भाषा भारती कक्षा 6 पाठ 3 हार की जीत प्रश्न उत्तर हिंदी

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Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 3 Haar Ki Jeet Question Answer Solutions

MP Board Class 6th Hindi Chapter 3 Haar Ki Jeet Questions and Answers

Bhasha Bharti Class 6 Chapter 3 प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) बाबा भारती रहते थे
(i) कुटिया में
(ii) मन्दिर में,
(iii) राजमहल में
(iv) बड़े भवन में।
उत्तर-
(ii) मन्दिर में

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(ख) बाबा भारती को खड्ग सिंह ने रोका
(i) अपाहिज बनकर,
(ii) वैद्य बनकर,
(iii) किसान बनकर
(iv) पुजारी बनकर।
उत्तर
(i) अपाहिज बनकर

MP Board Class 6 Hindi Chapter 3 प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) जो उसे एक बार देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी ……….. अंकित हो जाती है।
(ख) बाबा भारती और खड्ग सिंह ……..” में पहुंचे।
(ग) ओ बाबा ! इस …..” की सुनते जाना।
(घ) अब कोई .की सहायता से मुँह न मोड़ेगा।
उत्तर
(क) छवि
(ख) अस्तबल
(ग) कैंगले
(घ) गरीबों।

Class 6 Hindi Chapter 3 Haar Ki Jeet प्रश्न 3.
एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए

(क) बाबा भारती अपने घोड़े को किस नाम से पुकारते थे?
उत्तर
बाबा भारती अपने घोड़े को ‘सुलतान’ नाम से पुकारते थे।

(ख) खखड्ग सिंह कौन था ?
उत्तर
खड्ग सिंह उस इलाके का कुख्यात डाकू था।

(ग) खड्ग सिंह बाबा भारती के पास क्यों गया था ?
उत्तर
खड्ग सिंह बाबा भारती के पास उनके घोड़े सुलतान को देखने की चाह से गया था।

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(घ) खड्ग सिंह ने जाते समय बाबा भारती से क्या कहा था ?
उत्तर
खड्ग सिंह ने जाते समय बाबा भारती से कहा कि “बाबा जी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूंगा।”

(ङ) खड्ग सिंह ने अपने को किसका सौतेला भाई बताया था ?
उत्तर
खड्ग सिंह ने अपने को दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई बताया था।

Class 6th Hindi Chapter 3 MP Board प्रश्न 4.
तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए

(क) बाबा भारती की दिनचर्या क्या थी?
उत्तर
बाबा भारती गाँव से बाहर एक छोटे से मन्दिर में रहते थे और भगवान का भजन करते थे। अपने घोड़े सुलतान को अपने हाथ से खरहरा करते थे। वे खुद ही उसे दाना खिलाते थे। उस घोड़े के बिना उनका जीवित रहना असम्भव ही था।

(ख) “विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे” यह कथन बाबा भारती ने किससे और क्यों कहा?
उत्तर
“विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।” यह कथन बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कहा। बाबा भारती ने यह वाक्य इसलिए कहा कि खड्गसिंह को ‘सुलतान’ को देखने की चाह थी। जो भी कोई उनके घोड़े की प्रशंसा करता, वे अति प्रसन्न होते और खुशी से उसके गुणगान करने लगते।

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(ग) अपाहिज ने बाबा भारती से क्या कहा ?
उत्तर
अपाहिज ने बाबा भारती से कहा कि, “ओ बाबा! इस कैंगले की सुनते जाना।” वह वृक्ष की छाया में पड़ा कराह . रहा था और उसने बाबा से कहा कि वह दुखिया है, वह दया का पात्र है। उसे वहाँ से तीन मील दूर ‘रामवाला’ तक जाना है। अत: उसे घोड़े पर चढ़ा लें। परमात्मा उनका भला करेगा।

