MP Board Class 10th General English The Spring Blossom Solutions Chapter 8 One Step Ahead

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MP Board Class 10th General English The Spring Blossom Solutions Chapter 8 One Step Ahead

One Step Ahead Textual Exercises

Word Power

A. Match the following words with their meanings.
(सुमेलित कीजिए)
MP Board Class 10th General English The Spring Blossom Solutions Chapter 8 One Step Ahead 1
Answer:
1. → (c)
2. → (a)
3. → (d)
4. → (e)
5. → (b)

B. Make a list of at least three abbreviations known to you.
Answer:
1. All India Radio (AIR)
2. Indian Space Research Organisation (ISRO)
3. Indian Naval Academy (INA)

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How Much Have I Understood?

A. Answer the following questions. (One or two sentences)
(निम्न प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।)

Question 1.
Why did Dr. Kalam go to Delhi?
(व्हाई डीड डॉ. कलम गो टू डेल्ही?)
डॉ. कलाम दिल्ली क्यों गये?
Answer:
Dr. Kalam went to Delhi for the interview at DTD & P (Air). [Directorate of Technical Development and Production (Air)].
(डॉ. कलाम डॉ. कलम वेन्ट टू डेल्ही फॉर द इंटरव्यू एट डी.टी.डी. एण्ड पी (ऍअर) [डाइरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल डेवलपमेन्ट एण्ड प्रोडक्शन (एअर)]
डॉ. कलाम दिल्ली तकनीकी विकास व उत्पादन निदेशालय। (वायु) के साक्षात्कार के लिए गए।

Question 2.
Why did Dr. Kalam go to Dehradun?
(व्हाय डिड डॉ. कलाम गो टू देहरादून?)
डॉ. कलाम देहरादून क्यों गये?
Answer:
Dr. Kalam went to Dehradun for an interview at the Air Force Selection Board.
(डॉ. कलाम वेन्ट् टू देहरादून फॉर एन इन्टरव्यू एट द ऍअर फोर्स सिलेक्शन बोर्ड।)
‘डॉ. कलाम देहरादून वायु सेना चयन समिति के साक्षात्कार हेतु गए।

Question 3.
What did Dr. Kalam want to become in Air Force?
(व्हॉट डिड डॉ. कलाम वॉन्ट टू बिकम इन एअर फोर्स?)
डॉ. कलाम वायु सेना में क्या बनना चाहते थे?
Answer:
Dr. Kalam wanted to become Commissioning Officer in the Air Force.
(डॉ. कलाम वॉन्टेड टू बिकम कमिश्निंग ऑफिसर इन द एअर फोर्स।)
डॉ. कलाम वायु सेना में कमिश्निग ऑफिसर के पद पर कार्य करना चाहते थे।

Question 4.
What did Dr. Kalam feel when he was going to face the interview?
(व्हॉट डिड डॉ. कलाम फील व्हेन ही वॉज गोइंग टू फेस द इन्टरव्यू?)
साक्षात्कार के लिए जाते समय डॉ. कलाम को क्या महसूस हुआ?
Answer:
While going for the interview Dr. Kalam was excited but nervous, determined but anxious, confident but tense.
(व्हाइल गोइंग फॉर द इन्टरव्यू डॉ. कलाम वॉज एक्साइटेड बट नर्वस, डिटर्मिन्ड बट एक्शियस, कॉन्फिडेन्ट बट टेन्स।)
साक्षात्कार के लिए जाते समय डॉ. कलाम उत्तेजित मगर आशंकित थे, दृढ़ निश्चित मगर चिन्तित थे, आत्मविश्वासी मगर बेचैन थे।

Question 5.
Why did Dr. Kalam go to the Shivananda Ashram?
(व्हाय डिड डॉ. कलाम गो टू द शिवाननन्द आश्रम?)
डॉ. कलाम शिवानन्द आश्रम क्यों गये?
Answer:
Dr. Kalam had failed to get selected in the Air Force so he was in a dejected mood and was seeking answers to the doubts that troubled him. Therefore, he went to the Shiyananda Ashram.
(डॉ. कलाम हैड फेल्ड् टू गेट सिलेक्टिड इन द एअर फोर्स सो ही वॉज इन अ डिजेक्टिड मूड एण्ड वॉज सीकिंग आन्सर्स टू द डाउट्स दैट ट्रबल्ड् हिम। देयरफोर, ही वेन्ट् टू द शिवानन्द आश्रम।)
डॉ. कलाम वायु सेना में चयनित न हो सके अतः वे मायूस थे व कई प्रश्न जो उन्हें परेशान कर रहे थे, के उत्तर खोज रहे थे। अतः वे शिवानन्द आश्रम गये।

