो – परित्यक्ता
- अपने पति के प्रति ही प्रेम रखने वाली – पतिव्रता स्त्री
- दूसरों का उपकार करने वाला – परोपकारी
- मन्दिर में पूजा करने वाला – पुजारी
- फल खाकर जीने वाला – फलाहारी
- बहुत से रूप धारण करने वाला – बहरूपिया
- जिसके जोड़ का कोई और न हो – बेजोड़
- कम बोलने वाला – मितभाषी
- कम खर्च (व्यय) करने वाला – मितव्ययी
- जो मीठा बोलता हो – मृदुभाषी
- बहत अधिक बोलने वाला – वाचाल
- जिसका पति मर गया हो – विधवा
- जिसकी पत्नी मर गई हो – विधुर
- जो जानने योग्य हो – ज्ञातव्य
- जो ज्ञान से युक्त हो – ज्ञानी
- ठेका लेने वाला – ठेकेदार [2016]
- नीति का बोध कराने वाला – नीतिबोधक [2016]
- उपासना करने वाला – उपासक [2018]
- पूजा करने वाला – पुजारी [2018]
प्रश्नोत्तर
(क) वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. ‘वागीश’ किस सन्धि का उदाहरण है? [2009]
(i) स्वर सन्धि
(ii) दीर्घ सन्धि
(iii) विसर्ग सन्धि .
(iv) व्यंजन सन्धि।
उत्तर-
(ii) दीर्घ सन्धि
2. ‘महा + ओजस्वी = महौजस्वी’ में सन्धि है [2011]
(i) गुण सन्धि
(ii) वृद्धि स्वर सन्धि
(iii) यण सन्धि
(iv) दीर्घ सन्धि।
उत्तर-
(ii) वृद्धि स्वर सन्धि
3. ‘नि: + चय = निश्चय’ कौन-सी सन्धि का उदाहरण है? [2016]
(i) विसर्ग
(ii) स्वर
(iii) व्यंजन
(iv) दीर्घ स्वर।
उत्तर-
(i) विसर्ग
4. ‘पथ भ्रष्ट’ में समास है [2011]
(i) सम्प्रदान तत्पुरुष
(ii) करण तत्पुरुष
(iii) अपादान तत्पुरुष
(iv) सम्बन्ध तत्पुरुष।
उत्तर-
(ii) करण तत्पुरुष
5. ‘चौराहा’ में समास है [2015]
(i) द्वन्द्व
(ii) तत्पुरुष
(iii) द्विगु
(iv) अव्ययी भाव।
उत्तर-
(iii) द्विगु
6. किस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं? [2013]
(i) द्वन्द्व
(ii) द्विगु
(iii) बहुब्रीहि
(iv) तत्पुरुष।
उत्तर-
(i) द्वन्द्व
7. ‘पावक’ शब्द उदाहरण है
(i) दीर्घ स्वर सन्धि
(ii) गुण स्वर सन्धि
(iii) वृद्धि स्वर सन्धि
(iv) अयादि स्वर सन्धि।
उत्तर-
(iv) अयादि स्वर सन्धि।
8. सब कुछ जानने वाले को क्या कहा जाता है? [2017]
(i) जानकार
(ii) ज्ञानी
(iii) बहुज्ञानी
(iv) सर्वज्ञ।।
उत्तर-
(iv) सर्वज्ञ।।
9. ईश्वर पर विश्वास रखने वाले को कहा जाता है [2018]
(i) ईश्वरीय
(ii) सेवक
(iii) आस्तिक
(iv) नास्तिक।
उत्तर-
(iii) आस्तिक
10. ‘जिसका कोई आकार हो’ के लिए एक शब्द है-
(i) आकार रहित
(ii) साकार
(iii) पूर्वाकार
(iv) आकार सहित।
उत्तर-
(iv) आकार सहित।
11. ‘नीरस’ का सन्धि-विच्छेद होगा [2014]
(i) निरा + रस,
(ii) निः + रस,
(iii) नि + अरस
