MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 14 नारियल का बगीचा-केरल
MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 14 पाठ का अभ्यास
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए
(क) आदि शंकराचार्य का जन्म हुआ था
(i) रामेश्वरम् में
(ii) अहमदाबाद में,
(iii) केरल में
(iv) मुम्बई में।
उत्तर
(iii) केरल में
(ख) केरल का नृत्य है
(i) कुचीपुड़ी
(ii) भरतनाट्यम्
(iii) कथकली
(iv) भांगड़ा।
उत्तर
(iii) कथकली
(ग) इमली के मसालेदार पानी को केरल में कहते
(i) रसम
(ii) सांभर,
(iii) उत्तपम
(iv) चटनी।
उत्तर
(i) रसम
(घ) केरल के पश्चिम में स्थित है
(i) हिन्द महासागर
(ii) अरब सागर
(iii) भूमध्य सागर
(iv) बंगाल की खाड़ी।
उत्तर
(ii) अरब सागर
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) केरल का मुख्य त्योहार ……. है।
(ख) केरल में नीलगिरि पर्वत पर ………….के बगीचे में
(ग) केरल की राजधानी ………………है
(घ) रामकृष्ण मेनन केरल के होकर भी अच्छी ………….. बोलते थे।
(ङ) केरल के लोग नृत्य और संगीत के बड़े ………………है
उत्तर
(क) ओणम
(ख) चाय
(ग) त्रिवेन्द्रम
(घ) हिन्दी
(ङ) शौकीन।
प्रश्न 3.
एक या दो वाक्य में उत्तर दीजिए
(क) रामकृष्ण मेनन का वतन कहाँ था ?
उत्तर
रामकृष्ण मेनन का वतन केरल की राजधानी त्रिवेन्द्रम में है।
(ख) लेखक को प्लेटफार्म पर खड़े सज्जन पर दया क्यों आ गई?
उत्तर
प्लेटफार्म पर खड़े सज्जन पर लेखक को दया इसलिए आ गई कि एक पहलवाननुमा लड़का डिब्बे के दरवाजे में खड़ा होकर उसे डिब्बे में चढ़ने नहीं दे रहा था। गाड़ी चलने वाली थी। उन सज्जन ने अनेक बार मिन्नतें की लेकिन उस लड़के ने उस यात्री को चढ़ने नहीं दिया। जब लेखक ने पहल की तो वह बेचारा प्लेटफार्म से डिब्बे में चढ़ सका।
(ग) केरल के वनों में कौन-कौन से वृक्ष होते हैं ?
उत्तर
केरल के वनों में सागौन, शीशम, रबर और चन्दन के वृक्ष होते हैं। नारियल का पेड़ उनकी प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
(घ) केरलवासी नारियल को कौन-सा वृक्ष कहते
उत्तर
केरलवासी नारियल को कल्पवृक्ष कहते हैं।
(ङ) केरल के लोगों का पहनावा कैसा है ?
उत्तर
केरल में गर्मी बहुत पड़ती है, इसलिए वहाँ के लोग ढीले-ढाले कपड़े पहनते हैं। वे लुंगी ही पहनते हैं। स्त्रियाँ धोती और ब्लाउज पहनती हैं। उनके कपड़े प्राय: सफेद रंग के ही ज्यादा होते हैं।
(च) कथकली’ का नाम कथकली क्यों पड़ा?
उत्तर
‘कथकली’ नामक नृत्य कला में अनेक कथाओं को नृत्य में डाल लिया जाता है। इसलिए इसे कथकली कहा जाता है।
प्रश्न 4.
तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर दीजिए
(क) नारियल के पेड़ की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर
नारियल अमृत के समान मीठा पानी देता है। उसकी गिरी से साग-सब्जी, चटनी बनती है। उसके गोले से तेल निकलता है जो साबुन बनाने और सिर में डालने के काम आता है। इसके तने से पानी की नाली बनती हैं। उससे रस्सी, मोटे । रस्से, चटाई, कूँची पायदान बनाये जाते हैं। नारियल के छिलकों से कटोरे, प्याले, चमचे बनते हैं। इसकी लकड़ी से और पत्तियों से मकान की छत बनाई जाती है।
(ख) केरल को भारत का नन्दनवन क्यों कहते हैं ?