Question 6.
What was the designation and salary of Dr. Kalam when he joined the job?
(व्हॉट वॉज़ द डेज़िग्नेशन एण्ड सैलरी ऑफ डॉ. कलाम व्हेन ही जॉइन्ड द जॉब?)
जब डॉ. कलाम ने नौकरी आरम्भ की तब वे कौन से पद पर थे व उनकी क्या तनख्वाह थी?
Answer:
Dr. Kalam joined the job as Senior Scientific Assistant on a basic salary of Rs. 250 per month.
(डॉ. कलाम जॉइन्ड द जॉब एज़ सीनियर साइन्टिफिक एसिस्टेंट ऑन अ बेसिक सैलेरी ऑफ रुपीज 250 पर मन्थ।)
डॉ. कलाम ने वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के पद पर रुपये 250 की मासिक तनख्वाह पर पदभार ग्रहण किया।

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B. Answer the following questions. (Three or four sentences)
(निम्न प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में दीजिए।)

Question 1.
Why did the religious conquest not affect the southern part of India?
(व्हाय डिड द रिलीजियस कॉक्वेस्ट नॉट अफेक्ट द सदर्न पार्ट ऑफ इण्डिया?)
धर्मपरायण युद्धों ने भारत के दक्षिण भाग को क्यों प्रभावित नहीं किया?
Answer:
The religious conquest did not affect southern part of India because it was protected by the Vindhya and Satpura mountain ranges. Also the Narmada, Tapti, Mahanadi, Godavari and Krishna rivers provided protection to it.’
(द रिलीजियस काँक्वेस्ट्स डिड नॉट अफेक्ट सदर्न पार्ट ऑफ इण्डिया बिकॉज इट वॉज़ प्रोटेक्टिड बाइ द विन्ध्या एण्ड सतपुरा माउण्टेन रेजिज। ऑल्सो द नर्मदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी एण्ड कृष्णा रिवर्स प्रोवाइडिड प्रोटेक्शन टू इट।)
धर्मपरायण युद्धों ने भारत के दक्षिण भाग को अप्रभावित रखा क्योंकि वह हिस्सा विन्ध्या व सतपुड़ा पहाड़ों से रक्षित था। नर्मदा ताप्ती, महानदी, गोदावरी व कृष्णा नदियों ने भी उसका बचाव कर रखा था।

Question 2.
Describe the appearance of Swami Shivananda,
(डिस्क्राइब द अपीयरेन्स ऑफ स्वामी शिवानन्द।)
स्वामी शिवानन्द की वेशभूषा का वर्णन करो।
Answer:
Swami Shivananda looked like Buddha. He wore a white dhoti and wooden slippers. He had an olive complexion and black piercing eyes. His smile was child-like and he had gracious manner.
(स्वामी शिवानन्द लुक्ड् लाइक बुद्धा। ही वोर अ व्हाइट धोती एण्ड वुडन स्लिपर्स। ही हैड एन ओलिव कॉम्पलेक्शन एण्ड ब्लैक पीयर्सिंग आईज। हिज स्माइल वॉज चाइल्ड-लाइक एण्ड ही हैड ग्रेशियस मैनर।)
स्वामी शिवानन्द भगवान बुद्ध की भाँति थे। वे सफेद धोती व खड़ाऊ पहनते थे। उनका रंग पीला था व काले भेदी नेत्र थे। उनकी मुस्कुराहट एक बच्चे के समान थी व उनका व्यक्तित्व उदार था।

Question 3.
How.did Swami Shivananda console Dr. Kalam?
(हाउ डिड स्वामी शिवानन्द कन्सोल डॉ. कलाम?)
स्वामी शिवानन्द ने डॉ. कलाम को किस प्रकार धीरज बँधाया?
Answer:
Swami Shivananda consoled Dr. Kalam by saying that he should accept his destiny as it comes. He was not destined to become an Air Force Pilot. That failure was essential to lead him to destined path and he should surrender himself to the wish of God.
(स्वामी शिवानन्द कन्सोल्ड् डॉ. कलाम बाइ सेइंग दैट ही शुड असेप्ट हिज डेस्टिनी एज इट कम्स। ही वॉज नॉट डेस्टिन्ड टू बिकम एन एअर फोर्स पायलट। दैट फेलियर वॉज एसेंशियल टू लीड हिम टू डेस्टिन्ड पाथ एण्ड ही शुड सरेन्डर हिमसेल्फ टू द विश ऑफ गॉड।)
स्वामी शिवानन्द ने डॉ. कलाम को यह कहकर धीरज़ बँधाया कि उन्हें अपनी नियति को स्वीकार करना चाहिए। वायु सेना में विमान चालक बनना उनके भाग्य में नहीं था। यह असफलता उन्हें उनके नियत पथ पर ले जाने के लिए आवश्यक थी और उन्हें स्वयं को ईश्वरीय इच्छा को समर्पित कर देना चाहिए।

