In this article, we will share MP Board Class 7th Hindi Solutions Chapter 21 माँ! कह एक कहानी PDF download, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.
Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 21 Maa Keh Ek Kahani Question Answer Solutions
MP Board Class 7th Hindi Chapter 21 Maa Keh Ek Kahani Questions and Answers
बोध प्रश्न
Class 7 Hindi Chapter 21 Question Answer प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) पुत्र अपनी माँ से किस बात की हठ कर रहा है?
उत्तर
पुत्र अपनी माँ से हठपूर्वक कह रहा है कि वह उसे किसी राजा या रानी की कहानी सुनायें।
(ख) बड़े सबेरे उपवन में कौन भ्रमण कर रहा था? उत्तर-उपवन में बड़े ही सबेरे सिद्धार्थ भ्रमण कर रहा था। (ग) उपवन में सहसा हंस नीचे क्यों गिरा?
उत्तर
उपवन में सहसा ही हंस गिर पड़ा, क्योंकि शिकारी ने उसे बाण मारा। तेज बाण के प्रहार से उसका पंख आहत हो गया और वह घायल होकर गिर पड़ा।
(घ) सिद्धार्थ और आखेटक के बीच क्या विवाद हुआ?
उत्तर
सिद्धार्थ और आखेटक के बीच यह विवाद हुआ कि सिद्धार्थ उस घायल हंस पर अपना अधिकार बता रहा था और उधर आखेटक भी कहता है कि इस हंस पर मेरा अधिकार है क्योंकि मैंने इसे मारा है। इस तरह रक्षक और भक्षक के मध्य अधिकार का विवाद हुआ।
(ङ) माँ ने राहुल से किस विवाद का निर्णय करने को कहा ?
उत्तर
माँ ने राहुल से उस विवाद का निर्णय करने को कहा जो रक्षक (उसके पिता सिद्धार्थ) और आखेटक के मध्य घायल हुए हंस पर अधिकार किसका हो सकता है को लेकर था।
(च) सदा किसकी विजय होती है?
उत्तर
सत्य एवं न्याय के मार्ग पर चलने वाले दयावान व्यक्ति की सदा विजय होती है।
Class 7 Hindi Chapter 21 प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों को पूरा कीजिए
(क) वर्ण वर्ण के फूल खिले थे
……………..
……………..
लहराता था पानी।
(ख) कोई निरपराध को मारे
………………….
…………………..
न्याय दया का दानी।
उत्तर
(क) झलमलकर हिम-बिन्दु झिले थे।
हलके झोंके हिले-मिले थे।
(ख) तो क्यों अन्य न उसे उबारे,
रक्षक को भक्षक पर वारे;
Ma Kah Ek Kahani Question Answer प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए
(क) हुई पक्ष की हानी
(ख) जहाँ सुरभि मनमानी
(ग) लक्ष्य सिद्धि का मानी
(घ) न्याय दया का दानी।
उत्तर
(क) तेज बाण का प्रहार जब आखेटक ने किया तो उस हंस का एक पंख कट गया।
(ख) उस उद्यान में सुगन्धित हवा अपने मनमाने ढंग से – बह रही थी।
(ग) आखेटक को अपना अचूक निशाना लगाने से मिली सफलता पर घमण्ड था।
(घ) राजा ने दया युक्त न्याय प्रदान किया।
Maa Kah Ek Kahani Poem Question Answer प्रश्न 4.
किसने किससे कहा
(क) “माँ ! कह एक कहानी।”
(ख) “तू है हठी मान-धन मेरे।”
(ग) “लक्ष्य सिद्धि का मानी, कोमल कठिन कहानी।”
(घ) “सुन लूँ तेरी बानी।”
उत्तर
(क) राहुल ने अपनी माँ यशोधरा से कहा।
(ख) यशोधरा ने राहुल से कहा।
(ग) राहुल ने यशोधरा से कहा।
(घ) यशोधरा ने राहुल से कहा।
भाषा अध्ययन
Maa Kah Ek Kahani Question Answer प्रश्न 1.