(iv) नि + रस।
उत्तर-
(ii) निः + रस,
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. दो वर्णों के मेल को …………… कहते हैं।
2. सन्धि …………….” प्रकार की होती है। [2015]
3. स्वर सन्धि के ………… भेद होते हैं।
4. द्वन्द्व समास में . .. शब्द का लोप होता है।
5. भोजन करके पढ़ाई करो …………… वाक्य है।
6. ‘रमेश को पढ़ना चाहिए।’ …………. वाक्य है।
7. अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार ………… हैं। [2013]
8. ‘दर्शन शास्त्र को जानने वाला’ …………….” कहलाता है।
9. ‘ईश्वर में …….रखने वाला’ आस्तिक कहलाता है।
10. ‘यात्रा करने वाला’ ………… कहलाता है।
11. रसोईघर ……… समास का उदाहरण है। [2014]
12. द्विगु समास का उदाहरण ……..” है। [2016]
उत्तर-
1. सन्धि,
2. तीन,
3. पाँच,
4. और,
5. सरल,
6. उपदेशात्मक,
7. आठ,
8. दर्शनशास्त्री,
9. आस्था,
10. यात्री,
11. तत्पुरुष,
12. पंचवटी।
सत्य/असत्य
1. दो पदों के मेल को सन्धि कहते हैं।
2. ‘जगदीश’ शब्द में विसर्ग सन्धि है। [2009]
3. पुनर्जन्म में व्यंजन सन्धि है। [2013]
4. मनोहर शब्द में व्यंजन संधि है। [2017]
5. ‘निराला’ शब्द में व्यंजन संधि है। [2018]
6. शुद्ध वाक्य के तीन गुण होते हैं।
7. ‘अरे ! वह मर गया।’ वाक्य विस्मयादिबोधक है।
8. ‘वह देश की रक्षा करता है।’ प्रश्नवाचक वाक्य है।
9. जो कभी नहीं मरता वह अमर कहलाता है। [2015]
10. ‘जानने की इच्छा रखने वाला’ जिज्ञासु कहलाता है।
11. ‘जिसकी एक आँख हो’ अन्धा कहलाता है। [2014]
12. ‘यथाशक्ति’ अव्ययीभाव समास का उदाहरण है। [2012]
13. ‘पुष्प’ का पर्यायवाची शब्द ‘कमल’ है। [2016]
14. ‘पुरुषों में उत्तम’ पुरुषोत्तम कहलाता है। [2016]
उत्तर-
1. असत्य,
2. असत्य,
3. असत्य,
4. सत्य,
5. असत्य,
6. सत्य,
7. सत्य,
8. असत्य,
9. सत्य,
10. सत्य,
11. असत्य,
12. सत्य,
13. असत्य,
14. सत्य।
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर-
1. → (ग), 2. → (क), 3. → (ख), 4. → (ङ), 5. → (घ)।
उत्तर-
1. → (ग), 2. → (ङ), 3. → (घ), 4. → (क), 5. → (ख)।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. सन्धि के कितने प्रकार हैं?
2. हरेऽव में कौन-सी सन्धि है?
3. किस समास में विभक्तियों के चिह्नों का लोप होता है?
4. जगन्नाथ का सन्धि-विच्छेद लिखिए। [2018]
5. पुस्तकालय शब्द का सन्धि विग्रह है। [2010]
6. सच्चरित्र का सन्धि विच्छेद कर सन्धि का नाम बताइए। [2017]
7. “राम ! तुम नगर में रहो” यह किस प्रकार का वाक्य है? [2014]
8. ‘हमें पढ़ाई करनी चाहिए’ कैसा वाक्य है?