Question 4.
How should we take our failure?
(हाउ शुड वी टेक अवर फेलियर?)
हमें अपनी असफलता को किस प्रकार लेना चाहिए?
Answer:
We should take our failure as our destiny. One should forget it and understand that it was essential to lead one to his destined path.
(वी शुड टेक अवर फेलियर एज़ अवर डेस्टिनी। वन शुद्ध फॉरगेट इट एण्ड अण्डरस्टैण्ड दैट इट वॉज़ एसेन्शियल टू लीड वन टू हिज़ डेस्टिन्ड् पाथ।)
हमें अपनी असफलता को अपनी नियति समझना चाहिए। व्यक्ति को यह भूल जाना चाहिए व यह समझ लेना चाहिए कि यह उसे उसके नियत पथ पर ले जाने के लिए जरूरी थी।

Question 5.
How does Abdul Kalam describe the men and women folk, as he saw them from the window of the compartment?
(हाउ डज अब्दुल कलाम डिस्क्राइव द मेन एण्ड वुमेन फोक, ऐज ही सॉ दैम फ्रॉम द विण्डो ऑफ द कम्पार्टमेन्ट?)
अब्दुल कलाम कम्पार्टमेन्ट की खिड़की से देखकर पुरुषों व महिलाओं का वर्णन किस प्रकार करते हैं?
Answer:
Abdul Kalam says that men in their white dhotis and turbans and women in bright splashes of colour against the green background of paddy fields looked like beautiful paintings. Everyone was busy in some activity.
(अब्दुल कलाम सेज़ दैट मेन इन देअर व्हाइट धोतीज़ एण्ड टर्बन्स एण्ड विमेन इन ब्राइट स्प्लैशिज ऑफ कलर अगेन्स्ट द ग्रीन बैकग्राउन्ड ऑफ पेडी फील्ड्स लुक्ड लाइक ब्यूटीफुल पेंटिंग्स। ऐवरीवन वॉज़ बिज़ी इन सम एक्टिविटी।)
अब्दुल कलाम कहते हैं कि सफेद धोतियों एवं पगड़ियों में पुरुष तथा पैडी की हरी पृष्ठभूमि में चमकीले रंग-बिरंगे वस्त्रों में महिलाएँ सुन्दर चित्रों की तरह दिखते थे। हर कोई किसी न किसी गतिविधि में संलग्न था।

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Language Practice

Fill in the blanks with suitable connectors from brackets.
(रिक्त स्थान भरिए।)
(while, since, during, until, because)

  1. I could not watch the whole movie. I fell asleep ……… the film.
  2. India was not independent …………. 15 Aug, 1947.
  3. Mohan met his friend …….. he was on a holiday.
  4. Two hours have passed ……… you took medicine.
  5. He was absent ………… he was sick.

Answer:

  1. during
  2. until
  3. while
  4. since,
  5. because

Listening Time

A. The teacher will read out the following words and the students will repeat them
(निम्न शब्दों को दोहराओ।)
Answer:
MP Board Class 10th General English The Spring Blossom Solutions Chapter 8 One Step Ahead 2

B. Here are some guidelines for using your mobile phone safely. Your teacher will read them out for you. Listen to them carefully and find out the picture they correlate. Write the picture no. against correlated guideline.
(निम्न शब्दों को दोहराओ)
Answer:

  1. Do not switch the phone on when wireless phone use is prohibited or when it may cause interference or danger. (vii)
  2. Always keep your hands free to operate the vehicle while driving. (iv)
  3. Switch the phone off near medical equipment. (vi)
  4. Do not use the phone at refuelling point. Do not use near fuel or chemical. (v)
  5. Only qualified personnel may install or repair this phone. (i)
  6. Your phone is not water resistant. Keep it dry.(iii)
  7. Do not connect incompatible product. (ii)

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Speaking Time

Do it yourself.
(छात्र स्वयं करें।)

Writing Time

You are Mohan studying at Govt. Higher Secondary School, Dalka, Khargone. Reply to your father as per the letter given in the text.
(तुम मोहन ही व गठनेमेण्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल, डाल्का, खरगोन में पढ़ते हो। अपने पिता को पुस्तक में दिये गये पत्र का जवाब लिखो)
Answer:
Room No. 10,
Hostel Govt. Higher Secondary School
Dalka, Khargone
21-12-20….
Respected Father,

I received your letter yesterday. I hope you are fine and in good health. I understand your concern about me. I am giving attention to my career and my aim is on my goal. I have made a balance between my studies and other curricular activities. You should not worry about me and have faith on me. I am also giving attention to my health. If I would face any problem here I would definitely inform you.

Love to mother, brother and sister.