‘ई’ प्रत्यय लगाकर निम्नलिखित शब्दों से नए शब्द बनाइए
दान, डाल, ज्ञान, ध्यान, ठान, पान, भार, ताल।
उत्तर
दानी, डाली, ज्ञानी, ध्यानी, ठानी, पानी, भारी, ताली।
Maa Keh Ek Kahani Question Answer प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
(क) राजा, (ख) न्याय, (ग) मान, (घ) जन्म, (ङ) कोमल।
उत्तर
(क) रानी,(ख) अन्याय, (ग) अपमान,(घ) मरण, (ङ) कठोर।
Ma Kah Ek Kahani Summary In Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए
(क) उपवन, (ख) पानी, (ग) खग, (घ) शर।
उत्तर
(क) उद्यान, (ख) जल, (ग) पक्षी, (घ) बाण।
Maa Keh Ek Kahani Summary प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
(क) वानी, (ख) सूरज, (ग) घी, (घ) कान, (ङ) हाथ, (च) जीभ।
उत्तर
(क) वाणी, (ख) सूर्य, (ग) घृत, (घ) कर्ण, (छ) हस्त, (च) जिह्वा।
माँ! कह एक कहानी सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या
1. माँ !”कह एक कहानी।
राजा था या रानी।”
माँ !”कह एक कहानी।”
“तू है हठी मान-धन मेरे,
सुन उपवन में बड़े सबेरे,
तात्, भ्रमण करते थे तेरे,
जहाँ सुरभि मनमानी।”
“जहाँ सुरभि मनमानी”
हाँ! माँ यही कहानी॥
शब्दार्थ-हठी = जिद्दी; मान-धन = सम्मान की पूँजी; उपवन = बगीचे में बड़े सवेरे = बहुत जल्दी सुबह; तात् = पिता; सुरभि = सुगन्धित हवा; मनमानी = अपनी इच्छा के अनुसार।
सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश ‘माँ ! कह एक कहानी’ नामक कविता से लिया गया है। इसके रचयिता राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हैं।
प्रसंग-सिद्धार्थ वन को निकल जाते हैं। उनका पुत्र राहुल अपनी माँ यशोधरा से कहानी बताने के लिए कहता है।
व्याख्या-यशोधरा से राहुल कहते हैं कि हे माँ तू मुझे एक कहानी कह। यह कहानी किसी राजा अथवा रानी की हो। इस तरह हे माँ तू एक कहानी कह। यशोधरा कहती है कि हे मेरे पुत्र ! तू बड़ा जिद्दी है। तू ही मेरे सम्मान की पूँजी है। तू अब कहानी सुन ! तेरे पिता बहुत प्रात: बगीचे में घूमते रहते थे। वहाँ, उस उपवन में मन के अनुकूल सुगन्धित हवा बहती थी। राहुल कहते हैं कि हाँ, मेरी माँ ! मन को अच्छी लगने वाली सुगन्धित हवा बह रही थी। बस, हाँ ! यही कहानी ! तू बता।
2. “वर्ण-वर्ण के फूल खिले थे,
झलमलकर हिम बिन्दु झिले थे,
हलके झोंके हिले मिले थे,
लहराता था पानी।”
“लहराता था पानी।
‘हाँ, हाँ यही कहानी।”
शब्दार्थ-वर्ण-वर्ण के – रंग-बिरंगे; हिम बिन्दु = जमी हुई ओस, पाला, तुषार; झलमलकर = झिलमिलाते हुए; झिले थे = चमक रहे थे; हिले मिले थे = (हवा के झोंके) ओस की बूंदों से मिश्रित थे;
लहराता था पानी = पानी लहरा रहा था।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-यशोधरा कहानी के रूप में उस बगीचे की सुन्दरता का वर्णन करती है जिसमें सिद्धार्थ घूमने जाते थे।
व्याख्या – उस बगीचे में रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। जमी हुई ओस की बूंदै उषाकालीन किरणों के स्पर्श से झिलमिला रही थीं। प्रातः कालीन हवा के हल्के झोंके ओस बिन्दुओं से मिश्रित होकर बह रहे थे। हवा के इन कोमल झोंकों से तालाब के पानी में लहरें उठ रही थीं। राहुल कहने लगा कि हे माँ ! यही कहानी ! तू कह।
3. “गाते थे खग कल-कल स्वर से,
सहसा एक हंस ऊपर से,
गिरा बिद्ध होकर खर-शर से,
हुई पक्ष की हानी।”
“हुई पक्ष की हानी।
करुणा भरी कहानी।”
शब्दार्थ-खग = पक्षी; कल-कल = मधुर; सहसा = अचानक; खर = तेज; शर = बाण; बिद्ध होकर = (बाण से) घायल होकर; गिरा = गिर पड़ा; पक्ष की पंख की; हानीहानि; करुणा = दयालुता।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-शिकारी के बाण से घायल एक हंस नीचे गिर पड़ा। इसको बड़े ही मार्मिक ढंग से वर्णित किया है।