(घ) बाबा भारती ने खड्गसिंह से घटना को किसी के सामने प्रकटन करने के लिए क्यों कहा?
उत्तर
अपाहिज बने खड्गसिंह को बाबा भारती ने अपने घोड़े पर बैठा लिया। उसने घोड़े की पीठ पर बैठते ही लगाम को झटका देकर छीन लिया और घोड़े पर तन कर बैठ गया और घोड़े को दौड़ा लिए जा रहा है। तब बाबा ने खड्गसिंह से तेज आवाज में कहा कि वह इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करे; क्योंकि इस घटना को जानकर कोई भी आदमी किसी गरीब पर विश्वास नहीं करेगा।

Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 3 प्रश्न 5.
सोचिए और बताइए

(क) क्या खड्गसिंह द्वारा अपाहिज बनकर घोड़ा ले जाना उचित था ?
उत्तर
खड्गसिंह बाबा भारती के ‘सुलतान’ नामक घोड़े को किसी भी तरह प्राप्त कर लेना चाहता था। वह इलाके का प्रसिद्ध डाकू था। उसने अपाहिज के रूप में अपने आपको प्रदर्शित किया। बाबा भारती को उस अपाहिज पर दया आ गई और अपने घोड़े पर बैठा लिया। थोड़ी ही देर में घोड़े की लगाम को झटक कर वह घोड़े को वश में कर चल दिया। इस तरह उसका उस घोड़े को ले जाना उचित नहीं था, क्योंकि जो भी कोई इस घटना को सुनेगा, वह भी इस कृत्य को अच्छा नहीं बताएगा, क्योंकि फिर गरीब की कोई भी व्यक्ति सहायता करने के लिए तैयार नहीं होगा और इस तरह गरीबों का विश्वास खत्म हो जाएगा।

(ख) “इस समय उसकी आँखों में नेकी के आँसू थे।” इस वाक्य का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
बाबा भारती ने यह शब्द कि ‘अपाहिज बनकर घोड़े को छीन लेने’ की इस घटना को सुनकर कोई भी गरीब का विश्वास नहीं करेगा,’ यह शब्द खड्गसिंह के कानों में लगातार गूंज रहे थे। वह सोचने लगा कि बाबा कितने ऊँचे और पवित्र भावों के व्यक्ति है। इन विचारों वाला यह बाबा वास्तव में मनुष्य न होकर साक्षात देवता है। खड्गसिंह ने घोड़े को चुपचाप ले जाकर उसके अस्तबल में बाँध दिया और वहाँ से चल दिया। उस समय बाबा के विचारों से प्रभावित डाकू खड्गसिंह की आँखों में नेकी के आँसू थे। खड्गसिंह का बाबा के विचारों से हृदय परिवर्तन हो गया। वह एक भला आदमी बन गया।

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Class 6 Hindi Chapter 3 MP Board प्रश्न 6.
अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए

(क) यदि बाबा भारती घोड़ा नहीं दिखाते, तो खड्गसिंह क्या करता?
उत्तर
यदि बाबा भारती घोड़ा नहीं दिखाते, तो खड्गसिंह उस घोड़े के गुणों की जानकारी स्वयं न कर सकने से, उसको न चुराता।

(ख) यदि बाबा भारती अपाहिज की आवाज सुनकर घोड़ा नहीं रोकते तो खड़गसिंह क्या कर सकता था ?
उत्तर
अपाहिज की आवाज सुनकर बाबा भारती घोड़े को नहीं रोकते, तो खड्गसिंह निश्चय ही बाबा भारती पर आक्रमण करता और घोड़े को छीन कर ले जा सकता था।

(ग) यदि बाबा भारती की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर
यदि बाबा भारती की जगह मैं होता तो उस अपाहिज बने डाकू खड्गसिंह की वास्तविकता का पता लगाता और हर तरह घोड़े को छीन कर ले जाने से रोकने की कोशिश करता।

भाषा की बात

MP Board Class 6th Hindi Chapter 3 प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिएकुख्यात, हृदय, प्रतिक्षण, स्वप्न, मिथ्या।
उत्तर
छात्र कक्षा में अपने अध्यापक की सहायता से उच्चारण करें और अभ्यास करें।

Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 3 प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से सही वर्तनी वाला शब्द छाँटकर लिखिए
बलबान, बलवान, बल्वान, वलबान।
सुल्तान, शुलतान, सुलतान, सूल्तान।
नमश्कार, नमष्कार, नामश्रकार, नमस्कार।
परार्थना, प्रार्थना, प्राथर्ना, प्राथना।
उत्तर
बलवान, सुलतान, नमस्कार, प्रार्थना।

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Har Ki Jeet Class 6 Question Answer प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
करुणा, अपाहिज, पवित्र, घमण्ड।
उत्तर
करुणा-रोगी की छटपटाहट परिजनों में करुणा पैदा कर रही थी।
अपाहिज-सरकार ने अपाहिजों की सहायता के लिए अनेक योजनाएं चलायी हैं।
पवित्र-अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष यात्री जाते हैं।
घमण्ड-घमण्ड करने से आदमी पतित बन जाता है।

Class 6 Bhasha Bharti Chapter 3 प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में से संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण एवं क्रिया शब्दों को छाँटकर दी गई तालिका में लिखिए
कुख्यात, पवित्र, खेत, कीर्ति, तुम्हें, प्रसन्न, उसकी, उन्हें, चिल्लाना, सुन्दर, विचित्र, हिनहिनाना, तनना, घोड़ा, बाबा भारती, खड्गसिंह, मन्दिर, उनका, उस, बोला, दिखाया।
उत्तर
MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 3 हार की जीत 1

Baba Bharati Ki Dincharya Kya Thi प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए
(i) जिसका अंग भंग हो गया हो,
(ii) घोड़ा बाँधने का स्थान,
(iii) जो दूसरों की प्रशंसा करता है
(iv) जो दूसरों की निन्दा करता है।
उत्तर
(i) अपाहिज
(ii) अस्तबल
(iii) प्रशंसक
(iv) परनिंदक।

Class 6 Hindi Haar Ki Jeet प्रश्न 6.
दिए गए वाक्यों में का, की, के, को (सम्बन्धकारक) का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) बाबा को प्रतिक्षण खड्गसिंह ……….. भय लगा रहता था।
(ख) उन्होंने सुलतान ……………. ओर से मुँह मोड़ लिया।
(ग) रात्रि ……….” तीसरा प्रहर बीत चुका था।
(घ) माँ ………… अपने बेटे को देखकर आनन्द आता है।
(ङ) वे इस भय को स्वप्न के भय ……..नाईं मिथ्या समझने लगे।
(च) मन्दिर ……… अन्दर कोई शब्द सुनाई न देता था।
उत्तर
(क) का, (ख) की, (ग) का, (घ) को, (ङ) की, (च) के।

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Khadak Singh Baba Bharati Ke Pass Kyon Gaya Tha प्रश्न 7.
‘इया’ और ‘आहट’ प्रत्यय लगाकर दस नए शब्द बनाइए
उत्तर
(क) (1) दुःख + इया = दुखिया,
(2) लिख + इया = लिखिया,
(3) लठ + इया = लठिया,
(4) लुट + इया = लुटिया,
(5) खाट + इया = खटिया

(ख) (1) मुस्कराना + आहट = मुस्कराहट
(2) चिल्लाना +आहट = चिल्लाहट
(3) खिलखिलाना + आहट = खिलखिलाहट
(4) किलकिलाना + आहट = किलकिलाहट
(5) चिलचिलाना + आहट = चिलचिलाहट।

हार की जीत परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनन्द आता है वही आनन्द बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक भाषा भारती’ के ‘हार की जीत’ नामक पाठ से अवतरित है। इसके लेखक प्रसिद्ध कहानीकार श्री सुदर्शन हैं।

प्रसंग-इसमें बाबा भारती का अपने घोड़े के प्रति अत्यधिक लगाव के विषय में बतलाया गया है।

व्याख्या-लेखक का कथन है कि जिस प्रकार माँ अपने पुत्र को देखकर अत्यन्त हर्षित होती है और जिस प्रकार किसान जब बड़े परिश्रम से फसल तैयार करता है और उसे खेत में फलते-फूलते देखकर बहुत ही खुशी महसूस करता है बिल्कुल इसी प्रकार की प्रसन्नता बाबा भारती को अपने घोड़े को देखकर हुआ करती थी। बाबा भारती अपने घोड़े सुलतान को पुत्र की भाँति प्यार करते थे।

