MP Board Class 11th Physics Solutions Chapter 3 सरल रेखा में गति
सरल रेखा में गति अभ्यास के प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 3.1.
नीचे दिए गए गति के कौन – से उदाहरणों में वस्तु को लगभग बिंदु वस्तु माना जा सकता है:
- दो स्टेशनों के बीच बिना किसी झटके के चल रही कोई रेलगाड़ी।
- किसी वृत्तीय पथ पर साइकिल चला रहे किसी व्यक्ति के ऊपर बैठा कोई बंदर।
- जमीन से टकरा कर तेजी से मुड़ने वाली क्रिकेट की कोई फिरकती गेंद।
- किसी मेज के किनारे से फिसल कर गिरा कोई बीकर।
उत्तर:
- रेलगाड़ी दो स्टेशनों के मध्य बिना झटके के चल रही है। इसलिए दोनों स्टेशनों के मध्य की दूरी, रेलगाड़ी की लम्बाई की अपेक्षा अधिक मानी जा सकती है। अतः रेलगाड़ी को बिन्दु वस्तु मान सकते हैं।
- बन्दर निश्चित समय में अधिक दूरी तय करता है। इसलिए बन्दर को बिन्दु – वस्तु मान सकते हैं।
- चूँकि क्रिकेट की गेंद का मुड़ना सरल नहीं है। इस प्रकार निश्चित समय में क्रिकेट गेंद द्वारा तय की गई दूरी कम है। अतः क्रिकेट गेंद को बिन्दु-वस्तु नहीं मान सकते हैं।
- चूँकि बीकर निश्चित समय में कम दूरी चलता है। अतः बीकर को बिन्दु – वस्तु नहीं माना जा सकता है।
प्रश्न 3.2.
दो बच्चे A व B अपने विद्यालय 0 से लौट कर अपने – अपने घर क्रमशः P तथा Q को जा रहे हैं। उनके स्थिति – समय (x – t) ग्राफ चित्र में दिखाए गए हैं। नीचे लिखे कोष्ठकों में सही प्रविष्टियों को चुनिए:
- B/A की तुलना में A/B विद्यालय से निकट रहता है।
- B/A की तुलना में A/B विद्यालय से पहले चलता है।
- B/A की तुलना A/B तेज चलता है।
- A और B घर (एक ही/भिन्न ) समय पर पहुँचते हैं।
- A/B सड़क पर B/A से (एक बार/दो बार) आगे हो जाते हैं।
उत्तर:
- B की तुलना में A विद्यालय से निकट रहता है।
- B की तुलना में A विद्यालय से पहले चलता है। चूँकि A के लिए गति प्रारम्भ का समय t = 0 जबकि B के लिए गति प्रारम्भ में समय पर होती है।
- A की तुलना में B तेज चलता है।
- A तथा B घर अलग – अलग समय पर पहुँचते हैं।
- B सड़क पर A से एक बार आगे हो जाता है।
प्रश्न 3.3.
एक महिला अपने घर से प्रातः 9.00 बजे 2.5 km दूर अपने कार्यालय के लिए सीधी सड़क पर 5 km h–1 चाल से चलती है। वहाँ वह सायं 5.00 बजे तक रहती है और 25 km h–1 की चाल से चल रही किसी ऑटो रिक्शा द्वारा अपने घर लौट आती है। उपयुक्त पैमाना चुनिए तथा उसकी गति का x – t ग्राफ खींचिए।
उत्तर:
घर से कार्यालय तक पार की गई दूरी = 2.5 किमी
घर से चलने पर चाल = 5 किमी प्रति घण्टा
कार्यालय पहुँचने में लगा समय = 2.5 = 0.5 घण्टा
माना x – t (समय – दूरी) ग्राफ का मूल बिन्दु 0 है। t = 9 AM पर x = 0 तथा t = 9:30 AM पर x = 2.5 किमी (बिन्दु P)।
तथा महिला 9:30 AM से समय 5:00 PM तक कार्यालय में रहती है। जिसे PQ द्वारा व्यक्त किया गया है।
कार्यालय से घर तक पहुँचने में लगा समय
= \(\frac { 2.5 }{ 25 }\) = \(\frac { 1 }{ 10 }\) घण्टा
= 6 मिनट
∴ t = 5:06 PM पर x = 0 जिसे बिन्दु R से व्यक्त किया गया है।
प्रश्न 3.4.
कोई शराबी किसी तंग गली में 5 कदम आगे बढ़ता है और 3 कदम पीछे आता है, उसके बाद फिर 5 कदम आगे बढ़ता है और 3 कदम पीछे आता है, और इसी तरह वह चलता रहता है। उसका हर कदम 1 m लंबा है और 1 s समय लगता है। उसकी गति का x – t ग्राफ खींचिए। ग्राफ से तथा किसी अन्य विधि से यह ज्ञात कीजिए कि वह जहाँ से चलना प्रारंभ करता है वहाँ से 13 m दूर किसी गड्ढे में कितने समय पश्चात् गिरता है?