9. निन्दा करने वाला क्या कहलाता है? [2016]
10. जिसके समान कोई दूसरा न हो। [2012]
11. गागर में सागर भरने का क्या अर्थ है? [2012]
12. उपासना करने वाला क्या कहलाता है? [2014]
13. ‘ईश्वर के अनेकों नाम हैं।’ वाक्य को शुद्ध कीजिए। [2015]
उत्तर-
1. तीन,
2. पूर्वरूप,
3. तत्पुरुष,
4. जगत + नाथ,
5. रमा + ईश,
6. सत् + चरित्र (व्यंजन सन्धि),
7. आज्ञावाचक वाक्य,
8. इच्छात्मक,
9. निन्दक,
10. अद्वितीय,
11. कम शब्दों में बड़ी बात करना,
12. उपासक,
13. ईश्वर के अनेक नाम हैं।
(ख) लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों की सन्धि-विच्छेद कीजिए तथा सन्धि का नाम लिखिएरामावतार, परोपकार, विद्यालय, रमेश, धनादेश, गायक।
उत्तर-
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद करते हुए सन्धि का नाम बताइएमनोरथ, उच्चारण, सदाचार, शिवालय,महोत्सव।
उत्तर-
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों की सन्धि-विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिएतथैव, अत्यन्त, जगन्नाथ, नरेश।
उत्तर-
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों की सन्धि-विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिएहिमालय, परमार्थ,मनोरम, निस्सार।
उत्तर-
प्रश्न 5.
स्वर-सन्धि की क्या पहचान है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-
स्वर के साथ स्वर का मेल होने पर स्वर सन्धि होती है, जैसे-देवालयः।
प्रश्न 6.
दीर्घ सन्धि किसे कहते हैं?
उत्तर-
जब दो शब्दों ह्रस्व या दीर्घ परस्पर मिलने से जो परिवर्तन होता है,उसे दीर्घ सन्धि कहते हैं।
यथा-विद्यालय।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में कौन-सी सन्धि हैकश्चित्, नायक, हिमालय।
उत्तर-
प्रश्न 8.
विसर्ग सन्धि की परिभाषा लिखिए।।
उत्तर-
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मिलने से जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं;
जैसे-
मनोरथः = मनः + रथ।
प्रश्न 9.
समास किसे कहते हैं?
उत्तर-‘
समास शब्द का आशय है-संक्षेप। दो या दो से अधिक शब्दों का अपने विभक्ति चिह्नों को छोड़कर मिलना ही समास कहलाता है।
प्रश्न 10.
सामासिक पद का क्या आशय है?
उत्तर-
जिन शब्दों में समास होता है उनके योग से एक नया ही शब्द बन जाता है, ऐसे पद को सामासिक पद कहते हैं।
जैसे-राजपुत्र = राजा का पुत्र।
प्रश्न 11.
तत्पुरुष समास में कौन-सा पद प्रधान होता है?
उत्तर-
तत्पुरुष समास में अन्तिम पद प्रधान होता है।
प्रश्न 12.
कर्मधारय समास एवं द्विगु समास के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कृष्णसर्प,श्वेत अश्व – कर्मधारय समास।
पंचवटी,त्रिलोक – द्विगु समास
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किन्हीं दो पदों का समास-विग्रह कर समास का नाम बताइएराजपुरुष, दशानन, भाई-बहिन, चन्द्रमुख।
उत्तर-
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किन्हीं दो पदों का समास-विग्रह करके समास का नाम लिखिए
सुख-दुःख, नवग्रह, नीलकमल,प्रतिदिन,प्रत्येक।
उत्तर-
प्रश्न 15.
सन्धि और समास में कोई तीन अन्तर लिखिए। [2010, 14]
उत्तर-
- सन्धि दो वर्गों के मेल को कहते हैं जबकि दो या दो से अधिक पदों के योग से बनने वाले शब्द को समास कहते हैं।
- सन्धि तीन प्रकार की होती हैं जबकि समास छ: प्रकार के होते हैं।
- सन्धि को तोड़ना विच्छेद कहलाता है,जबकि समास को तोड़ना विग्रह कहलाता है।
प्रश्न 16.