Your loving son
Mohan

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Things to do

Read more about the Presidents of India and make a list of their works. Consult your library and parents. Write the names of their works in your notebooks.
(भारत के राष्ट्रपतियों के नाम व उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों के नाम लिखिए।)
Answer:
MP Board Class 10th General English The Spring Blossom Solutions Chapter 8 One Step Ahead 4

One Step Ahead Difficult Word Meanings

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One Step Ahead Summary, Pronunciation & Translation

Through the window of the compartment. I watched the countryside slip past. From a distance, the. men in the fields in their white dhotis and turbans, and the womenfolk in bright splashes of colour against the green background of paddy fields, seemed to inhabit some beautiful paintings. I sat glued to the window. Almost everywhere, people were engaged in some activity which had a rhythm and tranquility about it- men driving cattle, women fetching water from streams. Occasionally, a child – would appear and wave at the train.

(श्रू द विंडो ऑफ द कम्पार्टमेण्ट. आई वाच्ड द कन्ट्रीसाईड स्लिप पास्ट. फ्रॉम अ डिस्टेन्स, द मेन इन द फील्ड्स इन देयर वाईट धोतीज ऐण्ड टर्बन्स, ऐण्ड द विमेनफोक इन ब्राईट स्प्लैशिज़ ऑफ कलर अगेन्स्ट द ग्रीन बैकग्राउण्ड ऑफ पैडी फील्ड्स, सीम्ड टू इनहैबिट सम ब्यूटिफुल पेण्टिंग्स आई सैट ग्लूड टू द विंडो. ऑलमोस्ट एवरीव्हेअर, पीपल वर एन्गेज्ड इन सम एक्टिविटी व्हिच हैड अ रिदम ऐण्ड ट्रैक्विलिटी अबाऊट इट-मेन ड्राईविंग कैटल, विमेन फेचिंग वॉटर फ्रॉम स्ट्रीम्स ओकेजनली, अ चाइल्ड वुड अपीयर ऐण्ड वेव ऐट द ट्रेन.)

अनुवाद :
रेल के डिब्बे की खिड़की में से मैं ग्रामीण क्षेत्रों को पीछे छूटते हुए देख रहा था। दूर से चावल के खेतों की हरियाली वाली पृष्ठभूमि पर सफेद धोती और पगड़ी में मर्द और चमकीले रंगीन कपड़ों में महिलाएँ किसी खूबसूरत चित्र का हिस्सा लग रहे थे। मैं खिड़की से चिपका बैठा रहा। लगभग सभी जगह लोग किसी-न-किसी क्रियाकलाप में लगे हुए थे जिनमें एक लय और शांतचित्तता थी-पशुओं को हाँकते मर्द, नदी से पानी भरती महिलाएँ। बीच-बीच में कोई बच्चा दिखाई देता था रेलगाड़ी की तरफ हाथ हिलाते हुए।

It is astonishing how the landscape changes as one moves northwards. The rich and fertile plains of the river Ganga and its numerous tributaries have invited invasions, turmoil, and change. Around 1500 B.C., fair-skinned Aryans swept in through the mountain passes from the far north-west. The tenth century brought Muslims, who later mingled with the local people and became an integral part of this country. One empire gave way to another. Religious conquests continued. All this time, the part of India south of the Tropic of Cancer remained largely untouched, safe behind the shield of the Vindhya and Satpura mountain ranges. The Narmada, Tapti, Mahanadi, Godavari, and Krishna rivers had woven a net of almost unassailable protection for the tapering Indian peninsula. To bring me to Delhi, my train had crossed all these geographical impediments through the power of scientific advancement.

(इट इज़ एस्टॉनिशिंग हाऊ द लैण्डस्केप चेन्जिस ऐज वन मूब्ज नार्थवर्ड्स द रिच ऐण्ट फर्टाइल प्लेन्स ऑफ द रिवर गंगा ऐण्ड इट्स न्यूमरस ट्रिब्यूटरीज़ हैव इन्वाईटिड इन्वेजन्स, टर्मोइल, ऐण्ड चेन्ज अराउण्ड फिफ्टीन हण्ड्रेड बीसी (बिफोर क्राईस्ट), फेयर स्किन्ड आर्यन्स स्वेप्ट इन श्रू द माउण्टेन पासिस फ्रॉम द फार नॉर्थ-वेस्ट द टेण्थ सेन्चुरी ब्रॉट मुस्लिम्स, हू लेटर मिंगल्ड विद द लोकल पिपल ऐण्ड बिकेम ऐन इन्टिग्रल पार्ट ऑफ दिस कन्ट्री वन एम्पायर गेव वे टू अनदर रिलिजियस कॉन्क्वेस्ट्स कन्टिन्यूड. ऑल दिस टाईम, द पार्ट ऑफ इण्डिया साउथ ऑफ द ट्रॉपिक ऑफ कैन्सर रिमेन्ड लार्जली अनटच्ड, सेफ विहाईन्ड द शील्ड ऑफ द विन्ध्या ऐण्ड सतपुरा माउण्टेन रेन्जिज. द नर्मदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी ऐण्ड कृष्णा रिवर्स हैड वोवन अ नेट ऑफ ओल्मोस्ट अनअसेलेबल प्रोटेक्शन फॉर द टेपरिंग इण्डियन पेनिनसुला टू ब्रिग मी टू डेल्ही, माई ट्रेन हैड क्रॉस्ड ऑल दीज ज्योग्राफिकल इम्पेडिमेण्ट्स श्रू द पॉवर ऑफ साइन्टिफिक एडवान्समेण्ट.)

