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MP Board Class 10th General English The Spring Blossom Solutions Chapter 1 Light the Lamp of Thy Love
Light the Lamp of Thy Love Textual Exercises
Word Power
A. Match the following words with their correct meaning.
(सुमेलित कीजिए)
Answer:
1. → (e)
2. → (a)
3. → (b)
4. → (d)
5. → (C)
B. Give antonyms of the following words:
(विलोम शब्द लिखिए)
Answer:
light – dark
external – internal
senior – junior
evil – good
How Much Have I Understood?
A. Answer these questions. (One or two sentences)
(निम्न प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।)
Question 1.
What do you mean by ‘In my house’ in the poem?
(निम्न प्ररनों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए)
Answer:
By In my house’ the poet means his own body, soul and heart.
(बाइ ‘इन माइ हाऊस’ द पोऍट मीन्स हिज़ ओन बॉडी, सोल एण्ड हार्ट।)
‘मेरे घर में’ से कवि का तात्पर्य उसके स्वयं के शरीर, आत्मा व हृदय से है।)
Question 2.
What does the speaker want the Lord to do at first?
(व्हॉट डज़ द स्पीकर वॉण्ट द लॉर्ड टू डू ऐट फर्स्ट?)
वक्ता ईश्वर से सर्वप्रथम क्या करवाना चाहता है?
Answer:
The speaker wants the Lord to light the lamp of his love in his heart and soul.
(द स्पीकर वॉन्ट्स द लॉर्ड टू लाइट द लैम्प ऑफ हिज़ लव इन हिज़ हार्ट एण्ड सोल।)
वक्ता चाहता है कि ईश्वर उसके हृदय व आत्मा में अपने प्रेम का दीपक जलाए।
Question 3.
What kind of lamp is it in the poem?
(व्हॉट काइन्ड ऑफ लैम्प इज इट इन द पोऍम?)
कविता में किस प्रकार के दीपक के विषय में कहा गया है?
Answer:
The lamp mentioned in the poem is transmuting. Its rays have the power of transformation.
(द लैम्प मैन्शन्ड इन द पोऍम इज़ ट्रान्सम्यूटिंग। इट्स रेज़ हैव द पावर ऑफ ट्रान्सफॉर्मेशन।)
कविता में चर्चित दीपक बदलाव लाने वाला है। उसकी किरणों में परिवर्तन करने की क्षमता है।
Question 4.
What does ‘darkness’ stand for in the poem?
(व्हॉट डज़ ‘डार्कनेस’ स्टैण्ड फॉर इन द पोऍम?)
कविता में अन्धकार का क्या तात्पर्य है?
Answer:
The ‘darkness’ means the ignorance and evil present in the heart.
(द डार्कनेस मीन्स द इग्नोरेन्स एण्ड ईविल प्रेजेन्ट इन द हार्ट।)
अन्धकार से तात्पर्य हृदय में व्याप्त अज्ञानता व बुराई से है।
Question 5.
What does ‘light’ stand for in the poem?
(व्हॉट डज़ लाइट स्टैण्ड फॉर इन द पोऍम?)
कविता में प्रकाश से क्या तात्पर्य है?
Answer:
‘Light’ means knowledge that can distinguish between evil and good, right and wrong.
(लाइट मीन्स नॉलेज दैट कैन डिस्टिंग्विश बिटवीन ईविल एण्ड गुड, राईट एण्ड राँग।)
उजाले का तात्पर्य ज्ञान से है जो बुराई और अच्छाई व सही और गलत में फर्क कर सके।
Question 6.
What are the senses compared to?
(व्हॉट आर द सेन्सेज़ कम्पेअर्ड टू?)
इन्द्रियों की तुलना किससे की गई है?
Answer:
The senses are compared to lamps.
(द सेन्सेज़ आर कम्पेअर्ड टू लैम्प्स।)
इन्द्रियों की तुलना दीपों से की गई है।
B. Answer the questions. (Three or four sentences)
(निम्न प्रश्नों के तीन या चार वाक्यों में उत्तर दीजिए।)
Question 1.
Why does the poet want God to light the lamp?
(व्हाय डज़ द पोऍट वॉण्ट गॉड टू लाइट द लैम्प?)
कवि ईश्वर से दीपक क्यों जलवाना चाहता है?
Answer:
The poet wants God to light the lamp because only he has the power to transform evil into good and ignorance into knowledge.
(द पोऍट वॉन्ट्स गॉड ट्र लाइट द लैम्प बिकॉज़ ओनली ही हैज़ द पावर टू ट्रान्सफॉर्म ईविल इन्टू गुड एण्ड इग्नोरेंस इन्टू नॉलेज।)
कवि ईश्वर से दीपक जलवाना चाहता है क्योंकि सिर्फ ईश्वर ही बुराई को अच्छाई व अज्ञानता को ज्ञान में परिवर्तित करने की क्षमता रखते हैं।
Question 2.
What does the ‘door of the soul’ suggest?