उत्तर:
शराबी का x – 1 ग्राफ चित्र में दिखाया गया है। पहले 8 कदमों अर्थात् 8 सेकण्ड में शराबी द्वारा चली दूरी
= 5 मी० – 3 मी० = 2 मीटर
अतः 16 कदमों में शराबी द्वारा चली गई दूरी
= 2 x 2 = 4 मीटर
24 कदमों में शराबी द्वारा चली गई दूरी
= 4 + 2 = 6 मीटर
32 कदमों में शराबी द्वारा चली गई दूरी
= 6 + 2 = 8 मीटर
अगले 5 कदमों में शराबी द्वारा चली गई दूरी
= 8 + 5 = 13 मीटर
∴ कुल 13 मीटर चलने पर लिया गया समय
= 8 x 4 + 5 = 37 सेकण्ड।
प्रश्न 3.5.
कोई जेट वायुयान 500 km h–1 की चाल से चल रहा है और यह जेट यान के सापेक्ष 1500 km h–1 की चाल से अपने दहन उत्पादों को बाहर निकालता है। जमीन पर खड़े किसी प्रेक्षक के सापेक्ष इन दहन उत्पादों की चाल क्या होगी?
उत्तर:
दिया है : जैट का वेग, Vj = – 500 किमी प्रति घण्टा
जेट के सापेक्ष उत्पाद बाहर निकालने का आपेक्षिक वेग, ve = 1500 किमी प्रति घण्टा
माना बाहर निकलने वाले दहन उत्पादों का वेग ve है।
∴ Vej = Ve – Vj
या Ve =Vej + Vj = 1500 + (- 500)
= 1000 किमी प्रति घण्टा.
प्रश्न 3.6.
सीधे राजमार्ग पर कोई कार 126 km h–1 की चाल से चल रही है। इसे 200 m की दूरी पर रोक दिया जाता है। कार के मंदन को एक समान मानिए और इसका मान निकालिए। कार को रुकने में कितना समय लगा?
उत्तर:
दिया है : u =126 किमी/घण्टा
= 126 x \(\frac { 1000}{ 60 x 60 }\) = 35 मीटर/सेकण्ड
S = 200 मीटर
v = 0
न्यूटन के गति विषयक तृतीय समी० से,
v2 = u2 + 2as
02 = (35)2 + 2 x a x 200
अथवा a = \(\frac { -35 x 35}{2 x 200}\) = – 3.06 मीटर/सेकण्ड
पुन: समीकरण v = u + at से
t = \(\frac {v – u}{a}\) = \(\frac { 0 – 35}{- 3.06}\)
= 11.44 सेकण्ड।
प्रश्न 3.7.
दो रेलगाड़ियाँ A व B दो समांतर पटरियों पर 72 km h–1 की एकसमान चाल से एक ही दिशा में चल रही हैं। प्रत्येक गाड़ी 400 m लंबी है और गाड़ी A गाड़ी B से आगे है। B का चालक A से आगे निकलना चाहता है। 1 m s–2से इसे त्वरित करता है। यदि 50 s के बाद B का गार्ड A के चालक से आगे हो जाता है तो दोनों के बीच आरंभिक दूरी कितनी थी?
उत्तर:
दिया है : uA = uB = 72 किमी प्रति घण्टा
= 72 x\(\frac { 5}{ 18 }\) = 20 मीटर/सेकण्ड
t = 50 सेकण्ड
गाड़ी की लम्बाई = 400 मीटर
SA = UA x t = 20 x 50 =1000 मीटर
सूत्र S =ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at2 से,
SB = 20 x 50 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x (50)2
= 1000 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 2500
= 1000 + 1250 = 2250 मीटर
अतः दोनों रेलगाड़ियों के बीच आरम्भिक दूरी
= 2250 – 1000
= 1250 मीटर
प्रश्न 3.8.
दो – लेन वाली किसी सड़क पर कार A 36 km h–1 की चाल से चल रही है। एक दूसरे की विपरीत दिशाओं में चलती दो कारें Bव C जिनमें से प्रत्येक की चाल 54km h–1 है, कार A तक पहुँचना चाहती है। किसी क्षण जब दूरी AB दूरी AC के बराबर है तथा दोनों 1 km है, कार B का चालक यह निर्णय करता है कि कार C के कार A तक पहुँचने के पहले ही वह कार A से आगे निकल जाए। किसी दुर्घटना से बचने के लिए कार B का कितना न्यूनतम त्वरण जरूरी है?
उत्तर:
दिया है : VA =36 किमी/घण्टा
= 54 x 5 = 15 मीटर/सेकण्ड
माना कार A के सापेक्ष C की आपेक्षिक चाल vca तथा कार A के सापेक्ष कार B की आपेक्षिक चाल VBA है।
∴ Vca = 15 – (-10) = 25 मीटर/सेकण्ड
तथा VBA= 15 -10 = 5 मीटर/सेकण्ड
प्रश्नानुसार aca = 0, चूँकि दोनों कारें (A व C) नियत वेग से गतिमान हैं।
AC दूरी तय करने में लगा समय
सूत्र S = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at2 से
AB = UBAt + \(\frac { 1 }{ 2 }\) a x t2
1000 = 5 x 40 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x a x (40)2
= 1 मीटर प्रति सेकण्डरप्2
रश्न 3.9.
दो नगर A व B नियमित बस सेवा द्वारा एक दूसरे से जुड़े हैं और प्रत्येक T मिनट के बाद दोनों तरफ बसें चलती हैं। कोई व्यक्ति साइकिल से 20 km h–1 की चाल से A से B की तरफ जा रहा है और यह नोट करता है कि प्रत्येक 18 मिनट के बाद एक बस उसकी गति की दिशा में तथा प्रत्येक 6 मिनट बाद उसके विपरीत दिशा में गुजरती है। बस सेवाकाल T कितना है और बसें सड़क पर किस चाल (स्थिर मानिए) से चलती हैं?