अनुवाद :
यह हैरान कर देने वाला है कि भूदृश्य किस – प्रकार बदलता है जैसे-जैसे हम उत्तर की ओर बढ़ते जाते हैं। गंगा और उसकी सहायक नदियों द्वारा पोषित शानदार उपजाऊ मैदानों ने आक्रमणों, उथल-पुथल और बदलाव को आमन्त्रित किया है। लगभग पन्द्रह सौ ईसा पूर्व गोरी चमड़ी वाले आर्य। लोग सुदूर उत्तर-पश्चिम के पहाड़ी दरों से होकर यहाँ आए। दसवीं शताब्दी में मुस्लिम लोग आए जो बाद में स्थानीय लोगों में मिलकर देश का अभिन्न अंग बन गये। एक साम्राज्य गया तो दूसरा आया। धार्मिक विजयों का सिलसिला चलता रहा। परन्तु इन सभी बदलावों के समय कर्क रेखा से दक्षिण की ओर का भारत का भू-भाग लगभग अछूता रहा, विंध्य व सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की ढाल के पीछे सुरक्षित। नर्मदा, ताप्ती, महानदी, गोदावरी और कृष्णा नदियों ने शंक्वाकार भारतीय प्रायद्वीप के लिए लगभग अभेद्य एक सुरक्षा का जाल बुन दिया था। मुझे दिल्ली तक लाने के लिए रेलगाड़ी ने इन सभी भू-अवरोधों को पार किया वैज्ञानिक प्रगति के बल पर।

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I halted for a week in Delhi, the city of the great Sufi Saint Hazrat Nizamuddin, and appeared for the interview at DTD & P(Air) [Directorate of Technical Development and Production (Air)]. I did well at the interview. The questions were of a routine nature, and did not challenge my knowledge of the subject. Then I proceeded to Dehradun for my interview at the Air Force Selection Board. At the Selection Board, the emphasis was more on ‘personality’ than on intelligence. Perhaps they were looking for physical fitness and an articulate manner. I was excited but nervous, determined but anxious, confident but tense. I could only finish ninth in the batch of 25 examined to select eight officers for commissioning in the Air Force. I was deeply disappointed. It took me some time to comprehend that the opportunity to join the Air force had just slipped through my fingers. I dragged myself out of the Selection Board and stood at the edge of a cliff. There was a lake far below. I knew that the days ahead would be difficult. There were questions to be answered and a plan of action to be prepared. I trekked down to Rishikesh.

(आई हॉल्टेड फॉर अ वीक इन डेल्ही, द सिटी ऑफ द ग्रेट सूफी सेण्ट हज़रत निजामुद्दीन, ऐण्ड अपीयर्ड फॉर द इण्टरव्यू ऐट डीटीडी एण्ड पी (एयर) [डाइरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल डेवलपमेंट ऐण्ड प्रोडक्शन (एयर), आई डिड वैल ऐट द इण्टरव्यू द क्वेश्चन्स वर ऑफ अ रुटीन नेचर, ऐण्ड डिड नॉट चैलेन्ज़ माई नॉलिज़ ऑफ द सब्जेक्ट देन आई प्रोसीडिड टू देहरादून फॉर माई इण्टरव्यू ऐट द एयर फोर्स सिलेक्शन बोर्ड. ऐट द सिलेक्शन बोर्ड, द एम्फैसिस वॉज़ मोर ऑन ‘पर्सनैलिटी’ दैन ऑन इण्टेलिजेन्स परहैप्स दे वर लुकिंग फॉर फिज़िकल फिटनेस ऐण्ड ऐन आर्टिकुलेट मैनर आई वॉज़ एक्साईटिड बट नर्वस, डिटरमाइण्ड बट एशियस, कान्फिडेण्ट बट टेन्स आई कुड ओनली फिनिश नाईन्थ इन द बैच ऑफ ट्वेण्टी फाइव एक्जामिन्ड टू सिलेक्ट ऐट ऑफिसर्स फॉर कमिशनिंग इन द एयर फोर्स. आई वॉज़ डीपली डिसअपॉइन्टिड इट टुक मी सम टाईम टू कमप्रिहेण्ड दैट द ऑपरचुनिटी टू जॉइन द एयरफोर्स हैड ज़स्ट स्लिप्पड श्रू माई फिंगर्स. आई ड्रैग्ड माईसेल्फ आउट ऑफ द सिलेक्शन बोर्ड ऐण्ड स्टुड ऐट द एज ऑफ अ क्लिफ. देयर वॉज़ अ लेक फार बिलो. आई न्यू दैट द डेज़ अहेड वुड बी डिफिकल्ट, देयर वर क्वेशचन्स टू बी,आन्सर्ड ऐण्ड अ प्लैन ऑफ ऐक्शन टू बी प्रिपेयर्ड। आई ट्रेक्ड डाऊन टू ऋषिकेश.)