उत्तर
केरल भारतवर्ष का नन्दनवन है क्योंकि यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता चारों ओर बिखरी पड़ी है, जिस तरह स्वर्ग में नन्दनवन अपनी छटा से देवताओं के मन का रंजन करता रहता है, वैसे ही यहाँ के वन समूल में अनेक तरह के पेड़-पौधे पाये जाते हैं। इन पेड़-पौधों ने केरल को प्राकृतिक सुन्दरता दे दी है। रंग-बिरंगे फूलों और चन्दन आदि के वृक्षों की गंध चारों ओर बिखरती रहती है। इसलिए केरल को स्वर्ग का बगीचा नन्दनवन । कहा गया है।
(ग) केरल के खान-पान में मुख्य भोजन क्या है ?
उत्तर
केरल के लोगों का मुख्य रूप से भोजन चावल ही है। इस चावल से वहाँ भिन्न-भिन्न वस्तुएँ बनाई जाती हैं। चावल के साथ रसम तथा सांभर भी बनता है। रसम एक तरह का मसालेदार पानी होता है और सांभर एक प्रकार की दाल होती है। इडली और डोसा यहाँ के लोगों का खाद्य पदार्थ है।
(घ) ‘ओणम’ के दिन केरलवासी क्या करते हैं?
उत्तर
ओणम के दिन केरलवासी नौका और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अनेक मिठाइयाँ बनती हैं। नौका प्रतियोगिता होती है। नौकाओं में बैठे लोग मीठे स्वरों में गीत गाते हैं। हाथियों पर देवताओं की सवारी निकाली जाती है। संगीत और नृत्य के कार्यक्रम होते हैं। कथकली नृत्य होता है।
(ङ) केरल में कौन-सी नृत्य कला विकसित हुई ? इसकी क्या विशेषता है ?
उत्तर
केरल में कथकली नामक नत्य कला विकसित हुई है। इस कला की यह विशेषता है कि इसमें अनेक कथाओं को नृत्य में ढाल लिया जाता है। अत: इसे ‘कथकली’ में कहा जाता है। यह ‘कथकली’ नृत्य आज पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
प्रश्न 5.
सोचिए और बताइए
(क) ‘जैसा देश, वैसा वेश’ रामकृष्ण ने ऐसा क्यों कहाँ ?
उत्तर
रामकृष्ण ने ‘जैसा देश वैसा वेश’ कहावत इसलिए कही कि मनुष्य जिस स्थान और जलवायु वाले प्रदेश में रहता है, तो वह वहाँ के मौसम के अनुकूल अपने वस्त्रों का चुनाव करता है और उन्हें पहनता है। रामकृष्ण लुंगी पहने हुए थे। क्योंकि केरल में गर्मी अधिक होती है, अत: लोग ढीले-ढाले वस्त्र पहनते हैं।
(ख) केरल में ढीले-ढाले और सफेद कपड़े क्यों पहने जाते हैं?
उत्तर
केरल में मौसम गर्म होता है। गर्मी के कारण लोग ढीले-हाले कपड़े पहनते हैं जिससे उन्हें गर्मी कम लगे। सफेद कपड़ा भी प्रायः गर्मी नहीं देता है। इसलिए वे सफेद कपड़े पहनते हैं।
(ग) रामकृष्ण मेनन ‘केरल’ को अपना बतन क्यों कहते हैं?
उत्तर
रामकृष्ण मेनन का जन्म केरल की राजधानी त्रिवेन्द्रम में हुआ है और त्रिवेन्द्रम केरल की राजधानी है। अत: केरल को वे अपना वतन कहते हैं।
(घ) पहलवाननुमा लड़का सज्जन को ट्रेन के अन्दर क्यों नहीं आने दे रहा था ?
उत्तर
पहलवाननुमा लड़का सज्जन को ट्रेन के अन्दर इसलिए नहीं आने दे रहा था कि उस सज्जन के आने देने से डिब्बे में भीड़ हो सकती है। साथ ही वह दरवाजे पर खड़ा होकर प्रकृति के सुन्दर दृश्य देख रहा था। उसे हवा का भी आनन्द मिल रहा था।
प्रश्न 6.
अनुमान और कल्पना करके प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) यदि लेखक उस सज्जन को ट्रेन के अन्दर आने में मदद नहीं करते तो उनका क्या होता?