उत्तर:
माना प्रत्येक बल की चाल Vb किमी प्रति घण्टा तथा साइकिल सवार की चाल vc किमी प्रति घण्टा है।
साइकिल सवार की गति की दिशा में अर्थात् A से B की ओर चल रही बसों की आपेक्षिक चाल = Vb – Vc
∴ साइकिल सवार की गति की दिशा में प्रत्येक 18 मिनट बाद एक बस गुजरती है।
∴ चली गई दूरी = (vb – vb) x \(\frac { 18}{ 60 }\)
परन्तु बसें प्रत्येक T मिनट बाद चलती हैं। अत: यह दूरी vb x \(\frac { T}{ 60 }\) = के तुल्य होगी।
अर्थात् (vb – bc) x \(\frac { 18}{ 60 }\) =vb x \(\frac { T}{ 60 }\) ….(1)
साइकिल सवार से विपरीत दिशा में बसों का आपेक्षिक वेग
= (vb + vc)
∴ चली दूरी = (vb + va) x \(\frac { 6}{ 60 }\)
प्रश्नानुसार विपरीत दिशा में बस प्रत्येक 6 मीटर के अन्तराल पर मिलती है। अतः यह चली दूरी vb x \(\frac { T}{ 60 }\) के तुल्य होगी।
या vb + vc = 3vb – 3vc
अथवा vc + 3vc = 3vb – vb
vb = 2vc
= 2 x 20 किमी/घण्टा
= 40 किमी/घण्टा।
समी० (2) में vb व vc का मान रखने पर,
40 + 20 = \(\frac { 40 x T}{ 6 }\)
T = \(\frac { 60 x 6}{ 40 }\) = 9 मिनट
प्रश्न 3.10.
कोई खिलाड़ी एक गेंद को ऊपर की ओर आरंभिक चाल 29 m s–1 से फेंकता है,
- गेंद की ऊपर की ओर गति के दौरान त्वरण की दिशा क्या होगी?
- इसकी गति के उच्चतम बिंदु पर गेंद के वेग व त्वरण क्या होंगे?
- गेंद के उच्चतम बिंदु पर स्थान व समय को x = 0 व t = 0चुनिए, ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर की दिशा को x – अक्ष की धनात्मक दिशा मानिए। गेंद की ऊपर की व नीचे की ओर गति के दौरान स्थिति, वेग व त्वरण के चिन्ह बताइए।
- किस ऊँचाई तक गेंद ऊपर जाती है और कितनी देर के बाद गेंद खिलाड़ी के हाथों में आ जाती है?
[g = 9.8 ms–2 तथा वायु का प्रतिरोध नगण्य है।]
उत्तर:
1. ऊर्ध्वाधर गति में वस्तु सदैव गुरुत्वीय त्वरण के अधीन चलती है जिसकी दिशा नीचे की ओर होती है।
2. गति के उच्चतम बिन्दु v = 0
a = 9.8 मीटर/सेकण्ड नीचे की ओर
3.
4. दिया है : u = 29 मीटर/सेकण्ड
a = 9.8 मीटर/सेकण्ड2
v = 0
सूत्र v2 =a2 + 2as से,
v2 = 2a2 + 2 x 9.8 x s
∴s = \(\frac { -2a x 2a }{ 2 x 9.8}\) = 42.9 मीटर
अतः सूत्र v=u + at से,
0 = 29 – 9.8 x t
∴ t = \(\frac { 29}{9.8}\) = 2.96 सेकण्ड
∴ कुल समय = 2 x 2.96
= 5.92 सेकण्ड
प्रश्न 3.11.
नीचे दिए गए कथनों को ध्यान से पढ़िए और कारण बताते हुए व उदाहरण देते हुए बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य, एकविमीय गति में किसी कण की।
- किसी क्षण चाल शून्य होने पर भी उसका त्वरण अशून्य हो सकता है।
- चाल शून्य होने पर भी उसका वेग अशून्य हो सकता
- चाल स्थिर हो तो त्वरण अवश्य ही शून्य होना चाहिए।
- चाल अवश्य ही बढ़ती रहेगी, यदि उसका त्वरण धनात्मक हो।
उत्तर:
- सत्य, सरल आवर्त गति करते कण की महत्तम विस्थापन की स्थिति में कण की चाल शून्य होती है, जबकि त्वरण महत्तम (अशून्य) होता है।
- असत्य, चाल शून्य होने का अर्थ है कि कण के वेग का परिमाण शून्य है।
- असत्य, एकसमान वृत्तीय गति करते हुए कण की चाल स्थिर रहती है तो भी उसकी गति में अभिकेन्द्र त्वरण कार्य करता
- असत्य, यह केवल तब सत्य हो सकता है, जब चुनी गई धनात्मक दिशा गति की दिशा के अनुदिश हो।
प्रश्न 3.12.