वाक्य रूपान्तरण से क्या तात्पर्य है? हिन्दी में वाक्य रूपान्तरण कितने प्रकार से किया जाता है? [2014]
उत्तर-
एक प्रकार के वाक्य को दूसरे प्रकार के वाक्य में बदलना,वाक्य परिवर्तन अथवा वाक्य रूपान्तरण कहलाता है। वाक्य रूपान्तरण करते समय अर्थ या भाव का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
जैसा कि हमें ज्ञात है कि अर्थ की दृष्टि से वाक्य आठ प्रकार के होते हैं। इनमें से विधानवाचक वाक्य को मूल आधार माना जाता है। अन्य वाक्य भेदों में विधानवाचक वाक्य का मूलभाव ही विभिन्न रूपों में परिलक्षित होता है। किसी भी विधानवाचक वाक्य को सभी प्रकार के भावार्थों में प्रयुक्त किया जा सकता है।
जैसे-
- विधानवाचक वाक्य-राम भोपाल में रहता है।
- विस्मयादिवाचक वाक्य-अरे ! राम भोपाल में रहता है।
- प्रश्नवाचक वाक्य-क्या राम भोपाल में रहता है?
- निषेधवाचक वाक्य-राम भोपाल में नहीं रहता है।
- संदेशवाहक वाक्य-शायद राम भोपाल में रहता है।
- आज्ञावाचक वाक्य-राम, तुम भोपाल में रहो।
- इच्छावाचक वाक्य-काश,राम भोपाल में रहता।
- संकेतवाचक वाक्य-यदि राम भोपाल में रहना चाहता है, तो रह सकता है।
प्रश्न 17.
निर्देशानुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए [2009]
(क) मोहित फूल लाता है। (प्रश्नवाचक)
(ख) तुम वाराणसी में रहते हो। (प्रश्नवाचक)
(ग) माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। (आज्ञावाचक)
(घ) गौरव पुस्तक पढ़ता है। (आज्ञावाचक)
उत्तर-
(क) क्या मोहित फूल लाता है?
(ख) क्या तुम वाराणसी में रहते हो?
(ग) माता-पिता की सेवा करो।
(घ) गौरव पुस्तक पढ़ो।
प्रश्न 18.
निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए-
1. गुरु का सम्मान करना चाहिए। (आज्ञावाचक)
2. सीता रो रही है। (प्रश्नवाचक)
3. गुड्ड कक्षा में सबसे छोटा है। (निषेधवाचक)
4. बाढ़ का दृश्य बड़ा भयानक था। (विस्मयादिबोधक)
5. मैं खेती के बारे में अधिक जानता हूँ। [2013] (निषेधात्मक)
6. बादल समय पर पानी नहीं देते हैं। [2013] (विधानवाचक)
7. दीपक बाजार जा रहा है। [2015] (प्रश्नवाचक वाक्य)
8. गणित का प्रश्न-पत्र कठिन है। [2015] (निषेधात्मक वाक्य)
9. तुम्हें अपना गृह कार्य करना चाहिए। [2015] (आदेशात्मक वाक्य)
10. मोहन दिल्ली में रहता है। [2016] (निषेधवाचक)
11. सीता गाना गाती है। [2016] (विस्मयादिसूचक)
12. वह आस्तिक है। [2018] (निषेधवाचक)
13. अशेक रामनगर में रहता है। [2018] (विस्मयादिबोधक)
उत्तर-
1. गुरु का सम्मान करो।
2. क्या सीता रो रही है?
3. कक्षा में गुड़ से छोटा कोई नहीं है।
4. आह ! बाढ़ का दृश्य कितना भयानक था।
5. मैं खेती के बारे में कम नहीं जानता हूँ।
6. बादल असमय पानी देते हैं।
7. क्या दीपक बाजार जा रहा है?
