MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 11 योगी श्री अरविंद
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 11 प्रश्न-अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. (क)सही जोड़ी बनाइए
1. योग साधना केंद्र = (क) संदेश
2. स्वर्गिक = (ख) आंदोलन
3. स्वदेशी = (ग) नरेश
4. बड़ौदा = (घ) पांडिचेरी
उत्तर
1. (घ), 2. (क), 3. (ख), 4. (ग)
प्रश्न (ख).
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. अरविंद ने बड़ौदा कॉलेज में ……………. के पद पर कार्य किया। (प्रोफेसर/व्याख्याता)
2. योगीराज अरविंद का जन्म …………… में हुआ था। (दिल्ली/कोलकाता
3. श्री कृष्णघन व्यवसाय से …… (डॉक्टर/वैज्ञानिक)
4. बड़ौदा कॉलेज के प्राचार्य ……………. थे। (अरविंद/क्लार्क
उत्तर
1. प्रोफेसर
2. कोलकाता
3. डाक्टर
4. क्लार्क
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 11 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए
(क)
श्री कृष्णघन किस विचारधारा के व्यक्ति थे।
उत्तर
श्री कृष्णघन पश्चिमी विचारधारा के व्यक्ति
(ख)
श्री अरविंद ने किस परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त को?
उत्तर
श्री अरविंद ने आई.सी.एस. परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त की थी।
(ग)
श्री अरविंद ने अंग्रेजी सेवा से क्यों वंचित रह गए?
उत्तर
श्री अरविंद घुड़सवारी की परीक्षा में अनुपस्थित रहने के कारण अंग्रेजी सेवा से वंचित रह गए।
(घ)
श्री अरविंद की आरम्भिक शिक्षा कहाँ हुई थी?
उत्तर
श्री अरविंद की आरंभिक शिक्षा दार्जिलिंग में हुई थी।
(ङ)
अरविंद द्वारा संपादित पत्रों के नाम लिखिए?
उत्तर
अरविंद द्वारा संपादित पत्रों के नाम ‘युगांतर’ तथा ‘वंदेमातरम्’ थे।
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए
(क)
श्री अरविंद को कौन-कौन सी भाषाएँ सीखने का अवसर मिला?
उत्तर
श्री अरविंद अंग्रेजी के अलावा ग्रीक, लैटिन, फ्रेंच भाषाएँ भी जानते थे। भारत वापस आकर इन्होंने बंगला तथा संस्कृत भाषा का भी अध्ययन किया था।
(ख)
प्राचार्य क्लार्क महोदय ने अरविंद की तुलना करते समय क्या कहा?
उत्तर
बड़ौदा कॉलेज के प्राचार्य क्लार्क महोदय ने जोन ऑफ आर्क से अरविंद की तुलना करते हुए कहा था कि यदि जोन ऑफ आर्क को स्वर्गिक संदेश सुनाई पड़ते हैं, तो श्री अरविंद को भी स्वर्गिक स्वप्न दिखाई पड़ते हैं।
(ग)
श्री अरविंद ने नौकरी क्यों छोड़ दी थी?
उत्तर
श्री अरविंद नौकरी छोड़कर तिलक एवं विपिन चंद्रपाल के साथ मिलकर काम करने लगे। इन्होंने ‘युगांतर’ तथा ‘वंदेमातरम्’ अखबार भी निकाला।
(घ)
श्री अरविंद को योग-साधना करने का समय कब मिला?
उत्तर
1908 में दोबारा अलीपुर बम काण्ड में श्री अरविंद को शामिल माना गया, जिसकी वजह से एक वर्ष का कारावास हुआ। इसी जेल जीवन के दौरान योग-साधना करने का इनको समय मिला तथा योग के साधना पक्ष और सिद्धांत पक्ष दोनों का इन्होंने विधिवत् अध्ययन किया।
(ङ)
श्री अरविंद आश्रम की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
श्री अरविंद के आश्रम की विशेषताएँ
- आश्रम प्रकृति की सुरम्य स्थली है, जहाँ जाकर
मन सहज ही सात्विक विचारों में लग जाता है। - आध्यात्मिक विचारों के लिए उपयोगी भूमि
- आश्रम प्राकृतिक घटाओं से घिरा तथा शांत वातावरण लिए था।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण किजिए
विक्षुब्ध, शैशवावस्था, ख्याति, सात्विक, पुरस्कार, श्रेणी
उत्तर
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 5.
शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
- नीधन, निधन, निघन, निःधन
- बंचित, बन्चित, वंचित, वंचीत
- सहधार्मिणी शहधर्मिणी, सह धरमिणी, सह धर्मीणी
- पांडीचेरी पांडिचेरी, पान्डीचेरी, पांडिचेरी।
उत्तर
- नीधन, निधन, निघन, निःधन
- बंचित, बन्चित, बंचित, वंचीत
- सहधर्मिणी शहधर्मिणी, सह धरमिणी, सह धर्मीणी
- पांडीचेरी पांडिचेरी, पान्डीचेरी, पांडिचेरी।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए .
व्यवसाय, राष्ट्रीय, परीक्षा, स्वप्न, बंदी
व्यबसाय- मेरे पिताजी लोहे का व्यवसाय करते हैं।
राष्ट्रीय- हमें राष्ट्रीय गान का सम्मान करना चाहिए।
परीक्षा- श्री अरविंद ने आई.सी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
स्वप्न- वास्तव में दिन के स्वप्न सच नहीं होते।
बंदी- अंग्रेजों ने कई भारतीयों को बंदी बनाया था।
प्रश्न 7.
उदाहरण के अनुसार ‘सु’ और ‘कु’ उपसर्ग जोड़कर दिए गए शब्दों से नए शब्द बनाइए
उदाहरण : सु + पुत्र = सुपुत्र कु+पुत्रकुपुत्र पात्र, डौल, योग, पथ, मति, मार्ग, चालक
उत्तर
सुपात्र, सुडौल, सुपथ, कुमति, सुमति, सुमार्ग, कुमार्ग, कुचालक, सुचालक।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों में उद्देश्य और विधेय बताइए
(क) श्री कृष्णघन अरविंद के पिता थे।
(ख) अरविंद घुड़सवारी की परीक्षा में अनुपस्थित रहे।
(ग) स्वदेशी आंदोलन कोलकाता में तेज़ होने लगा।
(घ) अरविंद और सुभाष इस धरती के लाल थे।
(ङ) अरविंद आश्रम प्रकृति की सुरम्य स्थली है।
उत्तर
छात्र स्वयं करें
योगी श्री अरविंद पाठ का परिचय
प्रस्तुत पाठ में लेखक ने महान योगी श्री अरविंद का आध्यात्मिक चेतना तथा राष्ट्र के लिए योगदान को स्पष्ट किया है। श्री अरविंद का जन्म 15, अगस्त, 1872 को कोलकाता में हुआ था। इनके पिता पश्चिमी विचारधारा के व्यक्ति थे, इसीलिए इन्होंने श्री अरविंद को मात्र सात वर्ष की आयु में विदेश पढ़ने भेज दिया। 18 वर्ष की आयु में इन्होंने आई.सी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्हें कई विदेशी भाषाओं का ज्ञान था। भारत में श्री अरविंद बड़ौदा कॉलेज में प्रोफेसर बने । वे यहाँ 13 वर्ष तक प्राचार्य बने रहे। इसी दौरान वे स्वाधीनता के दिवाने बन गए। इन्होंने अंग्रेजी विरोध में दो अखबार ‘युगांतर’ तथा ‘वंदेमातरम्’ निकाले। 1909 में इन्होंने ‘कर्मयोगी’ और ‘धर्म’ नामक दो साप्ताहिक पत्र निकाले। आंध्र विश्वविद्यालय ने 11 दिसंबर सन् 1948 को राष्ट्रीय पुरुस्कार देकर इनके प्रति श्रद्धा प्रकट की। 5 दिसंबर 1950 को इन्होंने अपनी मर्जी से महासमाधि ले ली।
योगी श्री अरविंद संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या
1. अंग्रेजी संस्कार …. में लगाने लगे।
शब्दर्थ- शरीक = शामिल होना।
संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ 11 ‘योगी श्री अरविन्द’ से ली गई हैं। इसके रचयिता आर.जे. मौर्य
प्रसंग-इसमें श्री अरविंद के जेल से योग साधना को प्रकट किया गया है।
व्याख्या-1907 के बमकाण्ड में इन्हें पकड़ा गया किंतु बाद में छोड़ दिया गया। 1908 में इन्हें अलीपुर बमकाण्ड में पकड़ा गया, इन्हें एक वर्ष का कारावास हुआ। जेल में इन्होंने योग के साधना पक्ष और सिद्धांत पक्ष दोनों का अध्ययन किया। 1909 को जेल से आने के बाद उन्होंने अंग्रेजी में ‘कर्मयोगी’ और ‘धर्म’ नामक दो साप्ताहिक पत्र निकाले । अंग्रेजों से छिपकर श्री अरविंदचंद्रनगर चले गए, बाद में पाण्डिचेरी जाकर योग-साधना में लग गए।
2. पाण्डिचेरी का ……………….. प्रभावित हुए थे।
शब्दार्थ-भूरि-भूरि = बहुत ज्यादा। संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-इसमें श्री अरविंद आश्रम के संदर्भ में चर्चा की गई है।
व्याख्या-श्री अरविंद आश्रम अंतर्राष्ट्रीय योग-साधना केंद्र बन चुका है। इसका प्रबंध श्री अरविंद की शिष्या मीरा किया करती थी। यही वह स्थली है जहाँ उनका मन गहन विचारों में लग जाता है। इनकी पत्नी मृणालिनी देवी इनका हाथ बटाती थी। 1918 में इनकी पत्नी का देहांत हो गया। 1925 में लाला लाजपत राय ने इनकी तारीफ की। 1928 में इनकी मुलाकात रवींद्रनाथ ठाकुर से हुई तथा वे इनकी आध्यात्मिक चेतना से प्रभावित | हुए थे।