किसी गेंद को 90 m की ऊँचाई से फर्श पर गिराया जाता है। फर्श के साथ प्रत्येक टक्कर में गेंद की चाल 1/10 कम हो जाती है। इसकी गति का t=0 से 12 s के बीच चाल – समय ग्राफ खींचिए।
उत्तर:
दिया है : u1 = 0, s1 = 90 मीटर,
a1= 9.8 मीटर/सेकण्ड2
सूत्र v2 = u2 + 2as से,
v12 = 02 + 2 x 9.8 x 90
∴ = \(\sqrt{2 x9.8 x90}\)
= 42 मीटर प्रति सेकण्ड
पुनः सूत्र v = u + at से
42 = 0 + 9.8 x t1
∴ t1 =\(\frac { 42 }{ 9.8 }\) = 4.2 सेकण्ड
प्रश्नानुसार, u2 = v1 – \(\frac { v_{ 1 } }{ 10 } \)
= 42 – 4.2 = 37.8 मीटर/सेकण्ड
v2 = 0, a2 = – 9.8 मीटर/सेकण्ड1
सूत्र v = u + at से
0 = 37.8 – 9.8 x t2
∴ t2 = \(\frac { 37.8}{ 9.8 }\)
= 3.9 सेकण्ड
t = t1 + t2
= 4.2 + 3.9 =8.1 सेकण्ड
u2 = 0
हम जानते हैं कि, ऊपर जाने का समय = नीचे आने का समय = 3.9 सेकण्ड
∴ t3 = t2 = 3.9 सेकण्ड
वह वेग जिससे गेंद फर्श पर टकराती है,
= a3 = a2 = 37.8 मीटर/सेकण्ड
तथा t = (t1 + t2) + t3
= 8.1 + 3.9 = 12 सेकण्ड पर
चाल v = 37.8 मीटर/सेकण्ड
प्रश्न 3.13.
उदाहरण सहित निम्नलिखित के बीच के अंतर को स्पष्ट कीजिए:
(a) किसी समय अंतराल में विस्थापन के परिमाण (जिसे कभी – कभी दूरी भी कहा जाता है) और किसी कण द्वारा उसी अंतराल के दौरान तय किए गए पथ की कुल लंबाई।
(b) किसी समय अंतराल में औसत वेग के परिमाण और उसी अंतराल में औसत चाल (किसी समय अंतराल में किसी कण की औसत चाल को समय अंतराल द्वारा विभाजित की गई कुल पथ-लंबाई के रूप में परिभाषित किया जाता है)। प्रदर्शित कीजिए कि (a) व (b) दोनों में ही दूसरी राशि पहली से अधिक या उसके बराबर है। समता का चिन्ह कब सत्य होता है? (सरलता के लिए केवल एकविमीय गति पर विचार कीजिए।)
उत्तर:
(a) विस्थापन के परिमाण से तात्पर्य है कि सीधी रेखा की कुल लम्बाई कण द्वारा किसी समयान्तराल में तय किए गए निश्चित पथ की लम्बाई उसी समयान्तराल में उन्हीं बिन्दुओं के मध्य तय किए गए पथ से अलग हो सकती है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
लेकिन औसत वेग का मान शून्य है चूँकि इस समय में विस्थापन शून्य है।
∴ औसत चाल > औसत वेग
प्रश्न 3.14.
कोई व्यक्ति अपने घर से सीधी सड़क पर 5 km h–1 की चाल से 2.5 km दूर बाजार तक पैदल चलता है। परंतु बाजार बंददेखकर वह उसी क्षण वापस मुड़ जाता है तथा 7.5 km h–1 की चाल से घर लौट आता है।
समय अंतराल
- 0 – 30 मिनट
- 0 – 50 मिनट,
- 0 – 40 मिनट की अवधि में उस व्यक्ति (a) के माध्य वेग का परिमाण, तथा (b) का माध्य चाल क्या है?
(नोट : आप इस उदाहरण से समझ सकेंगे कि औसत चाल को औसत वेग के परिमाण के रूप में परिभाषित करने की अपेक्षा समय द्वारा विभाजित कल पथ – लंबाई के रूप में परिभाषित करना अधिक अच्छा क्यों है। आप थक कर घर लौटे उस व्यक्ति को यह बताना नहीं चाहेंगे कि उसकी औसत चाल शून्य थी।)
उत्तर:
सूत्र v = \(\frac { s }{ t }\) से
t = \(\frac { s }{ v }\)
∴ व्यक्ति को बाजार जाने में लगा समय
t1 = \(\frac {2.5}{ 5 }\) = 0.5 घण्टा = 30 मिनट
∴ व्यक्ति को बाजार से आने में लगा समय
t2 = 2.5 = 0.33 घण्टा = 20 मिनट
1. 0 – 30 मिनट में व्यक्ति द्वारा चली दूरी = 2.5 किमी
∴ माध्य चाल = \(\frac {2.5}{ 30/60 }\) = 5 किमी/घण्टा
अर्थात् इस समयान्तराल में व्यक्ति का विस्थापन तथा माध्य वेग के परिमाण भी क्रमश: 2.5 किमी तथा 5 किमी/घण्टा होंगे।
2. 0 – 50 मिनट के समयान्तराल में प्रथम 30 मिनट में व्यक्ति बाजार जाता है जबकि अगले 20 मिनट में वापस आता है।
∴ विस्थापन = 0
∴माध्य वेग का परिमाण = \(\frac {0}{ 50/60 }\) = 0
इस समयान्तराल में चली दूरी
= 2.5 + 2.5 = 5 किमी
∴ माध्य चाल = \(\frac {5}{ 50/60 }\) = 6 किमी/घण्टा
3. चूँकि वापस आने में तय दूरी 2.5 किमी तथा लिया गया समय 20 मिनट है। अतः प्रथम 10 मिनट में तय की गई दूरी 1.25 किमी होगी।
अतः 0 – 40 मिनट के समयान्तराल में विस्थापन
= 2.5 – 1.25
= 1.25 किमी
∴ माध्य वेग का परिमाण = \(\frac {12.5}{ 20/60 }\) = 1.875 किमी/घण्टा
तथा इस समयान्तराल में चली दूरी
= 2.5 + 1.25 = 3.75 किमी
∴ माध्य चाल = \(\frac {3.75}{ 20/20 }\) = 5.625 किमी/घण्टा
∴ माध्य वेग < माध्य चाल
प्रश्न 3.15.
