MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 अभियान गीत

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 अभियान गीत

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए कटाए हैं।
1. सागर – (क) समता
2. ममता – (ख) निशान
3. वीरत्व – (ग) मान
4. गौरव – (घ) तट
5. देश – (ङ) विवेक
उत्तर-
1. – (घ)
2. – (ग)
3. – (ङ)
4. – (ग)
5. – (ख)

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प्रश्न (ख)
दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. जिसकी रक्षा में पुरखों ने अगणित ………………………… (सीस/शीश)
2. हम रखवाले ………………………… वाले उसके गौरव-मान के। (पोरुष/पुरुष)
3. अनगिन ………………………… में गूंजेंगे बोल हमारे गान (कंठों/कंटों)
4. फौजी ………………………… में हम सबसे पहले हिन्दुस्तान के। (वर्दी/बर्दी)
5. लिम्पू घाट की ऊँचाई ………………………… फुट है। (बीस हजार/सत्रह हजार)
उत्तर-
1. शीश,
2. पौरुष,
3. कंठों,
4. बर्दी,
5. सत्रह हजार।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए

(क) भारतमाता के बेटे क्या बनना चाहते हैं?
उत्तर-
भारत माता के बेटे फ़ौजी बनना चाहते हैं।

(ख) इस कविता के अनुसार हिन्दुस्तान की मिट्टी में किस भावना को संजोया गया है?
उत्तर-
इस कविता के अनुसार हिन्दुस्तान में हम खेले-खाए हैं।

(ग) पूजा में फूल चढ़ाने से कवि का क्या आशय है? के।
उत्तर-
पूजा में फूल चढ़ाने से तात्पर्य है, सदियों से । मेहनत करना।

(घ) सैनिकों की गाथाएँ कहाँ-कहाँ गाई जाएँगी?
उत्तर-
सैनिकों के गाथाएँ भारत के गाँव, नगर, घर गाएँगे।

(ङ) कवि किस अवसर पर आगे रहने की बात कह रहा है?
उत्तर-
कवि बलिदान के अवसर पर आगे रहने की बात कह रहा है।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्य में लिखिए

(क) कवि किसके एहसास के कर्ज चुकाने की बात कह रहा है?
उत्तर-
कवि इन धूल के कणों के एहसान को चुकाने के लिए कह रहा है जिसकी मिट्टी में खेलकर हम बड़े हुए है, जिसकी ममता को छाव में हमने सबकुछ सीखा है।

(ख) “अगणित शीश” कटाने की बात किस ओर अंगित कर रही है?
उत्तर-
भारत माता की रक्षा तथा मान के लिए हजारों पूर्वजों ने अपने शीश कटाए अर्थात आजादी की लड़ाई में भारत को स्वाधीन कराने के लिए अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

(ग) समर में सैनिक क्या कर दिखाना चाहते हैं?
उत्तर-
अपने देश की और जब कोई और देश आँख उठाकर देखता है अथवा युद्ध करता है तो देश के फौजी वीर अपनी वीरता के प्रदर्शन को दिखाने के लिए बेचैन रहते हैं अर्थात् अपने देश के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

(घ) फौजी वर्दी में कौन-कौन मिलकर एक हो जाते हैं?
उत्तर-
धर्म, जाति, वर्ग तथा भाषाद्ध रूप से भिन्न रहने के बावजूद, पर्वत, सागर-तट, वन, मरुस्थल, मैदान आदि जगहों के अंतरों के बावजूद फौजी वर्दी में कौन-कौन मिलकर एक हो जाते हैं।

(ङ) “देश-निशान’ से क्या तात्पर्य है? इसकी रक्षा किस प्रकार करना है।
उत्तर-‘
देश-निशान’ से तात्पर्य देश के चिह्न से है अर्थात ध्वज की शान की रक्षा के लिए कुछ भी कर जाना ही देश-निशान को नहीं मिटने देना है।

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भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को सही उचारण कीजिएमरुथल, रजकण, अगणित, वीरत्व, गाथाएँ
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिएपरवत, मिटटी, पुरुखो, गूजेंगे, पौरोष
उत्तर-
शब्द – शुद्ध वर्तनी
परवत- पर्वत
मिटटी – मिट्टी
पुरुखो – पुरखों
गूजेंगे – गूंजेंगे
दररा – दर्रा
पौरोष – पौरुष

प्रश्न 6.
निम्नलिखित मुहावरों और उनके अर्थों की सही जोड़ी बनाइए
शीश काटना – कर्त्तव्य पूरा करना
सीना तान के चलना – बलिदान होना
कर्ज चुकाना – स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ना
उत्तर-
शीश काटना – बलिदान होना
सीना तान के चलना – स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ना
कर्ज चुकाना – कर्त्तव्य पूरा करना

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के पर्चायवाची शब्द लिखिए
पर्वत, सागर, वन, फूल, समर
उत्तर-
शब्द – पर्यायवाची शब्द
पर्वत – पहाड़, नग
सागर – समुंद्र, जलधि
वन – जंगल, कानन
फूल – पुष्प, सुमन
समर – युद्ध, लड़ाई

