In this article, we will share MP Board Class 7th Hindi Solutions Chapter 2 दादी की घड़ी Pdf, Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 2, these solutions are solved subject experts from the latest edition books.
MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 2 दादी की घड़ी
MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 2 पाठ का अभ्यास
बोध प्रश्न
Class 7 Hindi Chapter 2 Dadi Ki Ghadi प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) दीपू को दीदी और भैया की तरह कौन-कौन सी सुविधाएँ नहीं मिल पाती थीं?
उत्तर-
दीपू को दीदी और भैया की अपेक्षा कई प्रकार की सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था। उसके पास पढ़ने के लिए न तो घड़ी थी, न ही डेस्क। जब वह सुबह जल्दी उठना चाहता तो उसके पास अलार्म घड़ी भी नहीं होती थी।
(ख) बिना अलार्म घड़ी के दादी सुबह कैसे उठ जाती थीं?
उत्तर-
दादी सुबह जल्दी उठने के लिए रात को सोते समय अपने सिरहाने रखे तकिए से सुबह उठने का समय कहकर सोती थीं। आश्चर्यजनक रूप से ठीक उसी समय पर प्रातः उनकी आँख स्वयं ही खुल जाती थी।
(ग) पिकनिक पर जाने के लिए दीपू समय पर कैसे जाग गया ?
उत्तर-
पिकनिक पर जाने वाले दिन से पूर्व रात को दीपू अपने तकिए से उसे सुबह 5 बजे जगा देने की बात कहकर सोया और अगले दिन ठीक 5 बजे उसकी आँख अपने आप खुल गयी।
(घ) दादी ने अनोखी घड़ी का क्या राज बताया ?
उत्तर-
दादी ने अनोखी घड़ी का राज बताते हुए दीपू से कहा, “भला तकिया भी कहीं बोलता है। असली अलार्म तो हमारे दिल में होता है। जब हमें जरूरी उठना होता है, तो यह हमें जगा देता है।”
Class 7th Hindi Chapter 2 Dadi Ki Ghadi प्रश्न 2.
दादी ने दीपू को सुबह समय पर उठने के लिए क्या तरकीब सुझाई ? (सही विकल्प चुनिए-)
(क) दीदी से सुबह जगाने के लिए कहो,
(ख) मुर्गे की आवाज सुनकर उठो,
(ग) तकिए से कहो “तकियाराम सुबह चार बजे जगा देना”
(घ) अलार्म घड़ी रखकर सो जाना।
उत्तर-
(ग) तकिए से कहो, “तकियाराम सुबह चार बजे जगा देना।”
भाषा अध्ययन
Bhasha Bharti Class 7 Chapter 2 प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए और लिखिए-
ईर्ष्या, खूटी, चिट्ठियाँ, ताज्जुब, इंस्पेक्टर, अलार्म, चिरौरी, कार्तिक, नुस्खा, ट्रंक।
उत्तर-
प्रत्येक शब्द को ठीक-ठीक उच्चारित कर बिना देखे लिखने का अभ्यास करें।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में से मुहावरे छाँटकर लिखिए
(क) दीपू को हर तरह की बेगार ढोनी पड़ती थी।
(ख) दीपू बेचारा मम्मी के ट्रंक पर ही गुजारा कर लेता था।
(ग) घड़ी तो राजा भैया पहले ही परलोक सिधार गई।
(घ) डर के मारे दीपू दम साधे पड़ा रहा।
उत्तर-
(क) बेगार ढोना,
(ख) गुजारा करना,
(ग) परलोक सिधारना,
(घ) दम साधना।
Dadi Ki Ghadi Question Answer प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में से हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू के शब्द छाँटकर लिखिए
चॉक, एवज, मुसीबत, रौब, क्लास, खबर, ख्याल, मॉनीटर, अन्याय, दखल, डेस्क, सुर, बाकायदा, अलार्म, ताज्जुब, परीक्षा, इंस्पेक्टर, टर्मिनल, दया, लैम्प, परलोक।
उत्तर-
Class 7 Hindi Bhasha Bharti Chapter 2 प्रश्न 4.