हमने अभ्यास 3.13 तथा 3.14 में औसत चाल व औसत वेग के परिमाण के बीच के अंतर को स्पष्ट किया है। यदि हम तात्क्षणिक चाल व वेग के परिमाण पर विचार करते हैं, तो इस तरह का अंतर करना आवश्यक नहीं होता। तात्क्षणिक चाल हमेशा तात्क्षणिक वेग के बराबर होती है। क्यों?
उत्तर:
हम जानते हैं कि तात्क्षणिक चाल
अर्थात् ∆t → 0 में वस्तु की गति की दिशा को अपरिवर्तित माना जाता है। इस प्रकार कुल पद लम्बाई अर्थात् दूरी एवम् विस्थापन के परिमाण में कोई अन्तर नहीं होता है। अर्थात् तात्क्षणिक चाल हमेशा तात्क्षणिक वेग के परिमाण के तुल्य होती है।
प्रश्न 3.16.
चित्र में (a) से (d) तक के ग्राफों को ध्यान से देखिए और देखकर बताइए कि इनमें से कौन – सा ग्राफ एकविमीय गति को संभवतः नहीं दर्शा सकता।
उत्तर:
चारों ही ग्राफ असम्भव हैं, चूँकि
- एक ही समय किसी कण की दो विभिन्न स्थितियाँ सम्भव नहीं है।
- एक ही समय किसी कण के विपरीत दिशाओं में वेग नहीं हो सकते हैं।
- चाल कभी भी ऋणात्मक नहीं होती है।
- किसी कण की कुल पथ लम्बाई समय के साथ कभी भी नहीं घट सकती है।
प्रश्न 3.17.
चित्र में किसी कण की एकविमीय गति का x – t ग्राफ दिखाया गया है। ग्राफ से क्या यह कहना ठीक होगा कि यह कण t < 0 के लिए किसी सरल रेखा में और t > 0 के लिए किसी परवलीय पथ में गति करता है। यदि नहीं, तो ग्राफ के संगत किसी उचित भौतिक संदर्भ का सुझाव दीजिए।
उत्तर:
नहीं, यह गलत है। समय-दूरी आलेख (x – t वक्र) किसी कण के प्रक्षेपण को व्यक्त नहीं करता है। जैसे – जब कोई पिण्ड किसी मीनार से गिराया जाता है तब x = 0 पर t = 0 होता है।
प्रश्न 3.18.
किसी राजमार्ग पर पुलिस की कोई गाड़ी 30 km/h की चाल से चल रही है और यह उसी दिशा में 192 km/h की चाल से जा रही किसी चोर की कार पर गोली चलाती है। यदि गोली की नाल मुखी चाल 150 ms–1है तो चोर की कार को गोली किस चाल के साथ आघात करेगी? (नोट : उस चाल को ज्ञात कीजिए जो चोर की कार को हानि पहुँचाने में प्रासंगिक हो)।
उत्तर:
दिया है : चोर की चाल, vt =192 किमी/घण्टा
192 x \(\frac { 5 }{ 18 }\) = \(\frac { 160 }{ 3 }\) मीटर/सेकण्ड
तथा पुलिस की चाल vp = 30 किमी/घण्टा
= 30 x \(\frac { 5 }{ 18 }\) = \(\frac { 25 }{ 3 }\) मीटर/सेकण्ड
अत: चोर की कार का पुलिस की कार के आपेक्ष वेग,
vtp = vt – vp
= \(\frac { 160 }{ 3 }\) – \(\frac { 25 }{ 3 }\) = \(\frac { 160 – 25}{ 3 }\)
= \(\frac { 135 }{ 3 }\) = 45 मीटर / सेकण्ड
गोली की नाल मुखी चाल, Vb = 150 मीटर / सेकण्ड
= गोली की पुलिस के सापेक्ष चाल
अतः चोर की कार पर प्रहार करते समय गोली की चाल
= पुलिस के सापेक्ष गोली की सापेक्ष चाल – पुलिस के सापेक्ष चोर की कार की सापेक्ष चाल = 150 – 45 = 105 मीटर / सेकण्ड
प्रश्न 3.19.