(व्हॉट डज़ द डोर ऑफ़ द सोल सजेस्ट?)
आत्मा के द्वार से क्या तात्पर्य है?
Answer:
The ‘door of the soul’ suggests poet’s inner self and heart. He wants God to light the lamp of His love within him.
(द ‘डॉर ऑफ द सोल’ सजेस्ट्स पोऍट्स इनर सेल्फ एण्ड हार्ट। ही वॉन्ट्स गॉड टू लाइट द लैम्प ऑफ हिज़ लव विदिन हिम)
‘आत्मा के द्वार’ का तात्पर्य कवि के अन्तर्मन व हृदय से है। वह चाहते हैं कि ईश्वर अपने प्रेम का दीपक उनमें प्रज्ज्वलित करे।
Question 3.
What should we pray for?
(व्हॉट शुड वी प्रे फॉर?)
हमें क्या प्रार्थना करनी चाहिए?
Answer:
We should pray to God to drive away ignorance and evil from our heart by the lamp of his love.
(वी शुड प्रे टू गॉड टू ड्राईव अवे इग्नोरेंस एण्ड ईविल फ्रॉम आवर हार्ट बाइ द लैम्प हिज़ लव।)
हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वे हमारे हृदय से अज्ञानता व बुराई को अपने प्रेम के दीपक से हटाएँ।
Question 4.
Why does the speaker want the Lord to touch him once?
(व्हाइ डज़ द स्पीकर वॉन्ट द लॉर्ड टू टच हिम वन्स?)
वक्ता यह क्यों चाहता है कि ईश्वर उसे एक बार स्पर्श करे?
Answer:
The speaker wants the God to touch him once so that he may change. He believes that by His touch his body of clay would turn into gold, like that of God and all his worries would fade away.
(द स्पीकर वॉन्ट्स द गॉड टू टच हिम वन्स सो दैट ही मे चेन्ज। ही बिलीव्स दैट बाइ हिज़ टच हिज़ बॉडी ऑफ क्ले वुड टर्न इन्टू गोल्ड, लाइक दैट ऑफ गॉड एण्ड ऑल हिज़ वरीज़ वुड फेड अवे।)
वक्ता चाहता है कि ईश्वर उसे एक बार स्पर्श करे जिससे कि उसमें परिवर्तन आये। उसे विश्वास है कि ईश्वरीय स्पर्श से उसका मिट्टी का शरीर ईश्वर के समान स्वर्णिम हो जायेगा व उसकी समस्त चिन्ताएँ विलोप हो जायेंगी।
Question 5.
What is the message of the poem?
(व्हॉट इज़ द मैसेज ऑफ द पोऍम?)
कविता क्या सन्देश देती है?
Answer:
the poem says that instead of asking for worldly comforts we should pray to God to light our soul with His knowledge and love and drive away all the evil from our heart.
(द पोऍम सेज़ दैट इन्स्टैड ऑफ आस्किंग फॉर वर्ल्डली कम्फर्ट्स वी शुड प्रे टू गॉड टू लाइट आवर सोल विद हिज़ नॉलेज एण्ड लव एण्ड ड्राइव अवे ऑल द ईविल फ्रॉम आवर हार्ट।)
कविता यह सन्देश देती है कि हमें ईश्वर से सांसारिक ऐशो-आराम की वस्तुओं के लिए प्रार्थना न करके उससे यह प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमारी आत्मा को प्रेम व ज्ञान से प्रकाशित करे और हमारे हृदय से बुराइयों को दूर करे।
Listening Time
A. The teacher will read out the following words and the students will repeat them. (निम्न शब्दों को दोहराओ।)
Answer:
B. Complete the following stanza.
(निम्न पद्यांश को पूरा करिए।)
Answer:
In my house with Thine own hands
Light the lamp of Thy love!
The transmuting lamp entrancing,
Wondrous are its rays.
Change my darkness to Thy light, Lord!
Speaking Time
Speak out four sentences of your own as to what the poet prays to God.
(कवि की प्रार्थना के चार वाक्य लिखिए।)
Answer:
- The poet prays to God to change his darkness into His light.
- The poet prays to God to turn his evil into good.
- The poet prays to God to change him from clay to gold.
- The poet prays to God to free him from worries.
Writing Time
Paraphrase the poem in prose form by filling the blanks with suitable words from the box.
(रिक्त स्यान भरो)
(the lamp, body, love, happy, attitude, change, please, magical, golden, darkness, noble, remove, vices, make, touch, become, senses, mentor and guide, slavery free.)
Answer:
My Lord! Please light the lamp of Your love in my body. Your love can change me and my attitude and make me happy. Your love has magical power. It can remove all the darkness in me. Please remove the evil in me and make me noble.
O Almighty! please touch me with your golden hand.
My body is full of vices. Please make it sublime. My Lord! I have become a slave to my senses. Please free me of this slavery and be my mentor and guide.
