MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 2 दक्षिण भारत के राज्य (800 ई. से 1200 ई. तक)

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 2 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) पल्लव वंश के किस शासक ने राजा पुलकेशिन द्वितीय को हराकर वातापीकोंड’ की उपाधि धारण की थी?
(अ) महेन्द्र वर्मन
(ब) नरसिंह वर्मन प्रथम
(स) अपराजित वर्मन
(द) यशोवर्मन।
उत्तर:
(ब) नरसिंह वर्मन प्रथम

(2) राष्ट्रकूट वंश के किस शासक ने एलोरा की गुफा में कैलाश मंदिर का निर्माण करवाया ?
(अ) कृष्ण प्रथम
(ब) राजा ध्रुव
(स) कृष्ण द्वितीय
(द) राजेन्द्र प्रथम।
उत्तर:
(अ) कृष्ण प्रथम

(3) तमिल भाषा में रामायण के रचयिता कौन थे ?
(अ) वाल्मीकि
(ब) तुलसीदास
(स) कंबन
(द) आदि शंकराचार्य।
उत्तर:
(स) कंबन।

प्रश्न 2.
कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) पल्लव राज्य की राजधानी ……………… थी। (तिरुअनंतपुरम, तंजौर, कांचीपुरम्)
(2) चोल शासकों द्वारा बनवाया गया राजराजेश्वर (वृहदेश्वर) मन्दिर …………….. में स्थित है। (तिरुअनंतपुरम, तंजौर, कांचीपुरम्)
(3) चोल प्रशासन में प्रांत को ……….. कहा जाता है। (उर, मंडलम्, नगरम्)
उत्तर:
(1) कांचीपुरम्
(2) तंजौर
(3) मंडलम्।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) उत्तर भारत व दक्षिण भारत के बीच निकटता बढ़ने का एक प्रमुख कारण बताइए।
उत्तर:
उत्तर भारत व दक्षिण भारत के बीच निकटता बढ़ने का एक प्रमुख कारण दक्षिण भारत के विभिन्न शासकों द्वारा धार्मिक कर्मकाण्डों और अध्ययन – अध्यापन के लिए उत्तर भारत के ब्राह्मण वर्ग को दक्षिण भारत में बसने के लिए आमंत्रित करना था।

(2) ‘मुम्मादी चोल मंडलम’ चोल साम्राज्य के किस प्रांत का नाम था ?
उत्तर:
चोल साम्राज्य के केरल, मदुरै तथा श्रीलंका के उत्तरी भाग का नाम ‘मुम्मादी चोल मंडलम’ था।

(3) चोलकालीन स्थापत्य कला के दो प्रमुख उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चोलकालीन स्थापत्य कला के उदाहरण

  • राजराजेश्वर मन्दिर के अहाते में ‘गोपुरम’ नामक विशाल प्रवेश द्वार का निर्माण कराना।
  • तंजौर में राजराजेश्वर मन्दिर तथा गंगेकोंड चोलपुरम में अनेक भव्य मन्दिरों का निर्माण कराना।

(4) राष्ट्रकूट वंश के किन्हीं तीन शासकों के नाम बताइए।
उत्तर:
राष्ट्रकूट वंश के तीन शासक कृष्ण प्रथम, राजा ध्रुव व अमोघवर्ष थे।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) चोल प्रशासन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चोल प्रशासन की विशेषताएँ –

  1. चोल प्रशासन की प्रशासनिक व्यवस्था में राजा ही राज्य की सर्वोच्च शक्ति होता था। वह मन्त्रिपरिषद् की सहायता से शासन चलाता था।
  2. सम्पूर्ण साम्राज्य प्रान्तों (मंडलम) में विभक्त था तथा प्रान्त जिलों (वलनाडुओं) में विभक्त थे।
  3. प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम होते थे। प्रत्येक ग्राम की ग्राम सभा होती थी। ये ग्राम सभाएँ तीन भागों में विभक्त थीं।
    • उर – ये ग्राम के आम लोगों की सभा होती थी।
    • सभा या महासभा – इस सभा में विद्वान ब्राह्मण होते थे।
    • नगरम् – इसमें व्यापारी, दुकानदार और शिल्पी प्रमुख रूप से होते थे।
  4. गाँव की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए अनेक समितियों का गठन किया जाता था, जो न्याय, शिक्षा, संचार साधन, जलाशय, धार्मिक समारोहों, मन्दिर तथा दान आदि की देखभाल का कार्य करती थीं।

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