MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 भाग्य बड़ा या साहस

In this article, we will share MP Board Class 7th Hindi Solutions Chapter 9 भाग्य बड़ा या साहस Pdf, Class 7th Hindi Part 9, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 भाग्य बड़ा या साहस

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
MP Board Class 7th Hindi Chapter 9 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. देवी = (क) कीर्ति
2. राज = (ख) घोड़े
3. यश = (ग) धाम
4. हाथी = (घ) पाट
5. काम = (ङ) देवता
उत्तर
1. (ङ), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग)

Class 7 Hindi Chapter 9 MP Board प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
1. विक्रमादित्य……………. राजा था। (दानी/कंजूस)
2. विक्रमादित्य……………. से भी जूझ पड़ने का साहस था। (इंद्र/यमराज)
3. सेठ ने राजा……………. रुपए प्रतिदिन पर – नौकर रख लिया। (एक हजार/एक लाख)
4. आप लागों के दर्शन पाकर मैं ……………. हो गया। (धन्य/पानी-पानी)
5. सेठ को दूसरे देशों में ……………. करने के लिए बाहर निकलना पड़ गया। (युद्ध/व्यापार)
उत्तर
1. दानी
2. यमराज
3. एक लाख
4. धन्य
5. व्यापार।

MP Board Solutions

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 7th Hindi Chapter 9 MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए

(क)
भाग्य और साहस में किस बात पर झगड़ा हुआ?
उत्तर
भाग्य और साहस में इस बात पर झगड़ा हुआ कि उनमें से बड़ा कौन है।।

(ख)
भाग्य और साहस निर्णय के लिए किसके पास गए?
उत्तर
भाग्य और साहस निर्णन के लिए राजा विक्रमादित्य के पास गए।

(ग)
राजा विक्रमादित्य पराक्रमी में क्या-क्या गुण ये?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य पराक्रमी, दानी और साहसी थे।

(घ)
राजा ने सेठ से क्या काम माँगा? उत्तर-राजा ने सेठ से कोई भी काम मांगा। (ङ) भाग्य के कारण राजा के पास क्या-क्या था?
उत्तर
भाग्य के कारण राजा के पास राज्य, महल, सिपाही, और नौकरचाकर थे।

MP Board Solutions

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9  लघु उत्तरीय प्रश्न

MP Board Class 7 Hindi Chapter 9 प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए

(क)
साहस ने अपने को किस तरह बड़ा सिर किया?
उत्तर
साहस ने कहा, “मान लो किसी के भाग्य में लिखा है कि उसे जंगल में अपार धन मिलेगा। अब अगर उस आदमी में साहस होगा, तभी तो वह जंगल में जाएगा। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि साहस भाग्य से बड़ा

(ख)
भाग्य ने अपने को क्यों बड़ा कहा?
उत्तर
भाग्य ने कहा-“सबसे बड़ा मैं हूँ। मैं जब जिसे चाहूँ राजा से रंक बना हूँ और रंक से राजा बना हूँ।” आगे भाग्य ने कहा-कोई कितना ही साहसी क्यों न हो, यदि उसके भाग्य में सुख नहीं है तो उसे साहस के बल पर सुख कदापि नहीं मिल सकता।”

(ग)
राजा एक लाख रुपए किस प्रकार खर्च करता था?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य रोज सेठ से एक लाख रुपए लेकर आधा तो गरीब दुखियों को दान कर देता। आधे का आधा करके मंदिर में जाकर देवी-देवताओं को चढ़ा देता। फिर जो आधा बचता, उसमें से आधा बुरे समय के लिए सम्भालकर रख लेता और शेष रुपयों से ठाठ से अपना खर्च चलाया करता।