चित्र में दिखाए गए प्रत्येक ग्राफ के लिए किसी उचित भौतिक स्थिति का सुझाव दीजिए
उत्तर:
(a) x – t ग्राफ प्रदर्शित कर रहा है कि प्रारम्भ में x शून्य है, फिर यह एक स्थिर मान प्राप्त करता है। पुन: यह शून्य हो जाता है तथा फिर यह विपरीत दिशा में बढ़कर अन्त में एक स्थिर मान (विरामावस्था) प्राप्त कर लेता है। अतः यह ग्राफ इस प्रकार की भौतिक स्थिति व्यक्त कर सकता है जैसे एक गेंद को विरामावस्था से फेंका जाता है और वह दीवार से टकराकर लौटती है तथा कम चाल से उछलती है तथा यह क्रम इसके विराम में पहुँचने तक चलत रहता है।
(b) यह ग्राफ प्रदर्शित कर रहा है कि वेग समय के प्रत्येक अन्तराल के साथ परिवर्तित हो रहा है तथा प्रत्येक बार इसका वेग कम हो रहा है। इसलिए यह ग्राफ एक ऐसी भौतिक स्थिति को व्यक्त कर सकता है। जिसमें एक स्वतन्त्रतापूर्वक गिरती हुई गेंद (फेंके जाने पर) धरती से टकराकर कम चाल से पुनः उछलती है तथा प्रत्येक बार धरती से टकराने पर इसकी चाल कम होती जाती है।
(c) यह ग्राफ प्रदर्शित करता है कि वस्तु अल्प समय में ही त्वरित हो जाती है; अतः यह ग्राफ एक ऐसी भौतिक स्थिति को व्यक्त कर सकता है जिसमें एकसमान चाल से चलती हुई गेंद को अत्यल्प समयान्तराल में बल्ले द्वारा टकराया जाता है।
प्रश्न 3.20.
चित्र में किसी कण की एकविमीय सरल आवर्ती गति के लिए. x – t ग्राफ दिखाया गया है। (इस गति के बारे में आप अध्याय 14 में पढ़ेंगे) समय t = 0.3 s, 1.2 s, – 1.2 5 पर कण के स्थिति, वेग व त्वरण के चिन्ह क्या होंगे?
उत्तर:
हम जानते हैं कि सरल आवर्त गति में,
त्वरण a = – w2x
जहाँ w नियतांक है जिसे कोणीय आवृत्ति कहते हैं।
समय t = 0.3 सेकण्ड दर, दूरी (x) ऋणात्मक है। दूरी – समय ग्राफ का दाब भी ऋणात्मक है। इस कारण स्थिति तथा वेग ऋणात्मक है। अतः त्वरण (a = – w2x) धनात्मक है।
समय t = 1.2 सेकण्ड पर, दूरी (x) धनात्मक है। दूरी समय (x – t) ग्राफ का ढाल भी धनात्मक है। इस प्रकार स्थिति तथा वेग धनात्मक है। अतः त्वरण ऋणात्मक है।
समय t = – 1.2 सेकण्ड पर, दूरी (x) ऋणात्मक है। दूरी समय (x – t) ग्राफ का ढाल भी धनात्मक है। इस प्रकार वेग धनात्मक है तथा अन्त में त्वरण (a) भी धनात्मक है।
प्रश्न 3.21.
चित्र किसी कण की एकविमीय गति का x – t ग्राफ दर्शाता है। इसमें तीन समान अंतराल दिखाए गए हैं। किस अंतराल में औसत चाल अधिकतम है और किसमें न्यूनतम है? प्रत्येक अंतराल के लिए औसत वेग का चिहन बताइए।
उत्तर:
चूँकि लघु अन्तरालों में समय – दूरी (x – t) ग्राफ की ढाल उस अन्तराल में कण की औसत चाल को प्रदर्शित करती है। ग्राफ से स्पष्ट है कि इस अन्तराल में,
- अन्तराल (3) में ग्राफ की ढाल अधिकतम है अत: औसत चाल अधिकतम है। जबकि अन्तराल (2) में ग्राफ की ढाल न्यूनतम है अतः इस अन्तराल में औसत चाल न्यूनतम है।
- अन्तराल (1) एवम् (2) में ढाल धनात्मक है लेकिन अन्तराल (3) में ऋणात्मक है अतः अन्तराल (1 व 2) में औसत वेग धनात्मक जबकि अन्तराल (3) में ऋणात्मक है।
प्रश्न 3.22.
चित्र में किसी नियत (स्थिर) दिशा के अनुदिश चल रहे कण का चाल – समय ग्राफ दिखाया गया है।
इसमें तीन समान समय अंतराल दिखाए गए हैं। किस अंतराल में औसत त्वरण का परिमाण अधिकतम होगा? किस अंतराल में औसत चाल अधिकतम होगी? धनात्मक दिशा को गति की स्थिर दिशा चुनते हुए तीनों अंतरालों में । तथा a के चिहन बताइए। A, B, C व D बिंदुओं पर त्वरण क्या होंगे?
उत्तर:
- चूँकि लघु अन्तरालों में चाल-समय (v-1) ग्राफ की ढाल का परिमाण कण के औसत त्वरण के परिमाण को व्यक्त करता है। दिए गए ग्राफ से स्पष्ट है कि ढाल का परिमाण अन्तराल वक्र (2) में अधिकतम जबकि अन्तराल (3) में न्यूनतम है। इस प्रकार औसत त्वरण का परिमाण अन्तराल (2) में अधिकतम व अन्तराल (3) में न्यूनतम होगा।
- औसत चाल अन्तराल (1) में न्यूनतम तथा अन्तराल (3) में अधिकतम है।
- तीनों अन्तरालों में चाल (v) धनात्मक है। अन्तराल (1) में चाल-समय (v – t) ग्राफ का ढाल धनात्मक जबकि अन्तराल (2) में ढाल अर्थात् त्वरण a ऋणात्मक है। अन्तराल (3) में चाल – समय ग्राफ समय-अक्ष के समान्तर है। अतः इस अन्तराल में त्वरण शून्य है।.