8. गणित का प्रश्न-पत्र सरल नहीं है।
9. तुम अपना गृहकार्य करो।
10. मोहन दिल्ली में नहीं रहता है।
11. वाह ! सीता गाना गाती है।
12. वह नास्तिक नहीं है।
13. अरे ! अशोक रामनगर में रहता है।
प्रश्न 19.
निम्नलिखित वाक्यों को पहचानकर वाक्य के भेद लिखो- [2009]
(क) तुम विद्यालय जाओ।
(ख) मैं चाय नहीं पीता हूँ।
(ग) मैं आज भोजन नहीं करूंगा।
(घ) भगवान तुम्हें स्वस्थ रखे।
उत्तर-
(क) आज्ञार्थक वाक्य।
(ख) निषेधात्मक वाक्य।
(ग) निषेधात्मक वाक्य।।
(घ) इच्छासूचक वाक्य।
प्रश्न 20.
निम्नलिखित वाक्यों के लिए एक शब्द लिखिए [2009]
(1) जो ईश्वर में विश्वास रखता हो।
(2) बिना वेतन के काम करने वाला।
(3) जिसे क्षमा न किया जा सके।
(4) लकड़ी काटने वाला।
उत्तर-
(1) आस्तिक,
(2) अवैतनिक,
(3) अक्षम्य,
(4) लकड़हारा।
प्रश्न 21.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए-
(क) गरम गाय का दूध पिओ।
(ख) मैं आपको मिलकर प्रसन्न हुआ।
(ग) खरगोश को काटकर गाजर खिलाओ। [2015]
(घ) बाढ़ में कई लोगों के डूबने की आशा है।
(ङ) में आपकी श्रद्धा करता हूँ।
(च) नेताजी को एक फूल की माला पहनाओ।
(छ) अपराधी को मृत्युदण्ड की सजा मिली।
(ज) छात्र कक्षा के अन्दर गया। [2011]
(झ) मैंने गाते हुए लता मंगेशकर को देखा। [2011]
(ज) मुझसे अनेकों भूलें हुईं। [2011]
उत्तर-
(क) गाय का गरम दूध पिओ।
(ख) मैं आपसे मिलकर प्रसन्न हुआ।
(ग) गाजर काटकर खरगोश को खिलाओ।
(घ) बाढ़ में कई लोगों के डूबने की आशंका है।
(ङ) में आप में श्रद्धा रखता हूँ।
(च) फूलों की एक माला नेताजी को पहनाओ।
(छ) अपराधी को मृत्युदण्ड मिला।
(ज) छात्र कक्षा में गया।
(झ) मैंने लता मंगेशकर को गाते हुए देखा।
(ज) मुझसे अनेक भूलें हुईं।
प्रश्न 22.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों का शुद्ध रूप लिखिए [2010]
(i) सेठ ज्वालाप्रसाद अच्छा महाजन थे।
(ii) स्त्री शिक्षा पर निवेदिता का विचार स्पष्ट कीजिए।
(iii) राम पुस्तक पढ़ती है।
(iv) अमित को अनुत्तीर्ण होने की आशा है। [2015]
(v) हर्षित शुद्ध गाय का दूध पीता है। [2015]
उत्तर-
(i) सेठ ज्वालाप्रसाद अच्छे महाजन थे।
(ii) स्त्री शिक्षा पर निवेदिता के विचार स्पष्ट कीजिए।
(iii) राम पुस्तक पढ़ता है।
(iv) अमित को अनुत्तीर्ण होने की आशंका है।
(v) हर्षित गाय का शुद्ध दूध पीता है।
प्रश्न 23.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों का शुद्ध रूप लिखिए। [2012]
(i) श्याम ने सत्यता को पहचान लिया।
(ii) मैं आपको मिलकर प्रसन्न हुआ।
(iii) बाढ़ में कई लोगों के बह जाने की आशा है।
उत्तर-
(i) श्याम ने सत्य को पहचान लिया।
(ii) मैं आपसे मिलकर प्रसन्न हुआ।
(iii) बाढ़ में कई लोगों के बह जाने की आशंका है।
प्रश्न 24. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए- [2009]
(1) श्रीगणेश करना। [2013, 17]
(2) गढ़े मुर्दे उखाड़ना।
(3) फूला न समाना। [2013]
(4) आँख का तारा होना। [2014]
(5) रंग में भंग होना।
(6) काला अक्षर भैंस बराबर।
(7) हथेली पर सरसों जमाना।
(8) कलेजे पर साँप लोटना।
(9) बाल की खाल खींचना।
(10) तूती बोलना।