अनुवाद :
मैं महान सूफी सन्त हज़रत निजामुद्दीन के शहर दिल्ली में एक सप्ताह के लिए रुका, और तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय (वायु) में साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुआ। मेरा साक्षात्कार अच्छा हुआ। पूछे गये प्रश्न सामान्य किस्म के थे और विषय के मेरे ज्ञान के लिए किसी प्रकार की चुनौती न पेश कर सके। इसके बाद मैं साक्षात्कार के लिए वायुसेना चयन परिषद देहरादून पहुँचा। चयन परिषद में ज़ोर बुद्धिमता से अधिक ‘व्यक्तित्व’ पर था। शायद वह लोग अभ्यर्थी में शारीरिक स्वस्थता और एक प्रभावी वक्ता ढूँढ़ रहे थे। मैं उत्साहित था पर घबराया हुआ भी था, संकल्पित था पर व्यग्र भी, आश्वस्त था पर तनाव में भी। मैं पच्चीस अभ्यर्थियों के समूह जिसमें से आठ को चुना जाना था वायु सेना में नियुक्ति हेतु मैं नौवां स्थान प्राप्त कर पाया। मैं बेहद निराश था। मुझे थोड़ा समय लगा यह समझने में कि वायुसेना में जाने का मौका अभी-अभी मेरी उंगलियों से फिसल गया है। मैं अपने आपको घसीटता हुआ सा चयन परिषद के दफ्तर से बाहर लेके आया और एक चोटी के किनारे पर खड़ा हो गया। दूर नीचे एक झील थी। मुझे पता था कि आने वाले दिन मुश्किलों भरे थे। कई प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़ने थे और एक कार्य-योजना बनानी थी। मैं पैदल ऋषिकेश पहुँचा।

I bathed in the Ganga and revelled in the purity of its water. Then, I walked to the Shivananda Ashram situated a little way up the hill. I could feel intense vibrations when I entered. I saw a large number of sadhus seated all around in a state of trance. I had read that sadhus were psychic people-people who know things intuitively and, in my dejected mood, I sought answer to the doubts that troubled me.

I met Swami Shivananda a man who looked like a Buddha, wearing a snow-white dhoti and wooden slippers. He had an olive complexion and black piercing eyes. I was struck by his irresistible, almost child-like smile and gracious manner. I introduced myself to the Swamiji. My Muslim name aroused no reaction in him. Before I could speak any further, he inquired about the source of my sorrow. He offered no explanation of how he knew that I was sad and I did not ask.

(आई बेड इन द गंगा ऐण्ड रिवेल्ड इन द प्यूरिटी ऑफ इट्स वॉटर. देन, आई वॉक्ड टू द शिवानंद आश्रम सिचुएटिड अ लिटल वे अप द हिल. आई कुड फील इन्टेन्स वाईब्रेशन्स व्हेन आई एन्टर्ड. आई सॉ अ लार्ज नम्बर ऑफ साधूज़ सीटिड ऑल अराउण्ड इन अ स्टेट ऑफ ट्रान्स. आई हैड रेड दैट साधूज वर साइकिक पीपल-पीपल हू नो थिंग्स इन्टुईटिवली ऐण्ड, इन माई डिजेक्टिड मूड, आई सॉट आन्सर टू द डाऊट्स दैट ट्रबल्ड मी.

आई मेट स्वामी शिवानंद-अ मैन हू लुक्ड लाइक अ बुद्धा, वीयरिंग अ स्नो-व्हाईट धोती एण्ड वुडन स्लिपर्स. ही हैड ऐन ऑलिव कॉम्प्लेक्शन ऐण्ड ब्लैक पीयरसिंग आईज. आई वॉज़ स्ट्रक बाई हिज़ इररेजिस्टिबल ऑल्मोस्ट चाइल्ड-लाइक स्माइल एण्ड ग्रेशियस मैनर आई इन्ट्रोड्यूस्ड माइसेल्फ टू द स्वामीजी. माई मुस्लिम नेम अराउज्ड नो रीऐक्शन इन हिम. बिफोर आई कुड स्पीक एनी फर्दर, ही इन्क्वायर्ड अबाउट द सोर्स ऑफ माई सौसे ही ऑफर्ड नो एक्सप्लेनेशन ऑफ हाउ ही न्यू दैट आई वॉज़ सैड ऐण्ड आई डिड नॉट आस्क.)