व्याख्या – उस प्रातः काल में आकाश में उड़ते हुए पक्षी अत्यन्त मधुर स्वर में कूज रहे थे। उस समय, अचानक ही ऊपर से एक हंस नीचे आ गिरा। वह हंस पैने बाण से बिंध गया था। उसकी एक पंख भी कट गया था। इसे सुनते ही बालक राहुल कह उठा-“उसकी एक पंख कट गई ! यह कहानी तो करुणा (दयालुता) से भरी हुई है।”
4. “चौंक उन्होंने उसे उठाया,
नया जन्म सा उसने पाया,
इतने में आखेटक आया,
लक्ष्य सिद्धि का मानी।”
“लक्ष्य सिद्धि का मानी।
कोमल कठिन कहानी।”
शब्दार्थ-चौंक = अचम्भित होकर; उन्होंने – सिद्धार्थ ने; सा – मानो; आखेटक- शिकारी लक्ष्यसिद्धि- निशाना साधने में मिली सफलता पर; मानी = घमण्ड करने वाला; कोमल कठिन = कोमल और कठोर भाव से परिपूर्ण।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-सिद्धार्थ ने उस घायल हंस को उठा लिया। इसी बीच शिकारी के आ जाने की बात यशोधरा बालक राहुल को बताती है।
व्याख्या-अचम्भित हुए सिद्धार्थ ने घायल हंस पक्षी को (अपनी गोद में) उठा लिया। मानो उसने फिर से नया जन्म प्राप्त किया हो। इसी बीच वह शिकारी वहाँ आ गया जिसने उसे घायल किया था। उसे अपने निशाना लगाने की सफलता पर घमण्ड था। राहुलं कहने लगा कि उसे अपने लक्ष्य सिद्धि (निशाना लगाने की सफलता) पर अभिमान था। निश्चय ही यह कहानी तो कोमल भी है और अति कठोर भी।
5. “माँगा उसने आहत पक्षी,
तेरे तात् किन्तु थे रक्षी,
तब उसने जो था खगभक्षी,
हठ करने की ठानी।”
“हठ करने की ठानी।
अब बढ़ चली कहानी।”
शब्दार्थ-आहत = घायल; तेरे तात् = तेरे पिता; रक्षी – रक्षक या रक्षा करने वाला; खगभक्षी = पक्षियों को खाने वाला;
हठ करने की जिद्द करने की ठानी = निश्चय कर लिया।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-शिकारी ने जिद्दपूर्वक उस घायल पक्षी को माँगा। इसका वर्णन किया जा रहा है।
व्याख्या-उस शिकारी ने घायल हुए पक्षी की माँग की जबकि तेरे पिता उसके रक्षक थे अर्थात् उसकी रक्षा की (वे उसको देना नहीं चाहते थे) तब उसने उस घायल हुए पक्षी को हठपूर्वक प्राप्त करने का निश्चय कर लिया था, क्योंकि वह तो पक्षियों को खाने वाला था। राहुल कहने लगा-“ऐं ! उसने उस घायल पक्षी को रक्षक से हठपूर्वक प्राप्त करने का निश्चय कर लिया। अब तो यह कहानी बहुत बढ़ चली है।”
6. “हुआ विवाद सदय निर्दय में,
उभय आग्रही थे स्व विषय में,
गई बात तब न्यायालय में,
सुनी सभी ने जानी।”
“सुनी सभी ने जानी।
व्यापक हुई कहानी।”
शब्दार्थ-विवाद = वाद-विवाद: सदय = निर्दय में = दयावान में और दया से रहित व्यक्ति में; उभय = दोनों ही; आग्रही = आग्रह करने वाले, अडिग रहने वाले स्व विषय में = अपने विषय में; व्यापक हुई = फैल गई।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-रक्षक और भक्षक के मध्य विवाद बढ़ा तो इस विवाद को न्यायालय में ले जाया गया।
व्याख्या-दयावान सिद्धार्थ और निर्दयी शिकारी के बीच विवाद बढ़ने लगा। दोनों ही अपने-अपने विषय पर अडिग थे। तब यह विवाद न्यायालय में चला गया। सभी ने इस विवाद के बारे में सुना और जान लिया। राहुल ने इसी विषय को दुहराते हुए कहा कि तब तो यह कहानी (बात/समाचार) सभी जगह फैल गयी होगी।
7. “राहुल तू निर्णय कर इसका,
न्याय पक्ष लेता है किसका,
कह दे निर्भय जय हो जिसका,
सुन लूँ तेरी बानी।”
“सुन लूं तेरी बानी।
माँ मेरी क्या बानी।”
शब्दार्थ-निर्णय = हल, समाधान निर्भय = निडर होकर; बानी = बोली, वचन, कथन।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
सन्दर्भ-इस घटना के निर्णय के विषय में यशोधरा राहुल से पूछती है।