उत्तर
यदि लेखक उस सज्जन को ट्रेन के अन्दर आने में मदद नहीं करते तो वह बेचारे उसी प्लेटफार्म पर ही रह गए होते। ट्रेन चली जाती। उन सज्जन का कोई भी परिचित वहाँ नहीं था। वह रात भर प्लेटफार्म पर ही पड़ा रहता।
(ख) यदि केरल का मौसम कश्मीर जैसा होता तो वहाँ के जन-जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर
यदि केरल का मौसम कश्मीर जैसा होता, तो वहाँ का जन-जीवन अब की अपेक्षा बिल्कुल विपरीत होता। उनका खान-पान बिल्कुल भिन्न होता। उनका पहनावा भी ढीला-ढाला न होकर वे कसे हुए वस्त्र पहनते, गर्म कपड़े पहनते। वे रंगीन कपड़े पहनना पसन्द करते। उन लोगों के शरीर का रंग भी गोरा होता। प्राकृतिक परिस्थिति के अनुसार उनका जन-जीवन प्रभावित होकर भिन्न तरह का होता।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
शुद्ध उच्चारण कीजिए
त्रिवेन्द्रम, ग्रीष्मकालीन, कम्पार्टमेन्ट, सेन्टीमीटर।
उत्तर
कक्षा में अध्यापक महोदय की सहायता से उच्चारण करना सीखिए और अभ्यास कीजिए।
प्रश्न 2.
वर्तनी शुद्ध कीजिए
(i) वृरक्षों
(ii) गोर
(iii) आतमियता
(iv) हांफते
(v) पत्तीयों
(vi) कार्यकरम।
उत्तर
(i) वृक्षों
(ii) गौर
(iii) आत्मीयता
(vi) हाँपत
(v) पत्तियों
(vi) कार्यक्रम
प्रश्न 3.
‘ता’ प्रत्यय जोड़कर पाँच नए शब्द बनाइए।
उत्तर
- सहजता
- सरलता
- कठिनता
- तरलता
- मलिनता
- गहनता
- समीपता।
प्रश्न 4.
‘इक’ प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाइए।
(1) संस्कृत
(2) संसार
(3) समाज
(4) प्रकृति
(5) धर्म।
उत्तर
- संस्कृत + इक = सांस्कृतिक
- संसार + इक = सांसारिक
- समाज+इक = सामाजिक
- प्रकृति + इक = प्राकृतिक
- धर्म + इक = धार्मिक
प्रश्न 5.
नीचे लिखे शब्दों में तत्सम एवं तद्भव शब्द पहचान कर लिखिए
रात, पितृ, बहन, नाच, बानर, रस्सी, पिता, भगिनी, नृत्य, बंदर, चाँद, रज्जु, चन्द्रमा, रात्रि। तत्सम
उत्तर
प्रश्न 6.
दिए गए सर्वनाम से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(मेरी, वह, मुझे, मैं, मैंने।)
(क) ………….. उन सज्जन की मदद की।
(ख)……………. अपनी जगह से उठा।
(ग)…………..उन पर दया आ गई।
(घ) आप …………… जगह पर बैठिए।
(ङ) खिड़की पर खड़ा………….. नवयुवक हमारी बातें सुन रहा था।
उत्तर
(क) मैंने
(ख) मैं
(ग) मुझे
(घ) मेरी
(ङ) वह।
नारियल का बगीचा-केरल परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या
(1) हमारा केरल भारत का नन्दनवन है। आप देखेंगे कि उसका प्राकृतिक सौन्दर्य कश्मीर से जरा भी कम नहीं। आदि शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ। इसलिए उस प्रदेश का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी है।
सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषाभारती’ के पाठ ‘नारियल का बगीचा केरल’ पाठ से ली गई हैं। यह पाठ संकलित है।
प्रसंग-इन पंक्तियों में केरल के विषय में जानकारी दी गई है।
व्याख्या-लेखक का सहयात्री केरल का ही निवासी है। उसने बताया कि केरल बहुत सुन्दर प्रदेश है। अपनी प्राकृतिक सुन्दरता से उसे भारत का नन्दनवन कहा जाता है। उसकी प्राकृतिक सुन्दरता इतनी प्रभावकारी है कि धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला | कश्मीर भी उससे कम पड़ सकता है। केरल वह प्रान्त है जहाँ आदि शंकराचार्य ने जन्म लिया था। उन्होंने भारतीय धर्म और संस्कृति को महान् बनाया, इसलिए इस प्रदेश का धर्म के क्षेत्र में बहुत बड़ा महत्व है। धर्म और संस्कृति को विकसित करने में इस प्रदेश की भूमिका अति महत्वपूर्ण है।