(11) दिन-रात एक करना। [2017]
(12) गज भर की छाती होना।
(13) गागर में सागर भरना। [2017]
(14) मान न मान में तेरा मेहमान। [2011]
(15) आग बबूला होना। [2013]
(16) चकमा देना। [2013]
(17) हाथ मारना। [2014]
उत्तर-
(1) श्रीगणेश करना किसी कार्य को प्रारम्भ करना।
प्रयोग-आज बिग बाजार का श्रीगणेश हुआ।
(2) गढ़े मुर्दे उखाड़ना-पुरानी बातें करना।
प्रयोग रमेश तो गढ़े मुर्दे उखाड़ता रहता है। इसके कारण झगड़े होते हैं।
(3) फूला न समाना-प्रसन्न होना।
प्रयोग-प्रथम आने पर रोहित फूला न समाया।
(4) आँख का तारा होना बहुत प्यारा होना।
प्रयोग-श्रीकृष्ण जी अपने माँ-बाप के आँख के तारे थे।
(5) रंग में भंग होना किसी काम में विघ्न पड़ना।
प्रयोग-विवाह समारोह में बारिश पड़ने के कारण लोगों के रंग में भंग पड़ गया।
(6) काला अक्षर भैंस बराबर-अनपढ़ होना।
प्रयोग काजल के लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
(7) हथेली पर सरसों जमाना-जल्दबाजी करना।
प्रयोग-रवीन्द्र ने सोहन से कहा, तुम तो हथेली पर सरसों जमाना चाहते हो। इस प्रकार मुझसे काम न होगा।
(8) कलेजे पर साँप लोटना-ईर्ष्या करना।
प्रयोग–मेरी लॉटरी निकलने पर रिश्तेदारों के कलेजे पर साँप लोट गया।
(9) बाल की खाल निकालना-कानून निकालना या बारीकी से जाँच-पड़ताल करना।
प्रयोग-सोहन का स्वभाव तो बाल की खाल निकालना है।
(10) तूती बोलना-धाक होना।
प्रयोग-आजकल तो शक्तिशाली लोगों की समाज में तूती बोलती है।
(11) दिन-रात एक करना कठिन परिश्रम करना।
प्रयोग-दिन-रात एक करके मैंने जिले में प्रथम स्थान पाया।
(12) गज भर की छाती होना-प्रसन्न होना।
प्रयोग-अच्छी नौकरी मिल जाने के कारण रोहित के माता-पिता की छाती गज भर की हो गयी।
(13) गागर में सागर भरना-कम शब्दों में बड़ी बात करना।
प्रयोग-बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भरा है।
(14) मान न मान मैं तेरा मेहमान-अनाधिकार चेष्टा करना।
प्रयोग कुछ लोग दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप करके इस कहावत को चरितार्थ करते हैं कि मान न मान मैं तेरा मेहमान।
(15) आग बबूला होना अत्यधिक क्रोधित होना।
प्रयोग-श्याम को देखकर महेश आग बबूला हो गया।
(16) चकमा देना-झाँसा देना।
प्रयोग-चोर पुलिस को चकमा देकर भाग गया।
(17) हाथ मारना-प्राप्त करना।
प्रयोग-सुरेश ने अपनी मेहनत के बल पर अल्प समय में ही नौकरी में उच्च पद प्राप्त करके एक बड़ा हाथ मारा है।
प्रश्न 25.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए [2010]
(i) आँख लगना।
(ii) घड़ों पानी पड़ना।
(iii) अक्ल का दुश्मन।
(iv) आँख का काँटा।
उत्तर-
(i) आँख लगना सो जाना।
प्रयोग-अभी मेरी आँख लगी थी कि चोर चोरी करके सारा सामान ले गये।
(ii) घड़ों पानी पड़ना-लज्जित होना।
प्रयोग नकल करते समय पकड़े जाने पर रोहित पर घड़ों पानी पड़ गया क्योंकि सभी छात्रों ने देख लिया था।
(iii) अक्ल का दुश्मन-मूर्ख।
प्रयोग-तुम तो निरे अक्ल के दुश्मन हो, पन्द्रह हजार का टेलीविजन दस हजार में ही बेच आये।
(iv) आँख का काँटा-शत्रु। प्रयोग-विनोद अपने सौतले भाई को आँख का काँटा समझता है।
प्रश्न 26.