व्याख्या-यशोधरा कहती है कि हे राहुल तू ही इस घटना का निर्णय करके बता कि न्याय किसका पक्ष लिया करता है-रक्षक का या भक्षक का। तू बिना किसी भय के ही कह दे कि इस विवाद में किसकी विजय होगी। उस विषय में तेरी बोली मैं सुन लेना चाहती हूँ। राहुल कहने लगा कि तेरी वाणी मैं (यशोधरा) सुन लूँ, इस विषय में मेरी वाणी (मेरी राय) क्या हो सकती है।
8. “कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य न उसे उबारे,
रक्षक को भक्षक पर वारे,
न्याय दया का दानी।”
“न्याय दया का दानी।
तूने गुनी कहानी।”
शब्दार्थ-निरपराध = अपराध न करने वाले को; उबारे = रक्षा करे; वारे = निछावर किया जा सकता है; दानी = देने वाला; गुनी = समझ ली।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-रक्षक ही वस्तुत: भक्षक से बढ़कर होता है।
व्याख्या-यशोधरा कहानी को अन्त तक ले जाती हुई : कहती है कि जब कोई व्यक्ति किसी निरपराध (निर्दोष) को मार रहा हो, तो कोई अन्य व्यक्ति उसके बचाव में क्यों नहीं आयेगा। अर्थात् उसकी रक्षा अवश्य ही करेगा। इस तरह ऐसे रक्षक के ऊपर अनेक भक्षकों को निछावर किया जा सकता है। – अर्थात् भक्षक से रक्षक अच्छा (श्रेष्ठ) होता है। दयापूर्ण न्याय देने वाला भी श्रेष्ठ होता है। राहुल ने यह सब सुना कि दयापूर्ण न्याय श्रेष्ठ होता है। तब उसकी माँ यशोधरा कहने लगी कि अब तो निश्चय ही तूने कहानी के वास्तविक अर्थ को ठीक तरह से समझ लिया है।
माँ! कह एक कहानी शब्दकोश
हठी = जिद्दी; उपवन = बगीचा; हिमबिन्दु = जमी हुई ओस की बूंदें: शर = बाण; रक्षी = रक्षक, रक्षा करने वाला; व्यापक = चारों ओर फैल जाना, विस्तृत; निर्भय = निडर; उबारे = बचाना, रक्षा करना; मान-धन = सम्मान की पूँजी; तात् = पिता; आखेटक = शिकारी पक्ष = पंख; खग = पक्षी;
सदय = दयावान; निरपराध = अपराध से रहित सुरभि = सुगन्धित हवा; विद्ध-विध कर, घायल होकर, आहत = घायल होना, चुटैल होकर, उभय = दोनों, निर्दय- दयाहीन, आग्रही = अडिग रहने, अड़े रहना।
MP Board Class 7 Hindi Question Answer
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 1
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 2
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 3
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 4
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 5
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 6
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 7
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 8
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 9
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 10
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 11
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 12
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 13
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 14
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 15
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 16
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 17
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 18
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 19
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 20
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 21
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 22
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 23
- भाषा भारती कक्षा 7 solutions chapter 24