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(2) बाबाजी भी मनुष्य ही थे। अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिये उनका हृदय अधीर हो उठा।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-यहाँ पर लेखक ने बताया है कि प्रत्येक मनुष्य को अपनी वस्तु की प्रशंसा अच्छी लगती है।

व्याख्या-बाबा भारती भले ही संन्यासी थे लेकिन थे तो मनुष्य ही। अपनी चीज की तारीफ सबको अच्छी लगती है। खड्ग सिंह के मुख से अपने घोड़े की तारीफ सुनने की चाह उनके मन में जाग उठी।

(3) इसकी रखवाली में वे कई रात सोए नहीं। भजन भक्ति न कर रखवाली करते रहे। परन्तु आज उनके मुख पर
दुःख की रेखा तक न दिखाई पड़ती थी। उन्हें केवल यह ख्याल था कि कहीं लोग गरीबों पर विश्वास करना न छोड़ दें। ऐसा मनुष्य, मनुष्य नहीं, देवता है।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-इन पंक्तियों में लेखक ने बाबा भारती में मोह भाव के न रहने और गरीब के प्रति विश्वास न किए जाने की संभावना का वर्णन किया है।

व्याख्या-बाबा भारती अपने सुलतान नामक घोड़े की रखवाली रात-दिन करते हैं। वे कई रातों से सोए नहीं, क्योंकि उन्हें डर है कि डाकू खड्गसिंह किसी भी समय उनके घोड़े को चुरा कर ले जा सकता था। उन्होंने ईश्वर की भक्ति और ध्यान-भजन सब छोड़ दिया था। परन्तु अब जबकि सुलतान को अपाहिज के रूप में डाकू खड्ग सिंह ने छीन लिया तो बाबा भारती ने अपनी तेज आवाज में केवल इतना ही कहा कि तुम इस घटना को किसी से मत कहना, क्योंकि इसे सुनकर लोग गरीब का विश्वास करना छोड़ देंगे। यह वाक्य उस डाकू के कानों में निरन्तर गूंज रहा था। साथ ही, बाबा के चेहरे पर घोड़े को छीन लेने की घटना का कोई भी-दुःख का भाव नहीं था। उन्हें तो केवल चिन्ता इस बात की थी इस घटना को सुनकर लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़ देंगे। यही विचार उन्हें बार-बार दुःखी बना रहा था। खड्ग सिंह इस बात का विचार करके सोचने लगा कि यह बाबा भारती शायद मनुष्य नहीं हैं, यह तो साक्षात देवता ही हैं।

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(4) अब बाबा भारती आश्चर्य और प्रसन्नता से दौड़ते हुए अन्दर घुसे और अपने प्यारे घोड़े के गले से लिपटकर इस प्रकार रोने लगे मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछड़े हुए पुत्र से मिल रहा हो। बार-बार उसके मुंह पर थपकियाँ देते।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-बाबा भारती ने अस्तबल में अपने घोड़े को देखा तो वे अचम्भे में पड़ गये और उसकी गर्दन से लिपटकर रोने लगे। उनका प्यार पुत्र से बिछड़े पिता जैसा था।

व्याख्या-लेखक वर्णन करता है कि घोड़े की हिनहिनाहट सुनकर बाबा भारती को अचम्भा हुआ और उनकी प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। वे घोड़े को देखकर दौड़े और अस्तबल में घुसे। वे घोड़े की गर्दन से लिपटकर बहुत देर तक रोते रहे क्योंकि वे अपने घोड़े से बहुत प्यार करते थे। इस तरह उनके और घोड़े के मिलन का यह दृश्य ठीक वैसा ही था जैसे कोई पिता अपने बिछड़े पुत्र से बहुत दिन बाद मिल रहा हो। बाबा भारती का अपने घोड़े के प्रति पुत्रवत् प्रेम था। उन्होंने प्यारपूर्वक घोड़े के मुंह को बहुत देर तक थपथपाया।

MP Board Class 6 Hindi Question Answer

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