‘भी’ और ‘पर’ निपात वाले वाक्य पाठ से छाँटकर लिखिए।
उत्तर-
(i) मान लिया कि बड़ी-बड़ी क्लासों में पढ़ते हैं, पर इसका मतलब यह तो नहीं कि लोग निरे बुद्ध हैं।
(ii) दीपू चौथी कक्षा में पढ़ता है और तो और अपनी कक्षा का मॉनीटर भी है।
(iii) दीपू के दोस्त दिनभर आते-जाते रहते। कोई उन्हें बैठने तक को नहीं कहता पर दीदी या भैया के पास कोई आता तो उसे बाकायदा नमस्ते करनी पड़ती।
(iv) उसे तो खुद चाबी भरने की इच्छा थी, पर दीदी का चेहरा देखकर चुप कर गया।
MP Board Class 7th Hindi Chapter 2 Dadi Ki Ghadi प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों को छोटा करके लिखिए
(अ) सोते में मुझसे घड़ी टूट गई और सबके सब मुझे डाँटने लगे।
(ब) वह तो समझा अभी रात है और डर के मारे दम साधे चुपचाप पड़ा रहा।
उत्तर-
(अ) सोते समय घड़ी टूटने पर सबके सब मुझे डाँटने लगे।
(ब) वह रात समझकर डर के मारे दम साधे चुपचाप पड़ा रहा।
Class 7 Hindi Chapter 2 Dadi Ki Ghadi Question Answer प्रश्न 6.
वाक्य बदलिए
(क) पता है, कल हमने मलाई खाई थी।
(ख) पता है, कल आसमान में गुब्बारे उड़े थे।
(ग) पता है, तकिया मुझे जगाएगा।
(घ) पता है, पापा-मम्मी मुझे समझ पाएँगे।
उत्तर-
(क) न जाने कब हमने मलाई खाई थी।
(ख) न जाने कब आसमान में गुब्बारे उड़े थे।
(ग) न जाने कब तकिया मुझे जगाएगा।
(घ) न जाने कब पापा-मम्मी मुझे समझ पाएँगे।
Dadi Ki Ghadi Class 7 प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्यों में शब्दों को सही क्रम में लिखिए
(क) है अपनी भी मॉनीटर का कक्षा दीपू।
(ख) गई सिधार घड़ी राजा परलोक भैया।
(ग) टाइमपीस था अलार्म ही एक घर में।
(घ) अलार्म तो दिल है होता असली में हमारे।
उत्तर-
(क) दीपू अपनी कक्षा का मॉनीटर भी है।
(ख) घड़ी राजा भैया परलोक सिधार गई।
(ग) घर में एक ही टाइमपीस अलार्म था।
(घ) असली अलार्म तो हमारे दिल में होता है।
Bhasha Bharti Class 7 प्रश्न 8. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति। कीजिए-
(क) दीपू से सभी ……………………………. करते थे।
(i) ईर्ष्या
(ii) घृणा
(iii) द्वेष
(iv) लड़ाई।
उत्तर-
(i) ईर्ष्या
(ख) दीपू की ……………………………. तो पापा के पास बैठने पर ही निकल जाती थी।
(i) पूरी जान
(ii) जान
(iii) दम
(iv) आधी जान।
उत्तर-
(iv) आधी जान।
(ग) ‘स्टूल’ शब्द ……………………………. है।
(i) तद्भव
(ii) तत्सम
(iii) देशज
(iv) विदेशी।
उत्तर-
(iv) विदेशी।
(घ) दीपू पिकनिक के लिए ……………………………. जा रहा था।
(i) साँची
(ii) भोपाल
(iii) विदिशा
(iv) पचमढ़ी।
उत्तर-
(i) साँची।
दादी की घड़ी परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या
1. घर में एक ही अलार्म टाइमपीस था और वह बारी बारी से दीदी या भैया के सिरहाने रखा रहता। दीपू की बड़ी साध थी कि हम भी सिरहाने घड़ी रखकर सोएँ और उसकी सुरीली आवाज के साथ दिन की शुरुआत करें। उसके भाग्य में तो सुबह आठ बजे पापा की डाँट खाकर उठना ही लिखा था।
सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के ‘दादी की घड़ी’ नामक पाठ से अवतरित है। इसकी लेखिका श्रीमती मालती जोशी हैं। –
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में लेखिका ने बालसुलभ मन का सजीव चित्रण किया है।
व्याख्या-घर में सबसे छोटा होने के कारण दीपू की छोटी-छोटी इच्छाएँ भी पूरी न हो पाती थीं। दीपू के घर में एक ही अलार्म घड़ी थी। वह चाहता था कि अलार्म घड़ी को वह अपने बिस्तर के पास रखकर सोए जिससे सुबह समय पर उठ सके, किन्तु छोटा होने के कारण उसकी बारी ही न आ पाती। घड़ी पर तो उसके भैया व दीदी का ही कब्जा रहता। उसे बहुत बुरा लगता जब सुबह उसकी नींद न खुलती और प्रतिदिन पापा की डाँट-फटकार से दिन की शुरुआत होती।