(घ)
राजा ने भाग्य और साहस में से किसको बड़ा बताया और क्यों?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य ने अपनी पूरी कथा सुनाकर फैसला देते हुए कहा, “भाग्य देवता ने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की थी। मुझे सेठ ने भाग्य के कारण ही प्रतिदिन एक लाख वेतन पर नौकरी दी किंतु जब जहाज बीच समुद्र में पहुंचा और अटक गया तथा मल्लाहों के धक्का देने पर भी नहीं चला; तब मैंने साहस के साथ धक्का देने का प्रयास किया तो मुझे सफलता मिली।”

(ङ)
राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए कितना समय माँगा और क्यों?
उत्तर
राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए छः महीने का समय माँगा। राजा ने सोचा-यहाँ राजमहल में तो हर प्रकार का सुख है। किसी भी चीज की इच्छा करते ही तुरंत मिल जाती है। यहाँ रहकर न तो भाग्य की परीक्षा हो पाएगी और न साहस की। इसलिए कुछ दिन इस नगर से बाहर निकलकर मुझे घूमने चाहिए-तभी पता चल पाएगा कि भाग्य बड़ा है या साहस।

भाषा की बात

Hindi Path 9 Class 7 प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
विक्रमादित्य, पृथ्वी, धर्मात्मा, स्तुति, प्रसन्न, स्वागत-सत्कार, सत्यवादी, न्यायी, तनख्वाह।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

MP Board Solutions

7th Class Hindi 9th Lesson Question Answers प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
आग्या, कीरति, राज्यपाट, स्तुती, दरशन, सुवागत, फेसला, परिक्षा, तंदरुस्त।
उत्तर
शब्द – शुद्ध वर्तनी
आग्य = आज्ञा
कीरति = कीर्ति
राज्यपाट = राजपाठ
स्तुती = स्तुति
दरशन = दर्शन
सुवागत = स्वागत
फेसला = फैसला
परिक्षा = परीक्षा
तंदरुस्त = तंदुरुस्त

Class 7 Hindi Chapter 9 Short Answers प्रश्न 6.
(क) निम्नलिखित शब्दों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सोचिए
आदमी, दरबार, मतलब, मिसाल, दलील, हौसला, फैसला, तंदुरुस्त, ताज्जुब, तनख्वाह, कदर, फैसला, आखिर । ये शब्द हिंदी भाषा में अरबी, फारसी भाषाओं से आए हैं। इसी तरह रेल, फोन, स्कूल, टेलीविजन, डॉक्टर आदि शब्द अंग्रेजी भाषा से आए हैं। इस प्रकार के शब्दों को आगत अथवा विदेशी शब्द कहते हैं।

(ख)
हिंदी भाषा में प्रचलित अन्य भाषाओं के दस शब्द लिखिए
उत्तर
1. रिक्शा
2. अफसर
3. डाक्टर
4. हुजूर
5. बाजार
6. मुल्क
7.दीदार
8. जलवा
9. रोशनी
10. चिराग।

MP Board Solutions

Class 7th Hindi Chapter 9 प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और समझिए
“भगवान वामन ने विराट रूप धारण कर लिया। उन्होंने पहले पग में पूरी धरती और दूसरे पग में पूरा आकाश नाप लिया। तीसरे पग के लिए वामन ने और स्थान माँगा, तब राजा बलि ने अपनी पीठ को ही वामन के लिए प्रस्तुत कर दिया। भगवान वामन बलि की दानशीलता से बड़े प्रभावित हुए।”

विज्ञान भारती कक्षा 7 पाठ 9 प्रश्न 8.
कोष्ठक में लिखे कारक चिहों का रिक्त स्थान में सही प्रयोग कीजिए
(ने, के, को, में, से, के लिए)
(क) श्रीराम राजा दशरथ ……… पुत्र थे।
(ख) सैनिक शत्रु ……… लड़ता है।
(ग) शिक्षिका ……… छात्र ………. पाठ पढ़ाया।
(घ) बच्चा आम ………… रो रहा है।
(ङ) पिताजी घर ………….. है।
उत्तर
(क) के, (ख) से, (ग) ने, को, (घ) के लिए, (ङ) में।