- चारों बिन्दुओं (i.e.,A, B, C तथा D) पर, चाल – समय ग्राफ समय-अक्ष के समान्तर है। अतः इन चारों बिन्दुओं पर त्वरण शून्य है।
अतिरिक्त अभ्यास के प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 3.23.
कोई तीन पहिये वाला स्कूटर अपनी विरामावस्था से गति प्रारंभ करता है। फिर 10 s तक किसी सीधी सड़क पर 1 ms–2 के एकसमान त्वरण से चलता है। इसके बाद वह एक समान वेग से चलता है। स्कूटर द्वारा गवें सेकंड (n = 1, 2, 3,…) में तय की गई दूरी को n के सापेक्ष आलेखित कीजिए। आप क्या आशा करते हैं कि त्वरित गति के दौरान यह ग्राफ कोई सरल रेखा या कोई परवलय होगा?
उत्तर:
प्रारम्भिक वेग, u = 0,
त्वरण a = 1 मीटर/सेकण्ड2, t = 10 सेकण्ड
सूत्र Snth =u + \(\frac { a }{ 2 }\) (2n – 1) से,
S1th = 0 + \(\frac { 1}{ 2 }\) (2 x 1 – 1) = 0.5 मीटर
S2th = 0 + \(\frac { 1}{ 2 }\) (2 x 2 – 1) =1.5 मीटर
S3th = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) (2 x 3 – 1) = 2.5 मीटर
Smum = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 }\)(2 x 4 – 1) = 3.5 मीटर
इत्यादि।
चित्र से स्पष्ट है कि एक समान त्वरित गति के लिए समय अक्ष पर झुकी सरल रेखा, एक समान गति के लिए समय अक्ष के समान्तर सरल रेखा ही है।
प्रश्न 3.24.
किसी स्थिर लिफ्ट में (जो ऊपर से खली है) कोई बालक खड़ा है। वह अपने पूरे जोर से एक गेंद ऊपर की ओर फेंकता है जिसकी प्रारंभिक चाल 49 ms-1 है। उसके हाथों में गेंद के वापिस आने में कितना समय लगेगा? यदि लिफ्ट ऊपर की ओर 5 ms–1 की एकसमान चाल से गति करना प्रारंभ कर दे और वह बालक फिर गेंद को अपने पूरे जोर से फेंकता तो कितनी देर में गेंद उसके हाथों में लौट आएगी?
उत्तर:
जब लिफ्ट स्थिर है, तब u = 49 ms–1, v = 0 तथा a = – 9.8 m s–2
जब गेंद लड़के के हाथ में वापस लौटेगी तो गेंद का लिफ्ट के सापेक्ष विस्थापन शून्य होगा।
अतः s =ut +\(\frac { 1 }{ 2 }\) at2में, s = 0 तथा माना लौटने में लगा
समय = t
∴ 0 = 49t – \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x t2
⇒\(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x t2
⇒ t = \(\frac { 49 x 2 }{ 9.8 }\) = 10 s
जब लिफ्ट ऊपर की ओर एक समान वेग से चलती है तो लिफ्ट के सापेक्ष गेंद का प्रारम्भिक वेग 49 ms–1 ही रहेगा; अतः गेंद को बालक के हाथों में आने में 10 s का ही समय लगेगा।
प्रश्न 3.25.
क्षैतिज में गतिमान कोई लम्बा पट्टा (चित्र) 4km/h की चाल से चल रहा है। एक बालक इस पर ( पट्टे के सापेक्ष)9 km/h की चाल से कभी आगे कभी पीछे अपने माता-पिता के बीच दौड़ रहा है। माता व पिता के बीच 50 m की दूरी है। बाहर किसी स्थिर प्लेटफॉर्म पर खड़े एक प्रेक्षक के लिए, निम्नलिखित का मान प्राप्त करिए
- पट्टे की गति की दिशा में दौड़ रहे बालक की चाल
- पट्टे की गति की दिशा के विपरीत दौड़ रहे बालक की चाल,
- बच्चे द्वारा (a) व (b) में लिया गया समय यदि बालक की गति का प्रेक्षण उसके माता या पिता करें तो कौन – सा उत्तर बदल जाएगा?
उत्तर:
1. जब बालक पट्टे की गति की दिशा में दौड़ता है पट्टे के सापेक्ष बालक का वेग = 9 km h–1 (बाएँ से दाएँ) यदि बालक का वेग, प्लेटफार्म पर खड़े किसी प्रेक्षक के सापेक्ष \(\vec{v}_{c}\) हो तो,
2. जब बालक पट्टे की गति की दिशा के विपरीत दौड़ता है
ऋणात्मक चिहन बालक की विपरीत दिशा (दाएँ से बाएँ) को व्यक्त करता है।
3. स्थिति (a) अथवा (b) में लगने वाला समय
समय 20s रह जाएगा यदि माता या पिता बालक की गति का प्रेक्षण करते हैं।
प्रश्न 3.26.