2. मम्मी की सिफारिश काम कर गई। रात को घड़ी वाला स्टूल उसके सिरहाने था। उसे तो खुद चाबी भरने की इच्छा थी, पर दीदी का चेहरा देखकर चुप कर गया। घड़ी मिल रही थी, यही बहुत था।
रात भर उसे अलार्म के सपने आते रहे। उसने अपनी सारी किताबें तकिये के नीचे रख ली थीं। टेबल लैंप लगाने की भी सोच रहा था, पर डर के मारे चुप रहना पड़ा।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में बाल-हठ द्वारा घड़ी पास रखकर सोने के सुखद सपने का वर्णन किया गया है।
व्याख्या-दीपू के जिद करने पर मम्मी को दया आ गयी और उन्होंने दीदी और भैया से घड़ी को दीपू के पास रखने के लिए कहा। मम्मी की सिफारिश से प्राप्त अलार्म घड़ी को अपने पास रखकर सोने के विचार मात्र से दीपू खासा उत्साहित हो गया। वह घड़ी में खुद ही चाबी भरना चाहता था, किन्तु दीदी के चेहरे के भावों को पढ़कर वह चुप ही रहा। प्रातः जल्दी पढ़ने के लिए उसने सारी तैयारियाँ रात में ही कर ली थीं। रातभर उसे घड़ी के बजते अलार्म के सपने आते रहे थे।
3. दीपू ने तरकीब सुनी, तो आश्चर्य से उसकी आँखें फैल गईं। दिन भर यही इन्तजार रहा कि कब रात हो तो वह तकिये का करिश्मा देखे। रात को उसने सबकी नजर बचाकर तकिये से अपनी बात कही और इत्मीनान से सो गया। सुबह उठा तो वही आठ बज रहे थे। दूसरे दिन भी यही हाल रहा, फिर तीसरे-चौथे दिन भी। फिर उसने यह नुस्खा ही मन से निकाल दिया। समझ गया दादी की भूत-प्रेतों और परियों की कहानियों की तरह यह तरकीब भी निरी गप्प ही थी।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में दादी द्वारा दीपू को सुबह जल्दी उठने के लिए सुझाई गई तरकीब के क्रियान्वयन का वर्णन किया। गया है।
व्याख्या-दादी ने सुबह जल्दी उठने के लिए दीपू से कहा कि वह रात को सोते समय अपने तकिए से अभीष्ट समय पर जगाने के लिए बोलकर सोए। दीपू ने अचरज और उत्सुकता के
साथ रात होने की प्रतीक्षा की ओर फिर रात को तकिए से अपने। मन की बात कहकर निश्चित हो सो गया, परन्तु सुबह जब वह। सोकर उठा तो हमेशा की तरह आठ बज रहे थे। दीपू ने दूसरे दिन फिर से इस तरकीब को आजमाया, परिणाम इस बार भी जस का तस निकला। तीसरे और चौथे दिन भी तरकीब को सफल न होतें देख वह निराश हो उठा और दादी की भूत-प्रेतों तथा परियों की काल्पनिक कहानियों की तरह इस तरकीब को भी गप्प मानकर वह भूल गया।
4. दादी ने उसे और भी पास सटाते हुए कहा, “दीपू बेटा, तू तो पागल हो गया है। तकिया भी कहीं बोलता है।” असली अलार्म तो हमारे दिल में होता है। जब हमें जरूरी उठना होता है, तो यह हमें जगा देता है। घड़ी की आवाज तो तू बन्द भी कर सकता है, पर इसकी आवाज बन्द नहीं होती, जगाकर ही छोड़ती है।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में दिल को ही वास्तविक अलार्म घड़ी बताया गया है।
व्याख्या-दादी ने दीपू को अपने और करीब लाते हुए प्यार से समझाया कि भला तकिया भी कहीं बोलता है जो दूसरों को जगा देगा ? वास्तव में असली अलार्म तो मनुष्य का दिल होता है। जब कभी हमें अवश्य एवं निश्चित समय पर सुबह उठना होता है, तो वह हमारा दिल ही है, जो हमें अभीष्ट समय पर अपने आप उठा देता है। अलार्म घड़ी की आवाज को तो हम चाहें तो बन्द भी कर सकते हैं, किन्तु दिल की आवाज को बन्द नहीं किया जा सकता है। यह तो हमें उठाकर ही शान्त होती है। दिलरूपी घड़ी का रहस्य जानकर दीपू प्रसन्न हुआ।
शब्दकोश
लाड़ला = प्यारा; अन्याय = न्याय न होना; हताश = निराश; निरे = बिल्कुल; सुर में सुर मिलाना = साथ-साथ गाना, समर्थन करना; चौतरफा = चारों तरफ।