अनुवाद :
मैं गंगा में नहाया और उसके जल की शुद्धता से अति आनन्दित हुआ। उसके पश्चात मैं शिवानंद आश्रम चलकर पहुँचा जो थोड़ी दूर ऊँचाई पर था। वहाँ प्रवेश करते ही मुझे तीव्र स्पन्दन का एहसास हुआ। मुझे वहाँ बहुत सारे साधु दिखाई दिए जो सभी ओर बैठे हुए थे समाधि की स्थिति में। मैंने पढ़ रखा था कि साधु अतीन्द्रिय शक्ति वाले लोग होते हैं-ऐसे लोग जो अन्तर्ज्ञान द्वारा सभी कुछ जानते हैं और अपनी उस हताशा भरी मन:स्थिति मैं अपने मन की दुविधाओं, संशयों का उत्तर ढूँढ़ रहा था। मैं स्वामी शिवानंद से मिला-एक ऐसे व्यक्ति जो कि एक बुद्ध जैसे लग रहे थे। दूधिया सफेद धोती और लकड़ी की खड़ाऊ में। उनका रंग पीलापन लिए जैतून जैसा था और आँखें काली भेदती हुई। मैं उनकी प्रबल शिशुवत मुस्कान एवं दयामय अन्दाज़ से बेहद प्रभावित हुआ। मैंने स्वामीजी को अपना परिचय दिया। मेरा मुस्लिम नाम सुनकर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं आई। इससे पहले कि मैं कुछ और बोल पाता, उन्होंने मेरे दुःख का कारण पूछा। उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि वे कैसे जानते थे कि मैं दुःखी हूँ और मैंने पूछा नहीं।

I told him about my unsuccessful attempt to join the Indian Air Force and my long-cherished desire to fly. He smiled, washing away all my anxiety almost instantly. Then he said in a feeble, but very deep voice : Desire, when it stems from the heart and spirit, when it is pure and intense, possesses awesome electromagnetic energy. This energy is released into the ether each night, as the mind falls into the sleep state. Each morning it returns to the conscious state reinforced with the cosmic currents. That which has been imaged will surely and certainly be manifested.

You can rely, young man, upon this ageless promises as surely as you can rely upon the eternally unbroken promise of sunrise……and of spring.

(आई टोल्ड हिम अबाउट माई अनसक्सेसफुल अटेम्प्ट टू जॉइन द इण्डियन एयर फोर्स ऐण्ड माई लॉन्ग चेरिशड डिजायर टू फ्लाई. ही स्माइल्ड, वाशिंग अवे ऑफ माई ऐंगजाइटी ऑल्मोस्ट इन्स्टैण्टलि दैन ही सेड इन अ फीबल, बट वेरी डीप वॉइस :

डिजायर, व्हेन इट स्टेम्स फ्रॉम द हार्ट ऐण्ड स्पिरिट, व्हेन इट इज प्योर ऐण्ड इन्टेन्स, पजैज़िज़ ऑसम इलैक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी. दिस एनर्जी इज़ रिलीज्ड इण्टू द ईथर ईच नाइट, ऐज़ द माइण्ड फाल्स इण्टू द स्लीप स्टेट. ईच मॉर्निंग इट रिटनर्स टू द कॉन्शियस स्टेट रीइन्फोर्ल्ड विद द कॉस्मिक करंट्स. दैट विच हैज बीन इमेज्ड विल श्योरली ऐण्ट सर्टेन्ली बी मैनिफेस्टिड. यू कैन रिलाई यंग मैन, अपॉन दिस एजलैस प्रॉमिस ऐज श्योरली ऐज यू कैन रिलाई अपॉन द एटरनली अनब्रोकन प्रॉमिस ऑफ सनराइज…….ऐण्ड ऑफ स्प्रिंग.)

अनुवाद :
मैंने उनकों वायु सेना में नौकरी पाने के अपने असफल प्रयास के बारे में बताया और साथ ही आसमान में उड़ने की अपनी वर्षों पुरानी अभिलाषा के बारे में भी। वे मुस्कराए मेरी सभी चिन्ताओं, व्यग्रताओं को लगभग तत्क्षण मिटाते हुए। फिर वे बोले धीमी परन्तु गहरी गम्भीर आवाज में: इच्छा जब हृदय व आत्मा की गहराइयों से उपजती है, जब वह पवित्र व प्रचण्ड होती है, उस समय उसमें एक अदभुत विद्युताकर्षणीय शक्ति होती है। यह शक्ति नित्य रात्रि में आकाश में मुक्त होती है जिस समय मन निद्रा की अवस्था में होता है। प्रतिदिन सुबह यह शक्ति चेतन अवस्था में वापिस आती है ब्रह्माण्डीय शक्ति से परिपूरित होकर। जिस भी चीज की धारणा की गई हो वह अवश्य ही मूर्त रूप लेगी। तुम इस शाश्वत नियम पर उसी प्रकार भरोसा कर सकते हो जिस प्रकार तुम सदा से अखण्डित सूर्योदय व बसन्त के नियम पर करते हो। हे वत्स (युवक)।

MP Board Solutions

When the student is ready, the teacher will appear. How true! Here was the teacher to show the way to a student who had nearly gone astray! “Accept your destiny and go ahead with your life. You are not destined to become an Air Force pilot. What you are destined to become is not revealed now but it is predetermined. Forget this failure as it was essential to lead you to your destined path. Search, instead, for the true purpose of your existence. Become one with yourself, my son! Surrender yourself to the wish of God,” Swamiji said.