प्रश्न 8.
निम्नलिखित उदाहरण के आधार पर बहुवचन शब्द बनाइए
उत्तर-
गाथा – गाथाएँ
माता – माताएँ
कथा – कथाएँ
सेना – सेनाएँ
विपदा – विपदाएँ
कामना – कामनाएँ

अभियान गीत पाठ का परिचय

प्रस्तुत पाठ में कवि भारत माता की शान में वर्णन करते हुए सिपाहियों ने कहा है बेशक हमारे धर्म, जाति, वर्ग और भाषा अलग-अलग हैं, या फिर हम अलग-अलग स्थानों से हैं किंतु हम एक हैं और इन सबसे पहले हम फौजी सबसे पहले है, जो सीना तान कर चलते हैं। इसकी मिट्टी में हमे बढ़े हुए, इसकी ममता में खेले, हम अपने देश समस्त एहसास चुका देंगे। हमने सदियों से अपनी मातृभूमि की पूजा की, इसकी रक्षा के लिए न जाने कितने बलिदान दिए हैं, हमें अपने ऐसे देश में पर गर्व है। हम इसके लिए खुद को मिटा सकते हैं किंतु इस पर आंच नहीं आने देंगे। हम फौजी सदैव आत्म बलिदान के लिए तत्पर रहते हैं। हम इसके गौरव के लिए देश भक्ति के गीत गाएँगे।

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अभियान गीत संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1.

भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के
धर्म अलग हों, जाति अलग हों, वर्ग अलग हों, भाषाएँ,
पर्वत, सागर-तट, वन, मरुथल, मैदानों से हम आएँ,
फौजी वर्दी में हम सबसे पहले हिंदुस्तान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।
हिन्दुस्तन कि जिसकी मिट्टी में हम खेले-खाए हैं,
जिसकी रजकण को हम ममता-समता से अपनाए हैं,
कर्ज, चुकाने हैं, हमको उन रजकण के एहसान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-मरुस्थल = वह थल जहाँ रेत की रेत हो, समता = बराबरी, रजकण = धूल के कण।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 ‘अभियान गीत’ से ली गई है। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

व्याख्या-हम फौजी हैं, हमेशा सीना तान के चलते हैं। हमारी जाति धर्म, भाषाएँ चहरे भिन्न हैं, हम चाहे अलग-अलग जगहों से आए हैं किंतु सबसे पहले हम फौजी है। हम इस देश में खेलते आए हैं। इसकी ममता में हमने बचपन बिताया है। हम इसके सारे कर्ज उतारने को तैयार हैं। हम भारत माता के सिपाही है जो सीना तार कर चलते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. देश के लिए कुछ करने का जजबा दिखाया गया है।

2.

जिसकी पूजा में सदियों से श्रम के फूल चढ़ाए हैं,
जिसकी रक्षा में पुरखों ने अगणित शीश कटाए हैं,
हम रखवाले पौरुषवाले उसके गौरव-मान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।
हम गिर जाएँ किंतु न गिरने देंगे देश-निशान को,
हम मिट जाएँ किंतु न मिटने देंगे हिंदुस्तान को,
हम हैं सबसे आगे रहते अवसर पर बलिदान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-निशान = चिन्ह, समर = युद्ध, गाथा = कहानी, अनगिन = जिन्हें गिना न जा सके, ममता = माँ का प्यार, पुरखों = पूर्वजों, पौरुष = वीरता, शीश = सिर।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 “अभियान गीत’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

‘प्रसंग-इसमें बलिदान को दर्शाया गया है।

व्याख्या-हमने अपनी मातृभूमि की पूजा की है। इसकी आन के लिए हमारे पूर्वजों ने हजारों सिर कटाए हैं। हम इसकी जी-जान से रक्षा करते हैं। हम खुद गिर जाएँगे किंतु देश पर आंच नहीं आने देंगे। हम मिट जाएँगे लेकिन भारत का नाम कभी मिटने नहीं देगे। हम इसकी रक्षा हेतु हम बलिदान देने में आगे रहते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. पूर्वजों के बलिदान को दर्शाया गया है।

3.

जो वीरत्व-विवेक सागर में हम सैनिक दिखलाएँगे,
उसकी गाथाएँ भारत के गाँव, नगर, घर गाएँगे,
अनगिन कंठों में गूंजेंगे बोल हमारे गान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-वीरत्व = वीरता, विवेक = उचित, अनुचित का ज्ञान।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 ‘अभियान गीत’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

प्रसंग-इसमें वीरता को उजागर किया गया है।

व्याख्या-हम हर युद्ध में अपने जौहर दिखलाएँगे! फौजियों के हर बलिदान की गाथा भारत की गली-गली में सुनाएँगे। और अनगिनत लोग हमारे योगदान को दोहराएँगे। हम भारतमाता के ‘सपूत हैं जो सीना तान कर चलते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. फौजियों की गाथा को दर्शाया गया है।

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