लोकोक्ति किसे कहते हैं? एक उदाहरण सहित लिखिए। [2014]
उत्तर-
लोक प्रचलित कथन (उक्ति) को लोकोक्ति कहते हैं। यह विशेष अर्थ व्यक्त करती है। उदाहरण-नाच न जाने आँगन टेढ़ा,न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी आदि।
प्रश्न 27.
निम्नलिखित लोकोक्तियों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए- [2011]
(क) भूत मरे पलीत जागे।
(ख) गुदड़ी का लाल।
(ग) आ बैल मुझे मार।
उत्तर-
(क) भूत मरे पलीत जागे-एक दुष्ट के उपरान्त अन्य दुष्ट का उत्पन्न होना।
प्रयोग–पाकिस्तान की धरती पर आतंकवाद का कहर इस प्रकार जमा जैसे भूत मरे पलीत जागे।
(ख) गुदड़ी का लाल-साधारण परिवार में असाधारण व्यक्ति।
प्रयोग-भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री गुदड़ी के लाल थे।
(ग) आ बैल मुझे मार-स्वयं ही मुसीबत मोल लेना।
प्रयोग-घर के बाहर दुश्मन घूम रहे हैं लेकिन मोहन फिर भी रात में बाहर आ गया। यह तो वही बात हुई कि आ बैल मुझे मार।
प्रश्न 28.
निम्नलिखित लोकोक्तियों का अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग कीजिए-[2012]
(क) थोथा चना बाजे घना।
(ख) दूर के ढोल सुहावने लगते हैं।
(ग) हाथ कंगन को आरसी क्या।
उत्तर-
(क) थोथा चना बाजे घना-अकर्मण्य बात बहुत करता है।
प्रयोग-आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान विश्व मंच पर आतंकवाद मुक्त विश्व की बात करता है। इसे कहते हैं थोथा चना बाजे घना।
(ख) दूर के ढोल सुहावने होते हैं दूर की वस्तु भली लगती है, असलियत का पता पास से चलता है।
प्रयोग-जी. आई.सी. के अनुशासन और उत्तम परीक्षाफल से प्रभावित होकर मैंने इसमें प्रवेश पा लिया था लेकिन यहाँ के वातावरण को देखकर यही लगता है कि दूर के ढोल सुहावने होते हैं।
(ग) हाथ कंगन को आरसी क्या प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है।
प्रयोग-रिश्वत लेते कैमरे पर पकड़े गये नेताजी के लिए जाँच बैठाने की क्या आवश्यकता है। यह तो हाथ कंगन को आरसी क्या वाली बात है।
प्रश्न 29. आज्ञावाचक वाक्य किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए। [2013]
उत्तर-
जिन वाक्यों में आज्ञा देने का भाव पाया जाता है,वे आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं।
उदाहरण-
तुम विद्यालय जाओ।