(व्हेन द स्टूडेण्ट इज़ रेडी, द टीचर विल अपीयर. हाऊ ट्र! हियर वॉज द टीचर टू शो द वे टू अ स्टुडेण्ट हू हैड नीयरली गॉन एस्ट्रे! “ऐक्सेप्ट यॉर डेस्टिनी ऐण्ड गो अहेड विद यॉर लाइफ यू आर नॉट डेस्टिन्ड टू बिकम ऐन एयर फोर्स पाइलट। व्हॉट यू आर डेस्टिन्ड टू बिकम इज नॉट रिवील्ड नाउ बट इट इज प्रीडिटरमाइण्ड. फॉर्गेट दिस फेल्युर ऐज़ इट वॉज़ एसेन्शियल टू लीड यू टू यॉर डेस्टिन्ड पाथ. सर्च इन्स्टेड, फॉर द ट्र पर्पज ऑफ यॉर ऐक्ज़िसटेन्स बिकम वन विद यॉरसेल्फ, माई सन! सरेण्डर यॉरसेल्फ टू द विश ऑफ गॉड”, स्वामीजी सेड.)

अनुवाद :
जब शिष्य तैयार होगा गुरु स्वयं उपस्थित होंगे। कितना सत्य है! गुरु साक्षात सामने थे जो एक ऐसे शिष्य को राह दिखा रहे थे जो लगभग भटक चुका था। “अपने भाग्य को स्वीकारो और जीवन में आगे बढ़ो। वायुसेना में पाइलट (विमान चालक) बनना तुम्हारे लिए नियत नहीं है जो तुम्हारे लिए नियत है वो अभी प्रकटं या प्रकाशित नहीं है परन्तु यह पूर्व निर्धारित है। इस नाकामी को भुला दो क्योंकि यह आवश्यक था तुम्हें तुम्हारे लिए नियत मार्ग पर लाने के लिए। इन सब के बजाए अपने होने अर्थात् अपने अस्तित्व का वास्तविक कारण ढूँढ़ो। स्वयं के साथ एक हो जाओ पुत्र! ईश्वर की इच्छा के आगे आत्मसमर्पण कर दो।” स्वामीजी ने कहा।

I returned to Delhi and enquired at the DTP & P (Air) about the outcome of my interview. In response, I was handed my appointment letter. I joined the next day as Senior Scientific Assistant on a basic salary of Rs. 250/- per month. If this was to be my destiny, I thought, let it be so. Finally, I was filled with mental peace. No more did I feel any bitterness or resentment at my failure to enter the Air Force. All this was in 1958.

(आई रिटन्ड टु डेल्ही ऐण्ड एन्क्वायर्ड ऐट द डीटीपी – एण्ड पी (एयर) अबाउट द आउटकम ऑफ माई इण्टरव्यू इन रिस्पॉन्स, आई वॉज़ हैण्डिड माई अपॉइण्टमेण्ट लैटर. आई जॉइन्ड द नेक्स्ट डे ऐज सीनियर साइन्टिफिक असिस्टैण्ट ऑन अ बेसिक सैलरी ऑफ रुपीज टू हन्ड्रेड फिफ्टी पर मंथ. इफ दिस वॉज़ टू बी माई डेस्टिनी, आई थॉट, लेट इट बी सो.फाइनली, आई वॉज़ फिल्ड विद मेण्टल पीस. नो मोर डिड आई फील एनी बिटनेस ऑर रिजेण्टमेण्ट ऐट माई फेल्युर टू एण्टर द एयर फोर्स. ऑल दिस वॉज इन 1958.)

अनुवाद :
मैं दिल्ली लौट आया और तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय (वायु) में अपने साक्षात्कार के परिणाम के बारे में पूछा। उत्तर में मुझे नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। मैंने अगले दिन वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में 250 रुपये (ढाई सौ रुपये) प्रतिमाह के मूल वेतन पर नौकरी शुरू की। मैंने सोचा यदि यही मेरा भाग्य है तो फिर होने दो। आखिरकार मुझे मानसिक शान्ति मिली। उसके बाद मुझे वायुसेना की नौकरी पाने में नाकाम रहने की किसी प्रकार की कड़वाहट या अप्रसन्नता नहीं महसूस हुई। यह सब हुआ 1958 में।

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