(2) हमारे जंगलों में शेर, भेड़िया, रीछ, चीता आदि पशु बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। हाथी भी खूब मिलते हैं। असम की ही तरह उनका उपयोग हमारे यहाँ लकड़ियों को होने तथा सवारी करने में होता है। असम की ही तरह हमारे यहाँ नीलगिरी पर्वत पर चाय के बगीचे हैं। इसके अलावा कालीमिर्च, इलायची, सुपारी तथा नागरवेल भी यहाँ बड़ी मात्रा में पैदा होते हैं।”
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-केरल के जंगलों में पाये जाने वाले पशुओं के विषय में बताया गया है तथा उनका उपयोग क्या है, इसे बताते हुए वहाँ की प्रमुख उपजों के बारे में जानकारी दी है।
व्याख्या-केरल के वनों में पाये जाने वाले जंगली पशुओं में शेर, भेड़िया, रीछ, चीता आदि बड़ी संख्या में हैं। वहाँ जंगलों में हाथी भी बड़ी संख्या में मिलते हैं। इन हाथियों को लोग पालते भी हैं। इनसे लकड़ियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ढोकर ले जाने का काम लिया जाता है। इसके अतिरिक्त इन हाथियों पर सवारी भी करते हैं। जिस तरह असम में हाथियों से लकड़ी ढोने का काम और सवारी करने का काम लिया जाता है, उसी तरह यहाँ भी इन हाथियों का दुलाई और सवारी के मतलब से अधिक महत्व है। नीलगिरि पर्वत की ढलानों वाली भूमि पर असम की तरह ही चाय की खेती की जाती है। चाय के बड़े क्षेत्रफल में बगीचे हैं। इसके अलावा केरल में कालीमिर्च, इलायची, सुपारी तथा नागरवेल को उगाया जाता है। इनको मसाले व औषधियों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
(3) केरल में समुद्री किनारों, झीलों, नदियों तथा नहरों के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर नावों से यात्रा की जाती है और यह सरल तथा सुगम भी होती है। वैसे हमारी राजधानी त्रिवेंद्रम से उत्तर की ओर एक रेलमार्ग जाता है लेकिन हमारे यहाँ रेल बहुत नहीं हैं। हाँ, पक्की सड़कें हैं।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-केरल में यात्रा के साधनों के बारे में बताया जा रहा है।
व्याख्या-केरल समुद्री किनारों से घिरा है, यहाँ झीलें और नदियाँ बहुत हैं। इन नदियों से नहरें निकाली गई हैं। अत: समुद्री किनारों, झीलों, नदियों और नहरों की संख्या बहुत है। इसलिए इनमें नावें चलाकर यात्रा की जाती है। इसलिए यात्रा करने का खर्च भी कम आता है। यह यात्रा बहुत सरल और आसान होती है। केरल की राजधानी त्रिवेन्द्रम है। त्रिवेन्द्रम से उत्तर की ओर आने वाला मात्र एक ही रेलमार्ग है। केरल में रेल बहुत कम हैं। वहाँ सड़क मार्ग हैं। सड़कें साफ-सुथरी और पक्की हैं।
(4) ओणम हमारा मुख्य त्योहार है। इस त्योहार पर घरों को सजाया जाता है। नौका और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। तरह-तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। इस त्योहार पर नौका प्रतियोगिता होती है।
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।
प्रसंग-केरल के त्योहार और खेल आदि के विषय में बताया गया है।
व्याख्या-केरल में त्योहार भी मनाए जाते हैं। उनमें ओणम’ त्योहार मुख्य है। इस त्योहार के आने से पहले घरों की सफाई की जाती है। उन्हें सजाया जाता है। इस दिन नौका और लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। सच पूछा जाये तो नाव ही उनकी जीविका का मुख्य साधन है। अनेक तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। नौकाओं (नावों) की प्रतियोगिता (मुकाबला परीक्षा) होती है। जो भी नाविक अच्छा नाविक सिद्ध होता है, उसे पुरस्कृत किया जाता है।