Things to do
Collect any other poem of Tagore on a similar theme. Write it in your project file. Learn it by heart and recite it in your class.
(टैगोर की कोई अन्य कविता ढूँढ़कर लिखो व याद करके अपनी कक्षा में सुनाओ।)
Answer:
Students can do themselves.
(छात्र स्वयं करे)
Light the Lamp of Thy Love Central Idea of the Poem
The poem is the poet’s prayer to God to light the lamp of his (God’s) love in his heart and remove its darkness of ignorance. He believes that the wonderful rays of the lamp would transform his evil into good, clayey body into gold and would free him from all the worries and tensions of life.
Light the Lamp of Thy Love Difficult Word Meanings
Thine (दाइन)-(old use) yours (here related to God) (तुम्हारा), (यहाँ ईश्वर से सम्बन्धित); Thy (दाइ) -(old use) your (here related to God) (तुम्हारा), (यहाँ ईश्वर से सम्बन्धित); Transmute (ट्रान्सम्यूट)-to change something in something different (बदलाव करना); Entrancing (एन्ट्रेन्सिग) – capable of making somebody feel great pleasure and admiration so that they give somebody/something all their attention (सम्मोहित मन्त्रमुग्ध कर देना); Wondrous (वन्डरस)-wonderful, fascinating (अदूभुत); Darkness (डाकनेस) – ignorance, evil (अज्ञानता बुराई); Light (लाइट)-knowledge (ज्ञान), Evil (ईविल)-a force that causes bad things to happen (बुराई); Clay (क्ले) (here) the human body supposed to be build out of clay (यहाँ मानव शरीर मिट्टी का बना हुआ माना गया है); Sense lamps (सेन्स लैम्प्स)-the five senses of eyes (sight), ears (hearing), nose (smell), tongue (taste) and skin (touch) (पाँच इन्द्रियाँ); Sooted (सूटिड)-with soot (carbon), darkened (कालिख लगा हुआ); Light Thy resurrecting lamp (लाईट दाइ रिसरेक्टिंग लैम्प) – the radiant grace of God illuminating the poet’s life (ईश्वरीय तेज से कवि की जिन्दगी भी रोशन हो गई है)।
Light the Lamp of Thy Love Summary, Pronunciation & Translation
In my house, with Thine own hands,
Light the lamp of Thy Love!
Thy transmuting lamp entrancing,
Wondrous are its rays.
(इन माई हाऊज, विद दाईन ओन हैण्ड्स,
लाइट द लैम्प ऑफ दाय लव!
दाय ट्रांसम्यूटिंग लैम्प एन्ट्रैन्सिंग,
वन्डरस आर इट्स रेज़)
अनुवाद :
हे प्रभु! मेरे घर में स्वयं अपने हाथों से
अपने प्रेम का दीप प्रज्ज्वलित करो
अपना परिवर्तित कर देने वाला मनोहर दीप
चमत्कारिक है किरणें जिसकी।
विशेष :
इस कविता में कवि ईश्वर को सम्बोधित कर रहा है। इसे स्पष्ट करने के लिए ही ‘हे प्रभु’ सम्बोधन जोड़ा गया है।
Change my darkness to Thy light, Lord!
Change my darkness to Thy light,
And my evil into good.
(चेंज माई डार्कनेस ट्रदाय लाइट, लॉर्ड!
चेंज माई डार्कनेस टू दाय लाइट,
ऐण्ड माई ईविल इन्टू गुड.)
अनुवाद :
मेरे अज्ञान के अँधेरे को स्वयं के (ज्ञान के) प्रकाश में परिवर्तित कर दो हे प्रभु! मेरे अज्ञान के अँधेरे को. स्वयं के (ज्ञान के) प्रकाश में परिवर्तित कर दो, और मेरी बुराइयों को अच्छाइयों में।’
Touch me but once and I will change,
All my clay into Thy gold
All the sense lamps that I did light
Sooted into worries
Sitting at the door of my soul,
Light Thy resurrecting lamp!
(टच मी बट वन्स ऐण्ड आई विल चेंज,
ऑल माई क्ले इन्टू दाय गोल्ड
ऑल द सेंस लैम्प्स दैट आई डिड लाइट
सूटेड इन्टू वरीज
सिटिंग ऐट द डोर ऑफ माई सोल,
लाइट दाय रिसरैक्टिंग लैम्प!)
अनुवाद :
हे प्रभु! सिर्फ एक बार छू लो मुझको तो बदल डालूँगा।
मेरे मन का समस्त कीचड़ (मैल) तुम्हारे प्रेम और ज्ञान के स्वर्ण में
अपनी समस्त इन्द्रियों को जो मैंने उद्दीप्त कर रखी हैं। चिन्ता (इच्छाओं) की कालिख से।
मेरी आत्मा के द्वार पर बैठकर हे प्रभु!
अपने पुनर्जीवनदायी (अमरत्व प्रदान करने वाले) ज्ञान के प्रकाश वाला दीप प्रज्ज्वलित करो।