अपना-अपना भाग्य प्रश्न उत्तर Class 7 प्रश्न 9.
निम्नलिखित कारक चिहों का प्रयोग कर वाक्य बनाइए
उत्तर
(क) से (के द्वारा) : उसने पैसे से हमारी मदद की।
(ख) से (अलग, पृथकता) : राकेश सुबह ही यहाँ से चला गया।
(ग) के लिए : राम ने सीता के लिए धनुष तोड़ा।
(घ) हे! तुम : यहाँ क्या कर रहे हो?
(ङ) में, पर : हम रात में सफर करेंगे, तुम ठीक समय पर आ जाना।

भाग्य बड़ा या साहस पाठ का परिचय

रचनाकार ने प्रस्तुत पाठ में भाग्य और साहस में प्रतिस्पर्धा दिखाई है। दोनों एक-दूसरे को श्रेष्ठ कहते हैं। बहस के बाद वे इस नतीजे पर पहुँचते हैं कि राजा विक्रमादित्य का जो फैसला होगा, वह उनको मान्य होगा। राजा के पास भी तुरंत कोई जवाब नहीं था इसलिए वह छ: माह का समय माँगता है। राजा सारे सुख त्याग कर दूसरे नगर में पहुँचता है, वहाँ वह एक लाख रु. रोज वेतन पर एक व्यापारी के पास कार्य करता है। एक बार यह पानी में फंसे व्यापारी के जहाज देकर उसे चलने योग्य बनाता है। जब राजा विक्रमादित्य अपने राज्य पहुँचता है तो भाग्य और साहस उसके समीप जाते हैं और दोनों में फिर श्रेष्ठ पूछते हैं। राजा उन्हें बताता है कि साहस और भाग्य एक दूसरे के पूरक हैं न कि प्रतिस्पर्धा।

भाग्य बड़ा या साहस संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. एक बार की बात………..से बड़ा है। (प्र. 45)
शब्दार्थ-रंक = भिखारी; कदापि = बिल्कुल; अपार = अत्यधिक

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-9 ‘भाग्य बड़ा या साहस’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें भाग्य और साहस के मध्य तर्क को दिखाया गया है।

व्याख्या-एक बार भाग्य और साहस में इस बात पर बहस छिड़ गई कि कौन श्रेष्ठतम है? यह सिद्ध करने के लिए उन्होंने कई तरह की दलीलें दीं। होते-होते यह बहस लंबी होती चली गई। भाग्य उसकी दलीलों को काटकर स्वयं को बड़ा होने की बात करता। जब वे अपने-अपने तथ्यों से संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने राजा विक्रमादित्य से फैसला कराने का निर्णय लिया।

विशेष-भाग्य और साहस के मध्य तर्क सफलतापूर्वक दिखाया गया है।

MP Board Solutions

2. इसी तरह……….. का साथ देते है। (पृ. 48-49)

शब्दार्थ- सरका = खिसकना; स्तुति = प्रसंशा

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-राजा विक्रमादित्य साहस और भाग्य का फैसला करते है।

व्याख्या-एक बार सेठ ने जहाज में माल लदवाया। विक्रमादित्य भी जहाज के साथ हो लिए। अचानक जहाज बीच में रुक गया। हुक्म पाते ही विक्रमादित्य ने जहाज को धक्का देकर चला दिया। राजा वापस अपने राजमहल आ गया। तभी भाग्य और साहस भी आ पहुँचे। राजा ने दोनों से कहा-यदि साहस न हो तो भाग्य भी साथ नहीं देता और भाग्य न हो तो साहस बेकार है। आप दोनों ही समान है। इसके बाद भाग्य और साहस में कभी झगड़ा नहीं हुआ। वे अब बड़े प्रेम से एक-दूसरे का साथ देते हैं।
विशेष-राजा का न्याव उच्चकोटि का दिखाया गया है।

Leave a Comment