किसी 200 m ऊँची खड़ी चट्टान के किनारे से दो पत्थरों को एक साथ ऊपर की ओर 15 ms–1तथा 30 ms–1की प्रारंभिक चाल से फेंका जाता है। इसका सत्यापन कीजिए कि नीचे दिखाया गया ग्राफ (चित्र) पहले पत्थर के सापेक्ष दूसरे पत्थर की आपेक्षिक स्थिति का समय के साथ परिवर्तन को प्रदर्शित करता है। वायु के प्रतिरोध को नगण्य मानिए और यह मानिए कि जमीन से टकराने के बाद
पत्थर ऊपर की ओर उछलते नहीं। मान लीजिए g = 10 ms–2 ग्राफ के रेखीय व वक्रीय भागों के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
दिया है : (0) = 200 मीटर,
v (0) =15 मीटर/सेकण्ड
a = – 10 मीटर/सेकण्डर
हम जानते हैं कि
x = xo + ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at2
∴ x1(t) = 200 + 15 x t – 5t2
जब पहला पत्थर जमीन से टकराता है,
x1(t) = 0
∴ – 5t2 + 15t + 200 = 0 …(1)
या t2 -3t – 400 =0
या (t + 5) (t – 8) = 0
∴ t= – 5 या 8
परन्तु t # ऋणात्मक
∴ t = 8 सेकण्ड
जब दूसरा पत्थर जमीन से टकराता है,
x2 (t) = 200 मीटर, V0 =30 मीटर/सेकण्ड
a = – 10 मीटर/सेकण्डर2
∴x2 (t) = 200 + 30t – 5t2
प्रश्नानुसार,
x2(t) – x1(t) =15t …(1)
जहाँ x2(t) – x1(t) दोनों पत्थरों के बीच दूरी (x) है।
x = 15t
i.e., x ∝t
i.e., अब तक दोनों पत्थर गतिमान रहेंगे, उनके बीच दूरी बढ़ती रहेगी। अर्थात् (x – t) ग्राफ सरल रेखा होगा।
चूँकि t =8 सेकण्ड, अत: पत्थर पृथ्वी पर 8 सेकण्ड बाद लौटेगा। इस समय पर दोनों के बीच अधिकतम दूरी होगी।
∴अधिकतम दूरी, x =15 x 8
= 120 मीटर होगी।
अर्थात् 8 सेकण्ड बाद केवल दूसरा पत्थर गतिशील होगा। अतः ग्राफ द्विघाती समीकरण के अनुसार परवलयाकार होगा।
प्रश्न 3.27.
किसी निश्चित दिशा के अनुदिश चल रहे किसी कण का चाल – समय ग्राफ (चित्र) में दिखाया गया है। कण द्वारा (a) t = 0 s से t = 10s, (b) t = 25 से 6s के बीच तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
(a) तथा (b) में दिए गए अंतरालों की अवधि में कण की औसत चाल क्या है?
उत्तर:
(a) t = 0 सेकण्ड से t =10 सेकण्ड में चली गई दूरी
= चाल समय ग्राफ का क्षेत्रफल
= \(\frac { 1 }{ 2 }\)OB x Ac
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 10 x 12 = 60 मीटर
(b) t = 2 सेकण्ड से 1 = 6 सेकण्ड में चली दूरी ज्ञात करने के लिए, इसे दो भागों में अर्थात् t = 2 से t=5 से० तक तथा t = 5 से t = 6 से० तक ज्ञात कर जोड़ेंगे।
(i) t = 2 से t = 5 से० के लिए
ut = 0, v =12 मीटर/सेकण्ड, t = 5 सेकण्ड
∴a=\(\frac { v – u }{ t }\) से
a = \(\frac { 12 }{ 5 }\)= 2.5 मीटर/सेकण्ड2
अब सूत्र v = u + at से, t = 2 सेकण्ड पर चाल
=0 + 2.4 x 2 = 4.8 मीटर/सेकण्ड
∴ t = 2 से t = 5 से० में चली दूरी
S=ut + at2
= 4.8 x 3+ \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 2.4 x 32
= 14.4 + 10.8
= 25.2 मीटर
(ii) t = 5 से 1 = 6 से० के बीच चली दूरी
x = 12 x 1+ 2 x (- 2.4) x 12
= 12 – 1.2 = 10.8 मीटर
∴ कुल चली दूरी = 25.2 + 10.8
= 36 मीटर
प्रश्न 3.28.
एकविमीय गति में किसी कण का वेग-समय ग्राफ (चित्र) में दिखाया गया है:
नीचे दिए सूत्रों में t1 से t2 तक के समय अंतराल की अवधि में कण की गति का वर्णन करने के लिए कौन-से सूत्र सही हैं:
- x (t2) = x (t1) + v (t1) (t2– t1) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) a(t2 -t2)22
- v (12) =v (11) + a (t2 – t1)
- Vaverage= [x (t2) – x(t1)]/(t2-t1)
- aaverage = [v (t2) – (t1)]/(t2 – t1)
- x (t2) = x (t1) + vaverage (t2 – t1) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)aaverage (t2 – t1).
- x (t2) – x (t1) = t – अक्ष तथा दिखाई गई बिंदुकित रेखा के बीच दर्शाए गए वक्र के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रफल।
उत्तर:
- सत्य
- सत्य
- सत्य
- सत्य।